टेलीविज़न के परदे पर सितारों की उलटफेर करने में बाज़ी मार गई है निर्माता निवेदिता बासु। उनके दो गायिका बहनों की कहानी वाले सीरियल 'मेरी आवाज़ ही पहचान है' में हिंदी फिल्मों के कई सितारे हैं। निवेदिता ने बड़ा उलटफेर यह किया है कि उन्होंने हिंदी फिल्मों की कई पहचानी अभिनेत्रियों के अलावा पाकिस्तानी गायिका और अभिनेत्री सलमा आगा को गायिका नयनतारा की भूमिका दी है। सलमा आगा ने १९८२ में बीआर चोपड़ा की हिंदी फिल्म 'निकाह' से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। वह एक प्रकार से गायिका अभिनेत्री के बतौर स्थापित हो गई थी। लेकिन, अपने नाज़ नखरों के चलते और बीआर चोपड़ा जैसे निर्माता से पंगा लेने के कारण उनकी हिंदी फिल्मों से जल्द विदाई हो गई। उनकी बतौर नायिका आखिरी हिंदी फिल्म गहरा राज़ १९९६ में रिलीज़ हुई थी। इसके बाद वह पाकिस्तान वापस हो गई। अब उनकी टीवी सीरियल से हिंदुस्तान में वापसी हो रही है तो देखने वाली बात होगी कि क्या वह हिंदी फिल्म निर्माताओं को भी प्रभावित करना चाहेंगी ?
इस आवाज़ में इनका अभिनय ही पहचान है
एंड टीवी के शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में हिंदी फिल्मों के कई दूसरे नामचीन चेहरेभी हैं। यह सीरियल दो गायिका बहनों की कहानी है। बताया जाता है कि सीरियल की कहानी वास्तव में हिंदी फिल्मों की गायिका बहनों लता मंगेशकर और आशा भोंसले की असल जीवन की कहानी है। इस फिल्म में लता मंगेशकर और आशा भोंसले की बाल भूमिका जन्नत ज़ुबैर और मेहनाज़ मान ने की है। युवा किरदार अमृता राव और अदिति वासुदेव ने किये हैं। यह दोनों ही फिल्म अभिनेत्रियां हैं। अमृता राव ने तो इश्क़ विश्क, मैं हूँ न, एक विवाह ऐसा भी, आदि जैसी कई फिल्मों में नायिका का रोल किया है। अदिति वासुदेव भी दो हिंदी फ़िल्में दो दूनी चार और सुलेमानी कीड़ा कर चुकी हैं। प्रौढ़ मंगेशकर बहने दीप्ति नवल और ज़रीना वहाब बनी है। हिंदी फिल्मों के दर्शक इन दोनों ही अभिनेत्रियों को बेहद अच्छी तरह से पहचानते हैं। ६० से ८० के दशक में इन दोनों अभिनेत्रियों का डंका बजा करता था। दीप्ति नवल एक बार फिर, चश्मे बद्दूर, अंगूर, साथ साथ, श्रीमान श्रीमती, एक बार चले आओ, कमला, आदि दर्जनों फिल्मों की नायिका रह चुकी हैं। ज़रीना वहाब चितचोर, घरोंदा, तुम्हारे लिए, सावन को आने दो, आदि ढेरों फिल्मों में नायिका की भूमिका की थी। उनके आदित्य पंचोली से बेटे सूरज पंचोली भी एक्टर हैं। इसी सीरियल में माँ का किरदार करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी को हिंदी दर्शक १०७९ की फिल्म दादा में एक गैंगस्टर को सुधारने वाली अंधी बच्ची का किरदार किया था। उन्होंने कई समानांतर फिल्मोें में नायिका की भूमिका की। उनकी उल्लेखनीय फिल्मो में रुकमा देवी की हवेली, सूरज का सातवां घोडा, त्रिशग्नि, वंचित और रिहाई थी। उन्हें वह छोकरी (१९९२) फिल्म में स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिर रजनीगंधा की विद्या
विद्या सिन्हा आजकल सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद में सुषमा त्रिपाठी का किरदार कर रही हैं। काव्यान्जलि, नीम नीम शहद शहद और क़ुबूल है जैसे सीरियलों में ख़ास किरदार कर चुकी विद्या सिन्हा सत्तर और अस्सी के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थी। उनके खाते में रजनीगंधा, छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, कर्म, पति पत्नी और वह, मीरा, स्वयंवर, आदि हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।
तेरह साल बाद शिल्पा
रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शिल्पा शिरोडकर का फिल्म करियर किशन कन्हैया, पाप की कमाई, न्याय अन्याय, हम, दिल ही तो है, आँखे, खुदा गवाह, आदि फिल्मों के बावजूद ख़ास नहीं चल सका। २०१० में रिलीज़ बारूद :द फायर उनकी आखिरी फिल्म थी। गज जमीनी (२०००) के बाद शिल्पा ने अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू किया। कोई १३ साल बाद उन्होंने टीवी की ओर रुख किया। उनका सीरियल एक मुट्ठी आसमान बहुत सफल रहा। आजकल वह सिलसिला प्यार का सीरियल मे जानकी तिवारी के वैम्पिश किरदार में नज़र आ रही है।
फिर टीवी पर ग्रेसी सिंह
एंड टीवी के सीरियल संतोषी माँ में दो पूर्व फिल्म अभिनेत्रियां ग्रेसी सिंह और उपासना सिंह क्रमशः संतोषी माँ और मधु प्रताप मिश्र के अहम किरदार कर रही हैं। ग्रेसी सिंह के खाते में आमिर खान के साथ लगान, अनिल कपूर के साथ, अजय देवगन के साथ गंगाजल और संजय दत्त के साथ मुन्नाभाई एमएमबीबीएस जैसी हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं। इसके बावजूद २००२ में प्रसारित सीरियल अमानत की डिंकी का किरदार करके फिल्म अभिनेत्री बनी ग्रेसी सिंह का फिल्म करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका। संतोषी माँ में मधु का किरदार करने वाली उपासना सिंह ने १९८६ में राजश्री की फिल्म बाबुल से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने मैं गीता, गंगा का वचन, फूलवती, आदि एक्शन फ़िल्में की। इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में सह भूमिका करने लगी। आजकल भी वह हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं करती रहती हैं। अभी वह चाक एन डस्टर फिल्म में मंजीत के किरदार में नज़र आई थी।
बॉलीवुड के अलावा भी हैं टीवी पर
स्टार टीवी के सीरियल दहलीज़ में स्वाधीनता रामकृष्णन का किरदार करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधुरी का पहला टीवी सीरियल हैं। लेकिन वह चार बांगला और तेलुगु फ़िल्में कर चुकी है। नागिन में यामिनी सिंह रहेजा का नेगटिव किरदार करने वाली अभिनेत्री साउथ की फिल्मों की अभिनेत्री हैं। उनकी लाइफ पर बनी फिल्म नाचे मयूरी से उन्हें पहचान मिली। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है। वह फिल्मों की तरह टीवी सीरियलों में भी काफी पॉपुलर हैं। टीवी सीरियल तमन्ना में क्रिकेटर धरा का किरदार करने वाली अभिनेत्री अनुजा साठे गोखले मराठी रंगमंच और फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री हैं। उन्होंने पांच मराठी फ़िल्में की हैं। बाजीराव मस्तानी फिल्म में अनुज ने भिउबाई का किरदार किया था। अनुज की तरह सीरियल मे आई कम इन मैडम ! में ग्लैमरस और सेक्सी मैडम संजना का किरदार कर रही अभिनेत्री नेहा पेंडसे भी मराठी हैं। वह कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फ़िल्में कर चुकी है। नाना पाटेकर की पुरस्कार प्राप्त फिल्म नट सम्राट का नाम भी उनके खाते में दर्ज़ है। संजना उनका काफी ग्लैमरस रोल है।
यह भी नायिका थी कभी
तमन्ना में धरा की दादी का किरदार केतकी दवे ने किया है। वह दर्जनों हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। ज़ी टीवी के सीरियल काला टीका में जेठी माँ का किरदार कर रही मीता वशिष्ठ ने अस्सी और नब्बे के दशक में कई हिंदी फिल्मों में काम किया। समान्तर फिल्मों में मीता वशिष्ठ एक नाम हुआ करती थी। इसी सीरियल में कल्याणी झा का खल किरदार मोना अम्बेगाओंकर ने किया है। मोना ने नब्बे के दशक की कुछ हिंदी फ़िल्में की हैं। कलर्स के सीरियल कृष्णदासी में कृष्णा दासी तुलसी का मुख्या किरदार करने वाली अभिनेत्री छवि मित्तल ने हिंदी फिल्म एक विवाह ऐसा भी में सह भूमिका और कैसे कहें में मुख्य किरदार किया था।
और अरुणा ईरानी
बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका अरुणा ईरानी अच्छी डांसर होने के कारण हिंदी फिल्मों में डांसर के बतौर ज़्यादा मशहूर हुई। उन्होंने कई फिल्मों में नायिका और बेटा जैसी फिल्मों में चरित्र नायिका का किरदार किया। महमूद के साथ उनकी कॉमेडी जोड़ी खूब जमी। वह टीवी सीरियल भी बनाती हैं। उनके हालिया रिलीज़ सीरियलों में भाग्यलक्ष्मी और सौभाग्यलक्ष्मी है । सौभाग्यलक्ष्मी में वह वसुंधरा प्रजापति का अहम किरदार कर रही हैं।
राजेंद्र कांडपाल
इस आवाज़ में इनका अभिनय ही पहचान है
एंड टीवी के शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में हिंदी फिल्मों के कई दूसरे नामचीन चेहरेभी हैं। यह सीरियल दो गायिका बहनों की कहानी है। बताया जाता है कि सीरियल की कहानी वास्तव में हिंदी फिल्मों की गायिका बहनों लता मंगेशकर और आशा भोंसले की असल जीवन की कहानी है। इस फिल्म में लता मंगेशकर और आशा भोंसले की बाल भूमिका जन्नत ज़ुबैर और मेहनाज़ मान ने की है। युवा किरदार अमृता राव और अदिति वासुदेव ने किये हैं। यह दोनों ही फिल्म अभिनेत्रियां हैं। अमृता राव ने तो इश्क़ विश्क, मैं हूँ न, एक विवाह ऐसा भी, आदि जैसी कई फिल्मों में नायिका का रोल किया है। अदिति वासुदेव भी दो हिंदी फ़िल्में दो दूनी चार और सुलेमानी कीड़ा कर चुकी हैं। प्रौढ़ मंगेशकर बहने दीप्ति नवल और ज़रीना वहाब बनी है। हिंदी फिल्मों के दर्शक इन दोनों ही अभिनेत्रियों को बेहद अच्छी तरह से पहचानते हैं। ६० से ८० के दशक में इन दोनों अभिनेत्रियों का डंका बजा करता था। दीप्ति नवल एक बार फिर, चश्मे बद्दूर, अंगूर, साथ साथ, श्रीमान श्रीमती, एक बार चले आओ, कमला, आदि दर्जनों फिल्मों की नायिका रह चुकी हैं। ज़रीना वहाब चितचोर, घरोंदा, तुम्हारे लिए, सावन को आने दो, आदि ढेरों फिल्मों में नायिका की भूमिका की थी। उनके आदित्य पंचोली से बेटे सूरज पंचोली भी एक्टर हैं। इसी सीरियल में माँ का किरदार करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी को हिंदी दर्शक १०७९ की फिल्म दादा में एक गैंगस्टर को सुधारने वाली अंधी बच्ची का किरदार किया था। उन्होंने कई समानांतर फिल्मोें में नायिका की भूमिका की। उनकी उल्लेखनीय फिल्मो में रुकमा देवी की हवेली, सूरज का सातवां घोडा, त्रिशग्नि, वंचित और रिहाई थी। उन्हें वह छोकरी (१९९२) फिल्म में स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिर रजनीगंधा की विद्या
विद्या सिन्हा आजकल सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद में सुषमा त्रिपाठी का किरदार कर रही हैं। काव्यान्जलि, नीम नीम शहद शहद और क़ुबूल है जैसे सीरियलों में ख़ास किरदार कर चुकी विद्या सिन्हा सत्तर और अस्सी के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थी। उनके खाते में रजनीगंधा, छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, कर्म, पति पत्नी और वह, मीरा, स्वयंवर, आदि हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।
तेरह साल बाद शिल्पा
रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शिल्पा शिरोडकर का फिल्म करियर किशन कन्हैया, पाप की कमाई, न्याय अन्याय, हम, दिल ही तो है, आँखे, खुदा गवाह, आदि फिल्मों के बावजूद ख़ास नहीं चल सका। २०१० में रिलीज़ बारूद :द फायर उनकी आखिरी फिल्म थी। गज जमीनी (२०००) के बाद शिल्पा ने अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू किया। कोई १३ साल बाद उन्होंने टीवी की ओर रुख किया। उनका सीरियल एक मुट्ठी आसमान बहुत सफल रहा। आजकल वह सिलसिला प्यार का सीरियल मे जानकी तिवारी के वैम्पिश किरदार में नज़र आ रही है।
फिर टीवी पर ग्रेसी सिंह
एंड टीवी के सीरियल संतोषी माँ में दो पूर्व फिल्म अभिनेत्रियां ग्रेसी सिंह और उपासना सिंह क्रमशः संतोषी माँ और मधु प्रताप मिश्र के अहम किरदार कर रही हैं। ग्रेसी सिंह के खाते में आमिर खान के साथ लगान, अनिल कपूर के साथ, अजय देवगन के साथ गंगाजल और संजय दत्त के साथ मुन्नाभाई एमएमबीबीएस जैसी हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं। इसके बावजूद २००२ में प्रसारित सीरियल अमानत की डिंकी का किरदार करके फिल्म अभिनेत्री बनी ग्रेसी सिंह का फिल्म करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका। संतोषी माँ में मधु का किरदार करने वाली उपासना सिंह ने १९८६ में राजश्री की फिल्म बाबुल से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने मैं गीता, गंगा का वचन, फूलवती, आदि एक्शन फ़िल्में की। इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में सह भूमिका करने लगी। आजकल भी वह हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं करती रहती हैं। अभी वह चाक एन डस्टर फिल्म में मंजीत के किरदार में नज़र आई थी।
बॉलीवुड के अलावा भी हैं टीवी पर
स्टार टीवी के सीरियल दहलीज़ में स्वाधीनता रामकृष्णन का किरदार करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधुरी का पहला टीवी सीरियल हैं। लेकिन वह चार बांगला और तेलुगु फ़िल्में कर चुकी है। नागिन में यामिनी सिंह रहेजा का नेगटिव किरदार करने वाली अभिनेत्री साउथ की फिल्मों की अभिनेत्री हैं। उनकी लाइफ पर बनी फिल्म नाचे मयूरी से उन्हें पहचान मिली। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है। वह फिल्मों की तरह टीवी सीरियलों में भी काफी पॉपुलर हैं। टीवी सीरियल तमन्ना में क्रिकेटर धरा का किरदार करने वाली अभिनेत्री अनुजा साठे गोखले मराठी रंगमंच और फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री हैं। उन्होंने पांच मराठी फ़िल्में की हैं। बाजीराव मस्तानी फिल्म में अनुज ने भिउबाई का किरदार किया था। अनुज की तरह सीरियल मे आई कम इन मैडम ! में ग्लैमरस और सेक्सी मैडम संजना का किरदार कर रही अभिनेत्री नेहा पेंडसे भी मराठी हैं। वह कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फ़िल्में कर चुकी है। नाना पाटेकर की पुरस्कार प्राप्त फिल्म नट सम्राट का नाम भी उनके खाते में दर्ज़ है। संजना उनका काफी ग्लैमरस रोल है।
यह भी नायिका थी कभी
तमन्ना में धरा की दादी का किरदार केतकी दवे ने किया है। वह दर्जनों हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। ज़ी टीवी के सीरियल काला टीका में जेठी माँ का किरदार कर रही मीता वशिष्ठ ने अस्सी और नब्बे के दशक में कई हिंदी फिल्मों में काम किया। समान्तर फिल्मों में मीता वशिष्ठ एक नाम हुआ करती थी। इसी सीरियल में कल्याणी झा का खल किरदार मोना अम्बेगाओंकर ने किया है। मोना ने नब्बे के दशक की कुछ हिंदी फ़िल्में की हैं। कलर्स के सीरियल कृष्णदासी में कृष्णा दासी तुलसी का मुख्या किरदार करने वाली अभिनेत्री छवि मित्तल ने हिंदी फिल्म एक विवाह ऐसा भी में सह भूमिका और कैसे कहें में मुख्य किरदार किया था।
और अरुणा ईरानी
बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका अरुणा ईरानी अच्छी डांसर होने के कारण हिंदी फिल्मों में डांसर के बतौर ज़्यादा मशहूर हुई। उन्होंने कई फिल्मों में नायिका और बेटा जैसी फिल्मों में चरित्र नायिका का किरदार किया। महमूद के साथ उनकी कॉमेडी जोड़ी खूब जमी। वह टीवी सीरियल भी बनाती हैं। उनके हालिया रिलीज़ सीरियलों में भाग्यलक्ष्मी और सौभाग्यलक्ष्मी है । सौभाग्यलक्ष्मी में वह वसुंधरा प्रजापति का अहम किरदार कर रही हैं।
राजेंद्र कांडपाल
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