Friday 31 March 2017

रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ’का ट्रेलर लॉन्च

पिछले दिनों रवीना टंडन मुंबई में अपनी फिल्म मातृ की पूरी स्टारकास्ट के साथ मौजूद थी।  क्यों रवीना टंडन की फिल्म 'मातृका ट्रेलर रिलीज होने जा रहा था । फिल्म मातृ द मदर में रवीना एक कामकाजी महिला का किरदार निभा रहीं है, जो अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में संघर्ष करती है। रवीना ने ट्विटर पर ये ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा, "ये फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है।  मैं इसे लेकर वो बहुत ही उत्साहित हूँ। इस फिल्म में रवीना टंडन का एक अलग अवतार दिखेगा। वह घरेलु
हिंसा और बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए संघर्ष करती नज़र आएंगी। लॉन्च के मौके पर अपने कैरेक्टर के बारे में बताते हुए रवीना टंडन ने कहा, "फिल्म की कहानी एक मां के इर्द-गिर्द घूमती है।  यह फिल्म बताती है कि अपनी बेटी के लिए एक मां का सफर कैसे होता है !" इस फिल्म को अश्तर सैयद ने डायरेक्ट किया है। इसे अंजुम रिज़वी और मनोज अधिकारी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म २१ अप्रैल को रिलीज हो रही है।

Wednesday 29 March 2017

बेगम जान, लाली और जूलिएट यानि नायिका प्रधान फ़िल्में

पिछले शुक्रवार (२४ मार्च) रिलीज़ दो फिल्मों फिल्लौरी और अनारकली ऑफ़ आरा के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बीच लंबा फासला है।  फिल्लौरी ने जहां ४.०२ करोड़ की ओपनिंग ली, वही अनारकली ऑफ़ आरा केवल १० लाख का कलेक्शन  ही कर सकी।  फिल्लौरी ने शनिवार को छलांग सी मारते हुए पांच करोड़ का कलेक्शन किया। बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन का यह फर्क दोनों फिल्मों की शैली और स्टार कास्ट का था।  फिल्लौरी अनुष्का शर्मा और दिलजीत दोसांझ की कॉमेडी फिल्म थी।  जबकि, सीरियस फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा की अनारकली ऋचा चड्डा थी।  ऋचा चड्डा ख़ास प्रकार की फिल्मो की तो नामचीन हैं, लेकिन कमर्शियल फिल्मों में अनुष्का शर्मा का  डंका ही बजता है। अभिनेत्रियों का यह फर्क बॉक्स ऑफिस पर साफ़ नज़र आया।
महिलाओं का दबदबा
बॉक्स ऑफिस के इस फर्क को नज़रअंदाज़ करें तो  पता चलता है कि  इस समय बॉक्स ऑफिस पर महिला प्रधान या नायिका प्रधान फिल्मों का दबदबा है।  यह समय ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रिकेट सीरीज और आईपीएल तमाशे का है।  ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज के ख़त्म होते ही, ५ अप्रैल से आईपीएल के टी-२० मैच शुरू हो जायेंगे। इस क्रिकेटिया घमासान में बॉलीवुड के तमाम खान  और कुमार अभिनेता दुबके पड़े हैं।  अक्षय कुमार डायरेक्टर शिवम नायर की फिल्म नाम शबाना  में छोटी भूमिका कर रहे हैं।  लेकिन यह फिल्म शबाना यानि तापसी पन्नू के अंडरकवर एजेंट बनने की एक्शन और रोमांच से भरी दास्ताँ है। इस फिल्म को बेबी की प्रीकुएल फिल्म  बताया जा रहा है। यह फिल्म ३१ मार्च को रिलीज़ हो रही है।  साफ़ तौर पर नायिका प्रधान फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर जोर आज़माईश कर रही हैं।
मिर्ज़ा जूलिएट और लाली लड्डू
आईपीएल के दौरान, अप्रैल में हीरोइन ओरिएंटेड फ़िल्में छाई रहेंगी।  ७ अप्रैल को दो रोमांटिक फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर होंगी।  इन दोनों फिल्मों में दक्षिण की दो अभिनेत्रियां अपना भाग्य आजमा रही होंगी।  मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका करने वाले दर्शन कुमार अब रोमांटिक हीरो बन रहे हैं।  उनकी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट में उनकी जूलिएट दक्षिण की अभिनेत्री पिया बाजपेई हैं।  इटावा उत्तर प्रदेश में जन्मी पिया बाजपेई का करियर जमा दक्षिण की तमिल और तेलुगु  फिल्मो में।  उनकी हिंदी फिल्मों मुम्बई डेल्ही मुम्बई और लाल रंग को बॉक्स ऑफिस पर असफलता का मुंह देखना पड़ा।  इसलिए  पिया का अपनी
रोमकॉम फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट से उम्मीदें रखना स्वाभाविक है।  दूसरी फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना भी रोमकॉम फिल्म है।  इसमें दक्षिण की नायिका अक्षरा हासन लाली के किरदार में हैं।  यह फिल्म उनके इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में उनके लड्डू विवान शाह के अलावा कविता वर्मा और गुरमीत चौधरी भी हैं। अक्षरा की पहली फिल्म अमिताभ बच्चन और धनुष के साथ षमिताभ बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद असफल रही थी।  इन दोनों फिल्मों के बीच तीसरी फिल्म ब्लू माउंटेन पुराने जमाने की गायिका की अपने बेटे के रियलिटी शो में हिस्सा लेने के कारण खुद के सपने पूरा होते देखने की है।  इस फिल्म में ग्रेसी सिंह माँ का किरदार कर रही हैं।
बेगम जान विद्या बालन 
पांच साल पहले, अभिनेत्री विद्या बालन ने डर्टी पिक्चर और  कहानी जैसी फिल्मों से अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही, बॉक्स ऑफिस पर भी अपनी पकड़ ज़ाहिर की।  जब ऐसा लगाने  लगा था कि बॉक्स ऑफिस पर विद्या  बालन का नाम भी बिकता है, विद्या बालन की घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस और हमारी अधूरी कहानी जैसी फ़िल्में फ्लॉप हो गई।  पांच साल बाद कहानी की सीक्वल फिल्म कहानी २ : दुर्गा रानी सिंह रिलीज़ हुई।  सुजॉय घोष की १७ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को सौ करोड़िया सफलता तो नहीं मिली।  लेकिन, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ५४.७९ करोड़ का बिज़नस किया।  यही कारण है कि अब दर्शकों की निगाहें बेगम जान पर टिकी हुई हैं।  इस फिल्म में विद्या बालन का टाइटल रोल है।  यह फिल्म विभाजन के दौर के कलकत्ता के एक वैश्यालय की है।  इस फिल्म में महिला चरित्रों की भरमार है।  क्या विद्या बालन के साथ बेगम जान को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिलेगी?
सलमान  खान के साथ डेब्यू करने वाली अभिनेत्रियों का टकराव 

२१ अप्रैल को बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्प टकराव होगा।  इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान के साथ फिल्म  डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  रवीना टंडन ने १९९१ में सलमान खान के साथ फिल्म पत्थर के फूल से डेब्यू किया था।  उनकी बतौर करैक्टर एक्टर फिल्म मातृ : द मदर इस हफ्ते रिलीज़ हो रही है।  यह फिल्म घरेलु हिंसा और  बलात्कार की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने वाली एक स्त्री की जीवन यात्रा है।  इस फिल्म के सामने रिलीज़ हो रही है एक महिला पत्रकार की कहानी।  इस फिल्म की नायिका सोनाक्षी सिन्हा है।  सोनाक्षी सिन्हा ने २०१० में सलमान खान के साथ फिल्म दबंग से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  साफ़ तौर पर २१ अप्रैल को रिलीज़ दोनों ही फ़िल्में हीरोइन ओरिएंटेड हैं।  इनका मुक़ाबला क्या रंग लाएगा, यह देखने के बजाय दर्शक सलमान खान के साथ डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फिल्मों के टकराव में दिलचस्पी लेंगे।  इस दौरान भाभियों (हृषिता भट्ट, मेघना नायडू, दिव्या उन्नी, अर्चना प्रसाद) के चक्कर में फंसे एक लडके (राजकुमार कनोजिया) की दास्तान भाभी पेडिया देखना भी दिलचस्प होगा।
बाहुबली के बाद भी !
बाहुबली २ : द कॉन्कलूजन के बाद भी नायिका प्रधान फ़िल्में हर अंतराल में रिलीज़ होती रहेंगी। बाहुबली और भल्लाल देवा के टकराव के बीच भी बाहुबली द कॉन्कलूजन में महारानी देवसेना, अवंतिका और शिवागामी  के किरदार महत्वपूर्ण होंगे।  साल के बाकी दिनों में मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बहन होगी तेरी, टॉयलेट एक प्रेमकथा, मॉम, हसीना : द क्वीन ऑफ़ मुम्बई, बरेली की बर्फी, आदि नायिका प्रधान या महत्वपूर्ण महिला किरदारों वाली फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  बेशक बजट के लिहाज़ से यह फ़िल्में बड़ी नहीं होंगी।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर इनका बड़ा बिज़नस इन्हें हिट फिल्मों में ज़रूर शुमार करवा देगा।
क्रिकेट के सीजन में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ महिला प्रधान फ़िल्में दर्शाती हैं कि बॉलीवुड की नायिका अपने नायकों से ज़्यादा दमदार है।  इन फिल्मों की नायिका क्रिकेट में बिजी दर्शकों के बीच भी अपनी जगह बनाती है।  दर्शक माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये इन फिल्मों की तरफ मुखातिब भी होती है।  दिलचस्प बात यह है कि नायिका प्रधान फिल्मों को तमाम विपरीत  परिस्थितियों के बावजूद अच्छा कलेक्शन भी मिलता है।  अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी को समीक्षकों की जैसी सराहना मिली है और दर्शक जिस तरह से फिल्म की तरफ खिंचे चले जा रहे हैं, फिल्लौरी का २० करोड़ के आसपास का वीकेंड कलेक्शन दर्ज हो जायेगा।  यह किसी नायिका प्रधान फिल्म के लिहाज़ से काफी अच्छा है।




अलादीन और जस्मीन की तलाश में डिज्नी

डिज्नी को तलाश है अलादीन और जास्मिन की।  उन्हें इस चेहरे की तलाश किसी मिडिल ईस्ट के किसी देश के चेहरे में नज़र आएगी।  डिज्नी की यह तलाश है, उनकी लाइव-एक्शन फिल्म अलादीन के लिए। इन एक्टरों की उम्र १८ से २५ साल के बीच होनी चाहिए।  उनकी एक बड़ी खासियत यह भी होनी चाहिए कि वह अच्छा गा सकते हों। नृत्य क्षमता अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी।  अलादीन की शूटिंग इसी साल जुलाई में शुरू हो जाएगी तथा अगले साल जनवरी तक पूरी होगी।    इस फिल्म का निर्देशन शरलॉक सीरीज की फिल्मों और किंग आर्थर के डायरेक्टर गाय रिची करेंगे।  आम तौर पर हॉलीवुड की फिल्मों के तमाम एशियाई चरित्र भी हॉलीवुड के श्वेत एक्टरों द्वारा किये जाते हैं।  इसे अमेरिकी एक्टिविस्ट वाइटवाशिंग कहते हैं।  वाइटवाशिंग का पहला विवाद प्रिंस ऑफ़ पर्शिया: द सेंड्स ऑफ़ टाइम और द लास्ट एयरबेंडर के दौरान सुर्ख हुआ।  इसके बाद हॉलीवुड के स्टूडियो ने इससे बचने की कोशिश ज़रूर की।  लेकिन हालिया रिलीज़ फिल्म द ग्रेट वाल और  आने वाली फिल्म घोस्ट इन द शैल से यही विवाद फिर ज़ोर पकड़ सकता है।  शायद इसीलिए डिज्नी की निगाहें अपने अलादीन और जास्मिन के लिये मिडिल ईस्ट के एक्टरों को खंगालने जा रही है।

चीन में फंसा जेम्स बांड का २५वा अवतार !

मध्य २००० में मेट्रो- गोल्डविन मेयर नकदी की कमी से जूझ रहा था, उस समय उन्होंने सोनी के साथ समझौता किया था कि वे जेम्स बांड फिल्मों को फाइनेंस करेंगे।  बदले में सोनी को जेम्स बांड फिल्मों को पूरे विश्व में वितरित करने के अधिकार और लाभ में कुछ हिस्सा मिलने थे।  कैसिनो रॉयले इस डील के अंतर्गत बनने वाली पहली फिल्म थी।  क्वांटम ऑफ़ सोलेस के वितरण अधिकार भी उसी समय मिल गए थे।  बाद में स्काईफॉल और स्पेक्टर को भी सोनी ने ही रिलीज़ किया।  इसके बाद फंसा पेंच।  काफी लोगों का  यह सोचना था कि डेनियल क्रेग की बतौर जेम्स बांड पांचवी फिल्म को सोनी द्वारा फाइनेंस करना बुद्धिमत्तापूर्ण कार्य नहीं होगा।  इससे सोनी के अधिकारियों में  असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।  इसके बावजूद जेम्स बांड फ्रैंचाइज़ी के को-प्रोड्यूसर माइकल जी विल्सन २०१६ के शुरू में यह समझौता हो जाने की उम्मीद रखते थे।  पिछले साल न्यू यॉर्क पोस्ट पर एक लेख से यह जानकारी मिली कि चीन की किसी अनाम कंपनी से एमजीएम की बात काफी कुछ बन चुकी है।  बाद में कुछ दूसरे सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की।  लेकिन, इसके बाद हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के साथ ही यह डील टूट गई।  डोनाल्ड ट्रम्प  सरकार की अमेरिकी कंपनियों में  विदेशी निवेश में कमी करने की नीति के बाद चीन सरकार के पूँजी निवेश की राशि चीन से बाहर जाने पर  नियंत्रण के बाद यह सौदा मुश्किलों भरा साबित होने जा रहा था।  अब एक बार फिर एमजीएम को इंतज़ार है निवेशक का, जो २०० मिलियन डॉलर का निवेश ५० मिलियन डॉलर के प्रॉफिट के लिए करे। ऐसे में सवाल लाजिमी है कि कब शुरू होगी जेम्स बांड फिल्म !

Tuesday 28 March 2017

कविता वर्मा और अक्षरा हासन की फिल्म सेट पे दोस्ती

आम तौर पर किसी एक फिल्म में काम कर रही दो अभिनेत्रियों के बीच मनमुटाव यानि कैट फाइट के किस्से गॉसिप मैगज़ीन्स की सुर्खियां बनाते रहते हैं।  लेकिन, इस लिहाज़ से अक्षरा हासन और कविता वर्मा को अपवाद कहा जा सकता है।  यह दोनों अभिनेत्रियां फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना में काम कर रही हैं।  इस फिल्म के सेट पर अक्षरा हसन और कविता वर्मा के बीच झगडे के बजाय दोस्ती के किस्से चर्चा में हैं। दोनों ने शूटिंग के दौरान खूब मस्ती की और अपने काम से सम्बंधित बातों पर खूब चर्चा की।  यह दोनों भोजन, शॉपिंग, सेट की मस्ती और सभी चीजों के बारे में बात करते देखीं गयी, जो एक लड़की अपने दोस्त के साथ साझा करेगी। वे अक्सर शूटिंग के बाद पार्टी में हिस्सा लेते रहे । कविता वर्मा कहती है, "अक्षरा एक खूबसूरत, इंटेलिजेंट और एक समझदार लड़की है। वह एक उत्कृष्ट इंसान हैं। यहाँ कोई स्टार बच्चा नहीं है। हम दृश्यों पर चर्चा करते थे। वास्तव में शूटिंग के दौरान अक्षरा ने कई दृश्यों में मुझे बहुत मदद की थी। मैं हमारी दोस्ती के बारे में बहुत सारी यादों के साथ अपनी नई फिल्म को लेकर बहुत ही पॉजिटिव हूं। हमारा सौहाद्र स्क्रीन पर बखूबी दिखाई देता है। 'लाली की शदी में लड्डू दीवाना' एक जीवंत प्रेम कहानी है, जिसे फिल्म निर्माता राजकुमार संतोषी के सहयोगी मनीष हरिशंकर द्वारा लिखित और निर्देशित किया गया है। फिल्म को स्टीवन बर्नार्ड द्वारा संपादित किया गया है। यह फिल्म 7 अप्रैल, 2017 को सिनेमा घरो में रिलीज़ होगी।

‘यारो' का टशन में नया ट्विस्ट !

सब टीवी से प्रसारित क्रिएटिव आय लिमिटेड के बैनर तले निर्मित यारो का टशनके दर्शक जानते हैं कि 'यारो' एक ऐसा रोबोट है, जिसमें दिल है और वास्तव में एक लड़की के प्यार में पड़ जाता है। लेकिन संजना उर्फ़ संजू सिर्फ एक लड़की नहीं, बहुत कुछ है।  वह रोमांच और हवा का झोका है। वह टॉम बॉय की तरह है, क्योंकि जब तक उसकी लाइफ में किक नहीं लगती, संजू को कुछ ठीक नहीं लगता। यारो पागल की तरह संजू से प्यार करने लग जाता है। वह उसे जीतना चाहता है। वह प्यारके सभी किताबी नियम आजमाता है, लेकिन विफल रहता है । उसके दोस्त उसे सुझाव देते है कि अगर उसे लड़की का दिल जीतना है, तो लड़की के  पसंदीदा का दिल जीतना चाहिए। संजू को अपने जीवन से अधिक प्यार करता है। तब यारो के जीवन में एक रोमांचक मोड़ आता है, जब उसे पता चलता है कि संजू का सबसे पसंदीदा उसका कुत्ता भक्तावर है। कुत्ते की अपनी खुद की सोच और पसंद होती है। चूंकि, यारो एक रोबोट है, इसलिए यारो के मानवीय न होने के कारण भक्तावर को उस की गंध से घृणा है। अब यारो के लिए भक्तावर का दिल जीतना बड़ी चुनौती है। यारो का टशन के दर्शकों के लिए अब आगे क्या होगा जानना दिलचस्प होगा। 

जब इरफ़ान खान ने ओढ़ी साड़ी !

साकेत चौधरी की कॉमेडी ड्रामा फिल्म हिंदी मीडियम दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रहने वाले विवाहित जोड़े  की है, जो उच्च-संभ्रांत घरों की पार्टियों शामिल  होना और घुलना मिलना चाहता है। यह जोड़ा हिंदी मध्यम स्कूल में पढ़ा है।  इसलिए अंग्रेजी न बोल पाना उनकी इस महत्वाकांक्षा के आड़े आता है।  इस भूमिका को इरफ़ान खान और पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा क़मर कर रहे हैं।  आजकल इस फिल्म का साड़ी ओढ़े इरफ़ान खान का एक पोज़ वायरल हो रहा है कि इरफ़ान खान ने फिल्म में साड़ी क्यों पहनी है।  दरअसल, फिल्म में इरफ़ान खान एक व्यवसाई बने हैं, जिसकी चांदनी चौक इलाके में साड़ी, चुंदरी, आदि की दूकान है।  इरफ़ान खुद चुंदरी ओढ़ कर अपनी महिला ग्राहकों को समझाने की कोशिश करते हैं।  यह दृश्य ऎसी उनकी किसी कोशिश का है।  लेकिन, इस सीन को करने का एक बड़ा फायदा इरफ़ान को यह हुआ है कि वह साड़ी बांधना बहुत अच्छी तरह से जान गए हैं।  निर्माता दिनेश विजन और भूषण कुमार की यह फिल्म १२ मई को रिलीज़ हो रही है।