Wednesday, 29 March 2017

बेगम जान, लाली और जूलिएट यानि नायिका प्रधान फ़िल्में

पिछले शुक्रवार (२४ मार्च) रिलीज़ दो फिल्मों फिल्लौरी और अनारकली ऑफ़ आरा के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बीच लंबा फासला है।  फिल्लौरी ने जहां ४.०२ करोड़ की ओपनिंग ली, वही अनारकली ऑफ़ आरा केवल १० लाख का कलेक्शन  ही कर सकी।  फिल्लौरी ने शनिवार को छलांग सी मारते हुए पांच करोड़ का कलेक्शन किया। बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन का यह फर्क दोनों फिल्मों की शैली और स्टार कास्ट का था।  फिल्लौरी अनुष्का शर्मा और दिलजीत दोसांझ की कॉमेडी फिल्म थी।  जबकि, सीरियस फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा की अनारकली ऋचा चड्डा थी।  ऋचा चड्डा ख़ास प्रकार की फिल्मो की तो नामचीन हैं, लेकिन कमर्शियल फिल्मों में अनुष्का शर्मा का  डंका ही बजता है। अभिनेत्रियों का यह फर्क बॉक्स ऑफिस पर साफ़ नज़र आया।
महिलाओं का दबदबा
बॉक्स ऑफिस के इस फर्क को नज़रअंदाज़ करें तो  पता चलता है कि  इस समय बॉक्स ऑफिस पर महिला प्रधान या नायिका प्रधान फिल्मों का दबदबा है।  यह समय ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रिकेट सीरीज और आईपीएल तमाशे का है।  ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज के ख़त्म होते ही, ५ अप्रैल से आईपीएल के टी-२० मैच शुरू हो जायेंगे। इस क्रिकेटिया घमासान में बॉलीवुड के तमाम खान  और कुमार अभिनेता दुबके पड़े हैं।  अक्षय कुमार डायरेक्टर शिवम नायर की फिल्म नाम शबाना  में छोटी भूमिका कर रहे हैं।  लेकिन यह फिल्म शबाना यानि तापसी पन्नू के अंडरकवर एजेंट बनने की एक्शन और रोमांच से भरी दास्ताँ है। इस फिल्म को बेबी की प्रीकुएल फिल्म  बताया जा रहा है। यह फिल्म ३१ मार्च को रिलीज़ हो रही है।  साफ़ तौर पर नायिका प्रधान फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर जोर आज़माईश कर रही हैं।
मिर्ज़ा जूलिएट और लाली लड्डू
आईपीएल के दौरान, अप्रैल में हीरोइन ओरिएंटेड फ़िल्में छाई रहेंगी।  ७ अप्रैल को दो रोमांटिक फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर होंगी।  इन दोनों फिल्मों में दक्षिण की दो अभिनेत्रियां अपना भाग्य आजमा रही होंगी।  मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका करने वाले दर्शन कुमार अब रोमांटिक हीरो बन रहे हैं।  उनकी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट में उनकी जूलिएट दक्षिण की अभिनेत्री पिया बाजपेई हैं।  इटावा उत्तर प्रदेश में जन्मी पिया बाजपेई का करियर जमा दक्षिण की तमिल और तेलुगु  फिल्मो में।  उनकी हिंदी फिल्मों मुम्बई डेल्ही मुम्बई और लाल रंग को बॉक्स ऑफिस पर असफलता का मुंह देखना पड़ा।  इसलिए  पिया का अपनी
रोमकॉम फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट से उम्मीदें रखना स्वाभाविक है।  दूसरी फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना भी रोमकॉम फिल्म है।  इसमें दक्षिण की नायिका अक्षरा हासन लाली के किरदार में हैं।  यह फिल्म उनके इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में उनके लड्डू विवान शाह के अलावा कविता वर्मा और गुरमीत चौधरी भी हैं। अक्षरा की पहली फिल्म अमिताभ बच्चन और धनुष के साथ षमिताभ बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद असफल रही थी।  इन दोनों फिल्मों के बीच तीसरी फिल्म ब्लू माउंटेन पुराने जमाने की गायिका की अपने बेटे के रियलिटी शो में हिस्सा लेने के कारण खुद के सपने पूरा होते देखने की है।  इस फिल्म में ग्रेसी सिंह माँ का किरदार कर रही हैं।
बेगम जान विद्या बालन 
पांच साल पहले, अभिनेत्री विद्या बालन ने डर्टी पिक्चर और  कहानी जैसी फिल्मों से अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही, बॉक्स ऑफिस पर भी अपनी पकड़ ज़ाहिर की।  जब ऐसा लगाने  लगा था कि बॉक्स ऑफिस पर विद्या  बालन का नाम भी बिकता है, विद्या बालन की घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस और हमारी अधूरी कहानी जैसी फ़िल्में फ्लॉप हो गई।  पांच साल बाद कहानी की सीक्वल फिल्म कहानी २ : दुर्गा रानी सिंह रिलीज़ हुई।  सुजॉय घोष की १७ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को सौ करोड़िया सफलता तो नहीं मिली।  लेकिन, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ५४.७९ करोड़ का बिज़नस किया।  यही कारण है कि अब दर्शकों की निगाहें बेगम जान पर टिकी हुई हैं।  इस फिल्म में विद्या बालन का टाइटल रोल है।  यह फिल्म विभाजन के दौर के कलकत्ता के एक वैश्यालय की है।  इस फिल्म में महिला चरित्रों की भरमार है।  क्या विद्या बालन के साथ बेगम जान को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिलेगी?
सलमान  खान के साथ डेब्यू करने वाली अभिनेत्रियों का टकराव 

२१ अप्रैल को बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्प टकराव होगा।  इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान के साथ फिल्म  डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  रवीना टंडन ने १९९१ में सलमान खान के साथ फिल्म पत्थर के फूल से डेब्यू किया था।  उनकी बतौर करैक्टर एक्टर फिल्म मातृ : द मदर इस हफ्ते रिलीज़ हो रही है।  यह फिल्म घरेलु हिंसा और  बलात्कार की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने वाली एक स्त्री की जीवन यात्रा है।  इस फिल्म के सामने रिलीज़ हो रही है एक महिला पत्रकार की कहानी।  इस फिल्म की नायिका सोनाक्षी सिन्हा है।  सोनाक्षी सिन्हा ने २०१० में सलमान खान के साथ फिल्म दबंग से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  साफ़ तौर पर २१ अप्रैल को रिलीज़ दोनों ही फ़िल्में हीरोइन ओरिएंटेड हैं।  इनका मुक़ाबला क्या रंग लाएगा, यह देखने के बजाय दर्शक सलमान खान के साथ डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फिल्मों के टकराव में दिलचस्पी लेंगे।  इस दौरान भाभियों (हृषिता भट्ट, मेघना नायडू, दिव्या उन्नी, अर्चना प्रसाद) के चक्कर में फंसे एक लडके (राजकुमार कनोजिया) की दास्तान भाभी पेडिया देखना भी दिलचस्प होगा।
बाहुबली के बाद भी !
बाहुबली २ : द कॉन्कलूजन के बाद भी नायिका प्रधान फ़िल्में हर अंतराल में रिलीज़ होती रहेंगी। बाहुबली और भल्लाल देवा के टकराव के बीच भी बाहुबली द कॉन्कलूजन में महारानी देवसेना, अवंतिका और शिवागामी  के किरदार महत्वपूर्ण होंगे।  साल के बाकी दिनों में मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बहन होगी तेरी, टॉयलेट एक प्रेमकथा, मॉम, हसीना : द क्वीन ऑफ़ मुम्बई, बरेली की बर्फी, आदि नायिका प्रधान या महत्वपूर्ण महिला किरदारों वाली फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  बेशक बजट के लिहाज़ से यह फ़िल्में बड़ी नहीं होंगी।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर इनका बड़ा बिज़नस इन्हें हिट फिल्मों में ज़रूर शुमार करवा देगा।
क्रिकेट के सीजन में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ महिला प्रधान फ़िल्में दर्शाती हैं कि बॉलीवुड की नायिका अपने नायकों से ज़्यादा दमदार है।  इन फिल्मों की नायिका क्रिकेट में बिजी दर्शकों के बीच भी अपनी जगह बनाती है।  दर्शक माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये इन फिल्मों की तरफ मुखातिब भी होती है।  दिलचस्प बात यह है कि नायिका प्रधान फिल्मों को तमाम विपरीत  परिस्थितियों के बावजूद अच्छा कलेक्शन भी मिलता है।  अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी को समीक्षकों की जैसी सराहना मिली है और दर्शक जिस तरह से फिल्म की तरफ खिंचे चले जा रहे हैं, फिल्लौरी का २० करोड़ के आसपास का वीकेंड कलेक्शन दर्ज हो जायेगा।  यह किसी नायिका प्रधान फिल्म के लिहाज़ से काफी अच्छा है।




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