Sunday 2 April 2017

सेक्सुअल हरासमेंट के कारण मुहे भाभीजी छोड़ना पड़ा : शिल्पा शिंदे

कॉमेडी शो भाभी जी घर पर हैं को छोड़ने के करीब एक साल बाद शो की अंगूरी भाभी उर्फ़ शिल्पा शिंदे ने शो की निर्माता जोड़ी बिनैफर और संजय कोहली के खिलाफ वालिव पुलिस स्टेशन में सेक्सुअल हरासमेंट की रिपोर्ट दर्ज करा ही दी।  शिल्पा शिंदे ने अपनी एफआईआर में संजय कोहली पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।  वह मुझसे कहते थे कि तुम बहुत सेक्सी हो।  तुम बहुत हॉट हो।  तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।  शिल्पा ने यह भी लिखा है कि वह मुझे धमकाते थे कि यदि मैं उनके नज़दीक नहीं गई तो वह मुझे शो से  निकाल देंगे।  शिल्पा शिंदे कहती है, "मैंने संजय की बीवी बिनैफर को यह सब बताया।  मगर उसने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।  बदले में मुझे अनप्रोफ़ेशनल बताया गया।  मैं कभी शो नहीं छोड़ना चाहती थी।  इसके बावजूद मुझे शो छोड़ने को मज़बूर किया गया।  मुझे अभी भी परेशान किया जा रहा है।  मेरे बकाया चुकाए नहीं गए हैं।" इसके बावजूद शिल्पा शिंदे ने रिपोर्ट दर्ज कराने में इतनी देर क्यों की ? कहती हैं शिल्पा शिंदे, "मैं पहले दिन ही  एफआईआर दर्ज कराना चाहती थी।  लेकिन मेरे वकील मन बदल रहे थे।  मेरे फ़ोन भी टैप हो रहे थे।  इसलिए मुझे तीन बार अपने नंबर बदलने पड़े।  अंततः मुझे अपनी सम्मान की  रक्षा के लिए रिपोर्ट लिखानी पड़ी।" 

टीवी शो जैसे नहीं है निशा के ग्रे शेड : रिद्धि डोगरा

झूमे जिया रे (२००७) से टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रिद्धि डोगरा कोई सात टीवी शो कर चुकी हैं।  इनमे से एक मर्यादा : लेकिन कब तक ख़ास लोकप्रिय हुआ।  इस शो के प्रिया के करैक्टर से रिद्धि को दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।  सावित्री, यह है आशिक़ी और दिया और बाती हम के बाद रिद्धि डोगरा एक बार फिर ज़ी टीवी के शो वह.....अपना सा में दमदार तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। इस शो में उनका निशा आदित्य जिंदल का किरदार अपने ग्रे शेड्स के कारण  दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सफल हो रहा है।  पेश हैं वह...अपना सा की निशा रिद्धि डोगरा से छोटी बातचीत- 
आप डेली सोप से इतने दिन अलग क्यों रहीं ? 
हाँ, मैंने लंबे समय से कोई डेली सोप नहीं किया था।  क्योंकि, मैं अपने पहले के शो के निर्माताओं से काफी परेशान हो चुकी थी। इसके अलावा टीवी सोप में स्क्रिप्ट पहले से माँगने और पढ़ने की आज़ादी नहीं है।  मर्यादा और सावित्री ने मुझे ज़्यादा अच्छा करने के लिए प्रेरित किया था।  मैं जब इन शोज की शूटिंग करती तो डरी हुई होती कि मुझे कुछ नया करना और फिर भूल भी जाना है।  मेरी निशा की भूमिका उत्तेजनापूर्ण और सशक्त है कि करने में मज़ा आये।  मैंने इससे पहले कभी ऐसा रोल नहीं किया। अच्छी भूमिकाएं कर चुकाने के बाद एक एक्टर को अच्छी भूमिकाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।  मैंने भी इस दौरान यही संघर्ष किया है।  
किस प्रकार का स्ट्रगल करना पड़ा ? 
पिछले दो तीन सालों से मैं ट्राइंग फेज में थी।  मुझमे कई बदलाव हो रहे थे।  मेरा विकास हो रहा था। कभी मैं चाहती थी कि सब छोड़ दो।  सोचती थी कि क्या मैं वास्तव में एक्टर बनने के लिए बनी हूँ ! या फिर मुझे कोई दूसरा पेश अपनाना चाहिए ! मेरे के कई सवाल खड़े हो गए थे।  मैं खुद से सवाल करने लगी थी कि मैं यहाँ क्यों हूँ ? क्या आपको अच्छी भूमिकाएं करने की तीव्र आशा है? ऐसे में जब आप कोई अच्छी भूमिका नहीं पाते तब आप खुद पर शक़ करने लगते हैं।  यह फ्रस्ट्रेटिंग था।  धन्यवाद है कि मैंने इस दौरान कई विज्ञापन और नाटक किये।  इनसे मुझे काफी मदद मिली।  इन अनुभवों और हताश के दौर ने मुझे खुद में एक्टर तलाश करने में मदद की।  हर एक्टर चाहता है कि वह हर दिन काम करता रहे।  लेकिन कभी भाग्य और प्रारब्ध दूसरा सोचते हैं।  आप अपना सोचा नहीं कर पाते । 
आपने खुद को किस प्रकार व्यस्त रखा ? 
मैं खुद पर काम करती हूँ।   मैंने रैकी और विपासना की।  इससे मुझे फायदा हुआ।  ध्यान (मैडिटेशन)  के कारण ही मैं काम पर वापस आ सकी।  मैं सोचती हूँ कि आपके साथ जो कुछ होता है, अच्छे के लिए ही होता है।  आप जो अपनी पसंद बनाते हैं, उसका कुछ न कुछ परिणाम तो होता ही है।  
अब आपका क्या लक्ष्य है ? चालू शो के बारे में भी कुछ कहें ? 
मैं ऐसा काम करना चाहती हूँ जो मुझमे हलचल पैदा करे ।  मैं अच्छा काम करना चाहती हूँ।  यही मुझ में हलचल पैदा करता है।  वह.....अपना सा जैसे करैक्टर काफी कठिन हैं।  यह ग्रे करैक्टर है।  लेकिन मेरी कोशिश इसे टेलीविज़न की तरह ठेठ ग्रे नहीं बनाने की है।  

Saturday 1 April 2017

'कोलोसल' हम सब में एक मॉन्स्टर है

ग्लोरिया की नौकरी छूट जाती है।  उसका पुरुष मित्र भी उसे अपने अपार्टमेंट से निकाल बाहर करता है।  अब ग्लोरिया के पास न्यू यॉर्क में अपने घर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है।  वह अपने घर  वापस आकर महसूस करती है कि एक विशाल दैत्य द्वारा दक्षिण कोरिया को तहस नहस करने की खबरों से ग्लोरिया का कोई सम्बन्ध है।  ऐसे में जबकि स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो गई हैं  ग्लोरिया को पता करना है कि उसका इन घटनाओं से क्या सम्बन्ध है।  नचो विगलांडो  निर्देशित इस फिल्म में ग्लोरिया का रोल ऐनी हैथवे ने किया है।  उनके पुरुष मित्र ऑस्कर की भूमिका जैसन सुडैकिस, टिम की भूमिका डान स्टीवेंस, जोएल की भूमिका ऑस्टिन स्टोवेल ने की है।  अन्य भूमिकाओं में सिमोन पेग, अगम डरशी और हन्ना चेरमी हैं। यह फिल्म जापानी मॉन्स्टर कैजू पर बनी फिल्मों की सीरीज में एक एक्शन, कॉमेडी साइंस फिक्शन फिल्म है।  यह फिल्म ७ अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।  


वीटा और वर्जिनिया की लेस्बियन कहानी

चान्या बटन निर्देशित फिल्म वीटा एंड वर्जिनिया लेस्बियन रोमांस की कहानी है। फिल्म में सोशलाइट और लोकप्रिय लेखिका वीटा सैकविले-वेस्ट और साहित्य जगत की हस्ती वर्जिनिया वुल्फ के वास्तविक रोमांस का चित्रण हुआ है। बर्न बर्न बर्न की ब्रिटिश निदेशिका चन्या बटन की इस फिल्म में ईवा ग्रीन वर्जिनिया वुल्फ और जेम्मा आर्टेर्टन वीटा सैकविले-वेस्ट का किरदार करेंगी। वर्जिनिया स्टीफेन का वीवाह १९१२ में लियोनार्ड वुल्फ से हुआ था।  १९२२ में सोशलाइट वीटा सैकविले से मिली। इन दोनों के बीच समलैंगिक सम्बन्ध स्थापित हो गए।  जो दस साल तक कायम रहे। इन बातों का ज़िक्र इन  दोनों के पत्रों और डायरी में मिलता है।  ख़ास बात यह थी कि लेस्बियन सम्बन्ध ख़त्म हो जाने के बाद भी इन दोनों की दोस्ती १९४१ यानि वुल्फ की मृत्यु तक बरकरार रही।  वीटा और वर्जिनिया में समलैंगिक जोड़े का किरदार करने वाली ईवा ग्रीन और जेम्मा आर्टेर्टन ने अलग अलग फिल्मों में जेम्स बांड गर्ल का किरदार किया है।  ईवा ग्रीन ने २००६ में रिलीज़ बांड फिल्म कैसिनो रोयाले में बांड गर्ल वेस्पर लींड का किरदार किया था।  जबकि जेम्मा आर्टेर्टन २००८ में रिलीज़ बांड फिल्म क़्वांटम ऑफ़ सोलेस में बांड गर्ल स्ट्रॉबेरी फ़ील्ड्स का किरदार किया था।  जेम्मा की इसी साल फरवरी में सेंट जोआन रिलीज़ हुई है।  उनकी एक फिल्म द एस्केप भी इसी साल रिलीज़ होनी है। ईवा ग्रीन रोमन पोलंस्की की फिल्म बेस्ड ऑन अ ट्रू स्टोरी और यूफोरिया में नज़र आएँगी। वीटा एंड वर्जिनिया २०१८ में रिलीज़ होगी।  

Friday 31 March 2017

रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ’का ट्रेलर लॉन्च

पिछले दिनों रवीना टंडन मुंबई में अपनी फिल्म मातृ की पूरी स्टारकास्ट के साथ मौजूद थी।  क्यों रवीना टंडन की फिल्म 'मातृका ट्रेलर रिलीज होने जा रहा था । फिल्म मातृ द मदर में रवीना एक कामकाजी महिला का किरदार निभा रहीं है, जो अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में संघर्ष करती है। रवीना ने ट्विटर पर ये ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा, "ये फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है।  मैं इसे लेकर वो बहुत ही उत्साहित हूँ। इस फिल्म में रवीना टंडन का एक अलग अवतार दिखेगा। वह घरेलु
हिंसा और बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए संघर्ष करती नज़र आएंगी। लॉन्च के मौके पर अपने कैरेक्टर के बारे में बताते हुए रवीना टंडन ने कहा, "फिल्म की कहानी एक मां के इर्द-गिर्द घूमती है।  यह फिल्म बताती है कि अपनी बेटी के लिए एक मां का सफर कैसे होता है !" इस फिल्म को अश्तर सैयद ने डायरेक्ट किया है। इसे अंजुम रिज़वी और मनोज अधिकारी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म २१ अप्रैल को रिलीज हो रही है।

Wednesday 29 March 2017

बेगम जान, लाली और जूलिएट यानि नायिका प्रधान फ़िल्में

पिछले शुक्रवार (२४ मार्च) रिलीज़ दो फिल्मों फिल्लौरी और अनारकली ऑफ़ आरा के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बीच लंबा फासला है।  फिल्लौरी ने जहां ४.०२ करोड़ की ओपनिंग ली, वही अनारकली ऑफ़ आरा केवल १० लाख का कलेक्शन  ही कर सकी।  फिल्लौरी ने शनिवार को छलांग सी मारते हुए पांच करोड़ का कलेक्शन किया। बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन का यह फर्क दोनों फिल्मों की शैली और स्टार कास्ट का था।  फिल्लौरी अनुष्का शर्मा और दिलजीत दोसांझ की कॉमेडी फिल्म थी।  जबकि, सीरियस फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा की अनारकली ऋचा चड्डा थी।  ऋचा चड्डा ख़ास प्रकार की फिल्मो की तो नामचीन हैं, लेकिन कमर्शियल फिल्मों में अनुष्का शर्मा का  डंका ही बजता है। अभिनेत्रियों का यह फर्क बॉक्स ऑफिस पर साफ़ नज़र आया।
महिलाओं का दबदबा
बॉक्स ऑफिस के इस फर्क को नज़रअंदाज़ करें तो  पता चलता है कि  इस समय बॉक्स ऑफिस पर महिला प्रधान या नायिका प्रधान फिल्मों का दबदबा है।  यह समय ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रिकेट सीरीज और आईपीएल तमाशे का है।  ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज के ख़त्म होते ही, ५ अप्रैल से आईपीएल के टी-२० मैच शुरू हो जायेंगे। इस क्रिकेटिया घमासान में बॉलीवुड के तमाम खान  और कुमार अभिनेता दुबके पड़े हैं।  अक्षय कुमार डायरेक्टर शिवम नायर की फिल्म नाम शबाना  में छोटी भूमिका कर रहे हैं।  लेकिन यह फिल्म शबाना यानि तापसी पन्नू के अंडरकवर एजेंट बनने की एक्शन और रोमांच से भरी दास्ताँ है। इस फिल्म को बेबी की प्रीकुएल फिल्म  बताया जा रहा है। यह फिल्म ३१ मार्च को रिलीज़ हो रही है।  साफ़ तौर पर नायिका प्रधान फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर जोर आज़माईश कर रही हैं।
मिर्ज़ा जूलिएट और लाली लड्डू
आईपीएल के दौरान, अप्रैल में हीरोइन ओरिएंटेड फ़िल्में छाई रहेंगी।  ७ अप्रैल को दो रोमांटिक फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर होंगी।  इन दोनों फिल्मों में दक्षिण की दो अभिनेत्रियां अपना भाग्य आजमा रही होंगी।  मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका करने वाले दर्शन कुमार अब रोमांटिक हीरो बन रहे हैं।  उनकी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट में उनकी जूलिएट दक्षिण की अभिनेत्री पिया बाजपेई हैं।  इटावा उत्तर प्रदेश में जन्मी पिया बाजपेई का करियर जमा दक्षिण की तमिल और तेलुगु  फिल्मो में।  उनकी हिंदी फिल्मों मुम्बई डेल्ही मुम्बई और लाल रंग को बॉक्स ऑफिस पर असफलता का मुंह देखना पड़ा।  इसलिए  पिया का अपनी
रोमकॉम फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट से उम्मीदें रखना स्वाभाविक है।  दूसरी फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना भी रोमकॉम फिल्म है।  इसमें दक्षिण की नायिका अक्षरा हासन लाली के किरदार में हैं।  यह फिल्म उनके इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में उनके लड्डू विवान शाह के अलावा कविता वर्मा और गुरमीत चौधरी भी हैं। अक्षरा की पहली फिल्म अमिताभ बच्चन और धनुष के साथ षमिताभ बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद असफल रही थी।  इन दोनों फिल्मों के बीच तीसरी फिल्म ब्लू माउंटेन पुराने जमाने की गायिका की अपने बेटे के रियलिटी शो में हिस्सा लेने के कारण खुद के सपने पूरा होते देखने की है।  इस फिल्म में ग्रेसी सिंह माँ का किरदार कर रही हैं।
बेगम जान विद्या बालन 
पांच साल पहले, अभिनेत्री विद्या बालन ने डर्टी पिक्चर और  कहानी जैसी फिल्मों से अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही, बॉक्स ऑफिस पर भी अपनी पकड़ ज़ाहिर की।  जब ऐसा लगाने  लगा था कि बॉक्स ऑफिस पर विद्या  बालन का नाम भी बिकता है, विद्या बालन की घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस और हमारी अधूरी कहानी जैसी फ़िल्में फ्लॉप हो गई।  पांच साल बाद कहानी की सीक्वल फिल्म कहानी २ : दुर्गा रानी सिंह रिलीज़ हुई।  सुजॉय घोष की १७ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को सौ करोड़िया सफलता तो नहीं मिली।  लेकिन, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ५४.७९ करोड़ का बिज़नस किया।  यही कारण है कि अब दर्शकों की निगाहें बेगम जान पर टिकी हुई हैं।  इस फिल्म में विद्या बालन का टाइटल रोल है।  यह फिल्म विभाजन के दौर के कलकत्ता के एक वैश्यालय की है।  इस फिल्म में महिला चरित्रों की भरमार है।  क्या विद्या बालन के साथ बेगम जान को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिलेगी?
सलमान  खान के साथ डेब्यू करने वाली अभिनेत्रियों का टकराव 

२१ अप्रैल को बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्प टकराव होगा।  इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान के साथ फिल्म  डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  रवीना टंडन ने १९९१ में सलमान खान के साथ फिल्म पत्थर के फूल से डेब्यू किया था।  उनकी बतौर करैक्टर एक्टर फिल्म मातृ : द मदर इस हफ्ते रिलीज़ हो रही है।  यह फिल्म घरेलु हिंसा और  बलात्कार की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने वाली एक स्त्री की जीवन यात्रा है।  इस फिल्म के सामने रिलीज़ हो रही है एक महिला पत्रकार की कहानी।  इस फिल्म की नायिका सोनाक्षी सिन्हा है।  सोनाक्षी सिन्हा ने २०१० में सलमान खान के साथ फिल्म दबंग से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  साफ़ तौर पर २१ अप्रैल को रिलीज़ दोनों ही फ़िल्में हीरोइन ओरिएंटेड हैं।  इनका मुक़ाबला क्या रंग लाएगा, यह देखने के बजाय दर्शक सलमान खान के साथ डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फिल्मों के टकराव में दिलचस्पी लेंगे।  इस दौरान भाभियों (हृषिता भट्ट, मेघना नायडू, दिव्या उन्नी, अर्चना प्रसाद) के चक्कर में फंसे एक लडके (राजकुमार कनोजिया) की दास्तान भाभी पेडिया देखना भी दिलचस्प होगा।
बाहुबली के बाद भी !
बाहुबली २ : द कॉन्कलूजन के बाद भी नायिका प्रधान फ़िल्में हर अंतराल में रिलीज़ होती रहेंगी। बाहुबली और भल्लाल देवा के टकराव के बीच भी बाहुबली द कॉन्कलूजन में महारानी देवसेना, अवंतिका और शिवागामी  के किरदार महत्वपूर्ण होंगे।  साल के बाकी दिनों में मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बहन होगी तेरी, टॉयलेट एक प्रेमकथा, मॉम, हसीना : द क्वीन ऑफ़ मुम्बई, बरेली की बर्फी, आदि नायिका प्रधान या महत्वपूर्ण महिला किरदारों वाली फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  बेशक बजट के लिहाज़ से यह फ़िल्में बड़ी नहीं होंगी।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर इनका बड़ा बिज़नस इन्हें हिट फिल्मों में ज़रूर शुमार करवा देगा।
क्रिकेट के सीजन में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ महिला प्रधान फ़िल्में दर्शाती हैं कि बॉलीवुड की नायिका अपने नायकों से ज़्यादा दमदार है।  इन फिल्मों की नायिका क्रिकेट में बिजी दर्शकों के बीच भी अपनी जगह बनाती है।  दर्शक माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये इन फिल्मों की तरफ मुखातिब भी होती है।  दिलचस्प बात यह है कि नायिका प्रधान फिल्मों को तमाम विपरीत  परिस्थितियों के बावजूद अच्छा कलेक्शन भी मिलता है।  अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी को समीक्षकों की जैसी सराहना मिली है और दर्शक जिस तरह से फिल्म की तरफ खिंचे चले जा रहे हैं, फिल्लौरी का २० करोड़ के आसपास का वीकेंड कलेक्शन दर्ज हो जायेगा।  यह किसी नायिका प्रधान फिल्म के लिहाज़ से काफी अच्छा है।




अलादीन और जस्मीन की तलाश में डिज्नी

डिज्नी को तलाश है अलादीन और जास्मिन की।  उन्हें इस चेहरे की तलाश किसी मिडिल ईस्ट के किसी देश के चेहरे में नज़र आएगी।  डिज्नी की यह तलाश है, उनकी लाइव-एक्शन फिल्म अलादीन के लिए। इन एक्टरों की उम्र १८ से २५ साल के बीच होनी चाहिए।  उनकी एक बड़ी खासियत यह भी होनी चाहिए कि वह अच्छा गा सकते हों। नृत्य क्षमता अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी।  अलादीन की शूटिंग इसी साल जुलाई में शुरू हो जाएगी तथा अगले साल जनवरी तक पूरी होगी।    इस फिल्म का निर्देशन शरलॉक सीरीज की फिल्मों और किंग आर्थर के डायरेक्टर गाय रिची करेंगे।  आम तौर पर हॉलीवुड की फिल्मों के तमाम एशियाई चरित्र भी हॉलीवुड के श्वेत एक्टरों द्वारा किये जाते हैं।  इसे अमेरिकी एक्टिविस्ट वाइटवाशिंग कहते हैं।  वाइटवाशिंग का पहला विवाद प्रिंस ऑफ़ पर्शिया: द सेंड्स ऑफ़ टाइम और द लास्ट एयरबेंडर के दौरान सुर्ख हुआ।  इसके बाद हॉलीवुड के स्टूडियो ने इससे बचने की कोशिश ज़रूर की।  लेकिन हालिया रिलीज़ फिल्म द ग्रेट वाल और  आने वाली फिल्म घोस्ट इन द शैल से यही विवाद फिर ज़ोर पकड़ सकता है।  शायद इसीलिए डिज्नी की निगाहें अपने अलादीन और जास्मिन के लिये मिडिल ईस्ट के एक्टरों को खंगालने जा रही है।