इंग्लिश डेली द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने आज दीपिका
पादुकोण के अख़बार द्वारा अपने स्तनों और कटाव के चित्रों पर मौज वाला
कमेंट्स करने पर की गयी ट्वीट का करार जवाब दिया है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के
बॉम्बे टाइम्स में उसकी पत्रकार प्रिया गुप्ता ने दीपिका पर
जम कर प्रहार किया है और उसे हीप्पोक्रेट करार दिया है. उन्होंने एक
प्रकार से इसे दीपिका पादुकोण का पब्लिसिटी स्टंट भी कह दिया है. अख़बार ने
उनके कैलेंडर गर्ल बनाने से लेकर तमाम पत्रिकाओं आदि के फोटोज को भी
प्रकाशित किया है.निश्चित तौर पर द टाइम्स ऑफ़ इंडिया देश का बड़ा अंग्रेजी
अख़बार है. बॉलीवुड में इसके पेज ख़ास लोकप्रिय होते हैं. पूरा बॉम्बे टाइम्स
फिल्म वालों की पब्लिसिटी के लिए विज्ञापन पेज बना दिया गया है. दीपिका
पादुकोण का ऊप्स मोमेंट निकालने से ऐसा लगता था क़ि यह अख़बार दीपिका की
पब्लिसिटी स्टंट का भागीदार है. बहरहाल, अब अख़बार ने स्थिति साफ़ कर दी है.
दीपिका पादुकोण के लिए चुप रहना ही बेहतर होगा, क्योंकि फिल्म के अलावा जब
किसी फंक्शन में वह रिवीलिंग क्लोथ्स पहन कर जाती हैं तो ऊप्स मोमेंट्स ही
पैदा करना चाहती हैं. इस प्रकरण से मेरा वह दावा भी साबित हुआ क़ि दीपिका
पादुकोण का यह प्रलाप पब्लिसिटी स्टंट ही था, जो बैक फायर कर गया.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday 22 September 2014
Sunday 21 September 2014
पायलट सलमान खान और एयर होस्टेस एली एवरम के साथ बिग बॉस ८ का सफर शुरू
बिग बॉस ८ के पॉयलट सलमान खान के जहाज पर सवार १२ यात्री आज (रविवार २१ सितम्बर) से बिग बॉस का तीन महीने से ज़्यादा लम्बे सफर तय करने को निकल चुके हैं. बिग बॉस के इस आठवें सीजन में बिग बॉस ७ की प्रतिभागी एली एवरम, पायलट सलमान खान की एयर होस्टेस की भूमिका में हैं। इस जहाज में सवार यात्रियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
१- करिश्मा तन्ना- टीवी और फिल्म एक्ट्रेस (ग्रैंड मस्ती)
२- सोनाली राउत- फिल्म एक्ट्रेस (द एक्सपोज़ )
३- सोनी सिंह - टीवी एक्ट्रेस (घर की लक्ष्मी बेटियां)
४- उपेन पटेल- मॉडल/ फिल्म एक्टर (३६ चाइना टाउन)
५- आर्य बब्बर- एक्टर
६- डिआंड्रा सोआरेस - मॉडल और फैशन डिज़ाइनर
७- सुशांत दिविग्लिकार- मिस्टर गे इंडिया २०१४
८- गौतम गुलाटी- टीवी एक्टर (दिया और बाती हम)
९- सुकृति कांडपाल - टीवी एक्ट्रेस (प्यार की ये एक कहानी सुनो)
१०- प्रणीत भट्ट - टीवी एक्टर (महाभारत- शकुनि)
११- नताशा स्तनकोविक - मॉडल और आइटम गर्ल (सत्याग्रह)
१२- मिनिषा लम्बा - फिल्म एक्ट्रेस (हनीमून ट्रेवल्स और बचना ऐ हसीनो)
१- करिश्मा तन्ना- टीवी और फिल्म एक्ट्रेस (ग्रैंड मस्ती)
२- सोनाली राउत- फिल्म एक्ट्रेस (द एक्सपोज़ )
३- सोनी सिंह - टीवी एक्ट्रेस (घर की लक्ष्मी बेटियां)
४- उपेन पटेल- मॉडल/ फिल्म एक्टर (३६ चाइना टाउन)
५- आर्य बब्बर- एक्टर
६- डिआंड्रा सोआरेस - मॉडल और फैशन डिज़ाइनर
७- सुशांत दिविग्लिकार- मिस्टर गे इंडिया २०१४
८- गौतम गुलाटी- टीवी एक्टर (दिया और बाती हम)
९- सुकृति कांडपाल - टीवी एक्ट्रेस (प्यार की ये एक कहानी सुनो)
१०- प्रणीत भट्ट - टीवी एक्टर (महाभारत- शकुनि)
११- नताशा स्तनकोविक - मॉडल और आइटम गर्ल (सत्याग्रह)
१२- मिनिषा लम्बा - फिल्म एक्ट्रेस (हनीमून ट्रेवल्स और बचना ऐ हसीनो)
गेम पैसा लड़की का प्रमोशनल सांग
अतुल पटेल और साजन अग्रवाल की पहली फिल्म गेम पैसा लड़की के
प्रमोशनल सांग गाने के लिए सिंगर कुणाल गांजावाला कृष्णा स्टूडियो आये।
फिल्म मॉडर्न मूवी प्राइवेट लिमिटेड के बैनर टेल बन रही है। संगीतकार देव
सिकदर ने गाना तीन दिन में बना लिया। फिल्म के कलाकार दीपांश गर्ग और सेज़ल
शर्मा भी रिकॉर्डिंग पे आये थे। गाने के डांस मास्टर हैं रिचर्ड और फिल्म
के निर्देशक हैं सचिन अग्रवाल। फिल्म नवंबर में रिलीज़ होगी।
'रंग रसिया' आशीष शर्मा बने झलक दिखला जा ७ के विजेता !
झलक दिखला जा के सातवें सीजन के विजेता सीरियल
रंगरसिया के हीरो आशीष शर्मा बन गए. इस शो के मेगा फाइनल में विजेता का
चुनाव जनता की वोटिंग के आधार पर हुआ. आशीष शर्मा इस लिए विजेता बने,
क्योंकि, रंगरसिया से वह टीवी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
उन्हें इसी लोकप्रियता का फायदा वोटों के रूप में मिला. जबकि, उनके
मुकाबले में शक्ति मोहन और मौनी रॉय बेहतर डांसर थीं. ख़ास तौर पर शक्ति
मोहन तो लाजवाब हैं. ऐसे में डांस पर आधारित शोज में विजेता चुनने का
अधिकार विशेषज्ञ जजस को न देकर जनता को देना, सवाल पैदा करने वाला है. इसमे
कोई शक नहीं कि वोट देने वाले प्रशंसक नृत्यों की भिन्न शैली के जानकार
नहीं होते. अगर, दर्शकों के वोट से ही विजेता का चुनाव होना है तो हफ़्तों
तक माधुरी दीक्षित जैसी सक्षम नृत्यांगना अभिनेत्री और हरफनमौला फिल्म
निर्देशक करण जौहर को जज नियुक्त करने से क्या फायदा. एपिसोड-दर-एपिसोड वोट
अपील कर प्रतिभागियों को रखा और निकाला जा सकता है.
मुंबई पुणे मुंबई बनी मुंबई दिल्ली मुंबई
मुंबई दिल्ली मुंबई मराठी निर्देशक सतीश रजवाड़े की हिंदी रोम कॉम फिल्म का नाम है। इस फिल्म में शिव पंडित और पिया बाजपेई मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म सतीश रजवाड़े की २०१० में रिलीज़ मराठी की हिट फिल्म मुंबई पुणे मुंबई का हिंदी रीमेक है. मुंबई पुणे मुंबई एक लड़की की कहानी है, जिसे अपने पुरुष मित्र की तलाश है, क्योंकि, उसकी माँ चाहती है कि वह अब शादी कर ले. इस फिल्म में स्वप्निल जोशी और मुक्ता बर्वे मुख्य भूमिका में थे। बाद में इस फिल्म का सीक्वल भी बनाये जाने की खबर थी। सतीश अपनी मराठी फिल्म को हिंदी में शाहिद कपूर के साथ बनाना चाहते थे। प्रारम्भ में शाहिद रीमेक में काम करने के लिए तैयार भी थे। लेकिन, फिर वह पीछे हट गए। सतीश ने शिव पंडित के साथ पिया को लेकर फिल्म का निर्माण पूरा कर लिया. अब यह फिल्म वायाकॉम १८ द्वारा २६ सितम्बर को रिलीज़ की जा रही है.
Friday 19 September 2014
कुछ ख़ास मज़ा नहीं आया इस दावत-ए -इश्क़ में
यशराज फिल्म्स का एक गिरोह जैसा बन गया है। इनकी फिल्मों का एक सेट बन गया है. यशराज बैनर की तमाम छोटे बजट की फ़िल्में छोटे शहरों पर केंद्रित होती हैं. आजकल, बॉलीवुड को लखनऊ ख़ास रास आने लगा है। रोमांस और कॉमेडी का तड़का रहता है। वही परिणीति चोपड़ा कभी सुशांत सिंह राजपूत के साथ तो कभी अर्जुन कपूर या रणवीर सिंह के रोमांस करती नज़र आती हैं. उनकी अभिनय की सीमित रेंज है. उनका अपना स्ट्रुक्टर है. वह आम तौर पर तेज़ तर्रार या यो कहिये बोल्ड लड़की के रूप में नज़र आती हैं. वह बोल्ड संवाद बेझिझक बोल डालती हैं. जैसे ही मौका लगता है अपने हीरो के साथ सो भी लेती हैं. यह इमेज परिणीति के किरदारों की बन चुकी है. हबीब फैसल को छोटे शहर के या माध्यम वर्ग के किरदारों पर छोटे बजट की फ़िल्में बनाने में महारत हासिल है। दो दूनी चार और इशकजादे में उन्होंने अपने कौशल का परिचय भी दिया था। परिणीति चोपड़ा और हबीब फैसल इशकजादे के बाद दूसरी बार एक साथ हैं। इसलिए दर्शकों की उम्मीदें ख़ास होना लाज़िमी भी है। इस बार फैसल ने परिणीति के साथ आदित्य रॉय कपूर को लिया है। परिणीति हैदराबाद की एमबीए लड़की हैं. वह अमेरिका जाना चाहती हैं. पर दहेज़ आड़े आता है। हर आने वाला रिश्ता दहेज़ की वजह से जुड़ने से पहले ही टूट जाता है। परिणीति टीवी पर राधा रेड्डी का दहेज़ विरोधी अधिनियम ४९८ ए के बारे में सुनती है। वह अपने पिता के साथ लखनऊ आ जाती है, ताकि, दहेज़ के लालची लोगों को झूठी शादी कर फंसाये और शादी के बाद दहेज़ माँगने का आरोप लगा कर पैसे ऐंठ सके. सुनने में यह कहानी दिलचस्प लगती है, पर कहानी चलने से पहले ही दर्शक जान जाता है कि हैदराबाद की एमबीए और लखनऊ शेफ की शादी हो कर रहेगी। होता भी वैसा है। लेकिन,सब कुछ बेहद उदासीन तरीके से। हबीब फैसल स्टार्ट और कट बोलते हैं. इन दो शब्दों के बीच परिणीति चोपड़ा, कभी आदित्य के साथ कभी अन्य पात्रों के साथ संवाद बोल कर निकल लेती हैं. इससे होता यह है कि दर्शकों को न तो लखनऊ के खाने का स्वाद आता है, न रोमांस का मज़ा।
परिणीति चोपड़ा ने अपनी इमेज के अनुरूप किरदार तो किया है। पर इसमे बोलडनेस गायब है। उन्हें देख कर लखनऊ का दर्शक भी शहर देखने के बजाय चीखना चिल्लाना शुरू कर देता है कि अब बोल्ड संवाद और चुम्बन आलिंगन देखने को मिलेगा। पर दोनों ही चीज़े परिणीति की पहले की फिल्मों की तुलना में कम भी हों और ठंडी भी। आदित्य के साथ परिणीति के केमिस्ट्री जमी नहीं। वैसे आदित्य कहीं कहीं प्रभावित करते हैं। पर उन्हें संवाद बोलने में कठिनाई आती है। अनुपम खेर ने अपने सर की विग की तरह अपना काम भी किया है। आजकल यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा टीवी कलाकारों को छोटा मोटा मौका दे रहे हैं। इस फिल्म में करण वाही को बेकार किया गया है। अन्य सब कलाकार भरपाई का काम कर जाते हैं.
हबीब फैसल ने फिल्म को खुद ही लिखा है। पर कुछ कल्पनाशील नहीं दे पाये। सब कुछ घिसा पिटा सा है। साजिद वाजिद का संगीत सिनेमाघर में ही ठीक लगता है। फिल्म की लम्बाई काम हैं अन्यथा फिल्म को ज़्यादा झेलना मुश्किल हो जाता।
परिणीति चोपड़ा ने अपनी इमेज के अनुरूप किरदार तो किया है। पर इसमे बोलडनेस गायब है। उन्हें देख कर लखनऊ का दर्शक भी शहर देखने के बजाय चीखना चिल्लाना शुरू कर देता है कि अब बोल्ड संवाद और चुम्बन आलिंगन देखने को मिलेगा। पर दोनों ही चीज़े परिणीति की पहले की फिल्मों की तुलना में कम भी हों और ठंडी भी। आदित्य के साथ परिणीति के केमिस्ट्री जमी नहीं। वैसे आदित्य कहीं कहीं प्रभावित करते हैं। पर उन्हें संवाद बोलने में कठिनाई आती है। अनुपम खेर ने अपने सर की विग की तरह अपना काम भी किया है। आजकल यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा टीवी कलाकारों को छोटा मोटा मौका दे रहे हैं। इस फिल्म में करण वाही को बेकार किया गया है। अन्य सब कलाकार भरपाई का काम कर जाते हैं.
हबीब फैसल ने फिल्म को खुद ही लिखा है। पर कुछ कल्पनाशील नहीं दे पाये। सब कुछ घिसा पिटा सा है। साजिद वाजिद का संगीत सिनेमाघर में ही ठीक लगता है। फिल्म की लम्बाई काम हैं अन्यथा फिल्म को ज़्यादा झेलना मुश्किल हो जाता।
यह सोनम "खूबसूरत" कपूर नहीं है !
शशांक घोष के निर्देशन में सोनम कपूर की फिल्म खूबसूरत की १९८० में रिलीज़ ऋषिकेश मुख़र्जी के निर्देशन में रेखा की फिल्म खूबसूरत की तुलना कतई नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि, इस लिहाज़ से सोनम कपूर रेखा की पासंग भी नहीं हैं। लेकिन, अगर शशांक की सोनम कपूर को बतौर एक्टर आकलन किया जाए तो सोनम कपूर बेहद कमज़ोर अभिनेत्री साबित होती हैं. उनकी कन्वेंटी हिंदी कोफ़्त पैदा करती है। ऐसा लगता है जैसे वह च्युइंगगम चबाते हुए अपने संवाद बोल रही हैं. खूबसूरत सोनम कपूर के करैक्टर डॉ मिली चक्रवर्ती पर केंद्रित है। वह आईपीएल टीम की फिजिओ हैं. उन्हें एक महाराजा का इलाज़ करने के लिए कहा जाता है. पूरी फिल्म की डॉ सोनम कपूर किधर भी न तो डॉ लगती हैं, डॉक्टरी करती हैं. रंग बिरंगी पोशाकें पहन कर, बचकानी हरकते करके वह खुद को मासूम तो साबित नहीं कर पाती, बेवक़ूफ़ ज़रूर लगती हैं. इस फिल्म को लिखने में महिलाओं की मुख्य भागीदारी है। डी एन मुख़र्जी की कहानी का स्क्रीनप्ले इंदिरा बिष्ट ने लिखी है और पात्रों को संवाद जूही चतुर्वेदी की कलम से निकले है. इनके संवादों की सिर्फ एक बानगी देखिये, जब सोनम कपूर फवाद खान से पूछती हैं, "क्या तुम्हे गंदे गंदे ख्याल नहीं आते." संगीत स्नेह खानवलकर का है। सीमाब सेन ने पार्श्व संगीत दिया है. सभी बेहद कमज़ोर साबित हुए हैं. फवाद खान पाकिस्तान के जाने माने अभिनेता हैं। लेकिन, उनके अभिनय में कच्चापन साफ़ नज़र आता है. वह सोनम कपूर के सामने सहमे सहमे से लगते हैं. वह किसी स्टेट के प्रिंस तो किसी कोण से नहीं नज़र आते। सोनम और फवाद के बीच कोई रोमांटिक केमिस्ट्री नहीं बन पाती। इन दोनों का चुम्बन भी बेहद ठंडा लगता है। रत्ना पाठक किसी भी कोण से रानी नहीं लगती हैं. उनका अभिनय भी बेहद खराब है। किरण खेर को देख कर ऊब लगती है. नाहक लाउड अभिनय करती हैं। प्रसेनजित चटर्जी, राजा हुसैन, गार्गी पटेल, मेहमान भूमिका में अदिति राव हैदरी और साइरस साहूकार को जाया किया गया है.
खूबसूरत का निर्माण अनिल कपूर की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने वाल्ट डिज्नी ने किया है। अनिल कपूर का पुत्री मोह तो समझ में आता है. लेकिन,वाल्ट डिज्नी की समझ पर तरस आता है. यह स्टुडिओ पूरे विश्व में कैसे इतना मशहूर बन गया है.
बहरहाल, इस फिल्म को आप देखना चाहें तो अपने रिस्क पर देखें। सर दर्द की गोलियां सप्लाई नहीं की जा सकतीं हैं
खूबसूरत का निर्माण अनिल कपूर की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने वाल्ट डिज्नी ने किया है। अनिल कपूर का पुत्री मोह तो समझ में आता है. लेकिन,वाल्ट डिज्नी की समझ पर तरस आता है. यह स्टुडिओ पूरे विश्व में कैसे इतना मशहूर बन गया है.
बहरहाल, इस फिल्म को आप देखना चाहें तो अपने रिस्क पर देखें। सर दर्द की गोलियां सप्लाई नहीं की जा सकतीं हैं
गणेश आचार्य की 'हे ब्रो' में बिग बी के ठुमके
गणेश आचार्य की फिल्म 'हे ब्रो' में बिग बी ने गणेश आचार्य के तैयार स्टेप्स पर ठुमके लगाएं। पेश है एक फोटो झलक -
'खूबसूरत' साबित होगी 'दावत-ए-इश्क़' !
आज कुल चार फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं. दो फ़िल्में बड़े बैनर्स की हैं. वाल्ट डिज्नी और अनिल कपूर फिल्म्स की खूबसूरत और यशराज फिल्म्स की दावत-ए-इश्क़ के मुकाबले Ciemme एंटरटेनमेंट की पॉकेट गैंगस्टर और फैंटम प्रोडक्शंस और दार मोशन पिक्चर्स की अग्ली रिलीज़ हो रही हैं. बाद की दो फ़िल्में अपने कंटेंट के लिहाज़ से माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर कर रही हैं. वैसे अग्ली के साथ अनुराग कश्यप का फैंटम बैनर है. लेकिन, दर्शक बंटेगा दो फिल्मों ख़ूबसूरत और दावत-ए-इश्क़ के बीच. यह दोनों हलकी फुलकी रोमांस फ़िल्में हैं. अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए इन फिल्मों की स्टार कास्ट ने दिन रात एक कर दिए हैं.शशांक घोष के निर्देशन में सोनम कपूर और फवाद खान का भविष्य खूबसूरत पर टिका है. खास तौर पर सोनम कपूर को खुद को २१ वी शताब्दी के बॉलीवुड की रेखा साबित करना है. इस लिहाज़ से आदित्य रॉय कपूर और परिणीति चोपड़ा को हबीब फैसल के निर्देशन में सोनम कपूर की चुनौती से ही निबटना है. कौन जीतेगा ख़ूबसूरत और दावत-ए-इश्क़ के बीच की जंग में. या दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर निबट जाएंगी? मतलब चार फ़िल्में भी हो सकता है. वीकेंड तक का इंतज़ार तो करना ही होगा.
Thursday 18 September 2014
दिसंबर में रिलीज़ होगी होब्बिट सीरीज की तीसरी फिल्म
जे आर आर टोल्किन के उपन्यास द होब्बिट पर आधारित होब्बिट सीरीज की तीसरी फिल्म द होब्बिट द बैटल ऑफ़ द फाइव आर्मीज १२ दिसंबर २०१४ को रिलीज़ होने जा रही है . वार्नर ब्रोठेर्स पिक्चर्स की यह फिल्म २५० मिलियन डॉलर के बजट से बनायीं गयी है. इस फिल्म में इयान मैक्लीन, मार्टिन फ्रीमैन, रिचर्ड आर्मिटेज, ल्यूक एवंस, ली पेस, आदि मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म का निर्देशन पीटर जैक्सन ने किया है.
http://www.thehobbit.com/images/HOBBIT_tapestry_art_large.jpg
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Wednesday 17 September 2014
जारी हुआ बैंग बैंग का टाइटल ट्रैक "बैंग बैंग "
मुंबई के जुहू स्थित पीवीआर सिनेमा में ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ की फिल्म बैंग बैंग का टाइटल ट्रैक जारी हुआ। इस मौके पर फिल्म के नायक नायिका ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ निर्देशक सिद्धार्थ आनंद के के साथ मौजूद रहे। बैंग बैंग के टीज़र पोस्टर को मिले दर्शकों के अब तक के रिस्पांस से खुश ऋतिक रोशन ने कहा, "बैंग बैंग मेरी श्रेष्ठ फिल्मों में से एक है ". उन्होंने बताया कि इस फिल्म के लिए हमने बहुत मेहनत की है। मैंने अपना श्रेष्ठ देने की पूरी कोशिश की है' "इसमे मेरे बिलकुल डिफरेंट एक्शन सींस हैं." जब ऋतिक से पूछा गया कि २ अक्टूबर को हैदर भी रिलीज़ हो रही है तथा क्या इससे किसी एक फिल्म को नुकसान नहीं होगा तो उन्होंने कहा, "दो अक्टूबर के दिन दो फ़िल्में असाधारण प्रदर्शन करेंगी" इस मौके पर कटरीना कैफ भी मौजूद थीं। वह काफी खुश नज़र आ रही थीं और कभी अकेले और कभी ऋतिक के साथ फोटोग्राफरों को मुस्कुराते हुए पोज़ दे रही थीं। जब उनसे बैंग बैंग ट्रैक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "ऋतिक'स पार्ट इन द बैंग बैंग टाइटल ट्रैक इज़ सेंसुओस।"
सोनी पर पंद्रह दिनों तक होगा प्रताप का विवाह
सोनी टेलीविज़न के शो भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप में युवा प्रताप का विवाह होने जा रहा है। मेवाड़ के कुंवर प्रताप का यह विवाह समारोह शानदार होगा। विवाह की औपचारिकताएं १५ दिनों तक चलेंगी. इस लिहाज़ से कुंवर प्रताप की शादी टेलीविज़न के की महा वेडिंग बनने जा रही है। सेट की राजपुताना परंपरा की सजावट की गयी है। कुंवर प्रताप और उनकी भावी पत्नी अजदबे के लिए खूबसूरत लिबास सिलवाये गए हैं। सजे धजे ढेरों बाराती आगामी कड़ियों की रौनक बढाएँगे. अपनी टीवी की इस शाही शादी के बारे में बताते हुए स्क्रीन पर प्रताप की भूमिका करने वाले एक्टर फैसल खान कहते हैं, "मेरी उम्र के लडके की शादी का सवाल ही नहीं उठता। पर मैं रील लाइफ की शादी का मज़ा लूट रहा हूँ. मेरे और अजदबे की पोशाकें बड़ी शानदार हैं. दर्शकों को भी टीवी पर इस महा विवाह को देखने में आनंद आएगा। "
Tuesday 16 September 2014
बिपाशा बासु के सुपरमॉडल से सुपर एक्ट्रेस बनने का "राज़" !
बचपन में टॉमबॉय जैसी रहने वाली बिपाशा बासु मॉडल बनना चाहती थीं। बिपाशा बासु के लिए मॉडलिंग का रास्ता तब खुला, जब उनका परिवार दिल्ली से शिफ्ट हो कर कलकत्ता चला गया। वहां एक होटल में मशहूर मॉडल मेहर जेसिया ने बिपाशा बासु को देखा। मेहर अभिनेता और फिल्म निर्माता अर्जुन रामपाल की पत्नी हैं। मेहर ने बिपाशा बासु को मॉडल बनने का रास्ता सुझाया। १९९६ में बिपाशा बासु ने गोदरेज सिंथोल सुपरमॉडल कांटेस्ट और फोर्ड मॉडल्स ऑफ़ द वर्ल्ड कांटेस्ट जीता। न्यू यॉर्क में बिपाशा बासु का बतौर मॉडल करियर चल निकला। वह हिन्दुस्तान की १७ साल में सुपरमॉडल बनने वाली प्रतिभागी थी.
आज किसी भी मॉडल को फ़िल्में मिल जाना आसान है। उस समय भी ऐसा ही था, पर इतना आसान भी नहीं। Calida के विज्ञापन में वह डिनो मोरया के साथ काफी बिंदास ढंग से पेश आ रही थीं। इसके कारण उन्हें इलाके के लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा। मगर बतौर नायिका पहली फिल्म भी मिली। पर, उस समय भी बिपाशा बासु सुपरमॉडल ही बनीं रहना चाहती थीं। क्योंकि, अब्बास मस्तान की फिल्म अजनबी में करीना कपूर की सह नायिका बनना उन्हें रास नहीं आ रहा था। बहरहाल, उस समय बॉलीवुड के भट्ट बंधू विक्रम भट्ट के निर्देशन में राज़ का निर्माण कर रहे थे। इस फिल्म में नायक डिनो मोरया की नायिका लिसा रे थीं। लिसा रे के साथ विक्रम भट्ट की पहली फिल्म कसूर को अच्छी सफलता मिली थी। विक्रम भट्ट ने राज़ के लिए भी लिसा रे को साइन किया था। शूटिंग के दौरान बिपाशा बासु डिनो से मिलने आती रहती थीं। पूरी यूनिट बिपाशा से अच्छी तरह से परिचित थी। या यों कहिये की दोस्ताना सा बन गया था। अब हुआ यह कि किन्ही कारणों से लिसा रे ने राज़ छोड़ दी। विक्रम भट्ट और भट्ट बंधू हीरोइन की तलाश में थे। बिपाशा बासु नज़रों के सामने थी। उस समय तक बिपाशा की पहली फिल्म अजनबी रिलीज़ हो चुकी थी। बिपाशा बासु के लिए रिजल्ट अच्छा नहीं रहा था। इसलिए वह आगे फ़िल्में करना नहीं चाहती थीं। पर भट्टों ने बिपाशा बासु को इमोशनल ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बिपाशा को डिनो के करियर का वास्ता दिया। अंततः बिपाशा बासु राज़ करने के लिए तैयार हो गयीं। २ फरवरी २००२ को राज़ रिलीज़ हुई। फिल्म ने, उस समय बॉक्स ऑफिस पर ३७ करोड़ की कमाई की। फिल्म आल टाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई. बिपाशा बासु, सुपरमॉडल से आज की सुपर एक्ट्रेस बिपाशा बासु बन गयीं।
आज किसी भी मॉडल को फ़िल्में मिल जाना आसान है। उस समय भी ऐसा ही था, पर इतना आसान भी नहीं। Calida के विज्ञापन में वह डिनो मोरया के साथ काफी बिंदास ढंग से पेश आ रही थीं। इसके कारण उन्हें इलाके के लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा। मगर बतौर नायिका पहली फिल्म भी मिली। पर, उस समय भी बिपाशा बासु सुपरमॉडल ही बनीं रहना चाहती थीं। क्योंकि, अब्बास मस्तान की फिल्म अजनबी में करीना कपूर की सह नायिका बनना उन्हें रास नहीं आ रहा था। बहरहाल, उस समय बॉलीवुड के भट्ट बंधू विक्रम भट्ट के निर्देशन में राज़ का निर्माण कर रहे थे। इस फिल्म में नायक डिनो मोरया की नायिका लिसा रे थीं। लिसा रे के साथ विक्रम भट्ट की पहली फिल्म कसूर को अच्छी सफलता मिली थी। विक्रम भट्ट ने राज़ के लिए भी लिसा रे को साइन किया था। शूटिंग के दौरान बिपाशा बासु डिनो से मिलने आती रहती थीं। पूरी यूनिट बिपाशा से अच्छी तरह से परिचित थी। या यों कहिये की दोस्ताना सा बन गया था। अब हुआ यह कि किन्ही कारणों से लिसा रे ने राज़ छोड़ दी। विक्रम भट्ट और भट्ट बंधू हीरोइन की तलाश में थे। बिपाशा बासु नज़रों के सामने थी। उस समय तक बिपाशा की पहली फिल्म अजनबी रिलीज़ हो चुकी थी। बिपाशा बासु के लिए रिजल्ट अच्छा नहीं रहा था। इसलिए वह आगे फ़िल्में करना नहीं चाहती थीं। पर भट्टों ने बिपाशा बासु को इमोशनल ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बिपाशा को डिनो के करियर का वास्ता दिया। अंततः बिपाशा बासु राज़ करने के लिए तैयार हो गयीं। २ फरवरी २००२ को राज़ रिलीज़ हुई। फिल्म ने, उस समय बॉक्स ऑफिस पर ३७ करोड़ की कमाई की। फिल्म आल टाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई. बिपाशा बासु, सुपरमॉडल से आज की सुपर एक्ट्रेस बिपाशा बासु बन गयीं।
Monday 15 September 2014
'सुपर नानी' में रेखा का नर्गिस अवतार !
नीचे दी गयी दो फोटोज को देखिये। इन फोटोज को देख कर किसी को भी मेहबूब खान की १९५८ में रिलीज़ कालजयी फिल्म मदर इंडिया की नर्गिस की याद हो सकती है। नर्गिस का बैलों के मर जाने के बाद हल को खुद अपने कंधे पर रख कर चलाने का चित्र उस समय काफी लोकप्रिय और चर्चित हुआ था। नर्गिस की याद ताज़ा कर देने वाला रेखा का यह पोज़ उनकी दीवाली वीकेंड में रिलीज़ होने जा रही फिल्म सुपर नानी का है। सुपर नानी में रेखा ने एक चिड़चिड़ी अमीर और अकेली औरत का किरदार किया है। रेखा ने इंद्र कुमार की फिल्म में युवा और बूढी स्त्री का किरदार किया है। यह चित्र उनके उसी दौर का है। इंद्र कुमार की सुपर नानी श्वेता कुमार के लिए ख़ास है। श्वेता फिल्म के निर्देशक इंद्र कुमार की बेटी हैं। श्वेता ने २००८ में हिमेश रेशमिया के साथ फिल्म क़र्ज़ से फ्लॉप बॉलीवुड डेब्यू किया था। इत्तेफ़ाक़ की बात यह है कि श्वेता की यह फिल्म रेखा की लम्बे समय बाद वापसी फिल्म है । क्या रेखा की वापसी फिल्म से श्वेता की हिट वापसी होगी!
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