Monday 9 November 2015

तमिल-तेलुगु भाषा में प्रेम रतन धन पायो का मुकाबला

डेढ़ दशक बाद सूरज बडजात्या के निर्देशन में सलमान खान की दिवाली में रिलीज़ होने जा रही फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के धमाकेदार बिज़नस की उम्मीद की जा रही है । इस दिवाली को सलमान खान कोई मौका नहीं खोना चाहते । वह अपनी फिल्म के ज़रिये पूरे देश की सिनेमा स्क्रीन्स पर छा जाना चाहते हैं । इसलिए, राजश्री बैनर द्वारा ‘प्रेम रतन धन पायो’ को तमिल और तेलुगु में भी डब कर रिलीज़ किया जा रहा है । इस फिल्म को ५०००+ प्रिंट्स के साथ रिलीज़ किया जा रहा है। हालाँकि, इसमे कोई शक नहीं कि हिंदी बेल्ट में सलमान खान बॉक्स ऑफिस पर सुलतान बने ताल ठोंक रहे होंगे । लेकिन, दक्षिण में कुछ ऐसा ही माजरा नहीं बनाने जा रहा होगा । हैदराबाद और चेन्नई के मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में सलमान खान को सुलतान वाला सम्मान नहीं मिलने जा रहा । क्योंकि, दिवाली के दौरान ही दक्षिण की दो दूसरी फ़िल्में भी रिलीज़ हो रही है । सलमान खान की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ में सोनम कपूर, अनुपम खेर और नील नितिन मुकेश एक राजघराने के षड्यंत्र को अंजाम तक पहुंचा रहे होंगे । सिंहासन के लिए भाई भाई का दुश्मन बना नज़र आएगा । सोनम कपूर दो-दो सलमान खान के बीच फंसी होंगी । यह फिल्म हॉलीवुड की हिट फिल्म 'द प्रिजनर ऑफ़ ज़िन्दा' का हिंदी रीमेक है।  दक्षिण में तमिल ‘प्रेम रतन धन पायो’ को चेन्नई और दक्षिण के अन्य तमिल भाषी शहरों में तमिल भाषा की दो फिल्मों और उनके दो सुपर सितारों की फिल्मों का सामना करना होगा । तमिल फिल्मों के सितारे अजित की फिल्म ‘वेदलम’ एक एक्शन ड्रामा फिल्म है । इसमे सुपर नेचुरल तड़का भी है । अजित के साथ हिंदी बेल्ट की जानी पहचानी अभिनेत्री श्रुति हासन उनकी नायिका हैं । दूसरी तमिल फिल्म कमल हासन की फिल्म ‘थून्गवनम’ है । यह एक थ्रिलर फिल्म है, जो एक फ्रेंच फिल्म ‘स्लीपलेस नाईट’ का रीमेक है । फिल्म में कमल हासन एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की भूमिका कर रहे हैं । एक ड्रग माफिया अपनी नशीली दवाओं को वापस पाने के लिए पुलिस अधिकारी के बेटे का अपहरण कर लेता है । कमल हासन को अपने बेटे को छुडाने के लिए उस ड्रग माफिया को उसका माल वापस करना ही है । इस फिल्म में तृषा ने भी महिला पुलिस की भूमिका की है । हैदराबाद, आदि तेलुगू भाषी क्षेत्रों में सलमान खान की तेलुगु भाषा में फिल्म को कमल हासन की फिल्म ‘थून्गवनम’ के तेलुगु संस्करण का सामना करना होगा । थून्गवनम’ को तेलुगु में ‘चीकाती राज्यम’ शीर्षक से रिलीज़ किया जा रहा है । हैदराबाद में कमल हासन की फिल्म का तेलुगु संस्करण सलमान खान को नाको चने चबवा देगा । यह इसलिए भी होगा कि सलमान खान की रोमांस ड्रामा फिल्म के सामने खडी यह दोनों फ़िल्में एक्शन, थ्रिलर और ड्रामा से भरपूर फ़िल्में हैं । इन फिल्मों के अभिनेताओं की अपने दर्शकों में अच्छी पकड़ है । चूंकि, दोनों ही एक्शन थ्रिलर फ़िल्में हैं । इस शैली की फिल्मों को तमिल और तेलुगु दर्शक काफी पसंद करता है । ऐसा नहीं है कि दक्षिण के दर्शक तमिल और तेलुगु बोलने वाले सलमान खान को पसंद नहीं करेंगे ! लेकिन अगर उनके अपने सितारे, उनके पसंदीदा जोनर वाली फिल्म से उनके सामने होगे तो वह सलमान खान को क्यों देखना चाहेंगे ! ऐसे में दक्षिण में भी दिवाली वीकेंड का पूरा पूरा फायदा उठाने का सलमान खान का सपना अधूरा रह सकता है ।

बाजीराव मस्तानी के तीन पोस्टर




Saturday 7 November 2015

‘महादेव’ की टीम के साथ ‘सिया के राम’

स्टार पर प्लस से दो शो अलविदा कहने जा रहे हैं। २२ दिसम्बर २०१४ से शुरू हुए सीरियल ‘तू मेरा हीरो’ का आखिरी एपिसोड १४ नवम्बर को दिखाया जायेगा। चैनल के सूत्र बताते हैं कि यह शो ठीकठाक रेटिंग न मिल पाने के कारण चैनल से बाहर हो रहा है। स्टार प्लस से बाहर होने वाला दूसरा शो ‘तेरे शहर में’ है। २ मार्च २०१५ को शुरू वाराणसी की पृष्ठभूमि पर यह शो भी १४ नवम्बर को अपना आखिरी प्रसारण करेगा। सोशल ‘तू मेरा हीरो’ की जगह एक पौराणिक कथानक ‘सिया के राम’ लेगा। राम के चरित्र पर इस सीरियल की खासियत यह होगी कि इसमे राम के चरित्र को सिया यानि सीता माता की दृष्टि से दिखाया जायेगा। इस सीरियल में आशीष शर्मा राम और मदिराक्षि मुण्डले सीता का चरित्र करेंगी। ज़ाहिर है कि इस सीरियल में राम के बजाय सीता ख़ास होंगी। इस सीरियल को बनाने में ‘देवों के देव महादेव’ की टीम ही जुटी हुई है। महादेव के अनिरुद्ध पाठक की परिकल्पना ‘सिया के राम’ को आनंद नीलकांतन और सुब्रत सिन्हा सीरियल के क्रिएटिव कंसलटेंट देवदत्त पटनायक के साथ लिख रहे हैं। चैनल सूत्रों की खबर है कि रात साढ़े दस बजे प्रसारित होने वाले सीरियल ‘तेरे शहर में’ की जगह रश्मि शर्मा टेलीफिल्म का नया शो ‘साजन’ लेगा। हालाँकि, अभी इसका अधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। ‘साजन’ युवा केन्द्रित प्रेम त्रिकोण है। स्टार नेटवर्क को लगता है कि उसके चैनल के लिए ‘साथ निभाना साथिया’ जैसा पॉपुलर सीरियल देने वाली रश्मि शर्मा का यह सीरियल भी उतना ही सफल होगा। बताते चलें कि ‘साथ निभाना साथिया’ टॉप फाइव सेरिअलों में शामिल है। 


वाटर गेट कांड पर लिअम नीसों

इस बार लियम नीसों को कुछ गुप्त फाइलों की खोज करनी है । 'टेकन' सीरीज की फिल्मों से एक्शन स्टार के रूप में मशहूर लियम नीसों एक पोलिटिकल थ्रिलर फिल्म में काम करने जा रहे हैं। यह फिल्म १९७२ के उस कुख्यात वाटरगेट कांड पर फिल्म है, जिसके फलस्वरूप तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस फिल्म का टाइटल 'फेल्ट' रखा गया है।  नीसों एफबीआई के पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर मार्क फेल्ट का किरदार कर रहे हैं। मार्क फेल्ट ने ही वाशिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर बॉब वुडवॉर्ड और कार्ल बर्नस्टीन को सूचनाएं लीक की थी। इस घटना के बाद राष्ट्रपति निक्सन के वाटरगेट काम्प्लेक्स में स्थित डेमोक्रेटिक नेशनल समिति के मुख्यालय में घुस कर सूचनाएं चुराने के अपराध में पांच लोग गिरफ्तार किये गए थे। २००५ में मार्क फेल्ट ने खुद को अनाम 'डीप थ्रोट' सोर्स बताया था। इस स्पाई थ्रिलर फिल्म का निर्देशन विल स्मिथ की एनएफएल ड्रामा फिल्म 'ककशन' के डायरेक्टर पीटर लैंड्समैन कर रहे हैं।   

रेजिडेंट ईविल की स्टंटवुमन घायल

इन दिनों, रेजिडेंट ईविल सीरीज की फिल्म ‘रेजिडेंट ईविल : द फाइनल चैप्टर’ की शूटिंग दक्षिण अफ्रीका में चल रही है । रेजिडेंट ईविल सीरीज की फ़िल्में सुपर पॉवर रखने वाली औरत की कहानी होने के बावजूद काफी लोकप्रिय साबित हुई है । इसका श्रेय फिल्म में एलिस की भूमिका करने वाली अभिनेत्री मिला जोवोविच को । उनके द्वारा किये गए एक्शन दर्शकों को सीट से चिपका देते हैं । एक्शन की उत्तेजना से उनकी मुट्ठियाँ भिंची रहती है । मिला जोवोविच के एक्शन डबल का काम करती है साउथ अफ्रीका की स्टंटवुमन ओलिविया जैक्सन । द फाइनल चैप्टर में भी ओलिविया मिला के बॉडी डबल के बतौर स्टंट कर रही है । ऐसे ही एक स्टंट के दौरान ओलिविया जैक्सन मोटर साइकिल स्टंट करते हुए गम्भीर रूप से घायल हो गई । वह मोटरसाइकिल पर स्टंट करते समय कैमरा क्रेन से टकरा गई । उनके शरीर की कई हड्डियाँ टूट गई और वह कोमा की स्थिति में चली गई । हालाँकि, साउथ अफ्रीका में ओलिविया को बढ़िया इलाज़ दिया जा रहा है, लेकिन उनकी हालत में फिलहाल कोई ख़ास सुधार नहीं है । ओलिविया ने रेजिडेंट ईविल सीरीज की फिल्मों में एलिस की भूमिका में मिला जोवोविच के तमाम एक्शन किया हैं । स्टार वार्स सीरीज की फिल्मों के स्टंट भी ओलिविया ने ही किये हैं । पिछले दिनों उन्हें फिल्म 'मोर्टडेकाई' फिल्म में एक्ट्रेस ग्वीनेथ पाल्ट्रो और फिल्म मैड मैक्स :फ्यूरी रोड' में रोसिए हंटिंगटन के स्टंट डबल की भूमिका निबाही।  वह मोटर साइकिल स्टंट की शौक़ीन हैं।  उनके पति भी एक स्टंट मैन हैं। 

Friday 6 November 2015

जब बेटे चार्ली शीन ने दिलाया पिता मार्टिन शीन को रोल

१९८७ में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी 'वाल स्ट्रीट' । अमेरिका की आर्थिक बाजार वाल स्ट्रीट की अंदरुनी हकीकत को बयान करने वाली फिल्म 'वाल स्ट्रीट' का निर्देशन ओलिवर स्टोन ने किया था।  यह फिल्म कहानी थी एक युवा  स्टॉकब्रोकर बड फॉक्स की, जो सफलता पाने के लिए बेक़रार है।  उसका आइडल गॉर्डोन गेक्को है।  वह वाल स्ट्रीट का धनी, मगर निर्मम कॉर्पोरेट खिलाड़ी हैं।  बड  उसकी कंपनी में  काम करना चाहता है।  इंटरव्यू के दौरान बड कई बुद्धिमत्तापूर्ण चीज़े बताता  है।  लेकिन, गॉर्डोन प्रभावित नहीं होता।  इस पर बड ब्लूस्टार एयरलाइन्स की उन अंदरूनी सूचनाओं को गॉर्डोन को बता देता  है, जो उसने अपने पिता और एयरलाइन्स के यूनियन लीडर कार्ल से बातों बातों में सुनी थी।  गॉर्डोन बड की आकाँक्षाओं को भांप जाता है।  वह उसका इस्तेमाल करना चाहता है।  गेक्को बड फॉक्स को अपने साथ शामिल कर लेता है।  लेकिन, सिलसिला यहीं नहीं रुकता।  गेक्को चाहता है कि बड फॉक्स उसे कुछ और अंदरुनी सूचना दिलवाए।  चाहे इसके लिए बड को कुछ भी करना पड़े।  इसके साथ ही मुश्किलों की शुरुआत हो  जाती है।  ओलिवर स्टोन गॉर्डोन गेक्को के रोल के लिए वारेन बीटी को लेना चाहते थे।  लेकिन, वारेन ने मना कर दिया। फिर वह रिचर्ड गेर के पास गए।  लेकिन अंततः इस रोल के लिए माइकल डगलस फाइनल हुए।  बड फॉक्स का किरदार २२ साल के चार्ली शीन कर रहे थे।  जब ओलिवर  के सामने  बड फॉक्स के पिता कार्ल फॉक्स के किरदार के लिए अभिनेता के चुनाव का सवाल उठा तो उन्होंने मार्टिन शीन पर छोड़ दिया कि वह जैक लेमन और अपने रियल लाइफ पिता मार्टिन शीन में से किसी को चुन ले।  चार्ली शीन ने अपने रियल पिता को रील के लिए भी चुन लिया।  चार्ली ने मार्टिन का चुनाव इस लिए किया था कि मार्टिन में भी वही नैतिकता थी, जो कार्ल के करैक्टर में थी।  

क्या पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री में सांस ले पायेगा बॉलीवुड का बादशाह खान !

शाहरुख़ खान से लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। शाहरुख़ खान गाना-बजाना करने और नाचने वाला एक्टर है। उसकी साल में औसतन दो फ़िल्में रिलीज़ होती हैं। अगर वह पकिस्तान धर्म के लिहाज़ से न सही, एक्टर के लिहाज़ से चला जाये तो वह वहाँ क्या करेगा! एक्टिंग ही न। आइये जान लेते हैं पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री का हाल। आजादी से पहले हिन्दुस्तानी फिल्म इंडस्ट्री मुख्य रूप से लाहौर में केन्द्रित थी। इसीलिए, आज की भाषा में पाकिस्तानी इंडस्ट्री को लोलिवुड कहा जाता है। पाकिस्तान की पहली फिल्म १९२८ में बनाई गई। इस फिल्म का नाम डॉटर ऑफ़ टुडे था। पाकिस्तान की पहली पंजाबी फिल्म शीला (पिंड दि कुड़ी) लाहौर में नहीं, बल्कि कलकत्ता में के डी मेहरा ने बनाई थी। पाकिस्तान बनने के बाद गैर मुस्लिम कलाकारों का पाकिस्तान से भागने का सिलसिला शुरू हो गया। अभिनेत्री शहनाज़ बेगम को इसलिए पाकिस्तान से भागना पड़ा, क्योंकि उनकी मातृ भाषा बंगाली थी और उनका रंग काला था। पार्टीशन के दौरान संगीतकार ओ पी नय्यर पर हमला हुआ। एक मुसलमान पडोसी ने उनकी जान बचाई। वह भारत भाग आये। १९५५ में शीला रमानी और मीना शोरी अपने 'वतन' पाकिस्तान गई। शीला रमानी का जल्द ही पाकिस्तान से मोह भंग हो गया। वह हिंदुस्तान वापस आ गई। लेकिन, मीना शोरी वापस नहीं आई। विडम्बना देखिये की अविभाजित भारत की इस पॉपुलर एक्ट्रेस की १९८९ में मौत हुई तो उनको दफनाने के लिए पैसे नहीं थे। १९७१ से पहले पाकिस्तान में लाहौर, कराची और ढाका में फिल्मों का निर्माण होता था। १९७१ में बांगलादेश बनने के बाद ढाका अलग हो गया। पाकिस्तान में मुख्य रूप से उर्दू भाषा में फिल्मे बनाई जाती हैं। पंजाबी, पश्तो, बलूची और सिन्धी भाषा में भी फ़िल्में बनाई जाती है। पाकिस्तानी फिल्म उद्योग हमेशा से इस्लामिक एजेंडा का शिकार होता रहा है। जनरल जिया-उल- हक के शासन काल में इस पर काफी प्रतिबन्ध थोपे गए। नतीजे के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री का ख़ास तौर पर प्रोडक्शन और एक्सिबिशन सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ। नतीजे के तौर पर कभी साल में ८० फ़िल्में बनाने वाला लोलिवुड मुश्किल से दो फ़िल्में बनाने लगा। सिनेमाघर बंद होते चले गए। साठ के दशक में जिस कराची में १०० सिनेमाघर हुआ करते थे और यह सेंटर १०० फिल्मे बनाया करता था, सत्तर के दशक में उसी कराची में दसेक सिनेमाघर ही बचे रह सके। २००२ से सिनेमाघरों को खोले जाने का प्रयास किया जाने लगा। सिनेप्लेक्स के ज़रिये स्क्रीन बढ़ाने की कोशिशें जारी है। वर्तमान में (२००९) पाकिस्तान में ३१९ सिनेमाघर हैं। पाकिस्तानी फिल्म उद्योग साल में १५ फ़िल्में ही बना पाता है। बताते हैं कि एक समय सिनेमाघरों से दूर हो गए दर्शक २०१० में सलमान खान की फिल्म दबंग की रिलीज़ के बाद वापस आने लगे। पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्मों के लिए टिकट दरें ३००-५०० की रेंज में रखी जाती हैं। बॉलीवुड की फ़िल्में दुनिया के जिन ९० देशों में रिलीज़ होती है, वहाँ घुसने की कल्पना तो पाकिस्तानी फ़िल्में करती भी नहीं हैं। पाकिस्तान की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म १९१५ में रिलीज़ जवानी फिर न आनी' है। इस फिल्म ने ३७ करोड़ का बिज़नेस किया है। पाकिस्तान की केवल सात फिल्मे ही १० करोड़ से ज़्यादा का बिज़नेस कर सकी है। पाकिस्तान में अगर कोई फिल्म १० करोड़ कमा ले जाती है तो वह भारतीय फिल्मों के १०० करोड़ में शामिल मानी जाती है। ज़ाहिर है कि पाकिस्तान में १० करोड़ का इलीट क्लब बना हुआ है।
इसे पढने के बाद आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पाकिस्तानी आर्टिस्ट भारत की और क्यों भागते हैं। ऐसे में अगर हफ़ीज़ सईद के बुलावे पर 'असहिष्णुता' का शिकार शाहरुख़ खान पाकिस्तान चला जाये तो वह वहां क्या धोएगा, क्या निचोड़ेगा और क्या ख़ाक सुखायेगा। खुद सूख जायेगा। अगर शाहरुख़ खान इसे सोच ले तो उसका दम पाकिस्तान से दूर मुंबई में मन्नत में बैठे बैठे ही घुट जायेगा।
सबसे ज्यादा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन करने वाली पाकिस्तानी फिल्म 'जवानी फिर नहीं आनी'