'दिलवाले' के सुपर फ्लॉप हो जाने के बावजूद घुटन महसूस करने के शाहरुख़ खान के बयान पर लोगों का गुस्सा अभी ख़त्म नहीं हुआ है। वह जहाँ भी जाते हैं विरोध का शिकार होते हैं। उन्हें लोगों का ताज़ातरीन गुस्सा भुज में फिल्म रईस की शूटिंग के दौरान झेलना पड़ा। रईस गुजरात के शराब तस्कर के डॉन बनने की कहानी है। शाहरुख़ खान इस करैक्टर को कर रहे हैं। लेकिन, भुज में शूटिंग में रुकावट पैदा होने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। कल रात अहमदाबाद में जिस होटल में शाहरुख़ खान रुके हुए थे, कुछ युवकों के झुण्ड ने उनके मुर्दाबाद के नारे लगाये और उनकी कार पर पथराव किया। इस समय शाहरुख़ खान अहमदाबाद में सरखेज रोज़ा गुम्बद और मस्जिद में शूटिंग कर रहे हैं। इसलिए, भुज की घटना को देखते हुए उनकी सुरक्षा में गुजरात पुलिस के ४०० जवान लगाए गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद खान की फिल्म की शूटिंग नहीं हो सकी, क्योंकि इस शूट के लिए यूनिट के लोग पुरातत्व विभाग से अनुमति लेना भूल गए। यह इमारत एक ऐतिहासिक स्मारक है। रईस की शूटिंग में पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान के हिस्सा लेने की भी खबर है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 14 February 2016
अहमदाबाद में हुआ शाहरुख़ खान की कार पर पथराव, लगे नारे
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ऑस्कर पुरस्कारों में भारतीय फिल्म हस्तियां !
प्रियंका चोपड़ा इस साल २८ फरवरी को हो रहे ऑस्कर पुरस्कारों में प्रेजेंटर की हैसियत से हिस्सा लेंगी। वह हॉलीवुड की उन कुछ बड़ी हस्तियों के साथ ऑस्कर के मंच पर दिखाई देंगी, जिन्हे हम उनकी फिल्मों से जानते पहचानते हैं। प्रियंका चोपड़ा के लिए ऑस्कर से जुड़ने का यह दूसरा मौका होगा। पिछले साल, ऑस्कर २०१५ की प्री-अवार्ड पार्टी में प्रियंका ने हिस्सा लिया था। इस पार्टी को भारतीय रक्त वाली हॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो ने वैनिटी फेयर के साथ आयोजित किया था।
प्रियंका चोपड़ा से पहले भी
लेकिन, ऑस्कर समारोहों में हिस्सा लेने वाली प्रियंका चोपड़ा पहली भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़ी हस्ती नहीं हैं। हिंदुस्तान १९५७ से ऑस्कर अवार्ड्स की विदेशी फिल्मों की श्रेणी में अपनी फ़िल्में भेज रहा है। लेकिन, अब तक तीन बार भारतीय फ़िल्में शामिल की गई थी। १९५७ में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म की श्रेणी में महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया भेजी गई। यह फिल्म अंतिम पांच फिल्मों में चुनी भी गई। लेकिन, एक वोट से मदर इंडिया ने ऑस्कर अवार्ड्स फेडरिको फेलिनी की इतालवी फिल्म नाइट्स ऑफ़ कैबिरिआ के पक्ष में खो दिया। फिर ३१ साल बाद मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे (१९८८) को ऑस्कर पुरस्कारों की होड़ में नामित होने का मौका मिला। सलाम बॉम्बे डेनिश फिल्म पेले द कॉन्करर से पिछड़ गई। इसके १३ साल बाद आशुतोष गोवारिकर की फिल्म लगान ऑस्कर पुरस्कारों में नामित हुई। यह फिल्म बोस्नियाई फिल्म नो मेंस लैंड से परास्त हो गई। इस प्रकार से तीनों भारतीय फ़िल्में ऑस्कर जीत पाने में नाकाम रही। इस साल मराठी फिल्म कोर्ट ऑस्कर में विदेशी फिल्म की श्रेणी के लिए भेजी गई थी। लेकिन, वह नामित तक नहीं हो सकी। ऑस्कर पुरस्कारों के लिए होने वाले समारोह में नामित फिल्मों से जुड़ी हस्तियां हिस्सा ले सकती हैं। इसलिए, लगान के नामित होने पर निर्देशक आशुतोष गोवारिकर, आमिर खान अपनी उस समय की बीवी रीना खान के साथ शामिल हुए।
नामित होने के कारण ऑस्कर में
७१ वे ऑस्कर अवार्ड्स में शेखर कपूर की इंग्लिश फिल्म एलिज़ाबेथ नामित हुई थी। फिल्म के नॉमिनेशन के कारण ऑस्कर पुरस्कारों के फंक्शन में शेखर कपूर की मौजूदगी दर्ज़ हुई। दीपा मेहता की फिल्म वॉटर के ऑस्कर में नॉमिनेट होने के कारण जॉन अब्राहम, लिसा रे और सीमा बिस्वास को दीपा मेहता के साथ ७९ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल होने का मौका मिला। यह हिंदी फिल्म कनाडा की प्रविष्टि के रूप में भेजी गई थी। लाइफ ऑफ़ पाई के हीरो और भारतीय अभिनेता सूरज शर्मा २०१३ में हुए ८५ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल हुए थे। इसी फिल्म के लिए बॉम्बे जयश्री भी बेस्ट सांग की श्रेणी में नामित हुई। २०१३ में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म लिंकन १२ श्रेणियों में नामित हुई थी। लिंकन का निर्माण स्टीवन स्पीलबर्ग की कंपनी ड्रीम वर्क्स के साथ रिलायंस ने किया था। इसीलिए इस फिल्म के निर्माता के तौर पर अनिल अम्बानी और उनकी पत्नी और भूतपूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री इस समारोह में मौजूद थी। डेविड ओ रसेल की फिल्म सिल्वर लइनिंग्स प्लेबुक ऑस्कर में नामित हुई थी। फिल्म में केंद्रीय भूमिका करने वाले भारतीय अभिनेता अनुपम खेर को नॉमिनेशन नहीं मिला था। लेकिन, अपनी फिल्म के कारण उन्हें भी इस फंक्शन में शामिल होने का मौका मिला।
जब ऑस्कर में छाया इंडिया
ऑस्कर पुरस्कारों का ८१ वां एडिशन भारत के लिए ख़ास था। जैसे पूरा बॉलीवुड ऑस्कर समारोह में मौजूद था। भारतीय संगीतकार ए आर रहमान ने २००९ में डैनी बॉयल की इंग्लिश फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए दो श्रेणियों (बेस्ट ओरिजिनल स्कोर और गुलज़ार के साथ बेस्ट ओरिजिनल सांग जय हो) में ऑस्कर पुरस्कार जीता था। इसी फिल्म के लिए रसूल पुकुट्टी ने साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में पुरस्कार जीता था। इसी साल स्माइल पिंकी ने शार्ट डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार जीता। इसीलिए, जब जब ऑस्कर अवार्ड्स में स्लमडॉग मिलियनेयर का नाम पुकारा जाता, स्टेज पर भारतीय डिज़ाइनर्स की डिज़ाइन लहराने इतराने लगती। समारोह में बराबर ए आर रहमान का संवारा जय हो गीत बजने लगता। इस धुन पर हॉल में मौजूद तमाम हस्तियां भी मुग्ध हो जाती।
ऑस्कर पुरस्कारों में नामित और पुरस्कृत भारतीय
१९८३ में रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी एकेडेमी अवार्ड्स की आठ श्रेणियों में नामित हुई थी। इस फिल्म की कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर भानु अथैया थी। उन्होंने जॉन मोलो के साथ बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का पुरस्कार जीता था। सितार वादक रवि शंकर का ऑस्कर अवार्ड्स में बेस्ट ओरिजिनल स्कोर की श्रेणी में नामित किया गया था। सत्यजित रे को १९९२ में मानद ऑस्कर से सम्मानित किया गया। अश्विन कुमार की लघु फिल्म लिटिल टेररिस्ट को २००५ में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। वह ऑस्कर्स में नामित होने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय थे।
भारतीय और भारत के विषय पर फ़िल्में
१९८४ में ई एम फोर्स्टर की पुस्तक का स्क्रीन रूपांतरण निर्देशक डेविड लीन की फिल्म अ पैसेज टू इंडिया ११ ऑस्कर श्रेणियों में नामित हुई थी। फिल्म ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस और बेस्ट ओरिजिनल स्कोर के अवार्ड जीते। इस फिल्म में विक्टर बनर्जी, सईद जाफरी और रोशन सेठ जैसे भारतीय अभिनेताओं ने भी काम किया था। भारतीय मूल के फिल्मकार इस्माइल मर्चेंट एक बार नहीं चार बार ऑस्कर के लिए नामित हुए। मर्चेंट आइवरी की लघु फिल्म द क्रिएशन ऑफ़ वुमन १९६१ में ऑस्कर पुरस्कारों में नामित हुई। उनकी तीन फ़िल्में अ रूम विथ अ व्यू, होवार्डस एंड और द रिमेंस ऑफ़ द डे भी ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में नामित हुई।
ऑस्कर पुरस्कार समारोह में किसी बॉलीवुड सेलेब्रिटी के शामिल होने पर दूसरे सेलिब्रिटीज को डाह करने की ज़रुरत नहीं। हॉलीवुड में अपने कांटेक्ट बढाइये और पाइए ऑस्कर अवार्ड्स में शामिल होने का सुनहरा मौका। इसीलिए, भारतीय फिल्म अभिनेत्रियां किसी हॉलीवुड हस्ती के इनविटेशन पर भी ऑस्कर अवार्ड्स फंक्शन में शामिल नज़र आती हैं। ८३ वे अकैडमी अवार्ड्स में मल्लिका शेरावत ऑस्कर मूर्ति के पास खडी हो कर फोटो खिंचवाती नज़र आई। इसी साल ऐश्वर्या राय की ऑस्कर मौजूदगी भी दर्ज़ हुई।
इसमे कोई शक नहीं कि ऑस्कर अवार्ड्स में भारतीय फिल्म उद्योग, ख़ास कर बॉलीवुड सेलिब्रिटी नज़र आते हैं। लेकिन, प्रियंका चोपड़ा का कारनामा इस लिए ख़ास है कि वह डॉल्बी थिएटर हॉलीवुड में कोई ऑस्कर अवार्ड अन्य बॉलीवुड हस्तियों के साथ प्रेजेंट कर रही होंगी। प्रियंका चोपड़ा इस साल स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स प्रेजेंट कर चुकी हैं तथा उन्हें पीपलस चॉइस अवार्ड भी दिया गया।
अल्पना कांडपाल
प्रियंका चोपड़ा से पहले भी
लेकिन, ऑस्कर समारोहों में हिस्सा लेने वाली प्रियंका चोपड़ा पहली भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़ी हस्ती नहीं हैं। हिंदुस्तान १९५७ से ऑस्कर अवार्ड्स की विदेशी फिल्मों की श्रेणी में अपनी फ़िल्में भेज रहा है। लेकिन, अब तक तीन बार भारतीय फ़िल्में शामिल की गई थी। १९५७ में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म की श्रेणी में महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया भेजी गई। यह फिल्म अंतिम पांच फिल्मों में चुनी भी गई। लेकिन, एक वोट से मदर इंडिया ने ऑस्कर अवार्ड्स फेडरिको फेलिनी की इतालवी फिल्म नाइट्स ऑफ़ कैबिरिआ के पक्ष में खो दिया। फिर ३१ साल बाद मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे (१९८८) को ऑस्कर पुरस्कारों की होड़ में नामित होने का मौका मिला। सलाम बॉम्बे डेनिश फिल्म पेले द कॉन्करर से पिछड़ गई। इसके १३ साल बाद आशुतोष गोवारिकर की फिल्म लगान ऑस्कर पुरस्कारों में नामित हुई। यह फिल्म बोस्नियाई फिल्म नो मेंस लैंड से परास्त हो गई। इस प्रकार से तीनों भारतीय फ़िल्में ऑस्कर जीत पाने में नाकाम रही। इस साल मराठी फिल्म कोर्ट ऑस्कर में विदेशी फिल्म की श्रेणी के लिए भेजी गई थी। लेकिन, वह नामित तक नहीं हो सकी। ऑस्कर पुरस्कारों के लिए होने वाले समारोह में नामित फिल्मों से जुड़ी हस्तियां हिस्सा ले सकती हैं। इसलिए, लगान के नामित होने पर निर्देशक आशुतोष गोवारिकर, आमिर खान अपनी उस समय की बीवी रीना खान के साथ शामिल हुए।
नामित होने के कारण ऑस्कर में
७१ वे ऑस्कर अवार्ड्स में शेखर कपूर की इंग्लिश फिल्म एलिज़ाबेथ नामित हुई थी। फिल्म के नॉमिनेशन के कारण ऑस्कर पुरस्कारों के फंक्शन में शेखर कपूर की मौजूदगी दर्ज़ हुई। दीपा मेहता की फिल्म वॉटर के ऑस्कर में नॉमिनेट होने के कारण जॉन अब्राहम, लिसा रे और सीमा बिस्वास को दीपा मेहता के साथ ७९ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल होने का मौका मिला। यह हिंदी फिल्म कनाडा की प्रविष्टि के रूप में भेजी गई थी। लाइफ ऑफ़ पाई के हीरो और भारतीय अभिनेता सूरज शर्मा २०१३ में हुए ८५ वे ऑस्कर अवार्ड्स समारोह में शामिल हुए थे। इसी फिल्म के लिए बॉम्बे जयश्री भी बेस्ट सांग की श्रेणी में नामित हुई। २०१३ में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म लिंकन १२ श्रेणियों में नामित हुई थी। लिंकन का निर्माण स्टीवन स्पीलबर्ग की कंपनी ड्रीम वर्क्स के साथ रिलायंस ने किया था। इसीलिए इस फिल्म के निर्माता के तौर पर अनिल अम्बानी और उनकी पत्नी और भूतपूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री इस समारोह में मौजूद थी। डेविड ओ रसेल की फिल्म सिल्वर लइनिंग्स प्लेबुक ऑस्कर में नामित हुई थी। फिल्म में केंद्रीय भूमिका करने वाले भारतीय अभिनेता अनुपम खेर को नॉमिनेशन नहीं मिला था। लेकिन, अपनी फिल्म के कारण उन्हें भी इस फंक्शन में शामिल होने का मौका मिला।
जब ऑस्कर में छाया इंडिया
ऑस्कर पुरस्कारों का ८१ वां एडिशन भारत के लिए ख़ास था। जैसे पूरा बॉलीवुड ऑस्कर समारोह में मौजूद था। भारतीय संगीतकार ए आर रहमान ने २००९ में डैनी बॉयल की इंग्लिश फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए दो श्रेणियों (बेस्ट ओरिजिनल स्कोर और गुलज़ार के साथ बेस्ट ओरिजिनल सांग जय हो) में ऑस्कर पुरस्कार जीता था। इसी फिल्म के लिए रसूल पुकुट्टी ने साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में पुरस्कार जीता था। इसी साल स्माइल पिंकी ने शार्ट डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार जीता। इसीलिए, जब जब ऑस्कर अवार्ड्स में स्लमडॉग मिलियनेयर का नाम पुकारा जाता, स्टेज पर भारतीय डिज़ाइनर्स की डिज़ाइन लहराने इतराने लगती। समारोह में बराबर ए आर रहमान का संवारा जय हो गीत बजने लगता। इस धुन पर हॉल में मौजूद तमाम हस्तियां भी मुग्ध हो जाती।
ऑस्कर पुरस्कारों में नामित और पुरस्कृत भारतीय
१९८३ में रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी एकेडेमी अवार्ड्स की आठ श्रेणियों में नामित हुई थी। इस फिल्म की कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर भानु अथैया थी। उन्होंने जॉन मोलो के साथ बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का पुरस्कार जीता था। सितार वादक रवि शंकर का ऑस्कर अवार्ड्स में बेस्ट ओरिजिनल स्कोर की श्रेणी में नामित किया गया था। सत्यजित रे को १९९२ में मानद ऑस्कर से सम्मानित किया गया। अश्विन कुमार की लघु फिल्म लिटिल टेररिस्ट को २००५ में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। वह ऑस्कर्स में नामित होने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय थे।
भारतीय और भारत के विषय पर फ़िल्में
१९८४ में ई एम फोर्स्टर की पुस्तक का स्क्रीन रूपांतरण निर्देशक डेविड लीन की फिल्म अ पैसेज टू इंडिया ११ ऑस्कर श्रेणियों में नामित हुई थी। फिल्म ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस और बेस्ट ओरिजिनल स्कोर के अवार्ड जीते। इस फिल्म में विक्टर बनर्जी, सईद जाफरी और रोशन सेठ जैसे भारतीय अभिनेताओं ने भी काम किया था। भारतीय मूल के फिल्मकार इस्माइल मर्चेंट एक बार नहीं चार बार ऑस्कर के लिए नामित हुए। मर्चेंट आइवरी की लघु फिल्म द क्रिएशन ऑफ़ वुमन १९६१ में ऑस्कर पुरस्कारों में नामित हुई। उनकी तीन फ़िल्में अ रूम विथ अ व्यू, होवार्डस एंड और द रिमेंस ऑफ़ द डे भी ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में नामित हुई।
ऑस्कर पुरस्कार समारोह में किसी बॉलीवुड सेलेब्रिटी के शामिल होने पर दूसरे सेलिब्रिटीज को डाह करने की ज़रुरत नहीं। हॉलीवुड में अपने कांटेक्ट बढाइये और पाइए ऑस्कर अवार्ड्स में शामिल होने का सुनहरा मौका। इसीलिए, भारतीय फिल्म अभिनेत्रियां किसी हॉलीवुड हस्ती के इनविटेशन पर भी ऑस्कर अवार्ड्स फंक्शन में शामिल नज़र आती हैं। ८३ वे अकैडमी अवार्ड्स में मल्लिका शेरावत ऑस्कर मूर्ति के पास खडी हो कर फोटो खिंचवाती नज़र आई। इसी साल ऐश्वर्या राय की ऑस्कर मौजूदगी भी दर्ज़ हुई।
इसमे कोई शक नहीं कि ऑस्कर अवार्ड्स में भारतीय फिल्म उद्योग, ख़ास कर बॉलीवुड सेलिब्रिटी नज़र आते हैं। लेकिन, प्रियंका चोपड़ा का कारनामा इस लिए ख़ास है कि वह डॉल्बी थिएटर हॉलीवुड में कोई ऑस्कर अवार्ड अन्य बॉलीवुड हस्तियों के साथ प्रेजेंट कर रही होंगी। प्रियंका चोपड़ा इस साल स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स प्रेजेंट कर चुकी हैं तथा उन्हें पीपलस चॉइस अवार्ड भी दिया गया।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday 13 February 2016
क्या बॉक्स ऑफिस पर टकराएंगे दो खान अभिनेता !
बॉलीवुड में पीते पीते जाम बदल जाते हैं, मुफीद बैठता है। चाय की प्याली को उठा कर मुंह तक ले जाने के बीच इतना समय होता है कि प्याली किसी दूसरे के होंठों तक पहुँच सकती है । ऐसा ही कुछ रईस और सुल्तान के टकराव को लेकर हुआ। पिछले साल फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने अपने एक्सेल बैनर की फिल्म रईस के ईद २०१६ में रिलीज़ करने की घोषणा की थी। ऐसा स्वाभाविक था। कोई भी अभिनेता, ख़ास तौर पर मुस्लमान अभिनेता ईद के खुशनुमा माहौल को अपनी फिल्म की सफलता में उपयोग करना चाहेगा। शाहरुख़ खान अगर अपनी फिल्म रईस को हिट कराने के लिए ईद को बढ़िया समय मान रहे थे, तो कोई गलत नहीं कर रहे थे। लेकिन, जैसी की यशराज बैनर की आदत है, यशराज फिल्म्स ने कुछ दिनों बाद ही अपनी सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म सुल्तान को ईद २०१६ में रिलीज़ करने का ऐलान फिल्म के टीज़र के साथ कर दिया। इसके साथ ही एक अभूतपूर्व टकराव को लेकर तमाम फ़िल्मी गैर फिल्मी पत्र और पत्रिकों में गॉसिप छिड़ गई। हालाँकि, उस समय तक सलमान खान ने सुलतान और शाहरुख़ खान ने रईस की फिल्म की शूटिंग शुरू भी नहीं की थी। क्योंकि, उस समय तो सलमान खान फिल्म प्रेम रतन धन पायो और शाहरुख़ खान निर्माता आदित्य चोपड़ा की फिल्म फैन और रोहित शेट्टी की फिल्म दिलवाले की शूटिंग में व्यस्त थे। पिछले साल नवंबर में फरहान अख्तर ने एक इंटरव्यू में रईस और सुलतान के टकराव को सुनिश्चित बता दिया। अब आते हैं पीते पीते कभी कभी तो जाम बदल जाते हैं की बात पर। शुक्रवार (१२ फरवरी को) रात आठ बजे एक ट्रेड मैगज़ीन के संपादक ने ट्वीट किया कि रईस और सुल्तान का टकराव टला। रईस अब पहले की किसी तारिख में रिलीज़ होगी। अभी इस खबर का सोशल मीडिया में छाना शुरू ही हुआ था कि एक्सेल के रितेश सिधवानी ने रईस के पहले रिलीज़ होने और सलमान खान की सुल्तान के लिए ईद वीकेंड खाली कर देने की खबर को अफवाह बता दिया। यानि, अब टकराव होगा ही होगा। लेकिन, क्या सचमुच !
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ये ल्लों !!!
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इनविजिबल मैन बनेंगे जॉनी डेप
पिछले साल नवंबर में यूनिवर्सल स्टुडिओ ने हर साल एक हॉरर फिल्म रिलीज़ करने की योजना का खुलासा किया था। इस योजना के तहत मंमी रिबूट ऎसी पहली फिल्म होगी। इस फिल्म का निर्देशन एलेक्स कुर्त्ज़मैन करेंगे। फिल्म में टॉम क्रूज और सोफ़िया बौटला मुख्य भूमिका में होंगे। इस फिल्म की शूटिंग इस साल के शुरू में होगी। फिल्म ९ जून २०१७ को रिलीज़ होगी। यूनिवर्सल का सालाना हॉरर मूवी जलसा की अन्य फिल्मों में ड्रैकुला, वैन हेल्सिंग, द ब्राइड ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन और द वुल्फ मैन करैक्टर पर फ़िल्में होंगी। यूनिवर्सल स्टुडिओ की एक फिल्म द इनविजिबल मैन १३ नवंबर १९३३ को रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में क्लॉड रैंस ने डॉक्टर जैक ग्रिफिन का किरदार किया था, जो अदृश्य होने की शक्ति पा लेता है। अब होता क्या है कि इस शक्ति के दुष्प्रभाव से पागल हो जाता है और शहर के लोगों को मारने लगता है। इस फिल्म के बाद स्टूडियो ने चालीस के दशक में द इनविजिबल मैन रिटर्न्स और द इनविजिबल मैन्स रिवेंज और १९५१ में एबोट एंड कोस्टेलो मीट द इनविजिबल मैन का निर्माण किया। अब जबकि इनविजिबल मैन को रिबूट किया जा रहा तो यह साफ़ नहीं है कि इस फिल्म को लिखने का ज़िम्मा किसे सौंपा गया है। लेकिन, यूनिवर्सल का इरादा एक से ज़्यादा इनविजिबल मैन फ़िल्में बनाने का है। इसलिए, इनविजिबल मैन सीरीज की फ़िल्में लिखने के लिए एलेक्स कुर्त्ज़मैन क्रिस मॉर्गन के नेतृत्व में पूरी एक टीम तैनात की गई है। इस फिल्म में इनविजिबल मैन का किरदार जॉनी डेप्प करेंगे। फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बेहद खतरनाक है सिले मुंह वाला डेडपूल
स्पेशल फ़ोर्स के लिए काम करने वाले वेड विल्सन के कैंसर का इलाज़ करने के लिए उस पर प्रयोग किया जाता है। इसके फलस्वरूप उसके उपचार-शक्ति बढ़ जाती है। लेकिन, उसकी खाल विकृत हो जाती है। दिमाग अस्थिर हो जाता है। उसमे रहस्यमय और उलझने वाला सेंस ऑफ़ ह्यूमर पैदा हो जाता है। इतनी शक्तियों और नई पहचान के साथ वेड विल्सन निकल पड़ता है उस व्यक्ति को ढूंढने जिसने उसकी ज़िन्दगी नष्ट कर दी। इसके साथ ही डेडपूल का जन्म होता है। वेड विल्सन की यह कहानी डायरेक्टर टिम मिलर की फिल्म डेडपूल की है। डेडपूल मार्वल कॉमिक्स का एक करैक्टर है। फिल्म दर्शकों ने इस करैक्टर को पहली बार ट्वेंटीथ सेंचुरी फॉक्स की फिल्म वॉल्वरिन: ओरिजिंस (२००९) में देखा था। लेकिन इस फिल्म में डेडपूल के कैंसर, कॉस्ट्यूम और सिले मुंह के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था। इस लिहाज़ से टिम की फिल्म में डेडपूल से दर्शकों का पहला परिचय होगा। डेडपूल की भूमिका रयान रेनॉल्ड्स ही कर रहे हैं। वह इस फिल्म के प्रोडूसरों में भी है । वह इस करैक्टर पर २००५ से काम कर रहे हैं। वेड के शारीरिक विशेषतायें काफी कुछ डेडपूल जैसी हैं। ख़ास बात यह भी है कि डेडपूल और रेनॉल्ड्स दोनों ही कनाडियन हैं। इनके नाम तीन हिस्सों में हैं - वेड विंस्टन विल्सन और रयान रॉडनी रेनॉल्ड्स। डेडपूल एक्स-मेन सीरीज की फिल्मों में आठवी है। यह रेनॉल्ड्स की पांचवी कॉमिक बुक फिल्म है। वह इससे पहले मार्वल की फिल्म ब्लेड: ट्रिनिटी ( २२०४) में हनीबल, एक्स-मेन ओरिजिंस: वॉल्वरिन (२००९) में वेड विल्सन, डीसी कॉमिक्स फिल्म ग्रीन लैंटर्न (२०११) में हाल जॉर्डन और डार्क हॉर्सेज आर० आई० पी० डी० में निक वॉकर का किरदार कर चुके हैं। कॉमिक्स में डेडपूल विखंडन की दिमागी बीमारी से ग्रस्त है तथा कई बार खुद से बात करने लगता है। १२ फरवरी को रिलीज़ इस फिल्म में दर्शक ने स्टेन ली को एक स्ट्रिप क्लब के डीजे और रॉब लिेफेल्ड टैटू पार्लर के ग्राहक के कैमिया में देखा होगा। फिल्म में वेड की गर्लफ्रेंड का किरदार मोरेना बकरिन, वेड के दोस्त वैसेल का किरदार टी जे मिलर, फ्रांसिस का किरदार एड स्क्रैन और म्युटेंट एंजेल डस्ट जीना करानो ने किया है।
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Friday 12 February 2016
बॉयफ्रेंड राजकुमार राव को अपनी फिल्म का ट्रेलर दिखाना चाहती हैं पत्रलेखा
बॉलीवुड फिल्म 'सिटी लाइट' में शानदार अभिनय से सफल बॉलीवुड डेब्यू करने वाली अदाकारा पत्रलेखा जल्द ही आगामी फिल्म 'लव गेम्स' में नज़र आनेवाली हैं। फिल्म 'लव गेम्स; में पत्रलेखा का डार्क रोल है। पत्रलेखा और राजकुमार राव की रिलेशनशिप के बारे में सभी को खबर है। वह राव के साथ फिल्म सिटी लाइट्स में फिल्म की नायिका थी। अदाकारा पत्रलेखा अपनी फिल्म का ट्रेलर सबसे पहले अपने बॉयफ्रेंड राजकुमार राव को दिखाना चाहती हैं। राजकुमार बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता हैं। पत्रलेखा चाहती हैं की राजकुमार उनकी फिल्म का ट्रेलर देखे और पत्रलेखा को उनकी गलतियां समझाएं ताकि वह अगले पड़ाव पर यही गलतियां सुधार सकें। फिल्म 'लव गेम्स' के अलावा पत्रलेखा जल्द ही विशेष फिल्म्स के बैनर तले बन रही आगामी फिल्म में भी नज़र आनेवाली हैं।
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फिल्म 'नीरजा' को कैलिफ़ोर्निया में प्रदर्शित करना चाहते हैं अतुल कस्बेकर
किंगफ़िशर कैलेंडर शूट के लिए पहचाने जाने वाले बेहतरीन फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर अब फिल्म निर्माता भी बन गए हैं। अतुल द्वारा प्रोडूस फिल्म 'नीरजा' रिलीज़ को तैयार है। इनके अलावा अतुल एक 'ब्लिंग' नामक टैलेंट मैनजमेंट कंपनी के मालिक हैं जिनके अंतरगत वे विद्या बालन और सोनम कपूर जैसी बड़ी हस्तियों को हैंडल करते हैं । अब अतुल अपने प्रोडक्शन हाउस 'ब्लिंग अनप्लग्ड' के ज़रिये फिल्म 'नीरजा' को प्रोडूस कर रहे हैं जोकि 19 फ़रवरी को रिलीज़ होने को तैयार है। यह एक बायोग्राफिकल फिल्म है जिसका निर्देशन राम माधवानी ने किया है। यह फिल्म एक असल घटना पर आधारित फिल्म है। अतुल प्रोडूसर के तौर पर अपनी पहली फिल्म 'नीरज' को कैलिफ़ोर्निया के ब्रूक इंस्टिट्यूट में दिखाना चाहते हैं। अतुल ब्रूक इंस्टिट्यूट के एक्स स्टूडेंट हैं और वे अपने इंस्टिट्यूट में अपनी पहली फिल्म दिखाने के लिए बहुत बेताब हैं। अतुल का कहना है ' ब्रुक्स इंस्टिट्यूट ने मेरे फोटोग्राफी के शिक्षण और मेरे कर्रिएर को सवाारा है। मै अपने कामयाबी का श्रेया अपने इंस्टिट्यूट को देना चाहता हूँ। ब्र्रोक्स इंस्टिट्यूट में अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।'
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