यह प्रश्न पूछा ही जाना चाहिए ! क्या बॉलीवुड के खान अभिनेताओं का बॉलीवुड पर वर्चस्व समाप्त हो गया है या ढलान पर है ? बॉलीवुड की खान अभिनेता अर्थात सैफ अली खान, सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान लगभग साढ़े तीन दशक से फिल्मों में सक्रिय है। सैफ अली खान १९९१ से तो बाकी तीन खान १९८८ से निरंतर फ़िल्में कर रहे है। कभी इनके नाम पर फिल्मे बिका करती थी। यह शर्ते निर्धारित किया करते थे। किन्तु आज !
सैफ अली खान ने २०२० से फिल्मों को असफल बनाना प्रारंभ कर दिया है। तन्हाजी की बाद, वह अब तक जवानी जानेमन, दिल बेचारा, भूत पुलिस, बंटी और बबली २, विक्रम वेधा, आदिपुरुष, देवरा और ज्वेल थीफ को फ्लॉप कर चुके है। देवरा के फ्लॉप होने के बाद, सैफ की फिल्म ज्वेल थीफ ओटीटी पर प्रदर्शित हुई। उनकी घोषित फिल्म हैवान का कोई अतापता नहीं है। अर्थात सैफ तो फिनिश !
अब बात करते हैं आमिर खान की। २०१८ में प्रदर्शित ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान से वह निरंतर असफल हो रहे है। यद्यपि, वह चुनिंदा फिल्में ही करते हैं, साल में एक बार की दर से। किन्तु, दर्शक उनकी इन फिल्मो को भी नहीं चुन रहा। ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान के बाद, वह कोई जाने न फिल्म के मेहमान थे। किन्तु, उनकी मुख्य भूमिका वाली फिल्म लाल सिंह चड्डा हॉलीवुड की हिट और ऑस्कर पुरस्कार विजेता फिल्म फारेस्ट गंप की आधिकारिक रीमेक होने के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ गई। उनका कैमिया काजोल की फिल्म सलाम वेंकय को सफल नहीं बना सका। अभी २० जून को प्रदर्शित उनकी फिल्म सितारे जमीन पर १२० करोड़ के बजट के विरुद्ध २६३ करोड़ का ग्रॉस ही कर सकी। अब उनका १४ अगस्त को प्रदर्शित होने जा रही तमिल फिल्म कुली में, रजनीकांत के लिए सहयोग इस फिल्म को हृथिक रोशन और जूनियर एनटीआर की फिल्म वॉर २ के समक्ष हिंदी पेटी में कितना भला कर सकेगा, यह मालूम हो गया है । उनकी एक फिल्म लाहौर १९४७ अभी बन ही रही है। इस फिल्म की कोई चर्चा नहीं।
शाहरुख़ खान २०१७ से संघर्ष कर रहे है। उनकी जब हैरी मेट सेजल और जीरो फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर दुर्दशा हुई। जीरो की असफलता से शाहरुख़ खान कुछ इतने असुरक्षित हो ए कि हो गए कि उन्होंने दो साल तक अपनी किसी फिल्म की घोषणा तक नहीं की। इसके बाद, वह २०२३ में दो हजार करोडियां फिल्मों पठान और जवान से दर्शकों के सामने आये। यद्यपि, उनकी इन दोनों फिल्मों ने, बॉक्स ऑफिस पर हजार करोड़ का व्यवसाय किया। किन्तु, यह हजार करोड़ का ग्रॉस आज भी ब्लॉक बुकिंग के कारण किसी को हजम नहीं हो रहा। इसका प्रमाण यह था कि २०२३ में हजार करोड़ के घोड़े पर सवार शाहरुख़ खान की राजकुमार हिरानी के साथ फिल्म डंकी प्रदर्शित हुई तो इसकी भी ब्लॉक बुकिंग प्रारम्भ हो गई। तभी खबर आई कि गौरी खान से जुडी एक कंपनी पर मनी लॉन्डरिंग मामले में छापा पड़ा है। इस खबर का प्रभाव था या फिर क्या डंकी की ब्लॉक बुकिंग रुक गई और फिल्म हजार करोड़ तो क्या ५०० करोड़ के लिए भी तरस गई।
अब शाहरुख़ खान तीन साल से फिर सदमे में हैं। उनकी कुछ फिल्मों की घोषणा हुई। टाइगर वर्सेज पठान भी प्रारंभिक चर्चाओं के बाद लुप्त हो गई। लम्बे समय बाद उनकी गैंगस्टर फिल्म किंग की घोषणा हुई। सिद्धार्थ आनंद निर्देशित इस फिल्म की शूटिंग मार्च २०२५ से प्रारम्भ हो गई है। सिद्धार्थ के साथ शाहरुख़ खान ने पठान जैसी फिल्म दी थी। किन्तु, क्या बात है कि किंग पठान की हवा नहीं बना पा रहा है?
सबसे अधिक दुर्दशा सलमान खान की है। वह सोच समझ कर बड़े निर्माताओं की बड़े बजट की फिल्म चुनते है। किन्तु, दर्शक इन फिल्मों की नहीं चुनता। यशराज फिल्मस के लिए एक था टाइगर से स्पाई यूनिवर्स के जन्मदाता सलमान खान की इस सीरीज की तीसरी फिल्म टाइगर ३ बॉक्स ऑफिस पर ३०० करोड़ के बजट के विरुद्ध ४६७ करोड़ का कुल व्यवसाय ही कर सकी।
टाइगर ३ के बाद, सलमान खान २०२४ में दो फिल्मों सिंघम अगेन और बेबी जॉन में चुलबुल पांडेय और एजेंट भाईजान के रूप में दिखाई दिए। उनकी केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म सिकंदर इसी साल प्रदर्शित हुई। फिल्म में बॉलीवुड के अभिनेताओं के लिए भाग्यशाली चेहरा रश्मिका मंदना उनकी नायिका थी। किन्तु, इसके बावज़ूद सिकंदर बॉक्स ऑफिस पर सिकंदर नहीं साबित हो सकी। सिकंदर का बजट २०० करोड़ का था। किन्तु, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर केवल १७६ करोड़ का ग्रॉस किया। सलमान खलास !!
देखा जाये तो खान अभिनेता साठ के आसपास घूम रहे है। इस उम्र में चरित्र अभिनेता बन जाना ही उपयुक्त होता है। किन्तु, यह अभिनेता युवा अभिनेत्रियों के नायक बन कर अपनी जवानी का प्रदर्शन कर रहे है। किन्तु, चेहरे और गले की झुर्रियां उनकी जवानी की चुगली खाती है। उनका कम उम्र लड़की से रोमांस करना ऊब पैदा करता है।
साढ़े तीन दशक बहुत होते है। मुम्बई की चौपाटी के समुद्र से करोडो लीटर पानी बह चुका है। जब समुद्र पानी को रुकने नहीं देता तो बॉलीवुड क्यों ताजगी न अपनाये। ऐसा ही हो भी रहा है। दक्षिण की तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों के हमले ने बॉलीवुड को घायल कर रखा है। इसका सीधा नुकसान इन खान अभिनेताओं को हो रहा है। हिंदी दर्शक अब खान अभिनेताओं की मूल हिंदी फिल्मों के स्थान पर प्रभास, अल्लू अर्जुन, यश और जूनियर एनटीआर की डब फिल्मों को देखना पसंद कर रहे है। बॉलीवुड और खान अभिनेताओं की असफलता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि तेलुगु और कन्नड़ भाषा की छोटे बजट को छोटे सितारों वाली फ़िल्में भी १०० करोड़ आसानी से कमा ले जा रही है।
आगे भी बॉलीवुड और खान अभिनेताओं के लिए चुनौतियाँ ही चुनौतियाँ है। अल्लू अर्जुन कीएटली के साथ अनाम फिल्म काफी चर्चा में है। कन्नड़ फिल्म अभिनेता यश की अखिल भारतीय फिल्म टॉक्सिक का दर्शको को उत्सुकता से प्रतीक्षा है। रामायण के राम के बजाय हिंदी दर्शक यश के रावण को देखना चाहते है। प्रभास की हॉरर कॉमेडी फिल्म द राजा साब पर्याप्त हिंदी दर्शक बटोर चुकी है। उनकी तीन फिल्मे फौजी, स्पिरिट और सालार पार्ट २ अगले साल या २०२७ में रंग जमाने जा रही है। २०२६ में एनटीआर जूनियर की फिल्म ड्रैगन प्रदर्शित होगी। रामचरण की तेलुगु फिल्म पेड्डी हिंदी में भी प्रदर्शित होगी।
दक्षिण से कुछ दूसरी फिल्मे भी चर्चा में है। कन्नड़ फिल्म अभिनेता ध्रुव सरजा की केडी द डेविल ४ सितम्बर को हिंदी में भी प्रदर्शित होने जा रही है। एक अन्य कन्नड़ हिट कांतारा की प्रीक्वेल फिल्म कांतारा चैप्टर १ २ अक्टूबर २०२५ को वरुण धवन की फिल्म सनी संस्कारी की तुलसी को नैपथ्य में धकेलने के लिए तैयार है। सबसे दिलचस्प होगा ५ दिसंबर को, रणवीर सिंह स्पाई एक्शन फिल्म धुरंधर को प्रभास की फिल्म द राजा साब और केडी से घिरा देखना।

















