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Saturday, 4 September 2021

अंशुमान झा (Anshuman Jha) की फिल्म 'लकड़बग्घा' की शूटिंग दिसंबर से

 


अंशुमान झा एक ऐसे कलाकार हैं जो क्वांटिटी से ज़्यादा क्वालिटी और बहुमुखी प्रतिभा को तरजीह देते हैं और यह उनकी फिल्मों के चुनाव से साफ़ नज़र आता है। अपनी पिछली रिलीज़, "हम भी अकेले, तुम भी अकेले" में एक समलैंगिक व्यक्ति के संवेदनशील चित्रण के बाद, वह अपने रेंज के दूसरे छोर पर चले गए है। उनकी अगली फिल्म 'लकड़बग्घा' है, जो एक आउट एंड आउट एक्शन फिल्म है जिसके लिए उन्होंने 5 महीने के गहन प्रशिक्षण और तैयारी में निवेश करने का फैसला किया है। विक्टर मुखर्जी द्वारा अभिनीत, फिल्म पूर्वी कोलकाता, चाइनाटाउन में स्थापित है और दिसंबर 2021 में इसकी शूटिंग शुरू की जाएगी।

 

लकड़बग्घा (अंग्रेजी अनुवाद हाइना) एक हैंड टू हैंड मार धाड़ वाली एक्शन फिल्म है। आलोक शर्मा द्वारा लिखित और विक्टर मुखर्जी द्वारा निर्देशित, जो वर्तमान में एक प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए 'स्वीट ड्रीम्स' का निर्देशन भी कर रहे हैं, यह फिल्म एक 'गुड वर्सेज एविल' कहानी है, जिसमें अवैध पशु व्यापार उद्योग की  कहानी दर्शाएगी। लकड़बग्घा में अंशुमान झा मुख्य भूमिका में होंगे। अंशुमन के साथ प्रमुख एक्ट्रेस और प्रतिपक्षी की घोषणा जल्द ही निर्माताओं द्वारा की जाएगी। यह अफवाह है कि मार्शल आर्ट बैकग्राउंड वाली एक्ट्रेस की तलाश जारी है। फिल्म में विदेशी कलाकारों और क्रू होने की उम्मीद है, विशेष रूप से कैमरा और एक्शन विभागों में एक्शन दृश्यों को लागू करने के लिए।

 

झा वर्तमान में मार्शल आर्ट में एक नियोजित ट्रेनिंग चरण से गुजर रहे हैं ताकि एक्शन सीन्स को लागू किया जा सके। भारत में जुलाई तक तैयारी करने के बाद, वह अगस्त से न्यूयॉर्क में क्रव मागा सीख रहे थे। झा ने हरीश व्यास की 'हरि-ओम' को 2022 तक आगे बढ़ाया है क्योंकि वह इस फिल्म में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए अपना सारा प्रयास करना चाहते हैं।

 

अपनी नई भूमिका के बारे में अंशुमान कहते हैं, "मुझे जानवरों से प्यार है और मुझे हमेशा से एक्शन फिल्में पसंद हैं - 'लकड़बग्घा' मेरे दोनों जुनून को मिलाती है। मैं पहली बार एक आउट एंड आउट एक्शन फिल्म का हिस्सा बनकर रोमांचित हूं। ट्रेनिंग बहुत सख्त है लेकिन मैं इसके हर हिस्से को प्यार कर रहा हूं और अवसर के लिए आभारी हूं। कहानी एक प्रासंगिक मुद्दे से संबंधित है जो हमारे समाज को पीड़ित करती है - इसलिए अन्य प्रोजेक्ट्स को रोक दिया है ताकि मैं इसे अपना सब कुछ दे सकूं एक्शन कोरियोग्राफी एक ऐसी चीज है जिसका मैं इंतजार कर रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस एक्शन का आनंद लेंगे।"


Sunday, 4 October 2020

खतरे में नशाखोर बॉलीवुड के ब्रांड्स !



लगता है कि बॉलीवुड के नशाखोर एक्टरों की वाट लगने जा रही है। ख़ास कर उन बॉलीवुड हस्तियों को भारी नुकसान होने जा रहा हैजो बड़ी बड़ी कंपनियों के ब्रांडो का प्रचार करते हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन ब्रांड्स (आइआइएचबी) के द्वारा टेलीफोन के जरिये किये गए एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि १८ -३० साल तक के युवा फ़िल्मी हस्तियों द्वारा नशीली दवाओं के सेवन का समर्थन नहीं करते हैं । उनका मानना है कि इससे इन हस्तियों की छवि और उनके प्रचारित ब्रांड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन का महत्त्व इस लिहाज़ से हैं कि आजकल ज़्यादातर कंपनियां युवा सितारों से अपने उत्पादों का प्रचार करवाना पसंद करती हैं।



सारा अली खान- वर्तमान समय में सारा अली खान, सबसे अधिक ब्रांड एंडोर्स करती है । उनके पास फैंटा, प्यूमा, विवो, सेरिज, त्रिभुवनदास भीमजी जावेरी, वीट, आईटीसी फियामा, गर्निएर तथा दूसरे कुछ ब्रांड हैं। अक्षय कुमार के पास रसना, डॉलर क्लब, हौंडा, माइक्रोमैक्स, आदि कुछ दूसरे विज्ञापन हैं। रणवीर सिंह- फिल्म सिम्बा में सारा के नायक रणवीर सिंह इस समय जिओमी इंडिया, सियारामस, कोटक महिंद्रा बैंक, मेक माय ट्रिप, थम्स अप, ड्यूरेक्स, सेट वेट, एडिडास, कॉलगेट, नेक्सा, हेड एंड शोल्डर्स, चिंग्स देसी चाइनीज़ और रॉयल स्टैग जैसे बड़े उत्पादो का प्रचार कर रहे हैं।



दीपिका पादुकोण- उनकी अभिनेत्री पत्नी दीपिका पादुकोण एक्सिस बैंक, जैगुआर लाइटिंग, ओप्पो, तनिष्क, कोका कोला, गोइबोबो, जिलेट वीनस, विस्तारा, ब्रिटानिया, नेस्कैफे, लक्स, केलॉग्स, लोरियल पेरिस और कुछ दूसरे ब्रांड का प्रचार करती हैं।



आलिया भट्ट- फिल्म गली बॉय में रणवीर सिंह की नायिका आलिया भट्ट के पास, उबेर ईट्स, नोकिआ, सनफीस्ट डार्क फैंटसी, स्टार प्लस, मानगो फ्रूटी, फ्रैंकफिन, काप्रेसे, सनसिल्क, जिओनी, कोर्नेटो, फिलिप्स और गार्नियर जैसे उत्पाद हैं।



रकुल प्रीत सिंह- वहीँ दक्षिण में सफल और बॉलीवुड में बड़ी तेज़ी से अपनी जगह बनाती जा रही अभिनेत्री राकुल प्रीत सिंह प्रति ब्रांड डेढ़ करोड़ लेती है । उनके पास एली के स्विच, तेलंगाना सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान और वैभव ज्वैलरस के विज्ञापन हैं ।



भरोसेमंद नहीं नशाखोर बॉलीवुड -आइआइएचबी का यह सर्वे सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और उसके बाद रिया चक्रवर्ती द्वारा सितारों के नशे के इस्तेमाल करने के खुलासे के बाद किया गया था । इस अध्ययन में, २५१ पुरुषों और २३६ महिलाओं से टेलीफोन के जरिये बात की गई थी । अध्ययन में शामिल युवाओं का विचार था कि नशा करने वाली हस्तियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता । यह युवा इन सेलिब्रिटी के ब्रांड इंडोर्समेंट को नापसंद करते हैं और जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। आइआइएचबी के अध्ययन में शामिल ८२ प्रतिशत युवा ऎसी हस्तियों के दोषी साबित होने पर, उनके द्वारा प्रचारित किये जा रहे उत्पादों का बहिष्कार करने के पक्ष में हैं ।

विश्वसनीय नहीं ब्रांड भी - जहाँ, बॉलीवुड, सारा अली खान, राकुल प्रीत सिंह और मुकेश छाबड़ा के नाम के बाद ही कांपने लगा है, वही अध्ययन में शामिल युवाओं का कहना है कि उनके खुद के और भरोसेमंद सूत्रों और दूसरे माध्यमों से दूसरी कुछ हस्तियों के नाम भी मालूम है । इस अध्ययन के परिणाम, बॉलीवुड की हस्तियों को संदिग्ध बनाते ही है, इनके द्वारा प्रचारित किये जा रहे ब्रांड्स को भी विश्वास के योग्य नहीं साबित करते हैं।

सबसे आगे सारा अली खान - जहाँ, जया बच्चन ने सेलेब्रिटी के नशेडी होने को २० प्रतिशत का कारनामा बताया था। वही सर्वे के युवा, बॉलीवुड सेलेब्रिटी और नशे को पर्याय मानते हैं । उन्होंने कहा कि उन्हें इनके नशे की गिरफ्त में होने की जानकारी से कोई सदमा नहीं पहुंचा है। अध्ययन के ७० प्रतिशत युवाओं ने इसे तकलीफदेह माना। जब अध्ययन में युवाओं से किसी नशाखोर सितारे का नाम पूछा गया तो ४८ प्रतिशत ने सबसे पहला नाम सारा अली खान का और ४२ प्रतिशत ने रकुल प्रीत सिंह का नाम लिया।  

Monday, 2 March 2020

इन तारीखों पर रिलीज़ होंगी फ़िल्में


दर्शकों में, अपने पसंदीदा एक्टरों की फिल्मों की रिलीज़ का बेसब्री से इंतज़ार रहता है। उनका यह इंतज़ार, फिल्म की रिलीज़ की तारीखों के साथ ही शुरू हो जाता है। ऎसी ही एक फिल्म अंग्रेजी मीडियम भी है। यह अभिनेता इरफ़ान खान की, २०१७ में प्रदर्शित फिल्म हिंदी मीडियम की स्पिन-ऑफ फिल्म है तथा गंभीर बीमारी से उबरे इरफ़ान खान की पहली रिलीज़ फिल्म है। इरफ़ान खान, करीना कपूर और राधिका मदान की होमी अदजानिया निर्देशित यह फिल्म २० मार्च को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म से पहले, १३ मार्च को, हॉलीवुड की फिल्म ब्लडशूट रिलीज़ हो रही है। इस एक्शन फिल्म के नायक विन डीजल है, जो हिंदी फिल्म दर्शकों में अपनी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की फिल्मों के कारण काफी लोकप्रिय है।  यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी रिलीज़ हो रही है।  इन्ही तीन भारतीय भाषाओँ में हॉलीवुड की एक दूसरी कंप्यूटर एनिमेटेड कॉमेडी फिल्म ट्रॉल्स वर्ल्ड टूर भी १७ अप्रैल २०२० को प्रदर्शित हो रही है। यह फिल्म २०१६ की हिट फिल्म ट्रॉल्स की सीक्वल फिल्म है। हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में, तेलुगु एक्टर राणा दग्गुबाती की जंगल फिल्म हाथी मेरे साथी भी प्रदर्शित हो रही है। निर्देशक प्रभु सोलोमन की २ अप्रैल २०२० को प्रदर्शित इस फिल्म की शूटिंग तेलुगु, तमिल और हिंदी में साथ साथ हुई है। गाज़ियाबाद में सरोज का रिश्ता भी ३ जुलाई को होने जा रहा है। जी हाँ, यह नवोदित सना कपूर, गौरव पांडेय, रणदीप राय और कुमुद मिश्रा की कॉमेडी फिल्म का नाम है।  सरोज का रिश्ता के निर्देशक अभिषेक सक्सेना है। मनमर्ज़ियाँ (२०१८) के बाद, अभिषेक बच्चन की पहली फिल्म द बिग बुल, २३ अक्टूबर २०२० को प्रदर्शित होने जा रही है। आर्थिक घोटाला करने वाले हर्षद मेहता के जीवन पर इस फिल्म में अभिषेक बच्चन हर्षद मेहता की रील लाइफ भूमिका करने जा रहे हैं।  इस फिल्म में इलीना डिक्रूज़, निकिता दत्ता और शोहम शाह भी ख़ास भूमिकाओं मे हैं। इस फिल्म के निर्माता अजय देवगन हैं। फिल्म को कुकी गुलाटी निर्देशित कर रहे हैं।  राजकुमार राव और नुसरत भरुचा की हंसल मेहता निर्देशित फिल्म छलांग, नाम बदल जाने के बावजूद तारीखों के मामले में तुर्रम खान नहीं साबित हो रही है। इस फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ फिल्म बदल कर १२ जून २०२० कर  दी गई है।

Friday, 3 January 2020

बॉलीवुड का नेपोटिज्म २०२०


बॉलीवुड नेपोटिज्म यानि भाई-भतीजावाद की २०२० में शुरुआत तीसरे दिन से ही हो जाएगी। इस लिहाज़ से, ३ जनवरी २०२० को प्रदर्शित फिल्मों पर नज़र डालना दिलचस्प होगा। रिलीज़ हो रही पांच फिल्मों में से चार फ़िल्में भाई-भतीजावाद की परिभाषा नए तरीके से लिख सकती हैं। क्योंकि, इन फिल्मों से परिभाषा में सिर्फ बेटा-बेटी ही नहीं, पत्नी भी शामिल हो गई है।

बॉलीवुड की बेटा-बेटी  
भंगड़ा पा ले को ही लीजिये।  इस फिल्म का निर्देशन नवोदित स्नेहा तौरानी कर रही हैं।  स्नेहा तौरानी, टिप्स  म्यूजिक कंपनी के मालिक रमेश तौरानी की बेटी हैं। वह पहली बार कोई फिल्म निर्देशित कर रही हैं।  इस फिल्म में, दाक्षिण की सितारा रुखसार ढिल्लों के नायक सनी कौशल हैं। सनी कौशल, पिछले साल की बड़ी हिट फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के नायक  विक्की कौशल के भाई हैं। उरी के निर्माता रोनी स्क्रूवाला ही, भंगड़ा पा ले के निर्माता है।  इस फिल्म का संगीत टिप्स म्यूजिक कंपनी द्वारा जारी किया जा रहा है।

बच्ची द्वारा बच्चों की फ़िल्में
सब कुशल मंगल है में बच्चों का जमावड़ा है।  फिल्म में गैंगस्टर भूमिका करने वाले एक्टर अक्षय खन्ना के पिता विनोद खन्ना थे। फिल्म की नायिका रीवा किशन, भोजपुरी फिल्म अभिनेता और कई हिंदी फिल्मों के नायक रह चुके एक्टर रवि किशन की बेटी हैं।  फिल्म में रीवा के नायक प्रियांक शर्मा है। प्रियांक की माँ, पद्मिनी कोल्हापुरे हैं। पद्मिनी की शादी फिल्म निर्माता टूटू शर्मा से हुई थी। प्रियांक, इन्ही दोनों की संतान है। फिल्म की निर्माता प्राची मनमोहन के पिता नितिन मनमोहन एक्टर और फिल्म निर्माता थे।  नितिन के पिता मनमोहन पुराने जमाने की हिंदी फिल्मों के खलनायक थे। मनमोहन को, मनोज कुमार की फ़िल्म शहीद में चंद्रशेखर आज़ाद की भूमिका से पहचान मिली। प्रियांक और प्राची, ली स्ट्रासबर्ग इंस्टिट्यूट न्यू यॉर्क के सहपाठी हैं।

पति की फिल्म में पत्नी  
शिमला मिर्ची से, निर्देशक रमेश सिप्पी की वापसी हो रही है।  इस फिल्म में हेमा मालिनी के साथ राजकुमार  राव और रकुल प्रीत सिंह मुख्य भूमिका में हैं। इसी फिल्म में, निर्देशक रमेश सिप्पी की अभिनेत्री पत्नी और  बुनियाद की वीरावाली और महाभारत की गंगा किरण जुनेजा ८ साल बाद वापसी कर रही हैं।

खुद के लिए फिल्म !
एसिड- अस्टाउन्डिंग करेज इन डिस्ट्रेस का मामला थोड़ा अद्भुत है। इस फिल्म की निर्माता ने खुद को नायिका बनाने के लिए लिखा और निर्देशित भी किया है। मतलब यह कि फिल्म की नायिका प्रियंका सिंह ने, खुद को नायिका बनाने के लिए फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया है। देखा, कैसा है हिंदी फिल्मों का नया नेपोटिज्म !   

Thursday, 26 December 2019

चोट लगने के बावजूद Vineet Kumar ने की शूटिंग



सालों से हम बॉलीवुड एक्टर्स से ये सुनते आये हैं कि 'शो मस्ट गो ऑन' यानी काम नहीं रुकना चाहिए। कई एक्टर्स मुश्किल समय में चोट लगने के बावजूद भी फिल्मों के लिए शूटिंग जारी रखते हैं। अब इस लिस्ट में मुक्काबाज़ अभिनेता विनीत कुमार भी जुड़ गए हैं।

विनीत ने हाल में ही 'सांड की आँख' में अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीता था। अब उन्होंने एक साल बाद अपने काम से छुट्टी ली है। इस ब्रेक के बारे में बात करते हुए विनीत ने कहा, " मैं लगातार काम कर रहा हूं तो ये ब्रेक लेना जरुरी था। मैंने 2018 अगस्त में शूट करना शुरू किया था। फिलहाल मेरे पास ७ फिल्में हैं| मैंने कई सारे एक्सपेरिमेंट किए हैं और आगे बढ़ने के लिए ये ब्रेक लेना जरुरी था। मैं पिछले एक महीने से लगातार स्क्रिप्ट्स पढ़ रहा था। लेकिन मुझे लगता है मैं ज्यादा काम करने का वादा कर देता हूं जिसके बाद मुझे खुद को पुश करना पड़ता है।"

हालाँकि, जब विनीत गोवा में छुट्टी पर थे तब उन्हें चोट लगी थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स पूरे किए। चोट लगने के बावजूद विनीत ने अपनी अलग-अलग फिल्मों  के लिए भागदौड़ और शूटिंग जारी रखी। विनीत ने चोट के बारे में बात करते हुए कहा, “हम सभी कलाकार हमेशा कहते हैं कि शो चलते रहना चाहिए, तो इसलिए मेरे पास काम ना करने का कोई बहाना नहीं था। मैं समुद्र में आगे तक चला गया था जहां पर गहराई थी, मेरे दोनों पैरों में किसी कीड़े ने काट लिया जिसके बाद कुछ दिनों तक मैं अपने दोनों पैरों पर नहीं चल पाया। मैंने सभी आवश्यक सावधानी बरती। अब मैं पहले से बेहतर हूं।

काम की बात करें तो विनीत जल्द ही 'थिरूट्टू पयाले 2' के हिंदी रीमेक में नज़र आएंगे। उनकी दूसरी फिल्मों में आधार, गुंजन सक्सेना बायोपिक, बेताल और ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी जैसी फिल्में शामिल हैं।"

Wednesday, 25 December 2019

क्रिसमस इस तरह सेलिब्रेट करेंगी Chitrangda Singh


 

हर साल हम कई बॉलीवुड सेलेब्स को क्रिसमस और न्यू ईयर का जश्न मनाने के लिए देश से बाहर जाते हुए देखते हैं। अब इस परंपरा को बरकरार रखते हुए चित्रांगदा भी इस साल क्रिसमस पर अपने परिवार के साथ 'कोह सामुई' जा चुकी है। 

अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने हाल ही में बतौर प्रोड्यूसर अपना सफर शुरू किया है। अपने अगले प्रोजेक्ट को लेने से पहले वो स्क्रिप्ट पढ़ने में व्यस्त थीं, ऐसे में उन्होंने क्रिसमस के इस खास मौके पर एक छोटा ब्रेक लेने का फैसला किया।

क्रिसमस की छुट्टी के बारे में बात करते हुए चित्रांगदा कहती हैं, "यह एक बहुत जरुरी ब्रेक है और मुझे 'कोह सामुई' की शांति और सादगी बहुत पसंद है। इसलिए ये आइसलैंड परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए बेहतरीन जगह है।"

एक्टिंग की बात करें तो पिछली बार चित्रांगदा को सैफ अली खान के साथ 'बाजार' नाम की फिल्म में देखा गया था। इसके बाद 'सूरमा' फिल्म से वो फिल्म प्रोड्यूसर भी बन गयीं। इसके अलावा चित्रांगदा के पास वेब-स्पेस से कुछ अमेजिंग ऑफर्स आए हैं। ऐसे में 2020 में चित्रांगदा क्या नया लेकर ऑडिएंस के सामने पेश होंगी इसके लिए अभी दर्शकों को थोड़ा इंतज़ार करना होगा। 

Sunday, 22 December 2019

२०१९ की १०० करोड़ की फ़िल्में



बॉलीवुड फिल्मों का कारोबार, २०१९ में किसी स्टार का मोहताज़ नहीं रहा। जहाँ बड़े सितारों की फ़िल्में हिट-सुपरहिट हुई, वहीँ कई कमतर माने जाने वाले सितारे भी बॉक्स ऑफिस पर चमके। इन सितारों की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर १००- २०० करोड़ का कारोबार किया। अगर हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० उनकी सोलो हिट फिल्म थी तो वॉर की बड़ी सफलता में उन्हें टाइगर श्रॉफ का भी साथ था। २०१९ में अक्षय कुमार, बॉलीवुड के नए शहंशाह नज़र आते हैं। उनकी तीन रिलीज़ फ़िल्में केसरी, हाउसफुल ४ और मिशन मंगल, १०० करोड़ क्लब में पहुंची। उनका स्ट्राइक रेट १०० प्रतिशत नज़र आता है। अजय देवगन की दो फ़िल्में टोटल धमाल और दे दे प्यार दे ने १०० से ज्यादा का कारोबार किया। आयुष्मान खुराना की ड्रीम गर्ल और बाला फिल्मों ने १०० करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया। अभिनेत्री श्रद्धा कपूर साहो और छिछोरे की नायिका थी। इस लिहाज़ से उनकी दो फ़िल्में १०० क्लब में पहुंची। कुछ इसी तरह से, यामी गौतम ने  उरी द सर्जिकल स्ट्राइक और बाला जैसी फिल्मों में काम किया था। इसलिए वह भी दो १०० करोड़ फिल्मों की नायिका थी। १०० करोड़ क्लब में पहुँचने वाली दूसरे सितारों की फिल्मों में सलमान खान की फिल्म भारत, शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह, प्रभास की फिल्म साहो, रणवीर सिंह की फिल्म गली बॉय, विक्की कौशल की फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक और सुशांत सिंह राजपूत की छिछोरे भी १०० करोड़ क्लब में शामिल हुए एक्टर और फ़िल्में थी।

बॉलीवुड २०१९ : बुलंद उम्मीदें, बुलंद इरादे !


बॉलीवुड की फ़िल्में कहिये या हिंदी फ़िल्में, २०१९ बड़ा उत्साहजनक साबित हुआ है। शाहरुख़ खान और आमिर खान की फ़िल्में रिलीज़ नहीं हुई तो क्या हुआ विक्की कौशल, टाइगर श्रॉफ, आयुष्मान खुराना ने कसर पूरी कर दी थी। सलमान खान की फिल्म भारत हिट हो चुकी है, दबंग ३ भी रिलीज़ हो चुकी होगी। बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़, २०० करोड़ और ३०० करोड़ की फिल्मों की बारिश सी हुई। अलबत्ता, टॉप का लाइफटाइम कलेक्शन करने का सेहरा हॉलीवुड की फिल्म अवेंजर्स एन्डगेम के सर पर ही बंधा। नए चेहरों और नए निर्देशकों ने उम्मीदें बुलंद की कि बॉलीवुड का चेहरा भी अब बदलता जा रहा है।

उरी ने बरसाई चाँदी
हालाँकि, २०१९ का बॉलीवुड भी फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स से सहमा रहा। कोई बड़े बजट की क्या, छोटे-मामूली बजट की फिल्म तक नहीं रिलीज़ हुई। इसलिए, रणवीर सिंह की, २०१८ में प्रदर्शित फिल्म सिम्बा को बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाने का मौका मिला। अलबत्ता, दूसरे शुक्रवार बॉलीवुड पर चाँदी बरसने लगी। विक्की कौशल, यमी गौतम, परेश रावल और मोहित रैना की एक्शन फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक आल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म बनने के लिए निकल पड़ी। यह भारतीय सेना के पाकिस्तानी इलाके में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक करने की वास्तविक घटना पर फिल्म थी। इस फिल्म की सफलता ने, बॉलीवुड को उत्साह से भर दिया। बाद में रियल घटनाओं पर अक्षय कुमार की फिल्म मिशन मंगल को भी सफलता मिली, जो भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के मार्स में अपना यान छोड़ने की कहानी पर फिल्म थी।

प्रयोगात्मक फ़िल्में
प्रयोगात्मक फिल्मों का सिलसिला भी बना। मुंबई की एक बस्ती में रहने वाले रैपर के जीवन पर  रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की ज़ोया अख्तर निर्देशित फिल्म गली बॉय को बड़ी सफलता मिली। लक्ष्मण उतेकर की छोटे शहर में लिव- इन रिलेशनशिप का चित्रण करने वाली कार्तिक आर्यन और कृति सेनन की फिल्म लुका छुपी को भी सफलता मिली। मगर, एक लड़की के समलैंगिक रोमांस पर अनिल कपूर, सोनम कपूर और राजकुमार राव की फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा को असफलता का सामना करना पड़ा। कश्मीर की पृष्ठभूमि पर एक सैनिक और छोटे बच्चे के संबंधों पर एजाज़ खान की फिल्म को सराहा गया। इस लिहाज़ से रितेश बत्रा निर्देशित फिल्म फोटोग्राफ निराश कर गई। दर्शकों को अच्छे विषय के बावजूद मर्द को दर्द नहीं होता. अल्बर्ट पिंटू को गुस्सा क्यों आता है, जजमेंटल है क्या, द स्काई इज पिंक, आदि फ़िल्में दर्शकों द्वारा नापसंद की गई।

बायोग्राफिकल या वास्तविक घटनाओं पर फिल्म
२०१९ में बायोग्राफिकल या वास्तविक घटनाओं का चित्रण करती बहुत सी फ़िल्में बनी और अभी भी बनाई जा रही है। लेकिन, इक्का दुक्का फिल्मो को छोड़ दें तो दर्शकों ने इन फिल्मों को बहुत उत्साह से स्वीकार नहीं किया। मसलन, २००५ से २०१४ तक भारत के प्रधान मंत्री रहे श्री मनमोहन सिंह पर फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को दर्शकों की उदासीन प्रतिक्रिया मिली। करनाल हरियाणा के समाजसेवी एसपी चौहान पर शीर्षक फिल्म, भारत और चीन के बीच हुए युद्ध पर आधारित फिल्म ७२ ऑवरस : मार्टियर्स नेवर डाई, १९६२ को दर्शकों का टोटा रहा। शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के जीवन पर फिल्म ठाकरे को महाराष्ट्र में बहुत दर्शक नहीं मिले। भारी बजट से बनी कंगना रानौत की मुख्य भूमिका वाली ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी को इतने दर्शक नहीं मिले कि फिल्म हिट कहलाती। अलबत्ता, मिशन मंगल और द ताशकंद फाइल्स को अच्छी सफलता मिली। पीएम नरेन्द्र मोदी फिल्म ठीकठाक कारोबार कर पाने में कामयाब हुई। बिहार के गणितज्ञ आनंद कुमार पर फिल्म सुपर ३० हिट हुई तो ६० साल की निशानेबाजों पर फिल्म सांड की आँख को दर्शकों ने पसंद किया।

सुरक्षित रास्ता भी
यो कह सकते हैं कि बॉलीवुड ने जहां प्रयोग किये, वहीँ सुरक्षित रास्ता भी पकडे रखा। मसलन सीक्वल फिल्मों और रीमेक फिल्मों का निर्माण हुआ। अपने जाने पहचाने कथानक के कारण सीक्वल या रीमेक फिल्मों का दर्शकों को इंतज़ार रहता है। इसीलिए, २०१९ में, हाउसफुल ४, कमांडो ३, मर्दानी २ और स्टूडेंट ऑफ़ द इयर २ रिलीज़ हुई। दबंग फ्रैंचाइज़ी की तीसरी फिल्म दबंग ३ प्रीक्वेल फिल्म बताई जा रही है। रीमेक फिल्मों में तेलुगु अर्जुन रेड्डी की हिंदी रीमेक फिल्म कबीर सिंह को बड़ी सफलता मिली। रीमेक फिल्म पति पत्नी और वह भी कामयाब हुई।आम तौर पर बड़े बजट और सितारों वाली फिल्मों को सुरक्षित माना जाता है। इसलिए वॉर, केसरी, हाउसफुल ४, भारत, टोटल धमाल, आदि बड़े बजट की फ़िल्में बनाई गई और इन्हे सफलता भी मिली। लेकिन, बड़े बजट और सितारों वाली फिल्म कलंक फ्लॉप हो गई। कॉमेडी फ़िल्में भी सुरक्षित रास्ता साबित होती थी। टोटल धमाल, दे दे प्यार दे, हाउसफुल ४, बाला, ड्रीम गर्ल, छिछोरे, आदि को मिली सफलता ने इसे प्रमाणित भी किया ।

निराशा मिली : दर्शकों को भी, फिल्मों को भी
कोई भी फिल्मकार नहीं चाहता कि उसकी फिल्म को दर्शक नापसंद करें। अपने हिसाब से वह दर्शकों को पसंद आने वाले मसाले वाली फ़िल्में ही बनाता है। लेकिन, अब इसका क्या किया जाए कि दर्शक निराश होता है और फिल्मकारों को निराशा मिलती है। इस लिहाज़ से थ्रिलर हॉरर फ़िल्में अमावस, बदला, घोस्ट, बाईपास रोड और द बॉडी फिल्मों में बदला को छोड़ कर बाकी फिल्मों के निर्माताओं को निराशा मिली। दर्शकों को पुरानापन सख्त नापसंद आया. नतीजे के तौर पर पुराने कथानक वाली फ़िल्में सोन चिड़िया, मिलन टाकीज, कलंक, आदि औंधी गिरी।

निराश कर गया फिल्म डेब्यू
इस साल कुछ नए चेहरों ने  दर्शकों को निराश किया। नोटबुक के ज़हीर इकबाल और प्रनुतन बहल, मलाल के मीजान जाफ़री और शर्मीन सहगल, पल पल दिल के पास के करण देओल और सहर बाम्बा, यह साली आशिकी के वर्धन पुरी और शिवालीका ओबेरॉय की जोड़ियाँ दर्शकों को निराश कर गई। इन एक्टरों में प्रनुतन बहल, पुराने जमाने की अभिनेत्री नूतन की पोती थी। मीज़ान जाफरी हास्य अभिनेता जगदीप के पोते थे। वर्धन पूरी भी चरित्र अभिनेता और मोगाम्बो एक्टर अमरीश पूरी के पोते थे। करण देओल के पिता सनी देओल थे और दादा धर्मेंद्र। लेकिन, यह तमाम एक्टर अभिनय के मामले में बेहद कच्चे नज़र आये। फ़िल्में भी खराब बनी थी।

देशभक्ति का सैलाब, दर्शक निराश 
२०१९ में देशभक्ति का सैलाब सा आया। ढेरों फिल्मों में देशभक्ति भरी नज़र आई।  इस समय भी कई फ़िल्में देश की बात कहने वाली आ रही हैं। भारत में देशभक्ति की छौंक लगाई गई थी। मगर२०१९ में प्रदर्शित केसरी, रोमियो अकबर वाल्टर, ब्लेंक, इंडियाज मोस्ट वांटेड, यह है इंडिया, बाटला हाउस जैसी देशभक्ति वाली फिल्मों में केवल केसरी ही दर्शकों को पसंद आई। उरी द सर्जिकल स्ट्राइक बनाना तो हर निर्माता-निर्देशक के बूते की बात नहीं होती। कुछ फिल्मो को तो दर्शकों ने ट्रेलर देख कर ही नकार दिया। ऐसी फिल्मों में, अर्जुन पटियाला, खानदानी शफाखाना, जबरिया जोड़ी, जजमेंटल है क्या, झूठा कहीं का, द जोया  फैक्टर, पल पल दिल के पास, प्रस्थानम, लाल कप्तान, मेड इन चाइना, ड्राइव, सॅटॅलाइट शंकर, मोतीचूर चकनाचूर, आदि थी। इन फिल्मों को पहले दिन ही दर्शक नहीं मिले।