Sunday, 4 October 2020

खतरे में नशाखोर बॉलीवुड के ब्रांड्स !



लगता है कि बॉलीवुड के नशाखोर एक्टरों की वाट लगने जा रही है। ख़ास कर उन बॉलीवुड हस्तियों को भारी नुकसान होने जा रहा हैजो बड़ी बड़ी कंपनियों के ब्रांडो का प्रचार करते हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन ब्रांड्स (आइआइएचबी) के द्वारा टेलीफोन के जरिये किये गए एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि १८ -३० साल तक के युवा फ़िल्मी हस्तियों द्वारा नशीली दवाओं के सेवन का समर्थन नहीं करते हैं । उनका मानना है कि इससे इन हस्तियों की छवि और उनके प्रचारित ब्रांड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन का महत्त्व इस लिहाज़ से हैं कि आजकल ज़्यादातर कंपनियां युवा सितारों से अपने उत्पादों का प्रचार करवाना पसंद करती हैं।



सारा अली खान- वर्तमान समय में सारा अली खान, सबसे अधिक ब्रांड एंडोर्स करती है । उनके पास फैंटा, प्यूमा, विवो, सेरिज, त्रिभुवनदास भीमजी जावेरी, वीट, आईटीसी फियामा, गर्निएर तथा दूसरे कुछ ब्रांड हैं। अक्षय कुमार के पास रसना, डॉलर क्लब, हौंडा, माइक्रोमैक्स, आदि कुछ दूसरे विज्ञापन हैं। रणवीर सिंह- फिल्म सिम्बा में सारा के नायक रणवीर सिंह इस समय जिओमी इंडिया, सियारामस, कोटक महिंद्रा बैंक, मेक माय ट्रिप, थम्स अप, ड्यूरेक्स, सेट वेट, एडिडास, कॉलगेट, नेक्सा, हेड एंड शोल्डर्स, चिंग्स देसी चाइनीज़ और रॉयल स्टैग जैसे बड़े उत्पादो का प्रचार कर रहे हैं।



दीपिका पादुकोण- उनकी अभिनेत्री पत्नी दीपिका पादुकोण एक्सिस बैंक, जैगुआर लाइटिंग, ओप्पो, तनिष्क, कोका कोला, गोइबोबो, जिलेट वीनस, विस्तारा, ब्रिटानिया, नेस्कैफे, लक्स, केलॉग्स, लोरियल पेरिस और कुछ दूसरे ब्रांड का प्रचार करती हैं।



आलिया भट्ट- फिल्म गली बॉय में रणवीर सिंह की नायिका आलिया भट्ट के पास, उबेर ईट्स, नोकिआ, सनफीस्ट डार्क फैंटसी, स्टार प्लस, मानगो फ्रूटी, फ्रैंकफिन, काप्रेसे, सनसिल्क, जिओनी, कोर्नेटो, फिलिप्स और गार्नियर जैसे उत्पाद हैं।



रकुल प्रीत सिंह- वहीँ दक्षिण में सफल और बॉलीवुड में बड़ी तेज़ी से अपनी जगह बनाती जा रही अभिनेत्री राकुल प्रीत सिंह प्रति ब्रांड डेढ़ करोड़ लेती है । उनके पास एली के स्विच, तेलंगाना सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान और वैभव ज्वैलरस के विज्ञापन हैं ।



भरोसेमंद नहीं नशाखोर बॉलीवुड -आइआइएचबी का यह सर्वे सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और उसके बाद रिया चक्रवर्ती द्वारा सितारों के नशे के इस्तेमाल करने के खुलासे के बाद किया गया था । इस अध्ययन में, २५१ पुरुषों और २३६ महिलाओं से टेलीफोन के जरिये बात की गई थी । अध्ययन में शामिल युवाओं का विचार था कि नशा करने वाली हस्तियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता । यह युवा इन सेलिब्रिटी के ब्रांड इंडोर्समेंट को नापसंद करते हैं और जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। आइआइएचबी के अध्ययन में शामिल ८२ प्रतिशत युवा ऎसी हस्तियों के दोषी साबित होने पर, उनके द्वारा प्रचारित किये जा रहे उत्पादों का बहिष्कार करने के पक्ष में हैं ।

विश्वसनीय नहीं ब्रांड भी - जहाँ, बॉलीवुड, सारा अली खान, राकुल प्रीत सिंह और मुकेश छाबड़ा के नाम के बाद ही कांपने लगा है, वही अध्ययन में शामिल युवाओं का कहना है कि उनके खुद के और भरोसेमंद सूत्रों और दूसरे माध्यमों से दूसरी कुछ हस्तियों के नाम भी मालूम है । इस अध्ययन के परिणाम, बॉलीवुड की हस्तियों को संदिग्ध बनाते ही है, इनके द्वारा प्रचारित किये जा रहे ब्रांड्स को भी विश्वास के योग्य नहीं साबित करते हैं।

सबसे आगे सारा अली खान - जहाँ, जया बच्चन ने सेलेब्रिटी के नशेडी होने को २० प्रतिशत का कारनामा बताया था। वही सर्वे के युवा, बॉलीवुड सेलेब्रिटी और नशे को पर्याय मानते हैं । उन्होंने कहा कि उन्हें इनके नशे की गिरफ्त में होने की जानकारी से कोई सदमा नहीं पहुंचा है। अध्ययन के ७० प्रतिशत युवाओं ने इसे तकलीफदेह माना। जब अध्ययन में युवाओं से किसी नशाखोर सितारे का नाम पूछा गया तो ४८ प्रतिशत ने सबसे पहला नाम सारा अली खान का और ४२ प्रतिशत ने रकुल प्रीत सिंह का नाम लिया।  

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