हिंदी फिल्मों का नृत्य संयोजन करने के बाद फिल्म निर्देशक बनी फराह खान के दिन इधर कुछ अच्छे नहीं चल रहे लगते हैं. उन्हें अपने फिल्म पेशे की शुरुआत में ही खान और कुमारों का साथ मिलाता चला गया. नृत्य संयोजक (कोरियोग्राफर) के रूप में उनकी पहली फिल्म आमिर खान की जो जीता वही सिकंदर (१९९२) थी. अगले ही उन्होंने शाहरुख़ खान (कभी हाँ कभी न), अक्षय कुमार (वक़्त हमारा है), सलमान खान (चंद्रमुखी) और अनिल कपूर (१९४२- अ लव स्टोरी) की फ़िल्में मिल गई.
वह फिल्म निर्देशक बनी शाहरुख़ खान के साथ फिल्म मैं हूँ न से. उन्होंने शाहरुख़ खान के साथ ॐ शांति ॐ और हैप्पी न्यू इयर तथा अक्षय कुमार के साथ तीस मार खान की. लेकिन, अब वह फिल्म निर्देशित करना चाहती हैं तो कोई एक्टर ही नहीं मिल रहा.
वह अमिताभ बच्चन की सात भाइयों की कहानी वाली फिल्म सत्ते पे सत्ता का रीमेक करना चाहती थी. सिप्पियों से इसकी अनुमति ही नहीं. इसके बाद उन्होने स्क्रिप्ट को काफी बदल डाला. उन्होंने इसे अमिताभ बच्चन की फिल्म के बजाय हॉलीवुड की फिल्म सेवेन ब्राइड्स फॉर सेवेन ब्रदरस बना डाला. बदली स्क्रिप्ट के साथ वह शाहरुख़ खान, अक्षय कुमार और हृथिक रोशन की चौखट पर गई. किसी ने स्क्रिप्ट को मंजूरी नहीं दी.
दरअसल, कठोर कॉपी राईट नियम आड़े आये. फराह खान किसी भी दशा में हॉलीवुड फिल्म का रीमेक मूल निर्माता की बिना अनुमति के नहीं बना सकती थी. इसके साथ ही फराह खान ने सत्ते पे सत्ता के कथित रीमेक की स्क्रिप्ट को अपने घर की तिजोरी में बंद कर दिया.
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