लन्दन में जन्मी भारतीय निकेशा पटेल की कहानी गंभीर बहस को जन्म देने वाली हो सकती थी. इस तीस साल की अभिनेत्री ने बीबीसी टीवी के लिए शो करने के बाद, बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री बनने के ख्याल से भारत का रुख किया. परन्तु, बॉलीवुड ने उन्हें नकार दिया. क्यों ? इसे बाद में बताता हूँ.
बॉलीवुड से निराश हो कर निकेशा दक्षिण को कूच कर गई. दक्षिण में उन्हें बड़ी सफलता मिली. उनकी दक्षिण में पहली फिल्म तेलुगु भाषा में तेलुगु सुपरस्टार पवन कल्याण के साथ पुली थी. यह फिल्म १० सितम्बर २०१० को प्रदर्शित हुई थी. इसके बाद से निकेशा ने तेलुगु के अलावा तमिल और कन्नड़ भाषा की २५ फिल्मों में अभिनय किया. यह फ़िल्में कुछ सफल हुई, कुछ असफल.
लेकिन, निकेशा का १० साल लंबा यह सफ़र उन्हें संतोष नहीं दे सका. उन्हें मनमुताबिक फ़िल्में नहीं मिल रही थी. नतीजा यह हुआ कि दक्षिण की फिल्मों से उनका मन उचट गया. वह लन्दन वापस हो ली. वह वहां, यूनाइटेड किंगडम और लोंस एंजेल्स के कास्टिंग एजेंट से मिलने लगी.
उन्होंने दो महीनों का अभिनय का क्रेश कोर्स भी किया. जानते हैं क्यों ? क्योंकि, कास्टिंग एजेंट का कहना था कि वह लाउड हैं. उन्हें थोडा नेचुरल होना चाहिए. निकेशा पटेल खुलासा करती हैं, "बॉलीवुड के निर्माता भी ही कहते थे कि तुम लाउड हो, थोडा नेचुरल अभिनय करो." फिलहाल निकेशा पटेल की कुछ प्रोजेक्ट के लिए बातचीत चल रही है.
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