Saturday 27 May 2017

बॉलीवुड की ‘डिअर माया’ मनीषा कोइराला !

सुनैना भटनागर निर्देशित फिल्म डिअर माया शिमला के एक गाँव में अकेली रहने वाली और गुडिया बना कर गुजर बसर करने वाली महिला माया देवी की कहानी है। माया को कोई लव लैटर लिख रहा है। कौन लिख रहा है, यह पता तो नहीं चलता। लेकिन माया के सपनों को पंख लग जाते हैं।  वह खुली आँखों से सात रंग के सपने देखने लगती है।  एक अकेली औरत के मनोविज्ञान को समझने वाली बेहद उलझी हुई फिल्म है डिअर माया।  इस जटिल चरित्र को सामान्य ढंग से करने के लिए किसी सक्षम अभिनेत्री की ज़रुरत होती है।  सुनैना भटनागर की फिल्म डिअर माया की इस ज़रुरत को पूरा करती हैं अभिनेत्री मनीषा कोइराला। मनीषा कोइराला कोई पांच साल बाद रुपहले परदे पर वापसी कर रही हैं। ज़ाहिर है कि हिंदी फिल्म दर्शक मनीषा कोइराला के अभिनय का दीवाना है तभी तो डिअर माया का ट्रेलर सोशल साइट्स पर वायरल हो गया है। 
२६ साल पुराना परिचय
हिंदी फिल्म दर्शकों से मनीषा कोइराला का परिचय २६ साल पुराना है।   निर्माता निर्देशक सुभाष घई ने कोई ३२ साल बाद राजकुमार और दिलीप कुमार को एक साथ ला कर धमाका कर दिया था।  इन दो ज़बरदस्त एक्टरों के बीच दो नए चेहरे विवेक मुश्रान और नेपाली ब्यूटी मनीषा कोइराला का रोमांटिक डेब्यू हो रहा था। फिल्म देखने जाने वाले तमाम दर्शकों में दिलीप कुमार-राजकुमार टकराव देखने की उत्तेजना थी।  लेकिन, जब दर्शक फिल्म देख कर बाहर निकलता तो उसकी जुबां पर फिल्म का गीत इलू इलू होता और दिमाग पर मनीषा कोइराला के पर्वतीय सौन्दर्य का कब्ज़ा । इसका नतीजा था कि मनीषा कोइराला को लेकर तथा विवेक मुश्रान के साथ जोड़ी बना कर फ़िल्में बनाने की होड़ लग गई। यह सभी बेहद कमज़ोर थी। लिहाजा बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गई। 
सौदागर के बाद असफलता
सौदागर में मनीषा कोइराला के रोमांस विवेक मुश्रान अपनी फिल्मों की असफलता के बाद बिलकुल नदारद हो गए।  लेकिन मनीषा कोइराला फ्लॉप फिल्मों के बावजूद जमी रही।  उन्होंने फ़िल्में हिट हो या फ्लॉप, अपने अभिनय का लोहा मनवाया।  १९४२ अ लव स्टोरी (१९९४), बॉम्बे और अकेले हम अकेले तुम (दोनों १९९५), अग्नि साक्षी (१९९६), ख़ामोशी द म्यूजिकल (१९९६), आदि फिल्मों में अपने अभिनय से सबको प्रभावित किया। १९९० के दशक में वह उस समय की माधुरी दीक्षित, काजोल, रानी मुख़र्जी, आदि को चुनौती देती लगती थी। लेकिन, इस सब के बावजूद मनीषा कोइराला के फिल्म करियर को उनके निजी जीवन ने बेहद प्रभावित किया।  वह फिल्मों से ज्यादा देर रात पार्टियों, बॉय फ्रेंड्स और शराब के नशे को लेकर सुर्ख होने लगी। इसके बावजूद राजीव राय की फिल्म गुप्त : द हिडन ट्रुथ, मणि रत्नम की फिल्म दिल से, मिलन लुथरिया की फिल्म कच्चे धागे, इन्द्र कुमार की फिल्म मन, राजकुमार संतोषी की फिल्म  लज्जा और उज्जवल चट्टोपाध्याय की फिल्म एस्केप फ्रॉम तालिबान ने मनीषा कोइराला की अभिनेत्री की प्रतिष्ठा को बरकरार रखा था। 
मनीषा कोइराला की मार्केट को धक्का !
मनीषा कोइराला की इस प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा जय प्रकाश की फिल्म मार्केट के बाद।  मार्केट बॉक्स ऑफिस पर सफल हो गई। लेकिन, मनीषा कोइराला की ऎसी घटिया फिल्म करने के लिए आलोचना की गई। रही सही कसर पूरी कर दी चाहत एक नशा, अनजाने द अननोन, लाइफ लुक्स ग्रीनर ऑन द आदर साइड, आदि नायिका के खुले अंगों का प्रदर्शन करने वाली फिल्मों ने।  दर्शकों को उस समय बड़ा धक्का लगा, जब उनकी प्रिय अभिनेत्री शशिलाल नायर की फिल्म एक छोटी सी लव स्टोरी में एक किशोर युवक के साथ सेक्स कर रही थी।  यह फिल्म देखने के बाद कोई भी यह कह सकता था कि मनीषा कोइराला का करियर किस फेज से गुजर रहा था | हालाँकि, इस दौरान मनीषा कोइराला ने अग्निसाक्षी वाले पार्थो घोष की फिल्म एक सेकंड....जो ज़िन्दगी बदल दे और दीप्ति नवल की फिल्म दो पैसे की धूप और चार आने की बारिश से वापसी करने की कोशिश की।  लेकिन, रामगोपाल वर्मा की गैंगस्टर वॉर फिल्म कंपनी और हॉरर फिल्म भूत रिटर्न्स के बाद अभिनेत्री मनीषा कोइराला की फिल्मों में वापसी नहीं हुई। 
घरेलू परेशानियां और कैंसर
२०१० से मनीषा कोइराला घरेलू परेशानियों से जूझ रही थी। उनकी २०१० में एक नेपाली व्यवसाई सम्राट दहल से शादी हुई थी।  लेकिन, यह शादी सफल नहीं हो सकी। २०१२ में दोनों में तलाक़ हो गया। इसी साल उनके गर्भाशय में कैंसर का पता चला। यह किसी भी औरत की बड़ी त्रासदी थी कि एक तरफ वह अपनी उथल पुथल भरे वैवाहिक ज़िंदगी से जूझ रही थी, दूसरी ओर उसे अब कैंसर से भी लड़ना था।  इसके बाद मनीषा कोइराला फिल्मों से बिलकुल दूर चंद शब्दों के समाचारों में खो गई।  कभी कभार यह खबर आती कि मनीषा कोइराला कहीं विदेश में अपना कैंसर का ईलाज करा रही है। फिर एक दिन खबर आई कि वह अब बिलकुल ठीक है।  इसी के साथ दर्शक इंतज़ार करने लगे कि कब उनकी प्रिय अभिनेत्री मनीषा कोइराला अभिनय की दुनिया में लौटती है !
अब डिअर माया और नर्गिस
अब तीन साल तक कैंसर के ईलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो गई मनीषा कोइराला हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही है। सुनैना भटनागर की फिल्म डिअर माया उनकी वापसी के लिए श्रेष्ठ फिल्म साबित हो सकती है।  डिअर माया २ जून को रिलीज़ हो रही है। मनीषा कोइराला अपनी इस वापसी फिल्म के लिए खूब प्रचार कर रही हैं और इंटरव्यू दे रही हैं। उनके चेहरे पर थकान साफ़ नज़र आती हैं। लेकिन, वापसी फिल्म का उत्साह इसे दूर भगा देता है। डिअर माया कितनों को लुभा पाती है, पता नहीं।  लेकिन मनीषा का सफ़र अब चलते रहने वाला है।  वह राजकुमार हिरानी की संजय दत्त के जीवन पर अनाम फिल्म में संजय दत्त की माँ नर्गिस का किरदार कर रही हैं।  मनीषा कोइराला ने संजय दत्त के साथ यलगार, सनम, अचानक, कारतूस, खौफ, बागी और महबूबा जैसी फ़िल्में की हैं। कुछ फिल्मों में वह संजय दत्त का प्यार बनी थी।  ऐसे में अपने रील लाइफ प्रेमी की रील लाइफ माँ का किरदार किसी अभिनेत्री को अटपटा सा लग सकता है।  लेकिन, अभिनेत्री मनीषा कोइराला को ऐसी फिल्मों की दरकार है।  वह जानती है कि वह संजय दत्त की बायोपिक से नर्गिस के उस दर्द को बयान कर सकेगी, जो कैंसर से जूझती नर्गिस ने नशीली दवाओं के चपेट में रहने वाले बेटे को देख देख कर भोगा था। यह संयोग की बात है कि नर्गिस दत्त की मौत भी कैंसर से हुई थी। 


Thursday 25 May 2017

'काला' के ज़रिये रजनीकांत की राजनीति !

ऐसा लगता है कि सुपरस्टार रजनीकांत राजनीति में आने को लेकर गंभीर है।  उनकी अगली फिल्म के ऐलान के बाद यह पुख्ता खबर लगती है।  रजनीकांत की अगली फिल्म का निर्माण रजनीकांत के दामाद धनुष राजा कर रहे हैं। इस फिल्म का टाइटल काला रखा गया है ।  वंडर फिल्म्स के बैनर तले बनाई जा रही इस फिल्म का निर्देशन पीए रंजित कर रहे हैं। पीए रंजित ने २०१२ में रिलीज़ पॉलिटिकल ड्रामा  फिल्म 'मद्रास' से माध्यम पर अपनी पकड़ साबित की थी।  रजनीकांत की पिछली हिट फिल्म कबाली का निर्देशन भी रंजित ने ही किया था।  नई फिल्म का टाइटल 'काला' उत्तर भारतीयों द्वारा दक्षिण भारतीयों को उनके रंग के आधार पर अपमानित करने के लिए काला कह कर बुलाने से प्रेरित है।  ख़ास बात यह है कि इस टाइटल के साथ कारिकालन शब्द भी जुड़ा है।  कारिकालन एक चोल राजा था, जो अपने साहस और बुद्धिमानी के लिए मशहूर था।  इससे साफ़ है कि फिल्म में रजनीकांत काले रंग के बावजूद अपनी श्रेष्ठता साबित करने जा रहे हैं।  इस फिल्म की कहानी मुंबई की पृष्ठभूमि पर एक तमिल गैंगस्टर की है।  मुंबई में रंग के आधार पर भेदभाव की इस कहानी में रजनीकांत तमाम बाधाओं और अपमान के बावजूद खुद के लिए सम्मान हासिल करते हैं।  उल्लेखनीय है कि रजनीकांत ने कबाली फिल्म में भी मलेशिया के एक गैंगस्टर का किरदार किया था। रजनीकांत की २०१० की हिट फिल्म एंधिरन (हिंदी में रोबोट) की सीक्वल फिल्म २.० अगले साल रिलीज़ होगी। फिल्म काला का निर्माण तमिल और हिंदी में किया जायेगा।  इस फिल्म को अन्य भारतीय भाषाओं में डब कर भी रिलीज़ किया जायेगा।  दक्षिण के मशहूर फिल्म एडिटर श्रीकर प्रसाद पहली बार रजनीकांत की किसी फिल्म का संपादन करेंगे।    आज इस फिल्म के हिंदी, इंग्लिश, तमिल, आदि भाषाओँ में पोस्टर रिलीज़ किये गए। क्या दक्षिण के लोगों के साथ उत्तर के भेदभाव को उजागर कर रजनीकांत तमिल राजनीति में अपनी पैंठ जमा पाएंगे ?

जब सोनम कपूर को बता दिया गया दीपिका पादुकोण

इक्का दुक्का बाहुबली फ़िल्में चाहे दुनिया फतह कर लें, लेकिन विदेशी मीडिया के लिए बॉलीवुड अभी भी अनजाना है।  फिल्म तो फिल्म, विदेशी मीडिया के लोग चेहरो को तक नहीं पहचानते।  अभी पिछले दिनों, दीपिका पादुकोण विदेशी मीडिया पर झल्लाती हुई नज़र आई कि मुझे प्रियंका चोपड़ा कह कर आवाज़ दी गई। अभी विदेशी जर्नो इस हादसे से उबरे नहीं थे कि दूसरा हादसा घट गया।  ७०वे कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को कवर कर रही एक अमेरिकन फोटो स्टॉक एजेंसी ने सोनम कपूर का फोटो लगा कर कैप्शन दिया कि ७०वे कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की प्रतियोगी श्रेणी में अपनी फिल्म मेएरोवित्ज़ स्टोरी के लिए हिस्सा लेने आई भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण। सोनम कपूर फ्रांस में नियमित आती रहती है। जबकि, दीपिका पादुकोण का कांस फेस्टिवल में पहली एंट्री थी। इसलिए, सोनम कपूर के लिए यह ट्वीट शॉकिंग थी। उधर  इतनी प्रतिष्ठित एजेंसी की यह त्रुटि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई।  लेकिन, सोनम कपूर ने इसे ख़ास तवज्जो नहीं दी। जब सोनम कपूर की प्रतिक्रिया मांगी गई तो सोनम कपूर ने कहा, "सही टैग्ड हजारों फोटोज में से किसी एक फोटो का मिस टैग्ड गलती मानी जानी चाहिए, न कि इसे  गलत पहचान माना जाना चाहिए । आप सही कर लीजिये, पीआर पर इतना भरोसा क्यों।" सोनम कपूर की यह प्रतिक्रिया सुन कर सहसा याद आ जाती हैं दीपिका पादुकोण।  एक बार अमेरिका में विदेशी मीडिया ने दीपिका पादुकोण को क्वांटिको की प्रियंका चोपड़ा समझ कर, प्रियंका नाम से बुला लिया था।  इससे दीपिका पादुकोण बिफर गई।  उन्होंने विदेशी मीडिया को चेहरों की पहचान उसके रंग से करने वाला रंग भेदी मीडिया करार दिया था।

Wednesday 24 May 2017

वॉर मशीन के प्रमोशन और प्रीमियर पर ब्रैड पिट

आज (२४ मई को) हॉलीवुड अभियंता ब्रैड पिट अपनी फिल्म वॉर मशीन के प्रमोशन के लिए मुंबई में थे।  बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारे उनके स्वागत में पालक पांवड़े बिछाए हुए थे।  इस प्रचार के दौरान शाहरुख़ खान उनके साथ बने रहे।  वॉर मशीन, लेखक माइकल हेस्टिंग्स की नोटिफिकेशन बुक द ऑपरेटर्स का फिल्म रूपांतरण है।  इस फिल्म को, एनिमल किंगडम फिल्म के लेखक निर्देशक डेविड मिचोड ने निर्देशित किया है।  फिल्म में ब्रैड पिट एक अमेरिकन जनरल ग्लेन मैक्महोन का  किरदार कर रहे हैं, जो युद्ध के मैदान में अपनी  रॉक स्टार युद्ध-शैली के कारण मशहूर है।  उसका पतन उस समय शुरू होता है, जब एक पत्रकार उसकी बखिया उधेड़ने लगता है।  इस फिल्म के निर्माण में ६० मिलियन डॉलर खर्च हुए है।  यह फिल्म थिएटरों में रिलीज़ नहीं हो रही है।  इस फिल्म को २६ मई से नेटफ्लिक्स पर दिखाया जायेगा।  आज रात इस फिल्म के प्रीमियर में ब्रैड पिट ने भी हिस्सा लिया।  

डार्क फ़ीनिक्स यानि एक्स-मेन ७

पिछले कुछ महीनों की अफवाहों के गर्म बाज़ार के बाद यह तय हो गया है कि एक्स-मेन सरिस की अगली फिल्म डार्क फ़ीनिक्स टाइटल के साथ रिलीज़ की जाएगी | इस फिल्म को एक्स-मेन सीरीज की दो फिल्मों एक्स २: एक्स मेन यूनाइटेड और एक्स-मेन : द लास्ट स्टैंड को रिबूट कर बनाया  जा रहा है | इस फिल्म की पृष्ठभूमि १९९० के दशक वाली होगी | फिल्म में सोफी टर्नर अपने जीन ग्रे के किरदार में नज़र आएँगी | फिल्म की पूरी कास्ट क्या होगी, इसका ऐलान होना बाकी है | मगर टुकड़ों टुकड़ों में खबरें ज़रूर छान कर आ रही है | इन खबरों के अनुसार फिल्म से दो दूसरे आइकोनिक चरित्र जोड़े जा रहे हैं | हालिया रिलीज़ फिल्म एलियन: कोवेनेंट के माइकल फस्बेंदर की मैग्नेटो के बतौर वापसी होगी | फिल्म के एक प्रोडूसर हच पार्कर ने सिनेमाब्लैंड को संकेत दिया कि जेनिफर लॉरेंस का मिस्टिक करैक्टर भी फिल्म में होगा | सीरीज के निर्माताओं के बयानों पर भरोसा करें तो प्रोफेसर एक्स, बीस्ट, मोइरा मकटागेर्ट, क्विकसिल्वर, स्टॉर्म और नाईटक्रॉलर जैसे चरित्र फिर वापसी करेंगे | कुछ बुरे चरित्रों को शामिल किये जाने पर भी काम चल रहा है | ख़ास बात यह है कि डार्क फ़ीनिक्स से लेखक-निर्माता सिमोन किन्बर्ग बतौर निर्देशक डेब्यू करेंगे | यह भी तय हो गया है कि एक्स-मेन: डार्क फ़ीनिक्स २ नवम्बर २०१८ को रिलीज़ होगी |

क्या विश्व युद्ध में फंसेगा वाकांडा !

हॉलीवुड फिल्मों के राइटर-डायरेक्टर रयान कुग्लर मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स के लिए पहली बार किसी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं | उन्हें मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की सुपर हीरो फिल्म ब्लैक पैंथर का निर्देशन सौंपा गया हैं | रयान ने २०१५ में रॉकी फिल्म सीरीज की स्पिन-ऑफ सीक्वल फिल्म क्रीड का निर्देशन किया था | अब वह मार्वल कॉमिक्स के सुपर हीरो ब्लैक पैंथर को सोलो हीरो बना कर पेश करने जा रहे हैं | इस फिल्म का ख़ास विवरण अभी नहीं मिल पा रहा है | लेकिन, जैसे जैसे ब्लैक पैंथर की रिलीज़ की तारिख १६ फरवरी २०१८ नज़दीक आती जा रही है, ब्लैक पैंथर की कहानी से पर्दा उठता जा रहा है | एक मैगज़ीन में फिल्म की जो कहानी छपी है, उससे यह संकेत मिलता है कि ब्लैक पैंथर की कहानी कैप्टेन अमेरिका: सिविल वार के बाद की है, जब किंग टीछल्ला वाकांडा वापस आकर एकांत में समय बिताने लगता है | वह वाकांडा जैसे तकनीकी रूप से उत्कृष्ट राज्य का शासक है | ज़ल्द ही उसे मालूम हो जाता है कि वाकांडा के दुश्मन वाकांडा को विश्व युद्ध की आग में  झोंकने का प्रयास कर रहे हैं | टीछल्ला सीआईए एजेंट एवेरेट के० रॉस और वकंदन स्पेशल फाॅर्स के सदस्य डोरा मिलाजे के साथ मिल कर दुश्मनों को ख़त्म करता है | फिल्म में किंग का किरदार चाडविक बोस कर रहे हैं | वाकांडा के दो दुश्मन एरिक किलमोंजर और उलीसेस हैं | दर्शकों ने उलीसेस को द एवेंजरस : एज ऑफ़ उल्ट्रोन में देखा था | इस किरदार को एंडी सेर्किस कर रहे थे | सीआईए एजेंट एवेरेट के० रॉस का किरदार मार्टिन फ्रीमैन करेंगे | सुपर हीरो की दुनिया में ब्लैक पैंथर क्रांतिकारी घटना होगी | क्योंकि, यह पहला मौका होगा, जब किसी अश्वेत सुपर हीरो किरदार पर सोलो फिल्म बनाई गई है | फिल्म के ज़्यादातर एक्टर अफ्रीकन-अमेरिकन हैं | फिल्म से जुड़े कलाकारों में  माइकल बी जॉर्डन, एंजेला बेसेट, फारेस्ट व्हिटकर , लुपिता न्योंग’ओ और दानाई गुरीरा के नाम उल्लेखनीय हैं | सबसे दिलचस्प तथ्य यह कि मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फिल्मों में पहली बार कोई समलैंगिक किरदार शामिल किया गया है |

टाइगर श्रॉफ बने बॉलीवुड के रेम्बो

भारत से ७ हजार किलोमीटर दूर कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बात का ऐलान कर दिया गया है कि बॉलीवुड, हॉलीवुड की हिट रेम्बो सीरीज पर अधिकारिक फिल्म का निर्माण करेगा । फ्रांस का कांस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल इस बात का गवाह बना कि बॉलीवुड के युवा सितारे टाइगर श्रॉफ हॉलीवुड के सिल्वेस्टर स्टैलोन को बॉलीवुड का जवाब होंगे । हॉलीवुड की मशहूर रेम्बो सीरीज की पहली फिल्म रेम्बो के ऑफिसियल बॉलीवुड रीमेक में टाइगर श्रॉफ रेम्बो का किरदार करेंगे। फिल्म का जो पहला पोस्टर जारी किया गया है, उससे साफ़ लगता है कि बॉलीवुड की रेम्बो फिल्म का टाइटल भी रेम्बो ही होगा । इस फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद करेंगे।  सिद्धार्थ आनंद ने २०१४ में रिलीज़ हृथिक रोशन और कैटरीना कैफ की  एक्शन फिल्म बैंग बैंग का निर्देशन किया था।  बताते चलें कि सिद्धार्थ आनंद की फिल्म बैंग बैंग टॉम क्रूज और कैमेरॉन डियाज़ अभिनीत फिल्म नाइट एंड डे का ऑफिसियल रीमेक थी ।
हॉलीवुड को मालामाल किया रेम्बो ने 
हॉलीवुड फिल्मों के हिन्दुस्तानी दर्शक जानते हैं कि सिल्वेस्टर स्टैलॉन को हॉलीवुड का एक्शन स्टार बनाने वाली फिल्म रेम्बो १९८२ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म ने सिल्वेस्टर स्टैलॉन को एक्शन स्टार तो बनाया ही, इसके निर्माताओं को भी मालामाल कर दिया।  फिल्म के निर्माण में केवल १५ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। लेकिन,  धुंआधार एक्शन और खून खराबे वाली फिल्म रेम्बो ने बॉक्स ऑफिस पर १२५ मिलियन डॉलर बटोर लिए ।  इतनी बड़ी सफलता के बाद, स्वाभाविक था कि रेम्बो के सीक्वल बनाये जाते।  इस फिल्म के तीन सीक्वल और बनाये गए।  सिल्वेस्टर स्टेलॉन इन सभी फिल्मों में थे।  उन्होंने इन रेम्बो फिल्मों को लिखा भी। चौथी रेम्बो फिल्म का निर्देशन भी किया। रेम्बो एक अमेरिकन सिपाही की शक्ति और जांबाज़ी का प्रतीक था । वह हैंड टू हैंड कॉम्बैट भी कर सकता था और गुरिल्ला युद्ध में भी दक्ष था। सिल्वेस्टर स्टैलॉन के मज़बूत और संतुलित शरीर ने रेम्बो को सजीव कर दिया।  
भारतीय रेम्बो नहीं बन सका !
ज़ाहिर है कि रेम्बो को पसंद करने वाले चाहेंगे कि भारत में रेम्बो का हिंदी रीमेक बनाया जाये या कोई प्रेरित किरदार के साथ फिल्म बनाई जाये।  परन्तु दिलचस्प तथ्य यह था कि बॉलीवुड ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया। अनिल शर्मा ने अपनी फिल्म हुकूमत में धर्मेंद्र से रेम्बो स्टाइल में खून खराबा ज़रूर करवाया।  लेकिन धर्मेंद्र को इंडियन रेम्बो बनाने की कोई कोशिश नहीं की। पिछले साल यह खबर थी कि सिद्धार्थ आनंद की फिल्म में रेम्बो का किरदार हृथिक रोशन करेंगे । हृथिक रोशन अपने शारीरिक गठन से रेम्बो का हिंदुस्तानी संस्करण बनने की पूरी योग्यता रखते थे।  लेकिन, शायद बात नहीं बन सकी। इस रोल के लिए जॉन अब्राहम, विद्युत् जम्वाल और सिद्धार्थ मल्होत्रा के नामों पर भी विचार किया गया था।  विद्युत् जामवाल ने कमांडो (२०१३) में एक कमांडो के किरदार में खुद के गठीले शरीर, हैरतंगेज़ एक्शन दृश्यों से दर्शकों को प्रभावित किया था । २०१७ में इस फिल्म का सीक्वल कमांडो २ भी रिलीज़ हुआ । विद्युत् जामवाल को भी उनके शारीरिक गठन और एक्शन में महारत के कारण रेम्बो के काबिल समझा गया । कुछ ऎसी ही खासियतों के कारण फ़ोर्स सीरीज के नायक जॉन अब्राहम भी इंडियन रेम्बो के काबिल समझे जा रहे थे । ब्रदर्स में एक बॉक्सर का किरदार करने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा के नाम पर भी विचार किया गया । लेकिन, आखिरी फैसला टाइगर श्रॉफ पर हुआ ।
इंडियन रेम्बो टाइगर श्रॉफ 
टाइगर श्रॉफ ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत तीन साल पहले फिल्म हीरोपंथी से की थी । यह रोमांस की कहानी के साथ ज़बरदस्त एक्शन वाली फिल्म थी । टाइगर श्रॉफ हरफनमौला साबित होते थे । क्योंकि वह जितना अच्छा एक्शन कर लेते थे, वह उतने ही अच्छे डांसर भी साबित होते थे । वह मार्शल आर्ट्स जानते हैं। उनकी अगली दो फिल्मों बागी और अ फ्लाइंग जट से इसकी पुष्टि होती थी । टाइगर श्रॉफ अपने शारीरिक गठन से काफी रफ़टफ लगते हैं । अपनी हर फिल्म में कमीज़ उतार कर उन्होंने इसका प्रदर्शन भी किया है । उनकी इसी खासियत ने उन्हें विद्युत् जामवाल, जॉन अब्राहम और सिद्धार्थ मल्होत्रा के ऊपर कर दिया । दिलचस्प तथ्य यह है कि सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने जब रेम्बो का किरदार किया, उस समय वह ३६ साल के थे, जबकि टाइगर श्रॉफ २७ साल के हैं ।
रेम्बो पर ऐतराज़ था  
चूंकि, सिद्धार्थ आनंद की फिल्म रेम्बो हॉलीवुड फिल्म का हिंदी रीमेक है, इसलिए वह अपनी फिल्म के टाइटल में रेम्बो का उपयोग कर सकते हैं । अन्यथा, बॉलीवुड को अपनी फिल्मों के टाइटल में रेम्बो शब्द का उपयोग करने की मनाही थी । इसीलिए, निर्देशक प्रभुदेवा को शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा के साथ अपनी एक्शन फिल्म का टाइटल रेम्बो राजकुमार से बदल कर थोडा मिलता जुलता आर...राजकुमार रखना पडा था । हालाँकि, खुद सिल्वेस्टर स्टैलॉन एक हिंदी फिल्म कमबख्त इश्क (२००९) में अक्षय कुमार के साथ कैमिया कर चुके हैं । इतना ही नहीं, उन्हें भारतीय रेम्बो में दिलचस्पी भी थी । रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म सिंघम रिटर्न्स (२०१४) के हीरो सिंघम को सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने इंडियन रेम्बो बताया था। यहाँ उल्लेखनीय है कि रेम्बो के दूसरे पार्ट ‘रेम्बो फर्स्ट ब्लड पार्ट २’ को १९८५ में इस बिना पर रिलीज़ होने से रोक दिया गया था कि फिल्म में ज़बरदस्त खून-खराबा था, फिल्म का नायक सोवियत रूस का दुश्मन था और इस फिल्म के कारण भारत और रूस के संबंधों में तनाव पैदा हो सकता था । बाद में यह फिल्म कुछ कट के साथ रिलीज़ हुई ।
तीन हिस्सों में रेम्बो
सिद्धार्थ आनंद भारतीय रेम्बो तीन फिल्मों में पेश कर सकते हैं। हालाँकि, सिद्धार्थ आनंद की फिल्म रेम्बो, हॉलीवुड फिल्म रेम्बो का ऑफिसियल रीमेक है। इसके बावजूद तीनों फिल्मों की कहानी में बहुत फर्क होगा। बॉलीवुड का रेम्बो अमेरिकी रेम्बो की तरह वियतनाम रूस अफगानिस्तान, आदि में घुस कर दुश्मनों का सफाया नहीं कर सकता।  इसलिए, बॉलीवुड रेम्बो की कहानियां आतंरिक उथलपुथल पर केंद्रित होंगी । कहानी के अनुसार भारतीय रेम्बो इंडियन आर्मी की श्रेष्ठ गुप्त इकाई का आखिरी जीवित सदस्य है । जब वह देश वापस आता है तो पाता है कि देश में आतंरिक दुश्मन सक्रिय हैं, जो हिंसक गतिविधियाँ चला रहे है । उसे इनका सफाया करना है । इससे साफ है कि इंडियन रेम्बो देश में ही सक्रिय होगा । अलबत्ता, किसी फिल्म में वह पाकिस्तान,  अफगानिस्तान या चीन में घुस कर दुश्मन आतंकियों का सफाया कर सकता है।  

कांन्स में ऐलान के साथ ही टाइगर श्रॉफ पूरी दुनिया में सिल्वेस्टर स्टैलॉन को भारतीय जवाब के तौर पर मशहूर हो गए है । दुनिया के तमाम अख़बारों में उन पर तथा उनकी फिल्म को लेकर खबरें सुर्ख हो रही है । खुद सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने ट्वीट कर बॉलीवुड फिल्म पर कमेंट किया है। टाइगर श्रॉफ को इतनी छोटी उम्र और छोटे करियर में जैसी शोहरत मिली है, उस शोहरत के लिए बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारे तरसते हैं । फिलहाल तो तमाम दर्शकों की निगाहें फरवरी २०१८ पर लगी होंगी, जब इंडियन रेम्बो की शूटिंग शुरू होगी।  इसका क्लाइमेक्स २०१८ के आखिरी में नज़र आएगा, जब फिल्म रिलीज़ होगी।