Friday 21 July 2017

लिंकिन पार्क के चेस्टर बेननिंगटन ने आत्महत्या की

हाइब्रिड थ्योरी से रॉक म्यूजिक के आकाश में चमके रॉक बैंड लिंकिन पार्क के मुख्य गायक चेस्टर बेननिंगटन (४१ साल) ने फांसी में झूल कर खुद को ख़त्म कर लिया। इस आत्महत्या के पीछे की दुखद बात यह है कि मई में ही साउंडगार्डन की गायिका क्रिस कॉर्नेल, जिससे बेननिंगटन प्रेम करते थे, ने आत्महत्या कर ली थी।  लिंकिन पार्क की स्थापना १९९६ में हुई थी।  इस बैंड के एल्बम लिंकिन पार्क की वर्ल्डवाइड ७० मिलियन कॉपियां बिकी थी तथा दो ग्रैमी अवार्ड्स जीते थे।  इस बैंड के हिट अलबमों में फैंट, इन द एन्ड और क्रॉलिंग शामिल हैं।
 

Thursday 20 July 2017

Akshay Kumar, Bhumi Pednekar and Anupam Kher promote Toilet- Ek Prem Katha in London

 

अजय देवगन बनेंगे तानाजी

सिंघम अभिनेता अजय देवगन अब दूसरी बार ऐतिहासिक किरदार करने जा रहे हैं।  अजय देवगन ने पहली बार २००२ में, निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म द लीजेंड ऑफ़ भगतसिंह में भगत सिंह का किरदार किया था।  अब वह फिल्म तानाजी द अनसंग वारियर में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की मराठा रेजिमेंट के सूबेदार तथा शिवाजी के अभिन्न मित्र और विश्वसनीय तानाजी मालुसरे का किरदार करेंगे।  बड़े बजट से बनाई जा रही इस फिल्म के निर्माता खुद अजय देवगन होंगे। अजय देवगन ने ट्वीट कर अपनी प्रशंसकों को इस खबर की जानकारी देते हुए लिखा,'वह अपने लोगों, अपनी धरती और अपने राजा छत्रपति शिवजी के लिए लड़ा।  शानदार भारतीय इतिहास का यह गुमनाम योद्धा था सूबेदार तानाजी मालुसरे।' उन्होंने साथ में फिल्म का पोस्टर भी जारी किया। अजय देवगन की इस फिल्म का निर्देशन ओम राउत करेंगे, जिन्होंने लोकमान्य: एक युग पुरुष जैसी फिल्म से फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था।  अजय देवगन की योजना तानाजी द अनसंग वारियर को २०१९ में रिलीज़ करने की है। 

Wednesday 19 July 2017

नया ब्लेड रनर बनेगा ऑफ़िसर के

वॉर्नर ब्रदर्स द्वारा पिछले दिनों जारी किये गए ब्लेड रनर २०४९ के चित्रों में रयान गॉस्लिंग और हैरिसन फोर्ड नज़र आते हैं।  फिल्म में रयान ने ऑफिसर के और फोर्ड ने रिक डेकार्ड का किरदार किया है।  डेकार्ड ने के पर अपनी पिस्तौल तान रखी है। कोई ३५ साल पहले दुनिया के दर्शकों ने रिडले स्कॉट की फिल्म ब्लेड रनर (१९८२) में हैरिसन फोर्ड को ब्लेड रनर रिक डेकार्ड के किरदार में देखा था।  १९८२ की फिल्म में ब्लेड रनर को चार प्रतिकृतियों द्वारा खुद को बनाने वाले व्यक्ति की जानकारी करने के लिए पृथ्वी जाने के लिए अंतरिक्ष से एक यान चुरा लिया है।  ब्लेड रनर को किसी भी तरह से इन्हे पकड़ना है।  ब्लेड रनर २०४९ में पेंच यह है कि भावी ब्लेड रनर ऑफिसर के के सामने भी अपनी पहचान का सवाल उठ खड़ा हुआ है।  उसके तमाम सवालों का जवाब रिक डेकार्ड ही दे सकता है, जिसके सामने भी ऐसा ही सवाल उठ खड़ा हुआ था। १९८२ की ब्लेड रनर का निर्देशन करने वाले रिडले स्कॉट, ब्लेड रनर २०४९ के सिर्फ एग्जीक्यूटिव प्रोडूसर ही है।  उनसे निर्देशन की कमान डेनिस विलनेउवे (अराइवल, प्रिसनर्स) के पास आ गई है।  ब्लेड रनर (१९८२) हॉलीवुड की विज्ञान फैन्टसी फिल्मों का चेहरा बदल देने वाली फिल्म मानी जाती है। क्या ब्लेड रनर २०४९ ऐसा ही कोई कारनामा दिखा पाने में कामयाब होगी ? 

जैक रयान का मिना मसऊदी बनेगा अलादीन

पिछले काफी समय से डिज्नी की अपनी लाइव एक्शन फिल्म अलादीन के लिए एक्टर की तलाश अब ख़त्म हो गई है।  डिज्नी को अपनी लाइव एक्शन फिल्म अलादीन के लिए ऐसे अलादीन की तलाश थी, जो साउथ एशिया से हो, नाच और गा लेता हो। अभिनय तो ज़रूरी था ही। इसके लिए पूरे विश्व को खंगाला गया। अब जा कर यह तलाश पूरी हुई है। कैनेडियन मिस्री एक्टर मिना मसऊदी डिज्नी की गय रिची निर्देशित फिल्म अलादीन टाइटल रोल करेंगे। मिना को दर्शक टीवी सीरीज जैक रयान के तारेक कसर के किरदार के तौर पर पहचानते हैं। उन्होंने शार्ट फिल्मों के अलावा हॉलीवुड की इक्कादुक्का फ़िल्में ही की हैं। फिल्म में उनकी जैस्मिन का किरदार अभिनेत्री नाओमी स्कॉट (पॉवर रेंजर्स) करेंगी। हालाँकि, इस किरदार के लिए भारतीय एक्ट्रेस तारा सुतारिया के नाम पर भी विचार किया गया था। अलादीन की मदद करने वाले जिनी का किरदार अभिनेता विल स्मिथ करेंगे। अलादीन डिज्नी की १९९२ की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली एनीमेशन फिल्म अलादीन का रीमेक है। इस फिल्म के गीत-संगीत को ऑस्कर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। इसीलिए लाइव एक्शन फिल्म में संगीत काफी अहम् हो गया था। इस फिल्म की पटकथा जॉन ऑगस्ट (बिग फिश) ने लिखी है। पहले इस फिल्म की शूटिंग जुलाई में ही शुरू हो जानी थी। लेकिन, अलादीन की तलाश ने इसे अब अगस्त तक टाल दिया है। यहाँ बताते चलें कि अलादीन की कास्ट के लिए एकता कपूर की फिल्म कुकू माथुर की झंड हो गई के अभिनेता सिद्धार्थ गुप्ता को लिए जाने की अफवाह उड़ गई थी। एक बार तो जस्मिन के लिए प्रियंका चोपड़ा के नाम को भी उछाला गया था।

माइकल जैक्सन बनना चाहता है बॉलीवुड का मुन्ना !

शब्बीर खान की फिल्म मुन्ना माइकल गन्दी बस्ती में रहने वाले लडके मुन्ना की कहानी है, जिसका आदर्श माइकल जैक्सन है।  उसी बस्ती में एक गैंगस्टर महिंदर फौजी है, जो डांस सीखना चाहता है।  इसके लिए वह मुन्ना से डांस सिखाने के लिए कहता है।  चूंकि, मुन्ना के आदर्श माइकल जैक्सन है और खुद मुन्ना माइकल जैक्सन की तरह डांस करना चाहता है तथा गैंगस्टर महिंदर फौजी भी डांस सीखना चाहता है, इसलिए स्वाभाविक है कि फिल्म में डांस होंगे। फिल्म के आधा दर्जन से ज़्यादा गीतों में पाश्चात्य संगीत का ज़ोर है।  इन गीतों में कुछ पर टाइगर श्रॉफ अकेले अथवा अपनी नायिका निधि अगरवाल के साथ थिरकते दिखाई दे चुके हैं।  इस लिहाज़ से मुन्ना माइकल डांस फिल्म बन जाती है।  
डांस फ़िल्में बनाना आसान नहीं।  इसके लिए अच्छे निर्देशक के अलावा उस्ताद कोरियोग्राफर और डांस कर सकने वाले अभिनेता अभिनेत्री बड़ी ज़रुरत होते हैं।  कोई डांस फिल्म तभी बन सकती है, जब उसके नायक या नायिका में से कोई या दोनों ही अच्छे डांसर हों। साठ के दशक से पहले तक शास्त्रीय और लोक नृत्य पर आधारित फ़िल्में बनती रहती थी।  फिल्म के कथानक के लिहाज़ से यह ज़रूरी तत्व हुआ करता था।  इन फ़िल्मी नृत्यों में भारत नाट्यम और कुचिपुड़ी प्रभाव वाले नृत्य हुआ करते थे।  वी शांताराम ने ठेठ नृत्य आधारित फिल्म झनक झनक बाजे पायल का निर्माण १९५५ में किया था। एक नृत्य गुरु हवेली में अपनी हार का बदला लेने के लिए अपने बेटे को तैयार करता है।  इस फिल्म में अभिनेत्री जयश्री ने नायिका की भूमिका की थी। फिल्म में नायक गोपीकृष्ण थे।  गोपीकृष्ण तो महान नर्तक थे ही, जयश्री भी कुछ कम नहीं थी। अपनी कहानी, संगीत और नृत्य के  यह कारण यह फिल्म  हिट हुई, लेकिन इसके बावजूद डांस फ़िल्में बनने का सिलसिला नहीं बना।  इसके बावजूद नवरंग जैसी नृत्य प्रधान फिल्म बनी। ज़्यादातर फ़िल्में वी शांताराम ने ही बनाई, जो नृत्य के अच्छे जानकार थे। उनकी फिल्म गीत गाया पत्थरों ने, जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली, आदि  डांस आधारित संगीतमय फ़िल्में थी। उस दौर की मराठी और दक्षिण की अभिनेत्रियों ने अपनी नृत्य क्षमता के बलबूते हिंदी फिल्मों में नृत्य को बनाये रखा। वैसे झनक झनक पायल बाजे से पहले १९४८ में उदय शंकर ने अपनी नृत्यांगना पत्नी अमला शंकर को नायिका बना कर डांस बैले फिल्म कल्पना का निर्माण किया।  फिल्म के नायक  उदय शंकर ही थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से मात खाई। इस फिल्म से दक्षिण की अभिनेत्री पद्मिनी का हिंदी फिल्म डेब्यू हुआ था।  पद्मिनी ने १९६० में रिलीज़ फिल्म कल्पना में अपनी बहन रागिनी के साथ मन्ना डे के गाये गीत तू है मेरा प्रेम देवता गीत पर यादगार युगल नृत्य किया था।  
तवायफ किरदारों ने बचाया डांस को  
लेकिन, अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन किरदार के पैदा होने के साथ ही जयप्रदा, मीनाक्षी शेषाद्रि, श्रीदेवी, रेखा, आदि नृत्यांगना अभिनेत्रियां जैसे नृत्य करना ही भूल गई। अलबत्ता इस दौर में रेखा और जयप्रदा ने मुजरे के तौर पर डांस को बचाये रखा। जयाप्रदा की फिल्म सुर संगम ठेठ नृत्य प्रधान फिल्म थी।  उनका डेब्यू तो नृत्य संगीत से भरपूर फिल्म सरगम से ही हुआ था। जयाप्रदा का शराबी फिल्म में मीना का किरदार एक तवायफ का था।  रेखा का फिल्म मुक़द्दर का सिकंदर का जोहरा बाई का किरदार आज भी यादगार है। मीनाक्षी शेषाद्रि ने फिल्म दामिनी में शिव तांडव कर दर्शकों को चौंका दिया था। मीनाक्षी शेषाद्रि और आशा पारेख डांस स्कुल चलाती है। वहीदा रहमान की फिल्म गाइड एक नृत्यांगना रोजी की कहानी थी। मीना कुमारी की फिल्म पाकीज़ा और रति अग्निहोत्री की फिल्म तवायफ अपनी महिला किरदारों के कारण मुजरा नृत्य से भरपूर थी।
डांसर की दरकार डांस फिल्मों को   
अगर फिल्म इंडस्ट्री के पास कोई अच्छा डांसर हो तो डांस फ़िल्में बन ही जाती हैं। मिथुन चक्रवर्ती को गरीब निर्माताओं का अमिताभ बच्चन कहा जाता था।  उन्होंने बॉलीवुड में डिस्को फिल्मों की शुरुआत की।  डिस्को डांसर और डांस डांस फिल्मों से हिंदी फिल्मों में डिस्को डांस को लोकप्रिय बनाया।  वह अपनी  जासूसी फिल्मों में भी डिस्को करते नज़र आते थे। गोविंदा भी अपनी नृत्य प्रतिभा के बलबूते हिंदी फिल्मों के हीरो बने। उन्होंने लव ८६, इलज़ाम, तन बदन, जैसी फिल्मों से अपनी नृत्य प्रतिभा से अपने लिए दर्शक तैयार कर लिए। उनकी नृत्य प्रतिभा  को भुनाने के लिए के एस सुभाष ने नाच गोविंदा नाच का निर्माण किया। १९८६ में ही दक्षिण की नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने डांस आधारित फिल्म नाचे मयूरी से फिल्म डेब्यू किया। यश चोपड़ा ने माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर की नृत्य प्रतिभा का उपयोग अपनी फिल्म दिल तो पागल है में किया।  इस फिल्म के लिए करिश्मा कपूर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। यश चोपड़ा ने २००७ में नृत्य फिल्म आजा नचले से माधुरी दीक्षित की वापसी कराने की असफल कोशिश की। सुभाष घई ने ऐश्वर्या राय को लेकर नृत्य फिल्म ताल का निर्माण किया।  अपने हिट नृत्य गीतों के कारण यह फिल्म हिट हुई।  रामगोपाल वर्मा ने पहले उर्मिला मातोंडकर के साथ रंगीला और फिर अंतरा माली के साथ फिल्म नाच का निर्माण किया।  
बॉलीवुड के प्रभाव वाली नृत्य फ़िल्में 
हिंदी फिल्मों में नृत्य की बॉलीवुड शैली बन गई है।  फिल्मों के डांसों में खालिसपन नहीं होता। किसी नृत्य में भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, फोक, आदि का मिलाजुला असर देखा जा सकता है। गुजराती डांस शैली के नाम पर डांडिया और गरबा की घालमेल समूह नृत्य देखा जा सकता है। ऐसे ही बॉलीवुड डांस पर आधारित फिल्म थी आदित्य चोपड़ा की रब ने बना दी जोड़ी।  इस फिल्म की बेमेल जोड़ी एक रियलिटी शो में जीत के बाद ही सही जोड़ी बन जाती थी।  फिल्म में शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में थे। कोरियोग्राफर रेमो डिसूज़ा ने बॉलीवुड डांस पर आधारित दो फिल्मों एबीसीडी या एनी बडी कैन डांस और एबीसीडी २ का निर्माण किया।  एबीसीडी २ से वरुण धवन को अपनी नृत्य प्रतिभा दिखाने का मौक़ा मिला। 
डांस जो आइटम बन गए
जिन गीतों में खालिसपन नहीं होता, वह आइटम डांस बन सकते हैं।  संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास का डोला रे डोला गीत ऐश्वर्या राय बच्चन और माधुरी दीक्षित की बेमिसाल नृत्य प्रतिभा और केमिस्ट्री के कारण ख़ास बन गया। सरोज खान ने यह गीत कत्थक और भरतनाट्यम को मिला कर तैयार किया था।  हेलेन अच्छी डांसर थी।  फिल्म शोले में उनके जलाल आगा के साथ गीत महबूबा महबूबा की ज़रुरत नहीं थी।  यह ख़ास आइटम सांग के बतौर रखा गया था।  माधुरी दीक्षित पर भी कुछ गीत आइटम के तौर पर रखे गए।  मसलन,  फिल्म तेज़ाब का एक दो तीन, बेटा का दिल धक् धक् करने लगा, खलनायक का चोली के पीछे क्या है, अंजाम का ज़ोराजोरी चने के खेत में, सैलाब का हमको आजकल है इंतज़ार, आदि गीत उनके उत्तेजक नृत्य के कारण आइटम सांग के बतौर याद किये जाते हैं।  इसी प्रकार से दबंग का मुन्नी बदनाम हुई, मिस्टर इंडिया का काटे नहीं कटते, दिल से का छइयां छइयां,   आदि गीत आइटम डांस के बतौर शामिल किये गए।  कटरीना कैफ ने चिकनी चमेली और शीला की जवानी गीत में बढ़िया आइटम डांस किया।
जिन्होंने डांस से सजाई फ़िल्में
शुरूआती दौर के बॉलीवुड में बी सोहनलाल और बी हीरालाल भाइयों ने नृत्य को परवान चढ़ाया। यह दोनों कत्थक के उस्ताद थे। इन दोनों ने शुरूआती दौर की ज़्यादातर फिल्मों की कोरियोग्राफी की। इनके अलावा लच्छू महाराज, चिमन सेठ, कृष्ण कुमार, आदि ने शुरूआती फिल्मों में नृत्य निर्देशन किया ।  आजकल गणेश आचार्य, गणेश हेगड़े, श्यामक डावर, सरोज खान, अहमद खान, राजू खान, फरहा खान, वैभवी मर्चेंट, रेमो डिसूज़ा, टेरेंस लेविस, आदि नृत्य संयोजन का काम बखूबी सम्हाले हुए हैं।  
अपनी फिल्म में डांस की बात करें तो सीरियस अभिनेता राजकुमार राव भी डांस फिल्म करना चाहते हैं।  निधि अगरवाल जैसे नवोदित अभिनेत्री भी डांस पर ध्यान दे रही है।  टाइगर श्रॉफ का जलवा तेज़ रफ़्तार डांस के बलबूते ही है।  लेकिन टेरेंस लेविस जैसे कोरियोग्राफर का मानना है कि आजकल की डांस आधारित फिल्मों में नवीनता नहीं होती।  यह फ़िल्में हॉलीवुड की डांस फिल्मों की नक़ल ही होती हैं।  उनके विचार से हॉलीवुड फिल्मों में डांस सशक्त कहानी के साथ जुड़ा होता है। वह कहते हैं, "मैंने अब तक जितनी बॉलीवुड की डांस फ़िल्में देखी हैं, सभी हॉलीवुड फिल्मों की नक़ल में हैं।" क्या मुन्ना माइकल के साथ अच्छी कहानी भी जुडी होगी ?

अल्पना कांडपाल 

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