Saturday 24 February 2018

महाकाली- अंत ही प्रारम्भ है का पूरा कैलाश परिवार

सौरभ राज जैन, कृष चौहान, पूजा शर्मा, मेघन जाधव और कन्नन मल्होत्रा 
ऊपर के चित्र में कलर्स के शो महाकाली अंत ही प्रारंभ है के एक्टर नज़र आ रहे हैं। फिल्म में पारवती की भूमिका करने वाली अभिनेत्री पूजा शर्मा ने यह चित्र इंस्टाग्राम पर पोस्ट  करते हुए लिखा-  पूरा कैलाश  परिवार। इस चित्र में रील लाइफ महादेव, गणेशपार्वती, कार्तिकेय और विष्णु नज़र आ रहे हैं।  सीरियल में इन भूमिकाओं को जिन एक्टर्स ने किया है, उनका संक्षिप्त परिचय निम्न है -
पूजा शर्मा (पार्वती/महाकाली) - महाभारत में द्रौपदी की भूमिका ने पूजा शर्मा को मशहूर कर दिया था।  दिल्ली की पूजा ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी।  वह दूरदर्शन के लिए स्पोर्ट्स टॉक शो करती थी। फेमिना  मिस इंडिया २००६ के दस फाइनलिस्टो में पूजा शर्मा का नाम भी था।
सौरभ राज जैन (महादेव)- सौरभ राज जैन ने स्टार वन से प्रसारित शो रीमिक्स से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी।  उतरन के युवराज वीर सिंह  बुंदेला की खल भूमिका से वह काफी चर्चित हुए।  लेकिन, दर्शकों द्वारा उन्हें पसंद किया गया कलर्स टीवी के धार्मिक शो जय श्री कृष्ण और लाइफ ओके के देवों के देव महादेव  के विष्णु और स्टार प्लस के महाभारत के कृष्ण/विष्णु के तौर पर उन्हें ज़्यादा पसंद किया गया। पिछले साल रिलीज़ तेलुगु फिल्म ओम नमः वेंकटेशाय में भगवान वेंकटेश्वर की भूमिका इसी शोहरत का नतीजा थी।
मेघन जाधव (कार्तिकेय)- मुंबई के एक्टर मेघन  जाधव ने टेलीविज़न और फिल्मों में बाल भूमिकाओं से करियर की शुरुआत की।  इतिहास के स्नातक और साहित्य के परस्नातक मेघन जाधव ने धार्मिक सीरियलों में कई पौराणिक चरित्र किये है।  सीरियल रावण में बाल विभीषण, जय श्रीकृष्ण में कान्हा और सूर्य पुत्र कर्ण में अभिमन्यु की भूमिका कर चुके मेघन अब शिव  और पार्वती के बेटे कार्तिकेय की भूमिका में नज़र आ रहे हैं।
कृष चौहान (गणेश)- महाकाली में विनायक/गणेश की भूमिका कर रहे कृष चौहान ने इससे पहले संकटमोचन महाबली हनुमान में बाल हनुमान के अलावा बद्तमीज़ दिल, बिन कुछ कहे में भी अभिनय किया है।
कन्नन मल्होत्रा (भगवान विष्णु)- दिल्ली के ३१ साल के कन्नन ने २०१० में स्टार प्लस के शो चाँद छुपा बादल में से अपने करियर की शुरुआत की। वह अब तक सवारे अपने सपने-प्रीतो, अपनो के लिए गीता का धर्मयुद्ध, रब से सोहना इश्क़, आज फिर जीने की तमन्ना है और प्यार तूने क्या किया जैसे सामाजिक शो करने के धार्मिक शो सूर्यपुत्र कर्ण में युधिष्ठिर की भूमिका कर चुके हैं।  आजकल वह विष्णु की भूमिका में छाये हुए हैं।   


अदिति राव हैदरी का तमिलडेब्यू – पढ़ने के लिए क्लिक करें 

गहन रोमांस फिल्म सम्मोहनम से अदिति राव हैदरी का तमिल डेब्यू

बॉलीवुड की यह साली ज़िन्दगी, लन्दन पेरिस न्यू यॉर्क और मर्डर ३ जैसी फिल्मों की अभिनेत्री अदिति राव हैदरी को इसी साल, संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत में अलाउद्दीन खिलजी की बीवी मेहरुन्निसा की भूमिका में देखा गया था। आजकल अदिति राव हैदरी तेलुगु फिल्म सम्मोहनम की शूटिंग कर रही हैं। यह अदिति के करियर की बतौर नायिका पहली तेलुगु फिल्म है। अदिति के फिल्म करियर की शुरुआत मलयालम फिल्म प्रजापति से हुई थी। अदिति ने हिंदी में ज्यादा फ़िल्में रोमांटिक की हैं। लेकिन, उनके खाते में वज़ीर जैसी लीक से हट कर फ़िल्में भी दर्ज हैं। तमिल फिल्म सम्मोहनम नई पीढ़ी के रोमांस वाली फिल्म है। यह फिल्म एक जोड़े के प्रेम की गहराई को दर्शाने वाली है। इस फिल्म में कॉमेडी और ड्रामा भी है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक मोहन कृष्ण इन्द्रगंती हैं। इस फिल्म में अदिति की रोमांटिक जोड़ी सुधीर बाबु के साथ बनी हैं। फिल्म की ८० प्रतिशत शूटिंग हैदराबाद में पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि होली से पहले यह फिल्म पूरी हो जायेगी। सम्मोहनम में नरेश, तानिकेल्ला भरनी, पवित्र लोकेश, राहुल रामकृष्ण और नंदू को भी शामिल किया गया हैं। 



१७ साल बाद सैफ के साथ माधवन और सोनाक्षी का कैमिया

सैफ अली खान और आर माधवन एक दूसरे के खिलाफ तलवार भांजने जा रहे हैं। उनका यह मुकाबला १७ साल बाद होगा। २००१ में रिलीज़ निर्माता वाशु भगनानी की रोमांस ड्रामा फिल्म रहना है तेरे दिल में में सैफ अली खान और आर माधवन के करैक्टर एक ही लड़की दिया मिर्ज़ा से रोमांस करते हैं। दोनों अपने कॉलेज के बॉक्सर हैं। गौतम निर्देशित इस फिल्म का संगीत हिट हुआ था। यह फिल्म तमिल फिल्म मिन्नाले का रीमेक थी। इस फिल्म से, आर माधवन का हिंदी फिल्म डेब्यू हुआ था। यह फिल्म सैफ और माधवन के चरित्रों के टकराव के कारण दिलचस्प बन गई थी। सैफ अली खान उस समय तक हिंदी फिल्मों में कदम जमा चुके थे। इसके बावजूद माधवन ने अपनी पहली फिल्म में ही सैफ को कड़ी टक्कर दी थी। इस फिल्म को रिलीज़ हुए १७ साल हो चुके है। अब खबर है कि सैफ अली खान और आर माधवन की मरदाना जोड़ी एक बार फिर बनने जा रही है। वह निर्माता आनंद एल राज की एनएच १० के निर्देशक नवदीप सिंह निर्देशित अनाम फिल्म में दो ऐतिहासिक चरित्र करते नज़र आयेंगे। इस भूमिका के लिए दोनों को राजसी पोशाकें तो पहननी ही होंगी, तलवारबाजी भी खूब करनी होंगी। फिल्म में इन दोनों का लुक काफी अलग होगा, इसलिए प्रोस्थेटिक मेकअप का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा का कैमिया हो रहा है। लेकिन, यह कैमिया फिल्म में बड़ा ख़ास होगा। सूत्र बताते हैं कि सोनाक्षी सिन्हा के परदे पर आने के बाद कहानी में अहम् मोड़ आएगा। यह भी खबर है कि सोनाक्षी सिन्हा ने अपने हिस्से की शूटिंग राजस्थान में शुरू भी कर दी है। बुलेट राजा के बाद सोनाक्षी सिन्हा और सैफ अली खान फिर साथ आ रहे है। फिल्म की नायिका जोया 'मुक्काबाज़' हुसैन हैं। दीपक डोबरियाल का भी अहम् किरदार है। दीपक डोबरियाल तनु वेड्स मनु में माधवन के साथ और ओमकारा में सैफ अली खान के साथ अभिनय कर चुके हैं। सोनाक्षी सिन्हा की, दिलजीत दोसांझ के साथ कॉमेडी फिल्म वेलकम टू न्यू यॉर्क इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है। उनकी एक फिल्म हैप्पी भाग जायेगी भी इसी साल रिलीज़ होगी। 

१९वी शताब्दी की मुंबई की राजनेता-अपराधी गठजोड़ का सेक्रेड गेम्स

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शीघ्र रिलीज़ होने जा रही सीरीज सेक्रेड गेम्स का फर्स्ट लुक कहानी की गहराई और प्रभाव को दर्शाने वाला है।  यह सीरीज, पत्रकार विक्रम चंद्र के क्राइम थ्रिलर उपन्यास सेक्रेड गेम्स पर आधारित है।  यह नेटफ्लिक्स की उन तीन मौलिक सीरीज की पहली फिल्म है, जो भारत में भारत के निर्माताओं द्वारा भारतीय कलाकारों के साथ बनाई जा रही हैं।   आठ घंटे की इस सीरीज का निर्देशन अनुराग कश्यप और विक्रमदित्य मोटवाने द्वारा किया जा रहा है।  यह फिल्म इनकी कंपनी फैंटम फिल्म्स द्वारा ही बनाई जा रही है।  मुंबई का तिरस्कृत पुलिस अधिकारी सरताज सिंह को किसी अज्ञात  सूत्र से अपराधियों के एक सरगना गणेश गायतोण्डे के बारे में पता चलता है।  जब, वह इस सूत्र पर आगे बढ़ता है तो पता चलता है कि अपराध गायतोण्डे तक सीमित नहीं।  इसकी  कड़ियों में बहुत से और बड़े लोग शामिल  हैं।  विक्रम चंद्रा का यह उपन्यास २००६ में प्रकाशित  हुआ था। यह उपन्यास, १९वी शताब्दी की मुंबई, इसके भाईअपराध और अपराधी-राजनेताओं के गठजोड़ का व्योरा था।  इस उपन्यास पर फिल्म में सरताज सिंह की  भूमिका सैफ अली खान, गणेश गायतोण्डे नवाज़उद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे ने रॉ की एनालिस्ट की भूमिका की है ।  यह पहली ऐसी सीरीज है, जिसमे बॉलीवुड के एक बड़े अभिनेता ने अभिनय किया है।  यह सीरीज हिंदी और इंग्लिश में एक एक घंटे के आठ एपिसोड में प्रसारित होगी।


सोशल साइट्स पर बॉलीवुड सुंदरियाँ- पढ़ने के लिए क्लिक करें

Thursday 22 February 2018

सोशल साइट्स पर बॉलीवुड सुंदरियाँ

ऐश्वर्या राय बच्चन 

नेहा धूपिया 

रिया चक्रवर्ती 

सैयमी खेर 

सुष्मिता सेन 

यामी गौतम 




नमस्ते इंग्लैंड के लिए स्वर्ण मंदिर में अर्जुन कपूर और परिणीती चोपड़ा

नमस्ते इंग्लैंड  का आज से आगाज़ हो गया।  इस फिल्म की शूटिंग के लिए, अमृतसर पहुंचे फिल्म के सितारों ने फिल्म की शूटिंग से पहले हरमिंदर साहब जा कर मत्था टेका।  चित्र में अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा के साथ फिल्मकार विपुल अमृतलाल शाह  स्वर्ण मंदिर परिसर में दिखाई दे रहे हैं।  नमस्ते इंग्लैंड की  अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की जोड़ी दूसरी बार बन रही है।  इस जोड़ी को दर्शकों ने फिल्म इशकज़ादे (२०१२) में काफी पसंद किया था।  फिल्म की शूटिंग अमृतसर और  लुधियाना के बाद ब्रुसेल्स, लंदन और मुंबई में भी होगी। इस फिल्म का निर्देशन अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की फिल्म नमस्ते लंदन के निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह ही कर रहे हैं।  लेकिन, यह फिल्म नमस्ते लंदन की सीक्वल फिल्म नहीं होगी। 




मेरे हर कदम का विरोध किया गया - मुकेश खन्ना

चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी औफ इंडिया के चेयरमैन मुकेश खन्ना ने तो अपना कार्यकाल खत्म होने के दो माह पहले ही सूचना प्रसारण मंत्रालय व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी की कार्यशैली के विरोध में त्यागपत्र दे दिया. कई फिल्मों के अलावा कई सीरियलों में अभिनय कर चुके मुकेश खन्ना की पहचान शक्तिमानके रूप में होती है. मुकेश खन्ना ने बच्चों के लिए शक्तिमाननामक सीरियल का निर्माण और उसमें पहले भारतीय सुपर हीरो शक्तिमान का मुख्य किरदार भी निभाया था. यह सीरियल पूरे सात वर्ष तक प्रसारित हुआ. आज भी शक्तिमानबच्चों का सबसे पसंदीदा सीरियल माना जाता है. लगभग तीन वर्ष पहले जब मुकेश खन्ना को चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीका चेयरमैन बनाया गया था, तब उम्मीद जगी थी कि अब बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन फिल्मों का निर्माण चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीकरेगी. मगर परिणाम वही ढाक के तीन पात रहे. अब अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हे बच्चों के लिए बेहतर काम करने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय और इस मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों से आपेक्षित सहयोग नहीं मिला. मुकेश खन्ना का दावा है कि उनके हर कदम का विरोध किया गया.
मुकेश खन्ना कहते हैं- ‘‘केंद्र में नई सरकार बनने के बाद मेरे पास पुणे फिल्म इंस्टीट्यूटऔर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्डमें से किसी एक का चेयरमैन बनने का प्रस्ताव आया था. मैने बड़ी विनम्रता से इंकार कर दिया था. उसके बाद मेरे पास चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीका चेयरमैन बनने का प्रस्ताव आया. दो दिन मैने सोचा, तो मुझे लगा कि चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीसे जुड़कर मैं बच्चों के लिए कुछ अच्छी फिल्मों का निर्माण कर सकता हूं.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘मगर मेरे अनुभव बहुत ही खराब व दुःखदायी रहे. चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीका चेयरमैन बनने के बाद मैने पाया कि हालात ऐसे हैं कि कोई भी चेयरमैन बच्चों के लिए कुछ कर ही नहीं सकता. मैने देखा कि चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीने अब तक 260 फिल्मों का निर्माण किया है, पर सभी कलात्मक सिनेमाऔर फेस्टिवलवाली फिल्में है, जिन्हें बच्चें तो क्या बूढ़ा भी न देखना चाहे. मैने अपने तरीके से चीजों को सही करने का प्रयास किया. मैने सबसे पहले फिल्मों की पटकथा चयन करने वाली में बदलाव कर कुछ समझदार व अच्छे लोगों को जोडा. काफी मशक्कत के बाद करीबन 12 फिल्मों को स्वीकृति प्रदान की. इनमें से चार एनीमेशन फिल्में हैं. पर मसला बजट का अड़ गया. चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीको प्रति वर्ष फिल्मों का निर्माण करने के लिए दस करोड़ रूपए मिलते हैं. इनमें से एक करोड़ रूपए उत्तरपूर्वी भारतकी फिल्म के लिए होता है. अब आप बताएं कि इस युग में इतने कम पैसे में बेहतर सिनेमा कैसे बनेगा? खैर,हमने कुल चार फिल्मों का निर्माण किया. पर समस्या यह आ गयी कि इनका वितरण कैसे किया जाए. जब तक यह फिल्में सही ढंग से सिनेमा घरों में रिलीज नहीं होंगी, बच्चों को इन फिल्मों की जानकारी नहीं मिलेगी, बच्चे यह फिल्में नहीं देखेंगे, तब तक इनका निर्माण बेकार है. मगर फिल्म के प्रमोशन और उन्हे सिनेमाघर में रिलीज करने के लिए चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीके पास कोई बजट नही है.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘हमने इसका रास्ता निकालने के लिए प्रयास किए और बड़ी मशक्कत के बाद यह नियम बनवाया कि चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीकी फिल्म को निजी निर्माता के साथ मिलकर सिनेमाघर में पहुंचाया जाए. पर इसमें भी मंत्रालय के अधिकारी कई तरह के रोड़े डालते रहते हैं.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘जब मैने चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’’ के चेयरमैन का पद संभाला, तो उस वक्त सूचना प्रसारण मंत्री अरूण जेटली थे. उनसे मेरा परिचय शक्तिमानके निर्माण के दौरान से रहा है. तो उन्होने मेरी बातों को सुना और उस पर अमल करने का आश्वासन दिया. पर कुछ काम होता, उससे पहले उनके हाथ से मंत्रालय चला गया. फिर वेंकैया नायडू आए. उनसे भी पहचान रही है. उन्हे भी मेरे सुझाव पसंद आए. कुछ काम हुआ भी. पर बात आगे बढ़ती, उससे पहले ही वह उपराष्ट्रपति बन गए. अब सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी आ गयी. उनके आने के बाद तो मेरे लिए काम करना बहुत मुश्किल हो गया. अब तो सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी सहित सभी कई तरह के कानून का हवाला देकर मेरे हर कदम का विरोध करने लगे. कह दिया कि फिल्म को सिनेमाघर में प्रदर्शित करने के लिए पहले टेंडर मंगवाइए, वगैरह वगैरह. मैने सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से मिलने का वक्त मांगा. मगर स्मृति जी ने मेरे पत्र को पाने की सूचना देना भी उचित नहीं समझा. पूरे चार माह तक इंतजार करने के बाद मैने चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीके चेयरमैन पद से त्यागपत्र देने का निर्णय लेते हुए अपना त्यागपत्र भेज दिया. पूरे सत्रह दिन तक मैं चुप रहा. सत्रह दिन बाद चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीके सीईओ के पास पत्र आया कि चेयरमैन के पद से मेरा त्यागपत्र मंजूर कर लिया गया है. दुःख की बात यह है कि मंत्री महोदया ने मेरा त्यागपत्र स्वीकार करने से पहले यह भी नही पूछा कि मुझे ऐसा करने की जरुरत क्यों पड़ी?
मुकेश खन्ना कहते हैं- ‘‘मैं महसूस कर रहा हूं कि यहां किसी की कोई सुनवायी नही है. जब चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटीके चेयरमैन को मिलने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रीसमय नहीं दे सकती, तो काम कैसे होगा? सब कुछ ठप्प सा हो गया है.’’