Sunday 27 May 2018

क्या अजय देवगन और रणबीर कपूर की नायिका बनेगी श्रद्धा कपूर ?

बत्ती गुल मीटर चालू की  टीम के साथ 
राजनीति (२०१०) के आठ साल बाद. अजय देवगन और रणबीर कपूर फिर एक साथ आ रहे हैं। 

महाभारत की आधुनिक भारतीय राजनीति फिल्म राजनीति से बिलकुल भिन्न है लव रंजन की फिल्म।  यह एक कॉमेडी रोमांस फिल्म है। 

अभी तक, मंझोले कलाकारों के साथ प्यार का पंचनामा और आकाशवाणी तथा इसी साल रिलीज़ सोनू के टीटू की स्वीटी जैसी हिट फिल्म बनाने वाले लव रंजन पहली बार इतनी बड़ी  स्टार कास्ट के साथ बना रहे हैं। 

खबर है कि लव रंजन अपनी फिल्म के लिए श्रद्धा कपूर को ले सकते हैं। 

मुंबई के अख़बारों में यह नतीजा इस वजह से निकला कि श्रद्धा कपूर लव रंजन से मिलने  उनके ऑफिस गई थी।  उस समय अजय देवगन भी वही मौजूद थी। 

श्रद्धा कपूर की पिछली फिल्म हसीना पारकर थी। 

वह इस समय, बाहुबली अभिनेता प्रभाष के साथ हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाई जा रहे फिल्म साहो के अलावा शाहिद कपूर के साथ बत्ती गुल मीटर चालू भी कर रही हैं। 


अगर, उन्होंने लव रंजन की फिल्म साइन कर ली तो वह पहली बार इन दो बड़े सितारों के साथ फिल्म करेंगी ।

पूरब और पश्चिम यानि सारा अली खान और एमी जैक्सन - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

पूरब और पश्चिम यानि सारा अली खान और एमी जैक्सन

सारा अली खान और एमी जैक्सन दो ध्रुवों जैसी हैं।

सारा अली खान हमेशा सलवार सूट में नज़र आती हैं।  उन्हें जिम के समय ही शॉर्ट्स पर देखा जा सकता है।  अन्यथा, ज़्यादातर वह सलवार कमीज में होती है।  उन्हें शादियों जैसे मौके पर भी मुस्लिम लिबास में देखा जाता है। अभी सोनम कपूर की शादी के दौरान वह साड़ी ब्लाउज में भारतीय नारी का रूप लग रही थी।

एमी जैक्सन इंग्लिश महिला हैं।  उन्होंने प्रतीक बब्बर के साथ सुपर फ्लॉप फिल्म एक दीवाना था से बॉलीवुड में एंट्री की।  फिल्म फ्लॉप हुई।

लेकिन, दक्षिण की फिल्मों में एमी की गाडी चल निकली।  उन्होंने तांडवम, येवडू, आई, ठनगन मंगन आदि जैसी बड़ी तअब मिल और तेलुगु फ़िल्में की।  अब वह रजनीकांत की नायिका बन कर २.० फिल्म में आ रही हैं।

वह अक्षय कुमार के साथ सिंह इज ब्लिंग और फ्रीकी अली जैसी हिंदी फ़िल्में भी की।

वहीँ, सारा अली खान का करियर अभी शुरू होना है। वह, अभिषेक कपूर की फिल्म केदारनाथ से हिंदी फिल्म डेब्यू कर रही हैं।

उनकी दूसरी फिल्म सिम्बा भी इसी साल दिसंबर में रिलीज़ हो जाएगी।

स्कूल कॉलेज में बुलीइंग की कहानी है नोबलमैन - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

स्कूल कॉलेज में बुलीइंग की कहानी है नोबलमैन

संगीत कंपनी सारेगामा की फिल्म निर्माण इकाई योड़ली की कुणाल कपूर अभिनीत फिल्म नोबलमैन स्कूल में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की रैगिंग करते समय डराने-धौंसियाने की है।

इस फिल्म में मुख्य भूमिका कुणाल कपूर ने की है। इस फिल्म का दिग्दर्शन वंदना कटारिया ने किया है। फिल्म में कुणाल कपूर के अलावा कई नए चेहरे हैं।

फिल्म की कहानी 15 साल के एक किशोर शाय की आंखों से चलती है। एक तरफ वह अपनी किशोरावस्था की समस्याओं से जूझ रहा है, दूसरी तरह स्कूल में उसे बदमाशों छात्रों का एक गैंग उसे सता रहा है।

फिल्म का बैकग्राउन्ड सिर्फ लड़कों की बोर्डिंग स्कूल है जिसमें शाय को उसके पसंदीदा विषय ड्रामैट्रिक्स में आगे बढ़ने के लिए मुरली (कुणाल कपूर) प्रोत्साहित करता है। 

कहानी की शुरुआत शेक्सपियर के एक नाटक द मर्चंन्ट ऑफ वेनिस में अभिनय करने से शुरू होती है, जो आगे चलकर वरिष्ठता यानी हायरअर्की और अहम की लड़ाई बन जाती है, जिसके चलते जिंदगी और मासूमियत दोनों का नुकसान होता है।

सारेगामा के बैनर योड़ली फिल्म्स कि यह तीसरी फिल्म है।

इससे पहले योड़ली फिल्म्स पिछले साल, विवेचकों द्वारा सराहना पाने वाली देवाशीष मखीजा निर्देशित फिल्म अज्जी, और इस साल की शुरुआत में ओनीर निर्देशित परिपक्व रोमांटिक ड्रामा कुछ भीगे अल्फाज रिलीज कर चुका है।



रील लाइफ के छोटे शहर की मॉडर्न भूमि पेडनेकर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

रियल लाइफ में मॉडर्न रील लाइफ के छोटे शहर की भूमि पेड्नेकर

भूमि पेडनेकर की रील और रियल लाइफ दो ध्रुव लगते हैं।

वह रियल लाइफ में जीतनी मॉडर्न नज़र आती हैं, उतनी रील लाइफ में बिलकुल नहीं।

आजकल वह, न्यू जर्सी में एशियाई अमेरिकन हेरिटेज फेस्टिवल में हिस्सा लेने गई हैं। उन्होंने यहाँ रुकने के दौरान खूब मौज़ मस्ती की।

प्रियंका चोपड़ा की तरह भूमि को भी न्यू यॉर्क सिटी बेहद पसंद हैं। उन्होंने यहाँ किसी इमारत के टॉप से अपने चित्र सोशल साइट्स पर पोस्ट किये।

ऊपर दिए गए चित्र को देखते ही उनके प्रशंसकों के कमैंट्स की भरमार हो गई।

इस चित्र में वह सफ़ेद टैंक टॉप और काली जीन्स पहने हैं।  पैरों में सफ़ेद जूते हैं। गले में काला बैंड पहना है और कलाई में घडी बंधी है। उनकी आँखों का पायलट चश्मा उन्हें बिलकुल नया लुक दे रहा है। 
लेकिन, अगर उनकी रील लाइफ देखी जाए तो वह इसके विपरीत हैं।

भूमि पेडनेकर अभी छह गज की धोती से सलवार सूट तक ही पहुँच पाई है। 

२०१५ में रिलीज़  फिल्म दम लगा के हईशा में वह गाँव के एक लडके की मोटी बीवी बनी थी। पूरी फिल्म में धोती।

टॉयलेट एक प्रेम कथा अक्षय कुमार के साथ थी, इसके बावजूद धोती भी साथ थी, क्योंकि फिल्म एक गाँव की कथा जो थी। 

तीन साल में तीन फ़िल्में।  पहली फिल्म दम लगा के हईशा में वह हरिद्वार की लड़की थी।  टॉयलेट एक प्रेमकथा में वह मथुरा पहुंची।

तीसरी फिल्म शुभ मंगल सावधान में वह गुडगाँव पहुंची तो साड़ी से सलवार सूट तक।  यानि, छोटे शहर की लड़की की भूमिका ही फबी भूमि पेडनेकर को ।

भूमि पेडनेकर चाहे न्यू यॉर्क घूम आये या न्यू जर्सी, रील लाइफ में रहेंगी  वह छोटे शहर की ही।

अभिषेक चौबे की फिल्म सोन चिरैया को ही लीजिये। यह फिल्म डाकुओं पर फिल्म है। चम्बल की पृष्ठभूमि पर।

इस फिल्म में भूमि ने साड़ी तो लपेटी ही है, सर पर मटका ले कर भी चली हैं, गाय का गोबर भी पाथा है। कंधे पर भारी बन्दूक तो जैसे भारी ज़िम्मेदारी जैसी है। इस फिल्म सुशांत सिंह राजपूत और मनोज बाजपेई भी हैं। 


रोनी स्क्रूवाला की फिल्म लस्ट स्टोरीज की भूमि पेडनेकर में आधुनिकता देखने की ज़रुरत नहीं कि इस फिल्म में वह कामुकता वाला खेल खेल रही तो आधुनिक भी होंगी !

दरअसल, इस चार निर्देशकों वाली औरतों की लव और लस्ट पर चार कहानियों में से एक कहानी में वह बाई की भूमिका कर रही हैं, जो घर के मालिक को औरत के साथ सेक्स करते देखती हैं तो कामुक हो बैठती हैं ।  



बचपन की चार सहेलियों की कहानी वीरे दी वेडिंग - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

बचपन की चार सहेलियों की कहानी वीरे दी वेडिंग

स्वरा  भास्कर, करीना कपूर खान, शिखा तलसानिया और  सोनम कपूर आहूजा 
फीमेल बडी कॉमेडी फिल्म वीरे दी वेडिंग  जून को रिलीज हो रही है।

इसलिए, चारों स्टार कास्ट करीना कपूर खान, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया अपनी फिल्म के प्रचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद थी । इस मौके पर होटल ली मेरिडियन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मीडिया मौजूद था । पत्रकारों से बातचीत करते समय  चारों अदाकाराओं ने अपने अनुभव साझा किए और साथ ही फिल्म के बारे में जानकारी दी ।

इस फिल्म में करीना कपूर खान ने कालिंदी, सोनम ने अवनी, शिखा तलसानिया ने मीरा और स्वरा भास्कर ने साक्षी की भूमिका की है । यह फिल्म दिल्ली की पृष्ठभूमि पर है, जहां ये चारों सहेलियां पली बढ़ी है। 

फिल्म और इसकी खुली भाषा के बारे में बात करते हुए करीना ने कहा, "इस फिल्म के लिए काम करना बिल्कुल अद्भुत था। मैं बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि पहली बार मैं इस तरह की एक अलग भाषा के साथ फिल्म का हिस्सा हूं। मैं इंतजार कर रही हूं मेरे प्रशंसकों की प्रतिक्रिया के लिए और मुझे यकीन है कि वे निश्चित रूप से इसे प्यार करेंगे। मैं इसके लिए भी उत्साहित हूं, मैंने अब तक पुरुष कलाकारों के साथ काम किया है, मैं पहली बार चार महिलाओं के साथ काम कर रही हूं, मैं यह देखने के लिए तैयार हूं कि इस फिल्म को लेकर लोगो की क्या प्रतिक्रिया होगी, क्योंकि भाषा वास्तव में अलग है, फिल्म की पूरी अवधारणा इसकी तरह है।"

सोनम ने कहा, "हम दिल्ली और मुंबई की लड़कियां हैं, हम स्थानीय रूप से इस तरह बात करते हैं, मैंने भाषा के बारे में नहीं सोचा, मुझे बस स्क्रिप्ट पसंद आयी और मैंने कहा, हाँ, मैंने सोचा कि यह इस फिल्म एक मजेदार अनुभव रहेगा और वास्तव में ऐसा ही हुआ, हमने साथ में अच्छा समय व्यतीत किया ।" फिल्म में मुख्य चार महिला किरदारों के बारे में बात करते हुए सोनम ने कहा, "मुझे लगता है कि यह फिल्म एक साधारण जीवन से बहुत ज्यादा जुडी है। हां लंबे समय बाद, चार मुख्यधारा की अभिनेत्रियां एक साथ काम कर रही हैं, ये अपने में एक बड़ी बात है। फिल्म का विषय बहुत आसान है, यहां तक ​​कि एक लड़का भी यह रोल अदा कर सकता है इसे सशक्तिकरण के रूप में चित्रित कर सकता है। यह एक मनोरंजक फिल्म है, हर कोई खुद को पात्रों के साथ पहचान सकता है, । "

दूसरी तरफ, स्वरा और शिखा भी फिल्म के बारे में आश्वस्त थे। फिल्म में अपने पोल डांस के बारे में स्वरा से पूछने पर, उन्होंने एक मजेदार तरीके से कहा, "मैंने पोल डांस करने की कोशिश की, और मैंने संघर्ष किया, मुझे लगता है कि आजकल शानदार पोल डांस जैकलीन अपनी फिल्मों में कर रही है। पोल डांस के लिए ज़रूरी है अच्छा फिटनेस स्तर, और मुझे लगता है कि मैं इसके लिए उपयुक्त नहीं हूं। हाँ, लेकिन मैंने इस फिल्म में कई नई चीजें की हैं और वो एक एक शानदार समय था।"

बोल्डनेस के बारे में बात करते हुए शिखा ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह बोल्ड है, इस फिल्म में भाषा सभी लड़कियों के लिए सामान्य है, हम आम तौर पर हमारे दोस्तों के साथ इस तरह बात करते हैं। हम इसमें कुछ जताने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, हम सिर्फ एक कहानी को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं जो चार दोस्तों और उनके जीवन से बहुत अधिक प्रासंगिक है। "


खैर, वीरे दी वेडिंग महिला दोस्तों पर कॉमेडी फिल्म है, जिसे शशांक घोष द्वारा निर्देशित किया गया है। फिल्म रिया कपूर, एकता कपूर और निखिल द्विवेदी द्वारा सह-निर्मित है।

बालाजी मोशन पिक्चर्स, अनिल कपूर फिल्म्स एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क के बैनर के तहत बनी, इस फिल्म में सुमित व्यास, विश्व किनी, मनोज पहवा, नीना गुप्ता, विवेक मुशरान, एडवर्ड सोनेनब्लिक, कई और कलाकारों की प्रमुख भूमिकाएं भी हैं।



एनआरआई बना टोरबाज़  का पुलिस अधिकारी - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

एनआरआई बना टोरबाज़ का पुलिस अधिकारी

संजय दत्त के  साथ जय पटेल 
आजकल, संजय दत्त फिल्म टोरबाज़ की शूटिंग बिश्केक में कर रहे हैं। 

अफगानिस्तान की पृष्ठभूमि पर इस फिल्म में कई विदेशी किरदारों के लिए कई विदेशी एक्टर साइन किये गए हैं। 

इनमे एक अमरीका में अप्रवासी भारतीय जय पटेल भी शामिल हैं।

जय, फिल्म में अफगान पुलिस के कर्नल मेहरबान खान की भूमिका कर रहे हैं। ख़ास बात है कि उन्हें फिल्म में महत्वपूर्ण दृश्यों में देखा जाएगा।

दरअसल, फिल्म के निर्माता राहुल मित्रा और जय पटेल अच्छे दोस्त हैं।  

जब, टोरबाज़ के दूसरे शिड्यूल से पहले, राहुल मित्रा स्टार कास्ट का चुनाव कर रहे थे, एक मीटिंग में जय पटेल अनायास पहुँच गए। उन्हें देख कर मौजूद लोगों को जय पटेल कर्नल मेहरबान खान की भूमिका के उपयुक्त लगे। 

यहां बताते चले कि है जय पटेल खुद एक अच्छे घुड़सवार और शूटर हैं। ऐसे में वह पुलिस अधिकारी की भूमिका के लिए सबसे ज़्यादा स्वाभाविक अभिनेता साबित होते थे । 

यूनिट के नजदीक सूत्र बताते हैं कि अभिनेता संजय दत्त भी जय के अभिनय कौशल से प्रभावित हैं। दोनों सेट पर काफी समय साथ बातचीत करते हुए बिताते हैं।   

पुरस्कार विजेता निर्देशक गिरीश मलिक द्वारा निर्देशित राजू चड्डा द्वारा प्रस्तुत और फिल्म निर्माता राहुल मित्रा द्वारा निर्मित फिल्म टोरबाज़ में संजय दत्त के अलावा नर्गिस फाखरी और राहुल देव भी मुख्य भूमिका कर रहे हैं। 



स्पेन और कोरिया जा पहुंचा है बॉलीवुड - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

स्पेन और कोरिया जा पहुंचा है बॉलीवुड

निर्माणाधीन दो फ़िल्में बहुत ख़ास हैं। यह दोनों ही फ़िल्में स्पेनिश और कोरियाई फिल्मों का हिंदी रीमेक हैं। इन दोनों फिल्मों में बड़े सितारे हैं और यह फ़िल्में बड़े बजट से बनाई जा रही फ़िल्में हैं। पहली फिल्म सुजॉय घोष के निर्देशन में फिल्म बदला है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू दूसरी बार साथ काम करने जा रहे हैं। यह फिल्म स्पेनिश फिल्म कंत्राटिएम्पो (अंग्रेजी में द इनविजिबल गेस्ट) की हिंदी रीमेक है। फिल्म की कहानी एक सफल व्यवसाई की है। एक दिन जब उसकी आँख खुलती है तो वह खुद को एक होटल के कमरे में पाता है। उसके बगल में उसकी रखैल की लाश पड़ी है। दूसरी फिल्म का निर्माण दक्षिण के निर्देशक जीतू जोसफ कर रहे हैं।  यह उनकी पहली हिंदी फिल्म है। जीतू जोसफ को थ्रिलर फ़िल्में बनाने में महारत हासिल हैं। उनकी निर्देशित फिल्म पर अजय देवगन की फिल्म दृश्यम का निर्माण हुआ था। जीतू जोसफ की हिंदी डेब्यू फिल्म एक स्पेनिश फिल्म एल क्यूरेपो (द बॉडी) पर आधारित है।  इस थ्रिलर फिल्म में एक डिटेक्टिव उस लाश के गायब होने का रहस्य पता करना चाहता है, जो एक मुर्दा घर से गायब हो गई है। इस फिल्म में ऋषि कपूर और इमरान हाश्मी केंद्रीय भूमिका कर रहे हैं।

क्यों बनाई जाती हैं स्पेनिश और कोरियाई फिल्मों पर हिंदी रीमेक फ़िल्में ! जवाब तो फिल्म निर्माता ही दे सकते हैं।  लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शकों ने इन रीमेक फिल्मों को बड़ी दिलचस्पी से देखा है। यह रीमेक फ़िल्में उन्हें अपनी अपनी सीटों से चिपके रहने को मज़बूर करती हैं। ऎसी फिल्मों की कहानियों में वह अनूठापन मिलता है, जो अमूमन मूल हिंदी फिल्मों में देखने-सुनने को नहीं मिलता। ऐसी फिल्म में अगर सशक्त अभिनेता हो, कल्पनाशील सक्षम निर्देशक हो तो दर्शकों को एक बढ़िया थ्रिलर फिल्म देखने से कौन रोक सकता है ! यही, कारण है कि बड़े बजट की, बड़े सितारों वाली रीमेक फ़िल्में खूब बनी।  हिंदी फिल्मों के कुछ निर्देशक तो रीमेक फिल्मों के निर्देशक ही कहलाने लगे।   

संजय गुप्ता की फ़िल्में, कभी अमेरिका कभी कोरिया 
संजय गुप्ता ने अपने फिल्म निर्देशक करियर की शुरुआत ही रीमेक फिल्म से की।  उनकी फिल्म आतिश फील द फायर हांगकांग की जॉन वू निर्देशित फिल्म अ बेटर टुमारो से प्रेरित थी । उनकी अन्य फिल्मों में, जंग (डेस्पेरेट मेजर्स), खौफ (द ज्यूरर), कांटे (रिजर्वायर डॉग्स, हांगकांग फिल्म सिटी ऑन फायर), प्लान (सुसाइड किंग्स), मुसाफिर (यू टर्न) जैसी अमेरिकी फिल्मों से प्रेरित थी।  इसके बाद बदलाव के लिए संजय गुप्ता ने कोरियाई फिल्मों की ओर रुख किया। उनकी फिल्म ज़िंदा कोरियाई फिल्म ओल्डबॉय (२००३) का रीमेक थी।  वुडस्टॉक विला जापानी थ्रिलर फिल्म गेम पर आधारित थी।  संजय गुप्ता की पिछली दो फ़िल्में कोरियाई फिल्मों पर आधारित थी। ऐश्वर्या राय बच्चन और इरफ़ान खान की फिल्म जज़्बा, कोरिया की २००७ में रिलीज़ फिल्म ७ डेज और हृथिक रोशन की फिल्म काबिल २०१४ में रिलीज़ कोरियाई फिल्म ब्रोकन का रीमेक थी। 

कोरियाई फिल्मों के रीमेक के उस्ताद मोहित सूरी 
मोहित सूरी को कोरियाई फिल्मों के रीमेक का उस्ताद कहना उपयुक्त होगा। उनकी बतौर निर्देशक पहली फिल्म ज़हर कार्ल फ्रैंकलिन निर्देशित डेन्ज़ेल वाशिंगटन अभिनीत अमरीकन थ्रिलर फ़िल्म आउट ऑफ़ टाइम का हिंदी रीमेक थी। मोहित सूरी की दूसरी फिल्म कलयुग भी, अमरीकन फिल्म ८ एमएम (१९९९) की कॉपी तो नहीं, लेकिन प्रेरित ज़रूर थी। इस फिल्म के बाद, उनकी चौथी निर्देशित फिल्म आवारापन (२००७), किम जी-वून निर्देशित कोरियाई फिल्म अ बिटरस्वीट लाइफ (२००५) का रीमेक थी। राज़ द मिस्ट्री कन्टीन्यूज किसी विदेशी फिल्म का डायरेक्ट रीमेक तो नहीं थी।  मगर  कुछ दृश्य रिंग २ और कुछ गॉथिका से उड़ाए गए थे। रोहित सूरी ने मर्डर २ का भी निर्देशन किया था।  इस फिल्म की कहानी महेश भट्ट ने लिखी थी।  लेकिन, महेश भट्ट ने भी यह कहानी कोरियाई फिल्म द चेजर (२००८) से उड़ाई थी। २०१४ की फिल्म एक विलेन को तुषार हीरानंदानी ने कोरियाई फिल्म आई सॉ द डेविल से उड़ाया था।

हालिया रीमेक  
रिभु दासगुप्ता निर्देशित फिल्म टीई३एन कोरियाई फिल्म मोंटाज (२०१३) की अधिकारिक रीमेक फिल्म थी। कोरियाई फिल्म में एक अपराध का पता लगाने के लिए निकले तीन करैक्टरों को हिंदी रीमेक में अमिताभ बच्चन, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और विद्या बालन ने किया था। ऐश्वर्या राय बच्चन की वापसी फिल्म जज़्बा कोरियाई फिल्म सेवन डेज की कॉपी थी। इमरान हाश्मी और जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ की फिल्म मर्डर २ कोरियाई फिल्म द चेंजर पर आधारित थी। रणवीर शोरे और मल्लिका शेरावत की फिल्म अग्ली और पगली कोरिया की फिल्म माय सैसी गर्ल का रीमेक थी। जॉन अब्राहम की मुख्य भूमिका वाली फिल्म रॉकी हैंडसम, दक्षिण कोरिया की फिल्म द मैन फ्रॉम नोवेयर की रीमेक फिल्म थी। कोरियाई फिल्म एक पूर्व हिटमैन की कहानी थी, जो एक आठ साल की लड़की का अपहरण करने वाले ड्रग माफिया को ख़त्म करने का इरादा करता है। रॉकी हैंडसम का निर्देशन निशिकांत कामथ ने किया था। फरहान अख्तर की म्यूजिकल फिल्म रॉकऑन ली जून-इक की एक बैंड के मुखिया की कहानी पर ड्रामा फिल्म द हैप्पी लाइफ पर आधारित थी। सूरज बडजात्या और सलमान खान की जोड़ी भी कोरियाई फिल्मों के जादू से बच नहीं पाई हैं। इस जोड़ी की २०१५ में रिलीज़ फिल्म प्रेम रतन धन पायो कोरियाई फिल्म मस्कुएरड (२०१२) का रीमेक थी। हालाँकि उस समय इस फिल्म को द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा का हिंदी रीमेक बताया जा रहा था। 

असफलता के बावजूद रीमेक ? 
कोरियाई फिल्मों का हिंदी रीमेक क्यों किया जाता है।  इसका जवाब आगे मिल सकता है। हालाँकि, कोरियाई फिल्म द मैन फ्रॉम नोवेयर के हिंदी रीमेक रॉकी हैण्डसम को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली थी। इसके बावजूद इस फिल्म के निर्माता सुनील खेतरपाल कोरियाई फिल्मों के रीमेक से परहेज करने नहीं जा रहे। वह एक और कोरियाई फिल्म के टाइटल को खरीदने की ज़द्दोज़हद में है।  वह कहते हैं, “कोरियाई फ़िल्में एक्शन और इमोशन के अनुपात के लिहाज़ से हिंदी दर्शकों को आकर्षित करने वाली हैं।

 जब इजराइल बना इंडिया और फलस्तीन बना पाकिस्तान 
पाकिस्तानी एक्टर अली ज़फर की फिल्म अमन की आशा स्पेनिश फिल्म सेरेस कुएरिडोस (ओनली ह्यूमन) का हिंदी रीमेक थी। स्पेनिश फिल्म एक इजराइली लड़की और फलस्तीनी लडके की रोमांस कहानी थी। अमन की आशा का टाइटल बदल कर टोटल सियापा कर दिया गया था। इस फिल्म ई निवास ने किया था। फिल्म के लेखक नीरज पांडेय थे। ओनली ह्यूमन को हिंदी में टोटल सियापा बनाते समय किरदारों के देशों में स्वाभाविक परिवर्तन किये गए थे। फिल्म में यह किरदार पाकिस्तानी लड़का और भारतीय लड़की बना दिए गए थे। 

आने को हैं कुछ दूसरे रीमेक 
यूजिनो डेर्बेज़ की फिल्म इंस्ट्रक्शन्स नॉट इनक्लूडेड का हिंदी रीमेक बनाने के अधिकार अजुरे एंटरटेनमेंट ने खरीद लिए है। यह फिल्म प्लेबॉय मैगज़ीन के एक मॉडल की है,  जिस के घर एक बच्ची को छोड़ दिया गया है। उसे इस बच्ची की माँ की खोज और बच्ची को पालने के लिए अपनी लाइफ स्टाइल बदलनी है। सलमान खान की फिल्म भारत, २०१४ में रिलीज़ कोरियाई फिल्म ओड टू माय फादर पर आधारित है। फर्क इतना है कि कोरियाई फिल्म कोरियाई युद्ध पर आधारित है, जबकि भारत की कहानी की पृष्ठभूमि में १९४७ का देश विभाजन है। बाकी की कहानी हू-ब-हू है। वैसे बताते चलें कि ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म फन्ने खान एक डच फिल्म एवरीबॉडी इज फेमस का हिंदी रीमेक है।  

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