जिंदगी के क्रॉसरोड्स जल्द ही सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर
प्रसारित होने वाला है।
इसमें कुछ जिंदगी को बदल देने वाली कहानियां सुनाई जाएंगी, जो
जिंदगी की नाटकीयता पर आधारित होंगी।
ज्ञान, सलाह-मशविरा
और विचारों के इमोशनल रोलरकोस्टर पर सवार करने का वादा करने वाले जिंदगी के
क्रॉसरोड्स को राम कपूर होस्ट करेंगे।
इसे शबीना खान ने प्रोड्यूस किया है और लिखा
है महादेव ने।
यह शो हर एपिसोड में नई कहानी को प्रस्तुत करेगा और कलाकारों के
सामने आने वाली दुविधा को चर्चा के लिए खुला छोड़ दिया जाएगा।
स्टुडियो में ऑडियंस
भी खास होगी।
वीकडे प्राइमटाइम पर एक रोचक और अब तक अनदेखा फॉर्मेट है, जिसके
रोमांचक होने की उम्मीद की जा सकती है।
इस शो की एक ऐसी ही कहानी है ‘मां’ के
विषय पर हैं, जहां बहुमुखी प्रतिभा की धनी अदाकारा जरीना वहाब एक माँ की
भूमिका में नजर आएंगी, जो अपने बेटे की खुशी के लिए सबकुछ करती है।
यह कहानी ऐसी मां
के ईर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी बहू का सारा सच जानती है।
क्या वह अपने बेटे की खुशी
के लिए सच को छिपा जाएंगी?
यह एक भावुक कहानी है, जो
न केवल ऑडियंस को अपने विचार व्यक्त करने को प्रेरित करेगी, बल्कि
उनके फैसले के पीछे छिपे ‘क्यों’ पर बहस भी छेड़ेगी।
निश्चित तौर पर ऑडियंस के विचारों में
मतभेद उभरेंगे तो कई ऐसी बातें भी सामने आएंगी, जो
हर एक को विचार करने को मजबूर करेगी।
जरीना वहाब ने कहा, “वे
लोग हमेशा मुझे मां का किरदार देते हैं। हर बार मां का किरदार देना ठीक है, लेकिन
उसमें कुछ तो चुनौतीपूर्ण होना चाहिए।
मैंने जो भी किरदार निभाए हैं, वह
एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है।
मैंने इस छोटी कहानी को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया
क्योंकि स्क्रिप्ट बहुत अच्छी थी। मैं भी एक मां हूं और इस नाते हम अपने बच्चों को
हरसंभव तरीके से खुश रखने की कोशिश करती हैं।
मेरे और मेरे बच्चों के बीच बॉन्ड
बहुत अच्छा है और हम दोस्तों की तरह है।
शबीना खान (शो की प्रोड्यूसर) बहुत ही
स्वीट गर्ल है। वह मेरी बिल्डिंग में आती रहती है इसलिए उनसे मुलाकात हो जाती है।
जब मुझे उनसे इस शो के कंसेप्ट के बारे में पता चला तो मुझे खुशी भी हुई और
आश्चर्य भी कि जिंदगी के क्रॉसरोड्स जैसे कंसेप्ट पर भी कोई शो टीवी पर प्रस्तुत
किया जा सकता है।
मैं आश्वस्त हूं कि यह चमत्कार करेगा और मैं खुद भी इस शो को
देखने को आतुर हूं।”
अपनी जिंदगी में आई दुविधा के बारे में बात करते हुए उन्होंने
कहा, “मेरी मां मेरी आदित्य (पंचौली) से शादी को लेकर बहुत खुश नहीं
थी लेकिन मैं उनसे प्यार करती थी और उनके साथ शादी करना चाहती थी।
यह मेरी जिंदगी
की सबसे बड़ी दुविधा थी।
अब मुझे महसूस होता है कि मेरा फैसला बिल्कुल सही था।
हर
व्यक्ति अपनी जिंदगी में किसी न किसी वक्त दुविधाओं से घिरा होता है और विकल्प भी
खुद के अंदर से ही आते हैं।
हम सबसे सलाह ले सकते हैं लेकिन करते वहीं हैं जो दिल
कहता है।”
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