नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने हमेशा से ही अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों का
दिल जीता है। फिर चाहे वह कोई छोटा-सा रोल हो या फिर बायोपिक में एक
लीड किरदार निभाना, अपनी हरफ़नमौला अदाकारी के लिए जाने
जानेवाले नवाज़ हरेक किरदार को जीवंत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
ऐसे में हाल ही में रिलीज़ हुई 'ठाकरे'
में बाल ठाकरे के रोल को सशक्त अंदाज़ में निभाकर नवाज़ ने एक बार फ़िर से
लोगों के दिलो-दिमाग़ में अपनी छाप छोड़ी है। बाल ठाकरे के किरदार को शानदार ढंग
से निभाने और अपनी अदाकारी से उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए समीक्षक और दर्शक
नवाज़ की ख़ूब वाह-वाही कर रहे हैं। नवाज़ को मिलनेवाली बधाइयों का तांता थमने का
नाम नहीं ले रहा है। कहा जा रहा है कि यह नवाज़ के करियर का अब तक
का सबसे बढ़िया परफॉर्मेंस है!
महज १३०० स्क्रीन्स पर रिलीज़ किए जाने और पब्लिसिटी और तमाम चीज़ों
पर सिर्फ़ २० करोड़ रुपये ख़र्च किए जाने
के बावजूद 'ठाकरे' ने बॉक्स
ऑफ़िस पर पहले दिन 6 करोड़ रुपए (हिंदी + मराठी) की कमाई कर ली है और 'मणिकर्णिका'
को हर मामले में पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि 'ठाकरे'
की तुलना में कंगना रनौत की 'मणिकर्णिका'
कुल ३००० स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई है और इसका बजट भी कहीं ज़्यादा यानि १२० करोड़ रुपए के आसपास है।
'ठाकरे' पूरे भारत
के बॉक्स ऑफ़िस पर राज कर रही है और पहली दिन की कमाई के हिसाब से ये फ़िल्म
नवाज़ की अब तक सबसे बड़ी ओपनिंग करनेवाली फ़िल्म साबित हुई है। उम्मीद जताई जा
रही है कि वीकएंड पर ये फ़िल्म और बेहतर परफॉर्म करेगी।
यहां पेश है फ़िल्म देख चुके समीक्षकों द्वारा नवाज़ की तारीफ़ में कहे
गयीं कुछ उल्लेखनीय बातें-
नवाज़ ने बेहद गहराई से इस किरदार को निभाया है,
जो नवाज़ के शानदार करियर में उनकी एक और उपलब्धि है। नवाज़ अपने किरदार
में इतने रम जाते हैं कि फ़िल्म को आगे बढ़ने के लिए किसी और की ज़रूरत नहीं पड़ती
है - NDTV
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी विवादास्पद हिंदू नेता के रोल में जान फ़ूंक देते
हैं। नवाज़ के ऊपर एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी, जिसे
उन्होंने बख़ूबी निभाया है। एक भावहीन, अभेद्य,
हालातों का निडरता से सामना
करनेवाले, आकर्षक व्यक्तित्व और अंदाज़वाले,
क्रिकेट-प्रेमी, बीयर और सिगार पीनेवाले, सैटिन का कुर्ता पहननेवाले,
परिवार का ख़्याल करनेवाले ठाकरे के रोल में नवाज़ ख़ूब जंचते हैं। उनका
परफॉर्मेंस बेहद जानदार है और पूरी फ़िल्म उन्हीं के कंधों पर खड़ी है - News18
फ़िल्म की सबसे बढ़िया बात है बाल ठाकरे के रोल को नवाज़ुद्दीन द्वारा निभाया जाना। नवाज़ द्वारा बाल
ठाकरे की आवाज़ की नकल नहीं करने और मराठी लहज़े में बात नहीं करने के फ़ैसले को
एक समझदारी भरा फ़ैसला कहा जा सकता है। बेहद बारीक़ी और कम से कम मेक-अप के सहारे
नवाज़ शिव सेना प्रमुख के चरित्र में तब्दील हो जाते हैं और एक पिच परफ़ेक्ट
परफॉर्मेंस देते हैं- टाइम्स ऑफ़ इंडिया
नवाज़ुद्दीन लाजवाब हैं। उनकी दुबली-पतली काया सेना सुप्रीमो से बेहद मेल
खाती है। ज़्यादा कोशिशों के बग़ैर वह नेता के हाव-भाव और अवतार को हुबहू अंदाज़ में अख़्तियार के लेते हैं कि आपको लगता है कि आप ठाकरे के दरबार में
बैंठे हैं" - DNA
'ठाकरे के रोल में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी कमाल
करते हैं। उन्होंने एक बार फ़िर से साबित कर दिखाया है कि वो किसी भी रोल को
परफ़ेक्ट अंदाज़ में निभाने के क़ाबिल हैं। उन्होंने बाल ठाकरे के रोल को काफ़ी
प्रभावशाली ढंग से निभाया है - India-forums.com
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