आज रिलीज़ हो रही,
निर्देशक कृष की ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी, भारत के
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ों के दांत खट्टे करने वाली झाँसी की रानी
लक्ष्मी बाई के जीवन पर बॉलीवुड से दूसरी फिल्म होगी। इस फिल्म में, अभिनेत्री
कंगना रनौत, रानी
लक्ष्मी बाई की भूमिका कर रही है। इस किरदार के लिए कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने काफी मेहनत की
है। मणिकर्णिका को समय से दर्शकों तक
पहुंचाने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किये।
सिर्फ इकलौती झाँसी की रानी !
क्या अजीब नहीं लगता कि सैकड़ों की संख्या में ऐतिहासिक फ़िल्में बना चुके
बॉलीवुड ने, रानी
लक्ष्मी बाई के जीवन पर फिल्म बनाने का इकलौता सफल प्रयास ही किया। यह प्रयास किया
पुकार, एक दिन का
सुल्तान, पृथ्वी
बल्लभ, सिकंदर और
शीश महल जैसी ऐतिहासिक फ़िल्में बनाने वाली सोहराब मोदी ने।
१९४७ से ही इस फिल्म को बनाने का विचार सोहराब मोदी को आया था। लेकिन
फिल्म १८ जनवरी १९५१ को ही शुरू हो सकी। पहले फिल्म को श्वेत श्याम में बनाने का
इरादा किया गया था। कोई १५०० फ़ीट फिल्म शूट भी की गई थी। लेकिन, फिर झांसी
की रानी की भव्यता को ध्यान में रखते हुए, इसे टैक्नीकलर में बनाया गया। यह पहली भारतीय टैक्नीकलर फिल्म थी।
पहली झाँसी की रानी महताब
सोहराब मोदी की पत्नी मेहताब ने लक्ष्मी बाई की भूमिका के लिए महीनों टेंट
में गुजारे। उन्होंने ६० पोशाकें बदली थी। फिल्म में खुद सोहराब मोदी राजगुरु की
भूमिका में थे। लक्ष्मी बाई के पति गंगाधर राव की भूमिका मुबारक ने की थी।
इस फिल्म की शूटिंग के लिए २२ बड़े सेट्स लगाए गए थे। सोहराब मोदी ने फिल्म
की शूटिंग के लिए गॉन विथ द विंड और द फ्लेम ऑफ़ एरो के सिनेमेटोग्राफर अर्नेस्ट
हेलर की सेवाएं ली थी। फिल्म के संवाद काफी जोशीले और प्रभावशाली थे। झाँसी की
रानी १९५२ में पूरी हुई थी। इस फिल्म को
हिंदी और इंग्लिश में भी रिलीज़ किया गया। फिल्म का इंग्लिश टाइटल द टाइगर एंड द
फ्लेम था। इसके बावजूद फिल्म बुरी तरह से असफल हुई।
सुष्मिता सेन(Sushmita Sen) और केतन मेहता (Ketan Mehta) के असफल प्रयास
झाँसी की रानी की वीरता पर फिल्म बनाने का दूसरा प्रयास सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने
किया था। इसके लिए वह खुद झाँसी की रानी बनने
के साथ साथ निर्देशक की कुर्सी पर जा बैठी थी। फिल्म की शूटिंग २००८ में शुरू होती
और फिल्म नवंबर २००९ में रिलीज़ हो जाती।
लेकिन, यह फिल्म
घोषणा से आगे नहीं बढ़ सकी। इसी प्रकार से केतन मेहता, जो भारत के
प्रथम स्वतंत्र संग्राम पर आमिर खान के साथ फिल्म मंगल पांडेय द अपराइजिंग का
निर्माण कर चुके थे,
ने भी कंगना रनौत के साथ झाँसी की रानी पर फिल्म बनाने का प्रयास २०१७ में
शुरू किया था। लेकिन,
यह प्रोजेक्ट भी टलता रहा। आखिरकार, कृष और कंगना रनौत की जोड़ी बाज़ी मार ले गई।
झाँसी की रानी पर एक सीरियल झाँसी की रानी २००९ में उल्का गुप्ता और
कृतिका सेंगर के साथ बनाया गया। २०१२ में राजेश मित्तल द्वारा झाँसी की रानी
लक्ष्मी बाई फिल्म बनाने का ज़िक्र मिलता है। इस फिल्म का महूरत पाकिस्तानी
अभिनेत्री मीरा के साथ हुआ था। फिल्म के संवाद सांसद रामदास अठावले ने लिखे थे।
क्या उरी की तरह हिट होगी मणिकर्णिका ?
आज जब यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ होगी तो तमाम निगाहें इस बात पर लगी
होंगी कि उरी से भारतीय दर्शकों में देशभक्ति का जज़्बा जगा पाने में कामयाब हुए
भारतीय सैनिकों की तरह,
क्या भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी ऐसा ही जज़्बा पैदा कर पायेगा ?
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