Sunday, 1 August 2021

क्या सचमुच है गटर बॉलीवुड



कृष की ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका की मर्दानी झांसी की रानी कंगना रानौत, वास्तविक जीवन में भी अपने परदे के अवतार जैसा व्यवहार करती नज़र आती है। खुद के अभिनय के बूते पर फ़िल्में पाती और हिट कराती कंगना रानौत बॉलीवुड को गटर बॉलीवुड कहती है। वह ऐसा बॉलीवुड में भाई भतीजावाद और फिल्मों में अश्लीलता के कारण कहती है। राज कुंद्रा पर पोर्नो फ़िल्में बनाने के आरोप के कारण उनका यह गटर बॉलीवुड विशेषण अधिक उपयुक्त साबित हो रहा है। क्योंकि, वह फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति है। वह फ़िल्मी पार्टियों में सुर्खियाँ पाते रहते हैं। उन्होंने फिल्मों में भी इन्वेस्ट किया है।


आम है कास्टिंग काउच ! - परन्तु, क्या इससे बॉलीवुड गटर बॉलीवुड साबित हो जाता है ? इसमे कोई शक नहीं कि पूरा बॉलीवुड गंदा नहीं। बॉलीवुड मे पहले से ही गंदगी रही है। फिल्म निर्माता और कास्टिंग डायरेक्टर फ़िल्में देने के एवज में सेक्सुअल फेवर यानि नई नई लड़कियों के सामने कास्टिंग काउच या रात बिताने का प्रस्ताव करते हैं। इस मामले में सबसे बदनाम फिल्म निर्देशक साजिद खान है, जो अक्षय कुमार के साथ और निर्माता साजिद नाडियाडवाला के लिए हाउसफुल जैसी फ्रैंचाइज़ी फिल्मों की इजाद कर सके हैं। हालाँकि, अब सभी ने साजिद से किनारा कर लिया है, परन्तु ऐसा नहीं लगता कि साजिद खान को सज़ा मिलेगी। कास्टिंग काउच या सेक्सुअल फेवर का आरोप कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा, संगीतकार अनु मलिक, आदि पर भी लग चुका है। सेक्सुअल हरैसमेंट का आरोप तो बेचारे सुशांत सिंह राजपूत पर भी उनकी किजि और मैनी की नायिका संजना सांघी ने लगाया था। उसी दौरान राजपूत की आत्महत्या, उनकी पूर्व पीआर की रहस्यमय मौत, आदि ने भी बॉलीवुड का गटर बॉलीवुड खिताब पुख्ता कर दिया था।


बॉलीवुड का इस्लामिक झुकाव - लेकिन, क्या यह अपवाद नहीं माने जा सकते ? दरअसल, बॉलीवुड को गटर साबित करने का काम खुद बॉलीवुड की फिल्मों और उसके अभिनेता- अभिनेत्रियों ने किया है। हिंदी फिल्मों में हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को खराब सन्दर्भ में दिखाना, मुस्लिम धर्म को श्रेष्ठ दिखाने की बचकानी कोशिश यह बार बार साबित करती रही कि बॉलीवुड की फिल्मों में इस्लामिक प्रभाव वाला पैसा लगा है। विदेश में देश के खिलाफ मुहीम चलाने वाले लोगों के साथ बॉलीवुड की नज़दीकियाँ कई बार सामने आई है। अंतर्धार्मिक विवाह दिखाने के चक्कर में बॉलीवुड बार बार इस्लाम की गोद में बैठा दिखाई देता है।


कामुकता भरपूर - बात यहीं पर ख़त्म नहीं होती। कामुक दृश्यों और हावभाव वाले दृश्यों ने बॉलीवुड को गटर साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके कोई शक नहीं कि बॉलीवुड की फिल्मों में कामुक सामग्री बढ़ी है। चुम्बन और आलिंगन तो आम बात है। अब तो पहली मुलाक़ात में ही नायिका लपक कर नायक का चुम्बन लेती है और उसे बिस्तर तक खींच ले जाती है। बॉलीवुड की अलिया भट्ट, किअरा अडवाणी, कृति सेनन, दिशा पटानी, मौनी रॉय, जैक्वेलिन फर्नांडेज, आदि अभिनेत्रियां अपनी कामुकता उभारने मे कतई संकोच नहीं करती। यहाँ तक कि प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ, आदि अभिनेत्रियाँ भी कोई मौक़ा नहीं छोड़ती। परदे पर कामुक हावभाव उर्वशी रौतेला, निया शर्मा, तापसी पन्नू, आदि स्टारडम की दौड़ में पिछड़ गई अभिनेत्रियाँ की मज़बूरी है।


डिजिटल माध्यम ने दी हवा - हिंदी फिल्मों में चुम्बन तो खोसला रिपोर्ट का परिणाम है। लेकिन, अब हिंदी फिल्मे कामुकता प्रदर्शन में भी पोर्न फिल्मों को मात दे रही हैं। स्वरा भास्कर फिल्म वीरा दी वेडिंग में उँगलियों से और किअरा अडवाणी फिल्म लस्ट स्टोरी में वाइब्रेशन मशीन से अपनी कामुकता शांत करती दिखाई गई थी। वह अश्लील हावभाव वाले लम्बे दृश्य कर रही थी। कामुक हाव भाव के मामले में इन अभिनेत्रियों ने रागिनी एमएमएस २ की सनी लियॉन को कड़ी टक्कर दी थी। डिजिटल माध्यम ने भी बॉलीवुड को कामुकता दर्शाने का ज़बरदस्त माध्यम दे दिया है। मस्तराम, हैलो मिनी, गन्दी बात, अभय, सेक्रेड गेम्स, आदि डिजिटल शो अपनी कामुक सामग्री के कारण ज्यादा चर्चित हुए। इस मामले में करण जोहर, एकता कपूर, अनुराग कश्यप, आदि झंडाबरदार बने नज़र आते हैं डिजिटल माध्यम पर गन्दगी का ही परिणाम था कि सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न न्यायालयों को हस्तक्षेप करना पडा ।


पैसा और शोहरत की मज़बूरी !- राज कुंद्रा बॉलीवुड फिल्म इन्ही निर्माताओं से ही प्रेरित लगता है। नई लड़कियाँ पैसों और शोहरत के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। हालाँकि, पूनम पाण्डेय ने राज कुंद्रा की शिकायत की है। लेकिनपूनम की पहली फिल्म नशा ही कामुकता के नशे में झूम रही थी। पूनम पाण्डेय की फिल्मों के लव इन पाइजन, लव इन टैक्सी, लव इन फायर. आदि शीर्षक इन फिल्मों की कमोबेश अश्लील सामग्री की तरफ इशारा करते हैं। हालाँकि, पूनम पाण्डेय के साथ पुनीत काउ, शागारिका शोना सुमन, शेर्लिन चोपड़ा, आदि ने राज कुंद्रा के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। लेकिन, गहना वशिष्ठ जैसी अभिनेत्रियाँ उसकी पैरोकार भी है। गहना वशिष्ठ हाल ही में जमानत पर छूटी है। गहना की गिरफ्तारी उनके पोर्नो फिल्मों में काम करने के कारण ही हुई थी। गहना ने गन्दी बात शो में भी काम किया था।


अंदर की बात !- बॉलीवुड के अन्दर की बात तो अन्दर का आदमी ही जानता है। पूनम पाण्डेय जैसी अभिनेत्रियों ने देर में ही सही कोशिश शुरू कर दी है। कंगना रानौत, काफी पहले से बॉलीवुड की गंदगी के खिलाफ ताल ठोंके खडी हैं। वह अपनी फिल्म में बॉलीवुड की किस प्रकार कि गन्दगी को सामने लाती है ? कौन कौन से पहलू छूती है ? इसके लिए वह किसे जिम्मेदार बताती है? यह सब जानना दिलचस्प होगा।  लेकिन तब तक के लिए हिंदी फिल्म दर्शकों को निर्माता कंगना रानौत की फिल्म टिकू वेड्स शेरू की प्रतीक्षा करनी होगी।

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