Wednesday 17 August 2022

सुपरहिट आशिकी की फ्लॉप जोड़ी !



बत्तीस साल पहले, १७ अगस्त १९९०. देश के तमाम सिनेमाघरों में महेश भट्ट निर्देशित मुसिक्ला रोमांस फिल्म आशिकी प्रदर्शित होने जा रही थी. इस फिल्म के गीत कई हफ़्तों पहले ही लोकप्रियता की पायदान पर शीर्ष पर बने हुए थे. नदीम श्रवण और समीर, रानी मलिक और मदन पाल के तमाम गीत कुमार सानु, अनुराधा पोडवाल और उदित नारायण की आवाज़ में श्रोताओं के कानों में रस घोल रहे थे.




इस फिल्म से एक नई जोड़ी अनु अगरवाल और राहुल रॉय का दर्शकों से पहला परिचय होने जा रहा था. फिल्म के संगीत से पहले ही दर्शकों की जुबान में  चढ़ चुकी आशिकी इसकी नई जोड़ी के कारण दिलों में समा गई. मॉडल अनु अगरवाल का काला रंग दर्शकों की आशिकी में शुमार हो चुका था. युवाओं में राहुल रॉय कट लम्बे बाल रखने का फैशन बन गया. दोनों की जोडी सुपरहिट हो गई.




पर पहली फिल्म की सफलता ही, इस जोड़ी की विफलता का बड़ा कारण बन गई. इन दोनों को अपनी फिल्मो में साइन करने के लिए निर्माताओं की भीड़ इनके मकान के बाहर पंक्तिबद्ध हो रही थी. अपनी सफलता को भुनाने के लिए दोनों ही युवा एक्टरों ने दाए बाएं जो फ़िल्में आई, उन्हें साइन कर लिया. उनमे से ज्यादातर बन ही नहीं पाई. लेकिन, जो बनी भी वह इस जोड़ी के एक्टरों को भुनाने के ख्याल से कच्ची पक्की बनी था.




परिणामस्वरूप अनु अगरवाल ने गजब तमाशा, किंग अंकल. खलनायिका, जन्म कुंडली. राम शास्त्र और रिटर्न ऑफ़ ज्वेल थीफ जैसी असफल फ़िल्में दी. खलनायिका ने तो अनु को बिलकुल डुबो दिया. इसी समय १९९९ में, जब अनु अगरवाल योग को समर्पित होने के लिए बॉम्बे से अपना सामान ले जाने के लिए आ रही थी कि उसका एक भयानक एक्सीडेंट हुआ. वह बुरी तरह से घायल हो गई. किसी प्रकार से उसकी जान बची. लेकिन, इस हादसे के बाद, अनु अगरवाल इतनी भयभीत हो गई कि उन्होंने बॉलीवुड की ओर देखने तक से मना कर दिया.




उधर राहुल रॉय ने तो फ्लॉप फिल्मों की जैसे बारिश सी कर दी. प्यार का साया, बारिश, जूनून, गजब तमाशा, दिलवाले कभी न हारे, जानम, सपने साजन के, पहला नशा, गुमराह, गेम फिर तेरी कहानी याद आये, हँसते खेलते, मझधार, नसीब, अचानक, आदि ढेरो फ्लॉप फिल्मों का अम्बार लगा दिया राहुल रॉय ने.

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