Friday, 29 November 2013

गैंगस्टर, नेता और पुलिस की आड़ में दर्शकों को मूर्ख बनाने का तिग्मांशु धुलिया का नेक्सस

  Displaying Saif Ali Khan at Kakori Railway track.JPG


                   तड़ातड़  तड़ातड़ गोलियां चल रही हैं. लोग चीखते चिल्लाते इधर उधर भाग रहे हैं. पुलिस का नामोनिशान नहीं है. सैफ अली खान लखनऊ के सबसे फैशनेबुल बाज़ार हज़रतगंज से कारों के बीच दौड़ते हुए गुलशन ग्रोवर का पीछा कर रहे हैं और अंततः उन्हें कैसरबाग़ बारादरी हैं.
                   आम तौर पर निर्देशक तिग्मांशु धुलिया की फिल्मों से किसी नयेपन की उम्मीद की जाती है. डाकू पान सिंह तोमर को हीरो बनाने वाले, साहब बीवी और गैंगस्टर तथा साहब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स में महिला चरित्र को बोल्ड और बन्दूक पसंद  दिखाने वाले तिग्मांशु धुलिया की आज रिलीज़ फ़िल्म बुलेट राजा की कुछ ऎसी ही शुरुआत होती है और ऐसे ही ख़त्म भी होती है. फ़िल्म में सैफ अली खान का बोला डायलाग कि जब हम आते है तो गरमी बढ़ जाती है ठंडक का एहसास ख़त्म नहीं करता। तिग्मांशु धुलिया नेता, गैंगस्टर और पुलिस का कथित नेटवर्क पेश करने की कोशिश करने में बिलकुल असफल रहते है. वह एक गैंगस्टर की गैर मामूली कहानी को उतने ही ज़यादा मामूली ढंग से दर्शकों के सामने परोसते हैं. सैफ अली खान और जिम्मी शेरगिल लखनऊ में अपनी बेकारी दूर करने आते हैं और नेताओं के चक्कर में जेल  जाने को मज़बूर होते हैं. वहाँ उनकी मुलाक़ात एक क़ैदी से होती है, जो उन्हें एक नेता के लिए काम करने के लिए कहता है. प्रोफेशनल गुंडों से काम करवाने वाला वह नेता, क्यों  दो लौंडों को अपना काम सौंपता हैं, इसे धुलिया ही अच्छी तरह से बता सकते हैं. बहरहाल, इसके बाद पूरी फ़िल्म में अनियंत्रित गोलीबारी, भाग दौड़ और सैफ अली खान और सोनाक्षी सिन्हा का ठंडा रोमांस देखने को मिलाता है. यहाँ तक कि सेक्स बम माही गिल भी कोई गरमी पैदा नहीं कर पाती।
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                            पूरी फ़िल्म अविश्वसनीय कारनामों से भरी हुई है. दो मामूली लड़कों का बरसती गोलियों के बीच बच निकलना, बिल्डिंग में काम कर रहे मज़दूरों का भागने के बजाय उनके लिए तालियां बजाना, बीच हज़रतगंज में गैंगवॉर  के बावज़ूद पुलिस का नज़र न आना, सोनाक्षी सिन्हा का चालू पीस न होने के बावज़ूद दो गुंडों के साथ एक कमरा शेयर करना, जैसे प्रसंग काफी नकली लगते हैं. राज बब्बर का लखनऊ के आईजी पुलिस से इटावा के इंस्पेक्टर का लखनऊ ट्रान्सफर करवाना जैसे प्रसंग धुलिया की समझदारी का नमूना हैं. ऎसी बहुत सी नासमझदारी वाली खामियां हैं, जिन्हे धुलिया को अवॉइड करना चाहिए था. 
 Displaying Mahie Gill in the song 'Dont Touch my Body' from Bullett Raja.JPG
                           फ़िल्म की कमज़ोर कड़ी खुद तिग्मांशु धुिलया है. वह सैफ अली खान के स्टारडम में फंस  हैं. उनका पूरा ध्यान सैफ के करैक्टर के बूते पर फ़िल्म को सफल बनाने की और लगा रहा. इस फेर में उन्होंने राज बब्बर, गुलशन ग्रोवर, विद्युत् जम्वाल और चंकी पाण्डेय के चरित्र अधूरे लिखे। अब यह बात दीगर है कि बिलकुल निष्प्रभावी सैफ अली खान पर जिमी शेरगिल भरी पड़ते हैं. सोनाक्षी सिन्हा फ़िल्म की जान बन सकती थीं, लेकिन तिग्मांशु ने उन्हें बिलकुल बेजान भूमिका दी. वह किसी भी प्रकार से न तो फ़िल्म अभिनेत्री लगती हैं, न ही बंगालिन सुंदरी। जिमी शेरगिल ज़रूर प्रभावित करते हैं. रवि किशन का धंधा भोजपुरी फिल्मों में मंदा लगता है. अन्यथा, वह इस प्रकार का रोल नहीं चुनते। 



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                          हिंसा से भरपूर इस फ़िल्म में संगीत रिलीफ दे सकता था. फ़िल्म की रिलीज़ से पहले यह कहा गया था कि साजिद वाजिद ने तिग्मांशु धुलिया के लिए डोंट टच माय बॉडी कई सालों से सुरक्षित राखी थी. समझ में नहीं आ रहा कि माही गिल पर फिल्मांकित इस गीत को कौन फ़िल्म मेकर पसंद करता। इतना बेकार गीत है यह. ऐसे में बाकी गीतों पर कुछ कहना बेकार है. फ़िल्म के संवाद तिग्मांशु धुलिया के साथ अमरेश मिश्रा ने ऐंवें ही लिखे हैं. आर एस विनोद ने अपना कैमरा जहाँ तिग्मांशु ने चाहा रख दिया है।  बाकी कुछ भी ख़ास नहीं।
                          कुछ बातें फ़िल्म के निर्देशक, नायक और नायिका से.
                          सोनाक्षी सिन्हा सावधान हो जाओ. ऐसे ही रोल करती रही तो बॉलीवुड से बाहर होने में देर नहीं लगेगी। लुटेरा जैसे रोल ढूंढो।
                         सैफ अली खान अब तुम्हे मालूम हो गया होगा कि एसआरके डॉन क्यों है!
                         तिग्मांशु धुलिया, गैंगस्टर मूवीज के उस्ताद रामगोपाल वर्मा ने गैंगस्टर फिल्मों से तौबा कर ली है। अब आप भी तौबा कर लो. पान सिंह तोमर जैसे कुछ करैक्टर देखो।
                          अब दर्शकों से. सैफ अली खान के प्रशंसक हो फ़िल्म देख अ पछतावा कम होगा। अन्यथा---!

Thursday, 28 November 2013

सैफ 'राजा' की 'बुलेट' में कितनी गरमी है !

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तिग्मांशु धुलिया की फिल्म बुलेट राजा में अभिनेता सैफ अली खान के संवाद कुछ यों है- ''आग की गरमी भी हमारे सामने ठंडी लगेगी''. ''जब हम आते हैं तो गरमी बढ़ ही जाती है''. सैफ के परदे पर आने पर बुलेट राजा में कितनी गरमी आती है, इसका पता तो कल चलेगा, जब सैफ अली खान और सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत फिल्म बुलेट राजा रिलीज़ होगी. लेकिन, पटौदी के नवाब दिल्ली की सर्दी में गरमी ज़रूर बाधा आये हैं. बीते हुए कल चुनाव आयोग के बुलावे पर वोटर जागरण के लिए गए सैफ आप खो बैठे. उन्होंने प्रण  लिया कि वह अब कभी
दिल्ली नहीं आयेंगे.


 दिल्ली नहीं आएगा.
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सैफ ने पत्रकारों की मौजूदगी में पत्रकारों के लिए इतनी गर्मागर्म डायलागबाजी फिल्म के प्रमोशन के लिए की या वह देर से पत्रकार वार्ता में पहुँचने पर माफ़ी माँगने की पत्रकारों की सर्वाधिक उचित मांग पर अपना आपा खो बैठे, अब यह कोई भी साबित नहीं कर पायेगा. लेकिन, इसमे कोई शक नहीं की सैफ की बुलेट राजा में अजीबो गरीब संवादों की भरमार है. राजा  मिश्र एक छोटा मोटा हूँगा है. उसके आदमी धोखे से सोनाक्षी सिन्हा का अपहरण कर लेते हैं, जो कि फिल्म अभिनेत्री बनने के लिए कोलकाता से मुंबई जा रही हैं. सैफ अपने आदमियों की गलती जान कर सोनाक्षी को मुंबई छोड़ने जाते हैं. फिल्म का अंत होते होते सोनाक्षी सिन्हा फिल्म अभिनेत्री बन पाती हैं या वह सैफ के प्रेम प्रपंच में फंस कर श्रीमती राजा मिश्र बन जाती हैं ? इस सब का खुलासा कल होगा. लेकिन, फिल्म के अजीबो गरीब, 'अगर बौरा गए तो पहले मार मार के बदन को दर्द देंगे फिर मार
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देंगे' 'अगर इसने कोई भी गड़बड़ की तो इसे पहली गोली मैं मारूंगा' 'ब्राह्मण भूखा तो सुदामा समझा तो चाणक्य और रूठा तो रावण' 'इनके सामने गूंगे भी बोलना चालू कर देते हैं' 'हमारी हंसी भी हमारे दुश्मनों में खौफ भर देती है ' जैसे डायलाग चवन्नी छाप दर्शकों की  तालियाँ बटोर सकते हैं.  तिग्मांशु की फिल्म में तालियाँ बटोरू डायलाग ही नहीं. फिल्मे में सेक्स का मसाला भी है. फिल्म में माही गिल पर फिल्मांकित गीत में 'डोंट टच माय बॉडी' जैसे गीत में माही गिल के सेक्सी  मूवमेंट  हैं. आइटम टाइप दो तीन गीत हैं. फिल्म में इमरान हाशमी के हमशक्ल को इमरान हाशमी की भूमिका में रखा गया है. क्योंकि, फिल्म की सिचुएशन के अनुसार बुलेट राजा सैफअली खान, सोनाक्षी सिन्हा, जो फिल्म एक्ट्रेस बनना चाहती हैं, एक फिल्म के सेट पर ले जाते हैं, जहाँ इमरान हाशमी शूटिंग कर रहे हैं.
ज़ाहिर है कि तिग्मांशु धुलिया ने सैफ अली खान की फिल्म में मनोरंजन के सारे मसाले भरे हैं. वैसे सैफअली खान यह दावा तो करते हैं कि उनकी फिल्म बुलेट राजा सलमान खान की फिल्म दबंग की तरह मनोरंजक नहीं है. एक छोटे मोटे गुंडे से नेता बनाए वाले राजा मिश्र के लिए सैफ अली खान तिग्मांशु की पहली पसंद थे. सैफ के किरदार के सम्बन्ध में तिग्मांशु धुलिया कहते हैं- सैफ अली खान बुलेट राजा में उत्तर प्रदेश के रंगीला की तरह नज़र आयेंगे. वह इस रोल में बिलकुल फिट हैं. इस फिल्म में जिमी शेरगिल, गुलशन ग्रोवर, चंकी पाण्डेय, विद्युत् जामवाल, माही गिल, आदि महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं.
यहाँ बताते चलें कि भारतीय दर्शक जब तक बुलेट राजा को देखेंगे, उससे पहले ही अमेरिकी दर्शक इस फिल्म को देख चुके होंगे. यह भी कि फिल्म में जो लखनऊ दिखाया जाएगा, वह वास्तव में नासिक होगा. इस फिल्म की ज्यादा शूटिंग  नासिक  में ही हुई है. फिल्म के सेट पर शूटिंग करते हुए अभिनेता रवि किशन चोटिल हो गए थे.
सैफ अली खान फिल्म में हमेशा क्रुद्ध से नज़र आते हैं. बात बात पर गोली चलाना उनका शगल है. पर वह रोमांटिक भी हैं, क्योंकि वह मिताली यानि सोनाक्षी सिन्हा से प्रेम करने लगते हैं. इस वह फिल्म में इन संवादों से व्यक्त भी करते हैं कि सिर्फ मिताली को  आता है राजा  के चहरे पर मुस्कान लाना. हालांकि, सोनाक्षी सैफ को हड़काती भी हैं- अगर गुस्सा नापने  मशीन होती तो हम दोनों का टेम्परेचर एक होता।
 

कृष ने उठाई कलम

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वास्तव में बुराई से निपटने के लिए रितिक रोशन बतौर कृष हथियार के रूप में फ्लेयर कलम उठाकर लाखों बच्चों के दूत बनकर सामने आये हैं। उन्होंने बच्चों की शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम उन्मूलन के लिए जरूरत, इत्यादि बातों पर रौशनी डाली है। पेश हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश
Ø  इस देश में हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार होना चाहिए। उन्हें कलम पकड़ने और अध्ययन लेने का अधिकार है। मेरे पिताजी हमेशा से यही मानते हैं कि शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और मैं जो कुछ भी करूँ, मुझे सबसे पहले अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे मुझे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद मिली है और मैं भारत में प्रत्येक बच्चे को कलम उठाने के लिए  कहना  चाहता हूँ। यह वास्तविक अर्थों में सबसे ताकतवर हथियार है। यह आपको हर तरह से अपने पैरों पर खड़े होकर दुनिया की सारी परेशानियों से लडने को सिखाता है।
Ø  यह समय है  जब हम हर बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार हो जाएँ। यह सरकार के हित में नहीं है बल्कि हमारे हित में है और यह महान सोच हमारे साथ शुरू होनी चाहिए।
Ø  मैं फ्लेयर -क्रिश 3 एसोसिएशन से बेहद खुश हूँ। पिताजी, मैं और फ्लेयर शिक्षा को एक प्रगतिशील राष्ट्र की कुंजी होने के एक ही मूल्यों में विश्वास करते हैं और मुझे लगता है हम इस फिल्म के साथ हाथ मिलाकर खुश हैं।

बॉलीवुड खबर (२८ नवम्बर) वाया ट्विटर

१- इरोस इंटरनेशनल, सलमान खान की फिल्म जय हो को अगले साल २४ जनवरी को रिलीज़ करेगा. इरोस फिल्म की को-प्रोडूसर भी है.
२- विद्या बालन की स्पाई फिल्म बॉबी जासूस में अभिनेता अर्जन बाजवा विलेन की भूमिका में होंगे.
३- सोनाक्षी सिन्हा के साथ ओक्कादु की हिंदी रीमेक फिल्म में अर्जुन कपूर कबड्डी चैंपियन का रोल करेंगे.
४- सनी देओल को तलाश है अच्छी स्क्रिप्ट की, अपने बेटे की लौंचिंग के लिए.
५- कोफ्फी विथ करण के सेट पर पड़े couch पर ही सो गए सलमान खान.


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६- डायरेक्टर अली अब्बास ज़फर और अभिनेता अर्जुन कपूर ने मूड दी रणवीर सिंह की मूछें.




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७- १९८२ की फिल्म शौक़ीन के रीमेक का निर्देशन तेरे बिन लादेन के अभिषेक शर्मा करेंगे.
८- इमोशनल थ्रिलर फिल्म ट्रैफिक का निर्माण फॉक्स स्टार इंडिया और एंडेमोल मिल कर करेंगे. यह एंडेमोल का बॉलीवुड में डेब्यू होगा.
९- ''मेरी फिल्म का नाम बड़े भैया नहीं है- सूरज बडजात्या .
१०- आदित्य रॉय कपूर और परिणीती चोपड़ा ने फिल्म दावत इ इश्क के लिए लखनऊ में होली मनायी.
११- दिव्या खोसला कुमार की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म यारियां अब १० जनवरी को रिलीज़ होगी.
१२- आज रिलीज़ हुई थी कल हो न हो.
१३- नहीं होगी ऋतिक रोशन की सर्जरी.


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१४- हैप्पी बर्थडे यमी गौतम और बप्पी लहरी.

क्या सलमान खान करण के कान में बयान करेंगे अपना प्यार, सम्बन्ध और शादी का सच !

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सलमान खान को बॉलीवुड के मोस्ट एलिजिबल  बैचलर्स में शुमार किया जाता है।  उनका नाम हर उस अभिनेत्री के साथ जुड़ा, जिनके साथ सलमान खान ने फ़िल्में कीं. इसमे सबसे ज़यादा सीरियस रोमांस ऐश्वर्य राय से चला. इसके बाद भी सलमान खान के इश्क़ के किस्से उड़े, लेकिन वह नक़ली ज़यादा साबित हुए. शाहरुख़ खान से लेकर आमिर खान तक, सभी खान सलमान खान की शादी की खबर सुनाने को बेताब रहते हैं. लेकिन, सलमान हैं कि मानते नहीं।
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बहरहाल, अब १ दिसंबर से करण जौहर का शो 'कॉफी विथ करण ' स्टार वर्ल्ड पर टेलीकास्ट होने जा रहा है तो यह उम्मीद किया जाना स्वाभाविक है कि सलमान खान इस शो में करण  जौहर के सामने कुछ बेबाक बयान करेंगे। इस शो को लेकर जो खबरें हैं उनसे साफ़ होता है कि पहला एपिसोड सलमान खान के साथ होगा।  बताते हैं कि कॉफी विथ करण  में सलमान खान ने करण  के साथ सब कुछ शेयर किया है, प्यार शादी और अकेले सोने का दर्द भी।  करण  जब सलमान खान से पूछेंगे कि क्या वह रिलेशनशिप में हैं, तो सलमान खान जवाब देंगे ''मैं रिलेशनशिप बनाना चाहता हूँ, लेकिन----! यह लेकिन क्या है इसे जानने के लिए कॉफी विथ करण  को देखना तो बनता ही  है. यह शो रात ९ बजे देखा जा सकता है.
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Tuesday, 26 November 2013

जनवरी में टोटल सियापा करेगी डेढ़ इश्किया !

          २५ नवम्बर को मुंबई की दो भिन्न लोकेशन पर दो फिल्मों के फर्स्ट लुक जारी किये गए. अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म डेढ़ इश्किया और ई निवास निर्देशित फिल्म टोटल सियापा रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्में हैं. डेढ़ इश्किया में थ्रिल भी है .इन दोनों फिल्मों के ट्रेलर रिलीज़ पर फिल्मों की पूरी स्टार कास्ट मौजूद थी.
Embedded image permalinkडेढ़ इश्किया के निर्माता रमन मारू और विशाल भारद्वाज हैं. यह फिल्म २०१० की हिट फिल्म इश्किया का सीक्वल इसके खालूजान और बब्बन के  दो चरित्रों के कारण है. यह दोनों चरित्र डेढ़ इश्किया में भी हैं. अलबत्ता, फिल्म की लोकेशन एक छोटे से कसबे से उठ कर लखनऊ हो गयी है. इश्किया की कृष्णा विद्या बालन की जगह शाही बेगम माधुरी दीक्षित ने ले ली है. हुमा कुरैशी का नया चरित्र प्रवेश पाया है. अब दर्शक खालूजान और शाही बेगम तथा बब्बन और मुनिरा के बीच कॉन रोमांस का चौकोण देखेंगे. क्या यह फिल्म इश्किया की तरह क्राइम कॉमेडी फिल्म है? पूछने पर  हम कुरैशी ने जवाब दिया, ''डेढ़ इश्किया, इश्किया से बिलकुल  अलग है. मैं कॉंफिडेंट हूँ कि दर्शक इस कॉमेडी थ्रिलर फिल्म को एन्जॉय करेंगे''. माधुरी दीक्षित और नसीरुद्दीन शाह के बीच रोमांस को लेकर माधुरी दीक्षित ने कहा, ''मैं नसीर से रोमांस करते समय झिझक महसूस कर रही थी. ''


टोटल सियापा के निर्माता नीरज पाण्डेय हैं, जिन्हें दर्शक अ  वेडनेसडे और स्पेशल २६ से पहचानते हैं.उन्होंने  टोटल  सियापा  की कमान  ई निवास को सौंपी है, जो शूल जैसी फिल्म के निर्देशक हैं. ई निवास शूल और दम जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. टोटल सियापा रोमांटिक कॉमेडी है. यह कहानी है एक पाकिस्तानी रॉकस्टार और लन्दन में रहने वाली पजाबी लड़की के बीच रोमांस की. दोनों शादी करना चाहते हैं, लेकिन लड़की के दादा यह शर्त रख देते हैं कि पहले पाकिस्तान की जेल में बंद उनके संबंधी को छुडाया जाये. फिल्म में मुख्य भूमिका पाकिस्तान के रॉकस्टार अली ज़फर और यमी गौतम ने की है. इस लिहाज़ से अली ज़फर के लिए यह टेलर मेड रोल है. फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ के बाद बात करते हुए अली ज़फर ने कहा, ''इस फिल्म को भारत और पाकिस्तान के दर्शक ज़रूर पसंद करेंगे. मुझे उम्मीद है कि टोटल सियापा दोनों दोस्तों के बीच दोस्ती बढ़ाएगी''.
यह दोनों फिल्मे अगले साल जनवरी में रिलीज़ होंगी. जहाँ डेढ़ इश्किया १० जनवरी को रिलीज़ होगी, वहीँ टोटल सियापा ३१ जनवरी को रिलीज़ होगी.


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राजा की बुलेट राजकुमार की चंदा सोनाक्षी सिन्हा

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सोनाक्षी सिन्हा २९ नवंबर २०१३ को, जब सैफ अली खान के  साथ फ़िल्म बुलेट राजा रिलीज़ होगी, वह बॉलीवुड में ३ साल २ महीना १९ दिन की हो चुकी  होंगी। इस समय तक वह ११ फिल्मों  की पायदान भी चढ़ चुकी होंगी। बुलेट राजा उनकी बतौर नायिका ९ वीं फ़िल्म होगी। उन्होंने दो फिल्मों  ओह माय गॉड  और बॉस में कैमिया किया है. नौ फिल्मों में, केवल दो फ़िल्में ही फ्लॉप हुई हैं. उनकी  बाकी सात फ़िल्में सुपर हिट  हुई हैं।   इन तमाम फिल्मों में सोनाक्षी सिन्हा का ग्लैमरस रूप ही नज़र आया है. इस बीच उन्होंने लुटेरा फ़िल्म में अपनी अभिनय प्रतिभा का परिचय भी दिया।  इसके बावज़ूद की उन्होंने अपने ग्लैमर को ज्यादा भुनाया है, वह हिंदी फ़िल्म दर्शकों की पसंदीदा बनी हुई हैं. उनको देखते समय पुराने समय की शोख और गदराये हुस्न वाली नायिकाएं हैं, जिनकी आँखों से शराब बरसा करती थी. वह आधुनिक आशा पारेख, साधना और सायरा बानो को रिप्रेजेंट करती हैं.

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तीन साल के कैरियर में सोनाक्षी सिन्हा ने लम्बी दूरी तय कर ली लगती है. वह सभी बड़े सितारों के साथ फ़िल्में कर चुकी हैं. सलमान खान और अक्षय कुमार उनके पसंदीदा अभिनेता हैं. वह अजय देवगन के अलावा आज के युवा दिलों की धड़कन अभिनेता रणवीर सिंह के साथ भी फ़िल्म चुकी हैं. अब वह सैफ अली खान के साथ बुलेट राजा में आ रही  हैं. अगर फ़िल्म टली नहीं होती तो सोनाक्षी सिन्हा अपनी बुलेट राजा का मुक़ाबला आर राजकुमार से कर रही होती। आर राजकुमार में उनके नायक शाहिद कपूर हैं. शाहिद कपूर अच्छे डांसर
हैं।  सोनाक्षी को भी डांस से ख़ास लगाव है. प्रभुदेवा की फ़िल्म आर राजकुमार में वह शाहिद के साथ तेज़ बीत पर डांस करती नज़र आ रही हैं. बुलेट राजा जहाँ एक क्राइम एक्शन फ़िल्म है, वही आर राजकुमार एक कॉमेडी एक्शन फ़िल्म है. बुलेट राजा में सोनाक्षी सिन्हा फ़िल्म अभिनेत्री बनाने की इच्छुक बंगाली लड़की की भूमिका कर रही हैं. आर राजकुमार में वह एक तेज़ तर्रार देहाती लड़की के किरदार में  है. एक हफ्ते के अंतराल में रिलीज़ हो रही यह दोनों फिल्मे सोनाक्षी सिन्हा के कैरियर को मज़बूती देंगी। सोनाक्षी सिन्हा अगले साल थुपक्की के रीमेक में अक्षय कुमार और एक्शन जैक्सन में अजय देवगन के साथ हैं. थुपक्की का रीमेक ए आर 'गजिनी' मुरुगदॉस बना रहे हैं, जबकि एक्शन जैक्सन सोनाक्षी के पसंदीदा प्रभुदेवा की फ़िल्म है।




Friday, 22 November 2013

तोशी और शारिब का फ्रेंच किस !

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एक रियलिटी शो से मशहूर हुई  गायक और संगीतकार  जोडी  तोशी और शारिब  संगीत एक  गैर फिल्मी एल्बम ब्लूनोट एंटरटेनमेंट जारी करने जा रहा है. तोशी और शारिब की जोड़ी के खाते में माहि माही जैसा हिट ट्रैक है और राज़ २ जैसी सफल फ़िल्में हैं. फ्रेंच किस शीर्षक वाले इस एल्बम में   पिछले साल ग्रैमी अवार्ड्स विजेता सीन पॉल को भारत लाने वाली यह संस्था इस एल्बम   को लेकर काफी उत्साहित है. तोशी और शारिब के प्रशंसक भारत के अलावा मध्य पूर्व के देशों, पाकिस्तान और ग्रेट ब्रिटेन में भी हैं. यह एल्बम इन्ही प्रशंसकों के मद्देनज़र तैयार किया गया है. इस एल्बम में ५ मौलिक गीतों के अलावा एक रीमिक्स है. यह एल्बम हिप हॉप, डांस, सूफी और रोमांटिक गीतों का मिश्रण है. यह एल्बम २७ नवम्बर को रिलीज़ होने जा रहा है.ब्लूनोट एंटरटेनमेंट के एमडी प्रशांत कुमार कहते हैं, ''इन अंतर्राष्ट्रीय स्टार के गायक और संगीतकारों को दुनिया के सामने लाने का यह हमारा पहला प्रयास है''.

गुलाबी गैंग की कहानी पोस्टर की जुबानी !

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अगले साल मार्च में रिलीज़ होने जा रही फिल्म गुलाब गैंग का पहला पोस्टर जारी कर दिया गया है.निर्माता अनुभव सिन्हा की इस फिल्म का निर्देशन सौमिक सेन कर रहे हैं. बुंदेलखंड की जागरूक महिलाओं द्वारा स्त्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाये गए इस गंग की सभी सदस्याएं गुलाबी साडी पहना करती हैं, इसलिए इस गंग का नाम गुलाबी गंग पड़ा. इन दिलेर महिलाओं पर केंद्रित इस फ़िल्म में माधुरी दीक्षित गुलाबी गैंग  की लीडर की भूमिका में हैं. उनके साथ नेगेटिव भूमिका में जूही चावला दिखायी पड़ेंगी। फ़िल्म में माही गिल, शिल्पा शुक्ल और तनिष्ठा चटर्जी जैसे अभिनेत्रियों की साझीदारी देख कर ऐसा लगता है, जैसे लम्बे समय बाद कोई पूरी तरह से स्त्रियों पर केंद्रित फ़िल्म देखने को मिलेगी। इस पोस्टर में गुलाबी साडी पहने  माधुरी दीक्षित हाथों में हंसिया और कुल्हाड़ी पकड़े काली अवतार में नज़र  हैं।  यह पोस्टर गुलाबी गैंग की खानी को काफी कुछ बयान करने वाला पोस्टर साबित होता है. जैसा कि इस पोस्टर से साफ़ होता है कि गुलाबी गैंग अगले साल ७ मार्च को रिलीज़ होगी। इस काऱण से, माधुरी दीक्षित की एक ही  फिल्मों का १० जनवरी को होने वाला मुक़ाबला टल  गया है।  अगले साल दस जनवरी को माधुरी दीक्षित की दो फ़िल्में गुलाब गेंग और डेढ़ इश्क़िया रिलीज़ होने जा रही थीं.

तीन हिंदी फ़िल्में तीन विलेन: पंकज 'शुद्धि' कपूर, नाज़ुद्दीन 'किक' सिद्दीकी और कमाल 'द विलेन' खान !


बॉलीवुड में  विलेन की नयी खेप आने जा रही है. शुद्धि निर्माता करण  जौहर की अग्निपथ जैसी २०१२ की पहली सौ करोडिया फ़िल्म के निर्देशक करण  मल्होत्रा की फ़िल्म है. इस फ़िल्म में ऋतिक रोशन और करीना कपूर की जोड़ी मैं प्रेम की दीवानी हूँ के दस साल बाद एक साथ नज़र आयेगी। इस फ़िल्म में पंकज कपूर नेगेटिव शेड वाली भूमिका में हैं. शुद्धि में पंकज कपूर का रोल वास्तव में क्या होगा, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ. पंकज कपूर इस फ़िल्म से पहले २००५ में रिलीज़ निर्देशक अनुभव सिन्हा की फ़िल्म दस में जम्वाल की खाल भूमिका में नज़र आये थे. इस फ़िल्म में संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, शिल्पा शेट्टी, आदि की मौज़ूदगी में भी इस छोटे कद कके अभिनेता ने अपने अभिनय का सिक्का जमाया था।  सलमान खान की निर्माता निर्देशक साजिद नाडियाडवाला की फ़िल्म  किक में नवजुद्दीन सिद्दीकी खल भूमिका में होंगे। इस फ़िल्म में सलमान खान की नायिका श्रीलंका सुंदरी जैकुईलीन फर्नांडीस हैं।  फ़िल्म में रणदीप हुडा भी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. नाज़ुद्दीन अपने स्वाभाविक अभिनय के लिए पहचाने जाते हैं. इसलिए उनसे कुछ हट कर देखने की उम्मीद उनके प्रशंसक दर्शक तो रख ही सकते हैं. मोहित सूरी एक फ़िल्म बना रहे हैं द  विलेन।  इस एक्शन  फ़िल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, श्रद्धा कपूर, रितेश देशमुख और अमृता पुरी मुख्य जोड़ियां हैं. इस फ़िल्म में बड़बोले और एक फ़िल्म से विवादस्पद रूप से मशहूर कमाल आर खान विलेन की भूमिका में हैं. हमेशा गलत सलत लिखने वाले कमाल आर खान इस फ़िल्म को लेकर काफी अच्छा लिख रहे थे. आम तौर पर वह कभी सनी लीओन से बलात्कार करने की इच्छा प्रकट कर, कभी किसी निर्माता निर्देशक या अभिनेत्री से पंगा लेकर मशहूर होते रहे हैं. द विलेन के विलेन बन कर कमाल आर खान क्या झंडे गाड़ते हैं, इस पर कुछ सोचने से पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि कमाल खान का  द विलन में बस कैमिया है .



















सलमान खान की  aur kamal r khan the vilain

Friday, 15 November 2013

लम्पट रोमांस और हिंसा के चटख रंगों वाली दीपिका-रणवीर की लीला

 


निर्देशक संजयलीला भंसाली दिल से फ़िल्में बनाते रहे हैं. उनकी रोमांस फ़िल्में दर्शकों को अन्दर तक छू जाती हैं. हम दिल दे चुके सनम के समीर और नंदिनी का रोमांस दर्शकों पर खुमार की तरह कुछ इस तरह चढ़ा है कि सलमान खान और ऐश्वर्या राय की जोड़ी, केवल एक फिल्म के बावजूद, सबसे अधिक रोमांटिक जोड़ी समझी जाती है. शाहरुख़ खान के देवदास से छलका दर्द आज की खिलंदड युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर गया. लेकिन, राम-लीला में वह दिल खो चुके सनम लग रहे हैं. उन्होंने यह फिल्म दिल से नहीं दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल कर बनायी हैं. मोटे तौर पर राम-लीला शेक्सपियर के नाटक रोमियो एंड जूलिएट पर आधारित है. ऐसे कथानक पर बनी फ़िल्में दर्शकों के दिमाग पर कब्ज़ा कर लेती हैं. पिछले साल रिलीज़ अर्जुन कपूर और परिणीती चोपड़ा अभिनीत फिल्म इशक़जादे वायलेंट
रोमांस फिल्म का बढ़िया उदाहरण है. इस लिहाज़ से राम-लीला मे भी रोमांस तगड़ा होना चाहिए था. मगर, संजयलीला भंसाली  ने रोमियो जूलिएट को अपने तौर पर परिभाषित कर रोमांस को सेक्स की तगड़ी डोज़ में बदल दिया है तथा इमोशन  पर एक्शन और वायलेंस को तरजीह दी है. गुजरात के दो गैंगस्टर गुटों के खून खराब से शुरू हो कर यह कहानी रणवीर सिंह के छैला डांस और फिर होली के दिन दीपिका पादुकोण आक्रामक रोमांस में आकर यह फिल्म गर्मागर्म उत्तेजक
 
चुम्बनों की बौछार के साथ साथ गोलियों की बौछार की रासलीला से भी दर्शकों का मनोरंजन करती है. फिल्म की शुरुआत में, होली के दिन रणवीर के होंठों पर अपने होंठ रख कर तथा जाते जाते दाहिनी आँख हलके से दबा कर दीपिका पादुकोण जिस गर्मागर्म रोमांस का वायदा करती हैं, उसे वह फिल्म की आखिरी से पहले तक पूरा करती हैं. दीपिका ने अपनी सेक्स अपील का रोमांस प्रदर्शन के लिए भरपूर इस्तेमाल किया है. वह गुजराती बाला के रूप में खूबसूरत लगी हैं. उन्होंने अंग प्रदर्शन करने में कोताही नहीं बरती है. बेहिचक बोल्ड संवाद बोले हैं. रणवीर सिंह रसिया राम को साकार करते हैं. लेकिन, सब कुछ मशीनी तरीके से होता है. फिल्म का अंत होते होते रणवीर और दीपिका डॉन का चोला ओढ़ लेते हैं. उस समय ऐसा लगता है कि ज़बरदस्त अभिनय, भावनाओं का टकराव और तालियाँ बटोरी संवाद  सुनने को मिलेंगे. लेकिन, यहीं आकर संजयलीला भंसाली बिखर जाते है. फिल्म के आखिरी में इशक़जादे के अर्जुन कपूर और परिणीती चोपड़ा की तरह रणवीर और दीपिका का एक दूसरे को गोली मारना दर्शकों को निराश कर देता है.
 
संजयलीला भंसाली ने गरिमा और सिद्धार्थ के साथ मिल कर फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है. उन्होंने उत्तेजक रोमांस के मौके तैयार किये है. बोल्ड सिचुएशन और उन्माद की परिस्थितियां हैं. बीच बीच में खून खराबा भी है. बेतहाशा तनाव भी. दर्शकों को देखते रहने के अलावा कुछ सोचने का मौका नहीं मिलता. अलबत्ता, अपने इस प्रयास में यह टीम इन दो  गेंगस्टर के बीच टकराव के खतरनाक होने को उभार नहीं पाए हैं. सब बच्चों का खेल जैसा सोचा समझा लगता है. कुछ दृश्य बहुत शानदार बने हैं. मसलन, रणवीर के भाई और दीपिका के भाई के बीच गोली चला कर शराब की बोतल तोड़ने, रणवीर की विधवा भाभी का दूसरे गैंग के लोगों से बचने के लिए भागने, रणवीर सिंह का दीपिका के पास जाने के लिए नदी में छलांग लगाने के दृश्य कल्पनाशील हैं.
 
संजयलीला भसाली ने दीपिका पादुकोण के ग्लैमर और उनकी उत्तेजना को खूब अच्छी तरह से भुनाया है. वह उन्हें गुजराती जूलिएट तो नहीं बना पाए, लेकिन  उत्तेजक अभिसारिका ज़रूर बना पाए हैं. राम और लीला का समर्पण नहीं उतर पाया है. संजय ने  फिल्मसिटी में महंगे सेट खड़े कर भव्यता बनायी है. पूरा गुजराती माहौल बखूबी उतरा है.इसके लिए प्रोडक्शन डिज़ाइनर वसीक खान और  costume डिज़ाइनर जोड़ी  मक्सिमा बासु और अंजू मोदी बधाई के पत्र हैं, जिन्होंन   भंसाली को डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी की याद तक नहीं आने दी. शाम कौशल के स्टंट ज़बरदस्त हैं. संजयलीला भंसाली ने बतौर संगीतकार फिल्म का माहौल बना दिया है. उनकी धुनें चरित्रों को उभारती है. राम-लीला में उत्तेजक रोमांस और वायलेंस हैं. इस माहौल में लाल और चटख रंग ख़ास होते हैं. एस रवि वर्मन का कैमरा इन चटख रंगों को बखूबी उभरता है. उन्होंने किसी दृश्य को दिखाते समय आसपास के माहौल को भी पकड़ा है. रणवीर की भाभी बरखा बिष्ट को दीपिका के गैंग के लोग पकड़ने के लिए दौडाते हैं. उसके सर पर पानी का कलसा है. वह जब भागती है तो वह सर से गिर कर ढलान पर भागती बरखा के तेज़ रफ़्तार कदमों के साथ कलसा भी लुढ़कता जाता है. यह दृश्य वर्मन की प्रतिभा का परिचायक है.
 
राम-लीला कहानी दो चरित्रों की है. पर गंग्स्टरों के टकराव पर इस फिल्म में चरित्रों की भरमार है. दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के अलावा फिल्म में सुप्रिया पाठक, अभिमन्यु सिंह, ऋचा चड्ढा, बरखा बिष्ट, गुलशन देवैया, शरद केलकर, अंशुल त्रिवेदी, आदि जैसे सशक्त कलाकार हैं. यह सभी फिल्म को ज़बरदस्त सपोर्ट करते हैं. पर दीपिका पादुकोण एक बार फिर अपनी सेक्सी इमेज को पुख्ता करते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती है. ख़ास तौर पर उनके डॉन के रूप में परिवर्तित होने के सीक्वेंस प्रभावशाली है. वह अपनी आँखों और चहरे के हाव भाव से दर्शकों के नाता जोड़ लेती हैं. रणवीर सिंह ने अपना दर्शक वर्ग तैयार कर लिया है. वह राम को अपने तरीके से बखूबी कर ले जाते हैं. हालाँकि,  लेखकों ने दीपिका का चरित्र को उभरने पर ज्यादा ध्यान दिया है. गुलशन देवैया भवानी के रूप में
 
प्रभावित करते हैं. लेकिन, उनका चरित्र काफी कमज़ोर लिखा गया है. वह पूरी तरह से खल चरित्र में नहीं उभरा है. बरखा बिष्ट और ऋचा चड्ढा अपने अपने रोल सहज तरीके से कर ले जाती हैं. अभिमन्यु सिंह और शरद केलकर स्वाभाविक हैं. सुप्रिया पाठक को लेडी डॉन के रूप में देखना सुखद लगता हैं. भाव सम्प्रेषण की तो वह उस्ताद हैं ही. प्रियंका चोपड़ा एक आइटम में नज़र आती हैं. वह मनोरंजक लगती हैं. अगर मनोरंजन नहीं भी करती तो चलता .
संजयलीला भंसाली ने बतौर निर्माता एक भव्य फिल्म बनायी हैं. फिल्म के चटख रंग आँखों को सुखद लगते हैं. लेकिन, जहाँ तक रोमांस की बात है, वह उभरने नहीं पाता. गोलियों की रास लीला के साथ दीपिका की रोमांस लीला साधारण काम-लीला बन जाती हैं.




















































Thursday, 14 November 2013

दीपिका की राम लीला या प्रियंका की काम लीला !

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कल से संजयलीला भंसाली की राम-लीला देश के सभी सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. मंगलवार १२  नवम्बर को जब दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जब आधा दर्जन धार्मिक संगठनों की अपील पर राम-लीला की रिलीज़ पर रोक लगायी थी तथा भंसाली को रामलीला टाइटल का इस्तेमाल करने से रोका था, उस समय भी ऎसी उम्मीद नहीं थी कि फिल्म १५ नवम्बर को रिलीज़ नहीं हो पायेगी. क्योंकि, आजकल कभी अपनी फिल्म को प्रचार देने के लिए इस प्रकार की रिट फिल्म निर्माताओं द्वारा दायर की जाती हैं या फिर धर्म के नाम पर कुछ संगठनों  द्वारा दायर की जाती है. लेकिन, अंततः किसी न किसी न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद यह फ़िल्में रिलीज़ भी होती रहती है. बशर्ते,  ऎसी फिल्म राजनीतिक स्वरों वाली न रही हों.
सवाल यह नहीं कि संजयलीला भंसाली की फिल्म का नाम धार्मिक स्वर और रंगत वाला है या नहीं. इसमे कोई शक नहीं कि रामलीला का प्रयोग हिन्दुओ के अराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लीलाओं के मंचन के लिए उपयोग होता रहा है. देश का बच्चा बच्चा रामलीला और इसके प्रमुख चरित्रों के बारे में जानता है. इसलिए संजयलीला भासली भी जानते थे कि उनकी फिल्म का नाम हिन्दुओं की भावनाओं को छुएगा. इसीलिए उन्होंने फिल्म शुरू करते समय अपनी फिल्म के टाइटल को लेकर कहा भी था कि मेरी फिल्म के राम और लीला गुजराती हैं. उनका ऐसा बयान देने का मतलब उस भावना को शांत करना था, जो धार्मिक ज्वार लिए हो सकती थी. इसके बावजूद भंसाली ने कभी अपनी फिल्म का शीर्षक 'रामलीला' रखने से गुरेज नहीं किया. फिल्मों के तमाम पोस्टरों में (देखें ऊपर का पोस्टर) इसे  'रामलीला' बताया गया, जो कि कहीं न कहीं धार्मिक राम लीला का आभास देता था. लोअर कोर्ट ने कल १३ नवम्बर को अपने पूर्व के आदेश को इस






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आधार पर वापस लिया कि उन्हें नहीं मालूम था कि दिल्ली उच्च न्यायालय फिल्म पर रोक लगाने से पहले ही इनकार कर चूका है. कोर्ट को यह तथ्य भी तब संज्ञान में आये जब इरोस इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के वकील ने उनके सामने रखे. यहाँ सोचने पर विवश होना पड़ता है कि कई देशों में धंधा चलाने वाली इरोस के विधिवेत्ताओं को यह तथ्य संज्ञान में नहीं था कि उन्होंने मंगलवार को रोक लगाने वाली याचिका की सुनवाई के समय इसे कोर्ट के  संज्ञान में नहीं रखा. इससे कहीं न कहीं इस शंका का उठाना स्वाभाविक है कि यह पूरा ड्रामा इरोस इंटरनेशनल मीडिया का तो खेला हुआ नहीं था. इरोस ने कोर्ट को बरगलाया भी कि उनकी फिल्म के पोस्टरों में 'राम-लीला : गालियों की रासलीला' लिखा है न कि 'रामलीला'. जबकि, फिल्म के तमाम पोस्टर हो हल्ला और वाद दायर होने के बाद ही बदले गए.
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कहा जा सकता है कि राम-लीला की कोर्ट लीला संजयलीला भंसाली द्वारा फिल्म को प्रचार देने के लिए रची गयी लीला थी. भंसाली ने अपनी फिल्म को धार्मिक रंग देने के बाद सेक्स के रंग भरने की पूरी कोशिश की गयी. राम बने रणवीर सिंह और लीला बनीं दीपिका पादुकोण के गर्मागर्म रोमांस दृश्यों को रंगीन लाल चित्रों द्वारा सुर्ख करने की भरपूर कोशिश की गयी. दीपिका और रणवीर के कामुक दृश्यों वाले फोटो से काम नहीं चला तो प्रियंका चोपड़ा की काम लीला का इस्तेमाल किया गया. उनका फिल्म में एक आधुनिक मुजरा सामने लाया गया. इसमे प्रियंका पूरे कामुक हाव भाव के साथ नाच गा रही थीं. हालाँकि, गा रही थी 'राम चाहे लीला, लीला चाहे राम', मगर दर्शकों का पूरा ध्यान प्रियंका चोपड़ा की उन्मुक्त देह की ओर ही था.
 
संजयलीला भंसाली के लिए खुद को संजीदा निर्देशक साबित करने के लिए राम-लीला का महत्व है. सांवरिया और गुज़ारिश की बड़ी असफलता के बाद राम-लीला उनके करियर का बड़ा दांव है. उन्होंने इस साल की सबसे सफल दो अभिनेत्रियों- दीपिका पादुकोण को बतौर नायिका तथा प्रियंका चोपड़ा को बतौर आइटम गर्ल ले रखा है. यह दोनों बॉक्स ऑफिस को काफी कुछ सम्हाल सकती हैं. लेकिन, भंसाली को ड्रामा खेलने में महारत हासिल है. हम दिल दे चुके सनम और देवदास इसका प्रमाण हैं. राम-लीला में भी गंग्स्टरों के टकराव और प्रेम का ड्रामा की परखा हुआ ड्रामा है. गुलशन देवैया और ऋचा चड्ढा जैसे सशक्त कलाकार भी हैं. अब कल ही मालूम पड़ेगा कि राम और उसकी लीला दर्शकों को कितना भाती है. वैसे यह अच्छा ही हुआ कि कोर्ट के आदेश की आड़ में बुद्धवार को  फिल्म का प्रीव्यू कैंसिल कर दिया गया. हो सकता है कि यह फिल्म पर भारी पड़ता.

Wednesday, 13 November 2013

'लीला' को चुनौती 'रज्जो' की 'काया' से !

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Tuesday, 12 November 2013

अब शुरू होगी दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा की सफ़ेद जंग !

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