कहावत है कि तूफ़ान से पहले शांति छा जाती है। लेकिन, अपनी फिल्म नगरी, बॉलीवुड में इसका उल्टा होता है। तूफ़ान की शंका से पहले भगदड़ मच जाती है। बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों की भरमार हो जाती है। इस २ अक्टूबर को बॉक्स ऑफिस पर दो बड़ी फ़िल्में ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ की सिद्धार्थ आनंद निर्देशित एक्शन फिल्म बैंग बैंग और शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर की विशाल भरद्वाज निर्देशित ड्रामा फिल्म हैदर रिलीज़ होगी. ख़ास तौर पर दर्शकों को ऋतिक रोशन की फिल्म बैंग बैंग की बेताबी से प्रतीक्षा है। इन दो बड़ी फिल्मों के टकराव से काम बजट की छोटी के बीच भगदड़ जैसी स्थिति है. २६ सितम्बर को सिनेमाघरों में फिल्मों की कतार लगी हुई है. स्क्रीन कम पड़ रहे हैं। कुछ फ़िल्में दो से तीन शो में ही रिलीज़ हो पायेंगी , वह भी मल्टीप्लेक्स में। इन फिल्मों में सतीश रजवाड़े की शिव पंडित और पिया बाजपेई अभिनीत ड्रामा फिल्म मुंबई डेल्ही मुंबई, अभिषेक बिंदल की पुरू छिब्बर, रघुवीर यादव और रिचा सिन्हा अभिनीत सामाजिक व्यंग्य फिल्म मेनू एक लड़की चाहिए, आनंद कुमार की सुनील शेट्टी, अखिल कपूर, जय भानुशाली, साशा आगा और टिया बाजपेई अभिनीत ड्रामा एक्शन फिल्म देशी कट्टे, संजीव विद्वान की उत्तर कुमार और लवली जोशी अभिनीत रोमांस थ्रिलर फिल्म डिअर वर्सेस बेयर, मानसिह हरिशंकर की सोहा अली खान और हर्ष मायर अभिनीत सोशल ड्रामा फिल्म चार फुटिये छोकरे, शिराज हेनरी की नताशा और जय तारी अभिनीत सोशल थ्रिलर बियॉन्ड द थर्ड काइंड, सुनील अग्निहोत्री की मीका सिंह, शान और गैब्रिएला बेरटन्ते अभिनीत फिल्म बलविंदर सिंह फेमस हो गया तथा विशाल इस महाडकर की रणविजय सिंह, अनिंदिता नायर और केविन दवे अभिनीत हॉरर फिल्म ३ए एम रिलीज़ होंगी। इस प्रकार कुल आठ फ़िल्में रिलीज़ होंगी. विचार किया जा सकता है कि इन फिल्मों को कितने स्क्रीन मिलेंगे और कितने दर्शक! क्योंकि, इन फिल्मों को पहले की रिलीज़ खूबसूरत, दावत ए इश्क़, मैरी कॉम, आदि फ़िल्में सभी स्क्रीन देने नहीं जा रहीं। बहरहाल,एक दो स्क्रीन में और छुट्टा दर्शकों तक ही सही, इन फिल्मों की नई स्टार कास्ट को परदे पर नज़र आने का सुख मिलेगा ही। वैसे बलविंदर सिंह फेमस हो गया, देसी कट्टे और चार फुटिया छोकरे के अलावा हॉरर कंटेंट के कारण ३ए एम को दर्शक ज़रूर मिलेंगे।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 24 September 2014
बैंग बैंग का तूफ़ान आने से पहले बॉक्स ऑफिस पर भगदड़ मचाती आठ फ़िल्में
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 23 September 2014
ऑस्कर्स २०१५ के लिए लायर्स डाइस
दो राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार विजेता फिल्म 'लायर'स डाइस' को फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने ऑस्कर्स २०१५ के लिए भारत की आधिकारिक प्रवष्टि के तौर पर चुना है . गीतू मोहनदास निर्देशित इस हिंदी फिल्म की कहानी हिमांचल प्रदेश में रहने वाली कमला की है, जो अपने दिल्ली में काम करने गए अपने लापता पति को ढूंढने के लिए बेटी मान्या और उसकी प्रिय बकरी के साथ निकलती है. रास्ते में उन्हें एक भगोड़ा फौजी मिल जाता है, जो उन्हें दिल्ली तक ले जाने का वादा करता है . इस रोड मूवी में यह तीनों भूमिकाएं गीतांजलि थापा, मान्या गुप्ता और नाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने की हैं. कमला की भूमिका के लिए गीतांजलि को श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था. दूसरा पुरस्कार राजीव रवि को श्रेष्ठ फोटोग्राफी के लिए मिला . इस फिल्म को गीतू मोहनदास ने ही लिखा था. गीतू मोहनदास मशहूर मलयाली फिल्म अभिनेत्री हैं. इस फिल्म को ऑस्कर्स में भेजे जाने को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है कि यह फिल्म अभी तक फेस्टिवल्स के अलावा भारत में रिलीज़ ही नहीं हो सकी है. पर इस फिल्म के केरल और पुणे में सितम्बर के तीसरे सप्ताह में रिलीज़ हुई है. इससे ऐसा लगता है कि फिल्म को ऑस्कर्स में भेजने के लिए ही जल्दी में रिलीज़ करवाया गया.
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पुरस्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
प्रियंका चोपड़ा ने देखी कैंसर के मरीजों और बच्चों के साथ मैरी कॉम
प्रियंका चोपड़ा ने टाटा मेमोरियल के कैंसर पेशेंट और St Catherines Home के बच्चों को अपनी बॉक्स ऑफिस पर सबसे अधिक कलेक्शन करने वाली फिल्म मैरी कॉम को दिखाया। प्रियंका चोपड़ा ने इसी साल हॉलीवुड की फिल्म प्लेन्स ३ डी के लिए वॉइस ओवर किया था। प्रियंका ने इस फिल्म को भी St Catherines Home के बच्चो को दिखाया था। मैरी कॉम का प्रदर्शन पीवीआर जुहू में किया गया। इस फिल्म को ३२० बच्चों के साथ प्रियंका ने देखा। पेश है इसकी फोटोज -
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फोटो फीचर
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क्या हैप्पी न्यू ईयर के लिए खान इस्तेमाल करेंगे यह TOilet पेपर !
फ़िल्मकार अश्विनी चौधरी ने अपने ट्विटर पेज पर एक चित्र लगाया है, जिसमे टाइम्स ऑफ़ इंडिया का दिनाक २२ सितम्बर २०१४ का बॉम्बे टाइम्स का पृष्ठ टॉयलेट पेपर के बतौर दिखाया गया है. अश्विनी चौधरी ने इस पर "TOIlet paper - ultra absorbent!...Via Orojit Sen" कमेंट किया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को टॉयलेट पेपर बताने वाला बॉलीवुड इसी पेपर के बॉम्बे टाइम्स पुल आउट में अपनी फिल्म की रिलीज़ छपवाने के लिए मोटी रकम खर्च करता है। बॉलीवुड की कोई भी खबर सबसे पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया के बॉम्बे टाइम्स में ही छपती है. बाद में अन्य अख़बारों को भेजी जाती है. अब देखने वाली बात होगी कि द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और दीपिका पादुकोण के बीच छिड़ा यह युद्ध (अगर यह वास्तव में युद्ध है, प्रचार की गिमिक नहीं) है, तो देखना दिलचस्प होगा कि हैप्पी न्यू ईयर की रिलीज़ पर शाहरुख़ खान और फराह खान का रुख क्या रहता है! क्या यह दोनों अपनी प्रिय अभिनेत्री का साथ देकर बॉम्बे टाइम्स का बहिष्कार करते हैं या अपनी फिल्म के प्रचार को प्राथमिकता देते हुए अपनी फिल्म में इस टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया भी इस हादसे के बाद दीपिका पादुकोण के कामुक फोटोज प्रकाशित करता है या उसके चित्रों की उपेक्षा करता है. क्योंकि, हैप्पी न्यू ईयर में दीपिका पादुकोण ने जम कर उत्तेजना फैलायी है, ख़ास तौर पर पोल डांस वाले मोहिनी गीत में वह अल्ट्रा सेक्सी नज़र आ रही हैं.
https://twitter.com/DhoopAshwini/status/514262076047380480/photo/1
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ये ल्लों !!!
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Monday, 22 September 2014
माधुरी-श्रीदेवी के आइटम सांग्स को नेहा धूपिया की सलामी
अनुराधा प्रसाद और अभिनव शुक्ल की फिल्म इक्कीस तोपों की सलामी में अभिनेत्री नेहा धूपिया पर एक गीत घूर घूर के फिल्मांकित हुआ है। इस वीडियो में अभिनेत्री नेहा धूपिया ने बोलीवुड की उन तमाम अभिनेत्रियों को अपने नृत्य द्वारा श्रद्धांजलि दी है, जिहोने हिंदी फिल्मों में अपने आइटम सांग्स के द्वारा सिल्वर स्क्रीन को गर्माहट दी है। इस गीत में नेहा धूपिया ने श्रीदेवी, हेलेन, माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय, आदि के लोकप्रिय आइटम्स पर डांस किया है। इस में नेहा धूपिया माधुरी दीक्षित की फिल्म सैलाब के हमको आजकल है इंतज़ार और दिल धक धक करने लगा , श्रीदेवी के मिस्टर इंडिया के काटे नहीं काटते दिन ये रात, हेलेन के शोले फिल्म में मेहबूबा मेहबूबा, बंटी और बबली में ऐश्वर्या राय के कजरारे, बॉबी में डिंपल कपाड़िया के झूठ बोले कौवा काटे, आदि जैसे मशहूर गीतों की शैली में नृत्य किया है। इक्कीस तोपों की सलामी का निर्देशन रविन्द्र गौतम ने किया है। दिव्येंदु शर्मा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में अनुपम खेर और नेहा धूपिया सह भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म १० अक्टूबर को रिलीज़ होगी।
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ये ल्लों !!!
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हिप्पोक्रेट दीपिका पादुकोण !
इंग्लिश डेली द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने आज दीपिका
पादुकोण के अख़बार द्वारा अपने स्तनों और कटाव के चित्रों पर मौज वाला
कमेंट्स करने पर की गयी ट्वीट का करार जवाब दिया है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के
बॉम्बे टाइम्स में उसकी पत्रकार प्रिया गुप्ता ने दीपिका पर
जम कर प्रहार किया है और उसे हीप्पोक्रेट करार दिया है. उन्होंने एक
प्रकार से इसे दीपिका पादुकोण का पब्लिसिटी स्टंट भी कह दिया है. अख़बार ने
उनके कैलेंडर गर्ल बनाने से लेकर तमाम पत्रिकाओं आदि के फोटोज को भी
प्रकाशित किया है.निश्चित तौर पर द टाइम्स ऑफ़ इंडिया देश का बड़ा अंग्रेजी
अख़बार है. बॉलीवुड में इसके पेज ख़ास लोकप्रिय होते हैं. पूरा बॉम्बे टाइम्स
फिल्म वालों की पब्लिसिटी के लिए विज्ञापन पेज बना दिया गया है. दीपिका
पादुकोण का ऊप्स मोमेंट निकालने से ऐसा लगता था क़ि यह अख़बार दीपिका की
पब्लिसिटी स्टंट का भागीदार है. बहरहाल, अब अख़बार ने स्थिति साफ़ कर दी है.
दीपिका पादुकोण के लिए चुप रहना ही बेहतर होगा, क्योंकि फिल्म के अलावा जब
किसी फंक्शन में वह रिवीलिंग क्लोथ्स पहन कर जाती हैं तो ऊप्स मोमेंट्स ही
पैदा करना चाहती हैं. इस प्रकरण से मेरा वह दावा भी साबित हुआ क़ि दीपिका
पादुकोण का यह प्रलाप पब्लिसिटी स्टंट ही था, जो बैक फायर कर गया.
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ये ल्लों !!!
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Sunday, 21 September 2014
पायलट सलमान खान और एयर होस्टेस एली एवरम के साथ बिग बॉस ८ का सफर शुरू
बिग बॉस ८ के पॉयलट सलमान खान के जहाज पर सवार १२ यात्री आज (रविवार २१ सितम्बर) से बिग बॉस का तीन महीने से ज़्यादा लम्बे सफर तय करने को निकल चुके हैं. बिग बॉस के इस आठवें सीजन में बिग बॉस ७ की प्रतिभागी एली एवरम, पायलट सलमान खान की एयर होस्टेस की भूमिका में हैं। इस जहाज में सवार यात्रियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
१- करिश्मा तन्ना- टीवी और फिल्म एक्ट्रेस (ग्रैंड मस्ती)
२- सोनाली राउत- फिल्म एक्ट्रेस (द एक्सपोज़ )
३- सोनी सिंह - टीवी एक्ट्रेस (घर की लक्ष्मी बेटियां)
४- उपेन पटेल- मॉडल/ फिल्म एक्टर (३६ चाइना टाउन)
५- आर्य बब्बर- एक्टर
६- डिआंड्रा सोआरेस - मॉडल और फैशन डिज़ाइनर
७- सुशांत दिविग्लिकार- मिस्टर गे इंडिया २०१४
८- गौतम गुलाटी- टीवी एक्टर (दिया और बाती हम)
९- सुकृति कांडपाल - टीवी एक्ट्रेस (प्यार की ये एक कहानी सुनो)
१०- प्रणीत भट्ट - टीवी एक्टर (महाभारत- शकुनि)
११- नताशा स्तनकोविक - मॉडल और आइटम गर्ल (सत्याग्रह)
१२- मिनिषा लम्बा - फिल्म एक्ट्रेस (हनीमून ट्रेवल्स और बचना ऐ हसीनो)
१- करिश्मा तन्ना- टीवी और फिल्म एक्ट्रेस (ग्रैंड मस्ती)
२- सोनाली राउत- फिल्म एक्ट्रेस (द एक्सपोज़ )
३- सोनी सिंह - टीवी एक्ट्रेस (घर की लक्ष्मी बेटियां)
४- उपेन पटेल- मॉडल/ फिल्म एक्टर (३६ चाइना टाउन)
५- आर्य बब्बर- एक्टर
६- डिआंड्रा सोआरेस - मॉडल और फैशन डिज़ाइनर
७- सुशांत दिविग्लिकार- मिस्टर गे इंडिया २०१४
८- गौतम गुलाटी- टीवी एक्टर (दिया और बाती हम)
९- सुकृति कांडपाल - टीवी एक्ट्रेस (प्यार की ये एक कहानी सुनो)
१०- प्रणीत भट्ट - टीवी एक्टर (महाभारत- शकुनि)
११- नताशा स्तनकोविक - मॉडल और आइटम गर्ल (सत्याग्रह)
१२- मिनिषा लम्बा - फिल्म एक्ट्रेस (हनीमून ट्रेवल्स और बचना ऐ हसीनो)
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Television
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गेम पैसा लड़की का प्रमोशनल सांग
अतुल पटेल और साजन अग्रवाल की पहली फिल्म गेम पैसा लड़की के
प्रमोशनल सांग गाने के लिए सिंगर कुणाल गांजावाला कृष्णा स्टूडियो आये।
फिल्म मॉडर्न मूवी प्राइवेट लिमिटेड के बैनर टेल बन रही है। संगीतकार देव
सिकदर ने गाना तीन दिन में बना लिया। फिल्म के कलाकार दीपांश गर्ग और सेज़ल
शर्मा भी रिकॉर्डिंग पे आये थे। गाने के डांस मास्टर हैं रिचर्ड और फिल्म
के निर्देशक हैं सचिन अग्रवाल। फिल्म नवंबर में रिलीज़ होगी।
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गीत संगीत
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'रंग रसिया' आशीष शर्मा बने झलक दिखला जा ७ के विजेता !
झलक दिखला जा के सातवें सीजन के विजेता सीरियल
रंगरसिया के हीरो आशीष शर्मा बन गए. इस शो के मेगा फाइनल में विजेता का
चुनाव जनता की वोटिंग के आधार पर हुआ. आशीष शर्मा इस लिए विजेता बने,
क्योंकि, रंगरसिया से वह टीवी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
उन्हें इसी लोकप्रियता का फायदा वोटों के रूप में मिला. जबकि, उनके
मुकाबले में शक्ति मोहन और मौनी रॉय बेहतर डांसर थीं. ख़ास तौर पर शक्ति
मोहन तो लाजवाब हैं. ऐसे में डांस पर आधारित शोज में विजेता चुनने का
अधिकार विशेषज्ञ जजस को न देकर जनता को देना, सवाल पैदा करने वाला है. इसमे
कोई शक नहीं कि वोट देने वाले प्रशंसक नृत्यों की भिन्न शैली के जानकार
नहीं होते. अगर, दर्शकों के वोट से ही विजेता का चुनाव होना है तो हफ़्तों
तक माधुरी दीक्षित जैसी सक्षम नृत्यांगना अभिनेत्री और हरफनमौला फिल्म
निर्देशक करण जौहर को जज नियुक्त करने से क्या फायदा. एपिसोड-दर-एपिसोड वोट
अपील कर प्रतिभागियों को रखा और निकाला जा सकता है.
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मुंबई पुणे मुंबई बनी मुंबई दिल्ली मुंबई
मुंबई दिल्ली मुंबई मराठी निर्देशक सतीश रजवाड़े की हिंदी रोम कॉम फिल्म का नाम है। इस फिल्म में शिव पंडित और पिया बाजपेई मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म सतीश रजवाड़े की २०१० में रिलीज़ मराठी की हिट फिल्म मुंबई पुणे मुंबई का हिंदी रीमेक है. मुंबई पुणे मुंबई एक लड़की की कहानी है, जिसे अपने पुरुष मित्र की तलाश है, क्योंकि, उसकी माँ चाहती है कि वह अब शादी कर ले. इस फिल्म में स्वप्निल जोशी और मुक्ता बर्वे मुख्य भूमिका में थे। बाद में इस फिल्म का सीक्वल भी बनाये जाने की खबर थी। सतीश अपनी मराठी फिल्म को हिंदी में शाहिद कपूर के साथ बनाना चाहते थे। प्रारम्भ में शाहिद रीमेक में काम करने के लिए तैयार भी थे। लेकिन, फिर वह पीछे हट गए। सतीश ने शिव पंडित के साथ पिया को लेकर फिल्म का निर्माण पूरा कर लिया. अब यह फिल्म वायाकॉम १८ द्वारा २६ सितम्बर को रिलीज़ की जा रही है.
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 19 September 2014
कुछ ख़ास मज़ा नहीं आया इस दावत-ए -इश्क़ में
यशराज फिल्म्स का एक गिरोह जैसा बन गया है। इनकी फिल्मों का एक सेट बन गया है. यशराज बैनर की तमाम छोटे बजट की फ़िल्में छोटे शहरों पर केंद्रित होती हैं. आजकल, बॉलीवुड को लखनऊ ख़ास रास आने लगा है। रोमांस और कॉमेडी का तड़का रहता है। वही परिणीति चोपड़ा कभी सुशांत सिंह राजपूत के साथ तो कभी अर्जुन कपूर या रणवीर सिंह के रोमांस करती नज़र आती हैं. उनकी अभिनय की सीमित रेंज है. उनका अपना स्ट्रुक्टर है. वह आम तौर पर तेज़ तर्रार या यो कहिये बोल्ड लड़की के रूप में नज़र आती हैं. वह बोल्ड संवाद बेझिझक बोल डालती हैं. जैसे ही मौका लगता है अपने हीरो के साथ सो भी लेती हैं. यह इमेज परिणीति के किरदारों की बन चुकी है. हबीब फैसल को छोटे शहर के या माध्यम वर्ग के किरदारों पर छोटे बजट की फ़िल्में बनाने में महारत हासिल है। दो दूनी चार और इशकजादे में उन्होंने अपने कौशल का परिचय भी दिया था। परिणीति चोपड़ा और हबीब फैसल इशकजादे के बाद दूसरी बार एक साथ हैं। इसलिए दर्शकों की उम्मीदें ख़ास होना लाज़िमी भी है। इस बार फैसल ने परिणीति के साथ आदित्य रॉय कपूर को लिया है। परिणीति हैदराबाद की एमबीए लड़की हैं. वह अमेरिका जाना चाहती हैं. पर दहेज़ आड़े आता है। हर आने वाला रिश्ता दहेज़ की वजह से जुड़ने से पहले ही टूट जाता है। परिणीति टीवी पर राधा रेड्डी का दहेज़ विरोधी अधिनियम ४९८ ए के बारे में सुनती है। वह अपने पिता के साथ लखनऊ आ जाती है, ताकि, दहेज़ के लालची लोगों को झूठी शादी कर फंसाये और शादी के बाद दहेज़ माँगने का आरोप लगा कर पैसे ऐंठ सके. सुनने में यह कहानी दिलचस्प लगती है, पर कहानी चलने से पहले ही दर्शक जान जाता है कि हैदराबाद की एमबीए और लखनऊ शेफ की शादी हो कर रहेगी। होता भी वैसा है। लेकिन,सब कुछ बेहद उदासीन तरीके से। हबीब फैसल स्टार्ट और कट बोलते हैं. इन दो शब्दों के बीच परिणीति चोपड़ा, कभी आदित्य के साथ कभी अन्य पात्रों के साथ संवाद बोल कर निकल लेती हैं. इससे होता यह है कि दर्शकों को न तो लखनऊ के खाने का स्वाद आता है, न रोमांस का मज़ा।
परिणीति चोपड़ा ने अपनी इमेज के अनुरूप किरदार तो किया है। पर इसमे बोलडनेस गायब है। उन्हें देख कर लखनऊ का दर्शक भी शहर देखने के बजाय चीखना चिल्लाना शुरू कर देता है कि अब बोल्ड संवाद और चुम्बन आलिंगन देखने को मिलेगा। पर दोनों ही चीज़े परिणीति की पहले की फिल्मों की तुलना में कम भी हों और ठंडी भी। आदित्य के साथ परिणीति के केमिस्ट्री जमी नहीं। वैसे आदित्य कहीं कहीं प्रभावित करते हैं। पर उन्हें संवाद बोलने में कठिनाई आती है। अनुपम खेर ने अपने सर की विग की तरह अपना काम भी किया है। आजकल यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा टीवी कलाकारों को छोटा मोटा मौका दे रहे हैं। इस फिल्म में करण वाही को बेकार किया गया है। अन्य सब कलाकार भरपाई का काम कर जाते हैं.
हबीब फैसल ने फिल्म को खुद ही लिखा है। पर कुछ कल्पनाशील नहीं दे पाये। सब कुछ घिसा पिटा सा है। साजिद वाजिद का संगीत सिनेमाघर में ही ठीक लगता है। फिल्म की लम्बाई काम हैं अन्यथा फिल्म को ज़्यादा झेलना मुश्किल हो जाता।
परिणीति चोपड़ा ने अपनी इमेज के अनुरूप किरदार तो किया है। पर इसमे बोलडनेस गायब है। उन्हें देख कर लखनऊ का दर्शक भी शहर देखने के बजाय चीखना चिल्लाना शुरू कर देता है कि अब बोल्ड संवाद और चुम्बन आलिंगन देखने को मिलेगा। पर दोनों ही चीज़े परिणीति की पहले की फिल्मों की तुलना में कम भी हों और ठंडी भी। आदित्य के साथ परिणीति के केमिस्ट्री जमी नहीं। वैसे आदित्य कहीं कहीं प्रभावित करते हैं। पर उन्हें संवाद बोलने में कठिनाई आती है। अनुपम खेर ने अपने सर की विग की तरह अपना काम भी किया है। आजकल यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा टीवी कलाकारों को छोटा मोटा मौका दे रहे हैं। इस फिल्म में करण वाही को बेकार किया गया है। अन्य सब कलाकार भरपाई का काम कर जाते हैं.
हबीब फैसल ने फिल्म को खुद ही लिखा है। पर कुछ कल्पनाशील नहीं दे पाये। सब कुछ घिसा पिटा सा है। साजिद वाजिद का संगीत सिनेमाघर में ही ठीक लगता है। फिल्म की लम्बाई काम हैं अन्यथा फिल्म को ज़्यादा झेलना मुश्किल हो जाता।
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फिल्म समीक्षा
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यह सोनम "खूबसूरत" कपूर नहीं है !
शशांक घोष के निर्देशन में सोनम कपूर की फिल्म खूबसूरत की १९८० में रिलीज़ ऋषिकेश मुख़र्जी के निर्देशन में रेखा की फिल्म खूबसूरत की तुलना कतई नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि, इस लिहाज़ से सोनम कपूर रेखा की पासंग भी नहीं हैं। लेकिन, अगर शशांक की सोनम कपूर को बतौर एक्टर आकलन किया जाए तो सोनम कपूर बेहद कमज़ोर अभिनेत्री साबित होती हैं. उनकी कन्वेंटी हिंदी कोफ़्त पैदा करती है। ऐसा लगता है जैसे वह च्युइंगगम चबाते हुए अपने संवाद बोल रही हैं. खूबसूरत सोनम कपूर के करैक्टर डॉ मिली चक्रवर्ती पर केंद्रित है। वह आईपीएल टीम की फिजिओ हैं. उन्हें एक महाराजा का इलाज़ करने के लिए कहा जाता है. पूरी फिल्म की डॉ सोनम कपूर किधर भी न तो डॉ लगती हैं, डॉक्टरी करती हैं. रंग बिरंगी पोशाकें पहन कर, बचकानी हरकते करके वह खुद को मासूम तो साबित नहीं कर पाती, बेवक़ूफ़ ज़रूर लगती हैं. इस फिल्म को लिखने में महिलाओं की मुख्य भागीदारी है। डी एन मुख़र्जी की कहानी का स्क्रीनप्ले इंदिरा बिष्ट ने लिखी है और पात्रों को संवाद जूही चतुर्वेदी की कलम से निकले है. इनके संवादों की सिर्फ एक बानगी देखिये, जब सोनम कपूर फवाद खान से पूछती हैं, "क्या तुम्हे गंदे गंदे ख्याल नहीं आते." संगीत स्नेह खानवलकर का है। सीमाब सेन ने पार्श्व संगीत दिया है. सभी बेहद कमज़ोर साबित हुए हैं. फवाद खान पाकिस्तान के जाने माने अभिनेता हैं। लेकिन, उनके अभिनय में कच्चापन साफ़ नज़र आता है. वह सोनम कपूर के सामने सहमे सहमे से लगते हैं. वह किसी स्टेट के प्रिंस तो किसी कोण से नहीं नज़र आते। सोनम और फवाद के बीच कोई रोमांटिक केमिस्ट्री नहीं बन पाती। इन दोनों का चुम्बन भी बेहद ठंडा लगता है। रत्ना पाठक किसी भी कोण से रानी नहीं लगती हैं. उनका अभिनय भी बेहद खराब है। किरण खेर को देख कर ऊब लगती है. नाहक लाउड अभिनय करती हैं। प्रसेनजित चटर्जी, राजा हुसैन, गार्गी पटेल, मेहमान भूमिका में अदिति राव हैदरी और साइरस साहूकार को जाया किया गया है.
खूबसूरत का निर्माण अनिल कपूर की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने वाल्ट डिज्नी ने किया है। अनिल कपूर का पुत्री मोह तो समझ में आता है. लेकिन,वाल्ट डिज्नी की समझ पर तरस आता है. यह स्टुडिओ पूरे विश्व में कैसे इतना मशहूर बन गया है.
बहरहाल, इस फिल्म को आप देखना चाहें तो अपने रिस्क पर देखें। सर दर्द की गोलियां सप्लाई नहीं की जा सकतीं हैं
खूबसूरत का निर्माण अनिल कपूर की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने वाल्ट डिज्नी ने किया है। अनिल कपूर का पुत्री मोह तो समझ में आता है. लेकिन,वाल्ट डिज्नी की समझ पर तरस आता है. यह स्टुडिओ पूरे विश्व में कैसे इतना मशहूर बन गया है.
बहरहाल, इस फिल्म को आप देखना चाहें तो अपने रिस्क पर देखें। सर दर्द की गोलियां सप्लाई नहीं की जा सकतीं हैं
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फिल्म समीक्षा
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गणेश आचार्य की 'हे ब्रो' में बिग बी के ठुमके
गणेश आचार्य की फिल्म 'हे ब्रो' में बिग बी ने गणेश आचार्य के तैयार स्टेप्स पर ठुमके लगाएं। पेश है एक फोटो झलक -
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'खूबसूरत' साबित होगी 'दावत-ए-इश्क़' !
आज कुल चार फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं. दो फ़िल्में बड़े बैनर्स की हैं. वाल्ट डिज्नी और अनिल कपूर फिल्म्स की खूबसूरत और यशराज फिल्म्स की दावत-ए-इश्क़ के मुकाबले Ciemme एंटरटेनमेंट की पॉकेट गैंगस्टर और फैंटम प्रोडक्शंस और दार मोशन पिक्चर्स की अग्ली रिलीज़ हो रही हैं. बाद की दो फ़िल्में अपने कंटेंट के लिहाज़ से माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर कर रही हैं. वैसे अग्ली के साथ अनुराग कश्यप का फैंटम बैनर है. लेकिन, दर्शक बंटेगा दो फिल्मों ख़ूबसूरत और दावत-ए-इश्क़ के बीच. यह दोनों हलकी फुलकी रोमांस फ़िल्में हैं. अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए इन फिल्मों की स्टार कास्ट ने दिन रात एक कर दिए हैं.शशांक घोष के निर्देशन में सोनम कपूर और फवाद खान का भविष्य खूबसूरत पर टिका है. खास तौर पर सोनम कपूर को खुद को २१ वी शताब्दी के बॉलीवुड की रेखा साबित करना है. इस लिहाज़ से आदित्य रॉय कपूर और परिणीति चोपड़ा को हबीब फैसल के निर्देशन में सोनम कपूर की चुनौती से ही निबटना है. कौन जीतेगा ख़ूबसूरत और दावत-ए-इश्क़ के बीच की जंग में. या दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर निबट जाएंगी? मतलब चार फ़िल्में भी हो सकता है. वीकेंड तक का इंतज़ार तो करना ही होगा.
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 18 September 2014
दिसंबर में रिलीज़ होगी होब्बिट सीरीज की तीसरी फिल्म
जे आर आर टोल्किन के उपन्यास द होब्बिट पर आधारित होब्बिट सीरीज की तीसरी फिल्म द होब्बिट द बैटल ऑफ़ द फाइव आर्मीज १२ दिसंबर २०१४ को रिलीज़ होने जा रही है . वार्नर ब्रोठेर्स पिक्चर्स की यह फिल्म २५० मिलियन डॉलर के बजट से बनायीं गयी है. इस फिल्म में इयान मैक्लीन, मार्टिन फ्रीमैन, रिचर्ड आर्मिटेज, ल्यूक एवंस, ली पेस, आदि मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म का निर्देशन पीटर जैक्सन ने किया है.
http://www.thehobbit.com/images/HOBBIT_tapestry_art_large.jpg
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