सेफ हैवन के
निर्देशक लास हॉल्स्ट्रॉम की फिल्म द नटक्रैकर एंड द फोर रियाम्स’ में शुगर प्लम फेयरी के किरदार के लिए अभिनेत्री
कीरा नाइटले को साइन कर लिया गया है। यह फिल्म
इटीए हॉफमैन की १८१६ में लिखी लघु कथा द नटक्रैकर एंड द माउस किंग पर आधारित है। इस कहानी को उन्नीसवीं शताब्दी में बैले के रूप में प्रस्तुत किया गया। क्रिसमस
की पूर्व संध्या पर एक लड़की की गुडिया जीवित हो उठती है। उसके साथ एक भला नटक्रैकर भी है, जो चूहों की
सेना से गुडिया की रक्षा करता है। इस फिल्म में क्लारा के किरदार में मकेंजी फोय
के अलावा मिस्टी कोपलैंड और मॉर्गन फ्रीमैन भी नज़र आयेंगे। लेकिन, इन दोनों की
भूमिका अभी साफ़ नहीं है। कीरा नाइटले को १६ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा रही डेविड
फ्रंकेल निर्देशित फिल्म कोलैटरल ब्यूटी में ऐमी मूर के किरदार में देखा जा सकता है। इस फिल्म में विल
स्मिथ, केट विंसलेट, एडवर्ड नॉर्टन और हेलेन
मिरेन भी अभिनय कर रहे हैं। यहाँ बताते चलें कि डिज्नी के द्वारा अपनी कई एनिमेटेड फिल्मों के
लाइव एक्शन संस्करण बनाए जा रहे हैं। इनमे मेलफिसेंट, सिन्ड्रेला, ऐलिस इन
वंडरलैंड और जंगल बुक जैसी फ़िल्में रिलीज़ भी हो चुकी हैं। हालाँकि, ऐलिस पर फिल्म को ख़ास सफलता
नहीं मिली। लेकिन डिज्नी की बाकी फिल्मों ने दुनिया भर में बढ़िया बिज़नस किया है। इसलिए, उम्मीद की जा रही
है कि नटक्रैकर का लाइव एक्शन संस्करण भी सफल होगा।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 24 August 2016
शुगर प्लम के किरदार में कीरा नाइटले
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एली रॉथ का मिशन: फियर
एली राफेल रॉथ की पहचान हॉरर फिल्मों के डायरेक्टर के रूप में हैं। उन्होंने केबिन फीवर के अलावा हॉस्टल और इसकी सीक्वल फ़िल्में जैसी हॉरर फ़िल्में निर्देशित करने के अलावा द लास्ट एक्सोर्सिस्म, द मैन विथ द आयरन फिस्ट्स, आफ्टरशॉक, द सक्रेमेंट, क्लाउन और द स्ट्रेंजर जैसी फिल्मों का निर्माण भी किया है। उन्होंने अपनी इन फिल्मों के अलावा कुछ फिल्मों में बतौर एक्टर भी हिस्सा लिया। थैंक्स गिविंग के कोई एक दशक बाद बतौर डायरेक्टर उनकी पिछली दो फिल्मों नॉक नॉक और द ग्रीन इन्फर्नो को अच्छी सफलता मिली थी। परंतु थैंक्स गिविंग के दौरान एली कुछ फिल्मों की कहानी पर काम में व्यस्त हो गए थे। मिशन: फियर उनकी ऎसी ही एक फिल्म है। पिछले दिनों ट्विटर पर अपनी फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ करने के बावजूद एली रोथ ने फिल्म के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया था। लेकिन, खबर है कि यह फिल्म रोथ की पहली विज्ञानं फंतासी स्पेस हॉरर फिल्म होगी। इस फिल्म के अगले साल अप्रैल में रिलीज़ होने की खबर है।
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Friday, 19 August 2016
यह तो टू मच हो गया 'ब्रूना' !
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
संगीतकार ख़य्याम साहेब ने रिलीज़ किया फिल्म मजाज़ का संगीत
उर्दू के बड़े शायर
"असरार उल हक़ मजाज़ लखनवी " के जीवन पर बनी फिल्म "मजाज़ - ऐ ग़म ए दिल क्या करूँ
" का संगीत रिलीज़ किया लोकप्रिय संगीतकार ख़य्याम साहेब ने। संगीत रिलीज़ के
अवसर पर संगीत जगत की कई बड़ी हस्तियाँ मौजूद थी जिनमें तलत अजीज़ जिन्होंने इस
फिल्म का संगीत तैयार किया है |
गज़ल गायक पंकज उधास ,
भजन सम्राट अनूप जलोटा , गायिका अल्का याज्ञनिक उपस्थित थी। इनके अलावा
फिल्म "मजाज़ " के निर्माता शक़ील अख्तर , डॉ मदीह ,निर्देशक रविन्द्र सिंह , फिल्म की नायिकायें रश्मि
मिश्रा , काजल राघवानी और तलत
अजीज़ की पत्नी बीना अजीज भी शामिल हुए।
ख़य्याम साहेब ने
फिल्म "मजाज़ " के संगीत की तारीफ़ की और कहा कि, "तलत ने फिल्म की कहानी के मुताबिक़ संगीत तैयार
किया है। मैं फिल्म के सभी कलाकारों और
निर्माता - निर्देशक को बधाई देता हूँ कि वो सभी "मजाज़ " जैसे शायर की
जिंदगी पर बनी फिल्म का हिस्सा हैं।
" गायक और संगीतकार तलत अजीज़ ने कहा कि "
ख़य्याम साहेब मेरे वालिद की तरह है। मैंने
जब इस फिल्म का संगीत तैयार किया तो सबसे पहले उनके घर गया उनको सुनाने के लिये।
मैने बेहतरीन संगीत तैयार करने की कोशिश
की है और आशा करता हूँ कि सभी सुनने वाले इसे पसन्द करेगें। "
तलत अज़ीज़ के यूं तो अनेकों गज़ल एलबम आ चुके हैं
साथ ही उन्होंने अनेको फिल्मों व टी वी धारावाहिकों में गीतों को गाया है.
अनेकों टी वी धारावाहिकों में भी संगीत दिया है। लेकिन पहली ही बार उन्होंने किसी फिल्म का संगीत दिया है।
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गीत संगीत
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Wednesday, 10 August 2016
एपिक रोमांस का थ्रिलर रुस्तम !
पिछले साल, जब अभिनेता
अक्षय कुमार ने अपने जन्मदिन पर अपनी फिल्म रुस्तम के १२ अगस्त २०१६ को रिलीज़ करने
का ऐलान किया था, तब उसी समय तय हो गया था कि अक्षय कुमार अपनी फिल्म का अभिनेता हृथिक रोशन की फिल्म से टकराव करने जा रहे हैं। हृथिक रोशन की आशुतोष गोवारिकर निर्देशित फिल्म मोहनजोदड़ो के १२ अगस्त
को रिलीज़ करने का ऐलान तो काफी पहले ही कर दिया गया था। ऐसे में यह उम्मीद कि जा
रही थी कि दोनों बड़े अभिनेता समझदारी से काम लेंगे और अपनी फिल्मों की रिलीज़ की
तारिख आगे पीछे कर लेगे।इसी साल मई में खबर उडी थी कि हृथिक रोशन अक्षय कुमार के
बीच बैठक में रुस्तम के ५ अगस्त को रिलीज़ करने का निर्णय लिया गया। लेकिन, बाद में
यह अफवाह ही साबित हुई। शायद, इस अहम् की लड़ाई में अक्षय कुमार को आशुतोष गोवारिकर की कम्पनी के प्रवक्ता का यह ऐलान नागवार गुजरा था, जिसमे दावा किया गया था कि मोहनजोदड़ो को
रिलीज़ की तारिख एक साल पहले तय हो गई थी, इसलिए इसमे परिवर्तन नहीं किया जा सकता। यह चुनौती थी कि अगर टकराव से बचना है तो रुस्तम अक्षय कुमार समर्पण करे। अक्षय कुमार दूध के जले थे। उनकी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा के जब तक है जान से टकराव टालने के लिए अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म की रिलीज़ की तारिख एक हफ्ते बाद के लिए टाल दी थी। परन्तु, बाद में शाहरुख़ खान और यशराज फिल्म्स ने अक्षय कुमार की फिल्म के लिए पर्याप्त स्क्रीन छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे अक्षय की फिल्म को नुकसान हुआ था। इधर अक्षय कुमार बाजीराव मस्तानी और दिलवाले के टकराव से सबक ले चुके थे। बढ़िया कहानी वाली फिल्म को सफल होना ही है, चाहे टकराव जितना भी बड़ा क्यों न हो !
क्या होगा टकराव का !
अब जबकि रुस्तम और
मोहनजोदड़ो आपस में टकराने जा रही हैं, इंडस्ट्री की निगाहें बॉक्स ऑफिस पर हैं, चेहरे पर क्या होगा की सोच है और स्क्रीन की घटजोड़ की जा रही है। यहाँ याद आती है
बाजीराव मस्तानी और दिलवाले के टकराव की। पिछले साल, क्रिसमस से पहले दोनों ही फ़िल्में भिड़ी थी। उस समय भी ऐसा कहा गया था कि संजयलीला भंसाली दिलवाले से टकराव टालने के लिए अपनी फिल्म की तारिख एडवांस कर सकते हैं। लेकिन, इसके बाद टकराव हुआ था। दिलवाले और बाजीराव मस्तानी एक ही दिन रिलीज़ हुई। दिलवाले को ज्यादा
स्क्रीन मिली। लेकिन, माउथ पब्लिसिटी ने जीत बाजीराव मस्तानी को दिला दी। क्या इस
इंडिपेंडेंस वीकेंड में भी वही कहानी दोहरायी जाएगी ? क्या मोहनजोदड़ो और रुस्तम
में से कोई एक फिल्म खेत रहेगी ? क्या दोनो ही फिल्मों को नुक्सान होगा ?
ख़ास है स्क्रीन की संख्या
किसी फिल्म को रिलीज़ के लिए मिलाने वाली स्क्रीन की संख्या
वीकेंड फिल्मों के लिए ख़ास होती हैं। हर फिल्म निर्माता पहले वीकेंड में ही, ख़ास
तौर पर सन्डे तक, ज्यादा से ज्यादा बिज़नेस कर अपनी फिल्म की लागत ज्यादा से ज्यादा निकाल लेना चाहता है। मंडे का क्या भरोसा ! ज़ाहिर है कि ऐसे में स्क्रीन महत्वपूर्ण हो जाते हैं। सलमान खान की फिल्म सुल्तान ईद वीकेंड
में ४०००+ स्क्रीन में रिलीज़ हो कर, बढ़ी टिकेट दरों के जरिये पहले वीकेंड में ही रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने में कामयाब हुई थी। लेकिन, १२ अगस्त को किसी एक फिल्म के पास
पूरे स्क्रीन नहीं हैं। दक्षिण भारत से भिन्न क्षेत्रों के स्क्रीन दोनों बड़ी
फिल्मों के बीच बंट गये हैं। जहाँ तक स्क्रीन की संख्या का सवाल है, बाज़ी मोहनजोदड़ो के हाथ
लगी है। हृथिक रोशन और यूटीवी के कारण मोहनजोदड़ो को रुस्तम के मुकाबले ४०० स्क्रीन
ज्यादा मिले हैं। इसे देखते हुए याद आती है दिलवाले की, जिसे बाजीराव मस्तानी से
ज्यादा स्क्रीन मिले थे। परन्तु, ध्यान रहे कि नुकसान दिलवाले को ही हुआ था। यह
फिल्म इनिशियल का फायदा भी नहीं उठा पाई थी। क्या इतिहास दोहराया जायेगे ?
भिन्न शैली की रुस्तम और मोहनजोदड़ो
लेकिन, ध्यान रहे कि
रुस्तम और मोहनजोदड़ो की शैली अलग अलग ही नहीं, काफी अलग है . हृथिक रोशन की फिल्म
सिन्धु घाटी सभ्यता की पृष्ठभूमि पर एक रोमांस फिल्म है। हृथिक रोशन का किरदार
अपने दुश्मन खेमे की बेटी (पूजा हेगड़े) से प्रेम करने लगता है। वही, रुस्तम १९५९
के एक सनसनीखेज आहूजा मर्डर केस पर आधारित थ्रिलर फिल्म है। फिल्म का नायक अपनी पत्नी के प्रेमी का क़त्ल कर देता है। निर्माता नीरज
पाण्डेय और अभिनेता अक्षय कुमार की जोड़ी की यह तीसरी फिल्म है। अलबत्ता, फिल्म के
निर्देशक नीरज पाण्डेय नहीं बल्कि टीनू सुरेश देसाई हैं।मोहनजोदड़ो में आशुतोष गोवारिकर और हृथिक रोशन
दूसरी बार एक साथ हैं, वह भी ऐतिहासिक फिल्म के बाद प्रागैतिहासिक फिल्म में। इससे पहले यह जोड़ी ऐतिहासिक फिल्म जोधा अकबर
में अपना दमखम दिखा चुकी है। ज़ाहिर है कि दोनों फिल्मों के बीच कडा मुकाबला है।
दोनों फ़िल्में नायकों पर केंद्रित
ख़ास बात यह है कि
मोहनजोदड़ो और रुस्तम पूरी तरह से अपने नायक पर केन्द्रित फ़िल्में है। मोहनजोदड़ो
के केंद्र में हृथिक रोशन हैं। फिल्म की नायिका पूजा हेगड़े की यह पहली फिल्म हैं। रुस्तम की सनसनी अक्षय कुमार हैं। उनकी नायिका इलेना डिक्रूज की पांच हिंदी
फ़िल्में ही रिलीज़ हुई हैं। हृथिक रोशन कोई दो साल बाद स्क्रीन में नज़र आयेंगे। उनकी पिछली फिल्म बैंग बैंग २०१४ में रिलीज़ हुई थी। ,बैंग बैंग ने बढ़िया बिज़नस किया था। दर्शकों को हृथिक की फिल्मों का
इंतज़ार रहता है। चूंकि, वह दो साल बाद हृथिक की फिल्म देखेंगे, इसलिए उनमें मोहनजोदड़ो को
लेकर क्रेज है। वहीँ अक्षय कुमार की फ़िल्में कहानी पर ज्यादा केन्द्रित होती हैं। यह सशक्त कहानियाँ अपने हीरो के किरदार को निखारती हैं। अक्षय कुमार की पिछली
फ़िल्में बेबी, स्पेशल २६, गब्बर इज बैक और एयरलिफ्ट गवाह हैं कि इन फिल्मों की
कहानी ने दर्शकों को प्रभावित किया था। अक्षय कुमार लीक से हट कर फ़िल्में करने वाले हीरो के बतौर उभरे थे। इसलिए, दर्शकों को अक्षय कुमार की फिल्मों
का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।
रुस्तम पर भारी
मोहनजोदड़ो का बजट
बजट के लिहाज़ से
मोहनजोदड़ो रुस्तम की दोगुनी है। मोहनजोदड़ो प्रागैतिहासिक काल की पृष्ठभूमि पर
होने के कारण फिल्म में वीएफएक्स के दृश्य काफी ज्यादा हैं। इस कारण से मोहनजोदड़ो
का बजट १०० करोड़ पार कर गया है। वहीँ, रुस्तम केवल ४५ करोड़ में बनी फिल्म है। वैसे इस फिल्म में भी १९५९ के बॉम्बे को दिखाया गया है। लेकिन, यह इतना खर्चीला नहीं हैं। इस लिहाज़ से मोहनजोदड़ो को रुस्तम के मुकाबले दोगुना से कहीं बहुत ज्यादा
कमाने होंगे। जबकि, ४०० कम स्क्रीन में रिलीज़ होने के बावजूद रुस्तम के लिए
लक्ष्य पाना (लागत वसूल करना) आसान होगा। यह आसानी से हिट फिल्मों में शुमार हो सकती है।
क्या होगा १२ अगस्त
को ! क्या कोई हारेगा, कोई जीतेगा ? क्या दोनों फिल्मों को स्वतंत्रता दिवस वीकेंड
रास आएगा ? मोहनजोदड़ो के वीएफएक्स चर्चित हो रहे हैं। ख़ास तौर पर, हृथिक रोशन और
मगर के बीच युद्ध और फिल्म के तमाम दूसरे युद्ध दृश्य सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के मालिकों को रास
आ रहे है। वहीँ रुस्तम की कहानी में मोड़ है। फिल्म में मर्डर मिस्ट्री है ही,
देशभक्ति का छौंका भी है। बताते हैं कि फिल्म को देख रहे दर्शक इस घुमाव से चकित
रह जायेंगे। देखिये, क्या होता है १२ अगस्त को !
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 6 August 2016
अब नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी बनेंगे गोल्फ चैंपियन (पोस्टर)
सोहेल खान प्रोडक्शन की फिल्म फ्रीकी अली के पांच पोस्टर आज सलमान खान ने ज़ारी किये। सोहेल खान निर्देशित इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने एक गरीब आदमी का किरदार किया है, जो अमीरों के खेल गोल्फ में अपना मुकाम हासिल करता है और अपनी प्रेमिका को पाने में सफल होता है । इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने चैंपियन गोल्फर का किरदार किया है। अरबाज़ खान उनके दोस्त बने हैं और एमी जैक्सन उनकी प्रेमिका। यह फिल्म ९ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।
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Poster
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Wednesday, 3 August 2016
क्यूबा में शूट होने वाली पहली फिल्म ट्रांसफार्मर्स ५
आजकल, हॉलीवुड में
बिलकुल नया चलन बन गया है। हॉलीवुड के फिल्म निर्माता फ़ास्ट फ्राइडे मनाने लगे हैं। इसके तहत हर सप्ताह शुक्रवार, फिल्म निर्माता अपनी उस ख़ास हफ्ते में शूट की गई फिल्म
के ख़ास दृश्यों की झलक वीडियो के ज़रिये अपलोड करने लगे है। यह सिलसिला फ़ास्ट एंड फ़्युरिऔस ८ के विडियो के रिलीज़ होने के साथ शुरू हुआ था। इसलिए
इस शुक्रवार को फ़ास्ट फ्राइडे कहा जा रहा है। पिछले शुक्रवार ट्रांसफार्मर्स ५
के शूट ख़ास दृश्य सोशल साइट्स पर अपलोड किये गए। ट्रांसफार्मर्स: द लास्ट नाइट के विडियो में हाईवे पर कई भारी
गाड़ियाँ दौड़ती नज़र आती हैं। एक धमाका होता है और तीन स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स
धमाके के साथ हवा में उड़ जाती हैं। इसके बाद एक के बाद एक डगमगाती गाडिया आपस में भिड़ने
लगती हैं। यह वीडियो निर्देशक माइकल बे की शैली में हैं। हस्ब्रो
के खिलौने ट्रांसफार्मर्स पर यह सीरीज की पांचवी फिल्म है। इस फिल्म में रोबोटिक
मानव ऑप्टिमस प्राइम को ट्रांसफार्मर्स की उत्पति के लिए ज़िम्मेदार अब मृत हो चुके ग्रह क्विन्टेसनस की तलाश है, ताकि उसे जीवित किया जा सके । इस फिल्म में मार्क वह्ल्बर्ग ने कैड एगर का किरदार किया है। पीटर कलेन ने प्राइम ऑप्टिमस को आवाज़ दी है। फिल्म में जॉश डुहामेल, टायर्स गिब्सन, इसाबेल मोनेर, आदि सपोर्टिंग रोल में हैं। इस फिल्म की शूटिंग डेट्रायट के अलावा क्यूबा की कई लोकेशन में होगी। क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबन्ध हटने के बाद क्यूबा में शूट होने वाली यह पहली हॉलीवुड फिल्म है। पैरामाउंट की इस फिल्म की पटकथा केन नोलन ने आर्ट मरक्यूम और मैट हॉलोवे के साथ लिखी है। यह फिल्म अगले साल २३ जून को रिलीज़ होगी।
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Hollywood
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क्या ५७ साल पहले जैसी भव्य होगी रथ दौड़ !
सत्तावन साल बाद, एक
बार फिर आइकोनिक रथ दौड़ बड़े परदे पर उतरने जा रही है। लेव वालेस के उपन्यास बेन-हर:
अ टेल ऑफ़ द क्राइस्ट के उपन्यास पर आधारित १९५९ में रिलीज़ फिल्म बेन-हर अपनी चार्लटन हेस्टन, जैक हॉकिन्स, हय हैरारित, स्टीफेन बॉयड, ह्यू ग्रिफिथ, मार्था स्कोट, आदि जैसी बड़ी स्टार
कास्ट के कारण जितनी मशहूर हुई थी, उससे कहीं अधिक दर्शकों ने इस फिल्म को रथों की
दौड़ के लिए देखा था। इसीलिए, अब जब बेन-हर की कहानी को फिर से परदे पर उतारा जा रहा
है, दर्शकों की आँखों में ५७ साल पहले की रथ दौड़ का नज़ारा घूम रहा है। क्या
डायरेक्टर तिमूर बेक्मम्बतोव अपनी फिल्म को ५७ साल पहले की भव्यता दे पाएंगे ?
पिछले दिनों रिलीज़ इस फिल्म के ट्रेलर मे रथ दौड़ ही ख़ास थी। इस
दौड़ के दृश्य में रथ पर सवार अभिनेता जैक ह्यूस्टन रथ दौड़ाते नज़र आते हैं। उनके रथ के पीछे दूसरा
रथ आ भिड़ता है। इसे देखना बड़ा रोमांचक लगता है। निर्देशक तिमूर का दावा
है कि यह दृश्य फिल्म का ‘क्राउन ज्वेल’ होगा। १९ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही
फिल्म बेन-हर: अ टेल ऑफ़ द क्राइस्ट में मुख्य चरित्र जूडा बेन-हर का किरदार जैक ह्यूस्टन कर रहे हैं। इनके अलावा मॉर्गन
फ्रीमैन इल्डेरिम, टोबी केबेल्स मेसाला, नाज़नीन बोनियादी इस्थर और रॉड्रिगो सैंटोरो जीसस क्राइस्ट की भूमिका में नज़र आयेंगे।
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Sunday, 31 July 2016
डरायेगा भी एक्वामैन
डीसी कॉमिक्स की किताबों का दूसरा कॉमिक करैक्टर एक्वामैन का है। एक्वामैन पहली बार १९४१ में मोर फन कॉमिक्स में दिखाई दिया था । पॉल नॉरिस और मोर्ट वेईसिंगर के इस करैक्टर को जस्टिस लीग ऑफ़ अमेरिका के स्थापक सदस्य के बतौर मुख्य स्थान दिया गया । पचास और साठ के दशक में एक्वामैन करैक्टर वाले कॉमिक बुक संस्करण प्रकाशित हुए । एक्वामैन को बड़े परदे पर १९६७ में एनिमेटेड सीरीज में स्थान मिला । जहाँ तक लाइव करैक्टर का सवाल है इसी साल रिलीज़ फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में दूसरे सुपर हीरो के साथ एक्वामैन को भी जगह दी गई । अब एक्वामैन को बतौर सोलो हीरो फिल्म एक्वामैन में पेश किया जा रहा है । डॉन ऑफ़ जस्टिस में एक्वामैन का किरदार करने वाले अभिनेता जैसन ममोया ही २७ जुलाई २०१८ में रिलीज़ के लिए निर्धारित फिल्म में एक्वामैन का किरदार करेंगे । एक्वामैन का निर्देशन सॉ, डेड साइलेंस, द कन्ज्यूरिंग १ और कन्ज्यूरिंग २ तथा इंसीडयूयस इनसिडियस चैप्टर १ और २ के निर्देशक जेम्स वान ही एक्वामैन का निर्देशन करेंगे । जेम्स को हॉरर फिल्मों में महारत हासिल है । हालाँकि, एक्वामैन उनकी अब तक की फिल्मों की शैली से बिलकुल अलग है । एक्वामैन अपेक्षाकृत कम सुपर पॉवर रखने वाला करैक्टर है । इसमे हास्य का पुट भी है । इस लिए, जेम्स वान ने अपने लेखकों से इस करैक्टर की फिल्म में डरावने तत्व शामिल करने के लिए कहा है । इस प्रकार से यह कम शक्ति वाला सुपरमैन दूसरे सुपर पावर कैरेक्टरों के साथ दर्शकों को पसंद आएगा।
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एक पिछत्तर साल की युवती है वंडर वुमन !
हॉलीवुड से दो और
सुपर हीरो किरदार दुनिया जीतने आ रहे है। यह किरदार मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की देन नहीं
है। डीसी कॉमिक्स के दो सुपरमैन किरदारों
पर दो फिल्में २०१७ और २०१८ में रिलीज़ होंगी । पहला किरदार वंडरवुमन का है । इस
करैक्टर पर फिल्म का निर्माण पैटी जेन्किन्स कर रहे हैं। इस फिल्म में अभिनेत्री
गाल गैडोट वंडर वुमन के किरदार में हैं। कॉमिक्स करैक्टर वंडर वुमन एक योद्धा
राजकुमारी का है। यह जस्टिस लीग की सदस्य है। इस कॉमिक करैक्टर का जन्म दिसंबर १९४१ में आल स्टार कॉमिक्स के पन्नो पर
हुआ था। तब से इस करैक्टर को कॉमिक्स
बुक्स के पन्नों पर आते हुए ७५ साल हो गए हैं। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि योद्धा राजकुमारी डायना प्रिन्सेस उर्फ़
वंडर वुमन ७५ साल की युवती है। उसका युद्ध कौशल उसे किसी युवा से कम पेश नहीं
करता। लेकिन, २ डी, ३ डी और आइमैक्स ३ डी के परदे पर ३० अप्रैल १९८५ को जन्मी इस्राइली
एक्ट्रेस गाल गैडोट कर रही हैं। वंडर
वुमन को रुपहले परदे पर आते आते सत्तर साल
से अधिक हो गए। वंडर वुमन को केंद्र में
रख कर एक एनीमेशन फिल्म वंडर वुमन २००९ में रिलीज़ हुई थी। लेकिन, यह फिल्म भी बड़े परदे के बजाय सीधे डीवीडी पर रिलीज़ हुई। वंडरवुमन को सबसे पहले देखा गया १९ मार्च को रिलीज़ फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन:
डॉन ऑफ़ जस्टिस में ब्रूस वेन की साथी की बतौर । अमेज़ॉन में एक प्लेन क्रैश होता है। उसका पायलट स्टीव ट्रेवर डायना
प्रिन्सेस को बताता है कि जल्द ही विश्व युद्ध छिड़ने वाला है। डायना अपना घर छोड़
कर वंडर वुमन का किरदार ओढ़ कर दुनिया को विश्व युद्ध से बचाने के लिए निकल पड़ती
है। इस फिल्म में पायलट स्टीव स्ट्रेवर की
भूमिका में क्रिस पाइन, कनिए नीलसन क्वीन
हिप्पोटिला, रोबिन राइट जनरल
एंटीओप और लूसी डेविस एटा कैंडी के किरदार में नज़र आएंगी। वंडर वुमन का कुल बजट १५० मिलियन डॉलर का
है। यह फिल्म २ जून २०१७ को वार्नर
ब्रदर्स द्वारा पूरी दुनिया में रिलीज़ किया जायेगा।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब फिल्म अभिनेत्रियाँ बन जाती हैं माँ !
फिल्म अभिनेत्री
करीना कपूर खान के माँ बनने की अटकलें काफी दिनों से लगाईं जा रही थी। अंततः
करीना कपूर ने खुद के गर्भवती होने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही, करीना ने यह भी ऐलान किया कि वह बच्चे के जन्म से
पहले तक घर में बैठी नहीं रहेंगी। इसी दौरान डायरेक्टर शशांक घोष की फिल्म वीरे
दि वेडिंग का ऐलान हुआ था। इस फिल्म की नायिका करीना कपूर थी। पर करीना कपूर का
दिसम्बर में माँ बनाने का ऐलान इस फिल्म के आड़े नहीं आया था। इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि करीना कपूर का गर्भ
फिल्म की कहानी को सपोर्ट करने वाला है। इस प्रकार से करीना कपूर टेलर मेड रोल के
कारण फिल्मों में काम कर सकती थी। लेकिन, यहाँ सवाल यह उठता है कि क्या शादी के बाद सक्रिय रहने वाली करीना
कपूर, बच्चे के जन्म के
बाद भी इतनी ही सक्रिय रह सकेगी ?
याद आते हैं दो ऐलान
यहाँ याद आते हैं दो
ऐलान ! करीना कपूर को नायिका बना कर फिल्म राम-लीला बनाने का ऐलान संजय लीला
भंसाली ने किया था। इसी के बाद करीना कपूर के सैफ अली खान के साथ शादी करने का
ऐलान भी हो गया। यह भंसाली के लिए चौंकाने वाली खबर थी। वह नहीं चाहते थे, राम-लीला की लीला का किरदार कोई विवाहित
अभिनेत्री करे। उन्होंने यह कहते हुए कि ‘लीला कोई शादीशुदा अभिनेत्री नहीं बन सकती’ करीना कपूर को फिल्म से बाहर कर दिया। करीना
कपूर अपने घाव सहलाती रह गई। दूसरा ऐलान मधुर भंडारकर का है। मधुर भंडारकर
ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर हीरोइन का निर्माण करने जा रहे थे। फिल्म का कुछ शूट
हो चुका था। कांस फिल्म फेस्टिवल में इसके टुकड़े दिखाए भी गए। लेकिन, हीरोइन की पोस्टर की रिलीज़ के दिन प्रेगनेंसी बम
फोड़ा अमिताभ बच्चन ने। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐश्वर्या राय के गर्भवती
होने की सूचना दी। यह मधुर के लिए बड़ा झटका था। उनकी फिल्म की शूटिंग अभी शुरू
ही हुई थी। शूटिंग के दौरान ऐश्वर्या का उभरा पेट फिल्म की ग्लैमरस नायिका पर बुरा प्रभाव डालता। मधुर ने अपना रोष प्रकट करते हुए ऐश्वर्या
को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनकी जगह करीना कपूर खान आ गई।
इससे साफ़ है कि
राम-लीला के समय अभिनेत्री का शादीशुदा होना ही गज़ब था। लेकिन, हीरोइन आते आते यह गर्भ पर आकर ठहर गया। उस समय
घबराये फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों की रोमांस में डूबी या निकट भविष्य में शादी कर रही
अभिनेत्रियों के लिए अनुबंध में नो प्रेगनेंसी क्लॉज़ रखवाना शुरू कर दिया। लेकिन,
अब वीरे दि वेडिंग की निर्माता रिया कपूर
बेबी बंप के साथ करीना कपूर को स्वीकार कर रही है। सवाल यह है कि क्या इससे कोई
ट्रेंड बदलेगा ? सबसे बड़ी बात क्या
अब फिल्म निर्माता विवाहित या गर्भवती अभिनेत्री को दर्शक स्वीकार करेंगे ?
शादी तक क्यों
पहुंचे रियल रोमांस
हिंदी फिल्मों की
रोमांटिक नायिका बनाने वाली हिंदी फिल्म अभिनेत्रियाँ अगर रोमांस में डूबी हुई हैं
तो कौन बड़ी बात ! लेकिन, उसके रोमांस की खबरे जहाँ फिल्म को पब्लिसिटी दिलाती हैं, वहीँ शादी की खबर बैड पब्लिसिटी साबित होती है। यही कारण था कि साठ-सत्तर के दशक की फिल्मों की रोमांटिक नायिकाएं जब तक फिल्मों
में नायिका बनती रही, शादी की खबरों से
दूर रही। जैसे ही उनका करियर ढलान पर आया उन्होंने शादी करना मंज़ूर कर लिया। यही
कारण था कि शादी करने के बाद वैजयंतीमाला, जयाप्रदा, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, आदि तमाम ग्लैमर गर्ल्स फिल्मों को अलविदा कह गई। उस समय मान्यता थी कि शादी की खबर से जुड़ते ही अभिनेत्री दर्शकों के बीच अपना आकर्षण और
ग्लैमर खो बैठती है। फिल्मों से दूर हो जाने का भय फिल्म अभिनेत्रियों को कितना सताता
होगा, इसका अंदाजा इसी से
लगाया जा सकता है कि महिमा चौधरी, श्रीदेवी, कोंकणासेन शर्मा,
सारिका, सेलिना जेटली, वीणा मलिक, आदि ने अपने गर्भ की खबरों को तब तक छुपाये रखा,
जब तक शादी कर फिल्मों को अलविदा न कह दी।
शादी के बाद- अलविदा
नंदा और आशा पारेख
जैसी अभिनेत्रियाँ कम हैं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की। हालाँकि, उनके रोमांस की खबरें काफी सुर्ख हुई। लेकिन,
इस दौर की दूसरी जिन अभिनेत्रियों ने
विवाह किया, फिल्मों की तरह पीठ
कर ली। सायरा बानो ने दिलीप कुमार के साथ निकाह पढ़ने के बाद फिल्मों का रुख नहीं
किया। बबिता और नीतू सिंह कपूर खानदान की बहू बन कर फिल्मों से दूर हो गई। अमृता
सिंह ने सैफ का घर बसा कर बच्चे पैदा करना ही ठीक समझा। मीनाक्षी ‘हीरो’ शेषाद्री, युक्ता मुखी,
नम्रता शिरोढ़कर, मन्दाकिनी, गायत्री जोशी, आदि ने तो शादी के बाद बॉलीवुड क्या देश ही छोड़ दिया। शादी के बाद फिल्मों को हमेशा के लिए अलविदा कहने वाली अभिनेत्रियों में ट्विंकल
खन्ना, हनी ईरानी और इसी
साल असिन के नाम शामिल हैं।
शादी के बाद भी
सक्रिय !
जहाँ, सायरा बानो, बबिता, नीतू सिंह, मीनाक्षी शेषाद्री,
युक्ता मुखी, मन्दाकिनी, नम्रता शिरोढ़कर, गायत्री जोशी, ट्विंकल खन्ना, असिन, आदि ने फिल्मों को
अलविदा कह दी। वहीँ भाग्यश्री और डिंपल
कपाडिया ने शादी और माँ बनने के बाद फिल्मों में वापसी की। लेकिन, भाग्यश्री बिलकुल फ्लॉप हो गई। अमृता सिंह ने
शूट आउट एट लोखंडवाला में चरित्र भूमिकाओं से वापसी की। नीलिमा अज़ीम टीवी सीरियल
करने लगी। सोनाली बेंद्रे, रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी, आदि अभिनेत्रियाँ आजकल फिल्मों के लिए हाथ पैर मार रही हैं। यह
अभिनेत्रियाँ टीवी पर सक्रिय ज़रूर हैं। माधुरी दीक्षित दो फिल्मों गुलाब गैंग और
डेढ़ इश्किया कर चुकी हैं। वह भी टीवी पर रियलिटी शो जज करती देखी जाती हैं।
शादी के बाद नायिका
जहाँ तक शादी के बाद
फिल्मों की नायिका बनाने की बात है, बहुत सी अभिनेत्रियाँ शादी के बाद भी सफल हुई। परिणीता, कहानी, डर्टी पिक्चर, आदि फिल्मों की नायिका विद्या बालन के करियर पर शादी के बाद भी कोई
फर्क नहीं पडा। चित्रांगदा सिंह भी शादी के बाद फिल्मों की नायिका बनी। उन्हें
तो शिरीष कुंदर ने जोकर में एक आइटम करवा दिया। पुराने ज़माने की तमाम नायिकाएं विवाहित थी। नूतन का विवाह १९५९ ही हो गया था। लेकिन, वह इसके बाद सूरत और सीरत, बसंत, मंज़िल, छलिया, बंदिनी, दिल ही तो है, तेरे घर के सामने, खानदान, मिलन, लाट साहब, यादगार, आदि हिट फिल्मों की नायिका बनी। ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का निकाह कमाल अमरोही से १९५२ में हो गया था। लेकिन, मीना कुमारी ने १९५३ में फिल्म परिणीता का कालजयी करैक्टर लोलिता किया। उनकी बतौर नायिका सुपर हिट फ़िल्में शादी के बाद ही आई। श्यामा ने १९५३ में फली मिस्त्री से शादी के बाद धूप छाँव, आरपार, खानदान, छूमंतर, भाई भाई, शारदा, आदि फ़िल्में बतौर नायिका की। इसी प्रकार, नलिनी जयवंत, बीना राय, माला सिन्हा, शर्मीला टैगोर, आदि अभिनेत्रियां शादी के बाद भी हिंदी फिल्मों की सफल नायिकाएं बनी रहीं। नर्गिस ने सुनील दत्त के साथ शादी के बाद फिल्मों को अलविदा कह दी थी। लेकिन, शादी के लंबे समय बाद रात और दिन करके राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
क्यों नकारते हैं दर्शक !
आजकल ग्लैमर का ज़माना है। शादी के बाद अभिनेत्री का ग्लैमर फीका पड़ जाता है। इसलिए, यह अभिनेत्रियां खालिस रोमांस भूमिकाओं के योग्य नहीं रहती। लेकिन, अगर परिपक्व भूमिकाएं हो और स्क्रिप्ट में दम हो तो दर्शक इन्हें स्वीकार भी करता है। काजोल लम्बे समय बाद फना में अंधी
नायिका के रूप में आई और सफल हुई। अलबता, उनकी दूसरी कमज़ोर फिल्म दिलवाले बुरी तरह पिटी। श्रीदेवी की इंग्लिश
विन्ग्लिश से वापसी सफल हुई। ऐश्वर्य राय बच्चन ने शादी के बाद जज्बा और सरबजीत जैसी नायिका प्रधान फ़िल्में की। यह फ़िल्में फ्लॉप हुई।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 30 July 2016
टी सीरीज के 'अरमान'- प्यार माँगा है
टी सीरीज ३ अगस्त को एक अगला सिंगल प्यार माँगा है जारी करने जा रहा है। यह सिंगल गायक अरमान मलिक का है। उनका साथ नीति मोहन ने दिया है। अभिजीत की धुनों पर बोल मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं। इस सिंगल के वीडियो में ज़रीन खान और अली फज़ल ने अभिनय किया है। इस एल्बम को जॉर्जिया की खूबसूरत लोकेशन पर फिल्माया गया है। तो इंतज़ार कीजिये ३ अगस्त को प्यार माँगा है का।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एक पिछत्तर साल की युवती है वंडर वुमन !
हॉलीवुड से एक और सुपर हीरो किरदार दुनिया को जीतने के लिए आ रहा है। इस बार, यह किरदार मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की देन नहीं है। डीसी कॉमिक्स के इस सुपरमैन किरदार पर पैटी जेन्किन्स वंडर वुमन का निर्माण कर रहे हैं। इस फिल्म में अभिनेत्री गाल गैडोट वंडर वुमन के किरदार में हैं। कॉमिक्स करैक्टर वंडर वुमन एक योद्धा राजकुमारी का है। यह जस्टिस लीग की सदस्य है। इस कॉमिक करैक्टर का जन्म दिसंबर १९४१ में आल स्टार कॉमिक्स के पन्नो पर हुआ था। तब से इस करैक्टर को कॉमिक्स बुक्स के पन्नों पर आते हुए ७५ साल हो गए हैं। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि योद्धा राजकुमारी डायना प्रिन्सेस उर्फ़ वंडर वुमन एक ७५ साल की युवती है। उसका युद्ध कौशल उसे किसी युवा से काम पेश नहीं करता। लेकिन, २ डी, ३ डी और आइमैक्स ३ डी के परदे पर ३० अप्रैल १९८५ को जन्मी इस्राइली एक्ट्रेस गाल गैडोट कर रही हैं। वंडर वुमन को रुपहले परदे पर आते आते सत्तर साल से अधिक हो गए। वंडर वुमन को केंद्र में रख कर एक एनीमेशन फिल्म वंडर वुमन २००९ में रिलीज़ हुई थी। लेकिन, यह फिल्म भी बड़े परदे के बजाय सीधे डीवीडी पर रिलीज़ हुई। वंडर वुमन वुमन को सबसे पहले देखा गया इस साल १९ मार्च को फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में ब्रूस वेन की साथी के बतौर । अमेज़ॉन में एक प्लेन क्रैश होता है। उसका पायलट स्टीव ट्रेवर डायना प्रिन्सेस को बताता है कि जल्द ही विश्व युद्ध छिड़ने वाला है। डायना अपना घर छोड़ कर वंडर वुमन का किरदार ओढ़ कर दुनिया को विश्व युद्ध से बचाने के लिए निकल पड़ती है। इस फिल्म में पायलट स्टीव स्ट्रेवर की भूमिका में क्रिस पाइन, कनिए नीलसन क्वीन हिप्पोटिला, रोबिन राइट जनरल एंटीओप और लूसी डेविस एटा कैंडी के किरदार में नज़र आएंगी। वंडर वुमन का कुल बजट १५० मिलियन डॉलर का है। यह फिल्म २ जून २०१७ को वार्नर ब्रदर्स द्वारा पूरी दुनिया में रिलीज़ किया जायेगा।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 28 July 2016
महाश्वेता देवी की कहानी पर बनी थी संघर्ष
बांगला लेखिका
महाश्वेता देवी का आज ९० साल की आयु में निधन हो गया। महाश्वेता देवी की रचनाओं
पर कुछ यादगार और बहुप्रशंसित फिल्मों का निर्माण हुआ है। हिंदी दर्शकों को, पहली बार महाश्वेता देवी की कलम से बजरिया रुपहला पर्दा रुबरु होने का मौका मिला हरमन सिंह
रवैल की फिल्म संघर्ष से। २७ जुलाई १९६८ को रिलीज़ यह फिल्म महाश्वेता देवी की लघु
कथा लाय्ली आसमानेर अयना पर आधारित थी। यह फिल्म वाराणसी की मशहूर ठगी और ठगों के
दो गुटों के बीच संघर्ष पर थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, जयंत, बलराज
साहनी, संजीव कुमार, उल्हास और इफ़्तेख़ार जैसे सशक्त अभिनेताओं ने दमदार अभिनय किया
था। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई थी। निर्देशक कल्पना लाजमी ने महाश्वेता देवी की
एक अन्य लघु कथा पर फिल्म रुदाली का निर्माण किया। डिंपल कपाडिया, राज बब्बर,
राखी और अमजद खान की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म ऑस्कर की विदेशी फिल्मों की
श्रेणी के लिए भेजी गई। महाश्वेता देवी के १९७५ में प्रकाशित पुस्तक मदर ऑफ़ १०८४
पर गोविन्द निहलानी ने हजार चौरासी की माँ का निर्माण किया था। यह फिल्म एक ऐसी
माँ की कहानी थी, जिसका पुत्र नक्सल आन्दोलन में अपनी जान गंवा देता है। इस फिल्म
में जया बच्चन ने माँ की भूमिका की थी। इस फिल्म ने १९९८ में बेस्ट फीचर फिल्म का
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। उनकी एक दूसरी लघु कथा चोली के पीछे पर एक इतालवी
फिल्म डायरेक्टर इटालोस्पिनेली ने फिल्म गंगोर का निर्माण किया। इस फिल्म को
बंगाली, संथाली और इंग्लिश में बनाया गया। यह फिल्म इतालवी भाषा में डब कर इटली
के फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई। मशहूर फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर की पत्नी चित्रा
पालेकर ने महाश्वेता देवी की कहानी बायेन पर मराठी फिल्म माती माय का निर्माण किया
था। महाश्वेता देवी की रचनाओं पर बनी यह सभी फ़िल्में सशक्त चरित्रों और समाज को
निशाना बनाते कथानकों के कारण चर्चा में रहीं। उन्हें श्रद्धांजलि।
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श्रद्धांजलि
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Wednesday, 27 July 2016
बॉलीवुड फिल्मों में मशहूर हत्याकांडों की सनसनी !
इस मशहूर हत्याकांड पर कई किताबें लिखी गई और हिंदी फ़िल्में बनाई गई । अभिनेता सुनील दत्त ने अपने प्रोडक्शन हाउस की नींव इसी हत्याकांड पर फिल्म ये रास्ते हैं प्यार के से रखी । फिल्म के निर्देशक आर के नय्यर थे । सुनील दत्त (नानावटी), रहमान (प्रेम आहूजा) और लीला नायडू (सिल्विया) की मुख्य भूमिका वाली यह रियल लाइफ मर्डर फिल्म फ्लॉप हुई । ये रास्ते हैं प्यार के के बाद इस ट्रायल पर १९७३ में गुलज़ार ने अचानक फिल्म का निर्माण किया । विनोद खन्ना, लिली चक्रवर्ती और ओम शिवपुरी की केंद्रीय भूमिका वाली यह फिल्म हिट साबित हुई । १२ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही अक्षय कुमार की फिल्म रुस्तम भी इसी हत्याकांड पर फिल्म है । अभिनेत्री और फिल्म निर्माता पूजा भट्ट की फिल्म लव अफेयर भी मोटामोटी इसी हत्याकांड पर बनाई जा रही है ।
ज़ाहिर है कि ५७ साल
बाद भी प्रेम आहूजा हत्याकांड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को हौंट कर रहा है । क्योंकि,
इस हत्याकांड की कहानी में जांबाज़ भारतीय
सैन्य अधिकारी है, अवैध प्रेम सम्बन्ध
हैं, अखबारी सुर्ख़ियों से
भारी सनसनी है और नायक के प्रति भरपूर सहानुभूति के क्षण भी । हिंदी फिल्मों को
ऐसे ही मामलों की तलाश होती है । हत्या अपराध में जहां अपराध होता है, वहीँ सनसनी भी होती है । कहानी जानने में दर्शकों
की उत्सुकता भी होती है । इसीलिए, काफी हिंदी फ़िल्में रियल लाइफ हत्याकांडों पर बनाई गई । इनमे ज्यादा सफल हुई और बुरी तरह से असफल भी ।
आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में।
आयुषी हत्याकांड पर
तलवार और रहस्य –
२००८ में नॉएडा के आयुषी तलवार हत्याकांड पर बॉलीवुड ने दो फ़िल्में बनाई । हालाँकि, मनीष गुप्ता की फिल्म रहस्य शुरुआत में आयुषी हत्याकांड पर लगती थी । लेकिन, फिर वह ट्रैक छोड़ कर एक आम हत्या-रहस्य फिल्म बन कर रह गई । वहीँ, विशाल भरद्वाज द्वारा निर्मित और लिखित फिल्म तलवार में इस हत्याकांड का लेखक ने खुद ट्रायल किया था । फिल्म में इंगित करते हुए सवाल उठाये गए थे । इस फिल्म को मीडिया ने काफी उछला भी । इसलिए, अचानक बनाने वाले गुलज़ार की बेटी मेघना की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही ।
२००८ में नॉएडा के आयुषी तलवार हत्याकांड पर बॉलीवुड ने दो फ़िल्में बनाई । हालाँकि, मनीष गुप्ता की फिल्म रहस्य शुरुआत में आयुषी हत्याकांड पर लगती थी । लेकिन, फिर वह ट्रैक छोड़ कर एक आम हत्या-रहस्य फिल्म बन कर रह गई । वहीँ, विशाल भरद्वाज द्वारा निर्मित और लिखित फिल्म तलवार में इस हत्याकांड का लेखक ने खुद ट्रायल किया था । फिल्म में इंगित करते हुए सवाल उठाये गए थे । इस फिल्म को मीडिया ने काफी उछला भी । इसलिए, अचानक बनाने वाले गुलज़ार की बेटी मेघना की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही ।
नॉट अ लव स्टोरी –
मई २००८ में टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर का भी १९५९ के सूरी हत्याकांड की तरह मर्डर हुआ था । लेफ्टिनेंट एम एल जेरोम मैथ्यू ने अपनी अभिनेत्री दोस्त के साथ नीरज की हत्या कर दी थी । इतना ही नहीं दोनों ने नीरज की लाश के छोटे छोटे टुकडे कर फेंक दिए थे । इस मामले पर निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने नॉट अ लव स्टोरी टाइटल वाली फिल्म का निर्माण किया था । धीमे और क्रूर दृश्यों के कारण यह फिल्म काफी बोझिल हो गई थी । माही गिल, दीपक डोबरियाल और अजय गेही अभिनीत यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी ।
मई २००८ में टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर का भी १९५९ के सूरी हत्याकांड की तरह मर्डर हुआ था । लेफ्टिनेंट एम एल जेरोम मैथ्यू ने अपनी अभिनेत्री दोस्त के साथ नीरज की हत्या कर दी थी । इतना ही नहीं दोनों ने नीरज की लाश के छोटे छोटे टुकडे कर फेंक दिए थे । इस मामले पर निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने नॉट अ लव स्टोरी टाइटल वाली फिल्म का निर्माण किया था । धीमे और क्रूर दृश्यों के कारण यह फिल्म काफी बोझिल हो गई थी । माही गिल, दीपक डोबरियाल और अजय गेही अभिनीत यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी ।
मैं और चार्ल्स-
भारतीय पिता और विएतनामी माँ की संतान चार्ल्स शोभराज को भारत से नफ़रत थी । लेकिन, फ्रांस में कुख्यात अपराधी बनने वाले चार्ल्स के नसीब में भारतीय जेल ही थी । सत्तर-अस्सी के दशक में दुनिया, ख़ास तौर पर भारतीय पुलिस को छका मारने वाले चार्ल्स शोभराज को खूबसूरत औरतों की हत्या करने के कारण बिकिनी किलर भी कहा जाता था । इसी करैक्टर पर प्रवाल रमण की फिल्म थी मैं और चार्ल्स । इस फिल्म को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार की दृष्टि से बनाया गया था । फिल्म में चार्ल्स शोभराज की भूमिका रणदीप हूडा ने की थी । इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली ।
भारतीय पिता और विएतनामी माँ की संतान चार्ल्स शोभराज को भारत से नफ़रत थी । लेकिन, फ्रांस में कुख्यात अपराधी बनने वाले चार्ल्स के नसीब में भारतीय जेल ही थी । सत्तर-अस्सी के दशक में दुनिया, ख़ास तौर पर भारतीय पुलिस को छका मारने वाले चार्ल्स शोभराज को खूबसूरत औरतों की हत्या करने के कारण बिकिनी किलर भी कहा जाता था । इसी करैक्टर पर प्रवाल रमण की फिल्म थी मैं और चार्ल्स । इस फिल्म को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार की दृष्टि से बनाया गया था । फिल्म में चार्ल्स शोभराज की भूमिका रणदीप हूडा ने की थी । इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली ।
पांच-
अनुराग कश्यप की फिल्म पांच १९७६-७७ के दौर के कुख्यात सीरियल किलर जोशी –अभ्यंकर पर आधारित थी । यह फिल्म पांच सदस्यों वाले बैंड के सदस्यों के एक अपहरण करने और फिर हत्या कर देने पर आधारित थी । इसके बाद हत्या, दगाबाजी और प्रतिशोध का सिलसिला चल निकलता है । भारतीय सेंसर ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से साफ़ इनकार कर दिया था ।
अनुराग कश्यप की फिल्म पांच १९७६-७७ के दौर के कुख्यात सीरियल किलर जोशी –अभ्यंकर पर आधारित थी । यह फिल्म पांच सदस्यों वाले बैंड के सदस्यों के एक अपहरण करने और फिर हत्या कर देने पर आधारित थी । इसके बाद हत्या, दगाबाजी और प्रतिशोध का सिलसिला चल निकलता है । भारतीय सेंसर ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से साफ़ इनकार कर दिया था ।
जॉली एलएलबी-
यह फिल्म एक रईस के लडके संजीव नंदा द्वारा तेज़ रफ़्तार गाड़ी से लोगों को कुचलने प्रियदर्शिनी हत्याकांड पर मोटे तौर पर आधारित थी । फिल्म के डायरेक्टर और लेखक सुभाष कपूर ने इस फिल्म को अरशद वारसी, सौरभ शुक्ल और बोमन ईरानी के मध्यम से सहज कॉमेडी के तौर पर पेश किया था । यहाँ कोर्ट की परिस्थितियों पर भी टिपण्णी करती थी । अब इस फिल्म के सीक्वल बनाए जाने की खबर है ।
यह फिल्म एक रईस के लडके संजीव नंदा द्वारा तेज़ रफ़्तार गाड़ी से लोगों को कुचलने प्रियदर्शिनी हत्याकांड पर मोटे तौर पर आधारित थी । फिल्म के डायरेक्टर और लेखक सुभाष कपूर ने इस फिल्म को अरशद वारसी, सौरभ शुक्ल और बोमन ईरानी के मध्यम से सहज कॉमेडी के तौर पर पेश किया था । यहाँ कोर्ट की परिस्थितियों पर भी टिपण्णी करती थी । अब इस फिल्म के सीक्वल बनाए जाने की खबर है ।
नो वन किल्ड जेसिका-
यह फिल्म भी १९९९ में दिल्ली के एक बार में बार गर्ल जेसिका लाल की एक नेता के बेटे मनु शर्मा द्वारा हत्या किये जाने की घटना पर आधारित थी । राजकुमार गुप्ता की यह फिल्म ख़ास तौर पर मानवीय संवेदना का चित्रण करने वाली फिल्म थी । इस फिल्म में विद्या बालन और रानी मुख़र्जी का बेहतरीन अभिनय था । नो वन किल्ड जेसिका को अच्छी सफलता मिली थी ।
यह फिल्म भी १९९९ में दिल्ली के एक बार में बार गर्ल जेसिका लाल की एक नेता के बेटे मनु शर्मा द्वारा हत्या किये जाने की घटना पर आधारित थी । राजकुमार गुप्ता की यह फिल्म ख़ास तौर पर मानवीय संवेदना का चित्रण करने वाली फिल्म थी । इस फिल्म में विद्या बालन और रानी मुख़र्जी का बेहतरीन अभिनय था । नो वन किल्ड जेसिका को अच्छी सफलता मिली थी ।
द स्टोन मैन मर्डर-
अस्सी दशक में मुंबई के फूटपाथ पर सोने वालों का आतंक का दशक था । कोई सिरफिरा आदमी बड़े नुकीले पत्थर की मदद से फूटपाथ पर सोये लोगों की हत्या करता था । इस किलर ने मुंबई पुलिस की नींद हराम कर दी थी । मनीष गुप्ता की इस फिल्म में के के मेनन, अरबाज़ खान, विक्रम गोखले और वीरेंदर सक्सेना ने पुलिस अधिकारीयों और सीरियल किलर की भूमिका की थी ।
अस्सी दशक में मुंबई के फूटपाथ पर सोने वालों का आतंक का दशक था । कोई सिरफिरा आदमी बड़े नुकीले पत्थर की मदद से फूटपाथ पर सोये लोगों की हत्या करता था । इस किलर ने मुंबई पुलिस की नींद हराम कर दी थी । मनीष गुप्ता की इस फिल्म में के के मेनन, अरबाज़ खान, विक्रम गोखले और वीरेंदर सक्सेना ने पुलिस अधिकारीयों और सीरियल किलर की भूमिका की थी ।
एक्सीडेंट ऑन हिल
रोड-
महेश नायर निर्देशित यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म स्टक की ऑफिसियल रीमेक थी । लेकिन, स्टक वास्तव में शान्टे मलार्ड ट्रायल पर आधारित थी । मलार्ड अपनी तेज़ रफ़्तार कार से एक राहगीर को रौंद देती है । लेकिन, उस गरीब बेघर आदमी को चिकित्सा मदद पहुंचाने के बजाय अपनी कार की विंड स्क्रीन पर ही पडा हुआ लेकर अपने घर के गेराज में बंद कर देती है । जहाँ उस व्यक्ति ग्रेगरी ग्लेन बिग्स की व्यक्ति हो जाती है । मलार्ड को लम्बे ट्रायल के बाद दोषी मानते हुए पचास साल की सज़ा सुनाई जाती है । एक्सीडेंट ऑन हिल रोड में इंडियन मलार्ड की भूमिका सेलिना जेटली ने की थी । यह फिल्म फ्लॉप हुई थी ।
महेश नायर निर्देशित यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म स्टक की ऑफिसियल रीमेक थी । लेकिन, स्टक वास्तव में शान्टे मलार्ड ट्रायल पर आधारित थी । मलार्ड अपनी तेज़ रफ़्तार कार से एक राहगीर को रौंद देती है । लेकिन, उस गरीब बेघर आदमी को चिकित्सा मदद पहुंचाने के बजाय अपनी कार की विंड स्क्रीन पर ही पडा हुआ लेकर अपने घर के गेराज में बंद कर देती है । जहाँ उस व्यक्ति ग्रेगरी ग्लेन बिग्स की व्यक्ति हो जाती है । मलार्ड को लम्बे ट्रायल के बाद दोषी मानते हुए पचास साल की सज़ा सुनाई जाती है । एक्सीडेंट ऑन हिल रोड में इंडियन मलार्ड की भूमिका सेलिना जेटली ने की थी । यह फिल्म फ्लॉप हुई थी ।
सिंस-
एक कैथोलिक पादरी एक सुंदर लड़की से प्रेम करने लगता है । दोनों के बीच सेक्सुअल रिलेशन कायम हो जाते हैं । नतीजे के तौर पर लड़की गर्भवती हो जाती है । जब वह लड़की पादरी से शादी करने के लिए दबाव डालती है तो वह उसे मार डालता है । केरल के एक चर्च के फादर द्वारा एक औरत का मर्डर करने के कारण पूरे देश में चर्चित हुई थी । विनोद पाण्डेय की इस कहानी पर फिल्म सिंस को ईसाई समुदाय द्वारा विरोध किया गया । सेंसर के जाल में फंसने के कारण फिल्म काफी देर से रिलीज़ हुई । इस फिल्म को भी ख़ास सफलता नहीं मिली ।
एक कैथोलिक पादरी एक सुंदर लड़की से प्रेम करने लगता है । दोनों के बीच सेक्सुअल रिलेशन कायम हो जाते हैं । नतीजे के तौर पर लड़की गर्भवती हो जाती है । जब वह लड़की पादरी से शादी करने के लिए दबाव डालती है तो वह उसे मार डालता है । केरल के एक चर्च के फादर द्वारा एक औरत का मर्डर करने के कारण पूरे देश में चर्चित हुई थी । विनोद पाण्डेय की इस कहानी पर फिल्म सिंस को ईसाई समुदाय द्वारा विरोध किया गया । सेंसर के जाल में फंसने के कारण फिल्म काफी देर से रिलीज़ हुई । इस फिल्म को भी ख़ास सफलता नहीं मिली ।
बवंडर-
राजस्थान के भटेरी गाँव की एक समाज सेविका भंवरी देवी के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की घटना पर जग मूंधड़ा ने फिल्म बवंडर का निर्माण किया था । फिल्म के साथ ख़ास बात यह थी कि खुद बनवारी देवी ने इस फिल्म से खुद को दूर रखा था । फिल्म में भंवरी देवी के ऑन स्क्रीनकरैक्टर नंदिता दास ने किया था । इस फिल्म को समीक्षकों द्वारा सराहा गया । के सी बोकाडिया की मलिका शेरावत की मुख्य भूमिका वाली फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स भी भंवरी देवी पर केन्द्रित फिल्म बताई जाती है ।
राजस्थान के भटेरी गाँव की एक समाज सेविका भंवरी देवी के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की घटना पर जग मूंधड़ा ने फिल्म बवंडर का निर्माण किया था । फिल्म के साथ ख़ास बात यह थी कि खुद बनवारी देवी ने इस फिल्म से खुद को दूर रखा था । फिल्म में भंवरी देवी के ऑन स्क्रीनकरैक्टर नंदिता दास ने किया था । इस फिल्म को समीक्षकों द्वारा सराहा गया । के सी बोकाडिया की मलिका शेरावत की मुख्य भूमिका वाली फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स भी भंवरी देवी पर केन्द्रित फिल्म बताई जाती है ।
मशहूर हत्याकांडों
पर बॉलीवुड की ज़्यादातर फ़िल्में ख़राब स्क्रिप्ट और मिस कास्टिंग का शिकार हुई थी ।
इन फिल्मों को सनसनी फैलाने और दर्शकों को आकर्षित करने के ख्याल से ही बनाया गया
था । काफी फ़िल्में अपने सेक्सुअल कंटेंट के कारण सेंसर की कैंची का शिकार भी हुई ।
सेंसर को इनकी ज्यादा हिंसा भी रास नहीं आई । इसके बावजूद नो वन किल्ड जेसिका,
बवंडर, अचानक, जॉली एलएलबी, आदि फिल्मों को सराहना भी मिली और दर्शक भी । दर्शकों का ध्यान आसानी
से खींचने के लिहाज़ से लगभग सभी फिल्मों को कामयाब कहा जा सकता है ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कर्ट के बदले की कहानी किकबॉक्सर: वेंजन्स
मार्शल आर्ट्स के महारथी कर्ट और एरिक भाइयों की कहानी पर पहली फिल्म किकबॉक्सर १९८९ में रिलीज़ हुई थी। जीन-क्लौड वैन डैम और डेनिस अलेक्सियो की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म ने वैन डैम को विश्व स्तरीय मार्शल आर्ट्स फिल्म एक्टर के बतौर स्थापित कर दिया था। इस फिल्म की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किकबॉक्सर के कई सीक्वल बनाए गए। डायरेक्टर जॉन स्टॉकवेल की फिल्म किकबॉक्सर: वेंजन्स मूल फिल्म का रिबूट या सेमी रीमेक बताई जा रही है। इस फिल्म में ओरिजिनल फिल्म के वन डैम है, लेकिन वह कर्ट की भूमिका में नहीं है। नई किकबॉक्सर में कर्ट और एरिक की भूमिका अलेन मोउसी और डैरेन शहलावी ने की है। वैन डैम मास्टर डुरांड की भूमिका में हैं। फिल्म किकबॉक्सर : वेंजन्स में एरिक की हत्या हो जाती है और कर्ट इस ह्त्या का बदला मार्शल आर्ट्स के ज़रिये लेने का प्राण करता है। यह फिल्म २ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है। फिल्म के सीक्वल रिटैलशन का पहले ही ऐलान कर दिया गया है।
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स्कल आइलैंड में सबसे विशाल काँग !
अमेरिका से एक और मॉन्स्टर यानि दैत्य फिल्म आ रही है। इस फिल्म के निर्देशक जॉर्डन वॉट-रॉबर्ट्स हैं तथा फिल्म का नाम काँग: स्कल आइलैंड है। यह फिल्म मशहूर किंग कॉंग फ्रैंचाइज़ी की रिबूट फिल्म है। यह गॉडजिला- कॉंग फिल्म सीरीज में दूसरी क़िस्त होगी। वार्नर ब्रदर्स द्वारा २०१४ में इस सीरीज की पहली फिल्म गॉडजिला रिलीज़ की थी। लीजेंडरी एंटरटेनमेंट की काँग: स्कल आइलैंड में टॉम हिडलेस्टन, सैम्युएल एल जैक्सन, ब्री लार्सन, जैसन मिशेल, कोरी हॉकिंस, टॉबी केबल, टॉम विल्किंसन, थॉमस मंन, टेरी नोटरी, जॉन गुडमैन और जॉन सी राइली विभिन्न भूमिकाओं में हैं। १० मार्च २०१७ को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में किंग काँग का ८३ साल पहले का इतिहास शामिल किया गया है। लेकिन, निर्देशक जॉर्डन वॉट-रॉबर्ट्स का वादा है कि इस फिल्म में दैत्याकार काँग का बहुत बड़ा करिश्मा शामिल होगा । स्टूडियो द्वारा इस फिल्म का जो चित्र जारी किया गया है, उसमे टॉम हिड्लेस्टन और ब्री लार्सन हड्डियों के ढेर के बीच विशाल खोपड़ी के अवशेष के नीचे खड़े दिखाए गए हैं। वॉट-रॉबर्ट्स कहते हैं, "खोपड़ी के विशाल आकार से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अब तक पारम्परिक काँग को देखते आ रहे दर्शकों को क्या-कैसा काँग देखने को मिलेगा। हमारा कॉंग सिनेमा के इतिहास का सबसे विशाल काँग है।" इस ज़िक्र से पढ़ने वाले दर्शक कॉंग की विशालता का अनुमान लगाना चाहेंगे। इसे भांपते हुए वॉट आगे कहते हैं, "पीटर जैक्सन का कॉंग (किंग-कॉंग २००५) लगभग २५ फ़ीट का था। १९३३ की किंग काँग का कॉंग २५ से ५० फ़ीट के करीब था। लेकिन, हमारी फिल्म का कॉंग फिफ्टी प्लस का होगा। फिल्म में इसका आकार बदलता रहेगा। एम्पायर स्टेट बिल्डिंग पर यह सबसे बड़ा नज़र आएगा। आप कह सकते हैं कि १९७६ का काँग इसके आसपास कहीं था।" फिल्म की कहानी के अनुसार लैंडसैट प्रोग्राम के ज़रिये विश्व के विस्तार को नाप रहे नासा के वैज्ञानिक इस आइलैंड की खोज करते हैं। इसी के बाद दुनिया को इस विशाल आकृति का पता चलता है।
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Tuesday, 26 July 2016
मुन्ना माइकल फिल्म की सितंबर में शुटिंग शुरू होगी
टायगर श्रॉफ को डान्स और एक्शन करतें हुए उनके चाहनेवाले देखना चाहतें हैं। और मुन्ना माइकल इस रोमँटिक म्युजिकल फिल्म में इन दो चीजों के अलावा बहोत कुछ ओर भी हैं। टायगर के सामने कौन होंगी, इस के लिए कई सारी अभिनेत्रीयों के नाम सामने आ रहें हैं।
टायगर की हिरोइन के लिए जहाँ एक तरफ कई अभिनेत्रीयों के नामों की चर्चा हो रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के अनुसार, अब फिल्ममेकर्स सिनेमा के लिए नयी हिरोइन की तलाश में टैलेंट हंट करने की खबर भी उड रहीं हैं।
इस बारे में, फिल्ममेकर्स कोई भी जानकारी बाहर आने नही दे रहें हैं। लेकिन फिल्म के सूत्रों के अनूसार, फिल्म की शुटिंग सितंबर में शुरू हो जाएगी। और यह टैलेंट हंट फिलहाल जोरशोर से जारी हैं।
निर्देशक शब्बीर खान कहते हैं, “जी हाँ, फिलहाल सिनेमा के लिए हम नयी लडकी को तलाश कर रहें हैं। और उसके लिए देश के अलग अलग शहरों में रहें कास्टिंग निर्देशकों ने नये चेहरों की ऑडिशन्स लेना शुरू भी कर दिया हैं। मैंने हमेशा से ही नये टैलेंट को मौका दिया हैं।“
नेक्स्ट जेन फिल्म्स के निर्माता विकी राजानी ने कहा, “शब्बीर ने इससे पहले की फिल्म हिरोपंती के जरीये टायगर श्रॉफ और क्रिती सेनॉन को इंडस्ट्री में लाँच किया था। मुझे पूरा विश्वास हैं, की वो फिल्म इंडस्ट्री को फिर एक बार जेन-एक्स स्टार देंगे। चंडीगढ, दिल्ली, मुंबई, चैन्नई, कोलकता और बैंगलोर में फिलहाल नये चेहरे को तलाश ने के लिए ऑडिशन्स चल रहीं हैं।
क्वान के फाऊंडर और मैनेंजिंग डायरेक्टर अनिरबान ब्लाह कहते हैं, “हमारे फिल्म इंडस्ट्री का फिलहाल सबसे बडा चैलेंज हैं, सुपरस्टार बनने की काबिलियत रहें, नये टैलेंट को ढूंढना। नेक्सट जेन फिल्म्स के साथ मिलकर, इस टैलेंट हंट के जरीये, भारत की नयी सुपरस्टार हिरोइन हम ढूंढ रहें हैं। मुन्ना माइकल फिल्म से जल्द ही आप भारत को नयी टैलेंटेड हिरोइन मिलते हुए आप देखेंगें।“
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जॉन अब्राहम की फिल्म में अक्षय कुमार की 'ढिशूम'
निर्माता साजिद नाडियाडवाला की रोहित धवन
निर्देशित फिल्म ‘ढिशूम’ २९ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है। इस एक्शन कॉमेडी
फिल्म में रोहित धवन के भाई और एक्टर वरुण धवन जॉन अब्राहम के साथ एक्शन जोड़ी में
नज़र आयेंगे। उनके हिस्से कॉमेडी सीन ज्यादा है। इस एक्शन फिल्म के एक सीन में
अभिनेता अक्षय कुमार बॉल शूटिंग करते नज़र आयेंगे। वाटर स्टंट वाले इस सीन में
अक्षय कुमार जेट स्की पर बैठे हुए हैं, उन्होंने काली वेस्ट जैकेट पहन रखी है, उनके बॉल पीछे की ओर बंधे हुए हैं। अक्षय कुमार ने अपनी इस फोटो को सोशल साइट्स
पर डालते हुए, अपने दोस्तों साजिद, जॉन, वरुण और जैकी (जैक्विलिन फ़र्नान्डिस) को ‘ढिशूम’ की सफलता के लिए शुभकामनायें
दी हैं। जॉन अब्राहम और वरुण धवन के पुलिस रोल वाली इस फिल्म में अक्षय खन्ना
लम्बे अरसे बाद फिल्मों में वापसी कर रहे हैं। फिल्म में उनका नेगेटिव किरदार होगा।
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Saturday, 23 July 2016
बॉलीवुड की कैबरे गर्ल
पूजा भट्ट की फिल्म 'कैबरे ' के लिए कहा जा रहा है कि यह फिल्म बॉलीवुड में कैबरे को लोकप्रिय बनाने वाली डांसर हेलेन के जीवन पर है। इस फिल्म में हेलेन वाला किरदार ऋचा चड्डा कर रही हैं। ऋचा चड्डा के कैबरे डांसर बनने पर संदेह की गुंजाईश थी। उनमे ग्लैमर की कमी है। कैबरे में तो उत्तेजना काफी ज़रूरी होती है। हेलेन बिना अश्लील हुए उत्तेजना पैदा कर देती थी। क्या ऋचा चड्डा इस काम को सही तरीके से अंजाम दे पाएंगी ? कैबरे फिल्म में ऋचा चड्डा का जो कैबरे डांसर वाला पहला लुक जारी हुआ है, यह इसकी तस्दीक करता है कि वह सेन्सुअस लगती हैं। क्या ऋचा कभी बॉलीवुड फिल्मों के ज़रूरी तत्व कैबरे को नई ज़िन्दगी दे पाएंगी ? इसके लिए ज़रूरी है यह जानना कि बॉलीवुड में क्यों लोकप्रिय रहा था कैबरे और कैबरे डांसर ?
हेलेन : बॉलीवुड कैबरे क्वीन
ऐसे समय में जब कैबरे में हिंदी फिल्मों की कैबरे डांसर अभिनेत्री को केंद्र में रखा गया है, याद आ जाती हैं साठ के दशक और उसके बाद के दिनों के बॉलीवुड की कैबरे डांसरों की। एक हिट कैबरे डांस के लिए जितना अच्छा डांसर होना ज़रूरी है, उतना ही धमाकेदार तेज़ रफ़्तार पाश्चात्य संगीत, रोशनी से उजला सेट और डांसरों का ग्रुप भी ज़रूरी है। इस लिहाज़ से बॉलीवुड के कैबरे डांसर युग में राहुल देव बर्मन का संगीत, आशा भोसले की हस्की आवाज़ और हेलेन का डांस, परफेक्ट कॉम्बिनेशन हुआ करता था। आशा भोसले के टॉप कैबरे डांस गीत ये मेरा दिल, आओ न गले लग जाओ न, आज की रात कोई आने को है बेकरार, पिया तू अब तो आजा, ओ हसीना, आदि कैबरे गीत हेलेन पर ही फिल्माए गए हैं। हालाँकि, हेलेन, आशा भोसले और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने भी अच्छे कैबरे गीतों की रचना की। हालाँकि, हेलेन को बॉलीवुड की कैबरे गर्ल बनाने वाले गीत ओ पी नय्यर का संगीतबद्ध और गीता दत्त का गाया हुआ था। फिल्म थी शक्ति सामन्त की हावड़ा ब्रिज और गीत था मेरा नाम चुन चुन चिन। इसी फिल्म में मधुबाला पर आइये मेहरबान फिल्माया गया था। इसे आशा भोसले ने गाया था।
तबकी कैबरे डांसर
हेलेन से पहले कुकु को इस प्रकार के गीतों के कारण शोहरत मिली थी। हेलेन के समय में फरयाल नाम की डांसर भी अपने उत्तेजक डांस नंबरों के लिए जानी जाती थी। साठ के दशक में उनके कैबरे की धूम मचा करती थी। उन्हें यह शोहरत देव आनंद, अशोक कुमार, वैजयंती माला और तनूजा की फिल्म ज्वेल थीफ में कैबरे करने के बाद मिली। अरुणा ईरानी भी अपने कैबरे डांसों के कारण पहचानी गई। उनके अलावा शशिकला, बिंदु, जयश्री टी, लक्ष्मी छाया, आदि भी कैबरे डांस करती थी। हालाँकि, इस दौर में मुमताज़ ने भी धमाकेदार कैबरे किये। लेकिन वह लोकप्रिय हुई बतौर नायिका ही। ज़ीनत अमान का फिल्म 'क़ुरबानी' का आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आये आज भी पॉपुलर कैबरे में शुमार किया जाता है।
आज की कैबरे डांसर
हिंदी में कैबरे का वह रूप तो दिखाई नहीं देता, जो साथ के दशक में था। अब हिंदी फिल्मों में कोई खालिस कैबरे डांसर किरदार नज़र नहीं आता। कोई कैबरे डांसर वैम्प भी अब फिल्मों का अंग नहीं होती। इसके बावजूद फिल्मों की नायिका कभी कभार कैबरे डांस करते या कैबरे डांसर की आड़ लेती नज़र आती हैं। इस लिहाज़ से पिछले साल की बड़ी फ्लॉप फिल्म बॉम्बे वेलवेट की अनुष्का शर्मा को याद किया जा सकता है। हालाँकि, वह इस फिल्म में कैबरे डांसर तो नहीं जैज़ सिंगर के किरदार में थी। २००७ की फिल्म ओम शांति ओम में फिल्म अभिनेत्री बनी दीपिका पादुकोण धूम तना गीत पर शाहरुख़ खान के साथ कैबरे डांसर कर रही थी। दीपिका की बाजीराव मस्तानी में साथी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने यशराज फिल्म्स की पीरियड फिल्म गुंडे में अस्सलाम-ए- इसकुम गीत पर तड़फड़ाता कैबरे किया था। प्रियंका चोपड़ा फिल्म शूट आउट ऐट वडाला और ज़ंजीर २०१५) में भी कैबरे कर चुकी हैं। करीना कपूर खान का फिल्म तलाश (आमिर खान और रानी मुख़र्जी की) में मुस्काने झूठी गीत पर कैबरे उत्तेजक बन पड़ा था। करीना कपूर ने अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन में हेलेन के कैबरे गीत ये मेरा दिल प्यार का दीवाना को काफी उत्तेजक तरीके से अंजाम दिया था। इन दोनों फिल्मों में उन्होंने एक कॉल गर्ल का किरदार किया था। तीस मार खान के शीला की जवानी और धूम ३ के कमली गीत से कैटरिना कैफ अच्छी कैबरे डांसर साबित होती थी।
लता मंगेशकर के छः कैबरे गीत
हेलेन : बॉलीवुड कैबरे क्वीन
ऐसे समय में जब कैबरे में हिंदी फिल्मों की कैबरे डांसर अभिनेत्री को केंद्र में रखा गया है, याद आ जाती हैं साठ के दशक और उसके बाद के दिनों के बॉलीवुड की कैबरे डांसरों की। एक हिट कैबरे डांस के लिए जितना अच्छा डांसर होना ज़रूरी है, उतना ही धमाकेदार तेज़ रफ़्तार पाश्चात्य संगीत, रोशनी से उजला सेट और डांसरों का ग्रुप भी ज़रूरी है। इस लिहाज़ से बॉलीवुड के कैबरे डांसर युग में राहुल देव बर्मन का संगीत, आशा भोसले की हस्की आवाज़ और हेलेन का डांस, परफेक्ट कॉम्बिनेशन हुआ करता था। आशा भोसले के टॉप कैबरे डांस गीत ये मेरा दिल, आओ न गले लग जाओ न, आज की रात कोई आने को है बेकरार, पिया तू अब तो आजा, ओ हसीना, आदि कैबरे गीत हेलेन पर ही फिल्माए गए हैं। हालाँकि, हेलेन, आशा भोसले और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने भी अच्छे कैबरे गीतों की रचना की। हालाँकि, हेलेन को बॉलीवुड की कैबरे गर्ल बनाने वाले गीत ओ पी नय्यर का संगीतबद्ध और गीता दत्त का गाया हुआ था। फिल्म थी शक्ति सामन्त की हावड़ा ब्रिज और गीत था मेरा नाम चुन चुन चिन। इसी फिल्म में मधुबाला पर आइये मेहरबान फिल्माया गया था। इसे आशा भोसले ने गाया था।
तबकी कैबरे डांसर
हेलेन से पहले कुकु को इस प्रकार के गीतों के कारण शोहरत मिली थी। हेलेन के समय में फरयाल नाम की डांसर भी अपने उत्तेजक डांस नंबरों के लिए जानी जाती थी। साठ के दशक में उनके कैबरे की धूम मचा करती थी। उन्हें यह शोहरत देव आनंद, अशोक कुमार, वैजयंती माला और तनूजा की फिल्म ज्वेल थीफ में कैबरे करने के बाद मिली। अरुणा ईरानी भी अपने कैबरे डांसों के कारण पहचानी गई। उनके अलावा शशिकला, बिंदु, जयश्री टी, लक्ष्मी छाया, आदि भी कैबरे डांस करती थी। हालाँकि, इस दौर में मुमताज़ ने भी धमाकेदार कैबरे किये। लेकिन वह लोकप्रिय हुई बतौर नायिका ही। ज़ीनत अमान का फिल्म 'क़ुरबानी' का आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आये आज भी पॉपुलर कैबरे में शुमार किया जाता है।
आज की कैबरे डांसर
हिंदी में कैबरे का वह रूप तो दिखाई नहीं देता, जो साथ के दशक में था। अब हिंदी फिल्मों में कोई खालिस कैबरे डांसर किरदार नज़र नहीं आता। कोई कैबरे डांसर वैम्प भी अब फिल्मों का अंग नहीं होती। इसके बावजूद फिल्मों की नायिका कभी कभार कैबरे डांस करते या कैबरे डांसर की आड़ लेती नज़र आती हैं। इस लिहाज़ से पिछले साल की बड़ी फ्लॉप फिल्म बॉम्बे वेलवेट की अनुष्का शर्मा को याद किया जा सकता है। हालाँकि, वह इस फिल्म में कैबरे डांसर तो नहीं जैज़ सिंगर के किरदार में थी। २००७ की फिल्म ओम शांति ओम में फिल्म अभिनेत्री बनी दीपिका पादुकोण धूम तना गीत पर शाहरुख़ खान के साथ कैबरे डांसर कर रही थी। दीपिका की बाजीराव मस्तानी में साथी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने यशराज फिल्म्स की पीरियड फिल्म गुंडे में अस्सलाम-ए- इसकुम गीत पर तड़फड़ाता कैबरे किया था। प्रियंका चोपड़ा फिल्म शूट आउट ऐट वडाला और ज़ंजीर २०१५) में भी कैबरे कर चुकी हैं। करीना कपूर खान का फिल्म तलाश (आमिर खान और रानी मुख़र्जी की) में मुस्काने झूठी गीत पर कैबरे उत्तेजक बन पड़ा था। करीना कपूर ने अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन में हेलेन के कैबरे गीत ये मेरा दिल प्यार का दीवाना को काफी उत्तेजक तरीके से अंजाम दिया था। इन दोनों फिल्मों में उन्होंने एक कॉल गर्ल का किरदार किया था। तीस मार खान के शीला की जवानी और धूम ३ के कमली गीत से कैटरिना कैफ अच्छी कैबरे डांसर साबित होती थी।
लता मंगेशकर के छः कैबरे गीत
कैबरे गीतों के लिहाज़ से आशा भोसले परफेक्ट थी। हालाँकि, दीदी लता मंगेशकर की मौजूदगी में कैबरे जैसे उत्तेजक गीत गाना उनकी मज़बूरी थे। रोमांटिक, चुलबुले और दर्द भरे गीत गाने में लता मंगेशकर बेजोड़ थी। उनकी मौजूदगी में कौन आशा से लता के गए जा सकने वाले गीत गवाता। ज़ाहिर है कि लता कैबरे गीतों से परहेज करती होंगी, तभी ऐसे तमाम गीत आशा भोसले को मिली । लेकिन, लता के कुछ ऐसे गीत गवाह हैं कि अगर लता मंगेशकर इंकार न करती तो वह चटपटे-उत्तेजक कैबरे गीत भी गा सकती थी। आइये जानते हैं लता मंगेशकर के बेहद लोकप्रिय हुए कैबरे गीतों के बारे में-
इंतकाम- आ जान ए जां, आ मेरा यह हुस्न जवां- १९६९ में रिलीज़ इस फिल्म के गीत को लता मंगेशकर ने गाया था तथा यह गीत कैबरे क्वीन हेलेन का सबसे ज्यादा मशहूर कैबरे गीत है। अमूमन फिल्म निर्माता जानते थे कि लता मंगेशकर ऐसे गीतों को गाने से परहेज़ करती हैं। इंतकाम के संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी थी। इस जोड़ी ने लता को समझाया कि उनके इस गीत से उन्हें परेशानी नहीं होगी, क्यों गीत की कम्पोजीशन उनकी शैली में की गई है तथा पूरी तरह से कलात्मक है। वास्तव में हुआ भी ऐसा ही।
गुमनाम- इस दुनिया में जीना हो तो सुन लो मेरी बात- इससे पहले लता मंगेशकर १९६५ में रिलीज़ हॉरर फिल्म गुमनाम के लिए एक कैबरे गीत गा चुकी थी। इस दुनिया में जीना हो तो सुन लो मेरी बात गीत को संगीतबद्ध किया था शंकर जयकिशन ने। यह गीत भी हेलेन के बिंदास करैक्टर मिस किटी पर फिल्माया गया था। हालाँकि, इसे विशुद्ध कैबरे नहीं कहा जा सकता है। फिर भी यह काफी हद तक कैबरे के निकट था।
वासना- जीने वाले झूम के मस्ताना हो के जी- साउथ के निर्देशक टी प्रकाशराव की फिल्म वासना के इस कैबरे गीत को लता मंगेशकर ने गाया था। फिल्म में राजकुमार, पद्मिनी, विश्वजीत और कुमुद छुगानी मुख्य भूमिका में थे। यह गीत हेलेन पर फिल्माया गया था। इस गीत को चित्रगुप्त ने संगीबद्ध किया था।
अप्रैल फूल- मेरा नाम रीता क्रिस्टीना- विश्वजीत और सायरा बानो की १९६४ में रिलीज़ रोमांटिक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म अप्रैल फूल के मेरा नाम रीता क्रिस्टीना को लता मंगेशकर ने गाया था। इस गीत को शंकर जयकिशन जोड़ी ने तैयार किया था। यह ऐसा गीत था, जो किसी कैबरे डांस करने वाली अभिनेत्री पर नहीं, बल्कि फिल्म की नायिका सायरा बानो पर फिल्माया गया था। फिल्म में सायरा कैबरे डांसर बन कर विलेन के अड्डे पर जाती हैं। यह गीत भी अपने समय के लोकप्रिय गीतों में शुमार किया जाता है।
नाईट इन लन्दन- और मेरा नाम है जमीला- लता मंगेशकर के गाये इस कैबरे गीत की धुन भी लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल ने बनाई थी। माला सिन्हा और विश्वजीत अभिनीत इस फिल्म का यह कैबरे गीत भी हेलेन पर फिल्माया गया था। यह कैबरे भी लता की गायिकी की शैली में तैयार किया गया था। ख़ास बात यह है कि इस गीत को एलपी की जोड़ी ने इंतकाम के कैबरे गीत से पहले ही कंपोज़ कर लिया था।
इंतक़ाम- महफ़िल सोयी, ऐसा कोई- इंतकाम के आ जाने जां गीत के धूम धड़ाके के बीच इसी फिल्म का महफ़िल सोयी, ऐसा कोई गीत उतना पॉपुलर नहीं हो सका। लता मंगेशकर के गए इस गीत का फिल्मांकन भी हेलेन पर किया गया था।
इंतकाम- आ जान ए जां, आ मेरा यह हुस्न जवां- १९६९ में रिलीज़ इस फिल्म के गीत को लता मंगेशकर ने गाया था तथा यह गीत कैबरे क्वीन हेलेन का सबसे ज्यादा मशहूर कैबरे गीत है। अमूमन फिल्म निर्माता जानते थे कि लता मंगेशकर ऐसे गीतों को गाने से परहेज़ करती हैं। इंतकाम के संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी थी। इस जोड़ी ने लता को समझाया कि उनके इस गीत से उन्हें परेशानी नहीं होगी, क्यों गीत की कम्पोजीशन उनकी शैली में की गई है तथा पूरी तरह से कलात्मक है। वास्तव में हुआ भी ऐसा ही।
गुमनाम- इस दुनिया में जीना हो तो सुन लो मेरी बात- इससे पहले लता मंगेशकर १९६५ में रिलीज़ हॉरर फिल्म गुमनाम के लिए एक कैबरे गीत गा चुकी थी। इस दुनिया में जीना हो तो सुन लो मेरी बात गीत को संगीतबद्ध किया था शंकर जयकिशन ने। यह गीत भी हेलेन के बिंदास करैक्टर मिस किटी पर फिल्माया गया था। हालाँकि, इसे विशुद्ध कैबरे नहीं कहा जा सकता है। फिर भी यह काफी हद तक कैबरे के निकट था।
वासना- जीने वाले झूम के मस्ताना हो के जी- साउथ के निर्देशक टी प्रकाशराव की फिल्म वासना के इस कैबरे गीत को लता मंगेशकर ने गाया था। फिल्म में राजकुमार, पद्मिनी, विश्वजीत और कुमुद छुगानी मुख्य भूमिका में थे। यह गीत हेलेन पर फिल्माया गया था। इस गीत को चित्रगुप्त ने संगीबद्ध किया था।
अप्रैल फूल- मेरा नाम रीता क्रिस्टीना- विश्वजीत और सायरा बानो की १९६४ में रिलीज़ रोमांटिक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म अप्रैल फूल के मेरा नाम रीता क्रिस्टीना को लता मंगेशकर ने गाया था। इस गीत को शंकर जयकिशन जोड़ी ने तैयार किया था। यह ऐसा गीत था, जो किसी कैबरे डांस करने वाली अभिनेत्री पर नहीं, बल्कि फिल्म की नायिका सायरा बानो पर फिल्माया गया था। फिल्म में सायरा कैबरे डांसर बन कर विलेन के अड्डे पर जाती हैं। यह गीत भी अपने समय के लोकप्रिय गीतों में शुमार किया जाता है।
नाईट इन लन्दन- और मेरा नाम है जमीला- लता मंगेशकर के गाये इस कैबरे गीत की धुन भी लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल ने बनाई थी। माला सिन्हा और विश्वजीत अभिनीत इस फिल्म का यह कैबरे गीत भी हेलेन पर फिल्माया गया था। यह कैबरे भी लता की गायिकी की शैली में तैयार किया गया था। ख़ास बात यह है कि इस गीत को एलपी की जोड़ी ने इंतकाम के कैबरे गीत से पहले ही कंपोज़ कर लिया था।
इंतक़ाम- महफ़िल सोयी, ऐसा कोई- इंतकाम के आ जाने जां गीत के धूम धड़ाके के बीच इसी फिल्म का महफ़िल सोयी, ऐसा कोई गीत उतना पॉपुलर नहीं हो सका। लता मंगेशकर के गए इस गीत का फिल्मांकन भी हेलेन पर किया गया था।
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