Saturday, 12 February 2022

अब दीपिका पादुकोण चाहें एनटीआर जूनियर और अल्लू अर्जुन


 

 

दक्षिण भारतीय फिल्म जगत के दिग्गज और नए कलाकार इस बात से जरूर सहमत होंगे कि एनटीआर जूनियर वास्तव में एक मल्टीटैलेंटेड सुपरस्टार है, क्योंकि फिल्मों की कामयाबी के साथ-साथ वो निर्माताओं के साथ सुर्खियों में रहते है | उनका सुपरस्टारडम सिर्फ दुनिया भर में लाखों प्रशंसकों तक ही सीमित नहीं है।



 

राष्ट्रीय मीडिया और कई बॉलीवुड हस्तियां भी उनके व्यक्तित्व से प्रभावित है, जो आरआरआर के प्रचार में सामने आया था। बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक दीपिका पादुकोण ने एनटीआर जूनियर के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है।




दीपिका पादुकोण ने अपनी आगामी फिल्म के प्रचार के दौरान यह बताया कि वह एनटीआर जूनियर के प्रति ऑब्सेस्ड है। जब एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि वो किस अभिनेता के साथ काम करना पसंद करेंगी, तो उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि मैं जो कहने जा रही हूँ उससे किसी प्रकार की रंजिश नहीं होगी, मैं एनटीआर जूनियर और अल्लू अर्जुन के साथ काम करना चाहूंगी। मैं इस समय एनटीआर जूनियर के प्रति ऑब्सेस्ड हूँ, उनका एक अद्भुत व्यक्तित्व है।"



 

जूनियर एनटीआर, एस एस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' से सभी भाषाओं के दर्शकों के दिलों पर राज करने की तैयारी में है. एनटीआर जूनियर इस फिल्म में कोमाराम भीम की भूमिका निभा रहे है , जो कि एक स्वतंत्रता सेनानी है।

 



यह स्पष्ट है कि आरआरआर अभिनेता ने राजामौली के निर्देशन में लिए सभी पड़ावों को पार किया है, अभिनेता का शानदार डांस हो या खतरनाक स्टंट या फिर उनका निडर व्यक्तित्व सभी दर्शकों का दिल जीतने के काबिल है |

हवाओं में है प्यार यानि ज़ी रिश्ते अवॉर्ड्स में फेवरेट जोड़ियों का परफॉर्मेंस!



एक बार फिर साल का वो समय आ गया है, जब ज़ी टीवी, ज़ी रिश्ते अवॉर्ड्स के साथ उन अनगिनत एक्टर्स, डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स, क्रिएटिव टीम्स और टेक्नीशियन्स के योगदान को सम्मानित करता है, जो दिन-रात मेहनत करके आपको आपके पसंदीदा प्राइमटाइम डेली शोज़ देते हैं। ज़ी रिश्ते अवॉर्ड्स का इस साल का समारोह बहुत भव्य होगा, जिसमें दर्शकों और उनके पसंदीदा किरदारों के बीच गहरे रिश्तों का जश्न मनाया जाएगा। साथ ही रिश्तों के एक शानदार त्यौहार के जरिए उस खास रिश्ते को भी सेलिब्रेट किया जाएगा, जो ज़ी टीवी अपने दर्शकों के साथ निभाता है।



 

सितारों से सजी अवॉर्ड्स की ये शाम आखिर इस रविवार प्रसारित होने जा रही है, जहां दर्शकों को ऋषि (रोहित सुचंती) एवं लक्ष्मी (ऐश्वर्या खरे), देवराज (अविनेश रेखी) एवं क्रिशा (अंजलि तत्रारी), मीत हुड्डा (आशी सिंह) एवं मीत अहलावत (शगुन पांडे), और करण (धीरज धूपर) एवं प्रीता (श्रद्धा आर्य) जैसे अपने पसंदीदा सितारों की कुछ मनमोहक परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी।

 



भाग्य लक्ष्मी‘ के ‘रिश्मी‘ यानी ऋषि एवं लक्ष्मी, रेड और व्हाइट रंग के परिधानों में कमाल के नजर आए,जिसमें उन्होंने ‘ये मौसम की बारिश‘ गाने पर एक रोमांटिक परफॉर्मेंस दी। उनकी परफॉर्मेंस परियों की कहानी से कम नहीं थी।




इस बीच, करण और प्रीता की मनमोहक परफॉर्मेंस ने भी सभी का मन मोह लिया। करण ने ब्लैक नेट की शर्ट पहनी थी और प्रीता रेड सिल्क साड़ी में बेहद खूबसूरत नजर आईं। दोनों ने मिलकर ‘बाहों में चले आ‘ और ‘भीगी भीगी रातों‘ में जैसे गानों पर बेहद दिलकश परफॉर्मेंस दी।



 

इतना ही नहीं! ज़ी कुटुंब के नए सदस्य देवराज (अविनेश रेखी) एवं क्रिशा (अंजलि तत्रारी) और मीत हुड्डा (आशी सिंह) एवं मीत अहलावत (शगुन पांडे) ने भी क्रमशः ‘मेरे यारा‘ और ‘मेरे नाम तू‘ जैसे गानों पर बड़ी रोमांटिक परफॉर्मेंस दीं। देवराज और क्रिशा पर्पल और सफेद रंग के परिधानों में सजे बड़े प्यारे नजर आए जबकि मीत हुड्डा और मीत अहलावत ब्लैक-ऑन-ब्लैक आउटफिट में काफी दिलकश दिखाई दिए।



 

कुल मिलाकर, ज़ी रिश्ते अवॉर्ड्स में पूरे ज़ी कुटुंब ने मिलकर सबके साथ खूब मस्ती की।

It’s a homecoming on Zee TV after 3 years for Sonali Bendre




Over the last three decades, Zee TV has been a pioneer in shaping the contours of reality television in India, introducing audiences to homegrown non-fiction formats like Antakshari, Sa Re Ga Ma Pa, Dance India Dance and India’s Best Dramebaaz.



These properties have not only emerged as immensely popular talent-based reality franchises, but they also continue to rule the audience’s hearts as cult phenomena, enjoying a robust following even in the current context. After receiving an overwhelming response to the previous four seasons that introduced audiences to some truly exceptional young dancers, the channel is all set to take the show to a whole new level with the launch of DID Li’l Masters Season 5



It was recently announced that popular Bollywood choreographer Remo D’Souza and the gorgeous Mouni Roy would be seen as the judges on the show. However, looks like there’s a new, interesting update! Acclaimed Bollywood actress Sonali Bendre has also joined the show and will be the third judge alongside Remo and Mouni. What’s more, is that DID Li’l Masters will also mark Sonali’s comeback as a reality show judge on Zee TV after 3 long years.



On returning to TV after a hiatus, Sonali Bendre said, “It’s great to be back with Zee TV and with the bachas on set once again! In many ways, it’s like I am coming home to my Zee family after a long break. I have been associated with Zee for a really long time, working on projects that I love and supporting art forms that I am passionate about.


Lata Mangeshkar took Indian music to new heights




Zee TV recently premiered a first-of-its-kind, devotional singing reality show - Swarna Swar Bharat. A humble contribution to the Honorable Prime Minister's noble initiative of 'Azaadi ka Amrit Mahotsav - the 75th anniversary of Indian Independence,' the show endeavours to celebrate our rich cultural heritage like never before. In fact, viewers have been having a gala time as the show takes them back to their roots through a unique blend of insightful and relatable stories narrated through some wonderful verses and soulful devotional music. While the talented singers have already mesmerized the audience, viewers are in for a treat this Saturday as top music director - Amar Haldipur will appear as the special guest alongside the judges for the Lata Mangeshkar tribute special episode.

 

 

 

All the performances by the young participants during this special episode were dedicated to the late legendary singer Lata Mangeshkar who passed away recently, and we have to say the acts left everyone teary-eyed during the shoot. In fact, the enchanting performance by Antara and Atharv to Ajeeb Dastaan Hai Ye and Tujhse Naraz Nahi Zindagi made guest Amar Haldipur and everyone on the sets of Swarna Swar Bharat extremely emotional. With everyone remembering the late musician, Amar ji mentioned how the legendary Lata Mangeshkar was the one who took Indian Music to new heights. Judge Suresh Wadkar also went on to pay a special tribute to the great Lata Mangeshkar by singing some of her most evergreen songs including the likes of Rula Ke Gaya Sapna Mera, Tumhein Yaad Karte Karte, and Mai Ri Main Kase Kahoon. He even revealed how she was his support system, especially at the beginning of his career and what made all the artists admire her!

 

 

 

Reminiscing his memories of Lata Mangeshkar, Amar Haldipur mentioned, “Lata ji took Indian music to new heights, and she was the one who taught everyone what music really was! The big void that she has left in our hearts can never be filled, but her music will live on forever. I must mention that she was a legendary singer and whenever she used to visit the sets for recording music, the ambiance used to change. We always saw her as an epitome of Saraswati Maa, and we’ll miss her dearly.”

 

 

 

While paying a tribute to Lata Mangeshkar, Suresh Wadkar added, “I have always said that whoever I am today, it is only because of Ravindra Jain Sahab. He had given me my first break. If he had never supported me, I would not be where I am today. But having said that, I must reveal that Lata didi was the one who introduced me to various other music directors. I remember very clearly how she used to call all the popular music directors, like Naushad Saheb, Laxmi Narayan Pyarelal, Pancham Da and she would always recommend me. She was my support system when I decided to enter the music industry. In fact, when I was first introduced to her, she was so happy knowing that I belonged to Kolhapur. I must say that she really used to care about her fellow artists, and that’s why she was so loved, respected and cared by everyone on the sets.”

 

 

 

To witness the heartwarming tribute to the legendary singer, Lata Mangeshkar, tune into Swarna Swar Bharat this Saturday at 8 pm, only on Zee TV!


पेशवा के फैसले के खिलाफ क्यों काशीबाई ?

 

ज़ी टीवी के ऐतिहासिक धारावाहिक काशीबाई बाजीराव बल्लाळ में मराठा साम्राज्य की सबसे प्रतिष्ठित महिलाओं में से एक काशीबाई बाजीराव बल्लाळ की भूली हुई कहानी दिखाई जा रही है।



यह शो अपनी शुरुआत से ही दर्शकों का दिल जीत रहा, जहां नन्हीं काशीबाई (आरोही पटेल) और बाजीराव (वेंकटेश पांडे) की जोड़ी देश भर में खूब पसंद की जा रही है।



आने वाले एपिसोड्स में दर्शक देखेंगे कि किस तरह काशीबाई एक गद्दार को फांसी देने के फैसले का विरोध करती हैं और बालाजी को अपना पक्ष समझाती हैं।



पेशवा की सातारा यात्रा कई मुश्किलों और चुनौतियों से भरी थी। दरअसल, उनकी हत्या के लिए एक जाल बिछाया गया था। एक गुप्तचर की मदद से काशी को इस शातिर योजना के बारे में पता चल जाता है। पेशवा की सलामती की फिक्र में वो बाजीराव के पास जाती हैं और उन्हें इस बारे में बताती हैं क्योंकि बाजीराव के जरिए ही वो उनके पिता की जान बचा सकती हैं। फिर बाजीराव के सैनिक उस गद्दार को पकड़ लेते हैं और उसे हवेली लाया जाता है, जहां उसे फांसी देने का फैसला सुनाया जाता है। 


स षड्यंत्र को लेकर उत्सुक बाजीराव को यह जानकर आश्चर्य होता है कि असल में उस गद्दार की पत्नी ने ही काशी से इस षड्यंत्र के बारे में बताया था। इस बीच, इस फैसले के बाद उस गद्दार की पत्नी अपने पति के लिए दया की फरियाद करती है और उसकी जिंदगी की भीख मांगती हैं।



अपने दिल में दया की भावना लिए काशी एक समर्पित पत्नी को अपने पति के लिए फरियाद करते नहीं देख पातीं और बाजीराव के द्वारा सुनाए गए फैसले का विरोध करती हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि काशी के इस फैसले पर बाजीराव की क्या प्रतिक्रिया होगी।

Sunday, 6 February 2022

हिंदी में भी रिलीज़ होगी पुनीत राजकुमार @PuneethRajkumar की फिल्म #James

 


कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार की अंतिम फिल्म जेम्स कन्नड़ के अतिरिक्त हिंदी, मलयालम, तमिल और तेलुगु में भी प्रदर्शित होगी.



कन्नड़ सुपरस्टार डॉक्टर राजकुमार के बेटे पुनीत की मृत्यु २९ अक्टूबर २०२१ को हो गई थी. कर्णाटक में पुनीत की मृत्यु हादसे के समान थी.



उन्हें सम्मान देने के लिए कर्णाटक के फिल्म वितरकों ने यह निर्णय लिया है कि कर्णाटक में १७ से २३ मार्च तक कोई भी दूसरी फिल्म प्रदर्शित नहीं की जायेगी. क्योंकि १७ अप्रैल को ही पुनीत राजकुमार की सैनिक भूमिका वाली फिल्म जेम्स प्रदर्शित हो रही है.



परन्तु, इस प्रकार से यह फिल्म हिंदी बेल्ट में रणबीर कपूर की शमशेरा और अक्षय कुमार की बच्चन पाण्डेय से टकराएगी.



फिल्म जेम्स के सॅटॅलाइट राइट्स १५ करोड़ में खरीदे गए हैं, जो किसी कन्नड़ फिल्म के लिए सबसे अधिक है.



जेम्स की निर्माण के दौरान ही पुनीत राजकुमार की मृत्यु हो चुकी थी. इसलिए उनकी डबिंग, उनके भाई शिवन्या राजकुमार ने की है.



अपनी एक फिल्म के चरित्र अप्पू के नाम से लोकप्रिय पुनीत की फिल्म जेम्स का टीज़र ११ फरवरी को ठीक ११ बज कर ११ मिनट पर रिलीज़ किया जाएगा. पुनीत की जेम्स की नायिका प्रिया आनंद और निर्देशक चेतन कुमार है.

लव हॉस्टल के विलेन बॉबी देओल



जी५ से स्ट्रीम होने जा रही डिजिटल फिल्म लव हॉस्टल के लव बर्ड्स सान्या मल्होत्रा और विक्रांत मैसी है. परन्तु सोशल मीडिया पर छाये हुए है फिल्म में नकरात्मक भूमिका करके बॉबी देओल.



बॉबी देओल ने सोशल मीडिया पर लव हॉस्टल में अपना  जो फर्स्ट लुक जारी किया है, उससे वह एक भाड़े के हत्यारे जैसे दिखाई दे रहे है.



इस चित्र के साथ बॉबी देओल की कमेंट्री कि क्या प्रेमी जोड़ा तमाम बाधाओं को पार करते हुए सफल होगा? यानि सान्या और विक्रांत के प्यार की बाधा बॉबी देओल ही है.



शंकर रमण निर्देशित इस फिल्म का निर्माण शाहरुख़ खान की संस्था रेड चिलीज द्वारा किया गया है.



बॉबी देओल की यह दूसरा वेब प्रोजेक्ट है, जिसमे वह नकारात्मक भूमिका कर रहे हैं. एम एक्स प्लेयर के शो आश्रम में बॉबी देओल ने एक आश्रम के बाबा की नकारात्मक भूमिका से काफी प्रशंसा बटोरी थी.



सीरीज क्लास ऑफ़ ८३ के बाद, रेड चिलीज के साथ बॉबी का यह दूसरा प्रोजेक्ट है. यह फिल्म २५ फरवरी से स्ट्रीम होने लगेगी. 

मेरी आवाज़ ही पहचान है- लता मंगेशकर



चार साल पहले, १६ जनवरी २०१५ की सुबह सुबह सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो रही थी  कि लता मंगेशकर नहीं रही। उनकी इस कथित मौत की खबर ने, लता मंगेशकर के प्रशंसकों को सदमे में डाल दिया। वह उनकी खैरख्वाही की जानकारी के लिए अपने अपने स्रोतों से संपर्क करने लगे। सोशल मीडिया पर, शोक संवेदना संदेशों की बाढ़ सी आ गई। खुद लता मंगेशकर के घर पर भी फ़ोन कॉल आने शुरू हो गए। इससे हैरान हो कर लता मंगेशकर के शुभचिंतकों को खुद ट्वीट कर अपनी सलामती से अपने प्रशंसकों को सूचित करना पडा। लेकिन....!



दीनानाथ की सबसे बड़ी बेटी
लता मंगेशकर का जन्म, ब्रिटिश शासन के इंदौर राज्य में इंदौर में २८ सितम्बर १९२९ को हुआ था। वह अपने पिता गायक, नर्तक और अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी शादी से उत्पन्न पांच बच्चों में सबसे बड़ी थी। लता मंगेशकर को, पांच साल की उम्र से ही, उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर ने संगीत दीक्षा देनी शुरू कर दी थी। लता ने, इसके अलावा अमान अली खान साहेब और अमानत खान से भी संगीत की शिक्षा ली।



काफी पतली और ऊंची आवाज़ के कारण रिजेक्ट
१९४० के दशक में, लता मंगेशकर ने, पार्श्व गायिकी में भाग्य आजमाने का फैसला किया। कहते हैं कि यह उनका गलत फैसला था। लेकिन, यह लता की मज़बूरी थी। पिता का देहांत हो जाने के बाद, परिवार की जिम्मेदारी किशोरवय की लता के कन्धों पर आ गई। उस समय नूरजहाँ और शमशाद बेगम का ज़माना था। इनकी नाक से निकली आवाज़ के सब दीवाने थे। इसलिए, उस समय कुछ प्रोजेक्ट से इसलिए उन्हें बाहर होने पडा कि उनकी आवाज़ काफी पतली और ऊंची पिच वाली है। उनकी आवाज़ को कर्ण-कटु बताया गया। १९४२ से १९४८ के बीच लता मंगेशकर को फिल्मो में अभिनय करने के लिए विवश होना पड़ा। उन्होंने आठ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। उनकी बतौर पार्श्व गायिका पहली फिल्म मराठी भाषा में किती हसाल (१९४२) थी। पर बाद में उनके गाये इस गीत को फिल्म से निकाल दिया गया।



गुलाम हैदर ने दिया ब्रेक
लता मंगेशकर को पहला ब्रेक संगीतकार गुलाम हैदर ने दिया। फिल्म थी मजबूर (१९४८) । अगले ही साल, यानि १९४९ में लता मंगेशकर की चार फ़िल्में महल, दुलारी, बरसात और अंदाज़ रिलीज़ हुई।  महल के गीतों ने लता मंगेशकर की आवाज़ की बदौलत तहलका मचा दिया। उनकी इन चारों फिल्मों में सभी गीत ज़बरदस्त हिट हुए। लता मंगेशकर भारत की स्वर कोकिला के तौर पर हमेशा हमेशा के लिए स्थापित हो गई। हालाँकि, शुरुआत में, नूरजहाँ से प्रभावित लता मंगेशकर ने नूरजहाँ को नक़ल करने की कोशिश की। लेकिन बाद में अपनी शैली में गायन शुरू कर दिया। इसके बाद से, लगातार चालीस साल तक, लता मंगेशकर ने फिल्म इंडस्ट्री में एकछत्र राज्य किया। उनकी आवाज़ के सामने शारदा, वाणी जयराम, सुमन कल्यानपुर, आदि जैसे नाम टिक नहीं सके। इसे लेकर उन पर एकाधिकार स्थापित करने का आरोप भी लगाया गया। १९८० के दशक के बाद, लता मंगेशकर ने गीत गाने कम कर दिए।



सभी समकालीन गायकों के साथ गायन
लता मंगेशकर ने अपने पूरे गायन करियर में, १४ भाषाओं के ३० हजार से ज्यादा गीत गाये हैं। इसके लिए उन्हें इतिहास की सबसे ज्यादा गीत गाने वाली गायिका माना जाता है। यह गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। लता मंगेशकर ने, हर पीढी के पुरुष और स्त्री  गायक-गायिकाओं के साथ यह गीत गाये। उन्होंने १९४० से १९७० के मध्य सुरैया, मोहम्मद रफी, आशा भोसले, उषा मंगेशकर, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे, हेमंत कुमार और महेंद्र कपूर के साथ गीत गाये। लता मंगेशकर के पुरुष सह गायकों में १९७६ में मुकेश और १९८० के दशक में पहले १९८० में मोहम्मद रफ़ी की मृत्यु हो गई और उसके बाद, १९८७ में किशोर कुमार भी चल बसे। इसके बाद भी लता मंगेशकर ने शब्बीर कुमार, शैलेन्द्र सिंह, नितिन मुकेश, मनहर उधास, अमित कुमार, मोहम्मद अज़ीज़, विनोद राठौर और एसपी बलासुब्रह्मन्यम के साथ गीत गाये। १९९० के दशक में, पंकज उधास, मोहम्मद अज़ीज़ के अलावा अभिजीत, उदित नारायण, कुमार शानू और सुरेश वाडकर के साथ लता के गाये गीत सुनने को मिले. २००५ और २००६ में लता मंगेशकर का पार्श्व गायन सोनू निगम अरु उदित नारायण के साथ मिलता है। इस दौर में उन्होंने जगजीत सिंह और गुरदास मान के साथ भी गीत गाये।



क्यों सिर्फ एक दिन स्कूल गई ?
क्या आप जानते हैं कि लता मंगेशकर को दुनिया के छः देशों से डॉक्टरेट की डिग्री मिली थी। लेकिन, इन छः विश्वविद्यालयों की डॉक्टर लता मंगेशकर ने सिर्फ एक दिन स्कूल का मुंह देखा था। इसके बाद वह कभी स्कूल नहीं गई। हालाँकि, उन्होंने हिंदी और मराठी के अलावा भी कई भाषों के गीत गाये। क्या आप जानना चाहते हैं कि लता मंगेशकर एक दिन के अलावा स्कूल क्यों नहीं गई !दरअसल, लता मंगेशकर के चार भाई-बहन हैं। इनमे, उनके बाद आशा भोसले एक बहन हैं। लता दीदी आशा भोसले को बहुत प्यार करती थी। इसलिए वह उन्हें हर समय साथ रखती थी। स्कूल में भी वह आशा को साथ ले जाती थी। स्कूल में उन्हें इसके लिए मना किया गया। इसलिए लता मंगेशकर ने अगले दिन ही स्कूल को अलविदा कह दिया।



लता मंगेशकर का सम्मान
लता मंगेशकर ने अपने गायिकी के दौर में कई पुरस्कार और सम्मान पाए। उन्हें, भारत सरकार ने भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया। उन्हें फ्रांस की सरकार ने ऑफिसर ऑफ़ द फ्रेंच लीजन ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया। उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। उन्हें, बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड ने १५ बार सम्मानित किया। उन्हें अपनी श्रेष्ठ गायिकी के लिए ४ बार फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। ढेरों पुरस्कार जीतने वाली लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कारों की स्थापना भी की गई। मध्य प्रदेश सरकार ने १९८४ में लता मंगेशकर अवार्ड की स्थापना की। बाद में, १९९२ में महाराष्ट्र सरकार ने भी लता मंगेशकर अवार्ड की स्थापना की।



बेसुरी नहीं होती कम्बख्त !
लता मंगेशकर की गायिकी की श्रेष्ठता का अंदाजा उनके बारे में दिग्गजों की टिप्पणियों से लगाया जा सकता है। उस्ताद बड़े गुलाम अली खान कहा करते थे, “कमबख्त कभी बेसुरी न होती।दिलीप कुमार तो उन्हें अपनी छोटी बहन मानते थे और खुदा की कुदरत का करिश्मा बताते थे।



४ फिल्मों का निर्माण ५ में संगीत
लता मंगेशकर ने चार फिल्मों का निर्माण भी किया था। उनके द्वारा निर्मित चार फिल्मों में एक मराठी फिल्म थी। तीन हिंदी फिल्मों में झांझर का निर्माण उन्होंने सी रामचंद्र के साथ किया था। दो हिंदी फिल्मों में कंचन गंगा और लेकिन थी। लता मंगेशकर ने पांच मराठी फिल्मों का संगीत भी तैयार किया था।



जब रो पड़े नेहरू
यह वाकया १९६२ के भारत-चीन युद्ध के बाद का है। इस युद्ध में भारत को चीन से करारी हार का सामना करना पड़ा था। पूरा देश शर्म, दुःख और रोष में डूबा हुआ था। उस समय प्रदीप ने श्रद्धांजलिस्वरुप एक गीत ऐ मेरे वतन के लोगों लिखा था। इसे सी रामचंद्र ने संगीतबद्ध किया था और लता मंगेशकर ने गाया था। एक सभा में, तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मौजूदगी में, लता मंगेशकर ने गाया था। कहा जाता है कि इस गीत को सुन कर नेहरू की आँखों में आंसू आ गए थे।



लता मंगेशकर पर टीवी सीरियल और फिल्म
लता मंगेशकर और आशा भोसले के संबंधों पर एक सीरियल मेरी आवाज़ ही पहचान है बनाया गया था।  यह सीरियल २०१६ में एंड टीवी से प्रसारित हुआ था।  इस शो में अमृता राव और दीप्ति नवल ने लता मंगेशकर और अदिति वासुदेव और ज़रीना वहाब ने आशा भोसले के रील लाइफ किरदार किये थे।  इस शो के ९५ एपिसोड्स में, लता मंगेशकर के जीवन पर काफी प्रकाश पड़ता था। 




सोशल मीडिया पर सक्रिय लता मंगेशकर
नब्बे साल की लता मंगेशकर किसी युवा ट्विट्टेराती की तरह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती थी। उनके ट्विटर अकाउंट पर नियमित सन्देश अपलोड होते थे। किसी फ़िल्मी हस्ती के जन्मदिन और पुण्य तिथि पर वह अपना सन्देश डालना नहीं भूलती थी। वह भूले बिसरे संगीतकार दत्ता दवाजेकर की स्मृति पर भी सन्देश देती है तो सचिनदेव बर्मन के संगीत को भी याद करती थी। किसी के पुरस्कार-सम्मान जीतने और निधन की खबर पर बधाई और शोक संदेशों में लता मंगेशकर की वाल आगे रहती थी। वह राजनीतिक हस्तियों को भी याद करती। पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गाँधी सरदार पटेल की जन्मतिथि और पुण्यतिथि पर लता जी के सन्देश देखे जा सकते हैं तो वह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी बधाई देती है। राहुल गांधी की भी उपेक्षा नहीं करती।