मल्टीचैनल नेटवर्क और डिजिटल एजेंसी क्युकी और रंजीत बारोट की नई म्यूजिक वेब सीरीज प्रोजेक्ट एक्स #द विनर्स वे लांच हुई। इस के अंतर्गत ए आर रहमान, शुभा मुद्गल, सलीम मर्चेंट और अमित त्रिवेदी ने रंजीत बरोट की कम्पोजीशन खुशनुमा को अपने अंदाज़ में पेश किया है। खुशनुमा के वीडियो की कहानी एक कलाकार की है, जो अपने पिता के विरोध के बावजूद अपने संगीत को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए निकल पड़ता है। ताकि उसे सम्मान मिले और पिता की स्वीकृति भी। खुशनुमा को शुभा मुद्गल, अमित त्रिवेदी और सलीम मर्चेंट ने गया हैं। यह सीरीज चार हिस्सों में है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday 8 February 2016
हृथिक रोशन की फिल्म के ‘काबिल’ यमी गौतम !
हिंदी टीवी सीरियल
चाँद के पार चलो, राजकुमार आर्यन, यह प्यार न होगा कम और मीठी छूरी नंबर १ की
अभिनेत्री यमी गौतम ने कन्नड़ फिल्मों से बड़े परदे का रुख किया था। उन्होंने एक एक
कन्नड़, पंजाबी और तमिल फ़िल्में करने के बाद विक्की डोनर से हिंदी फिल्म डेब्यू
किया था। इस फिल्म में यमी के नायक आयुष्मान खुराना थे, जिनका भी फिल्म डेब्यू हो
रहा था। बड़े बजट की फिल्मों एक्शन जैक्सन और बदलापुर में छोटी भूमिकाएं करने वाली
यमी गौतम ने अब लम्बी छलांग लगाईं है। खबर है कि उन्हें राकेश रोशन के प्रोडक्शन की लम्बे समय
से रुकी फिल्म काबिल में हृथिक रोशन के अपोजिट नायिका का रोल मिला है। इस फिल्म
का निर्देशन संजय गुप्ता करेंगे। इस शुक्रवार (१२ फरवरी को) रिलीज़ हो रही
निर्देशक दिव्या खोसला कुमार की रोमांटिक फिल्म सनम रे में पुलकित सम्राट की
नायिका यामी गौतम, हृथिक रोशन के साथ फिल्म पा कर पुलकित हो रही होंगी। अब देखने वाली बात
होगी कि आयुष्मान खुराना के साथ विक्की डोनर से मशहूर यमी को हृथिक रोशन के साथ
फिल्म में क्या कुछ करने को मिलेगा। क्या यमी गौतम तमाम बॉलीवुड अभिनेत्रियों की
तरह बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ कुछ मिनट के ग्लैमरस रोल कर रही होंगी ? इस
सवाल पर तो यमी गौतम को ही विचार करना है।
Sunday 7 February 2016
निशिकांत कामथ अपनी फिल्म के बैड मैन
अपनी ही फिल्म में अभिनय करने वाले हिंदी फिल्म डायरेक्टरों की पांत में निशिकांत कामथ का नाम भी जुड़ने जा रहा है। वैसे निशिकांत कामथ पहले भी छह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। यहाँ ख़ास बात यह है कि २५ मार्च को रिलीज़ होने जा रही फिल्म रॉकी हैंडसम में निशिकांत बैड मैन यानि बुरे आदमी के किरदार में होगे। इस प्रकार वह पहली बार कोई बुरा किरदार कर रहे होंगे। निशिकांत कामथ द्वारा ही निर्देशित रॉकी हैंडसम में निशिकांत गोवा के एक गैंग लॉर्ड केविन परेरा का किरदार कर रहे हैं। केविन परेरा गंजा और दुष्ट किरदार है। पहले इस किरदार को दूसरे एक्टर को करना था। लेकिन, आखिरी मौके पर साथियों की सलाह पर निशिकांत ने केविन परेरा की विग खुद के सर पर रखवा ली। निशिकांत कहते हैं, "मुझे एक्टिंग करने में मज़ा आता है और मैं कैमरा के सामने कॉन्फिन्डेन्ट भी रहता हूँ । लेकिन, अपनी ही फिल्म में कैमरे का सामना डरावना होता है। एक डायरेक्टर के डायरेक्शन के साथ एक्टिंग करना आसान नहीं होता। शायद आगे मैं ऐसा नहीं करूँ।" वैसे निशिकांत के लिए रॉकी हैंडसम के विलेन को करना ज़्यादा आसान था। क्योंकि,फिल्म की स्क्रिप्ट खुद ही लिखने के कारण वह केविन परेरा के किरदार से अच्छी तरह से परिचित थे। वैसे जब जॉन अब्राहम ने अपने डायरेक्टर को गंजे सर और फैंसी सूट में देखा तो वह चौंक पड़े। बहरहाल, फिल्म के इन दोनों हीरो और विलेन के बीच काफी खतरनाक एक्शन सीन फिल्माए गए हैं।
आमिर खान मिल कर बनाएंगे मल्टीप्लेक्स चेन
खबर गर्म है कि निर्माता और निर्देशक तथा धर्मा प्रोडक्शन्स के करण जौहर, अभिनेता आमिर खान, यूटीवी के पूर्व संस्थापक रोनी स्क्रूवाला, वितरक अनिल थडानी तथा यूटीवी-डिज्नी फिल्म्स के सिद्धार्थ रॉय कपूर ने मल्टीप्लेक्स मोनोपोली के विरुद्ध गुप्त युद्ध छेड़ दिया है. यह पंचकड़ी किसी न किसी रूप में फिल्म निर्माण और वितरण से जुड़ी है. मल्टीप्लेक्स थिएटर मालिकों के फिल्म प्रदर्शन के क्षेत्र में एकाधिकार के कारण फिल्मों की रिलीज़ की शर्तों में अनुकूल परिवर्तन कराने में कामयाब हो जाते हैं. यह पंच प्यारे इस एकाधिकार को तोड़ने के लिए छोटे मल्टीप्लेक्स थिएटरो की चैन तैयार करेंगे, नए थिएटर बनवायेंगे तथा अन्य दूसरे जारी सोचेंगे जो आर्थिक रूप से फायदेमंद हों तथा बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन्स का विकल्प बन सकें.
Saturday 6 February 2016
हॉलीवुड फिल्म में ऑस्ट्रोनौट पूजा बत्रा !
आम तौर पर बॉलीवुड की सक्सेसफुल फिल्म अभिनेत्रियाँ तक हॉलीवुड की फिल्मों को तरसती है। हॉलीवुड फिल्मों में कोई भी, कैसा भी मौका मिलते ही, उसे लपक लेती हैं। लेकिन, पूजा बत्रा इसका अपवाद कही जा सकती हैं। १९९३ की फेमिना मिस इंडिया इंटरनेशनल पूजा बत्रा की पहली बॉलीवुड फिल्म विश्वविधाता (१९९७) जैकी श्रॉफ, आयेशा झुल्का और शरद कपूर के साथ थी। विश्वविधाता फ्लॉप हुई। लेकिन, इस फिल्म के ठीक बाद रिलीज़ निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म विरासत हिट हुई। विरासत में अनिल कपूर और तब्बू नायक नायिका थे। पूजा बत्रा सह नायिका थी। विरासत के हिट होने के पूजा का बॉलीवुड करियर चल निकलने की उम्मीद थी। लेकिन, उनका फिल्म करियर वह रफ़्तार नहीं पकड़ सका। कहीं प्यार न हो जाये, हसीना मान जाएगी, दिल ने फिर याद किया और नायक : द रियल हीरो के बावजूद वह बॉलीवुड में अपनी जगह बना पाने नाकामयाब रही। इसके बाद वह एक डॉक्टर से शादी कर लॉस एंजेल्स अमेरिका चली गई। वहां वह महिलाओं के प्रति हिंसा के विरोध में एक एनजीओ चला रही हैं और हॉलीवुड फिल्मों के निर्माण से भी जुडी हैं। उनकी फिल्म निर्माण कंपनी ग्लोबेल इंक ने ही अक्षय कुमार और करीना कपूर की फिल्म कमबख्त इश्क़ के लिए सील्वेस्टर स्टैलोन और डेनिस रिचार्ड को और चांदनी चौक टू चाइना के लिए रैपर बोहेमिया को जुटाया था। उनकी ही कंपनी हॉलीवुड फिल्म वन अंडर द सन का निर्माण कर रही हैं। इस फिल्म के निर्देशक विन्सेंट ट्रेन और रियाना हार्टले हैं। इस फिल्म में जीन फरबर (कैप्टेन अमेरिका), माइकल कीली और बाल कलाकार अवा कैन्ट्रेल की भी भूमिका हैं। यह फिल्म एक ऑस्ट्रोनॉट कैथरीन वॉस के इर्द गिर्द घूमती है, जो एक नष्ट स्पेस शटल की एकमात्र जीवित सदस्य है। अब होता यह है कि कैथरीन अपनी खतरनाक बीमारी से ग्रस्त बेटी से मिलना चाहती है। जबकि, उसे एक असाधारण उपहार के कारण भागना पड़ रहा है। कैथरीन की भूमिका पूजा बत्रा कर रही हैं। यह करैक्टर भारत की पहली महिला ऑस्ट्रोनॉट जैसा है। इस भूमिका के लिए पूजा बत्रा ने काफी तैयारियां की हैं। पूजा बत्रा कहती है, "प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण को हॉलीवुड फ़िल्में मिल रही हैं। लेकिन, रास्ता खोला है इरफ़ान खान ने। हमारे लिए निरंतरता का अभाव है। मैं यही निरंतरता बनाना चाहती हूँ।"
हैरिसन फोर्ड चार दशक बाद भी ब्लेड रनर
खबर है कि रिडले स्कॉट की १९८२ में रिलीज़ मास्टरपीस फिल्म 'ब्लेड रनर' की फॉलो-अप फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वार्नर ब्रदर्स के साथ सोनी पिक्चर्स द्वारा रिलीज़ किया जायेगा । अलकॉम इंटरनेशनल के सह-संस्थापक और सह सीईओ एंड्रू कोसोव और ब्रॉडरिक जॉनसन ने इस बात का ऐलान किया। द बिग शार्ट के रयान गॉस्लिंग और स्टार वार्स के हैरिसन फोर्ड की भूमिका वाली इस फिल्म का निर्देशन डेनिस विलेनुव कर रहे हैं। डेनिस ने प्रिजनरस और इन्सेन्डिस जैसी फ़िल्में निर्देशित की हैं। जुलाई २०१६ में रिलीज़ होने जा रही है इस फिल्म की शुरुआत १९८२ की ब्लेड रनर के खात्मे के समय से कई दशकों (कोई चार दशक) बाद से शुरू होगी। इस फिल्म की कहानी, मूल ब्लेड रनर के लेखक हैम्पटन फैंचर के साथ माइकल ग्रीन ने लिखी है। ब्लेड रनर के प्रीक्वेल और सीक्वेल बनाने का फ्रैंचाइज़ी अधिकार एलकॉन एंटरटेनमेंट ने २०११ में बड यॉर्किन और सिंथिया साइक्स यॉर्किन से खरीदे थे। वार्नर ब्रदर्स की फिल्म ब्लेड रनर (१९८२) के लिए फिलिप के डिक के उपन्यास 'डू एन्ड्रॉइडस ड्रीम ऑफ़ इलेक्ट्रिक शीप' का पटकथा रूपांतरण हैम्पटन फैंचर और डेविड पीपलस ने किया था। रिडले स्कॉट ने एलियन के बाद इस फिल्म के निर्देशन की कमान सम्हाली। फिल्म को विज़ुअल इफेक्ट्स और आर्ट डायरेक्शन की श्रेणी में नामांकित किया गया था। ब्लेड रनर को १९९३ में यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल फिल्म रजिस्ट्री ने 'सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सौन्दर्यपूर्ण महत्व' के लिहाज़ से लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस के लिए चुना था। विज़ुअल इफेक्ट्स सोसाइटी द्वारा २००७ में इसे सबसे ज़्यादा दृश्य प्रभाव वाली फिल्म बताया गया। १९८२ की ब्लेड रनर में रिक डेकार्ड का मुख्य किरदार हैरिसन फोर्ड ने किया था। जुलाई २०१६ शुरू होने जा रही फॉलो-अप फिल्म में भी रिक डेकार्ड का किरदार हैरिसन फोर्ड कर रहे हैं। चूंकि, पहली फिल्म से फॉलो-अप फिल्म के बीच ३४ साल का अंतराल है और हैरिसन फोर्ड उम्र में भी इतना ही इज़ाफ़ा हो चूका है, इसलिए फॉलो-अप फिल्म की कहानी तीस चालीस साल बाद की रखी गई है। एंड्रू कोसोव, ब्रॉडरिक जॉनसन के साथ थंडरबर्ड फिल्म्स के फ्रैंक गिउस्तरा और टिम गैम्बल और रिडले स्कॉट बतौर कार्यकारी निर्माता होंगे । इस फिल्म का छायांकन १३ बार के ऑस्कर नामित रॉजर डॉकिन्स करेंगे। रॉजर ने एलकॉन की प्रिजनरस और सिकरियो फिल्मों का छायांकन किया था। उन्हें सिकरियो के लिए भी नामांकन मिला है।
पहली फ्लॉप फिल्म के बावजूद !
आज की बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस के नाम पर नज़र डालिये। प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, सोनाक्षी सिन्हा, कटरीना कैफ, सोनम कपूर, जैक्विलिन फर्नांडीज, श्रद्धा कपूर, अलिया भट्ट, आदि के चेहरे आँखों के सामने घूम जाते हैं। प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, आदि की पहली रिलीज़ फ़िल्में जहाँ हिट साबित हुई थी, वही बाकी की अभिनेत्रियों के करियर की फ्लॉप फिल्मों से हुई थी। कटरीना कैफ की पहली फिल्म बूम बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी। लगा कि वह तमाम अन्य अंग प्रदर्शन करने वाली विदेशी अभिनेत्रियों में से एक हैं। लेकिन, अक्षय कुमार की फिल्मों ने कैटरीना कैफ को आज के मुकाम तक पहुंचा दिया। सोनम कपूर की पहली फिल्म आयेशा भी फ्लॉप हुई थी। लेकिन, इस फिल्म ने सोनम को फैशन आइकॉन का दर्ज़ा दिलवाया था। बाद में सफलता की सीढ़ियां चढ़ती हुई सलमान खान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो की नायिका बन गई। करीना कपूर की भी पहली फिल्म अभिषेक बच्चन के साथ रिफ्यूजी फ्लॉप हुई थी। लेकिन, मुझे कुछ कहना है, अजनबी और कभी ख़ुशी कभी गम के बाद उनके पैर इंडस्ट्री में जम गए। वह चारों खान अभिनेताओं की फिल्मों की नायिका बनी।
हिंदी सिनेमा का इतिहास ऎसी पहली फ्लॉप फिल्मों वाली अभिनेत्रियों से भरा हुआ है, जो इसके बावजूद बॉलीवुड फिल्मों में अपना सिक्का जमा पाने में कामयाब हुई। इन अभिनेत्रियों में लगन थी, काम के प्रति समर्पण था और अनुशासित थी। उन्होंने हर मौके को लपकने की कोशिश की। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और वह बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में अपना नाम दर्ज़ करा पाने में कामयाब हुई।
सत्तर के दशक में हेमा, रीना और परवीन
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी, जीनत अमान, नीतू सिंह, रीना रॉय, परवीन बाबी, आदि अभिनेत्रियों का डेब्यू हुआ था। हेमा मालिनी की पहली हिंदी फिल्म महेश कौल निर्देशित सपनों का सौदागर राजकपूर के साथ होने के बावजूद फ्लॉप हुई थी । लेकिन, अगली फिल्म वारिस हिट हो गई। इसके बाद धर्मेन्द्र के साथ तुम हसीं मैं जवान और शराफत ने हेमा मालिनी को टॉप की एक्ट्रेस का रास्ता दिखा दिया। नीतू सिंह की पहली फिल्म राजकपूर के बेटे रणबीर कपूर के साथ रिक्शा वाला सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, रणधीर कपूर के साथ अगली फिल्म कसमे वादे हिट हो गई। रंधीर के छोटे भाई ऋषि कपूर के साथ तो उनकी जोडी इतनी जमी की रियल लाइफ में भी बन गई। रीना रॉय के करियर की शुरुआत बी आर इशारा की रुकती बनती फिल्म नै दुनिया नए लोग से हुई थी। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो फ्लॉप साबित हुई। इशारा की फिल्म फिल्म ज़रुरत ने उन्हें सेक्सी फिल्मों की ज़रुरत बना दिया। इसके बाद रीना रॉय ने जैसे को तैसा, मदहोश, ज़ख़्मी, आदि फिल्मों के ज़रिये धीरे धीरे अपना मुकाम बना लिया। उनकी जीतेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जोड़ी खूब जमी।
सत्तर के दशक की फिल्मों के मॉडर्न चेहरे
सत्तर के दशक में, जब अमिताभ बच्चन की तूती बोल रही थी, बॉलीवुड को दो अल्ट्रा मॉडर्न चेहरे मिले। इन चेहरों की फ्लॉप शुरुआत हुई थी। जीनत अमान की भी पहली दो फ़िल्में हंगामा और हलचल फ्लॉप हुई। लेकिन देव आनंद की फिल्म हरे राम हरे कृष्ण के बाद वह बॉलीवुड में जम गई। हालाँकि, इस फिल्म में वह देव आनंद की बहन की भूमिका में थी, लेकिन, वह अपनी पर्सनालिटी के बल पर डॉन, द ग्रेट गैम्बलर, दोस्ताना, राम बलराम, लावारिस, आदि फिल्मों में अमिताभ बच्चन की नायिका बनी। एक साल तक वह बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस भी बनी। उन्ही की तरह सत्तर के दशक की हिंदी फिल्मों का मॉडर्न चेहरा परवीन बाबी भी थी। परवीन बाबी को विवादित फिल्म बनाने वाले फिल्मकार बीआर इशारा ने फिल्म ‘चरित्र’ में सलीम दुर्रानी के अपोजिट कास्ट किया था। चरित्र फ्लॉप हुई। लेकिन, अगली फिल्म मज़बूर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के साथ परवीन बाबी ने बॉलीवुड में तब के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की नायिका बनने तक का सफ़र तय कर लिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मजबूर के अलावा दीवार, अमर अकबर अन्थोनी, काला पत्थर, सुहाग, दो और दो पांच, शान, कालिया, देश प्रेमी, नमक हलाल, खुद्दार, महान और अमीर आदमी गरीब आदमी कीं। किमी काटकर का करियर छोटा रहा। उनकी पहली फिल्म पत्थर दिल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, हेमंत बिर्जे के साथ एडवेंचर ऑफ़ टार्ज़न ने उन्हें मॉडर्न सेक्स बम साबित कर दिया। वह इस सफलता के बाद हम फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका बन पाने में कामयाब हुई।
अस्सी के दशक की फ्लॉप का टॉप
अस्सी के दशक में श्रीदेवी टॉप की अभिनेत्री हुआ करती थी। उनकी बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म अमोल पालेकर के साथ सोलहवां सावन फ्लॉप हुई थी। दूसरी फिल्म सदमा भी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। फिर आई जीतेंद्र के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला। यह फिल्म सुपर हिट हुई। श्रीदेवी की थंडर थइ ने हिंदी दर्शकों इतना आकर्षित किया कि वह सबसे सफल सेक्स बम बन गई। अब यह बात दीगर है कि अपनी अभिनय क्षमता के बूते वह टॉप पर पहुंची। उन्होंने अपने समय के सभी टॉप अभिनेताओं जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ कई फ़िल्में की। दक्षिण का एक दूसरा चेहरा मीनाक्षी शेषाद्री की पहली फिल्म राजीव गोस्वामी के साथ पेंटर बाबू सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, सुभाष घई की फिल्म हीरो (१९८३) ने उनका बॉलीवुड में टॉप तक पहुँचने का सफ़र शुरू करवा दिया। मीनाक्षी शेषाद्री भी अमिताभ बच्चन की फिल्मों की नायिका बनी। उन्होंने भी शहंशाह, गंगा जमुना सरस्वती, अकेला और तूफ़ान जैसी फ़िल्में अमिताभ बच्चन के साथ की। गोविंदा की फिल्मों की डांसिंग स्टार नीलम कोठारी का करियर भी फ्लॉप फिल्म जवानी (१९८४) से शुरू हुआ था। लेकिन, गोविंदा के साथ अगली फिल्म लव ८६ के हिट होते ही, वह अगले दस सालों तक हिंदी की तमाम बड़ी फिल्मों की नायिका बनी । माधुरी दीक्षित ने राजश्री की फिल्म अबोध से फ्लॉप बॉलीवुड डेब्यू किया था। उन्हें हिट एक्ट्रेस का दर्ज़ा दसवी फिल्म के बाद मिला। यह फिल्म थी चंदू नार्वेकर यानि एन चन्द्र की फिल्म ‘तेज़ाब' ।इस फिल्म के बाद माधुरी दीक्षित टॉप की हीरोइन बनने की ओर तेज़ी से बढ़ी। वह शायद इकलौती ऎसी अभिनेत्री थी, जो किसी भी फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका नहीं बनी, फिर भी टॉप की हीरोइन मानी गई। जूही चावला के शुरुआत सनी देओल की फ्लॉप फिल्म सल्तनत से हुई, जिसमे वह शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर की नायिका थी। उन्हें दो साल बाद ही बड़ी सफलता मिली आमिर खान के साथ रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक से।
फ्लॉप फिल्म की रानी का ऐश्वर्य
नब्बे के दशक में तीन बंगाली अभिनेत्रियों का आगमन हुआ। हालाँकि, इन तीनों की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से हुई। पहले आई काजोल। उनकी कमल सडाना के साथ पहली फिल्म बेखुदी १९९२ में रिलीज़ हुई और बुरी तरह से फ्लॉप हुई। लेकिन, अगले ही साल शाहरुख़ खान के साथ फिल्म बाज़ीगर ने काजोल को स्थापित कर दिया। वह टॉप पर पहुंची। काजोल की कजिन रानी मुख़र्जी ने १९९७ में ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म डेब्यू किया । हालाँकि,ऐश्वर्या राय के पास मिस वर्ल्ड का ऐश्वर्य था। लेकिन, उनकी पहली तमिल और हिंदी फ़िल्में फ्लॉप हुई। ऐश्वर्य की पहली फिल्म बॉबी देओल के साथ और प्यार हो गया बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। ऐश्वर्या राय को टॉप पर पहुँचने का ऐश्वर्या मिला संजय लीला भंसाली की सलमान खान के साथ फिल्म हम दिल दे चुके सनम से। इस फिल्म में नंदिनी की भूमिका से ऐश्वर्या बॉलीवुड पर छा गई। दूसरी ओर रानी मुख़र्जी को भी एक खान अभिनेता का साथ मिला। अमजद खान के बेटे शादाब के साथ फिल्म राजा की आएगी बरात से असफल शुरुआत करने वाली रानी मुख़र्जी की आमिर खान के साथ विक्रम भट्ट की फिल्म सुपर हिट हो गई। इन फिल्मों के साथ ही रानी मुख़र्जी बॉलीवुड की रानी बन गई और ऐश्वर्या को स्टारडम का ऐश्वर्य मिल गया। प्रीटी जिंटा की पहली फिल्म मणि रत्नम की शाहरुख़ खान के साथ फिल्म दिल से फ्लॉप हुई थी। अब्बास मुस्तान की फिल्म सोल्जर ने उन्हें हिट बना दिया। करिश्मा कपूर की १९९१ में प्रेम कैदी के साथ शुरुआत भी खराब हुई थी। लेकिन, धीरे धीरे उनके कदम जमते चले गए। उन्होंने सलमान खान और गोविंदा के साथ हिट जोड़ी बनाई।
फ्लॉप शुरुआत करने वाले हिट चेहरे
हिंदी सिनेमा का इतिहास ऎसी पहली फ्लॉप फिल्मों वाली अभिनेत्रियों से भरा हुआ है, जो इसके बावजूद बॉलीवुड फिल्मों में अपना सिक्का जमा पाने में कामयाब हुई। इन अभिनेत्रियों में लगन थी, काम के प्रति समर्पण था और अनुशासित थी। उन्होंने हर मौके को लपकने की कोशिश की। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और वह बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में अपना नाम दर्ज़ करा पाने में कामयाब हुई।
सत्तर के दशक में हेमा, रीना और परवीन
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी, जीनत अमान, नीतू सिंह, रीना रॉय, परवीन बाबी, आदि अभिनेत्रियों का डेब्यू हुआ था। हेमा मालिनी की पहली हिंदी फिल्म महेश कौल निर्देशित सपनों का सौदागर राजकपूर के साथ होने के बावजूद फ्लॉप हुई थी । लेकिन, अगली फिल्म वारिस हिट हो गई। इसके बाद धर्मेन्द्र के साथ तुम हसीं मैं जवान और शराफत ने हेमा मालिनी को टॉप की एक्ट्रेस का रास्ता दिखा दिया। नीतू सिंह की पहली फिल्म राजकपूर के बेटे रणबीर कपूर के साथ रिक्शा वाला सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, रणधीर कपूर के साथ अगली फिल्म कसमे वादे हिट हो गई। रंधीर के छोटे भाई ऋषि कपूर के साथ तो उनकी जोडी इतनी जमी की रियल लाइफ में भी बन गई। रीना रॉय के करियर की शुरुआत बी आर इशारा की रुकती बनती फिल्म नै दुनिया नए लोग से हुई थी। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज़ हुई तो फ्लॉप साबित हुई। इशारा की फिल्म फिल्म ज़रुरत ने उन्हें सेक्सी फिल्मों की ज़रुरत बना दिया। इसके बाद रीना रॉय ने जैसे को तैसा, मदहोश, ज़ख़्मी, आदि फिल्मों के ज़रिये धीरे धीरे अपना मुकाम बना लिया। उनकी जीतेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जोड़ी खूब जमी।
सत्तर के दशक की फिल्मों के मॉडर्न चेहरे
सत्तर के दशक में, जब अमिताभ बच्चन की तूती बोल रही थी, बॉलीवुड को दो अल्ट्रा मॉडर्न चेहरे मिले। इन चेहरों की फ्लॉप शुरुआत हुई थी। जीनत अमान की भी पहली दो फ़िल्में हंगामा और हलचल फ्लॉप हुई। लेकिन देव आनंद की फिल्म हरे राम हरे कृष्ण के बाद वह बॉलीवुड में जम गई। हालाँकि, इस फिल्म में वह देव आनंद की बहन की भूमिका में थी, लेकिन, वह अपनी पर्सनालिटी के बल पर डॉन, द ग्रेट गैम्बलर, दोस्ताना, राम बलराम, लावारिस, आदि फिल्मों में अमिताभ बच्चन की नायिका बनी। एक साल तक वह बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस भी बनी। उन्ही की तरह सत्तर के दशक की हिंदी फिल्मों का मॉडर्न चेहरा परवीन बाबी भी थी। परवीन बाबी को विवादित फिल्म बनाने वाले फिल्मकार बीआर इशारा ने फिल्म ‘चरित्र’ में सलीम दुर्रानी के अपोजिट कास्ट किया था। चरित्र फ्लॉप हुई। लेकिन, अगली फिल्म मज़बूर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के साथ परवीन बाबी ने बॉलीवुड में तब के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की नायिका बनने तक का सफ़र तय कर लिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मजबूर के अलावा दीवार, अमर अकबर अन्थोनी, काला पत्थर, सुहाग, दो और दो पांच, शान, कालिया, देश प्रेमी, नमक हलाल, खुद्दार, महान और अमीर आदमी गरीब आदमी कीं। किमी काटकर का करियर छोटा रहा। उनकी पहली फिल्म पत्थर दिल फ्लॉप हुई थी। लेकिन, हेमंत बिर्जे के साथ एडवेंचर ऑफ़ टार्ज़न ने उन्हें मॉडर्न सेक्स बम साबित कर दिया। वह इस सफलता के बाद हम फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका बन पाने में कामयाब हुई।
अस्सी के दशक की फ्लॉप का टॉप
अस्सी के दशक में श्रीदेवी टॉप की अभिनेत्री हुआ करती थी। उनकी बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म अमोल पालेकर के साथ सोलहवां सावन फ्लॉप हुई थी। दूसरी फिल्म सदमा भी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। फिर आई जीतेंद्र के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म हिम्मतवाला। यह फिल्म सुपर हिट हुई। श्रीदेवी की थंडर थइ ने हिंदी दर्शकों इतना आकर्षित किया कि वह सबसे सफल सेक्स बम बन गई। अब यह बात दीगर है कि अपनी अभिनय क्षमता के बूते वह टॉप पर पहुंची। उन्होंने अपने समय के सभी टॉप अभिनेताओं जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ कई फ़िल्में की। दक्षिण का एक दूसरा चेहरा मीनाक्षी शेषाद्री की पहली फिल्म राजीव गोस्वामी के साथ पेंटर बाबू सुपर फ्लॉप हुई। लेकिन, सुभाष घई की फिल्म हीरो (१९८३) ने उनका बॉलीवुड में टॉप तक पहुँचने का सफ़र शुरू करवा दिया। मीनाक्षी शेषाद्री भी अमिताभ बच्चन की फिल्मों की नायिका बनी। उन्होंने भी शहंशाह, गंगा जमुना सरस्वती, अकेला और तूफ़ान जैसी फ़िल्में अमिताभ बच्चन के साथ की। गोविंदा की फिल्मों की डांसिंग स्टार नीलम कोठारी का करियर भी फ्लॉप फिल्म जवानी (१९८४) से शुरू हुआ था। लेकिन, गोविंदा के साथ अगली फिल्म लव ८६ के हिट होते ही, वह अगले दस सालों तक हिंदी की तमाम बड़ी फिल्मों की नायिका बनी । माधुरी दीक्षित ने राजश्री की फिल्म अबोध से फ्लॉप बॉलीवुड डेब्यू किया था। उन्हें हिट एक्ट्रेस का दर्ज़ा दसवी फिल्म के बाद मिला। यह फिल्म थी चंदू नार्वेकर यानि एन चन्द्र की फिल्म ‘तेज़ाब' ।इस फिल्म के बाद माधुरी दीक्षित टॉप की हीरोइन बनने की ओर तेज़ी से बढ़ी। वह शायद इकलौती ऎसी अभिनेत्री थी, जो किसी भी फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका नहीं बनी, फिर भी टॉप की हीरोइन मानी गई। जूही चावला के शुरुआत सनी देओल की फ्लॉप फिल्म सल्तनत से हुई, जिसमे वह शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर की नायिका थी। उन्हें दो साल बाद ही बड़ी सफलता मिली आमिर खान के साथ रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक से।
फ्लॉप फिल्म की रानी का ऐश्वर्य
नब्बे के दशक में तीन बंगाली अभिनेत्रियों का आगमन हुआ। हालाँकि, इन तीनों की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से हुई। पहले आई काजोल। उनकी कमल सडाना के साथ पहली फिल्म बेखुदी १९९२ में रिलीज़ हुई और बुरी तरह से फ्लॉप हुई। लेकिन, अगले ही साल शाहरुख़ खान के साथ फिल्म बाज़ीगर ने काजोल को स्थापित कर दिया। वह टॉप पर पहुंची। काजोल की कजिन रानी मुख़र्जी ने १९९७ में ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म डेब्यू किया । हालाँकि,ऐश्वर्या राय के पास मिस वर्ल्ड का ऐश्वर्य था। लेकिन, उनकी पहली तमिल और हिंदी फ़िल्में फ्लॉप हुई। ऐश्वर्य की पहली फिल्म बॉबी देओल के साथ और प्यार हो गया बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। ऐश्वर्या राय को टॉप पर पहुँचने का ऐश्वर्या मिला संजय लीला भंसाली की सलमान खान के साथ फिल्म हम दिल दे चुके सनम से। इस फिल्म में नंदिनी की भूमिका से ऐश्वर्या बॉलीवुड पर छा गई। दूसरी ओर रानी मुख़र्जी को भी एक खान अभिनेता का साथ मिला। अमजद खान के बेटे शादाब के साथ फिल्म राजा की आएगी बरात से असफल शुरुआत करने वाली रानी मुख़र्जी की आमिर खान के साथ विक्रम भट्ट की फिल्म सुपर हिट हो गई। इन फिल्मों के साथ ही रानी मुख़र्जी बॉलीवुड की रानी बन गई और ऐश्वर्या को स्टारडम का ऐश्वर्य मिल गया। प्रीटी जिंटा की पहली फिल्म मणि रत्नम की शाहरुख़ खान के साथ फिल्म दिल से फ्लॉप हुई थी। अब्बास मुस्तान की फिल्म सोल्जर ने उन्हें हिट बना दिया। करिश्मा कपूर की १९९१ में प्रेम कैदी के साथ शुरुआत भी खराब हुई थी। लेकिन, धीरे धीरे उनके कदम जमते चले गए। उन्होंने सलमान खान और गोविंदा के साथ हिट जोड़ी बनाई।
फ्लॉप शुरुआत करने वाले हिट चेहरे
श्रद्धा कपूर की बतौर नायिका पहली फिल्म ‘लव का द एंड’ बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी। लेकिन, फिल्म आशिकी २ ने उन्हें आज के दौर की सबसे सफल नायिका की कतार में ला दिया। जक्विलिने फर्नांडिस की पहली दो फ़िल्में अलादीन और जाने कहाँ से आई है फ्लॉप हुई थी। उन्हें सफलता मिली अक्षय कुमार के साथ फिल्म हाउसफुल से। किक में वह सलमान खान की नायिका बनी। एमी जैक्सन की पहली हिंदी फिल्म एक दीवाना था फ्लॉप हुई थी। सिंह इज़ ब्लिंग में अपने एक्शन दृश्यों से उन्होंने दर्शकों का ध्यान खींचा। अलिया भट्ट की पहली फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर हिट फिल्मों में शुमार नहीं होती। लेकिन, अलिया हिट हैं।
इस साल भी कुछ नए चेहरे वाली फ़िल्में दर्शकों के सामने होंगे। इनमे काफी फ़िल्में फ्लॉप हो जाएंगी। इसके बावजूद सनम तेरी कसम की मावरा हुसैन, इश्क़ फॉरएवर की रूही सिंह, लव शुदा की नवनीत कौर, तेरा सुरूर की फराह करीमी, यह लाल रंग की पिया बाजपेयी, फैन की वलूशा डिसूज़ा और श्रेया पिलगांवकर, मिर्ज़या की सैयमी खेर, राज़ रिबाउंड की कीर्ति खरबंदा, रईस की माहिरा खान, हैप्पी भाग जाएगी की मोमल शेख, मोहन जोदड़ो की पूजा हेगड़े, शिवाय की सयेशा सहगल, आदि कतई निराश नहीं होंगी। ऊपर के तमाम उदाहरण उन्हें उत्साहित करते रहेंगे कि शुक्रवार बदलते देर नहीं होगी।
अल्पना कांडपाल
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