भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 13 October 2019
क्या Athiya Shetty को मिलेगा सफलता का Motichoor या...Chakanachoor
फिल्म एक्टर सुनील शेट्टी और फैशन डिज़ाइनर माना शेट्टी की बेटी अथिया
शेट्टी का हिंदी फिल्म डेब्यू बड़ा ज़बरदस्त हुआ था। उनकी लॉन्चिंग फिल्म हीरो
(२०१५) सलमान खान ने बनाई थी। इस फिल्म
में माना के हीरो विलेन आदित्य पंचोली और पूर्व अभिनेत्री ज़रीना वहाब के बेटे सूरज
पंचोली थी। दुर्भाग्य देखिये कि निखिल
अडवाणी निर्देशित उनकी डेब्यू फिल्म बुरी तरह से असफल हुई। इस असफलता के बाद, सूरज पंचोली
के करियर में रुकावट पैदा हो गई। लेकिन, अथिया
शेट्टी को अनीस बज़्मी निर्दशित कॉमेडी फिल्म मुबारकां मिल गई। इस फिल्म मे उन्होंने बिनकी संधू की भूमिका की
थी।
अब वह फिल्म मोतीचूर चकनाचूर में, नवाज़ुद्दीन
सिद्दीक़ी के साथ जोड़ी बना रही हैं। इस
फिल्म की कहानी ३६ साल के नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के अपने लिए पत्नी ढूंढने की कहानी
है। इस फिल्म का निर्देशन ओड़िया फिल्म
डायरेक्टर देबामित्रा बिस्वाल ने किया है।
यह उनकी पहली फिल्म है। क्या
मोतीचूर चकनाचूर,
अथिया शेट्टी को सफलता के मोतीचूर खिलाएगी? यह फिल्म १५ नवम्बर को रिलीज़ हो रही है ।
दो बायोपिक फिल्मों की Deepika Padukone
कुछ दिनों पहले फ्लोरल प्रिंट का गाउन पहने हुए अपनी फोटो पोस्ट करने वाली
दीपिका पादुकोण इस बार पोल्का डॉट प्रिंट के साथ अपने प्रशंसकों के सामने
हैं। यह लम्बा गाउन उन पर फब भी खूब रहा
है। इंतज़ार करना होगा कि वह अगली बार किस प्रकार के प्रिंट में सजी अपने प्रशंसकों
के सामने होंगी।
इस साल, दीपिका पादुकोण शादी के बाद, रणवीर सिंह के साथ पहली दीवाली मना रही
हैं। उन्हें बेस्ट विशेज़ तो देना बनता है।
हम उन्हें दीवाली की शुभकामनायें देने के साथ साथ, अगले साल १० जनवरी को रिलीज़ होने जा रही बायोपिक फिल्म छपाक की सफलता
की दुआ भी करेंगे। मेघना गुलजार निर्देशित
इस फिल्म में वह एसिड अटैक विक्टिम लक्ष्मी अग्रवाल का रील लाइफ किरदार कर रही
हैं। इस फिल्म के साथ वह निर्माता भी बन
जाएंगी।
छपाक के तीन महीने बाद, दीपिका पादुकोण अभिनीत एक दूसरी बायोपिक फिल्म '८३
प्रदर्शित हो रही है। कपिल देव के नेतृत्व
में, भारत के लिए
पहला एक दिवसीय विश्व कप जीतने की कहानी पर कबीर खान की यह फिल्म १० अप्रैल २०२०
को रिलीज़ होगी। दीपिका पादुकोण के लव रंजन
की अनाम फिल्म करने की अफवाहें भी हैं। इस
फिल्म में वह अजय देवगन और रणबीर कपूर के साथ अभिनय कर रही हैं।
Nani की जर्सी में Shahid Kapoor
अर्जुन एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर है। लेकिन क्रिकेट की गन्दी राजनीति उसे क्रिकेट छोड़ देने को मज़बूर करती है। उसका बेटा चाहता है कि उसका पिता उसे भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी उपहार में दे। बच्चे की इच्छा पूरी करने के लिए वह रात दिन एक करता है और थर्टी प्लस की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करता है। फिल्म जर्सी की कहानी यही ख़त्म नहीं होती। तेलुगु सुपरस्टार नानी की इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। पिछले दिनों, शाहिद कपूर के इस फिल्म की रीमेक करने की खबरें थी। लेकिन शाहिद कपूर बराबर इंकार करते रहे थे। अब शाहिद कपूर, नानी की जर्सी पहनने जा रहे हैं। वह इस फिल्म के रीमेक में काम करेंगे। फिल्म का निर्देशन मूल तेलुगु फिल्म के निर्देशक गौतम तिन्नानुरि ही करेंगे। तेलुगु फिल्म से डेब्यू करने वाले एक्ट्रेस श्रद्धा श्रीनाथ वाली भूमिका श्रद्धा कपूर करेंगी। शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर की पिछली तेलुगु कनेक्शन वाली फिल्मों को बढ़िया सफलता मिली । शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक फिल्म थी। श्रद्धा कपूर की फिल्म साहो भी तेलुगु और हिंदी में बनाई गई थी। इस लिहाज़ से, शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर को तेलुगु कनेक्शन फायदेमंद रहता है। शाहिद कपूर के लिए जर्सी इस लिहाज़ से भी ख़ास है कि जर्सी की कहानी एक बेटे की चाहत की खातिर अपनी जान क़ुर्बान कर देने की भावनात्मक उत्तेजना वाली कहानी है। जर्सी का नायक अर्जुन, अपनी टीम को जीत दिलाने वाला मैच पूरा करने के साथ ही क्रिकेट की पिच पर गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है। तेलुगु में दुखांत भी सफल रहा था। लेकिन संभव है कि हिंदी दर्शकों की खातिर जर्सी के रीमेक का दुखांत, सुखांत में बदल दिया जाए।
लवली दा ढाबा में Isha Koppikar
केनी छाबरा द्वारा निर्देशित डिजिटल सीरीज लवली दा ढाबा नए ओटीटी प्लेटफॉर्म जेमप्लेक्स पर स्ट्रीम होगी । लवली दा ढाबा से फिल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर के डिजिटल करियर की शुरुआत होने जा रही हैं । इस सीरीज में ईशा कोप्पिकर एक सिख महिला लवली कौर ढिल्लन की भूमिका निभा रही हैं । वह एक सेना के शहीद कैप्टन रुपिंदर ढिल्लन की विधवा लवली की भूमिका कर रही हैं। लवली पंजाब के बाहरी इलाके में सेवा भावना से एक ढाबा चला रही है। अपने पति को खोने के बाद, लवली ने लोगों की सेवा करने के लिए अपना खुद का ढाबा शुरू किया । यह लवली का जीवन मैं खुशियाँ लाने का एक तरीका है । छः कड़ियों वाली इस छोटी सीरीज में छः अलग अलग कहानियां लवली की कहानी के साथ जुड़ी होंगी । डिजिटल जगह में अपनी शुरुआत के बारे में पूछे जाने पर ईशा कहती हैं, “यह दर्शकों और एक्टर के बीच रिश्ते को ओर गहरा बना देती है । यह सिनेमा की तुलना में उतना ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि एक्टर, दर्शकों के विचारों से बस एक कदम दूर होते हैं ।" ईशा कोप्पिकर का फिल्म करियर, नागार्जुन के साथ वामसी की तेलुगु फिल्म चंद्रलेखा से हुआ था । उनके करियर की पहली हिंदी फिल्म एक था दिल एक थी धड़कन कभी रिलीज़ नहीं हो सकी । २००४ में इसी कहानी पर सलमान खान, प्रीटी जिंटा और भूमिका चावला की फिल्म दिल ने जिसे अपना कहा बनाई गई । यह दोनों ही फ़िल्में एक हॉलीवुड फिल्म की रीमेक थी । इस फिल्म के डिब्बाबंद हो जाने के बाद, ईशा के फिल्म करियर की पहली फिल्म हृथिक रोशन, जया बच्चन और करिश्मा कपूर की फिजा रिलीज़ हुई ।
Kangna Ranaut के हीरो Arvind Swami
फिल्म जगत में भी कभी कभी, बड़ा
दिलचस्प घट जाता है। खास तौर पर, जब
कोई फिल्म, फिल्मवालों
पर बन रही हो तब ! कंगना रानौत की फिल्म फिल्म थलैवी ऎसी ही एक फिल्म है। कंगना
रानौत, तमिल
फिल्मों की स्टार अभिनेत्री और बाद में तमिलनाडु की मुख्य मंत्री बनी जे जयललिता
के जीवन पर, इस
फिल्म में जयललिता की भूमिका कर रही है। यह फिल्म जयललिता के फिल्म अभिनेत्री से
राजनेता बनने के सफ़र की दास्तान है। इस फिल्म के लिए, कंगना रानौत अपना वजन बढ़ा और घटा रही है। वह भरतनाट्यम और
तमिल सीख रही हैं। फिल्म में, कंगना
रानौत के नायक अरविन्द स्वामी हैं। कंगना के लिए यह उनका पहला नायक रूप है। वह
फिल्म में तमिल फिल्म अभिनेता स्वर्गीय एमजी रामचंद्रन की भूमिका कर रहे हैं। एमजी
रामचंद्रन और जयललिता ने कई सुपरहिट तमिल फिल्मों में जोड़ी जमाई। रामचंद्रन ने ही जयललिता को अपनी राजनीतिक
विरासत सौंपी। इस फिल्म में रामचंद्रन और जयललिता का ऑन और ऑफ स्क्रीन रोमांस भी
दिखाया जाएगा। इस लिहाज़ से, अरविन्द
स्वामी, रील
में भी कंगना रानौत के किरदार के नायक बनेंगे। अरविन्द स्वामी रियल और रील नायक का
अनोखा उदाहरण माने जा सकते हैं। यह वही अरविन्द स्वामी हैं, जिनका हिंदी फिल्म दर्शकों से पहला परिचय डब फिल्म रोजा
(१९९२) और बॉम्बे (१९९५) से हुआ। यह डब फ़िल्में हिंदी दर्सकों द्वारा पसंद की गई।
ख़ास तौर पर अरविन्द स्वामी। इसलिए, उनकी
शोहरत का फायदा उठाने के लिए सात रंग के सपने और राजा को रानी से प्यार हो गया
जैसी हिंदी फिल्मों का निर्माण हुआ, जो
बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गई। अरविन्द तमिल फिल्मों तक सीमित हो गए। २०१६ में उनकी
वापसी फिल्म डिअर डैड, न
जाने कब आई और कब चली गई।
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