फिल्म जगत में भी कभी कभी, बड़ा
दिलचस्प घट जाता है। खास तौर पर, जब
कोई फिल्म, फिल्मवालों
पर बन रही हो तब ! कंगना रानौत की फिल्म फिल्म थलैवी ऎसी ही एक फिल्म है। कंगना
रानौत, तमिल
फिल्मों की स्टार अभिनेत्री और बाद में तमिलनाडु की मुख्य मंत्री बनी जे जयललिता
के जीवन पर, इस
फिल्म में जयललिता की भूमिका कर रही है। यह फिल्म जयललिता के फिल्म अभिनेत्री से
राजनेता बनने के सफ़र की दास्तान है। इस फिल्म के लिए, कंगना रानौत अपना वजन बढ़ा और घटा रही है। वह भरतनाट्यम और
तमिल सीख रही हैं। फिल्म में, कंगना
रानौत के नायक अरविन्द स्वामी हैं। कंगना के लिए यह उनका पहला नायक रूप है। वह
फिल्म में तमिल फिल्म अभिनेता स्वर्गीय एमजी रामचंद्रन की भूमिका कर रहे हैं। एमजी
रामचंद्रन और जयललिता ने कई सुपरहिट तमिल फिल्मों में जोड़ी जमाई। रामचंद्रन ने ही जयललिता को अपनी राजनीतिक
विरासत सौंपी। इस फिल्म में रामचंद्रन और जयललिता का ऑन और ऑफ स्क्रीन रोमांस भी
दिखाया जाएगा। इस लिहाज़ से, अरविन्द
स्वामी, रील
में भी कंगना रानौत के किरदार के नायक बनेंगे। अरविन्द स्वामी रियल और रील नायक का
अनोखा उदाहरण माने जा सकते हैं। यह वही अरविन्द स्वामी हैं, जिनका हिंदी फिल्म दर्शकों से पहला परिचय डब फिल्म रोजा
(१९९२) और बॉम्बे (१९९५) से हुआ। यह डब फ़िल्में हिंदी दर्सकों द्वारा पसंद की गई।
ख़ास तौर पर अरविन्द स्वामी। इसलिए, उनकी
शोहरत का फायदा उठाने के लिए सात रंग के सपने और राजा को रानी से प्यार हो गया
जैसी हिंदी फिल्मों का निर्माण हुआ, जो
बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गई। अरविन्द तमिल फिल्मों तक सीमित हो गए। २०१६ में उनकी
वापसी फिल्म डिअर डैड, न
जाने कब आई और कब चली गई।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 13 October 2019
Kangna Ranaut के हीरो Arvind Swami
Labels:
Kangana Ranaut,
खबर है,
गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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