Wednesday 30 October 2019

Tic Tok गर्ल क्यों बनी Yami Gautam ?


यामी गौतम, अभिनय के लिए प्रतिबद्द अभिनेत्री हैं । टेलीविज़न सीरियल चाँद के पार चलो की सना के तौर पर मशहूर यामी गौतम के फिल्म करियर की शुरुआत दक्षिण की कन्नड़ और तेलुगु तथा पंजाबी फिल्म से हुई।

भूमिका में ढलने की कोशिश 
फिल्मों और सीरियलों के चरित्रों से ही उनकी पहचान बननी शुरू हुई । क्योंकि, वह अपनी भूमिकाओं पर पूरा ध्यान लगती हैं। भूमिका को स्वभाविक बनाने के लिए किसी भी हद तक प्रयास कर सकती हैं। वह अपने को भूमिका में ढाल लेने की भरपूर कोशिश करती है।

छड़ी लेकर चली यामी !
यामी ने, अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर में एक बंगाली लड़की की भूमिका की थी। इस भूमिका के लिए चंडीगढ़ की यामी ने बंगाली संस्कृति और पहनावे का अध्ययन किया। काबिल में अंधी लड़की की भूमिका के लिए यमी गौतम ने आंखे बंद कर छड़ी के सहारे चलने का अभ्यास किया। यही कारण था कि वह अपने किरदारों को स्वभाविकता के नज़दीक ला पाने में सफल हुई।

जब टिक टॉक गर्ल बनी यामी 
आयुष्मान खुराना की कॉमेडी फिल्म बाला में, यामी गौतम की भूमिका एक मॉडल की है। यह किरदार उन जैसा ही है। लेकिन, फिल्म में मॉडल की यह भूमिका इस लिहाज़ से अलग है कि यह लड़की, टिक टॉक स्टार बन कर मशहूर हो जाती है। यामी ने युवा लड़कियों की मानसिकता समझने के लिए टिक टॉक में अपना एक छद्म खाता खोल कर, इसमें शामिल युवा लड़कियों की कहानी कहने की शैली समझने की कोशिश की।

परदे पर रियल टिक टॉक गर्ल 
इसी शोध का नतीजा था कि यमी गौतम को अपनी परी की भूमिका स्वभाविक बनाने के लिए विशेष कोशिश करने की ज़रुरत नहीं पड़ी, क्योंकि वह खुद ही टिक टॉक गर्ल बन गई थी । अपनी इस सोच को स्पष्ट करते हुए यमी गौतम ने कहा, "दर्शक सिनेमाघरों में यामी गौतम को नहीं, उसके करैक्टर को देखने आते हैं। मैं किसी चरित्र के हर पहलू को समझती हूं और ग्रहण करती हूं, ताकि लोग उसके प्रति आकर्षित हों।"


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