पंद्रह सालों में, सिर्फ पांच फिल्मों का निर्देशन करने वाले
श्रीराम राघवन की फिल्मों को देखना बिलकुल अलग अनुभव देने वाला होता है। उन्होंने
एक हसीना थी में अपराध का ऐसा संसार बुना था कि दर्शकों की रूह काँप उठी थी।
उन्होंने थ्रिलर फिल्म जोहनी गद्दार में नील नितिन मुकेश का डेब्यू कराया था। एक
हसीना थी में श्रीराम राघवन के काम से प्रभावित सैफ अली खान ने अपनी स्पाई फिल्म
एजेंट विनोद के निर्देशन का भार श्रीराम राघवन को सौंप दिया। लेकिन यह फिल्म बॉक्स
ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी। एजेंट विनोद की असफलता के तीन साल बाद,
श्रीराम राघवन ने रोमकॉम फिल्मों के एक्टर वरुण धवन को एक बिलकुल नया
अवतार दिया। इस फिल्म में, वरुण धवन अपनी बीवी और बच्ची की मौत का बदला
लेने वाले एंग्रीयंग मैन बने हुए थे। फिल्म हिट हुई। तीन साल बाद फिर राघवन ने
कमाल दिखाया। उन्होंने इस बार यह कमाल आयुष्मान खुराना और तब्बू के साथ किया था।
एक अंधे पियानो वादक की फिल्म अंधाधुन १०० करोडिया कामयाबी हासिल करने वाली फिल्म
साबित हुई। अब वह एक बार फिर वरुण धवन के साथ एक युद्ध नायक पर फिल्म बनाने जा रहे
हैं। १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अभूतपूर्व वीरता दिखाने वाले सेकंड
लेफिटनेंट अरुण खेतरपाल पर फिल्म में, वरुण धवन
अरुण खेतरपाल की भूमिका करेंगे। वरुण धवन की इमेज के लिहाज़ से,
अरुण खेतरपाल पर फिल्म उनके साथ श्रीराम का एक बढ़िया प्रयोग साबित हो सकती
है। श्रीराम राघवन अभी तक थ्रिलर एक्शन क्राइम फ़िल्में ही बनाते रहे हैं। भारत के
युद्ध नायक पर श्रीराम राघवन की फिल्म में वह कैसी व्यूह रचना करते हैं,
इसे जानने की उत्सुकता अभी से दर्शकों में पैदा हो गई है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 27 October 2019
१९७१ के युद्ध नायक पर Sriram Raghavan की फिल्म
Labels:
Sriram Raghavan,
खबर है,
गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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