पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की शार्प शूटर चंद्रो और प्रकाशी तोमर की ज़िन्दगी पर धनतेरस रिलीज़ फिल्म सांड की आँख में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर क्रमशः प्रकाशी तोमर और चंद्रो तोमर की भूमिका कर रही हैं। प्रकाशी और चन्द्रो ने साठ साल की उम्र पार करने के बाद ३० नेशनल चैंपियनशिप जीती थीं । यानि पूरी फिल्म इन्ही दोनों अभिनेत्रियों के किरदारों पर केंद्रित है। हालाँकि, फिल्म में प्रकाश झा, विनीत कुमार सिंह और शाद रंधावा के पुरुष किरदार भी हैं। लेकिन, सफलता-असफलता का पूरा पूरा सेहरा इन्ही दो अभिनेत्रियों के सर बंधेगा। क्या सांड की आँख सफल होगी ? अगर यह फिल्म सफल होती है तो यह इस साल, तापसी पन्नू की बदला और मिशन मंगल के बाद तीसरी तथा भूमि पेडनेकर की पहली सफलता होगी। लेकिन उनकी इस सफलता के आड़े आएगी, तापसी पन्नू के बेबी और नाम शबाना में तथा भूमि पेंडणेकर की फिल्म टॉयलेट एक प्रेमकथा के नायक अक्षय कुमार की फिल्म हाउसफुल ४ आड़े आएगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या दर्शकों को सांड की आँख की ६० के पार की नायिकाओं की सफलता परदे पर देखना मंजूर होगा ? क्या दर्शक कॉमेडी की फुलझड़ी के बजाय सांड की आँख पर निशाने की गूँज सुनना पसंद करेगा ? अब तक तो इन दोनों सवालों का जवाब मिल भी गया होगा !
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 27 October 2019
निशाना Saand ki Aankh: मनाना Tapsee Pannu - Bhoomi Pednekar का दिवाली
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कुछ चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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