अख़बार बढ़िया हो तो जुगाड़ भी बढ़िया बन जाता है।
हालाँकि, बॉलीवुड में
अंग्रेजी अख़बारों में पैसा देकर, विज्ञापन की
तरह अपनी फिल्म का मैटर छपवा सकते है। लेकिन, पिछले कुछ सालों बॉलीवुड
में कुछ हिंदी अख़बारों और उनके प्रतिनिधियों की वक़त काफी बढ़ गई है।
अगर कोई दैनिक जागरण,
अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका और भास्कर का रिपोर्टर है
तो समझिये उसकी चांदी। विशेष सत्कार
मिलेगा।
इसी के बल पर,
काफी हिंदी फिल्म पत्रकार भी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कूद चुके।
दैनिक जागरण और अमर उजाला से अपने करियर की
शुरुआत करने वाले विनोद कापड़ी मिस टनकपुर हाज़िर हो और पीहू जैसी फ़िल्में बना चुके
हैं।
अब एक दूसरा नाम,
अमर उजाला के फिल्म समीक्षक रवि बुले का भी जुड़ चुका है।
हालाँकि, वह काफी
पहले से फ़िल्में लिखते रहे हैं। अब वह एक फिल्म आखेट का लेखन निर्देशन करने की ओर भी बढ़ चुके है।
इस फिल्म का पोस्टर,
गणेश चतुर्थी के दिन जारी हुआ।
इस
पोस्टर में एक शेर और दो शिकारी नज़र आते हैं।
उनके नीचे फिल्म का टाइटल दर्ज है, साथ ही यह
भी बताया गया है कि यह फिल्म कुणाल सिंह की कहानी पर आधारित है।
इस पोस्टर में फिल्म के कलाकारों में आशुतोष
पाठक, नरोत्तम बेन और तनिमा भट्टाचार्य के नाम
दर्ज हैं।
पोस्टर में फिल्म की रिलीज़ की तारीख नहीं लिखी है। इसलिए ऐसा लगता है कि यह फिल्म अभी पोस्टर तक
सीमित है।
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