२०११ में, शाहरुख़ खान और गौरी खान की प्रोडक्शन कंपनी
रेड चिल्लीज एंटरटेनमेंट के अंतर्गत रोशन अब्बास निर्देशित फिल्म ऑलवेज कभी कभी से ज़ोया मोरानी का फिल्म डेब्यू
हुआ था।
फिल्म फ्लॉप हुई। ज़ोया मोरानी उससे बड़ी फ्लॉप।
ज़ोया का परिचय देने के लिए इतना ही काफी है कि
ज़ोया के पिता करीम मोरानी दिखाई देने को तो फिल्म निर्माण से जुड़े हैं। लेकिन, हैं
बहुधंधी।
कांग्रेस के शासन में वह खूब
फूले फले। २जी स्पेक्टरम में तक अपनी
टांग अड़ा दी। नतीजे के तौर पर २ जी घोटाले
में सह अभियुक्त बन गए।
कभी शाहरुख खान के
साथ सह-निर्माता के तौर पर रा.वन, चेन्नई
एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू ईयर बनाने वाले करीम मोरानी घोटालेबाज़ भी बन गए।
अब वह मीटू के फंदे में हैं।
उन पर एक एक्ट्रेस ने नशीली दवा दे कर बलात्कार
का आरोप लगाया है।
कैसी विडम्बना है कि जो
फिल्म निर्माता अपनी बेटी का करियर नहीं बना पाया, उससे अपने
करियर बनवाने के लिए युवा औरते सब कुछ समर्पित किये दे रही थी।
करीम मोरानी ऐसे ही एक दूसरे मामले में हैदराबाद की
अदालत से जमानतयाफ्ता है।
ऐसे पिता की
संतान ज़ोया मोरानी से जब पिता पर लड़की के आरोपों को लेकर पूछा गया तो ज़ोया का कहना था कि
उनका देश की अदालत पर पूरा विश्वास हैं।
ज़ोया जानती है कि लडके लड़कियां सुनहरे सपने आँखों में सजोये मुंबई आते हैं
और उनके पिता जैसे मोरनियों के जाल में फंस कर अपना सब कुछ लुटा देते हैं।
ऐसे मामलों में अदालत कारगर साबित होगी,
कहा नहीं जा सकता। क्योंकि,
लालच में ही सही बनाये गए शारीरिक सम्बन्ध मर्ज़ी से बनाये गए थे।
लेकिन,
क्या ज़ोया मोरानी को शर्म आएगी कि वह ऐसे पिता की बेटी हैं,
जो अपनी बेटी की उम्र की लड़कियों के सपनों की पूरी कीमत वसूलता है।
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