पिछले दिनों, किजि और मैन्नी के सेट पर, फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत के फिल्म
की नायिका संजना सांघी से कुछ ज़्यादा मित्रवत हो जाने से नाराज़ संघी द्वारा अपने
माँ-पिता को सेट पर बुला लेने और फिल्म छोड़ कर चले जाने की खबरें सुर्ख हुई
थी।
यह खबरें उस समय उछलीं जब बॉलीवुड में
मीटू मूवमेंट उफान पर था।
हालाँकि, संजना ने
किसी पर आरोप नहीं लगाया था। ज़्यादातर
खबरें अखबारों या पीआर टीम की ही देन थी।
सुशांत सिंह
राजपूत को सफाई देनी पड़ी। उन्हें संजना
के साथ अपनी ई-मेल साझी करनी पड़ी। इसके
बावजूद उन पर निर्माता की गाज गिर ही गई। अमेरिका से फॉक्स स्टार स्टूडियोज के उच्च
अधिकारियों ने कड़े एक्शन लेने के निर्देश जारी कर दिए थे। सुशांत सिंह राजपूत किज़्ज़ी और मैन्नी से बाहर
होने के कगार पर थे।
इसी दौरान फिल्म के
डेब्यूटांट निर्देशक मुकेश छाबड़ा भी मीटू के घेरे में आ गए थे।
परन्तु, कथित मीटू का एंटी क्लाइमेक्स अब आ गया
है।
संजना संघी ने अपना एक स्टेटमेंट जारी
किया है। उन्होंने अपना यह स्टेटमेंट
अमेरिका की यात्रा से वापस आने के बाद जारी किया।
इसमें उन्होंने साफ़ किया कि "किजि और मैन्नी के सेट पर मुझसे दुर्व्यवहार और दुराचरण की निराधार और सारहीन खबरें मैंने अख़बारों में पढ़ी हैं। मैं साफ़ कर देना चाहती हूँ कि मेरे साथ ऎसी कोई घटना नहीं हुई । उपयुक्त होगा कि ऐसे सभी अनुमानों पर विराम लगा दिया जाए। "
संजना सांघी के इस स्पष्टीकरण के बाद, किन्नी और मैन्नी के विवाद में विराम लग
जायेगा, इस पर शक
करने की पूरी गुंजाईश है।
संजना सांघी की
यह डेब्यू फिल्म थी। सेट से पैदा होने
वाली तमाम खबरें उनके नकचढ़ी और अनावश्यक इमोशनल होने की ओर इशारा कर सकती हैं। यह उनके फिल्म करियर पर भारी पड़ सकता था ।
फिल्म
इंडस्ट्री में एक्टर्स की एक दूसरे के साथ फलर्टिंग और खिंचाई, वरिष्ठ
एक्टर द्वारा नवोदित से दोस्ताना रवैया रख कर उनकी झिझक मिटाने की कोशिशे की जाती
हैं। संजना संघी इस मामले में बतंगड़ बनाने
वाली साबित हो सकती थी।
हो सकता है कि
उन्होंने अपना यह बयान इसी दबाव में दिया हो। क्योंकि, बीच शूटिंग
में वह इतने दिन कहाँ चली गई थी। क्यों
नहीं उन्होंने पहले यह बयान दिया? यह सवाल तो सर उठाते ही हैं।
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