फैंटम ने आखिरकार दम तोड़ दिया। अब हिंदी फिल्म दर्शक फ से फैंटम नहीं सुन पाएंगे।
जी हाँ, ज़िक्र हो रहा है फिल्म निर्माण कंपनी फैंटम फिल्म्स का।
अनुराग कश्यप के साथ विक्रमदित्य मोटवाने, विकास बहल और मधु मंतेना ने २०११ में इस कंपनी को स्थापित किया था।
इस बैनर से पहली फिल्म लूटेरा २०१३ में रिलीज़ हुई। रणवीर सिंह और सोनाक्षी सिन्हा की यह फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई।
इसके बाद इस बैनर ने १८ और फ़िल्में निर्मित की। इनमे, क्वीन जैसी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्म के अलावा बॉम्बे वेलवेट, शानदार, उड़ता पंजाब, आदि बुरी तरह से फ्लॉप बड़े बजट की फ़िल्में भी थी।
इस बैनर को भारी-भरकम बजट की फ्लॉप फ़िल्में देने का कलंक अनुराग कश्यप ने ज़्यादा लगाया।
इस बैनर के अंतर्गत आखिरी फिल्म सुपर ३० अगले साल २५ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही है।
लेकिन, खुद को सुपर साबित करने के लिए बनाई गई इस बैनर के सारे सुपर प्रोडूसर-डायरेक्टर खुद को सुपर फ्लॉप साबित करने के बाद रास्ते बदल चुके हैं।
अनुराग कश्यप ने इस बैनर तले फ्लॉप बॉम्बे वेलवेट के अलावा अग्ली, रमन राघव २.०, मुक्काबाज़ और मनमर्ज़ियाँ जैसी फ्लॉप फ़िल्में दी।
फ्लॉप लुटेरा के बाद विक्रमादित्य मोटवाने ने ट्रैप्ड और भावेश जोशी सुपरहीरो जैसी फ्लॉप फिल्मों का सिलसिला बनाये रखा।
क्वीन के विकास बहल ने भी शानदार असफलता का योगदान दिया।
५ अक्टूबर को, इन चारों ने अपने चार रास्ते चुन लिया। हालाँकि, इस कंपनी को २०१५ में रिलायंस एंटरटेनमेंट का साथ मिला था।
अनुराग कश्यप ने कल (५ अक्टूबर को) के इमोशनल ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया कि अब इन चारों ने अपने रास्ते अलग कर लिए हैं।
हालाँकि, यह चारों आज भी अलग अलग एक दूसरे की फिल्मों को अपना सहयोग देते रहेंगे। रिलायंस एंटरटेनमेंट के लिए भी यह फ़िल्में बनाते रहेंगे।
फैंटम फिल्म्स की पिछली फिल्म मनमर्ज़ियाँ १३ सितम्बर को रिलीज़ हुई थी।
RIP (Rest In Panacea) फैंटम।
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