पिछले शुक्रवार (२१ जून),
शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह रिलीज़ हो रही थी। लेकिन, उनका कोई इम्तिहान नहीं था। पिछले चार सालों
में वह, पद्मावत के अलावा एक्शन जैक्सन, शानदार,
उड़ता पंजाब, रंगून और बत्ती गुल मीटर चालू जैसी फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे। उनकी इस फिल्म से दूसरी पद्मावत बनने की उम्मीद नहीं की जाती
थी। अलबत्ता, ट्रेलर से उम्मीद ज़रूर थी। शाहिद कपूर बिना परीक्षा के अव्वल नंबर साबित
हुए। कबीर सिंह ने,
पांच दिनों में १०० करोड़ उड़ा लिए।
इस शुक्रवार (२८ जून) फिल्म आर्टिकल १५ रिलीज़ हो रही है। लेकिन, आयुष्मान
खुराना का कडा इम्तिहान होना है। वह पिछले साल दो फिल्मों बधाई हो और अंधाधुन और
२०१७ में तीन फिल्मों यानि शुभ मंगल सावधान, बरेली की
बर्फी और मेरी प्यारी बिंदु के नायक थे।
यानि दो साल में पांच हिट फ़िल्में।
वह तो हिट फिल्मों की मशीन बन चुके हैं।
उनकी फिल्म आर्टिकल १५ से काफी उम्मीदें हैं। ट्रेड रिकॉर्ड तोड़े जाने की
राह देख रहा है।
लेकिन, सब इतना आसान नहीं होगा। आयुष्मान
खुराना की फिल्मों के विषय तो भिन्न रहे थे। लेकिन, उन्हें ख़ास
फॉर्मेट में पेश किया जा रहा था। यानि एक
सीधा सदा, अमोल पालेकर मार्का लड़का और उसके चारों ओर
हास्य-व्यंग्य का जाल। इसमें गूँथ कर
आयुष्मान खुराना तीर मार ले जाते थे। यह ज़्यादातर फ़िल्में इनके निर्देशकों की थी।
लेकिन, तारीफ २१वी सदी के अमोल पालेकर को मिल रही
थी।
इसलिए, फिल्म आर्टिकल १५ से,
आयुष्मान खुराना काँटों वाली रहा पर चल निकले हैं।
आर्टिकल १५ का विषय विवादित हैं।
इसमें कोई नयापन नहीं है। विषय
गंभीर है। आयुष्मान का पहली बार सामना
तनाव भरे माहौल से होगा। क्या वह पुलिस
भूमिका में कामयाब होंगे ? उनके प्रशंसक
दर्शक उम्मीद तो रख ही रहे हैं । यहीं पर उन्हें तनाव होना चाहिए । वह अपनी वर्दी
मे कितने पुलिस वाले साबित होंगे, यह खुराना को साबित करना है ।
अनुभव सिन्हा ने, रा.वन के फ्लॉप होने के बाद ट्रैक बदला है । वह विवादित विषयों
पर फ़िल्में बनाने लगे हैं । इसके बावजूद गुलाब गैंग, जिद और तुम बिन २ फ्लॉप रही ।
मुल्क से हिन्दू-मुस्लमान का मसला उठा । पर काठ की हांड़ी पहली बार भी नहीं चढ़ी । अब
उन्होंने जात-पात की बात की है । पर जातिवाद अब उस रूप में नहीं रहा । यह कथित
शोषित भी जानता है और शोषण करने वाला भी । अनुभव सिन्हा क्या कहना चाहेंगे ? ऐसे
में आयुष्मान खुराना कथानक के तनाव में तो फसेंगे ही ।
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