Sunday 31 October 2021

कुछ बॉलीवुड की ३१ अक्टूबर २०२१

क्या ओएमजी २ में शिव बने हैं अक्षय कुमार ? - अक्षय कुमार ने, उज्जैन में शूट हो रही, अपनी फिल्म ओएमजी २: ओह माय गॉड २ के दो पोस्टर जारी करते हुए अक्षय कुमार ने लिखा- ‘कर्ता करे न कर सके शिव करे सो होय ..’ ओएमजी २ के लिए आपकी दुआए चाहिए । क्योंकि, यह एक महत्वपूर्ण सामजिक समस्या दिखाने का हमारा ईमानदार और विनम्र प्रयास है. हमें इस यात्रा में अदियोगी की ऊर्जा और आशीर्वाद मिले। हर हर महादेव । इस टिपण्णी के साथ अक्षय कुमार ने दो चित्र भी पोस्ट किये, जिनमे से एक में अक्षय कुमार शिव सदृश्य नील वर्ण में दिखाई देते हैं। इसके साथ ही विवाद की शुरुआत हो जाती है । अक्षय कुमार की इस फिल्म की शूटिंग उज्जैन के महाकाल मंदिर में हो रही है । ऐसा पहली बार होगा । अक्षय कुमार की फिल्म ओएमजी ओह माय गॉड में हिन्दूओ के रीति रिवाजों और विश्वास को पाखण्ड के रूप में दिखाया गया था  । ओएमजी व्यंग्यात्मक शैली में फिल्म है । इसलिए यह कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधान मंत्री के साथ अक्षय कुमार की निकटता से सहम कर उनसे फिल्म की स्क्रिप्ट की मांग नहीं की। आशंका जताई जा रही है कि अक्षय कुमार फिल्म में महाकाल को मजाक के रूप में दिखा सकते हैं। अक्षय कुमार का नील वर्ण उनके शिव की भूमिका मे होने की ओर इशारा कर रहा है । ऐसे में ओएमजी २ पर विवाद होना स्वभाविक है।

जब अमला पॉल ने चुंबन के लिए मांगे ज्यादा पैसे- अमला पॉल, तेलुगु और तमिल फ़िल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं।  वह अपनी सेक्सी भूमिकाओं के कारण हमेशा से चर्चित होती रही हैं और विवादित भी । वह आज कल भी विवादित हो रही हैं । नागार्जुन तेलुगु फ़िल्मों के सुपरस्टार अभिनेता हैं।  हर अभिनेत्री खुद को स्थापित करने के लिए नागार्जुन की फ़िल्में करना चाहतीं हैं।  मगर अभिनेत्री काजल अग्रवाल ने निजी कारणों से नागार्जुन फिल्म द घोस्ट की शूटिंग शुरू नहीं की। इस पर निर्देशक प्रवीण सत्तरू ने अमला पॉल को ले लिया।  पिछले कुछ समय से सुर्खियों से गायब अमला को यह मौका बढ़िया लगा। उन्होंने यह फिल्म लपक ली । पर पेंच फंसा चुंबन को लेकर।  फिल्म के एक फ्लैश बैक में अमला को नागार्जुन के साथ चुंबन दृश्य करना था। सूत्र बताते हैं कि लेकिन २९ साल की अमला ने ६२ साल के नागार्जुन का चुंबन लेने की ऐवज मे ज्यादा पैसों की मांग कर दी। अब यह तो नहीं पता कि अमला को अधिक पैसे मिले या नहींपर सूत्र बताते हैं कि नागार्जुन और अमला पॉल के बीच चुम्बन दृश्य बढ़िया तरह से फ़िल्मा लिया गया ।


श्रेष्ठ निर्देशक के  साथ प्रभास - एसएस राजामौली के निर्देशन में बाहुबली सीरीज से हिंदी दर्शकों में आने पहचान बनाने वाले तेलुगु फिल्म अभिनेता प्रभास की इस समय अधिकतर फ़िल्में अखिल भारतीय प्रारूप में  हिंदी में भी प्रदर्शित होंगी। वह देश के श्रेष्ट निर्देशकों के साथ फ़िल्में कर रहे हैं।  उनकी अगले साल प्रदर्शित होने जा रही फिल्म राधे श्याम के निर्देशक राधा कृष्ण कुमार की पहली फिल्म जिल बड़ी हिट हुई थी। सालार के निर्देशक प्रशांत नील की निर्देशकीय प्रतिभा का लोहा फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ के दर्शक मानते हैं। ओम राउत ने अजय देवगन के साथ सुपरहिट फिल्म तानाजी द अनसंग वारियर का निर्देशन किया था। वह प्रभास को राम की भूमिका में लेकर आदिपुरुष का निर्माण कर रहे हैं।  प्रशांत नील, प्रभास की एक अन्य फिल्म का निर्देशन भी कर सकते हैं।  प्रभास, हिट कबीर सिंह के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा के साथ फिल्म स्पिरिट कर रहे हैं। ६६वे  राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीतने वाली फिल्म महानटी के निर्देशक नाग आश्विन के प्रोजेक्ट के के नायक भी प्रभास ही होंगे। ख़ास बात यह है कि यह सभी निर्देशक युवा है।  युवा दृष्टि में नयापन होता है, इसे फोर्टी प्लस के प्रभास अच्छी तरह से जानते हैं।


मिनाक्षी सुन्दरेश्वर नेटफ्लिक्स पर - डिजिटल प्लेटफार्म पर नई फिल्मों के स्ट्रीम होने का सिलसिला चालू है। इस कड़ी में निर्देशक विवेक सोनी की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मीनाक्षी सुन्दरेश्वर भी शामिल हो गई है। करण जोहर के धर्माटिक एंटरटेनमेंट की यह फिल्म नेटफ्लिक्स ओरिजिनल के अंतर्गत बनाई गई है। एक नवविवाहित जोड़े को अपनी अपनी नौकरी की मज़बूरियों के कारण दूर होना पड़ता है।  इस दूरी के समय इस जोड़े को किन समस्याओं, हास्यास्पद परिस्थितियों और संवेदनाओं से गुजरना पड़ता है, इसका चित्रण इस फिल्म में किया गया है। फिल्म में मिनाक्षी की भूमिका सान्या मल्होत्रा और सुरंदेश्वर की भूमिका अभिमन्यु दासानी ने की है। यह फिल्म ५ नवम्बर से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने लगेगी।


ऑस्कर के लिए क्यों रिजेक्ट हुई सरदार उधम - इस साल के ऑस्कर पुरस्कारों में भारत की पृविष्टि के रूप में जो १० फ़िल्में फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया को भेजी गई थी, इनमे विक्की कौशल की पीरियड फिल्म सरदार उधम भी थी यह फिल्म जलियांवाला बाग़ में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने वाले तत्कालीन अग्रेज गवर्नर माइकल ओ डायर को लन्दन में गोली मारने वाले क्रांतिकारी उधम सिंह के जीवन पर है। इस फिल्म को देश विदेश में सराहा जा रहा है। परन्तु भारत में फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने इस फिल्म कोई ऑस्कर के योग्य नहीं पाया। इस अयोग्यता के फेडरेशन ने दिलचस्प कारण दिए हैं। फेडरेशन ने बयान जारी कर कहा कि यह फिल्म अनजाने क्रांतिकारी पर फिल्म का ईमानदार प्रयास है। परन्तु, ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में फिल्म को ऑस्कर के लिए भेजा जाना उपयुक्त नहीं होगा। क्योंकि, यह फिल्म ब्रिटिश के प्रति नफ़रत का चित्रण करने वाली है।

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