भारतीय फिल्म उद्योग में भगदड़ मच गई है। कोरोना के नए रूप ओमीक्रॉन के जोर पकड़ते ही, जनवरी में रिलीज़ होने वाली फिल्मों पर खतरा मंडराने लगा था। जब, शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर की फिल्म जर्सी की ३१ दिसंबर की रिलीज़ को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया तो ऐसा लगा था कि जर्सी के निर्माता २४ दिसंबर को प्रदर्शित क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने पर फिल्म '८३ की असफलता से घबरा गए थे। फिर भी आशंका जताई जा रही थी कि जनवरी को प्रदर्शित की जाने वाली चार बड़ी फ़िल्में प्रदर्शित होंगी! उस समय आर आर आर के निर्माताओं ने दृढ़ता से बताया था कि आर आर आर अपने निश्चित समय पर ही रिलीज़ होगी।
बढ़ते मामले - पर भारत में ओमीक्रॉन के १४३१ मामले प्रकाश में आते ही दहशत फ़ैल गई। यह दहशत इसलिए भी थी कि ओमीक्रॉन के मामले एक दिन ५० प्रतिशत की रफ़्तार से बढे थे। विशेष रूप से महाराष्ट्र और दिल्ली मे दशा खराब थी। महाराष्ट्र में तो १० मंत्री और ४० विधायक कोरोना के शिकार हो गए थे। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्णाटक, तमिलनाडु और विदेशी बाजार में कोरोना का आतंक छाया हुआ था। यह क्षेत्र ही जनवरी में प्रदर्शित होने जा रही बड़ी फिल्मो के व्यवसाय की दृष्टि से महत्वपूर्ण थे।
अनिश्चित काल के लिए आर आर आर - रामचरण, जूनियर एनटीआर, आलिया भट्ट और अजय देवगन की हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में प्रदर्शित होने वाली फिल्म आर आर आर का बजट ४०० करोड़ है। इस फिल्म के आक्रामक प्रचार में फिल्म के निर्माता ५० करोड़ खर्च कर चुके हैं। इतने भारी भरकम फिल्म को उतने ही विस्तार वाले प्रदर्शन की जरूरत है। आर आर आर के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्णाटक के बाजार बहुत आवश्यक है। महामारी के विस्तार के बाद, इन राज्यों मै प्रतिबन्ध लगाया जाना स्वभाविक है। आर आर आर को भारी पैमाने पर अमेरिका बाजार में प्रदर्शित किया जाना था। पर विदेशी बाजार भी इस महामारी से बहुत प्रभावित है। सीमित और प्रतिबंधित बाज़ार में अपनी फिल्म को रिलीज़ करना, किसी प्रकार से समझदारी नहीं होती।
क्या राधे श्याम भी ? - कोरोना के बढ़ते मामले भांपते ही राधे श्याम के निर्माताओं ने राधे श्याम के प्रदर्शित की तिथि बदलने का मन बना लिया था। राधे श्याम का बजट भी कुछ कम नहीं। प्रभास और पूजा हेगड़े अभिनीत यह रोमांटिक फिल्म ३५० करोड़ के बजट से बनी है। यह फिल्म भी हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में प्रदर्शित होनी है। इस महँगी और अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शित की जाने वाली फिल्म को भी सकारात्मक बाजार की जरूरत है। फिलहाल तो ऐसा लगता है कि राधे श्याम भी आर आर आर की राह पर अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने जा रही है।
पृथ्वीराज और अटैक भी ? - अपुष्ट समाचारो के अनुसार अक्षय कुमार की फिल्म पृथ्वीराज और जॉन अब्राहम की फिल्म अटैक, जो क्रमशः २१ और २८ जनवरी को प्रदर्शित होने जा रही थी, को अनिश्चित- काल के लिए टाल दिया गया है। हालाँकि, राधे श्याम, पृथ्वीराज और अटैक की रिलीज़ आगे बढाने का अधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। लेकिन, अगर कोरोना के मामले बढे तो इन सभी फिल्मों को आगे की तारीखों पर नजर लगानी होंगी। इससे अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो सकती है। इस समय भी हर दूसरे हफ्ते दो से अधिक फिल्मों का टकराव हो रहा है। जनवरी में रिलीज़ होने वाली सभी फिल्मों के रिलीज़ न हो पाने से, जबरदस्त संकट पैदा हो सकता है। कोई शक नहीं अगर कुछ बड़ी फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर स्ट्रीम होती नज़र आयें।
बेकारी का संकट ! - जनवरी २००२ में भारत की चार बड़ी फिल्मों की रिलीज़ से फिल्म उद्योग बहुत उत्साहित था। ख़ास तौर पर आर आर आर और राधे श्याम से भारी भरकम कारोबार की उम्मीद की जा रही थी, जो २०२१ में घाटा उठाये उद्योग को सांत्वना दे सकता था। पर अब यह संभावना ख़त्म होती लग रही है। इस से, फिल्म उद्योग का प्रदर्शन सेक्टर ख़ासा प्रभावित होगा। पिछले दो सालों से लगातार बंद झेल रहा प्रदर्शन क्षेत्र को इस घटना से बड़ी हानि होने जा रही है। इस क्षेत्र में बेकारी का खतरा गहरा सकता है। सिनेमाघरों, ख़ास तौर पर एकल पर्दा थिएटरों के बंद हो जाने से, इस सेक्टर में काम करने वाले तमाम कर्मचारी स्थाई रूप से बेकार हो जायेंगे। अब देखने वाली बात होगी कि फिल्म उद्योग इस संकट से कैसे उबरता है।
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