Friday, 16 August 2013

कूड़ा एक्सप्रेस से लौटेंगे न दुबारा तक दर्शक

 
                      एक हफ्ते के अन्दर बॉलीवुड के दो बड़े सितारा अभिनेताओं ने बता दिया कि वह किस प्रकार से अपनी सुपर स्टार इमेज के जरिये अपनी कूड़ा फिल्मों को अच्छा इनिशियल दिलवा कर अपने प्रशंसक दर्शकों को बेवक़ूफ़ बना रहे है. ईद के दिन शाहरुख़ खान की चेन्नई  एक्सप्रेस  रिलीज़ हुई थी. पिछले चार सालों से सलमान खान बॉक्स ऑफिस पर अपनी कूड़ा फ़िल्में गिरा कर दर्शकों  को दुह रहे थे. इसीलिए जब ईद २०१३ पर ९ अगस्त को शाहरुख़ खान की फिल्म रिलीज़ होने का ऐलान हुआ तो उनके प्रशंसकों और बॉलीवुड के आम दर्शकों में उम्मीद जगी कि इस खान से कोई क्वालिटी फिल्म देखने को मिलेगी. लेकिन हुआ क्या चेन्नई एक्सप्रेस ने सलमान खान की पहले की कूड़ा फिल्मों की तर्ज़ पर कूड़ा उंडेलते हुए सलमान खान की फिल्मों का बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे तेज़ १०० करोड़  कमा लिये. लेकिन, चेन्नई एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन की तरह घटिया चाल और कूड़ा करकट फैली हुई थी. यही कारण था कि रिलीज़ के चौथे दिन इस फिल्म का कलेक्शन ६१ प्रतिशत से ज्यादा गिर गया और तीन  दिनों से बॉक्स ऑफिस पर एक्सप्रेस रफ़्तार भर रही फिल्म पैसेंजर रफ़्तार से चलने लगी. जिस फिल्म के लिए रोज आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही थी, वह अब २०० करोड़ तक कब पहुंचेगी, यह कहना मुश्किल लग रहा है.

                      चेन्नई एक्सप्रेस का पैसेंजर निकलना अक्षय कुमार की फिल्म  इन मुंबई दुबारा के लिए वरदान से कम नहीं था.  क्योंकि,चेन्नई एक्सप्रेस के मुकाबले  अपॉन अ टाइम …को स्क्रीन कम मिल पाने के कारण ही वन्स अपॉन की रिलीज़ छह दिन आगे बढ़ा कर १५ अगस्त कर दी गयी थी. वैसे इसके बावजूद वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा को पहले दिन बहुत कम स्क्रीन मिले. दूसरे दिन यानि आज  मात्र २७०० प्लस स्क्रीन में ही रिलीज़ हो पायी है. लेकिन, १५ अगस्त को  खचाखच भरे सिनेमाघरों के दर्शकों ने  फिल्म के लिए मुसीबत पैदा कर दी. वन्स अपॉन के लिए दर्शकों में बेहद उत्साह था. एक तो हिट फिल्म का सीक्वल होने तथा दूसरा अक्षय कुमार की फिल्म होने के कारण।  अक्षय कुमार से दर्शकों को ख़ास अपेक्षा थी, क्योंकि उन्होंने दर्शकों को O M G ओह माय गॉड और स्पेशल २६ जैसी बढ़िया फ़िल्में दी थीं. मगर, एक हफ्ते से भी कम समय में अक्षय कुमार की फिल्म ने भी यह साबित कर दिया की बॉलीवुड के सुपर स्टार फेस्टिवल क्राउड को मूर्ख बना कर अपनी कूड़ा फिल्मों को सौ करोडिया बनाने का गेम खेल रहे है.
                        फेस्टिवल में कूड़ा फैलाने से नाराज़ दर्शकों ने चेन्नई एक्सप्रेस के कलेक्शन में भारी गिरावट पैदा कर सुपर स्टार्स को चेतावनी दे दी है. पूरी उम्मीद है कि दर्शक वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा को दर्शक दुबारा देखने ना जाएँ। ऐसे में अक्षय कुमार की फिल्म का  वीकेंड भी खराब जा सकता  है. पर यह कठोर चेतावनी होगी, दर्शकों की तरफ से बॉलीवुड के तमाम अभिनेताओं को.
                        चेन्नई एक्सप्रेस और वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा के द्वारा ईद-इंडिपेंडेंस डे वीकेंड में फैलायी गयी कूडागिरी के मद्देनज़र सोचने की जितनी ज़रुरत सुपर स्टार्स को है, उससे  कहीं ज्यादा सोचने की ज़रुरत दर्शकों को है कि वह कूड़ा फिल्मों का वहिष्कार करें। उन्हें वह ओपनिंग नहीं दे, जिससे बिग स्टार्स  उत्साहित हो कर अपना कूड़ा माल बॉक्स ऑफिस पर गिरा रहे हैं. अगर ऐसा हो गया तो निश्चित मानिये अगले तीन चार सालों में दर्शकों का फेस्टिवल वीकेंड सचमुच फेस्टिवल वाले उत्साह से भरा होगा.
 

Thursday, 15 August 2013

वन्स अपॉन अ टाइम भी यह डॉन रोमांटिक नहीं हो सकता

               बॉलीवुड के फिल्मकारों को पूरा हक है कि वह रावण पर फिल्म बनायें।   लेकिन, यह ध्यान रखें कि रावण  को राम नहीं बनाया जा सकता।  इसलिए, जब रावण पर फिल्म बनानी है तो रावण के चरित्र को सावधानीपूर्वक बनाना पडेगा. ध्यान रखना होगा कि करैक्टर में ऎसी खामियां न रह जाएँ कि रावण न राम रहे , न रावण ही. मिलन लुथरिया निर्देशित रजत अरोरा की लिखी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम  दुबारा में अक्षय कुमार के करैक्टर के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है.
               वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा २०१० की मिलन लुथरिया की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई  का सीक्वल है. २०१० की फिल्म हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहीम के रिलेशन पर थी. इसका सीक्वल दाऊद इब्राहीम और एक काल्पनिक करैक्टर की एक ही लड़की से प्रेम की वास्तविक-काल्पनिक प्रेम कहानी है. शोहेब खान गद्दार रावल को मारने इंडिया आता है. यहाँ आकर वह एक लड़की के प्रेम में पड़ जाता है. उसी लड़की से उसका बचपन का दोस्त असलम भी प्रेम करता है.
                फिल्म की निर्माता एकता कपूर और निर्देशक मिलन लुथरिया के साथ अक्षय कुमार भी यह कहते घूम रहे थे कि यह फिल्म दाऊद पर नहीं। लेकिन, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई का सीक्वल होने और अक्षय कुमार के करैक्टर शोहेब के मेकअप और गेटअप से दाऊद का धोखा होने से यह फिल्म दाऊद इब्राहीम पर फिल्म ही बैठती है. जितना आम दर्शक को मालूम है दाऊद एक अव्वल नंबर का ऐय्याश और क्रूर  गैंगस्टर था. उसका शगल फिल्म अभिनेत्रियों के साथ ऐय्याशी करना था. उसने मुंबई में धमाके कर सैकड़ों बेगुनाह लोगों की जान ली थीं. ऐसे घटिया चरित्र को फिल्म का नायक बनाना मिलन लुथरिया और एकता कपूर की भारी भूल थी. उस पर उसे अपनी इमेज से बिलकुल अलग रोमांटिक दिखाया गया है. अक्षय कुमार पर रोमांस जम सकता है, लेकिन अक्षय कुमार के दाऊद पर यह रोमांस बिलकुल नहीं जमता. सो अक्षय कुमार बिलकुल हत्थे से उखड़े नज़र आते हैं. अलबत्ता कहीं कहीं उनका काम अच्छा है. इमरान खान को एक्टिंग आती ही नहीं। इसलिए वह अपने करैक्टर को बस निबाह ले जाते हैं. सोनाक्षी सिन्हा अब रूटीन होती जा रही हैं. उनके करैक्टर में बिलकुल जान नहीं थी, इसलिए उनकी एक्टिंग में जान का सवाल ही नहीं था. अन्य पात्रों में सोनाली बेन्द्रे, कुरुष देबू, सोफी चौधरी, टिकू , आदि सामान्य है. इस बेजान चरित्रों वाली फिल्म में केवल डेढ़ टांग का करैक्टर ही आकर्षित करता है, वह भी पितोबश त्रिपाठी के बेहतरीन अभिनय के कारण।
                 फिल्म की सबसे बड़ी कमी फिल्म की बेजान कहानी और ढीली ढाली स्क्रिप्ट है. शोहेब का करैक्टर न तो गैंगस्टर लगता है, न रोमांटिक। यह मिलन की बेबसी थी कि उसे एक रियल लाइफ गैंगस्टर को रोमांटिक दिखाना था. अब ऎसी मजबूरी में स्क्रिप्ट की मजबूती की डिमांड तो बनती ही थी. रजत अरोरा और उनकी स्क्रिप्ट टीम मेहनत करती नज़र नहीं आती. कोई भी फ्रेम प्रभावित नहीं करता। रोमांटिक फिल्मों के लिए चरित्रों के बीच की केमिस्ट्री और इंटेंसिटी महत्वपूर्ण होती है. फिल्म के तीनों मुख्य चरित्रों को ठीक ढंग से बुना ही नहीं गया है. सोनाक्षी सिन्हा का यस्मिन का चरित्र ना जाने किस दुनिया का है, जो फिल्म अभिनेत्री तो बन जाती है, लेकिन यह नहीं जानती की शोहेब एक डॉन है. इमरान खान तो त्रिकोण बनाने अनावश्यक टपकाए गए हैं. सो वह टपक कर बह जाते है. इन तीनों कलाकारों को वर्कशॉप करनी चाहिए थी ताकि एक दूसरे के चरित्रों की समझ हो जाती। फिल्म के करैक्टर अंडरवर्ल्ड के हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि भाषा को घटिया स्टार तक गिरा दिया जाये. फिल्म में महिलाओं के लिए अपमानजनक संवादों की भरमार है. डेढ़ टांग और उसकी प्रेमिका के बीच कार में सेक्स के दृश्यों को ख्वामख्वाह तूल दी गयी है. यह अरुचिकर हैं. प्रीतम ने पहली बार फिल्म से ज्यादा बेकार संगीत दिया है. फिल्म का कोई ऐसा डिपार्टमेंट नहीं जिसकी तारीफ की जा सके या कुछ कहा जाये. फिल्म की लम्बाई उकताने वाली है.
                  बॉलीवुड का दुर्भाग्य है कि गैंगस्टर से आगे कुछ सोच नहीं पाता. उससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि वह दाऊद की छाया से बाहर नहीं निकल पा रहा. उससे भी बड़ा दुर्भाग्य दर्शकों का है कि उन्हें फेस्टिव सीजन में वन्स अपॉन और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी रद्दी फिल्मों में अपना पैसा गलाना पड़ रहा है. अब यह देश का भी दुर्भाग्य है कि उसका जन गण देश के दुश्मन के  अवतार के लिए तालियाँ और सीटियाँ बजा रहा है.

                      


 

Wednesday, 14 August 2013

इस इंडिपेंडेंस डे दाऊद के लिए बजेंगी तालियाँ !


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Sunday, 11 August 2013

एक्सपंड हुआ The Expendables ३ बाहर हुए ब्रूस विलिस

                       
                          राइटर,  डायरेक्टर और एक्टर के रूप में सिल्वेस्टर स्टेलोन की २०१० में रिलीज़ एक्शन पैक्ड फिल्म The Expendables  में हॉलीवुड के सितारों की भीड़ थी तथा ८० मिलियन डॉलर में बनी इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस पर २७४ मिलियन डॉलर से ज्यादा कमाए थे. इससे उत्साहित हो कर स्टेलोन ने फिल्म के सीक्वल The Expendables २ को २०१२ में प्रदर्शित किया. पर इस सीक्वल फिल्म का निर्देशन साइमन वेस्ट ने किया था. इस फिल्म का बजट १०० मिलियन का था और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ३०० मिलियन डॉलर से ज्यादा का कलेक्शन किया था. ऐसे सिल्वेस्टर स्टेलोन का फिल्म के तीसरे भाग को बनाना स्वाभाविक था. लेकिन, स्टेलोन का Tweet पढ़ कर लोग उस समय चौंक गए, जिसमे स्टेलोन ने ब्रूस विलिस को लालची बताया था. उसी समय यह कयास लगाया जाने लगा था कि The Expendables ३ में ब्रूस विलिस नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि पहले के दो हिस्सों में ब्रूस विलिस का रोल महत्वपूर्ण था. अब यह खबर है कि ब्रूस विलिस ने १ मिलियन डॉलर प्रतिदिन की मांग की थी। सिल्वेस्टर अपने दोस्त को इतनी ज्यादा रकम देने को तैयार नहीं थे. इसलिए, ब्रूस फिल्म की कास्ट से बाहर हो गए और उनकी जगह मेल गिब्सन आ गये. इन दोनों ने १९९५ में रिलीज़ फिल्म असेसिन में साथ काम किया था. The Expendables ३ के निर्देशन की कमान पैट्रिक Hughes के हाथ में होगी. यह फिल्म अगले साल १५ अगस्त को रिलीज़ होगी. 

Friday, 9 August 2013

पेसंजरों के इंतज़ार में चेन्नई एक्सप्रेस !




                     राष्ट्रीय पर्वों के अलावा ईद, होली, दीवाली और क्रिसमस ऐसे त्यौहार होते हैं, जिनके वीकेंड में अपनी फ़िल्में रिलीज़ करवा कर तमाम खान और कुमार १०० करोडिया हीरो बन जाते है और सीना ताने घूमते हैं कि वह इतनी इतनी सौ करोडिया  फिल्म के हीरो हैं. यह अभिनेता बिना यह सोचे कि कचरे के ढेर पर खड़े होकर हॉलिडे वीकेंड का फायदा उठाते हुए उन्होंने दर्शकों को मूर्ख बनाया है. पिछले चार सालों से सलमान खान ईद पर अपना कचरा फिल्म परोस कर सौ करोडिया हीरो बने हुए थे. इस बार शाहरुख़ खान की बारी है.
                     रोहित शेट्टी से यह उम्मीद तो नहीं कि जाती कि वह कार ब्लास्ट करने के अलावा किसी सर पैर की कहानी पर फिल्म बनायेंगे. लेकिन दर्शक उम्मीद करता है कि बॉलीवुड का बादशाह खान कुछ अलग सा  देंगे। आज ईद पर रिलीज़ हो रही तथा ईद ईव पर पेड प्रीव्यू में दिखायी जा चुकी, शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस दोनों उम्मीदें तोड़ती है. रोहित शेट्टी ने ने इस बार बेसिर पैर की कहानी तक नहीं ली है. क्योंकि, फिल्म में कहानी नदारद है. युनुस सजावल की, शायद लोकेशन पर ही लिखी गयी, स्क्रिप्ट पर रोहित शेट्टी ने कैमरा चलवा दिया है. कहानी कही जाए तो बस इतनी सी है कि राहुल अपनी दादी के कहने पर अपने दादा जी की अस्थियाँ रामेश्वरम में विसर्जित करने का धोखा देने के लिए चेन्नई एक्सप्रेस पर बैठ जाता है. वह अपने दादा जी की अस्थियाँ कैसे बहा पाता है, यह फिल्म का ऊटपटांग ट्रैक है. कभी चेन्नई एक्सप्रेस में तो कभी लाल रंग की जीप में खान और पादुकोण भागते नज़र आते हैं. क्लाइमेक्स में आकर तो चेन्नई एक्सप्रेस बुरी तरह से डिरेल हो जाती है. कहा जा सकता है कि खान इस डिरेलमेंट में थोडा घायल हो सकते हैं.
                       फिल्म का कोई भी फ्रेम नया नहीं। लगता है जैसे रोहित शेट्टी ने अपना दिमाग बादशाह खान के हवाले कर दिया था तथा सेट पर स्पॉट बॉय से चाय परोसवाने और जोक क्रैक करने का काम कर रहे थे. शाहरुख़ खान और दीपिका पदुकोन ने अपने उम्दा अभिनय से इस कहानी के बिना घिसटती फिल्म को रफ़्तार देने की कोशिश की है. दीपिका का नाम वाकई खान से पहले रखने वाला है. वह अपने रोल को पूरी शिद्दत और भाव भंगिमाओं के साथ निभाती है. शाहरुख़ खान बहुत बढ़िया और उदाहरण योग्य हास्य अभिनय करते हैं. दक्षिण के निकितन धीर और सत्यराज के रोल टेलर मेड थे. उन्हें अपनी रियल लाइफ जैसा ही कुछ करना था, इसे वह बखूबी कर ले गए है.
                      फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस में एक्सप्रेस ट्रेन के कोई लक्षण नहीं। विशाल शेखर का स्टीरिओ सिस्टम इस लायक नहीं कि अमिताभ भट्टाचार्य के बोल सुनाई पड़ सके. फरहाद और साजिद की जोडी अपने संवादों से दर्शकों को हंसा पाने में काफी हद तक कामयाब होती है. स्टीवन बर्नार्ड ने फिल्म को कसने की कोशिश की है. लेकिन, अच्छी स्क्रिप्ट की नामौजूदगी में वह फिल्म को कुछ ख़ास रफ़्तार नहीं दे सके. रोहित शेट्टी ने जय सिंह निज्जर के साथ फाइट कम्पोजीशन की है. इनमे कोई नयापन नहीं है.फिल्म पर भारी पड़ सकते हैं फिल्म के तमिल बहुल संवाद और पृष्ठभूमि। 
                     फिल्म की निर्माता के बतौर गौरी खान तथा UTV के रोंनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर का नाम दिया गया है. फिल्म के निर्माण में ९०  करोड़ खर्च होना बताया गया है. इतनी रकम की रिकवरी के लिए चेन्नई एक्सप्रेस के लिए वीकेंड इम्पोर्टेन्ट है. फिल्म को ३७०० से ज्यादा प्रिंट्स में रिलीज़ किया गया है. सब कुछ सोमवार पर निर्भर करेगा कि फिल्म किस हद तक ईद क्राउड को खींच पाती है.

पेसंजरों के इंतज़ार में चेन्नई एक्सप्रेस !

Wednesday, 7 August 2013

चेन्नई एक्सप्रेस के आगे चुनौतियों की मालगाड़ी !

                          
                           अगर कागज़ पर मीडिया  के बनाए शाहरुख़ खान के दुश्मन सलमान खान से भी पूछेंगे तो वह भी यही कहेंगे कि २०१३ की ईद पर रिलीज़ हो रही शाहरुख़ खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस को हिट होने से कोई रोक नहीं सकता. लेकिन, इसके बावजूद शाहरुख़ खान भी यह स्वीकार करेंगे कि चेन्नई एक्सप्रेस के लिए हिट फिल्म टैग ही काफी नहीं होगा. शाहरुख़ खान बॉलीवुड के सुपर स्टार है. उन्हें बॉक्स ऑफिस का बादशाह खान कहा जाता है. अब यह बात दीगर है कि बॉलीवुड की पहली १०० करोड़ी फिल्म सलमान खान ने दी थी. सलमान खान ने १०० करोड़ कमाने की रफ़्तार कुछ इतनी तेज़ पकड़ी कि वह बॉक्स ऑफिस के टाइगर मान लिए गये. ईद का वीक पिछले चार सालों से सलमान खान को १०० करोड़ की फिल्म  देता रहा है. इस साल यह हफ्ता शाहरुख़ खान के पास है. या यो कह सकते हैं कि पूरा नहीं छह दिन. इसके बाद १५ अगस्त को अक्षय कुमार की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा रिलीज़ हो रही है. पहले, अक्षय कुमार की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के साथ ८ अगस्त को रिलीज़ हो रही थी. अक्षय कुमार और एकता कपूर ने ईद और स्वतंत्रता दिवस का हफ्ता भारी मन से छोड़ा था. इसीलिए, यह दोनों अपनी फिल्म को और  ज्यादा आगे खिसकाने के लिए तैयार नहीं हुए. इस लिए शाहरुख़ खान और उनकी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के लिए कुछ चुनौतियाँ, बहुत बड़ी चुनौतियाँ लग रही हैं.
                           चेन्नई एक्सप्रेस कहानी है चालीस साल के राहुल की है, जो अपने दादा जी की अस्थियाँ उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार रामेश्वरम में विसर्जित करने के लिए चेन्नई एक्सप्रेस में सफ़र कर रहा है. ट्रेन में उसकी मुलाकात एक तमिल भाषी लड़की मीनम्मा से होती है, जो एक डॉन की बेटी है. राहुल ट्रेन में मीनम्मा  के पिता के गुंडों को एक आदमी का क़त्ल करते देख लेता है. पिता के आदेश पर मीनम्मा राहुल को अपने पिता के पास ले जाती  है. अब यह बात दीगर है कि रास्ते में दोनों का प्यार हो जाता है.
                            चेन्नई एक्सप्रेस रोमांस कहानी नहीं, जो बॉक्स ऑफिस शाहरुख़ खान का सफ़र सुहाना बना दे. क्योंकि, रोमांस तो शाहरुख़ खान का किला है. वह जब तक है जान तक अपनी तमाम रोमांस फिल्मों को हिट बनाते आये हैं. चेन्नई एक्सप्रेस तो एक एक्शन कॉमेडी है. शाहरुख़ खान को एक्शन रास नहीं आता है. उनकी एक्शन मोड वाली फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम होती रही हैं.
                             इसीलिए बादशाह  खान के लिए चुनौतियाँ कुछ ज्यादा कठिन हो जाती है. चेन्नई एक्सप्रेस के बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ कमा लेने से खान की बादशाहत में मोर पंख नहीं लगेंगें। अब तो फरहान अख्तर का मिल्खा भी बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ की दौड़ भाग रहा है. शाहरुख़ खान के सामने बड़ी चुनौती उस सलमान खान की फ़िल्में होंगी, जिनके साथ वह बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में गले लग चुके हैं. सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर के नाम 32.९२ करोड़ का हाईएस्ट सिंगल डे कलेक्शन का रिकॉर्ड दर्ज है. शाहरुख़ खान की एक दिन में सबसे ज्यादा २५ करोड़ का कलेक्शन करने वाली फिल्म रा.वन थी. सलमान खान की फिल्म दबंग २ ने वीकेंड में सबसे ज्यादा ६३.६० करोड़ कमाने का कीर्तिमान भी स्थापित कर रखा है. इसी साल रणबीर कपूर की फिल्म ये जवानी है दीवानी ने वीकेंड में ६२.११ करोड़ का कलेक्शन कर खान की चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं. क्या शाहरुख़ खान रणबीर कपूर का रिकॉर्ड भी तोड़ पाएंगे? बात यहीं ख़त्म नहीं होती। सलमान खान द्वारा पेश चुनौतियाँ और भी है. सलमान खान की दो फिल्मों एक था टाइगर और दबंग २ ने सबसे जल्दी छह दिनों में सौ करोड़ कमा लिए थे. जबकि, शाहरुख़ खान की फिल्म रा.वन को सौ करोड़ कमाने में दस दिन लग गए थे. जबकि, यह फिल्म दीवाली वीक में लगी थी.
                                        चूंकि, हिंदी फ़िल्में बड़ी आसानी से, मल्टीप्लेक्स में ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज़ हो कर तथा टिकेट रेट्स बढ़ा कर, १०० करोड़ कमा ले रही हैं. इसलिए खान को आमिर खान की फिल्म ३ इडियट्स की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा, जो सबसे ज्यादा २०२ करोड़ कमा चुकी है. आमिर खान के रिकॉर्ड को तो सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर भी नहीं छू सकी है. टाइगर की बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ २०० करोड़ पर आते आते मिमियाहट में बदल गयी थी. एक था टाइगर केवल १९८ करोड़ ही कमा सकी. बादशाह खान के सामने ओवरसीज की चुनौतियाँ भी दरपेश होंगी।  ओवरसीज मार्किट में ३ इडियट्स ने २५ मिलियन डॉलर और शाहरुख़ खान की माय नेम इज खान २३ मिलियन डॉलर की कमाई की थी. चेन्नई एक्सप्रेस को इन दोनों चुनौतियों को ध्वस्त करना होगा. क्या चेन्नई एक्सप्रेस इतनी रफ़्तार  पकड़ सकेगी कि बॉक्स ऑफिस की दौड़ में स्थापित किये गए तमाम माइलस्टोन को ध्वस्त कर सके?
                                        चेन्नई एक्सप्रेस और खान के सामने चुनौतियाँ ढेर हैं. पर फिल्म में उनके साथ मीनम्मा  अर्थात दीपिका पदुकोन है. दीपिका इसी साल दो १०० करोड़ कमाने वाली फ़िल्में रेस २ और यह जवानी है दीवानी दे चुकी हैं. हो सकता है कि वह हैटट्रिक मार लें. पर यह मास्टर स्ट्रोक होना चाहिए, ताकि पहले की चुनौतिया धराशायी हो जाएँ। क्या ऐसा होगा? शाहरुख़ खान की इस फिल्म का पेड प्रीव्यू ८ अगस्त को रखा गया है. हो सकता है कि यह प्रीव्यू कोई इशारा कर सके. 
 

Tuesday, 6 August 2013

सिल्क स्मिता का चोला पहन कर हिट हो गयी वीना मलिक भी !

                     


                      दक्षिण की फिल्मों में अपने उत्तेजक आइटम नंबर से याद की  जाने वाली सिल्क स्मिता  कभी भी हीरोइन के रूप में सफल नहीं हो सकीं। सिल्क स्मिता  ने सदमा जैसी हिंदी फिल्म में अभिनय भी किया. इस फिल्म में भी वह कामुक ही लगीं थीं।  २३ सितम्बर १९९६ को उनके घर में पायी गयी उनकी मृत देह ने पूरे भारतीय फिल्म उद्योग को दहला कर रख दिया. यहाँ तक कि सुदूर उत्तर भारत में भी उनकी अकाल मौत के सदमे को महसूस किया गया.
                       सिल्क स्मिता अपनी मृत्यु के डेढ़ दशक बाद भी किसी बड़ी एक्ट्रेस की तरह याद की जाती हैं. उनकी जीवनियाँ लिखीं गयीं, जो काफी बिकी भीं. २०११ में निर्माता एकता कपूर ने सिल्क स्मिता के जीवन  पर फिल्म बनाने के लिए मिलन लूथरिया के साथ शुरुआत की. मलयाली विद्या बालन को तेलुगु सिल्क स्मिता बनाया गया. मिलन लूथरिया ने सिल्क स्मिता की निजी ज़िंदगी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए बिना सिल्क स्मिता के जीवन के नाजुक और संवेदनशील लम्हों को छुआ. सिल्क स्मिता द डर्टी पिक्चर से एक ऎसी मासूम अभिनेत्री साबित हुई, जिसका अंत तक शोषण किया गया.
                      द डर्टी पिक्चर की सफलता के साथ ही दक्षिण में सिल्क स्मिता पर फिल्मों की घोषणाओ की बाढ़ आ गयी. कन्नड़ भाषा में बनायी गयी २ अगस्त को रिलीज़ फिल्म सिल्क सक्काथ मगा इनमे से एक फिल्म थी. इस फिल्म में सिल्क स्मिता का रोल पाकिस्तान से आयी अभिनेत्री वीणा मलिक ने किया है. वीणा मलिक आधा दर्जन हिंदी फ़िल्में कर चुकी हैं. इसके बावजूद वह खुद को स्थापित नहीं कर सकी है. आज भी वह अपने नग्न अर्ध नग्न उत्तेजक मुद्राओं वाले चित्रों के कारण विवादित रूप से मशहूर होती रहती है. लेकिन, उनके द्वारा अभिनीत सिल्क स्मिता पर कन्नड़ फिल्म सिल्क सक्काथ मगा ने उन्हें, कम से कम साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर ही दिया है.
                    सिल्क सक्काथ मगा कर्णाटक राज्य के मंगलोर, उडुपी, हैदराबाद और मैसूर के ५० थिएटर में १४० स्क्रीन पर हाउस फुल जा रही  है। यह फिल्म ऐसे सिनेमाघरों में भी प्रदर्शित हुई, जहाँ आम तौर पर कन्नड़ फ़िल्में नहीं प्रदर्शित की जाती है. एशिया के सबसे बड़े, १४८० दर्शक क्षमता वाले थिएटर में सिल्क सक्काथ मगा हाउस फुल दर्शकों द्वारा देखी गयी. यह फिल्म कन्नड़ फिल्म इतिहास की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गयी है.
                    दिलचस्प तथ्य यह है कि सिल्क सक्काथ मगा में सिल्क स्मिता का रोल कर रही वीणा मालिक ने द डर्टी पिक्चर की विद्या बालन जैसा संवेदनशील अभिनय नहीं किया है. उन्होंने फिल्म में ज़बरदस्त अंग प्रदर्शन किया है. उत्तेजक कामुक हाव भाव के जरिये वह दर्शकों को अपना  हैं. फिल्म में उनके ज़्यादातर सीन अंग प्रदर्शक और नाभि दर्शक हैं. वह अपने हीरो अक्षय के साथ गुत्थम गुत्था नज़र आती है. वीना मालिक जैसी उत्तेजना तो शायद अपने जीते जी सिल्क स्मिता तक नहीं पैदा कर सकी होंगी।

 

Monday, 5 August 2013

.....अब मुसीबत में अक्षय कुमार की फिल्म !

                
स्वप्निल जोशी अभिनीत मराठी फिल्म दुनियादारी १९ जुलाई से मुंबई के सिंगल स्क्रीन थियटरों में ज़बरदस्त हाउस फुल चल रही है. ९ अगस्त को  शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस रिलीज़  होनी है. शाहरुख़ खान की मास अपील भी है. इसलिए, रोहित शेट्टी इस प्रयास में थे कि उनकी एक्शन कॉमेडी फिल्म को ज्यादा मल्टीप्लेक्स स्क्रीन के अलावा ज्यादा से ज्यादा सिंगल स्क्रीन थिएटर भी मिल जाएँ। ईद के वीकेंड में किसी खान की फिल्म रिलीज़ होने का मतलब बॉक्स ऑफिस पर सोने की खान खोदना होता है. इसलिए चेन्नई एक्सप्रेस को रिलीज़ करने के लिए दुनियादारी को दिखा रहे सिनेमाघरों को भी hire कर लिया गया. यह खबर राज ठाकरे की मनसे पार्टी की चित्रपट  शाखा को नागवार गुजरी। उन्होंने धमकी दे डाली कि अगर हाउस फुल जा रही दुनियादारी को उतार दिया गया तो वह पूरे महाराष्ट्र में चेन्नई एक्सप्रेस को डिरेल कर देंगे।  यहाँ तक कि चेन्नई एक्सप्रेस के पोस्टर तक उखाड़ फेकेंगे। यह धमकी कारगर साबित हुइ. रोहित शेट्टी ने दुनियादारी वाले सिनेमाघर की ओर नज़र उठाने तक से तौबा कर ली. 
लेकिन, कहानी अभी बाकी है दोस्त. अब मुसीबत अक्षय कुमार की फिल्म पर आने वाली है. अगर उनकी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा तयशुदा तारिख यानी १५ अगस्त को रिलीज़ हुई तो स्वप्निल जोशी इस बार उनके लिए चुनौती साबित होंगे। स्वप्निल जोशी की एक अन्य मराठी फिल्म गोविंदा १६ अगस्त को रिलीज़ हो रही है. जिस प्रकार से स्वप्निल की फिल्म दुनियादारी को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली है, प्रदर्शक ख़ास तौर पर महाराष्ट्र के सिंगल स्क्रीन exhibitor 'गोविंदा' आला रे गाना चाहते है. वह अक्षय कुमार की फिल्म पर स्वप्निल की फिल्म को तरजीह देंगे। चेन्नई एक्सप्रेस के कारण पहले से ही स्क्रीन स्पेस की कमी से जूझ रहे अक्षय कुमार के लिए यह खबर चिंता की खबर बनती जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा celulide के इस दाऊद का! क्योंकि, मराठा सर्किट हिंदी फिल्मों के बिज़नस के लिहाज़ से बड़ी और महत्वपूर्ण टेरिटरी है।
 
 

Friday, 2 August 2013

परिवार की परिवार द्वारा परिवार के लिए नहीं (तो) रब्बा मैं क्या करूं।

                      रब्बा मैं क्या करू निर्देशक अमृत सागर की दूसरी फिल्म है. उनकी  पहली फिल्म १९७१ छह  साल पहले २००७ में रिलीज़ हुई थी. अब छह साल बाद अमृत सागर की दूसरी फिल्म  रब्बा मैं क्या करू रिलीज़ हुई है तो प्रशंसित फिल्म १९७१ के निर्देशक की फिल्म के प्रति दर्शकों के मन में उत्सुकता पैदा होना स्वाभाविक है. मगर रब्बा मैं क्या करू के अमृत सागर दर्शकों को बुरी तरह से निराश करते है. सेक्स कॉमेडी शैली में अमृत सागर की यह फिल्म दो भाइयों और तीन मामाओं की कहानी है. भांजे की शादी होने वाली  है. अब कॉमेडी के नाम पर इस सेक्स कॉमेडी में बड़ा भाई अपने छोटे भाई से शादी से पहले किसी लड़की से सेक्स करने की सलाह देता है, क्योंकि उस लडके ने अपनी मंगेतर से शादी से पहले सेक्स नहीं किया है. मामा लोग भी पूरी तरह से लम्पट है. एक मामा अपनी पत्नी के सामने दूसरी औरत के साथ सेक्स करता है.  दूसरा मामा छुप कर औरतों से चुम्बन बाजी करता है. जब उसकी औरत पूछती है तो कहता है कि सिगरेट पी रहा था. तीसरा मामा पिछले कई सालों से अपने अवैध सम्बन्ध वाली औरत की ब्रा ढून्ढता  फिर रहा है. पूरी फिल्म यह समझ मे नहीं आता कि लेखक आकाश कौशिक क्या स्थापित करना चाहते हैं? क्या यह कि जो लडके शादी से पहले सेक्स नहीं करते वह मूर्ख होती हैं? तमाम औरतें बेदिमाग और मूर्ख होती हैं कि अपने अपने पतियों के लम्पटपन  को भांप नहीं पाती. पता नहीं ऎसी न जाने कितनी बेवकूफियां हैं फिल्म में, जो हंसाती नहीं सर दर्द पैदा करती हैं. अमृत सागर और आकाश कौशिक की अक्ल पर रोना आता है. हंसाने का सवाल ही कहाँ उठता है.
                      फिल्म का कोई पक्ष ऐसा नहीं जिसका जिक्र किया जा सके. इस फिल्म से रामानंद सागर के पोते और अमृत के बेटे आकाश चोपड़ा का लौन्चिंग हुई  है. पर आकाश चोप्रा बुरी तरह से असफल रहे है. उन्हें अगर अभिनय की खुजली लगी हो तो पहले किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से अभिनय का क्रेश कोर्स कर लेना चहिये. वैसे उन्होंने फिल्म में बेक ग्राउंड म्यूजिक भी दिया है. पर वह म्यूजिक कम शोर शराबा ही लगता है. नवोदित ताहिरा कोछर से तो भगवान् बचाये. उन्हें दर्शकों पर दया करते हुए कम से कम फिल्मों में अभिनय नहीं करना चहिये. क्योंकि, दर्शक उन्हें अब झेल नहीं सकते. अर्शद वारसी अपने चचेरे भाई को शादी से पहले सेक्स करने की सलाह देते देते  कॉमेडी के नाले में डूब जाते हैं. इस फिल्म में टीनू आनंद, शक्ति कपूर और परेश रावल ने तीन मामाओं का रोल करके  अपना नाम बखूबी डुबो दिया है.  रिया सेन ग्लैमर के लिहाज़ से जितनी फीकी हैं, उतनी ही अभिनय के मामले में भी. अमृत सागर को श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने इन वरिष्ठ कलाकारों का नाम डुबोने का काम बखूबी अंजाम दिया है. फिल्म में केवल राज बब्बर ही अपना काम ठीक कर ले जाते हैं. वैसे सिनेमाघर में बैठे दर्शक उन्हें देखते ही पांच रुपये में भरपेट भोजन का नारा बुलंद करने लगते है.
                     सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने दर्शकों के सिरों में दर्द पैदा करने में अमृत का भरपूर साथ दिया है. लगता है कि फिल्म के संपादक  सत्यजीत गज्मर को उनके पेमेंट का चेक नहीं दिया गया था. तभी तो वह संपादन के बजाय फिल्म की रीलें ही बढ़ाते रह गये.
                     इस फिल्म के प्रोडक्शन तथा अन्य विभाग से सागर परिवार के सदस्य ही जुड़े हुए हैं. इसलिए कहा जा सकता है कि परिवार की परिवार द्वारा परिवार के लिए नहीं रब्बा मैं क्या करूं। 







 

भाग मिलखा भाग के टैक्स फ्री होने पर बवाल

कल उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में दो फिल्मों भाग मिलखा भाग और 2 लिटल Indians को  दो महीने के लिए टैक्स फ्री करने का निर्णय लिया। आज अखबारों में caption था कि भाग मिलखा भाग कर मुक्त। यह फिल्म लखनऊ के एक सिंगल स्क्रीन थिएटर और दो तीन मल्टीप्लेक्स में लगी है। अखबारों ने यह तो लिखा कि यह फिल्में टैक्स फ्री हो गईं। लेकिन यह साफ नहीं किया कि शासनादेश जारी हो जाने के बाद ही टैक्स फ्री होगी। अब इस अधूरी खबर का असर यह हुआ कि जिन सिनेमाघरों में मिलखा साहब लगे हैं वहाँ दर्शक झगड़ा कर रहे है कि फिल्म तो टैक्स फ्री है, हमसे पूरा पैसा क्यों ले रहे हो। सिनेमाघर के लोग समझाते समझाते परेशान हैं कि अभी जीओ नहीं हुआ है। तो फिल्म टैक्स फ्री कैसे दिखाई जाये। दूसरी तरफ दिल्ली और Mumbai में बेचैनी है कि फिल्म को टैक्स फ्री होने में अब क्या परेशानी, जब कि गवर्नमेंट ने डिसिशन ले लिया। भाई लोगों को यह नहीं मालूम कि जब तक कोई फ़ाइल के साथ लगे नहीं सचिवालय में फ़ाइल सुस्त रफ्तार चलती है। यह फ़ाइल जब कैबिनेट नोट पर चीफ़ सेक्रेटरी के साइन के बाद, कर एवं निबंधन विभाग को वापस न आ जाए और शासनादेश पर प्रमुख सचिव कर एवं निबंधन के सिग्नेचर न हो जाये, फिल्म सिनेमाघरों में बिना टैक्स के नहीं दिखाई जा सकती। दर्शक यह समझने को तैयार नहीं। उधर फिल्म से जुड़े लोग परेशान हैं कि मिलखा इस हफ्ते जल्दी टैक्स फ्री नहीं हुई तो उसे अगले हफ्ते सिनेमाघर ही नहीं मिलेंगे। क्योंकि, चेन्नई एक्सप्रेस और वंस अपॉन आ टाइम इन मुंबई दोबारा से सभी सभी सिनेमाघर भर जाएंगे। बेचारे मिलखा पाजी! 

 

Thursday, 1 August 2013

क्या पास हो पायेगी बीए पास में शिल्पा शुक्ल !


                         २००७ की बात है. यशराज बैनर की फिल्म चक दे इंडिया धूम  मचा रही थी. फिल्म में भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच कबीर खान की भूमिका शाहरुख़ खान ने की थी. शिमिट अमीन की यह फिल्म सुपर हिट हो गयी थी. चूंकि, फिल्म में शाहरुख़ खान थे, इसलिए स्वाभाविक था कि महिला हॉकी टीम के काल्पनिक वर्ल्ड कप जीतने पर बनी इस फिल्म में भी फोकस खान पर बना. उनका रोल था भी इतना मज़बूत और   सहानुभूतिपूर्ण  कि वह उभर  कर आते. इसके बावजूद कि चक दे इंडिया का सेहरा खान के सर बांध रहा था, फिल्म में हॉकी की फॉरवर्ड खिलाड़ी  बिंदिया नाइक की भूमिका करने वाली अभिनेत्री शिल्पा शुक्ल उभर कर आईं।  बेशक फिल्म में उनका रोल मज़बूत था.  लेकिन,शिल्पा शुक्ल का अभिनय भी काफी दमदार था. वह शाहरुख़ खान के अपोजिट भी मजबूती से खडी रही. इस फिल्म के बाद शिल्पा शुक्ल बिंदिया नाइक के रूप में मशहूर हो गयी. बिंदिया नाइक शिल्पा पर भारी पड़ गयीं
 
                         चक दे इंडिया से पहले शिल्पा की एक फिल्म खामोश पानी रिलीज़ हुई थी. लेकिन, शिल्पी चक दे के बाद ही चर्चित और मशहूर हुईं।  अब यह बात दीगर है कि खूबसूरत अभिनय और हिट चक दे इंडिया के बावजूद शिल्पा शुक्ल को फ़िल्में नहीं मिली. चक दे इंडिया के बाद वह दो साल तक खाली बैठी रहीं। फिर रिलीज़ हुई उनकी फिल्म चल चलें।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं सकी. शिल्पा भी नहीं चलीं। सीजन ग्रीटिंग, मुंबई मस्त कलंदर और जंक्शन जैसी फ़िल्में कब आयीं और कब चली गयीं पता ही नहीं चल. तब आयी अंकुश भट्ट की फिल्म भिन्डी बाज़ार इंक।  इस फिल्म में शिल्पा ने एक जेब कतरी कंजरी की का रोल किया था. रोल दमदार था. शिल्पा ने एक्टिंग का दम भी दिखाया था. लेकिन उन्होंने नखरा भी दिखाया।  वह टेम्परामेंटल साबित हुइ. उन्होंने अपनी इस फिल्म के प्रमोशन पर ध्यान नहीं दिया. जबकि, फिल्म का पूरा फोकस शिल्पा के किरदार पर ही केन्द्रित था. नतीजे के तौर पर फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर नुक्सान पहुंचा. बहुत कम दर्शक फिल्म को मिले। अगली दो फ़िल्में फ्रोजेन और राजधानी एक्सप्रेस भी कुछ ख़ास रंग नहीं जमा सकीं।
                          जिस अभिनेत्री का रंग न जमे या उतरता लगे तो उसे क्या करना चहिये? अभिनेत्री मनीषा कोइराला इसका सबसे ज्वलंत उदहारण है. सौदागर जैसी हिट फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाली और कभी माधुरी दिक्षित की नंबर वन पोजीशन को चुनौती देने वाली मनीषा कोइराला का करियर जब  गिरना शुरू हुआ तो फिर गिरता ही चला गया. इसके साथ ही खुद को बॉलीवुड में जमाये रखने की जद्दो जहद में मनीषा कोइराला भी गिरती चली गयी. उन्होंने शशिलाल नायर की सेक्सी फिल्म एक छोटी सी लव स्टोरी कर डाली। इस फिल्म में मनीषा का रोल बेहद घटिया किस्म का था. इसे कोई भी स्तरीय और प्रतिष्ठित अभिनेत्री नहीं कर सकती थी. एक  छोटी सी लव स्टोरी का नुक्सान मनीषा कोइराला को हुआ. इस फिल्म के बाद मनीषा कोइराला के सामने शादी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.

                          ऐसा लग रहा है कि शिल्पा  शुक्ल भी मनीषा की सेंडल में पैर घुसेड़े भाग रही है. अपनी असफलता से घबराई शिल्पा ने  भी एक इरोटिक फिल्म बीए पास कर ली। इस फिल्म की कहानी एक बड़ी उम्र की औरत के अपने से काफी कम उम्र के लडके के खुद के प्रति आकर्षण को अपनी सेक्सुअल डिजायर पूरी करने के लिए इस्तेमाल करने की है. इस फिल्म में उनके शादाब कमाल के साथ उत्तेजक बेड रूम सीन्स काफी चर्चा में है. शिल्पा अपने अभिनय के  बजाय चहरे पर कामुक हाव भाव लाकर अपनी फिल्म को गरम करने में जुटीहैं।
                          लेकिन, बीए पास की शिल्पा को मनीषा कोइराला के इतिहास के पन्ने पलटने चाहिये थे. वह एक छोटी सी लव स्टोरी के बाद भी गिरती चली गयीं। आज उनका कोई नामलेवा नहीं है. हो सकता है कि शिल्पा को मनीषा की याद न हो. पर वह पूनम पाण्डेय को तो याद कर ही सकती थीं. पूनम पाण्डेय की फिल्म नशा पिछले शुक्रवार ही रिलीज़ हुई थी. नशा को भी इरोटिक फिल्म की तरह प्रचारित की गयी थी. पूनम ने खुद के उभारों को कामुक ढंग से दिखाने में कोई कसार नहीं छोडी थी. इसके बावजूद ज्यादातर दर्शकों पर पूनम की बेअर  बॉडी का नशा नहीं चढ़ सका. ऐसे में शिल्पा कैसे उम्मीद कर सकती हैं कि बीए पास से उनकी सेक्स अपील का नशा दर्शकों पर चढ़ेगा !
                          शिल्पा और पूनम में जमीन आसमान का अंतर है. पूनम ने पिछले वर्ल्ड कप से खुद की पोर्नो एक्ट्रेस की तरह बना रखी थी. पूनम की फिल्म नशा को जितने भी दर्शक मिले वह इसी इमेज का नतीजा थे.  जबकि शिल्पा आज भी चक दे इंडिया की  ही है. वह बीए पास में फेल  रही है.

                     

Tuesday, 30 July 2013

‘The Wolverine’ Rips Its way Through the Box Office!! Notches No. 1 Opening in India!

The famed adamantium claws have spoken as the hugely anticipated superhero flick THE WOLVERINE has bagged a bumper opening in the Indian market as well as internationally! 
Ripping out its local competition, Fox Star Studios’s Hugh Jackman starrer The Wolverine which released on 26th July has garnered an astounding RS 15 Crores gross (RS 10.5 Crores Net) in its opening weekend, claiming the no 1 spot! 
What’s more, the Indian opening ranks at the 3rd position in the Asia Pacific market and 10th internationally. 
The Wolverine opening weekend also ranks as the 3rd highest of all time for a Fox Star Studios Hollywood title after Avatar & Life of Pi. The opening weekend is the highest by far in the X-Men franchise and the weekend nos. itself exceeds the lifetime gross of all previous X-Men titles with the exception of X-Men: First Class. 
Speaks Mr. Vijay Singh, CEO, Fox Star Studios on the astounding opening news, “We are elated at The Wolverine’s exceptional opening figures. With the past tremendous success of the X-Men franchise, The Wolverine is undoubtedly a popular superhero and we are thrilled to see the response and reactions post its release, reaffirming its coveted status. The success of The Wolverine has effectively set the platform for our next year’s biggie X Men: Days Of Future Past.”
The film has already registered a Worldwide Total of $140.1 Million, and this has given ‘The Wolverine’ the highest opening weekend overseas in the popular X-Men franchise. 
Backed by critical and popular acclaim, Hugh Jackman's sixth outing as the iconic clawed mutant wolverine in the latest offering from the X-Men franchise, THE WOLVERINE 3D is in theatres currently.

Monday, 29 July 2013

हिट, सुपर हिट और चर्चित फ़िल्में देखने की 'मैक्स' आज़ादी


देश की आजादी के पखवाड़े को सोनी मैक्स दर्शकों को बॉलीवुड, हॉलीवुड और दक्षिण की हिट , सुपर हिट और चर्चित फिल्मों को देखने की आज़ादी दे रहा है. अगस्त के पहले पखवाड़े में मैक्स पर हर दिन सुबह सात बजे से पांच हिट  फ़िल्में  दिखाई जायेंगी।  इस प्रकार से १६ अगस्त तक करीब ७० फ़िल्में दर्शकों को देखने को मिलेंगी. इनमे खुदा गवाह भी होगी, धूम सीरीज की फ़िल्में भी होंगी और हेट स्टोरी भी.
              पहले दिन यानि १ अगस्त को अमिताभ बच्चन, नागार्जुन और श्रीदेवी की फिल्म खुदा  गवाह दिखायी जयेगी. इसके बाद गोलमाल- फन अनलिमिटेड, खुदगर्ज, वक़्त हमारा है और वास्तव-द  रियलिटी दिखायी जयेगी. गोलमाल- फन अनलिमिटेड २००६ में रिलीज अजय देवगन और रोहित शेट्टी की जोड़ी की हिट कॉमेडी फिल्म है.
               २ अगस्त को जीत, मेरी जंग- वन मैन आर्मी, फाइटर मैन - द घायल, राज़ ३ और गोज्ज़िला दिखायी जयेङ्गी. गोज़िल्ला निर्देशक रोलैंड एम्मेरिच की १९९८ की सुपर हिट फिल्म है. राज़ ३डी बिपाशा बासु और इमरान हाशमी की विक्रम भट्ट निर्देशित हिट फिल्म है. यह फिल्म ३ डी में बनायी गयी थी. लेकिन टीवी दर्शक इसे २ डी  में ही देख सकेंगे।
                ३ अगस्त को १ अगस्त को दिखायी जा चुकी फ़िल्में वक़्त हमारा है और वास्तव द  रियलिटी को दुबारा दिखाया जयेगा. इसके अलावा haunted, धूम २ और Rowdy राठौर दिखायी जायेगी. हृथिक रोशन की धूम २ और अक्षय कुमार की Rowdy राठौर सुपर हिट फ़िल्में हैं.
                ४ अगस्त को आबरा का डाबरा, धूम, रब ने बना दी जोडी और सुर्यवन्शम दिखायी  जायेगी।  धूम और रब ने बना दी जोडी  सुपर हिट फ़िल्में है पांचवी फिल्म की घोषणा बाद में की जायेगी.
                ५ अगस्त को  मशाल, जो जीता  सिकंदर, बनी द हीरो और लेडीज वर्सेस रिकी बहल दिखायी जयेङ्गी. जो जीता वही सिकंदर और लेडीज वर्सेज रिकी बहल बॉलीवुड की हिट फ़िल्में हैं. बनी तेलुगु की डब फिल्म है.
                ६ अगस्त को सुर्यवन्शम का दुबारा प्रसारण होगा. इसके अलावा इमरान हाशमी की क्रूक, सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रीती जिंटा की जाने मन लेट अस फॉल इन लव, अनिल कपूर की किशन कन्हेया  तथा डब  प्रतिघात अ रिवेंज रिलीज होगी.
                ७ अगस्त को हलचल, नमक हलाल और मर्डर ३ जैसी सुपर हिट फ़िल्में दिखायी जयेङ्गी. बनी और लेडीज वर्सेज रिकी बहल फिर से प्रसारित होंगी। नमक हलाल अमिताभ बच्चन की सुपर हिट  फिल्मों में से एक है. मर्डर ३ अभी फरवरी में रिलीज हुई थी यह निर्माता मुकेश भट्ट के बेटे विशेष भट्ट की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी.
                ८ अगस्त को सुनील हिंगोरानी निर्देशित अनिल कपूर, सनी देओल और श्रीदेवी  प्रेम त्रिकोण फिल्म राम अवतार रिलीज होगी. यह फिल्म राजकपूर ,  राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला की फिल्म संगम का रीमेक थी. रजनीकांत और ऐश्वर्य रॉय २०१० की बहु भाषी फिल्म रोबोट भी आज ही रिलीज होगी. इसके अलावा लोक परलोक, किशन कन्हैया और प्रतिघात का प्रसारण भी होगा.
                ९ अगस्त को प्रसारित होने जा रही फिल्मों में हिट एक था टाइगर, जब तक है जान और स्टूडेंट ऑफ़ द  इयर का प्रसारण ख़ास है. मई में रिलीज फिल्म गिप्पी का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर भी मैक्स पर होगा. साफ़ तौर पर ९ अगस्त सबसे बड़ी हिट फिल्म एक था टाइगर की रिलीज होने के कारण अगस्त का ख़ास दिन बन जाता है.
                १० अगस्त लोक परलोक और रोबोट के पुनः प्रसारण के अलावा मर्डर २, मुझसे दोस्ती करोगे का भी प्रसारण होगा. निर्माता विक्रम भट्ट की सुनील अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म हेट स्टोरी का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर भी १० अगस्त को होना है. यह फिल्म भारत पहली इरोटिक थ्रिलर फिल्म बताई जाती है. फिल्म का बड़ा आकर्षण अभिनेत्री पावली डैम के कई बोल्ड सीन हैन. यह तो वक़्त बताएगा कि टीवी दर्शकों को कितने सीन देखने को मिलते है.
                 ११ अगस्त का ख़ास आकर्षण हृथिक रोशन की सुपर हिट फंतासी फिल्म कृष रिलीज होगी। यह भारत की पहली वास्तविक सुपर हीरो फिल्म है. शाहरुख़ खान की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली सुपर डुपेर हित फिल्म दिल वाले दुल्हनियां ले जायेंगे की प्रतीक्षा टीवी दर्शकों को हमेशा रहती है. मिशन कश्मीर, कोई मिल गया और गिप्पी का प्रसारण भी होना है.
                 १२ अगस्त को न्यूयॉर्क, एक मैं और एक तू, यह रास्ते हैं प्यार के, महाराजा और जन्नत २ का प्रसारण होना है. न्यूयॉर्क जॉन अब्राहम, नील नितिन मुकेश और कटरीना कैफ की हिट फिल्म है. महाराजा गोविन्द अभिनीत फिल्म है तथा एक मैं और एक तू करीना कपूर और इमरान खान की रोमांस फिल्म है.
                  १३ अगस्त को नरेश मल्होत्रा के निर्देशन में अक्षय कुमार, काजोल और सैफ अली खान की फिल्म ये दिल्लगी, गोविन्द की क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता तथा सलमान खान और नीलम की १९९२ में रिलीज फिल्म एक लड़का एक लड़की रिलीज होगी. चीता द  पॉवर और कृष का प्रसारण भी होना है.
                    १४ अगस्त अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना अभिनीत मनमोहन देसी निर्देशित सुपर हिट  फिल्म अमर अकबर अंथोनी का प्रसारण होने के अलावा जन्नत २, महाराजा, का पुनः प्रसारण भी होगा. पिछले साल अजय देवगन और अनिल कपूर की एक्शन थ्रिलर फिल्म तेज़ बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी. प्रियदर्शन की इस फिल्म को हॉलीवुड की सुपर हीरो वाली फिल्म द एवेंजरस  से मुंह की  खानी पड़ी थी. घर घर की कहानी आज की पांचवी फिल्म होगी.
                   १५ अगस्त क्योंकि में झूठ नहीं बोलता, दो डब फिल्मों चीता द पॉवर ऑफ़ वन और सबसे बड़ा दिल वाला और सत्ते पे सत्ता के प्रसारण के अलावा द टाइम्स ऑफ़ इंडिया फिल्म अवार्ड्स का प्रसारण ख़ास होगा.
                   १६ अगस्त को  अमर अकबर अन्थोनी, तेज़ और गोज्ज़िला के पुनः प्रसारण के अलावा बहुरानी और कालिया का प्रसारण खास होगा.  




 

चला गया हिंदी फिल्मों का इंस्पेक्टर


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Sunday, 28 July 2013

अन्ना हजारे का हथियार क्यों है 'सत्याग्रह' !


फिल्म सत्याग्रह का एक दृश्य 
                        प्रकाश झा की फिल्म सत्याग्रह २३ अगस्त को रिलीज होनी है. इधर प्रकाश झा की एक दो फिल्मों का नाता विवादों से जुड़ा था. वैसे उन विवादों को खुद प्रकाश झा ने ही हवा दी. मसलन  अपनी फिल्म आरक्षण को जाति आधारित आरक्षण पर बहस बता कर आरक्षण समर्थकों और विरोधियों की भावनाओं को हवा दी. लेकिन, जब  उनकी इस हवाबाजी से फिल्म को नुक्सान होने लगा तो वह पलटी मार गए कि आरक्षण जातिगत आरक्षण पर नहीं, शिक्षा व्यवस्था पर है. लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी. आरक्षण कई राज्यों में रोकी गयी. प्रकाश झा के इस आधे अधूरे आरक्षण को दर्शकों ने भी पसंद नहीं किया. फलस्वरूप बड़े सितारों के बावजूद आरक्षण न अच्छा इनिशियल निकाल पायी, ना लॉन्ग रन में कोई कमाल दिखा पायी. अब जबकि उनकी नयी फिल्म सत्याग्रह रिलीज को तैयार है अन्ना हजारे के समर्थकों ने मांग कर डाली है कि सत्याग्रह को उन्हें रिलीज से पहले दिखाया जाए, क्योंकि यह फिल्म अन्ना हजारे पर है. हालाँकि, आरक्षण विवाद से जले प्रकाश ने यह कभी यह दावा नहीं किया कि सत्याग्रह अन्ना हजारे के सत्याग्रह से प्रेरित है. इस लिहाज़ से अन्ना हजारे के समर्थकों का रिलीज से पहले सत्याग्रह उन्हें दिखाने की मांग बेतुकी लगती है. सत्याग्रह अन्ना हजारे का ट्रेड मार्क नही. विश्व में सत्याग्रह का कांसेप्ट महात्मा गांधी की देन है. रही बात भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के मशहूर सत्याग्रह की तरह फिल्म में अमिताभ बच्चन के किरदार द्वारा सत्याग्रह चलाने के कारण , सत्याग्रह को अन्ना हजारे पर फिल्म बताना तो यह भी बेतुका है. देश के कोने कोने में कोई न कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह करता रहा है. स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण का सत्याग्रह तो कांग्रेस की सरकार को तक पलट गया था. ऐसे में सत्याग्रह अन्ना के बजाय जेपी पर फिल्म क्यों नहीं बन जाती?
                            ऐसा लगता है कि अन्ना हजारे के आन्दोलन के स्टीम खो देने से अन्ना हजारे के समर्थक चिंतित होंगे. अरविन्द केजरीवाल अन्ना की छाया से पूरी तरह से उबर चुके हैं और दिल्ली में प्रभावशाली ढंग से अपना आन्दोलन चला रहे है. इसका फायदा अगले चुनावों में उन्हें मिल भी सकता है. शायद यह सोच कर अन्ना समर्थक सुर्ख़ियों में रहने की जुगत मे है. पर उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोई दो साल पहले अन्ना हजारे खुद फिल्म गली गली में चोर है को देख चुके थे और सराहना कर चुके थे. पर इसका फायदा ना अन्ना, ना अन्ना के आन्दोलन और ना ही फिल्म को मिल सका. गली गली में चोर है पूरे देश में बुरी तरह से फ्लॉप हुइ. इस बात को अन्ना हजारे समर्थकों को ध्यान में रखना चाहिये. और खुद प्रकाश झा को भी!

Saturday, 27 July 2013

बॉलीवुड दर्शकों को भी पसंद आएगा यह वोल्वेरिन!

                                                   एक्स- मैन सीरीज की छठी फिल्म द वॉल्वरिन कल पूरे विश्व के साथ भारत भी रिलीज़  हो गयी. इस फिल्म को भारत में इंग्लिश के अलावा हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी डब कर २डी और ३डी में रिलीज़ किया  गया है.
                            लोगोन अपनी वुल्वेरिन शक्ति को त्याग कर एक निर्जन स्थान पर रह रहा है.  तभी उसे अपने द्वितीय विश्व युद्ध के दोस्त यशिदा का जापान आने का  संदेशा मिलता है.  लोगोन ने यशिदा को बचाया था. टोक्यों जाने पर लोगों को मालूम पड़ता है कि यशिदा मर रहा है. यशिदा उससे अपनी पोती की रक्षा करने का अनुरोध करता है. लोगों टोक्यो से चला जाना चाहता है, लेकिन  सब इतना आसान भी नहीं।
इस कहानी को टॉम क्रूज़ और Cameron Diaz की एक्शन कॉमेडी फिल्म नाइट एंड डे के निर्देशक जेम्स मैनगोल्ड ने बड़े कल्पनाशील ढंग से २ घंटा सात मिनट तक पिरोया है. उन्होंने क्रिस्टोफर मेककुएर्री, मार्क बोम्बक और स्कॉट फ्रैंक की पट कथा को अपनी कल्पनाशीलता के जरिये दर्शकों को टस से मस न होने वाला बना दिया है. लोगोन के चरित्र के साथ साथ कहानी भी आगे बढ़ती है. हर कदम रोमांच और महारोमांच  का एहसास होता है. बुलेट ट्रेन पर फाइट के सीन हैरतंगेज़ है. दर्शक बेसाख्ता तालियाँ  बजाने लगता है. एमिर मोकरी का छायांकन डराने से  ज्यादा रोमांचित करता है और अगले सीन के लिए उत्सुकता पैदा करता है. एमिर ने जंगलों से लेकर टोक्यों में यशिदा के महल तक के रोमांच और रहस्य को बखूबी उभारा है. मार्को बेल्त्रामी का संगीत रहस्य को गहराता है. माइकल मेककस्कर की कैंची चुस्ती का एहसास कराती है.
                            यह मानने का कोई कारण नहीं कि अपनी सुपर हीरो फिल्म के लिए मशहूर ह्यू जैकमेन, हॉलीवुड दर्शकों में ही नहीं हिंदी फिल्म दर्शकों के भी सरताज हैं. तभी तो वह जैसे ही परदे पर आते हैं, सिनेमा घरों में उनका स्वागत ज़ोरदार सीटियों और तालियों की गूँज से होता है. ह्यू ने क्या खूब जम कर अभिनय किया है. वह जितना एक्शन सीस में फबे हैं, उतना ही भाव प्रदर्शन कर पाने में भी सफल रहे है. कहा जा सकता है कि ह्यू ने एक्स-मेन के बतौर इस सीरीज में ज़ोरदार वापसी की है. यशिदा के रूप में हरुहिको यमनोउची, मारिको यशिदा के रूप में तो ओकमोतो, युकिओ के रूप में रिला फुकुशीमा का अभिनय अच्छा है. इसमें कोई शक नहीं कि १२० मिलियन डॉलर में बनी द वोल्वेरिन एक बड़ी हिट फिल्म बनाने जा रही है.

 

बॉक्स ऑफिस पर बजाते रहो

                         शशांत शाह ने अब तक दो फिल्मों दस्विदानियाँ और चलो  दिल्ली का निर्देशन किया है. इन  दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर चाहे जैसा भी बिज़नस किया हो, शशांत शाह की फिल्म मेकिंग की ज़रूर तारीफ हुइ. वह अलग तरह का सोचते हैं और बनाते है. नयी फिल्म बजाते रहो में भी सशांत का यही रूप नज़र आता है. यह कहानी शबरवाल की है, जो गरीबों से ज्यादा ब्याज का लालच दे कर १५ करोड़ इक्कठा करता है और फिर उन पैसों को गायब कर देता है. इसका इलज़ाम इसके मेनेजर बवेजा पर आता है. बवेजा की मौत हो जाती है. लेकिन, बवेजा परिवार को, चाहे घर बेचना पड़े, यह पैसे चुकाने है. तब बवेजा की विधवा मिसेज बवेजा, उनका पुत्र सुक्खी, बल्लू और मिंटू को यह क़र्ज़ चुकाना है. तब वह निर्णय लेते हैं कि यह पैसा वह शबरवाल से ही वसूलेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें गलत तरीका ही क्यों न अपनाना पड़े. चारों शबरवाल से किस प्रकार से वसूलते हैं, यह देखना काफी कुछ दिलचस्प है.
                         एक नज़र में यह कहानी कुछ जमती नही. क्योंकि, एक धोखेबाज को धोखा देना इतना आसान भी नही. लेकिन, जब कहानी आगे बढ़ती है तो सब कुछ मजेदार लगने लगता है. इसके लिए ज़फर ए खान की कथा पटकथा और अक्षय वर्मा के संवादों की तारीफ करनी होगी कि यह दोनों कहानी को ट्रैक से पलटने नहीं देते. तमाम प्रसंग आम आदमी के दैनिक जीवन से जुड़े और आसान है. कोइ भाषण बाजी नहीं, लेकिन दर्शक को सब समझ में  आ जाता है. शशांत शाह अपने कलाकारों के अभिनय के जरिये फिल्म में दिलचस्पी बनाए रखी है. इसके लिए उन्हें श्रीमती बवेजा के रोल में डॉली अहलुवालिया, सुखी के रूप में तुषार, मिंटू और बल्लू की भूमिका में विनय पाठक और रणवीर शोरे का बढ़िया सहयोग मिला है. इन्होने अभिनय के कोई बड़े तीर नहीं मारे . लेकिन अपने आम आदमी को जीवंत कर दिया है. अब यह बात दीगर है कि इन सब पर भारी पड़ते हैं रवि किशन. उन्होंने फिल्म में अपनी एक धोखेबाज की आम भूमिका  को ख़ास  बना दिया है. उन्होंने अभिनय के खूबसूरत रंग दिखाए है. वह एक दुष्ट बिज़नस मेन, एक दिलफेंक पर डरपोक आशिक और एक पिता के किरदार को वह आसानी से कर ले  जाते है.  मनप्रीत  के रोल में विशाखा सिंह ने खूब ग्लैमर बिखेरा है. बग्गा के रोल में ब्रिजेन्द्र काला खूब जमे है. अन्य कलाकारों ने मुख्य कास्ट को सपोर्ट किया है.
                              बजाते रहो शबरवाल को बजाती है. उसके साथ ही दर्शक भी खूब बजता है. कम से कम कोई सीन ऐसा नहीं जिसमे बोरियत महसूस हो. मरयम जकारिया और स्कारलेट विल्सन का मैं नागिन नागिन आइटम दर्शकों को सीधे डंस जाता है.        









 

Thursday, 25 July 2013

वापस आ रहा है वॉल्वरिन


वॉल्वरिन वापस आ रहा है.  विश्व युद्ध के बाद उसने अपने सुपर हीरो को  किनारे कर दिया था.वह जापान में एक निर्जन स्थान पर रह रहा है. लेकिन, वॉल्वरिन लोगन का युद्ध का दोस्त यशिदा उसे मदद के लिए बुलाता   है. एक्स-मेन सीरीज की छठी फिल्म द वॉल्वरिन की यही कहानी है. ह्यू जैकमैन एक बार फिर म्युटेंट वॉल्वरिन के चोले में है. मार्वल कॉमिक्स के सुपर हीरो करैक्टर पर पहली फिल्म एक्स-मैन का निर्माण 20th Century Fox ने २००० में किया था. इस फिल्म का निर्देशन ब्रयान सिंगर ने किया था. इस फिल्म की वर्ल्ड वाइड सफलता के बाद एक्स-मन सीरीज की फिल्मों का सिलसिला चल  निकला. २००३ में एक्स-मेन२, २००६ में एक्स-मेन: द लास्ट स्टैंड, २००९ में एक्स-मेन: ओरिजिन्स तथा २०११ में एक्स-मेन: फर्स्ट क्लास रिलीज़ हुई. पहली दो फिल्मों के डायरेक्टर ब्र्याँ सिंगर ही थे. लेकिन, इसके बाद वह सुपरमैन रिटर्न्स का निर्देशन करने के लिए उन्होंने इसके तीसर और चौथे भाग को डायरेक्ट नहीं किया. तीसरी फिल्म का डायरेक्शन ब्रेट रैटनर ने किया . चौथी फिल्म के डायरेक्टर गावीं हुड थे तथा पांचवी फिल्म मैथ्यू Vaughn ने डायरेक्ट की थी. 
द वॉल्वरिन, एक्स-मेन सीरीज की फिल्मों का स्पिन-ऑफ है. २०१४ में एक्स-मेन सीरीज की फिल्म एक्स-मेन: डेज ऑफ़ फ्यूचर पास्ट को रिलीज़ होना है. द वॉल्वरिन इन दोनों के बीच की कहानी है. इस फिल्म को एक्स-मेन सीरीज की दो फिल्मों द लास्ट स्टैंड और फर्स्ट क्लास का सीक्वल भी कहा जा रहा है. 
यह जानना दिलचस्प होगा कि एक्स-मेन सीरीज की ६ फिल्मों का निर्माण ४८ अरब ९१ करोड़ १९ लाख रुपये से हुआ है. इस सीरीज की  तक १११ अरब, २९ करोड़ ८३ लाख रुपये का बिज़नस कर चुकी है.

क्या चढ़ेगा पूनम पाण्डेय के इरोटिका का 'नशा' !


चेनै एक्सप्रेस की तेज़ रफ़्तार और वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा के डॉन का धड़का स्माल बजट बॉलीवुड मूवीज के निर्माताओं के दिलों को धड़का रहा है. तभी तो छोटे बजट की फिल्मों के बीच मारामारी मची हुई है. चेन्नै एक्सप्रेस ९ अगस्त को रिलीज़ हो रही है, जबकि वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा १५ अगस्त को रिलीज़ होगी. इन दोनों फिल्मों की रिलीज़ के बाद और पहले सन्नाटा होना चाहिए . लेकिन, अब  पूरे साल में ऐसा कोई महीना नहीं जब आईपीएल क्रिकेट, रमजान, आदि न हो. कोई पूरा महीना ऐसा नहीं होता, जब ऐसा कोई समय न हो,जब छोटी फिल्मों की रिलीज़ के अनुकूल समय हो. अब तो छोटी फिल्मों के निर्माताओं के सामने किसी न किसी प्रकार अपनी फिल्म रिलीज़ करना ही मकसद रह जाता है. बाकी माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर करता है.
यही कारण है की इस शुक्रवार यानि २६ जुलाई को  रिलीज़ हो रही है. दो फिल्मों की रिलीज़ बाद में कर दिए जाने के कारण ही यह संख्या संभव हो पायी है. २६ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही फिल्मों में मनीष तिवारी की प्रतीक बब्बर, अमयरा दस्तूर, रवि किशन और मकरंद देशपांडे अभिनीत रोमांस ड्रामा इस्सक , शशांत शाह की विनय पाठक, रवि किशन, डॉली अहलुवालिया और रणवीर शोरे अभिनीत कॉमेडी ड्रामा फिल्म बजाते रहो, जो राजन की तनुज विर्वानी और नेहा हिंगे अभिनीत रोमकॉम फिल्म लव यू सोनियो, पूनम पाण्डेय की अमित सक्सेना निर्देशित  इरोटिक/थ्रिलर फिल्म नशा, इशरक् शाह का अरुणोदय सिंह, रघुवीर  यादव, किटू गिडवानी और यशपाल शर्मा अभिनीत पोलिटिकल थ्रिलर एक बुरा आदमी तथा बायोपिक बुद्धा रिलीज़ होगी. इन फिल्मों में केवल नशा ही ऎसी फिल्म है, जो अपने सेक्सुअल कंटेंट के कारण सिनेमाघरों में गरमी ला पायेगी. बजाते रहो कॉमेडी  शैली के कारन दर्शकों को खींच सकती है. बाकी फिल्मों का तो खुद ही मालिक है. इन फिल्मों के लिए कोढ़ में खाज का काम करेगी हॉलीवुड की फिल्म द वॉल्वरिन। वॉल्वरिन सीरीज की पहले की फ़िल्में भारत में काफी सफल रही है. इसलिए इस फिल्म के सफल होने में किसी को भी शक नही. लेकिन, द वॉल्वरिन इन छोटी फिल्मों को ज़बरदस्त शुरूआती झटके दे सकती है . दक्षिण के सुपर स्टार सूर्य की फिल्म सिंघम २ भी हिंदी में डूब हो कर रिलीज़ हो रही है. यह फिल्म दक्षिण के ऑडियंस के बीच बेहद सफल थी.
 

Monday, 22 July 2013

रमैया वस्तावैया और डी-डे से आगे मिल्खा

      
 दूसरे वीकेंड में  भाग मिल्खा भाग और पहले वीकेंड में  रमैया वस्तावैया और डी-डे के कलेक्शन दिलचस्प है. नयी रिलीज़ रमैया वस्तावैया और डी-डे के मुकाबले  पिछले शुक्रवार रिलीज़ फिल्म भाग मिल्खा भाग सबसे आगे है. इस फिल्म ने दूसरे वीकेंड में शुक्रवार को ४  करोड़, शनिवार को ५.८० करोड़ और रविवार को अनुमानित ६. ७५ करोड़ का बिज़नस कर १६.५५  करोड़ का वीकेंड निकाला. जबकि, इसी दौरान अपने पहले वीकेंड में रमैया वस्तावैया ने क्रमशः ४. १०, ४.७० और ६.५० का कलेक्शन कर पहला वीकेंड १५.३० का मनाया . इसी के साथ रिलीज़ डी-डे ने २.९४, ४.७५  और ६  करोड़ का अनुमानित बिज़नस कर कुल १३.६९ करोड़ का वीकेंड मनाया.  इससे स्पष्ट है कि भाग मिल्खा भाग की ऑडियंस पर पकड़ मज़बूत है. रमैया वस्तावैया को सिंगल स्क्रीन थिएटर का समर्थन मिल रहा है. डी-डे मल्टीप्लेक्स ऑडियंस पर पकड़ बना चुकी है. दर्शकों को जहाँ रमैया वस्तावैया में गिरीश कुमार और श्रुति हासन का रोमांस दिल को छू गया, वहीँ डी-डे के क्लाइमेक्स में  दाऊद इब्राहीम को सीमा पर लाकर गोली से उड़ाना, दर्शकों का समर्थन पाने में सफल रहा. अब देखने की बात है कि रमैया वस्तावैया और डी-डे दूसरे वीकेंड में दर्शकों को नयी फिल्मों के मुकाबले  कितना लुभा पाती हैं .