भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday 6 May 2015
रेडियो चैनल 'फीवर १०४ एफएम' पर 'पीकू' टीम (फोटोज)
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday 5 May 2015
इस हफ्ते के कुछ चित्र (फोटोज)
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
पुराने गीतों के रीमिक्स शाहिद कपूर-अलिया भट्ट के ठुमके
निर्देशक विकास बहल को पुराने ज़माने की सुपर हिट फिल्मों के रीमिक्स अपनी फिल्म में रखने का चस्का लग गया है । अपनी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्म 'क्वीन' में उन्होंने १९७३ में रिलीज़ फिल्म 'अनहोनी' का संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धुन पर आशा भोंसले का गाया सुपर हिट गीत 'हंगामा हो गया' को अमित त्रिवेदी से रीमिक्स करवा कर अभिनेत्री कंगना रनौत पर फिल्माया था। यह तो नहीं कहा जा सकता कि इस एक गीत की वज़ह से क्वीन हिट हो गई। लेकिन, यह गीत फिल्म का ज़बरदस्त आकर्षण ज़रूर था। अब विकास बहल दो कदम आगे बढे है। उन्होंने शाहिद कपूर और अलिया भट्ट के साथ अपनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'शानदार' में दो पुरानी फिल्मों के हिट गीतों को रीमिक्स कर फिल्म में शामिल किया है। उन्होंने फैंटम फिल्म के पसंदीदा रीमिक्स कंपोजर मिकी मैकक्लेअरी से १९५८ की सुनील दत्त और शकीला अभिनीत फिल्म 'पोस्ट बॉक्स ९९९' का हेमंत कुमार और लता मंगेशकर का गाया 'नींद न मुझको आये' गीत रीमिक्स करवाया है। इस गीत के संगीतकार कल्याणजी वीरजीशाह थे। इस गीत को नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त शाहिद कपूर और आलिया भट्ट पर फिल्माया गया है। इसी प्रकार से मिकी ने फिल्म आशा (१९५७) के सी रामचन्द्र के कंपोज़ और किशोर कुमार-आशा भोंसले के गाये गीत 'ईना मीना डीका' को भी रीमिक्स किया है। यह गीत किशोर कुमार और वैजयंतीमाला पर फिल्माया गया था। फिल्म आशा का यह गीत जहां दोगाने के तौर पर था, मिकी ने इसे केवल गायिका की आवाज़ में रिकॉर्ड करवाया है। 'शानदार' १४ सितम्बर २०१५ को रिलीज़ होगी ।
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गीत संगीत,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday 4 May 2015
‘मैं चुनौती मानता हॅू हर किरदार को'- गौतम अरोड़ा
साउथ की अनेक फिल्में करने के बाद में गौतम अरोडा रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण के साथ इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘तमाशा' से बालीवुड में डेब्यू करने जा रहे है । दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगें, और बर्फी जैसी फिल्मों को पसंद करने वाले गौतम सही मायने में सलमान खान के दीवाने रहे है ।गौतम को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन बालीवुड में कोई दूर तक रिश्तेदार नही था । इसलिए फ़िल्में पाने के लिए काफी सघर्ष करना पडा । पहले माॅडलिंग की फिर डीजे बने और अभिनय की पायदान पर आ पहुंचे हैं । आज वह तीनों ही जगह सक्रिय है । गौतम के अभिनय करियर की शुरुआत साउथ की कई हिट फिल्मों से हुई है । अब ‘तमाशा’ के ज़रिये वह हिन्दी फिल्म दर्शकों की तरफ मुखातिब है। पेश है कुछ अंश-
आप तीन साल बाद हिंदी फिल्म पा सके। आपके लिए यह कैसा अनुभव रहा?
तीन वर्षों के बाद पुनः फिल्म इंडस्ट्री में आगे आना स्वयं में काफी चुनौतीपूर्ण था। मैंने एक कदम पीछे इसलिए हटाया ताकि लंबी छलांग मार सकूँ । पिछले कई वषों में मैं माॅडल ,डीजे और दक्षिण की फिल्मो में अभिनेता तो बन गया, परंतु अपनी जड़ों तथा हकीकत से दूर चला गया। पिछले 3 वर्षों में मैंने हकीकत को जानने की कोशिश की। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से दूर रह कर जीवन के विभिन्न पहलुओं का जानने का मौका मिला। यह अनुभव भी काफी जरूरी था ।
‘तमाशा’ फिल्म की शूटिंग के दौरान रंणवीर कपूर के साथ यादगार पल कौन से रहे?
तीन वर्षों के बाद मैं किसी हिंदी फिल्म के सैट पर आने के कारण मैं काफी डरा हुआ था । मेरे मन में भय व खौफ था। कैमरे का सामना करने के लिए अनुभव काफी जरूरी था । शूटिंग के दौरान रणवीर के साथ काम करते हुए मैंने उनको बहुत बारीकी से देखा और उनसे प्रेरणा भी लेता रहा।
आपने साउथ की हिट फिल्मों में काम किया है। क्या आपको लगता है कि आपके जीवन का सबसे अच्छा समय आ चुका है या फिर बाद में आएगा?
(हंसते हुए) - अभी तो पिक्चर बाकी है मेरे भाई, यह तो ट्रेलर था। अभी मेरा अच्छा समय आना है। मैं जब तक इंडस्ट्री में रहूंगा तब तक अपने अच्छे अभिनय से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करूंगा। मैं कॉमेडी और रोमांटिक फिल्म करना चाहता हूं। परंतु मुझे इसका अधिक मौका नहीं मिला। इस फिल्म के दौरान मैंने काफी एंज्वाय किया।
(हंसते हुए) - अभी तो पिक्चर बाकी है मेरे भाई, यह तो ट्रेलर था। अभी मेरा अच्छा समय आना है। मैं जब तक इंडस्ट्री में रहूंगा तब तक अपने अच्छे अभिनय से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करूंगा। मैं कॉमेडी और रोमांटिक फिल्म करना चाहता हूं। परंतु मुझे इसका अधिक मौका नहीं मिला। इस फिल्म के दौरान मैंने काफी एंज्वाय किया।
इम्तिआज अली काफी सुलझे डारेक्टर है,उनके साथ काम करने कैसा अनुभव रहे ?
इम्तियाज जी,अनुभवी व सुलझे इंसान है। कलाकारों से कैसे काम लिया जाता है वह अच्छी तरह से जानते है और उसी के अनुरूप काम लेते है। मेरा उनके साथ करने का एक अलग ही अनुभव रहा है।
इम्तियाज जी,अनुभवी व सुलझे इंसान है। कलाकारों से कैसे काम लिया जाता है वह अच्छी तरह से जानते है और उसी के अनुरूप काम लेते है। मेरा उनके साथ करने का एक अलग ही अनुभव रहा है।
साउथ की फिल्मोें में अच्छा कर रहे है। बालीवुड में आने की कोई खास वजह ?
मेरे पास भी साउथ कई फिल्मों के आफर है, लेकिन तमाशा ख़ास फिल्म है। इसलिए मुझे आफर मिला तो मैने हाॅ कर दी ।
मेरे पास भी साउथ कई फिल्मों के आफर है, लेकिन तमाशा ख़ास फिल्म है। इसलिए मुझे आफर मिला तो मैने हाॅ कर दी ।
आप माॅडल और डीजे भी हैं। कैसे मैनेंज करते हैं इसे ?
मैं कम किन्तु अच्छा काम करना पंसद करता हॅू। उसी के मुताबिक काम करता हॅू। साथ ही इस वक्त का ध्यान रखता हॅू कि किसी की भी डेटस क्लेश ना हो।
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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साक्षात्कार
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सोनम कपूर का नीरजा भनोट लुक
पैन अमेरिका की फ्लाइट ७३ को ५ मई १९८६ को आतंकवादियों द्वारा हाईजैक कर लिया गया था। इस फ्लाइट के अटैंडेंट २३ साल की नीरजा भनोट ने अपनी जान पर खेल कर प्लेन के यात्रियों को बाहर की कोशिश की थी। इसी कोशिश में उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। नीरजा को इस बहादुरी के लिए मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र दिया गया। सोनम कपूर इसी बहादुर महिला के जीवन पर बनाई जा रही फिल्म में केंद्रीय भूमिका कर रही हैं। मशहूर फैशन फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर इस फिल्म को फॉक्स स्टार सुडिओस के साथ अपनी कंपनी ब्लिंग मीडिया के अंतर्गत बना रहे हैं। फिल्म का निर्देशन राम माधवानी कर रहे हैं। इस फिल्म में अपना पहला लुक अभिनेत्री सोनम कपूर ने जारी किया। पेश है सोनम कपूर का नीरजा भनोट लुक।
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हस्तियां
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Sunday 3 May 2015
फैंटास्टिक फोर के चार करैक्टर पोस्टर
निर्देशक जोश ट्रैंक की विज्ञानं फंतासी एक्शन फिल्म 'फैंटास्टिक फोर' के चार करैक्टर पोस्टर रिलीज़ कर दिए गए हैं। इन पोस्टरों में स्यू स्टॉर्म/ इनविजिबल वुमन, रीड रिचर्ड्स/मिस्टर फैंटास्टिक, बेन ग्रीम/द थिंग और जॉनी स्टॉर्म/ ह्यूमन टॉर्च को दिखाया गया है। इन भूमिकाओं को क्रमशः केट मारा, माइल्स टेलर, जेमी बेल और माइकल बी जॉर्डन कर रहे हैं। इस फिल्म का बजट १२२ मिलियन डॉलर बताया जा रहा है। फिल्म ७ अगस्त को रिलीज़ होगी। २००५ में रिलीज़ 'फैंटास्टिक ४' की रिबूट फिल्म है 'फैंटास्टिक फोर' ।
स्यु स्टॉर्म, रीड रिचर्ड्स, जॉनी स्टॉर्म और द थिंग |
द थिंग के रोल में जेमी बेल |
जॉनी स्टॉर्म बने माइकल बी जॉर्डन |
रीड रिचर्ड्स बने माइल्स टेलर |
स्यु स्टॉर्म बनी केट मारा |
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'सेव गर्ल चाइल्ड' के सपोर्ट में गोकुलधाम पहुंची दीपिका पादुकोण
दीपिका पादुकोण 'बेटी बचाओ' आंदोलन से जुड़ गई लगती हैं। पिछले दिनों वह गोकुलधाम सोसाइटी पहुँच गई। वह ख़ुशी से मिली और दयाबेन को बधाई दी। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में आजकल नन्हीं बेटी ख़ुशी की ही चर्चा है। ख़ुशी को पिछले दिनों ही तारक मेहता का उल्टा चश्मा की कास्ट में शामिल किया गया था। नन्हीं ख़ुशी दया बेन की ज़िन्दगी में खुशियां लेकर आई है। दीपिका पादुकोण ने 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के निर्देशक असित कुमार मोदी को अपने सीरियल में सेव गर्ल चाइल्ड का समर्थन करने के लिए बधाई दी। वह दयाबेन यानि दिशा वखाणी से भी मिली। ख़ुशी को भी दुलारा। दयाबेन ने दीपिका को मेथी और केला के व्यंजन बनाने सिखाये। दीपिका से मिल कर खुश दिशा बखानी ने कहा, "दीपिका जी बड़ी प्यारी एक्ट्रेस हैं। वह हमारी सोसाइटी और ख़ुशी को प्यार करती हैं। मैं उनकी शुक्रगुज़ार हूँ कि वह हमारे बेटी बचाओ आंदोलन को सपोर्ट कर रही हैं।"
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Television
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नागरिक फिल्म ने जीते पांच राज्य पुरस्कार
निदेशक
जयप्राद देसाई की फिल्म नागरिक को 52 वें महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार में
पांच श्रेणियों में सम्मानित किया गया हैं। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ
सामाजिक फिल्म,
सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म निर्देशक: जयप्राद देसाई, सर्वश्रेष्ठ संवाद:
महेश केलूसकर, सर्वश्रेष्ठ गीत: संभाजी भगत और सर्वश्रेष्ठ छायांकन:
देवेंद्र गोटलकर की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया । फिल्म नागरिक का
निर्माण आरती सचिन चव्हाण द्वारा किया गया है। वरिष्ठ फिल्म एवं रंगमंच
अभिनेता डॉ श्रीराम लागू के अलावा सचिन खेडेकर, दिलीप प्रभावलकर और मिलिंद
सोमन इस फिल्म में अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे । फिल्म एक
सामाजिक-राजनीतिक घटना पर बनाई गई हैँ । जयप्राद कहते हैं, "मैं इस फिल्म
को पांच श्रेणियों में मिली जीत के लिए बेहद खुश हूँ।" फिल्म को मुंबई
फिल्म समारोह (ममी) में अद्भुत प्रतिक्रिया मिली है। फिल्म 12 जून को
सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी।
निदेशक जयप्राद को अपने कैरियर की शुरुआत में ही डॉ श्रीराम लागु, सचिन खेडेकर, दिलीप प्रभावलकर, रेसुल पुकुट्टी और भानु अथैया जैसी प्रतिभाओं का सहयोग मिलना बेहद सुखद है।
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मराठी फिल्म इंडस्ट्री
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छोटे बजट की फ़िल्में नहीं करना चाहते हैं रॉबर्ट डाउनी जूनियर
रॉबर्ट डाउनी जूनियर को कम बजट की छोटी फ़िल्में करने में कोई रूचि नहीं है। उन्होंने यह बात 'अवेंजर्स : एज ऑफ़ अल्ट्रान' के प्रमोशन के दौरान एक पत्रिका को इंटरव्यू में कही। उनसे पूछा गया था कि मार्वल की फ़िल्में करने के क्या उनके दिमाग में कभी कुछ लाख डॉलर्स से बनी इंडी फ़िल्में करने का विचार आया है ? छोटे बजट की फ़िल्में न करने का कारण क्या है ? क्या वह खुद को छोटी फिल्मों के फ्रेम के लिहाज़ से बहुत बड़ा महसूस करते हैं ?रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने पत्रकार को जवाब दिया, "नहीं। मैं इन फिल्मों को इसलिए नहीं करना चाहता क्योंकि यह थकाऊ होती हैं। कभी यह आपको चूस लेती हैं और आप निचुड़े से रह जाते हो। यह मेरा सोचना है। लेकिन, हर प्रकार की अलग अलग फ़िल्में करना चाहता हूँ।"
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Hollywood
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तेलुगु एक्ट्रेस ने लगाया ज़बरदस्ती का आरोप
तेलुगु फिल्म एक्ट्रेस ख़ुशी मुख़र्जी ने अपने साथ ज़बरदस्ती का आरोप लगाया है। यह एक्ट्रेस एक बॉलीवुड फिल्म के लिए भोपाल में शूटिंग कर रही है। यह उसकी डेब्यू हिंदी फिल्म है। बताते हैं कि ख़ुशी एक होटल में कमरा ले कर रह रही थी। एक्ट्रेस ने एक टीवी चैनल पर एक शो में होटल के एक माइनर नौकर पर कमरे में घुसने और गलत इरादे से उसका शरीर छूने का आरोप लगाया है। एक्ट्रेस का कहना था कि वह जब सो रही थी तब वह कर्मचारी उसके कमरे में घुसा और अंदर से लॉक कर उसके साथ गलत हरकते करने लगा। जब कि टीवी पर लडके का कहना था कि उसने कुछ गलत नहीं किया। जब वह अपनी ड्यूटी पर कमरे चेक कर रहा था, तो उसने एक्ट्रेस का कमरा खुला देखा। वह एक्ट्रेस बुरी तरह नशे में चूर ज़मीन पर पड़ी थी। लड़का एक्ट्रेस को जगाने के इरादे से कमरे में घुसा था। लडके ने यह भी बताया कि उसने कमरे में घुसने से पहले रिसेप्शन को बता दिया था। मैनेजमेंट ने भी लडके के बयान का समर्थन किया और कहा कि एक्ट्रेस होटल को बदनाम करने और पब्लिसिटी के लिए यह स्टंट कर रही थी। क्या ख़ुशी मुख़र्जी यह सब पब्लिसिटी के लिए कर रही थी ? जिस प्रकार से एक चैनल अपने शो में इन दोनों को आमने सामने पेश कर रहा था, उससे तो ऐसा ही लगता है। अब सच्चाई क्या है, यह बाद में ही पता चलेगा। लेकिन, अगर यह सचमुच पब्लिसिटी स्टंट है तो यह उस एक्ट्रेस का बेहद निंदनीय कारनामा है।
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साउथ सिनेमा
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Saturday 2 May 2015
सनी लिओनी के साथ ब्रेक से बड़ा खुश हूँ- नवदीप छाबड़ा
नवदीप छाबरा पिछले साल मुंबई आये थे। आते ही उन्हें 'कुछ कुछ लोचा है' का जिगर का रोल मिल गया। वैसे वह दिल्ली के बिज़नेस फैमिली से हैं। डांस करना उन्हें खासा पसंद है। उनकी पहली फिल्म के निर्देशक देवांग ढोलकिया उन्हें स्टार मटेरियल मानते हैं। पेश है उनसे बातचीत के अंश -
'कुछ कुछ लोचा है' में अपने रोल के बारे में बताइए ?
मैं इस फिल्म में जिग्गी पटेल का रोल कर रहा हूँ। वह रॉक स्टार बनना चाहता है। जिग्गी का अपना बैंड है, जिसे उसने जिग्गी एंड द जेट्स नाम दिया है। वह स्कूल के कार्यक्रमों, कॉलेज के फेस्टिवल्स और अपने लोकल एरिया में अपने बैंड के तहत परफॉर्म करने के साथ उस बड़े ब्रेक की तलाश में है, जो उसे बड़ा रॉक स्टार बनाएगा। अपने पिता (राम कपूर) के साथ उसका बड़ा रोचक रिलेशन है, जिसके कारण उन दोनों के बीच कभी कभार नोक झोंक भी होती रहती है।
आपको यह फिल्म कैसे मिली ?
यह मेरा सौभाग्य था कि मुझे यह फिल्म मिली। एक्टर बनने की ख्वाहिश लिए मैं मुंबई आया था। मेरा भाग्य कि मुझे यहाँ आने के एक हफ्ते के अंदर देवांग के ऑफिस से जिग्गी के रोल के लिए ऑडिशन देने का फ़ोन आया। ऑडीशन के बाद अगले ही दिन मुझे फिल्म को साइन करने के लिए बुलाया गया। मुझे उस समय आश्चर्य के साथ साथ बेहद ख़ुशी भी महसूस हो रही थी।
सनी लियॉन की साथ शूटिंग करने का अनुभव बाँटिये ?
वह प्रोफेशनल एक्ट्रेस तो हैं ही, डाउन टू अर्थ भी हैं। वह सबसे मस्ती मज़ाक भी करती हैं। जब हम लोग शूटिंग कर रहे होते थे तो वह केवल अपने काम पर ही ध्यान देती। जब शूट नहीं हो रही होती तो वह सेट पर ही पार्टी करने के मूड में आ जाती । मुझे कोई ऐसा मौका याद नहीं आ रहा, जब सेट पर उनकी मौजूदगी के बावजूद कोई उदास लम्हा बीता हो। उनके साथ काम करना मेरे लिए वैसा ही है, जैसे कोई बड़ा सपना सच हो गया हो। वह भी अपने करियर की पहली फिल्म में।
आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?
जब मुझे बताया गया कि मैं सनी लियॉन के साथ काम करने वाला हूँ तो मैं अपने भाग्य पर विश्वास नहीं कर सका। उनके साथ काम करने के लिए मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया था। मेरा मतलब है कि हिंदुस्तान में मेरे साथ साथ हर शख्स उनका बहुत बड़ा फैन है। लोगों में उनका ज़बरदस्त क्रेज है। उन जैसी बड़ी स्टार के साथ अपनी पहली ही फिल्म में काम करने के अवसर को तो मैं किसी भी कीमत पर नहीं खो सकता था।
फिल्म में आपकी जोड़ी एवलीन शर्मा के साथ है। उनके साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
वह बहुत अच्छी को-स्टार और एक अच्छी इंसान हैं। कड़ी मेहनत करने वाली प्रोफेशनल एक्ट्रेस हैं। फिल्म में वह मेरी प्रेमिका बनी हैं। आप जब फिल्म देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि एक दूसरे के पूरक होते हुए हमारी केमिस्ट्री कितनी अच्छी बनी है।
आपके अन्य प्रोजेक्ट्स क्या हैं ?
फिलहाल तो मैं अपनी पहली फिल्म 'कुछ कुछ लोचा है' की रिलीज़ पर ध्यान लगा रहा हूँ। इसके अलावा मैंने देवांग ढोलकिया की अगली फिल्म 'ज़ूम' को साइन किया है। इनके अलावा दो अन्य प्रोडक्शन के साथ मेरी बातचीत चल रही है। बड़ी उम्मीद के साथ इसका इंतज़ार कर रहा हूँ।
'कुछ कुछ लोचा है' में अपने रोल के बारे में बताइए ?
मैं इस फिल्म में जिग्गी पटेल का रोल कर रहा हूँ। वह रॉक स्टार बनना चाहता है। जिग्गी का अपना बैंड है, जिसे उसने जिग्गी एंड द जेट्स नाम दिया है। वह स्कूल के कार्यक्रमों, कॉलेज के फेस्टिवल्स और अपने लोकल एरिया में अपने बैंड के तहत परफॉर्म करने के साथ उस बड़े ब्रेक की तलाश में है, जो उसे बड़ा रॉक स्टार बनाएगा। अपने पिता (राम कपूर) के साथ उसका बड़ा रोचक रिलेशन है, जिसके कारण उन दोनों के बीच कभी कभार नोक झोंक भी होती रहती है।
आपको यह फिल्म कैसे मिली ?
यह मेरा सौभाग्य था कि मुझे यह फिल्म मिली। एक्टर बनने की ख्वाहिश लिए मैं मुंबई आया था। मेरा भाग्य कि मुझे यहाँ आने के एक हफ्ते के अंदर देवांग के ऑफिस से जिग्गी के रोल के लिए ऑडिशन देने का फ़ोन आया। ऑडीशन के बाद अगले ही दिन मुझे फिल्म को साइन करने के लिए बुलाया गया। मुझे उस समय आश्चर्य के साथ साथ बेहद ख़ुशी भी महसूस हो रही थी।
सनी लियॉन की साथ शूटिंग करने का अनुभव बाँटिये ?
वह प्रोफेशनल एक्ट्रेस तो हैं ही, डाउन टू अर्थ भी हैं। वह सबसे मस्ती मज़ाक भी करती हैं। जब हम लोग शूटिंग कर रहे होते थे तो वह केवल अपने काम पर ही ध्यान देती। जब शूट नहीं हो रही होती तो वह सेट पर ही पार्टी करने के मूड में आ जाती । मुझे कोई ऐसा मौका याद नहीं आ रहा, जब सेट पर उनकी मौजूदगी के बावजूद कोई उदास लम्हा बीता हो। उनके साथ काम करना मेरे लिए वैसा ही है, जैसे कोई बड़ा सपना सच हो गया हो। वह भी अपने करियर की पहली फिल्म में।
आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?
जब मुझे बताया गया कि मैं सनी लियॉन के साथ काम करने वाला हूँ तो मैं अपने भाग्य पर विश्वास नहीं कर सका। उनके साथ काम करने के लिए मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया था। मेरा मतलब है कि हिंदुस्तान में मेरे साथ साथ हर शख्स उनका बहुत बड़ा फैन है। लोगों में उनका ज़बरदस्त क्रेज है। उन जैसी बड़ी स्टार के साथ अपनी पहली ही फिल्म में काम करने के अवसर को तो मैं किसी भी कीमत पर नहीं खो सकता था।
फिल्म में आपकी जोड़ी एवलीन शर्मा के साथ है। उनके साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
वह बहुत अच्छी को-स्टार और एक अच्छी इंसान हैं। कड़ी मेहनत करने वाली प्रोफेशनल एक्ट्रेस हैं। फिल्म में वह मेरी प्रेमिका बनी हैं। आप जब फिल्म देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि एक दूसरे के पूरक होते हुए हमारी केमिस्ट्री कितनी अच्छी बनी है।
आपके अन्य प्रोजेक्ट्स क्या हैं ?
फिलहाल तो मैं अपनी पहली फिल्म 'कुछ कुछ लोचा है' की रिलीज़ पर ध्यान लगा रहा हूँ। इसके अलावा मैंने देवांग ढोलकिया की अगली फिल्म 'ज़ूम' को साइन किया है। इनके अलावा दो अन्य प्रोडक्शन के साथ मेरी बातचीत चल रही है। बड़ी उम्मीद के साथ इसका इंतज़ार कर रहा हूँ।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
निधि दत्ता का इंटिमेट सीन्स से इंकार
निर्माता निर्देशक जे. पी दत्ता और पूर्व फिल्म अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी दत्ता की बेटी निधि दत्ता अपने पिता के बैनर की फिल्म "जी भर के जी ले " से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत कर रही हैं। जेपी दत्ता ने निधि के लिए अपने प्रोडक्शन की युथ विंग 'जेपी जीन' की स्थापना की है। निधि दत्ता देखने में सुन्दर हैं। वह अपनी माँ बिंदिया गोस्वामी की तरह सेक्सी भी है। पर निधि ने किसी भी तरह के इंटीमेट सीन्स करने से साफ़ मना कर दिया है। हांलाकि आजकल की फिल्मो में किसिंग सीन्स या इंटिमेट सीन्स आम बात है। लेकिन, बिंदिया चाहती हैं कि उनकी बेटी साफ़ सुथरी भूमिकाओं से अपना फिल्म करियर बनाये। "जी भर के जी ले " में भी कुछ इंटिमेट सीन्स डाले गए थे। पर निधि ने इन सीन्स को करने से साफ़ साफ़ मना कर दिया। निधि कहती हैं, "मैं फिल्म 'जी भर के जी ले' से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत कर रही हूँ। पर मुझे किसी तरह की इंटिमेट सीन्स करने की ज़रूरत नहीं है। मुझे लगता है कि महिलाये कपड़ो में और भी ज़्यादा खूबसूरत दिखती हैं।" जिओ दत्ता की बिंदिया बेटी।
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'टीनएज म्युटेंट निंजा टर्टल २' में हॉट एन सेक्सी मेगन फॉक्स ( फोटो)
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बॉलीवुड में बंगाल
शुजीत सरकार की ८ मई को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'पीकू' यूँ तो बाप-बेटी के रिश्तों की दास्ताँ हैं। लेकिन, पृष्ठभूमि में बंगाल है। नया पुराना कलकत्ता है। बंगला संस्कृति है। रविन्द्र संगीत है और बंगला से प्रभावित संवाद भी। यह तो ८ मई को ही पता चलेगा कि 'पीकू' बंगाल वास्तविकता के कितना करीब है और दर्शकों के दिलों के कितना करीब भी।
कभी हिंदी फिल्मों में बंगाली, बंगाली कल्चर और बांगला भाषा का प्रभाव साफ़ झलकता था। यह स्वभाविक भी था। बंगालियों ने ही हिंदी फिल्मों को रोपा, सींचा और खाद पानी दिया था। बांग्ला साहित्य पर बनी देवदास, परिणीता, आदि साहित्यिक कृतियों पर बनी फिल्मों ने हिंदी दर्शकों को आकर्षित किया। अशोक कुमार, सुचित्रा सेन, आदि जैसे कलाकार हिंदी फिल्मों के स्तम्भ थे। तमाम बंगाली निर्देशकों ने कल भी हिंदी फिल्मों को तराशा और आज भी तराश रहे हैं।
बंगाली फिल्म डायरेक्टर
बिमल रॉय, सत्यजित रे, असित सेन, शक्ति सामंत, सत्येन बोस, हृषिकेश मुख़र्जी, बासु चटर्जी और बासु भट्टाचार्य जैसी बंगाली प्रतिभाओं ने उत्कृष्ट हिंदी फ़िल्में बना कर हिंदी फिल्म इडस्ट्री को आज का बॉलीवुड बनाने में मदद की। बिमल रॉय की 'देवदास', 'परिणीता', 'बंदिनी', आदि फिल्मों ने हिंदी दर्शकों का उत्कृष्ट बंगला साहित्य से परिचय कराया। महिला शक्ति को बिना शोर शराबे के स्थापित करने की कोशिश की। सत्यजित रे की 'शतरंज के खिलाडी' और 'कफ़न' फ़िल्में हिंदी फिल्मों में मील का पत्थर हैं। असित सेन की फिल्म 'ममता', शक्ति सामंत की हावड़ा ब्रिज से लेकर अमर प्रेम तक, सत्येन बोस की दोस्ती, हृषिकेश मुख़र्जी कीकी मुसाफिर और अनाड़ी से लेकर चुपके चुपके, गोलमाल और रंग बिरंगी तक, बासु चटर्जी की छोटी सी बात, चितचोर और रजनीगंधा से लेकर एक रुका हुआ फैसला और कमला की मौत तक, बासु भट्टाचार्य की तीसरी कसम से लेकर पंचवटी और आस्था तक फिल्मों ने हिंदी फिल्मों को विश्व पटल पर स्थापित कर दिया। उनकी इस परिपाटी को अनुराग बासु (मर्डर, गैंगस्टर, लिफ़े…इन अ मेट्रो, बर्फी, आदि फ़िल्में), दिबाकर बनर्जी (खोसला का घोसला, ओये लकी लकी ओये, शंघाई और डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी फ़िल्में), सुजॉय घोष (झंकार बीट्स और कहानी फ़िल्में), ओनिर (सॉरी भाई, बस एक पल, आई एम, आदि फ़िल्में), शूजित सरकार (यहाँ और विक्की डोनर फ़िल्में), अयान मुख़र्जी (वेकअप सिड और यह जवानी है दीवानी फ़िल्में), प्रदीप सरकार (परिणीता और मर्दानी फ़िल्में), ऋतुपर्णो घोष (द लास्ट लीअर, चोखेर बाली, आदि फ़िल्में), अपर्णा सेन (३६ चोरिंगी लेन, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, आदि फ़िल्में) और केन घोष (इश्क़ विश्क, फ़िदा और चांस पे डांस फ़िल्में) आगे बहुत आगे ले जा रहे हैं।
बांगला साहित्य पर फ़िल्में
बंगाली संस्कृति का हिंदी दर्शकों से पहला परिचय बांगला साहित्य पर बनी फिल्मों के ज़रिये ही हुआ। शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं देवदास और परिणीता पर बार बार फ़िल्में बनाई गई। रबीन्द्रनाथ टैगोर की कृति काबुलीवाला, महाश्वेता देवी की कृति हज़ार चौरासी की माँ और रुदाली तथा झुम्पा लहरी की रचना द नेमसेक पर भी फ़िल्में बनाई गई। देवदास पर तो पीसी बरुआ से लेकर बिमल रॉय, संजय लीला भंसाली और अनुराग कश्यप तक ने फ़िल्में बनाई। देवदास के राजनीतिक संस्करण पर सुधीर मिश्रा द्वारा 'और देवदास' फिल्म बनाई जा रही है। कुछ अन्य साहित्यिक कृतियों पर बनी फिल्मों में हृषिकेश मुख़र्जी की मझली दीदी, बासु चटर्जी की स्वामी, केबी तिलक की छोटी बहु, बासु चटर्जी की अपने पराये और गुलजार की खुशबू ख़ास उल्लेखनीय हैं। गुलजार ने ही रबीन्द्रनाथ टैगोर की कृति पर लेकिन और ऋतुपर्णो घोष ने चोखेर बलि बनाई थी। १९३० के चटगांव विद्रोह पर मानिनी चटर्जी के उपन्यास डू एंड डाई पर आशुतोष गोवारिकर की खेले हम जी जान से भी उल्लेखनीय फिल्म थी।
बांगला पृष्ठभूमि और संस्कृति पर फ़िल्में
हिंदी दर्शकों को बंगाली पृष्ठभूमि और संस्कृति पर फ़िल्में बांगला साहित्य पर बनी हिंदी फिल्मों में ही देखने को मिली। शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय और रबीन्द्रनाथ टैगोर जैसे बांगला लेखकों के उपन्यास और कहानी पर बनी परिणीता, देवदास, काबुलीवाला, आदि में बंगाल और वहाँ की संस्कृति के दर्शन होते थे। वैसे दुर्गा पूजा के दृश्य, नृत्य और गीत हिंदी फिल्मों के अभिन्न अंग रहे हैं। हाल ही में रिलीज़ कुछ हिंदी फ़िल्में परिणीता, बरफी, गुंडे, देवदास, लुटेरा, डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी, आदि बांगला संस्कृति के गलत सही प्रदर्शन के कारण चर्चित हुई।
विद्या बालन का बंगाल कनेक्शन- विद्या बालन केरल से हैं। लेकिन, उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत गौतम हालदार की बंगला फिल्म भलो थेको से हुई थी। उनकी तीन हिंदी फ़िल्में परिणीता, भूल भुलैया और कहानी बंगाली प्रभाव वाली फ़िल्में थी।
बंगाली एक्ट्रेस
देविका रानी हिंदी फिल्मों की पहली इलीट एक्ट्रेस थी। सुचित्रा सेन, अपर्णा सेन, जया भादुड़ी (बच्चन), काजोल, कोंकणा सेनशर्मा, रानी मुख़र्जी, बिपाशा बासु, सुष्मिता सेन, नंदिता दास, कोएना मित्रा, रिया सेन और लिसा रे ऎसी बंगाली अभिनेत्रियां हैं, जिनका प्रभाव बॉलीवुड पर किसी न किसी रूप में पड़ा हैं। हालांकि,ज़्यादातर बंगाली अभिनेत्रियां अपनी सेक्स अपील के कारण चर्चित हुई। लेकिन, सुचित्रा सेन, शर्मीला टैगोर, काजोल, रानी मुख़र्जी, कोंकणा सेनशर्मा, आदि कुछ अभिनेत्रियां अपने संवेदनशील अभिनय के कारण जानी गई। मौशमी चटर्जी,राखी गुलजार, बिपाशा बासु हॉरर थ्रिलर फिल्मों की ज़रुरत बन चुकी हैं।
बंगाली एक्टर
प्रारंभिक फिल्मों के अशोक कुमार तक अभिनेताओं की हिंदी फिल्मों में पहचान बनी। लेकिन,सामान्य तौर पर पंजाबी अभिनेता ही हिंदी फिल्मों की ज़रुरत बने रहे। अलबत्ता, प्रदीप कुमार, जॉय मुख़र्जी, विश्वजीत, आदि बंगाली अभिनेताओं को म्यूजिकल रोमांस फिल्मों में सफलता मिली। मिथुन चक्रवर्ती बंगाली अभिनेताओं में सबसे ज़्यादा सफल रहे। हिंदी फिल्मों में असफल होने वाली बंगाली हस्तियों में उत्तम कुमार और सौमित्र चटर्जी का नाम उल्लेखनीय है। समित भज, असित बरन, विक्टर बनर्जी, आदि को भी असफलता मिली।
विद्या बालन का बंगाल कनेक्शन- विद्या बालन केरल से हैं। लेकिन, उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत गौतम हालदार की बंगला फिल्म भलो थेको से हुई थी। उनकी तीन हिंदी फ़िल्में परिणीता, भूल भुलैया और कहानी बंगाली प्रभाव वाली फ़िल्में थी।
कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'पीकू' की पृष्ठभूमि में बंगाल हैं। इसके डायरेक्टर शूजित सरकार भी बेंगाली हैं। लेकिन, फिल्म के तीन बंगाली चरित्र पीकू, भास्कर बनर्जी और राणा चौधरी करने वाले कलाकार दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और इरफ़ान खान बंगाली नहीं। अमिताभ बच्चन की पत्नी और बहु बेंगाली हैं। अलबत्ता पीकू में मौशमी चटर्जी, जिशु सेनगुप्ता और अनिरुद्ध रॉय चौधरी जैसे बंगाली कलाकारों की भूमिकाएं ख़ास हैं। ८ मई को पता चलेगा की बांगला पृष्ठभूमि पर फिल्म 'पीकू' दर्शकों को कितना प्रभावित कर पाती है।
अल्पना कांडपाल
कभी हिंदी फिल्मों में बंगाली, बंगाली कल्चर और बांगला भाषा का प्रभाव साफ़ झलकता था। यह स्वभाविक भी था। बंगालियों ने ही हिंदी फिल्मों को रोपा, सींचा और खाद पानी दिया था। बांग्ला साहित्य पर बनी देवदास, परिणीता, आदि साहित्यिक कृतियों पर बनी फिल्मों ने हिंदी दर्शकों को आकर्षित किया। अशोक कुमार, सुचित्रा सेन, आदि जैसे कलाकार हिंदी फिल्मों के स्तम्भ थे। तमाम बंगाली निर्देशकों ने कल भी हिंदी फिल्मों को तराशा और आज भी तराश रहे हैं।
बंगाली फिल्म डायरेक्टर
बिमल रॉय, सत्यजित रे, असित सेन, शक्ति सामंत, सत्येन बोस, हृषिकेश मुख़र्जी, बासु चटर्जी और बासु भट्टाचार्य जैसी बंगाली प्रतिभाओं ने उत्कृष्ट हिंदी फ़िल्में बना कर हिंदी फिल्म इडस्ट्री को आज का बॉलीवुड बनाने में मदद की। बिमल रॉय की 'देवदास', 'परिणीता', 'बंदिनी', आदि फिल्मों ने हिंदी दर्शकों का उत्कृष्ट बंगला साहित्य से परिचय कराया। महिला शक्ति को बिना शोर शराबे के स्थापित करने की कोशिश की। सत्यजित रे की 'शतरंज के खिलाडी' और 'कफ़न' फ़िल्में हिंदी फिल्मों में मील का पत्थर हैं। असित सेन की फिल्म 'ममता', शक्ति सामंत की हावड़ा ब्रिज से लेकर अमर प्रेम तक, सत्येन बोस की दोस्ती, हृषिकेश मुख़र्जी कीकी मुसाफिर और अनाड़ी से लेकर चुपके चुपके, गोलमाल और रंग बिरंगी तक, बासु चटर्जी की छोटी सी बात, चितचोर और रजनीगंधा से लेकर एक रुका हुआ फैसला और कमला की मौत तक, बासु भट्टाचार्य की तीसरी कसम से लेकर पंचवटी और आस्था तक फिल्मों ने हिंदी फिल्मों को विश्व पटल पर स्थापित कर दिया। उनकी इस परिपाटी को अनुराग बासु (मर्डर, गैंगस्टर, लिफ़े…इन अ मेट्रो, बर्फी, आदि फ़िल्में), दिबाकर बनर्जी (खोसला का घोसला, ओये लकी लकी ओये, शंघाई और डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी फ़िल्में), सुजॉय घोष (झंकार बीट्स और कहानी फ़िल्में), ओनिर (सॉरी भाई, बस एक पल, आई एम, आदि फ़िल्में), शूजित सरकार (यहाँ और विक्की डोनर फ़िल्में), अयान मुख़र्जी (वेकअप सिड और यह जवानी है दीवानी फ़िल्में), प्रदीप सरकार (परिणीता और मर्दानी फ़िल्में), ऋतुपर्णो घोष (द लास्ट लीअर, चोखेर बाली, आदि फ़िल्में), अपर्णा सेन (३६ चोरिंगी लेन, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, आदि फ़िल्में) और केन घोष (इश्क़ विश्क, फ़िदा और चांस पे डांस फ़िल्में) आगे बहुत आगे ले जा रहे हैं।
बांगला साहित्य पर फ़िल्में
बंगाली संस्कृति का हिंदी दर्शकों से पहला परिचय बांगला साहित्य पर बनी फिल्मों के ज़रिये ही हुआ। शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं देवदास और परिणीता पर बार बार फ़िल्में बनाई गई। रबीन्द्रनाथ टैगोर की कृति काबुलीवाला, महाश्वेता देवी की कृति हज़ार चौरासी की माँ और रुदाली तथा झुम्पा लहरी की रचना द नेमसेक पर भी फ़िल्में बनाई गई। देवदास पर तो पीसी बरुआ से लेकर बिमल रॉय, संजय लीला भंसाली और अनुराग कश्यप तक ने फ़िल्में बनाई। देवदास के राजनीतिक संस्करण पर सुधीर मिश्रा द्वारा 'और देवदास' फिल्म बनाई जा रही है। कुछ अन्य साहित्यिक कृतियों पर बनी फिल्मों में हृषिकेश मुख़र्जी की मझली दीदी, बासु चटर्जी की स्वामी, केबी तिलक की छोटी बहु, बासु चटर्जी की अपने पराये और गुलजार की खुशबू ख़ास उल्लेखनीय हैं। गुलजार ने ही रबीन्द्रनाथ टैगोर की कृति पर लेकिन और ऋतुपर्णो घोष ने चोखेर बलि बनाई थी। १९३० के चटगांव विद्रोह पर मानिनी चटर्जी के उपन्यास डू एंड डाई पर आशुतोष गोवारिकर की खेले हम जी जान से भी उल्लेखनीय फिल्म थी।
बांगला पृष्ठभूमि और संस्कृति पर फ़िल्में
हिंदी दर्शकों को बंगाली पृष्ठभूमि और संस्कृति पर फ़िल्में बांगला साहित्य पर बनी हिंदी फिल्मों में ही देखने को मिली। शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय और रबीन्द्रनाथ टैगोर जैसे बांगला लेखकों के उपन्यास और कहानी पर बनी परिणीता, देवदास, काबुलीवाला, आदि में बंगाल और वहाँ की संस्कृति के दर्शन होते थे। वैसे दुर्गा पूजा के दृश्य, नृत्य और गीत हिंदी फिल्मों के अभिन्न अंग रहे हैं। हाल ही में रिलीज़ कुछ हिंदी फ़िल्में परिणीता, बरफी, गुंडे, देवदास, लुटेरा, डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी, आदि बांगला संस्कृति के गलत सही प्रदर्शन के कारण चर्चित हुई।
विद्या बालन का बंगाल कनेक्शन- विद्या बालन केरल से हैं। लेकिन, उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत गौतम हालदार की बंगला फिल्म भलो थेको से हुई थी। उनकी तीन हिंदी फ़िल्में परिणीता, भूल भुलैया और कहानी बंगाली प्रभाव वाली फ़िल्में थी।
बंगाली एक्ट्रेस
देविका रानी हिंदी फिल्मों की पहली इलीट एक्ट्रेस थी। सुचित्रा सेन, अपर्णा सेन, जया भादुड़ी (बच्चन), काजोल, कोंकणा सेनशर्मा, रानी मुख़र्जी, बिपाशा बासु, सुष्मिता सेन, नंदिता दास, कोएना मित्रा, रिया सेन और लिसा रे ऎसी बंगाली अभिनेत्रियां हैं, जिनका प्रभाव बॉलीवुड पर किसी न किसी रूप में पड़ा हैं। हालांकि,ज़्यादातर बंगाली अभिनेत्रियां अपनी सेक्स अपील के कारण चर्चित हुई। लेकिन, सुचित्रा सेन, शर्मीला टैगोर, काजोल, रानी मुख़र्जी, कोंकणा सेनशर्मा, आदि कुछ अभिनेत्रियां अपने संवेदनशील अभिनय के कारण जानी गई। मौशमी चटर्जी,राखी गुलजार, बिपाशा बासु हॉरर थ्रिलर फिल्मों की ज़रुरत बन चुकी हैं।
बंगाली एक्टर
प्रारंभिक फिल्मों के अशोक कुमार तक अभिनेताओं की हिंदी फिल्मों में पहचान बनी। लेकिन,सामान्य तौर पर पंजाबी अभिनेता ही हिंदी फिल्मों की ज़रुरत बने रहे। अलबत्ता, प्रदीप कुमार, जॉय मुख़र्जी, विश्वजीत, आदि बंगाली अभिनेताओं को म्यूजिकल रोमांस फिल्मों में सफलता मिली। मिथुन चक्रवर्ती बंगाली अभिनेताओं में सबसे ज़्यादा सफल रहे। हिंदी फिल्मों में असफल होने वाली बंगाली हस्तियों में उत्तम कुमार और सौमित्र चटर्जी का नाम उल्लेखनीय है। समित भज, असित बरन, विक्टर बनर्जी, आदि को भी असफलता मिली।
विद्या बालन का बंगाल कनेक्शन- विद्या बालन केरल से हैं। लेकिन, उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत गौतम हालदार की बंगला फिल्म भलो थेको से हुई थी। उनकी तीन हिंदी फ़िल्में परिणीता, भूल भुलैया और कहानी बंगाली प्रभाव वाली फ़िल्में थी।
कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'पीकू' की पृष्ठभूमि में बंगाल हैं। इसके डायरेक्टर शूजित सरकार भी बेंगाली हैं। लेकिन, फिल्म के तीन बंगाली चरित्र पीकू, भास्कर बनर्जी और राणा चौधरी करने वाले कलाकार दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और इरफ़ान खान बंगाली नहीं। अमिताभ बच्चन की पत्नी और बहु बेंगाली हैं। अलबत्ता पीकू में मौशमी चटर्जी, जिशु सेनगुप्ता और अनिरुद्ध रॉय चौधरी जैसे बंगाली कलाकारों की भूमिकाएं ख़ास हैं। ८ मई को पता चलेगा की बांगला पृष्ठभूमि पर फिल्म 'पीकू' दर्शकों को कितना प्रभावित कर पाती है।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मई में हॉलीवुड का 'मैक्स' हो जायेगा 'मैड'
मई में बॉक्स ऑफिस पर हॉलीवुड की एक्शन, कॉमेडी और रोमांस फ़िल्में छाई रहेंगी। एक सुपरहीरो की वापसी होगी। पृथ्वी काँपेगी। अमेरिकी एजेंटों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। लेकिन, यह सब होगा रूपहले परदे पर -बॉक्स ऑफिस को गुलज़ार करने के लिए।
मैड मैक्स :फ्यूरी रोड
१९७९ में ऑस्ट्रेलिया का सुपर हीरो पूरी दुनिया में छा गया था। कहानी थी मेन फ़ोर्स पेट्रोल के अफसर मैक्स रॉकटेन्सकी की। ऑस्ट्रेलिया में भीषण अराजकता फ़ैल चुकी है। शासन और प्रशासन ध्वस्त हो चूका है। लोग दिन दहाड़े लूटपाट और हत्याएं कर रहे हैं। मैक्स को इन्हे ख़त्म करना है, नियंत्रित करना है। मैड मैक्स सीरीज की दो फ़िल्में रिलीज़ हुई। मेल गिब्सन ऑस्ट्रेलिया से बाहर हॉलीवुड के हीरो बन गए। अब इस फिल्म का तीसरा भाग मैड मैक्स : फ्यूरी रोड १५ मई को रिलीज़ होगा। इस फिल्म के डायरेक्टर पहली दो मैड मैक्स फिल्मों के जॉर्ज मिलर ही कर रहे हैं। लेकिन मेल गिब्सन की जगह टॉम हार्डी ने ले ली है। फिल्म के ट्रेलर यह बताते हैं कि मैड मैक्स फ्यूरी रोड का एक्शन संसार के दर्शकों को मैड यानि पागल बना देगा।
टुमारोलैंड
विज्ञानं की उत्सुकता रखने वाला एक किशोर। एक पूर्व जीनियस युवा खोजी। दोनों साथ मिलते है उस अंतरिक्ष और काल खंड में, जो उन दोनों की सम्मिलित याददाश्त में है। वह अंतरिक्ष के उस रहस्य को खोजने निकल पड़ते हैं। 'द इन्क्रेडिबल्स' और 'मिशन इम्पॉसिबल घोस्ट प्रोटोकॉल' के निर्देशक ब्राड बर्ड की एक्शन, एडवेंचर और रहस्य से भरी फिल्म में जॉर्ज क्लूनी अंतरिक्ष की खोज में रूचि रखने वाले विज्ञानी फ्रैंक वॉकर की भूमिका में हैं। इन गर्मियों में, जहाँ हॉलीवुड की फिल्मों में सीक्वेलस, रिबूटस और रीमेक फिल्मों की भरमार है, ब्राड बर्ड के साथ लॉस्ट के पटकथा लेखक डैमों लिंडेलॉफ़ की लिखी यह फिल्म ताज़गी का एहसास कराएगी।
पोल्टगाइस्ट
एक तरफ, हॉलीवुड फिल्मों के दर्शक, जहाँ टुमारोलैंड में अंतरिक्ष के रहस्य रोमांच से रू-ब-रु होंगे, वहीँ उन्हें हॉरर थ्रिलर पोल्टगाइस्ट से रोमांचित होने के मौके भी हैं। डायरेक्टर जिल केनन की इस फिल्म की कहानी महान स्टीवन स्पीलबर्ग ने लिखी है। पटकथा डेविड लिंडसे-अबेर ने लिखी है। १९८२ में रिलीज़ फिल्म पोल्टगाइस्ट की इस रिबूट फिल्म की कहानी एक उपनगर में रह रहे परिवार के घर पर नाराज़ बुरी आत्माओं के उत्पात की कहानी है। यह आत्माएं परिवार की बड़ी बेटी पर कब्ज़ा कर लेती हैं। अब घर की बेटी को बचाने के लिए पूरा घर एकजुट हो जाता है। फिल्म में सैम रॉकवेल, रोज़मरी डेविट और जार्ड हैरिस की मुख्य भूमिका है।
सान एंड्रियास
भारत मे १०० करोड़ का बिज़नेस करने वाली पहली हॉलीवुड फिल्म 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ७' में ड्वेन जॉनसन 'द रॉक' के लिए तालिया बजाने वाले दर्शकों के लिए खुशखबरी। द रॉक निर्देशक ब्राड पीटों के निर्देशन में फिल्म 'सान एंड्रियास' में कैलिफ़ोर्निया में आये भीषण भूकम्प के बाद मलवे में फंसी अपनी बेटी को बचाने के लिए एक हेलीकाप्टर पायलट मिशन पर निकल पड़ता है। ड्वेन जॉनसन की इस रोमांचक एक्शन थ्रिलर ड्रामा से भरपूर यात्रा में उनका साथ अलेक्सांद्रा ददारिओ, पॉल गिअमती, कार्ला गुगीनो ने दिया है।
कुछ दूसरी कॉमेडी फ़िल्में
उपरोक्त फिल्मों के अलावा हॉलीवुड की कुछ अच्छी कॉमेडी फ़िल्में भी देखने को मिलेंगी। डायरेक्टर ऐनी फ्लेचर की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'हॉट परसूट' कहानी है एक ईमानदार पुलिस अफसर कूपर की। इस भूमिका को रीस विदरस्पून कर रही हैं। वह एक ड्रग डीलर की विधवा को बेईमान पुलिस वालों और अपराधियों के पंजे से बचाना चाहती हैं। सेक्सी सोफ़िया वेर्गरा ने ड्रग डीलर की विधवा का रोल किया है। इसीलिए इस फिल्म में सेक्सी और कामुक दृश्यों की भरमार है। 'पिच परफेक्ट २' डायरेक्टर एलिज़ाबेथ बैंक्स की म्यूजिकल कॉमेडी फिल्म है। यह २०१२ में रिलीज़ फिल्म 'पिच परफेक्ट' का सीक्वल है। फिल्म में अन्ना केन्द्रिक, स्क्यलर ऑस्टिन, रिबेल विल्सन की भूमिका है। कैमरॉन क्रोव द्वारा लिखी, निर्देशित और निर्मित फिल्म 'अलोहा' एक डिफेन्स कांट्रेक्टर ब्रायन गिलक्रिस्ट और एयरफोर्स पायलट एलिसन आंग की रोमांस कहानी है। फिल्म में ब्रेडले कूपर, एमा स्टोन, रेचल मैकएडम्स और जॉन क्रासिंस्की की मुख्य भूमिका है।
मैड मैक्स :फ्यूरी रोड
१९७९ में ऑस्ट्रेलिया का सुपर हीरो पूरी दुनिया में छा गया था। कहानी थी मेन फ़ोर्स पेट्रोल के अफसर मैक्स रॉकटेन्सकी की। ऑस्ट्रेलिया में भीषण अराजकता फ़ैल चुकी है। शासन और प्रशासन ध्वस्त हो चूका है। लोग दिन दहाड़े लूटपाट और हत्याएं कर रहे हैं। मैक्स को इन्हे ख़त्म करना है, नियंत्रित करना है। मैड मैक्स सीरीज की दो फ़िल्में रिलीज़ हुई। मेल गिब्सन ऑस्ट्रेलिया से बाहर हॉलीवुड के हीरो बन गए। अब इस फिल्म का तीसरा भाग मैड मैक्स : फ्यूरी रोड १५ मई को रिलीज़ होगा। इस फिल्म के डायरेक्टर पहली दो मैड मैक्स फिल्मों के जॉर्ज मिलर ही कर रहे हैं। लेकिन मेल गिब्सन की जगह टॉम हार्डी ने ले ली है। फिल्म के ट्रेलर यह बताते हैं कि मैड मैक्स फ्यूरी रोड का एक्शन संसार के दर्शकों को मैड यानि पागल बना देगा।
टुमारोलैंड
विज्ञानं की उत्सुकता रखने वाला एक किशोर। एक पूर्व जीनियस युवा खोजी। दोनों साथ मिलते है उस अंतरिक्ष और काल खंड में, जो उन दोनों की सम्मिलित याददाश्त में है। वह अंतरिक्ष के उस रहस्य को खोजने निकल पड़ते हैं। 'द इन्क्रेडिबल्स' और 'मिशन इम्पॉसिबल घोस्ट प्रोटोकॉल' के निर्देशक ब्राड बर्ड की एक्शन, एडवेंचर और रहस्य से भरी फिल्म में जॉर्ज क्लूनी अंतरिक्ष की खोज में रूचि रखने वाले विज्ञानी फ्रैंक वॉकर की भूमिका में हैं। इन गर्मियों में, जहाँ हॉलीवुड की फिल्मों में सीक्वेलस, रिबूटस और रीमेक फिल्मों की भरमार है, ब्राड बर्ड के साथ लॉस्ट के पटकथा लेखक डैमों लिंडेलॉफ़ की लिखी यह फिल्म ताज़गी का एहसास कराएगी।
पोल्टगाइस्ट
एक तरफ, हॉलीवुड फिल्मों के दर्शक, जहाँ टुमारोलैंड में अंतरिक्ष के रहस्य रोमांच से रू-ब-रु होंगे, वहीँ उन्हें हॉरर थ्रिलर पोल्टगाइस्ट से रोमांचित होने के मौके भी हैं। डायरेक्टर जिल केनन की इस फिल्म की कहानी महान स्टीवन स्पीलबर्ग ने लिखी है। पटकथा डेविड लिंडसे-अबेर ने लिखी है। १९८२ में रिलीज़ फिल्म पोल्टगाइस्ट की इस रिबूट फिल्म की कहानी एक उपनगर में रह रहे परिवार के घर पर नाराज़ बुरी आत्माओं के उत्पात की कहानी है। यह आत्माएं परिवार की बड़ी बेटी पर कब्ज़ा कर लेती हैं। अब घर की बेटी को बचाने के लिए पूरा घर एकजुट हो जाता है। फिल्म में सैम रॉकवेल, रोज़मरी डेविट और जार्ड हैरिस की मुख्य भूमिका है।
सान एंड्रियास
भारत मे १०० करोड़ का बिज़नेस करने वाली पहली हॉलीवुड फिल्म 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ७' में ड्वेन जॉनसन 'द रॉक' के लिए तालिया बजाने वाले दर्शकों के लिए खुशखबरी। द रॉक निर्देशक ब्राड पीटों के निर्देशन में फिल्म 'सान एंड्रियास' में कैलिफ़ोर्निया में आये भीषण भूकम्प के बाद मलवे में फंसी अपनी बेटी को बचाने के लिए एक हेलीकाप्टर पायलट मिशन पर निकल पड़ता है। ड्वेन जॉनसन की इस रोमांचक एक्शन थ्रिलर ड्रामा से भरपूर यात्रा में उनका साथ अलेक्सांद्रा ददारिओ, पॉल गिअमती, कार्ला गुगीनो ने दिया है।
कुछ दूसरी कॉमेडी फ़िल्में
उपरोक्त फिल्मों के अलावा हॉलीवुड की कुछ अच्छी कॉमेडी फ़िल्में भी देखने को मिलेंगी। डायरेक्टर ऐनी फ्लेचर की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'हॉट परसूट' कहानी है एक ईमानदार पुलिस अफसर कूपर की। इस भूमिका को रीस विदरस्पून कर रही हैं। वह एक ड्रग डीलर की विधवा को बेईमान पुलिस वालों और अपराधियों के पंजे से बचाना चाहती हैं। सेक्सी सोफ़िया वेर्गरा ने ड्रग डीलर की विधवा का रोल किया है। इसीलिए इस फिल्म में सेक्सी और कामुक दृश्यों की भरमार है। 'पिच परफेक्ट २' डायरेक्टर एलिज़ाबेथ बैंक्स की म्यूजिकल कॉमेडी फिल्म है। यह २०१२ में रिलीज़ फिल्म 'पिच परफेक्ट' का सीक्वल है। फिल्म में अन्ना केन्द्रिक, स्क्यलर ऑस्टिन, रिबेल विल्सन की भूमिका है। कैमरॉन क्रोव द्वारा लिखी, निर्देशित और निर्मित फिल्म 'अलोहा' एक डिफेन्स कांट्रेक्टर ब्रायन गिलक्रिस्ट और एयरफोर्स पायलट एलिसन आंग की रोमांस कहानी है। फिल्म में ब्रेडले कूपर, एमा स्टोन, रेचल मैकएडम्स और जॉन क्रासिंस्की की मुख्य भूमिका है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday 1 May 2015
'करण ग्रोवर' बने इरोटिका थ्रिलर फिल्मों के 'सिंह'
अपने टीवी सीरियलों से ज़्यादा अपनी शादियों और तलाक़ से मशहूर अभिनेता करण सिंह ग्रोवर इरोटिका फिल्मों के सिंह बनते नज़र आ रहे हैं। करण ने कसौटी ज़िन्दगी की जैसे मेगा सीरियल में क्या भूमिका की थी, कोई नहीं जानता होगा। लेकिन, यह सब जानते हैं कि उन्होंने टीवी और फिल्म एक्ट्रेस श्रद्धा निगम से शादी की और दस महीनों में तलाक़ हो गया। फिर उन्होंने सीरियल सरस्वती चन्द्र की कुमुद जेनिफर विंग्लेट से शादी की। यह विवाह ढाई साल तक चला। फिर इन दोनों का भी तलाक़ हो गया। कारण ! करण सिंह ग्रोवर दिल फेंक इंसान हैं। बीवी घर पर रखते हैं और खुद बाहर नज़र रखते हैं। बददिमाग भी हैं। सीरियल क़ुबूल है से बददिमागी की वजह से ही निकाले गए। करण इसी साल बिपाशा बासु के साथ विक्रम भट्ट की हॉरर थ्रिलर इरोटिका फिल्म 'अलोन' में नज़र आये। उन्होंने बिपाशा बासु के साथ जम कर ऑन स्क्रीन रोमांस किया था। फिल्म ज़्यादा नहीं चली। लेकिन, फिल्म निर्माताओं को बिपाशा बासु से ज़्यादा करण सिंह ग्रोवर का अंग प्रदर्शन भा गया। किसी भी इरोटिक फिल्म में कपडे कम करने को आसानी से तैयार सितारे ज़रुरत बन जाते हैं। ख़ास तौर पर गठीले बदन के अभिनेता। इसीलिए, अलोन के कुछ ख़ास न कर पाने के बावजूद करण टीवी सीरियलों में वापस नहीं गए। उनके पास इस समय दो इरोटिका फ़िल्में हैं। हेट स्टोरी ३ में वह डेज़ी शाह और ज़रीन खान के साथ इरोटिक सीन करते दिखाई देंगे। दूसरी फिल्म निर्माता कुमार मंगत की है। अभी इस फिल्म का टाइटल नहीं रखा गया है। लेकिन, बताते हैं कि इस अनाम फिल्म में वह तीन तीन एक्ट्रेस के साथ इरोटिक हलचल मचाएंगे। हो सकता है इसमे से एक एक्ट्रेस बिपाशा बासु भी हों। भाई, लोग कैसे भूल सकते हैं कि 'अलोन' की रिलीज़ के बाद भी करण और बिपाशा गोवा में बर्थडे (करण का बर्थडे) का इरोटिक मज़ा ले रहे थे।
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'वर्तक नगर' के गैंगस्टर हैं जिमी शेरगिल
प्रोडूसर अमित अग्रवाल की फिल्म 'वर्तक नगर' में एक बार फिर अस्सी की दशक की मुंबई के गैंगस्टर हैं और कुख्यात मिल हड़ताल है। चार किशोरों के इर्दगिर्द बनी गई इस फिल्म की कहानी में जिमी शेरगिल गैंगस्टर का किरदार कर रहे हैं। जिमी शेरगिल का गैंगस्टरत बाला चवन एक महा दुष्ट और निर्मम करैक्टर है। अभी तक जिमी शेरगिल ने ऐसा किरदार नहीं किया है। अपने रोल के बारे में जिमी शेरगिल बताते हैं, "मैंने कभी महाराष्ट्रियन डॉन का किरदार नहीं किया है। यह एक अशांत चरित्र है। इसे करने में मुझे बहुत मज़ा आया।" फिल्म में एक करैक्टर मिल वर्कर्स की यूनियन के लीडर कुंवर सिंह का भी है। वह ईमानदार है। लेकिन, अगर मज़दूर की भलाई के लिए नियमों को तोडना पड़े तो भी वह हिचकता नहीं। इस रोल के रघु राम कर रहे हैं। अपने करैक्टर के बारे में रघु राम बताते हैं, "कुंवर सिंह सच के लिए लड़ने वाला है। उसे मज़दूरों की भलाई के लिए कुछ नियम तोड़ने से भी परहेज़ नहीं। मुझे इस किरदार के ग्रे शेड्स पसंद आये।" निर्देशक अतुल तैशेट की यह पहली फिल्म है। फिल्म की कहानी में पुरानापन है। लेकिन, किरदारों के लिहाज़ से इसमे ताजापन भी है। यह फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन की स्टेज में है तथा इसी साल रिलीज़ होगी।
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आज जी
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क्या बॉलीवुड की 'फ्लेम' बन पाएगी नतालिया जनोस्जेक !
कैटरीना कैफ और नर्गिस फाखरी को बेचैन करने के लिए एक और विदेशी चेहरा बॉलीवुड में कदम रखने जा रहा है। हॉलीवुड एक्ट्रेस नतालिया जनोस्जेक निर्देशक राजीव रुइया की फिल्म 'फ्लेम' में एक सीधी सादी लड़की का किरदार कर रही हैं, अपने विश्वास, प्यार और मानवता के खातिर संघर्ष करने के लिए उठ खडी होती है। पूर्व मिस पोलैंड और मिस बिकनी यूनिवर्स २०१३ की विजेता को निर्माता वरुण सिंह ने मिस बिकनी यूनिवर्स के दौरान ही चीन में देखा था। नतालिया उन्हें इस फिल्म के लिए सही चुनाव लगी। नतालिया की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म फ्लेम को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स में नौ नॉमिनेशन मिले हैं। आज की बॉलीवुड फिल्मों में जिस प्रकार से नर्गिस फाखरी, एमी जैक्सन और हेज़ल कीच के विदेशी चेहरे छाये हुए हैं, कैटरीना कैफ बॉलीवुड एक्ट्रेस में टॉप पर हैं, नातलियां जनोस्जेक को राजीव रुइया की फिल्म 'फ्लेम' परफेक्ट लॉन्चिंग पैड लगती हैं। वह कहती हैं, "बॉलीवुड में एंट्री के लिहाज़ से 'फ्लेम' से अच्छी शुरुआत और कोई नहीं हो सकती। मैं दिल से एक डांसर हूँ और मैं हमेशा से बॉलीवुड में अपना करियर बनाना चाहती थी। मैं यहाँ अपना टैलेंट दिखाने और टिकने के लिए आ रही हूँ।" नतालिया तीन साल की उम्र से डांस कर रही हैं। वह पुर्तगाल, स्पेन, ग्रीस, ब्राज़ील, इटली, सर्बिआ,टर्की, इंडोनेशिया, यूएसए, आदि में अंतर्राष्ट्रीय डांस फेस्टिवल्स में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है। वह वर्ल्ड डांस चॅम्पियनशिप्स २०१० की विजेता भी हैं। इस लिहाज़ से नतालिया बॉलीवुड के लिए परफेक्ट चेहरा लगती हैं। 'फ्लेम' में हृषिता भट्ट, हेमंत पाण्डेय और राजकुमार कनोजिया के अलावा हॉलीवुड स्टार जॉन डेलोंग की भी मुख्य भूमिका है।
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ऋषि कपूर बने ८० के दादाजी !
दिव्या खोसला कुमार की उनके निर्देशन में दूसरी फिल्म 'सनम रे' में ऋषि कपूर ८० साल की उम्र के दादाजी बने हैं। इस फिल्म में यामी गौतम, पुलकित सम्राट और उर्वशी रौतेला की मुख्य भूमिका है। सनम रे अगले साल १२ फरवरी को वैलेंटाइन्स डे पर रिलीज़ होगी।
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करण जौहर बनाएंगे हिंदी में 'बाहुबली'
खबर है कि बॉलीवुड फिल्म निर्माता निर्देशक करण जौहर ने तेलुगु सुपर स्टार राणा दग्गुबती की फिल्म 'बाहुबली' के हिंदी रीमेक के लिए 'बाहुबली' के राइट्स भारी रकम दे कर खरीद लिए हैं। राणा दग्गुबती को हिंदी दर्शकों ने 'दम मारों दम' और 'बेबी' में देखा है। तेलुगु भाषा की उनकी फिल्म 'बाहुबली' दक्षिण इस साल की ऐसी फिल्म है, जिसका दर्शकों को सबसे ज़्यादा इंतज़ार है। इस फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली हैं। राणा दग्गुबती के अलावा प्रभास, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना, रम्या कृष्णा, सथ्यराज, नासर, आदिवि शेष, तनिकेला भरनि और सुदीप की मुख्य भूमिका वाली 'बाहुबली' को करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस के साथ अनिल थडानी की ए ए फिल्म्स प्रेजेंट कर रहे हैं। यह पहला मौका है, जब किसी साउथ की फिल्म को करण जौहर जैसा बॉलीवुड का निर्माता जुड़ा हुआ है। राणा दग्गुबती की फिल्म 'बाहुबली' कुल १७५ करोड़ के बजट से बनी है। इस फिल्म को तमिल और तेलुगु में बनाया गया है। फिल्म को मलयालम और हिंदी में भी डब किया जाना है। इस फिल्म को दो भागों में रिलीज़ किया जायेगा। 'बाहुबली पार्ट १' जुलाई में १० तारीख को रिलीज़ होगी।
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साउथ सिनेमा
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