Friday, 11 September 2015

ग्रेट इंडियन नवरात्री फेस्टिवल

कंट्री क्लब ने ग्रेट इंडियन नवरात्री उत्सव के लिए अपनी कमर कस ली है।  हमेशा की तरह इस बार भी इस फेस्टिवल से बॉलीवुड के सितारों को जोड़ा गया है।  क्लब नवरात्री फेस्टिवल को कैसे मनाने जा रहा है, इसकी एक झलक आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मिल गई।  पूरा कांफ्रेंस हॉल परम्परिक तरीके से सजाया गया था, जो ख़ुशी का वातावरण तैयार कर रहा था।  मौजूद थी टीवी और बॉलीवुड से गौहर खान, देबिना बनर्जी, अमृता खानविलकर, आशा नेगी, समीक्षा भटनागर और पायल रोहतगी।  ग्रेट इंडियन नवरात्री फेस्टिवल की एक झलक भी इन ग्लैमरस अभिनेत्रियों ने पेश की।  देखिये एक झलक -




















GOOSEBUMPS - Official Trailer (HD)

Wednesday, 9 September 2015

बॉलीवुड की हिट जोड़ी में शुमार होंगे सूरज और अथिया !

बॉलीवुड ११ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'हीरो' की  सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की नई रोमांटिक जोड़ी को लेकर खासा उत्साहित है।  इन्हे दूसरी शाहरुख़ खान और काजोल जोड़ी बताया जा रहा है।  मतलब यह कि सूरज और अथिया को बॉलीवुड आकाश पर चमकना ही है।  लेकिन, इस नवोदित जोड़े की शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी से तुलना करने वाले यह भूल जाते हैं कि १९९३ में जब शाहरुख़ खान और काजोल ने 'बाज़ीगर' में जोड़ी बनाई, उससे पहले तक बेशक काजोल ने एक ही फिल्म बेखुदी की थी, लेकिन शाहरुख़ खान सात फ़िल्में कर चुके थे।  अर्थात, खान-काजोल जोड़ी सूरज और अथिया की तरह नई नहीं थी।  इसलिए, हीरो के सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की और उनकी जोड़ी की परख पहली फिल्म कर रही जोड़ियों से की जानी चाहिए।
हीरो (२०१५) तक दसियों नई जोड़ियां बॉलीवुड दे चूका है।  अब बाज़ीगर की काजोल को ही लीजिये।  उनकी पहली फिल्म कमल सडाना के साथ बेखुदी थी।  कमल की भी यह पहली फिल्म थी।  काजोल तो खैर खान की जोड़ीदार बन गई।  वह टैलेंटेड भी थी, लेकिन कम प्रतिभाशाली कमल सडाना का करियर सात फिल्मों तक ही लुढक सका।  बेखुदी तो खैर फ्लॉप हो गई थी।  इसलिए कमल सडाना की असफलता समझ में आती है।  फ्लॉप हीरो आगे कैसे बढ़ सकता था।  लेकिन, १९९० की सुपर हिट म्यूजिकल रोमांस फिल्म 'आशिक़ी' की राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की जोड़ी के लिए क्या कहा जाये ? आशिक़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म थी।  लेकिन, इतनी बड़ी हिट फिल्म भी राहुल रॉय और अनु अग्रवाल को बॉलीवुड में पनपने का खाद पानी नहीं बन सकी।  इसका मतलब तो कि हिट फिल्म सफलता की गारंटी नहीं !
स्टार किड्ज़ - ऊंची दूकान के फीके पकवान ज़्यादा
अस्सी के दशक में बॉलीवुड पर स्टार किड्ज़ का हमला जैसा हुआ था। हालाँकि, १९७३ में राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को हीरो बनाने के लिए फिल्म 'बॉबी' का निर्माण किया तो एक गुजराती व्यापारी चुन्नीभाई कपाड़िया की बेटी डिंपल कपाड़िया को उनकी नायिका बनाया।  फिल्म सुपर डुपेर हिट हुई।  ऋषि-डिंपल जोड़ी चल निकली।  इस के बाद, कई स्टार बच्चे परदे पर आये।  उनके साथ जोड़ी बनाने के लिए नए चहरे भी लिए गए।  कई ताज़ा जोड़िया बनी।  हिंदी फिल्मों के जुबली कुमार राजेंद्र कुमारं ने फिल्म 'लव स्टोरी' प्रोडूस कर अपने बेटे कुमार गौरव को मैदान पर उतार।  उनके साथ जोड़ीदार थी  पंडित जसराज भतीजी और एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित की छोटी बहन विजयता पंडित।  फिल्म हिट हुई।  १९८३ में धर्मेन्द्र ने अपने बड़े बेटे सनी देओल को हीरो बनाया फिल्म 'बेताब' बना कर।  इस फिल्म में सनी की जोड़ीदार थी मशहूर सोशलाइट रुखसाना सुल्तान की बेटी अमृता सिंह।  यह फिल्म भी हिट हुई।  दिलचस्प तथ्य यह था कि लव स्टोरी के घोस्ट निर्देशक राहुल रवैल ही बेताब के भी निर्देशक थे। देओल खानदान के एक दूसरे चिराग बॉबी देओल ने भी राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल के साथ फिल्म 'बरसात' (१९९५) से डेब्यू किया था।  बरसात बॉक्स ऑफिस पर बरस नहीं पाई।  बॉबी और ट्विंकल का फिल्म करियर भी कुछ ख़ास नहीं जम सका। मज़ेदार बात यह थी कि दोनों हिट फिल्मों की जोड़ियों के साथ घटा अलग अलग।  सनी देओल और अमृता सिंह हिट हो गए।  इन दोनों का करियर लम्बा चला।  लेकिन, कुमार गौरव और विजयता पंडित दर्जन भर फ़िल्में भी नहीं कर सके। ऐसा क्या हुआ ? १९८५ में सुनील दत्त, रेखा, राज किरण, फारूक शेख और दीप्ति नवल के साथ फिल्म 'फासले' में रोमांटिक जोड़ा रोहन कपूर और फराह नाज़ बना रहे थे।  रोहन कपूर गायक महेंद्र कपूर के बेटे थे।  फराह नाज़ तब्बू की बहन। दुर्भाग्यवश यश चोपड़ा की फिल्म 'फासले' से दर्शकों ने फासले बनाये रखे ।  महेंद्र कपूर का बेटा रोहन जल्द ही फिल्मों से बाहर हो गया।  अलबत्ता, फराह का करियर कुछ साल चलता रहा। कपूर खानदान से फिल्मों में आने वाली करिश्मा कपूर की पहली फिल्म प्रेम कैदी साउथ के एक्टर हरीश के साथ बनी थी। फिल्म और करिश्मा कपूर चल गई, लेकिन हरीश बिलकुल नहीं चले।
कुछ और जोड़ियां
१९८४ में फिल्म जवानी से करण शाह और नीलम कोठारी की जोड़ी ने डेब्यू किया।  रमेश बहल की फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।  नीलम की तो खैर दूसरी फिल्म, गोविंदा के साथ इलज़ाम हिट हो गई।  लेकिन, करण शाह इतनी भाग्यशाली साबित नहीं हुए।  जल्द ही उनका सूरज बॉलीवुड में अस्त हो गया। इसी साल राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म 'अबोध' में माधुरी दीक्षित और तपोस पॉल की जोड़ी दर्शकों के सामने थी।  फिल्म सुपर फ्लॉप हुई।  तपोस पॉल को तुरंत ही अपना बोरिया बिस्तर लपेट का बंगाल वापस जाना पड़ा।  जबकि, माधुरी दीक्षित को एन चंद्रा की फिल्म 'तेज़ाब' ने ऐसी तेज़ाबी एक्ट्रेस बनाया कि वह एक समय बॉलीवुड मे टॉप पर पहुंची। माधुरी जैसा ही कुछ मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ भी हुआ था। उन्हें, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता मनोज कुमार ने अपने भाई राजीव गोस्वामी की फिल्म पेंटर बाबू' की नायिका बनाया।  फिल्म फ्लॉप हुई।  राजीव इंडस्ट्री से बाहर हो गए।  परन्तु मीनाक्षी शेषाद्रि को सुभाष घई मिल गए।  सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी की फिल्म 'हीरो' की मूल फिल्म से वह और जैकी श्रॉफ स्टार बन गए। हालाँकि, सुभाष घई तो मनीषा कोइराला और विवेक मुशरान को भी मिले थे।  इन दोनों को दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे दिग्गजों के साथ लेकर सुभाष घई ने 'सौदागर' जैसी बड़ी हिट फिल्म बनाई थी।  पर विवेक मुशरान बिलकुल नहीं चल पाये, जबकि मनीषा कोइराला को टॉप पर पहुँचाने का मौका मिला। पांच साल बाद राजश्री के बैनर ने सलीम खान के बेटे सलमान खान को भाग्यश्री के साथ 'मैंने प्यार किया' की नायिका बना कर पेश किया।  फिल्म सुपर हिट हुई।  सलमान खान आज भी सदाबहार हैं। लेकिन, भाग्यश्री हिंदी फिल्मों से बिलकुल बाहर हो गई। कुक्कू कोहली ने १९९१ में फिल्म 'फूल और कांटे' से अजय देवगन और मधु की नई जोड़ी पेश की। बाहर की जोड़ियों के हिंदी फिल्मों में आने की शुरुआत के० बालाचंदर की फिल्म 'एक दूजे के लिए' से हो चुकी थी।  बालाचंदर ने इस फिल्म से दक्षिण से दो चेहरों कमल हासन और रति अग्निहोत्री को पेश किया।  फिल्म सुपर हिट हुई।  रति अग्निहोत्री आगे चल कर अमिताभ बच्चन की नायिका बनी।  लेकिन, कमल हासन को दक्षिण की फिल्मों में वापस लौटना पड़ा।  क्यों ?
समान्तर फिल्मों की नई जोड़ियां
सत्तर के दशक में न्यू वेव (जिसे न्यूड वेव भी कहा गया) या समान्तर सिनेमा ने भी खूब नई जोड़ियां पेश की।  बी आर इशारा ने अपनी न्यू वेव फिल्मों से नई जोड़ियों की वेव ला दी।  १९७२ में रिलीज़ इशारा निर्देशित फिल्म  ज़रुरत में विजय अरोरा और रीना रॉय की जोड़ी पेश हुई।  १९७५ में  रिलीज़ बी  आर इशारा की ही फिल्म 'कागज़ की नाव' से राज किरण और सारिका की जोड़ी का डेब्यू हुआ था ।  हालाँकि, इशारा ने १९७० में ही फिल्म 'चेतना' से रेहाना सुल्तान और अनिल धवन की नई जोड़ी पेश की थी।  लेकिन, इस फिल्म से कुछ पहले रेहाना सुल्तान की संजीव कुमार के साथ फिल्म 'दस्तक' रिलीज़ ही गई थी।  दस्तक में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली रेहाना सुल्तान के करियर को चेतना के कॉल गर्ल के रोल ने बिलकुल ख़त्म कर दिया।  उल्लेखनीय है कि बी आर इशारा और रेहाना सुल्तान ने बाद में शादी कर ली थी।
नई शताब्दि, नई जोड़ियां

चालू सदी के पहले साल यानि २००० में पूर्व अभिनेता और फिल्म निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन के बेटे ह्रितिक रोशन ने अमीषा पटेल के साथ फिल्म 'कहो न प्यार है' से डेब्यू किया।  अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने कपूर खानदान की दूसरी बेटी करीना कपूर के साथ जेपी दत्ता की फिल्म 'रिफ्यूजी' से डेब्यू किया।  २००३ में रितेश देशमुख और जेनिलिया डिसूज़ा  की जोड़ी फिल्म मुझे तेरी कसम से दर्शकों के रु-ब-रु हुई।  प्रियांशु चटर्जी, संदली शर्मा, हिमांशु मालिक और राकेश बापट को अनुभव सिन्हा ने अपनी फिल्म 'तुम बिन' से दर्शकों के सामने पेश किया।  २००२ में राज बब्बर के बेटे आर्य का अमृता राव के साथ फिल्म 'अब के बरस' से डेब्यू हुआ।  २००७ में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'साँवरिया' से दो कपूर- ऋषि कपूर और नीतू सिंह का रणबीर कपूर और अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर दर्शकों के सामने आये।  इसी दौर में सोनू निगम और फ़्लोरा सैनी

ने लव इन नेपाल से एक्टिंग डेब्यू किया।  रहना है तेरे दिल में से दक्षिण के आर० माधवन पूर्व मिस एशिया पैसिफिक दिया मिर्ज़ा के साथ दर्शकों के सामने आये।  इसके अलावा सुधीर मिश्रा की फिल्म हज़ारों ख्वाहिशे ऎसी से शाइनी आहूजा और चित्रांगदा सिंह,  जेम्स से मोहित अहलावत और निशा कोठारी, मोहित सूरी की फिल्म कलयुग से कुणाल खेमू और स्माइली सूरी, विक्रम भट्ट की फिल्म 'इंतहा' से अश्मित पटेल और विद्या मलवाडे, मेरा पहला पहला प्यार से रुसलान मुमताज़ और हेज़ल, जैसे कुछ डेब्यू हुए। अभी स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से अलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा दर्शकों के सामने आये हैं।  दर्शक अच्छी तरह से जानते हैं कि इनमे से कितने डेब्यू पेअर हिट हुए या फ्लॉप !
अब जबकि, सलमान खान के बैनर से १९८३ की हिट फिल्म 'हीरो' के रीमेक से आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब का पुत्र सूरज पंचोली सुनील शेट्टी और मोना शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी के साथ डेब्यू कर रहा है, क्या मुतमईन हुआ जा सकता है कि सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी 'हीरो' से हिट जोड़ी बनाएगी ? ऊपर के निष्कर्ष से कुछ समझ पाएं तो ठीक है।



अल्पना कांडपाल 

आशा भोंसले के ८२ साल और १०१ गीत !

इसी ८ सितम्बर को गायिका आशा भोंसले ८२ साल की हो जाएंगी।  उनके  जन्मदिन को मनाने के लिए शेमारू एंटरटेनमेंट ने आशा भोंसले के गाये १०१ चुनिंदा गीतों को तीन डीवीडी पैक में '१०१- आशा भोंसले हिट्स' के अंतर्गत जारी करने का निर्णय लिया।  यह डीवीडी पैक ८ सितम्बर को जारी किया जाना था।   लेकिन, चूंकि,  आशा भोंसले को वर्ल्ड टूर पर जाना था, इसलिए यह पैक पिछले दिनों ही आशा भोंसले द्वारा जारी किया गया।  इस मौके पर आशा भोंसले ने डीवीडी में संकलित अपने गीतों की झलकियाँ देखी।  ख़ास तौर  पर, वह चरित्रहीन, बंदिनी, अनकही, आदि फिल्मों के गीतों को सुनते हुए पुरानी यादों में  खो गई।  आशा भोंसले ने  नूतन और हेलेन से लेकर  रेखा और श्रीदेवी के परदे के चरित्रों  को अपनी आवाज़ दी है। उन्होंने एक किस्सा बताया कि एक बार एक दस साल का लड़का उनके पास आया और बोला कि वह लोग उनके गाये गीतों को एन्जॉय करते हैं। इससे साबित होता था कि वह जेन नेक्स्ट से भी सीधा जुड़ सकती हैं।  '१०१- आशा भोंसले हिट्स' की डिस्क १ का शीर्षक डांस मस्ती है।  इस डिस्क में आशा भोंसले के लोकप्रिय गीत पिया तू अब तो आजा और जवानी जानेमन से लेकर घुँघरू टूट गए और डूबा डूबा नशे में जैसे मस्ती भरे डांस नंबर शामिल हैं।  डिस्क १ में आशा भोंसले के 'रोमांटिक और सेंटीमेंटल' गीत शामिल हैं।  इनमे काली घटा छायी, देखने में भोला है, साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना, और इस दिल में, आदि जैसे गीत सुने देखे जा सकते हैं।  डिस्क ३ में आशा भोंसले के 'वेरियस मूड्स' के गीत शामिल हैं।  इनमे क्यों मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, जाऊं तो कहा जाऊं, कोमल है कमज़ोर नहीं तू, आदि गीत आशा भोंसले की बहुमुखी गायन प्रतिभा के प्रमाण हैं।  इस मौके पर आशा भोंसले ने  कहा,"इस  प्रकार के कांसेप्ट आधारित एल्बम जारी कर शेमारू  बॉलीवुड के क्लासिक गीतों की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। " तीन डीवीडी वाले इस सेट की कीमत २९९  रुपये है । 




आतिया के साथ सूरज चमकेगा !

११ सितम्बर को, जब पूरब से सूरज उग रहा होगा, ठीक उसी समय सिल्वर स्क्रीन पर भी एक सूरज का उदय हो रहा होगा । यह सूरज सलमान खान की फिल्म 'हीरो' का युवा और नवोदित चेहरा हैं। सलमान खान ने फिल्म हीरो की कमान निर्देशक निखिल आडवाणी को सौंप रखी है।  यह फिल्म १९८३ में रिलीज़, सुभाष घई के निर्देशन में बनी जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्रि की म्यूजिकल रोमांस फिल्म 'हीरो' का रीमेक है।  इसी फिल्म से सूरज पंचोली और आतिया शेट्टी के स्क्रीन डेब्यू हो रहे है। यह दोनों जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्रि की भूमिकाओं से अपना परिचय दर्शकों को दे रहे होंगे । दर्शक इन दोनों की एक्टिंग को कितने नंबर देते हैं, इसका पता तो ११ सितम्बर के बाद ही चलेगा। फिलहाल इन दोनों का परिचय यही है कि यह दोनों युवा चेहरे स्टार सन एन डॉटर हैं। सूरज पंचोली, अस्सी के दशक की वीडियो फिल्मों कलंक का टीका, शिंगोरा और सियाही जैसी वीडियो फिल्मों के नायक और दम मारो दम, बॉडीगार्ड और रेस २ जैसी फिल्मों के विलेन आदित्य पंचोली तथा राजश्री की चितचोर और घरोंदा जैसी फिल्मों की नायिका ज़रीना वहाब के बेटे हैं। पिछले दिनों सूरज पंचोली की डेब्यू फिल्म हीरोका फर्स्ट लुक पोस्टर जारी किया गया था । इस पोस्टर में सूरज नंगी पीठ के साथ खड़े हुए थे ।  इस लुक से सूरज रफ़ टफ लुक वाले अभिनेता लगते हैं। उन्होंने डांस की ट्रेनिंग ली है। वह मार्शल आर्ट्स में माहिर हैं। एक्टिंग का कोर्स भी किया है। संजय लीला भंसाली को फिल्म गुज़ारिश’ में और कबीर खान को एक था टाइगरमें असिस्ट कर चुके हैं। चौबीस साल के सूरज को सलमान खान प्रमोट कर रहे हैं। निखिल आडवाणी की फिल्म में सूरज की नायिका अतिया शेट्टी हैं।  आतिया, अस्सी के दशक की बलवान, मोहरा, आदि फिल्मों के नायक सुनील शेट्टी और फैशन डिज़ाइनर मान्या की बेटी हैं। वह न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से फिल्म मेकिंग और अन्य विधाएं सीख कर आई हैं। आतिया अभी सिर्फ २३ साल की हैं। हीरोअस्सी के दशक की जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्री की फिल्म का रीमेक है। फिल्म में मीनाक्षी वाला किरदार आतिया कर रही हैं, जबकि सूरज जैकी श्रॉफ वाले रोल में हैं। सूरज में हीरो मटेरियल है।  हालाँकि, उन पर २००८ में रिलीज़ आमिर खान की फिल्म गजिनी की सह नायिका अभिनेत्री जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।  इसके बावजूद उनके सर पर सलमान खान का हाथ है।  उन्हें अपनी अभिनय प्रतिभा दिखानी है। आतिया शेट्टी ग्लैमरस और सेक्सी हैं। बॉलीवुड को नए चेहरों  की सख्त ज़रुरत है, जो बॉलीवुड को बॉक्स ऑफिस क्वीन और बादशाह दे सके। यह दोनों इस लिहाज़ से लकी हैं कि उन्हें सलमान खान और सुभाष घई जैसे फिल्म निर्माताओं और फिल्म की समझ रखने वालों को सहारा मिल रहा है। वह बिना फिल्म रिलीज़ हुए स्टार बन चुके हैं।  उन्हें अब इसे सिर्फ पुख्ता करना है। अगर इन दोनों में अभिनय प्रतिभा है तो आतिया और सूरज को बॉलीवुड के फिल्माकाश में चमकने से कोई नहीं रोक सकता। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह कि आतिया शेट्टी की फिल्म 'हीरो' उसी तारीख़ को रिलीज़ हो रही है, जिस तारीख़ को उनके पिता सुनील शेट्टी की फिल्म 'बलवान' रिलीज़ हुई थी। 'बलवान' हिट फिल्म साबित हुई थी।  क्या पिता की तरह बेटी की भी फिल्म हिट होगी ?  

Tuesday, 8 September 2015

महिला मित्रता को दर्शाती भारतीय सिनेमा इतिहास में पहली फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस'

फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस' भारतीय सिनेमा के इतिहास में महिला मित्रता को दर्शाती पहली फिल्म है। इस फिल्म के स्टार कास्ट में साराह जेन, तनिष्ठा चैटर्जी, अनुष्का मनचन्दा, संध्या मृदुल, अमृत मघेरा, पवलीन गुजराल और राजश्री देशपंडे जैसे बहुमुखी कलकार शामिल हैं। फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस' का निर्देशन अंतराष्ट्रीय स्टार पर मशहूर निर्देशक पैन नलीन ने किया है।इस फिल्म के निर्माता जंगल बुक एंटरटेनमेंट हैं।  इस फिल्म को टोरोंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में आधिकारिक तौर पर चुना गया है। यह फिल्म जल्द ही भारत में रिलीज़ की जाने वाली है। फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस' महिला मित्रता के उन पन्नो को प्रदर्शित किया है जो आम तौर पर  अबतक की बॉलीवुड फ़िल्में में नहीं दिखाया गया है। फिल्म की कहानी 7 लड़कियों के इर्द गिर्द घूमती है। इस फिल्म का सबसे खास तत्त्व राम संपत द्वारा फिल्म के लिए रचा गया संगीत है। फिल्म के बारे में बताते हुए पुरस्कार विजेता निर्देशक पैन नलीन ने बताया है ' दुनिया जल्द ही भारत की पहली महिला मित्रता को दर्शाती फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस' की गवाह बनने वाली है। मै अपने दर्शकों को यह फिल्म दिखने के लिए बहुत उत्साहित हूँ। यह तो बस शुरुवात है आगे और बहुत कुछ आनेवाला है। फिल्म 'एंग्री इंडियन गौडेसेस' को देखने के लिए तैयार रहें।' 

Monday, 7 September 2015

अक्षय कुमार का बर्थडे, प्रभुदेवा का गिफ्ट, 'सिनेमा देखे माम्मा'

अभिनेता अक्षय कुमार ९ सितम्बर को ४८ साल के हो जायेंगे।  उनकी प्रभुदेवा के साथ 'सिंह इज किंग' सीरीज की फिल्म 'सिंह इज ब्लिंग' २ अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही है।  अपने अच्छे दोस्त अक्षय कुमार को गिफ्ट देना का यूनिक आईडिया प्रभुदेवा के दिमाग में आया।  उन्होंने अक्षय कुमार के बर्थडे गिफ्ट के रूप में 'सिंह इज ब्लिंग' का अक्षय कुमार का पसंदीदा गीत 'सिनेमा देखे माम्मा' ९ सितम्बर को रिलीज़ करने का इरादा बनाया है।  हालाँकि, 'सिंह इज ब्लिंग' की को मुश्किल से तीन हफ्ते बचे हैं।  इस बीच फिल्म के सभी गीत दर्शकों के सामने होने चाहिए।  इसके बावजूद प्रभुदेवा ने फिल्म के इस गीत की रिलीज़ ९ सितम्बर तक होल्ड कर लिया।  यह अक्षय कुमार के लिए चौंकाने वाला फैसला था।  गणेश आचार्य के कोरियोग्राफ इस गीत का फिल्मांकन अक्षय कुमार और फिल्म में उनकी नायिका एमी जैक्सन पर हुआ है। इस फिल्म की शूटिंग पटियाला के एक गाँव में की गई है।  इस गीत के लिए पूरे गाँव को ख़ास तौर पर पेंट किया गया था। अब देखना होगा कि ९ सितम्बर को अपना जन्मदिन अपने पसंदीदा गीत की रिलीज़ के साथ सेलिब्रेट करते अक्षय कुमार कितने खुश नज़र आते हैं!

Sunday, 6 September 2015

मैट डैमन की बॉर्न फ्रैंचाइज़ी में वापसी !

खबर है कि अमेरिकी अभिनेता, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता मैट डेमन की बॉर्न फ्रैंचाइज़ी में जल्द वापसी हो सकती है।  एरिक वान लस्टबडर  के उपन्यासों के काल्पनिक चरित्र जैसन बॉर्न पर पहली फिल्म 'द बॉर्न आइडेंटिटी' २००२ में रिलीज़ हुई थी।  जैसन बॉर्न का करैक्टर बाद की दो सीक्वल फिल्मों 'द बॉर्न सुप्रीमसी' और 'द बॉर्न अल्टीमेटम' में दिखाई दिया।  तीनो ही फिल्मों में मैट डैमन इस करैक्टर को कर रहे थे।  इस फ्रैंचाइज़ी की चौथी फिल्म 'द बॉर्न लिगेसी' में जेरेमी रेनर आ गए।  दरअसल, मैट डैमन  बिना डायरेक्टर पॉल ग्रीनग्रास के बॉर्न सीरीज की चौथी फिल्म नहीं करना चाहते थे।  ग्रीनग्रास बॉर्न सीरीज की दूसरी और तीसरी फिल्म के डायरेक्टर थे।  जबकि, चौथी फिल्म को टोनी गिलरॉय डायरेक्ट कर रहे थे। बॉर्न सीरीज की फिल्मों को अच्छी सफलता मिलती रही है।  बॉर्न सीरीज की चार फिल्मों के निर्माण में ३७० मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  लेकिन, इन फिल्मों ने वर्ल्डवाइड १२२२१.५ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था।  एक समय जैसन बॉर्न को ब्रितानी जासूस जेम्स बांड के लिए खतरा बताया जाता था।  बॉर्न सीरीज की चौथी फिल्म 'द बॉर्न लिगेसी', जिसमे बॉर्न का किरदार जेरेमी रेनर कर रहे थे, २७६ मिलियन डॉलर का साधारण बिज़नेस किया था, जबकि इसके निर्माण में १२५ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  यह साधारण बिज़नेस था।  अब इस सीरीज की पांचवी फिल्म 'द बॉर्न बिट्रेयल' में एक बार फिर पॉल ग्रीनग्रास और मैट डैमन की जोड़ी साथ आ गई है। द बॉर्न बिट्रेयल मशहूर एडवर्ड स्नोडेन स्कैंडल पर फिल्म है।  इस व्यक्ति ने सीआईए के अंतर्गत काम किया था और बाद में उसकी कुछ अत्यंत गोपनीय सूचनाएं लीक कर दी थी।  द बॉर्न बिट्रेयल की शूटिंग दुनिया के कई देशो में की जाएगी।  फिल्म की शूटिंग की शुरुआत ग्रीस से होगी।  फिल्म का अंत लॉस वेगस में होगा।  द बॉर्न बिट्रेयल २९ जून २०१६ को पूरी दुनिया में रिलीज़ होगी।  

क्या एक्सपेंडेबल्स ४ में होंगे सलमान खान !

अभिनेता सीलवेस्टर स्टॉलोन ने 'एक्सपेंडब्ल्स ४' बनाने की तयारी शुरू कर दी है।  इस समय वह फिल्म के लिए कास्ट फाइनल कर रहे हैं।  ख़ास कर, पुरानी फिल्मों की कास्ट के अलावा किन नई कास्ट को 'एक्सपेंडब्ल्स ४' में शामिल करना है।  हालाँकि, एक्सपेंडब्ल्स सीरीज की तीसरी फिल्म 'एक्सपेंडब्ल्स ३' ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। इसके बावजूद  स्टैलोन इस फिल्म को खतरनाक दृश्यों से भरपूर बनाना चाहते हैं।  वह इस बार फिल्म के मुख्य विलेन के लिए डब्ल्यू डब्ल्यू ई के मशहूर हल्क होगन को लेना चाहते हैं।  इस बात का संकेत खुद हल्क होगन ने दिया था।  बताते हैं कि होगन को दुनिया के सबसे खतरनाक विलन का जामा पहनाने के लिए काफी सोच विचार किया जा रहा है।  फिल्म की स्टार कास्ट में फिलिपिनो बॉक्सिंग चैंपियन मेनी पैक्वाइओ भी हो सकते हैं।  क्योंकि, उन्हें स्टैलोन के साथ अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर ने भी फिल्म की कास्ट में शामिल होने का न्योता दिया है। खुद पैक्वाइओ भी इस फिल्म में काम करने के लिए उत्सुक हैं। बेइंतहा ख़ुशी की खबर है इंडियन ऑडियंस के लिए।  एक्सपेंडब्ल्स सीरीज की पहली दो फिल्मों ने भारत में उत्साहजनक प्रदर्शन किया है।  इस सीरीज की फिल्मों की कास्ट से भारतीय दर्शक अच्छी तरह से परिचित है। सीलवेस्टर स्टैलोन अपनी फिल्म को भारत में बहुप्रतीक्षित बनाना चाहते हैं।  इसलिए, वह बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेता सलमान खान को अपनी फिल्म में लाना चाहते हैं।  खुद सलमान खान भी 'रॉकी' स्टार के दीवाने हैं।  सलमान खान अगर एक्सपेंडब्ल्स ४ की स्टार कास्ट में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें पहली बार सीलवेस्टर स्टैलोन और अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के अलावा जैसन स्टेथम, टेरी क्रुज और मिक्की रोउरके के साथ काम करने का मौका मिलेगा।


Saturday, 5 September 2015

समलैंगिकता पर फिल्म 'टाइम आउट' से 'चुंबन' गायब !

वायकोम १८ मोशन पिचर्स की फिल्म "टाइम आउट " से रिखिल बाहदुर का निर्देशन डेब्यू  हो रहा है।  उन्होंने फिल्म में बोल्ड सब्जेक्ट लिया है।  'टाइम आउट'  ऐसे दो भाइयो की कहानी जो ताजीवन अपनी अलग पहचान तलाशते है।  परन्तु यह फिल्म  समलैंगिकता पर आधारित है, जो कि भारतीय समाज और कानून में टैबू है।  ज़ाहिर है कि यह बहुत ही सेंसेटिव विषय है।  इस फिल्म में समलैंगिक संबंधों के दृश्यों में अभिनेता प्रणय पचौरी और वेदब्रत राव के बीच  कुछ चुम्बन दृश्य फिल्माये जाने  थे, पर बाद में पता चला कि किसी कारणवश इन दृश्यों का फिल्मांकन नहीं हो सका । आप सोच रहे होंगे कि सेंसर बोर्ड के डर के कारण समलैंगिक फिल्म में चुम्बन दृश्य नहीं फिल्माए जा सके ! काफी मामलों में सेंसर का भय हकीकत हो सकता है।  परन्तु,  टाइम आउट के मामले में कुछ दूसरा ही कारण था।  फिल्म की शूटिंग के दौरान मजूद सूत्र बताते हैं, " निर्माताओ ने दोनों मेल अभिनेता को चुंबन दृश्य के लिए राजी भी कर लिया था। लेकिन जिस दिन यह सीन होना था, उसी दिन इन दोनों अभिनेताओं के पैरेंट सेट पर आ  धमके। जब उन्हें इस बारे में  पता चला वे बहुत ही गुस्सा हुए। हालाँकि, ​फिल्म टाइम आउट के लिए यह सीन काफी मायने रखता था।  पर एक्टर्स के पेरेंट्स के कारण इस सीन को फिल्म की स्क्रिप्ट से ही निकाल दिया गया।"  चिराग मल्होत्रा, प्रणय पचौरी और वेदब्रत राव अभिनीत ​फिल्म "टाइम आउट" २५  सितम्बर  २०१५ को सभी सिनेमाग्रहो में प्रदर्शित होगी।  

Friday, 4 September 2015

बॉलीवुड की लेडी टीचर हॉट क्यों होती है !

बॉलीवुड की फिल्मों में, कम ही सही टीचर होते हैं। तमाम अभिनेता- अभिनेत्रियों ने स्कूल टीचर के किरदार किये।  राजेश खन्ना फिल्म मास्टरजी में मास्टर बने हुए कॉमेडी कर रहे थे तो अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र क्रमशः इंग्लिश और बॉटनी के प्रोफेसर बने हुए दर्शकों को हंसा रहे थे। यहाँ तक कि शाहिद कपूर जैसा चॉकलेटी हीरो भी पाठशाला में बच्चों को पढ़ा चूका है।  इस लिहाज़ से हिंदी फिल्मों की कई अभिनेत्रियों में फिल्मों में लेडी टीचर का किरदार अदा किया है। पाठशाला में शाहिद की नायिका आयेशा टाकिया ने भी एक टीचर का किरदार किया था। लेकिन, सामान्य तौर पर महिला टीचर किरदारों की बात करें तो वह हॉट लगती हैं। बासु चटर्जी की १९७८ में रिलीज़ रॉम कॉम  फिल्म दिल्लगी में धर्मेन्द्र संस्कृत टीचर बने थे और हेमा मालिनी केमिस्ट्री पढ़ाती थी।  कुमार संभव पढ़ाते समय धर्मेन्द्र इस कथानक का जिस प्रकार से वर्णन करते थे, वह हेमा मालिनी को पसंद नहीं आता।  क्योंकि, वह खुद इस वर्णन से कामुक हो उठती है।  हालाँकि, दिल्लगी की हेमा मालिनी कोई सेक्स अपील नहीं  झलका रही थी, लेकिन शिक्षिकाओं की इमेज को सेक्सी ज़रूर बना रही थी। क्यों हिंदी फिल्मों के टीचर किरदार हॉट होते हैं ? इसे जानने के लिए ज़रूरी है महिला शिक्षक किरदार वाली फिल्मों पर एक नज़र डालना।  आइये जानते हैं ऐसी कुछ टीचरों के बारे में -
मैं हूँ न- कोरियोग्राफर फराह खान के निर्देशन में बनी फिल्म में अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने एक कॉलेज की टीचर की भूमिका की थी।  वह फिल्म में केमिस्ट्री की टीचर थी।  लेकिन, पूरे कॉलेज में वह हॉट अंदाज़ में फिरती नज़र आती थी। तमाम युवा छात्र उनसे केमिस्ट्री भिड़ा रहे थे।  इसके लिए सुष्मिता सेन को हॉट पेंट या शॉर्ट्स पहनने की ज़रुरत नहीं पड़ी।  वह साड़ी और ब्लाउज में पर्याप्त हॉट लग रही थी।  नाभि-दर्शन शिफॉन साड़ी बांधे सुष्मिता सेन का पीछे से गांठदार डीप नैक ब्लाउज और खुले बाल, उन्हें सुपर सेक्सी केमिस्ट्री टीचर बना रहे थे ।
देसी बॉयज़- रोहित धवन की फिल्म 'देसी बॉयज़' में चित्रांगदा सिंह मैक्रो इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर तान्या बनी थी। वह कॉलेज में अपने विषय से ज़्यादा लुक से चर्चित होती रहती है। वह क्लास में मिनी स्कर्ट और ब्लाउज में आती है।  वह बड़े काले चश्मे और कटारीदार काजल लगा कर पढ़ाती तान्या सेक्सी टीचर लगती थी।
कुर्बान- रेंसिल डि'सिल्वा की फिल्म 'कुर्बान' में करीना कपूर और सैफ अली खान डेल्ही यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर बने हैं । फिल्म के किसी भी सीन में दोनों को क्लास लेते नहीं दिखाया गया।  करीना कपूर अल्ट्रा ग्लैमरस लुक में सैफ के साथ इश्क़ के पेंच लड़ाती नज़र आती थी।
नशा- स्कूल टीचर अनीता के किरदार में अभिनेत्री पूनम पाण्डेय क्लास टीचर काम आवारा लड़ाई ज़्यादा लगाती थी।  फिल्म में उन्होंने जम कर एक्सपोज़र किया था।  वह अपने छात्रों से सेक्सुअल रिलेशन रखती थी। शब्द- एक उपन्यास के लेखक की इस कहानी में ऐश्वर्या राय बच्चन एक कॉलेज की सीनियर टीचर बनी थी।  वह विवाहित होते हुए भी अपने जवान साथी से प्रेम करने लगती है । इस फिल्म में ऐश्वर्या राय कामुक अंदाज़ में थी।  उन पर एक गर्मागर्म बेड रूम सीन भी फिल्माया गया था।
हिंदी फिल्मों की महिला शिक्षकों के किरदारों को कई अन्य अभिनेत्रियों ने भी किया है। रानी मुख़र्जी ने फिल्म कभी अलविदा न कहना में प्राइमरी स्कूल टीचर, आयशा टाकिया ने फिल्म पाठशाला, शहनाज़ टायरवाला
फिल्म 'लव का द एंड' में कॉलेज टीचर, केवल एक फिल्म करने वाली गीता जोशी भी फिल्म स्वदेश में गाँव के स्कूल की टीचर बनी थी। कुछ कुछ होता है में अर्चना पूर्ण सिंह, स्टैनले का डिब्बा में दिव्या दत्ता भी अध्यापिका के किरदार में थी।
हिंदी फिल्मों की महिला टीचर का सेक्सी और ग्लैमरस अंदाज़ उनकी रियल लाइफ इमेज का नतीजा है। सुष्मिता सेन, ऐश्वर्या राय, चित्रांगदा सिंह, करीना कपूर, रानी मुख़र्जी और आयशा टाकिया की रियल लाइफ इमेज भी फैशन आइकॉन की है।  अपनी फिल्मों में भी यह अभिनेत्रियां ख़ास ग्लैमरस अंदाज़ में सेक्सी नज़र आती हैं।  ऐसे में यह संभव ही नहीं कि इन अभिनेत्रियों से सीधे सादे अंदाज़ में रहने वाली  टीचर के रूप में पेश जाए।  पूनम पाण्डेय ने नशा करने से पहले ट्विटर पर अपनी जिस प्रकार की पिक्स अपलोड की थी, नशा कुछ उसी अंदाज़ में बनी फिल्म थी।  देसी बॉयज़ में चित्रांगदा सिंह अपने निजी जीवन को जी रही थी।  ऐसे में  अगर टीचर सुष्मिता सेन जैसी हॉट केमिस्ट्री टीचर हो और शाहरुख़ खान जैसा छात्र हो तो दोनों की केमिस्ट्री बैठनी ही है।  मैं हूँ न में बहुत कुछ ऐसा ही हुआ था।  कुछ इसी अंदाज़ में नागेश कुकनूर ने अपनी १९९९ मे रिलीज़ फिल्म 'रॉकफोर्ड' में टीचर नंदिता दास को दिखाया गया था, जिसकी सेक्स अपील का दीवाना उसका एक स्टूडेंट हो जाता है।  इस फिल्म में एक महिला टीचर को अपने छात्रों से सेक्सुअल फेवर माँगते दिखाया गया था।
हिंदी फिल्मों की सेक्सी टीचर की श्रंखला में सुष्मिता सेन सेक्सिएस्ट टीचर मानी जाती हैं।  इसे नकारा भी नहीं जा सकता।  लेकिन, सुष्मिता सेन की सुपर सेक्सी इमेज के मद्दे नज़र रेखा और सिम्मी ग्रेवल की टीचर को भी नकारा नहीं जा सकता।  वात्स्यायन के कामसूत्र पर मीरा नायर की फिल्म 'कामसूत्र' में सेक्स को किस प्रकार से जीवन को खुशहाल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, की शिक्षा कामसूत्र पढ़ाने वाली अध्यापिका रस देवी देती है।  रेखा ने इस भूमिका को किया था।  सक्षम अभिनेत्री रेखा इस किरदार को बिना कामुकता लाये कर जाती थी। राजकपूर के सुपर फ्लॉप फिल्म 'मेरा नाम जोकर' तीन हिस्सों में बनी फिल्म थी। इस फिल्म में सिमी ग्रेवल कान्वेंट टीचर मैरी के किरदार में थी।  टीन एज ऋषि कपूर उन पर आसक्त हैं।  वह एक दिन उन्हें नंगा देख लेते है।  ऋषि कपूर की आसक्ति टीचर का मंगेतर भांप लेता है।  तब यह उस बच्चे का समझाता है।


भाइयों के कॉमेडी वर्ल्ड का 'वेलकम बैक'





सलमान खान के खाते में एक और सौ करोडिया फिल्म 'रेडी' २०११ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के चार साल बाद निर्देशक अनीस बज़्मी एक बार फिर हाज़िर हैं, तो यकीन जानिये आपके लिए हंसने के मौके ही मौके हैं। अनीस  बज़्मी ने राजीव कौल के साथ कहानी लिखी है।  लेकिन, कहानी कुछ भी नहीं है।  २००७ के 'वेलकम' का २०१५ संस्करण।  अक्षय कुमार की जगह उनके दोस्त जॉन अब्राहम ने ले ली है। अनीस बज़्मी को कटरीना कैफ के बाद सोनाक्षी सिन्हा नहीं मिली तो श्रुति हासन को ले लिया।  मल्लिका शेरावत का किरदार अंकिता श्रीवास्तव के हत्थे चढ़ा है।  फ़िरोज़ खान नहीं रहे तो वांटेड भाई बन कर नसीरुद्दीन शाह आ गए।  शाइनी आहूजा को चरसी बना कर पेश कर दिया।  अक्षय नहीं हैं अनीस बज़्मी ने उनकी सास डिंपल कपाड़िया से काम चला लिया है।
अब बात फिल्म की ! सोचने का टाइम ही नहीं मिला।  हँसते हँसते बेहाल।  अनीस बज़्मी की आदत है कि वह कभी कभी तो सेट पर आ कर ही स्क्रिप्ट लिखते हैं। उनके सीन यकायक बदल सकते हैं।  उन्होंने अपने तीन साथियों राजीव कॉल, राजन अग्रवाल और प्रफुल्ल पारेख के साथ लिखी है।  चुन चुन कर सीन लिखे हैं।  बेशक कोई सर पैर नहीं ! लेकिन, अनीस की फिल्म में सर पैर क्यों खोजो।  हंसों भाई हंसों।  फिल्म का हर सीन हंसाता है।  एक से बढ़ कर एक हँसी के गोल गप्पे।  इन हंसी के गोल गप्पों में राज शांडिल्य ने बढ़िया मसाला पानी मिलाया है।  तभी तो हँसते हँसते आँखों से आंसू निकल सकते हैं।
रही बात अभिनय की तो नसीरुद्दीन शाह, नाना पाटेकर, अनिल कपूर और परेश रावल का जवाब नहीं।  क्या कॉमेडी टाइमिंगस हैं इन चारों अभिनेताओं की।  बिलकुल गंभीर बने हुए, ऊट पटांग सिचुएशन में भी यह चारों दर्शकों को पगला देते हैं। जॉन अब्राहम एक्शन सींस में अच्छे लगते हैं।  वैसे इस फिल्म से उन्हें फायदा होगा।  श्रुति हासन मोटी हैं, हिंदी डायलाग बोलने में कच्ची हैं और कॉमेडी की समझ भी नहीं है।  डिंपल कपाड़िया ने इस फिल्म को पैसा कमाने की खातिर ही किया होगा।  शाइनी आहूजा बेकार लगे।  अंकिता श्रीवास्तव बदसूरत हैं, संवादों के मामले में कच्ची हैं और अभिनय में अभी बच्ची हैं।  उन्हें अनीस और फ़िरोज़ नाडियाडवाला ने ग्लैमर बिखेरने के लिए लिया था, पर यह जब आती हैं कहानी को बिखेर देती हैं।
फिल्म के मूड के अनुरूप धूम धड़ाके वाला संगीत है।  फिल्म बुरा नहीं लगता।  कबीर लाल की फोटग्राफी फिल्म के थ्रिल और यूनाइटेड एमिरेट्स (दुबई और अबु धाबी) की रेगिस्तानी खूबसूरती को बखूबी उभारा है। फिल्म को एडिटर स्टीवन एच बर्नार्ड ने अपने शिकंजे में ऐसा कैसा है कि फिल्म अपने ट्रैक से भटकने नहीं पाती।  अरे हाँ ! सुरवीन चावला और संभावना सेठ का एक एक आइटम भी है।
अगर आप इस फिल्म को देखना चाहते हैं तो केवल हंसने के ख्याल से देखिये।

Thursday, 3 September 2015

जैकी चैन के साथ ' योग' नहीं कर रही कैटरीना कैफ

जून में यह खबर आम हुई थी कि कैटरीना कैफ इंडो-चाइना कोऑपरेशन से बनाई जा रही फिल्म 'कुंग फू योग' में जैकी चैन की नायिका होंगी।  लेकिन लगता है कि इस खबर की पुष्टि कैटरीना कैफ से नहीं कराई गई थी। यह ठीक वैसा ही था, जैसे मई में अपनी फिल्म 'पीके' लेकर चीन गए  आमिर खान के जैकी चैन के साथ 'कुंग फू योग' करने की खबर फ़ैल गई थी। अब यह बात दीगर है कि आमिर खान ने इस खबर का भारत वापस आते  ही खंडन कर दिया।  कुछ ऐसा ही कटरीना कैफ के साथ भी हुआ कि वह 'कुंग फू योग' में चीनी यूनिवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर की भूमिका कर रही हैं, जो एक चीनी पुरातत्ववेत्ता जैकी चैन की, जो मगध काल में राजा बिंबसार के ख़ज़ाने की खोज करना चाहता है, मददगार की भूमिका कर रही हैं ।  मगर, अब इस खबर का भी आमिर खान की तरह कैटरीना कैफ ने भी खंडन कर दिया है ।  उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में  कहा, "डिस्कशन हुआ था।  लेकिन, मुझे यहाँ मुंबई में रहना है। मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों में काम करना है। मैंने तो कभी इस ऑफर की बात नहीं की। जब आप कोई फिल्म नहीं कर रहे हो तो उसके बारे में बात ही क्यों करो ?" वैसे इस खबर में काफी सच्चाई मालूम पड़ती है कि कैटरीना कैफ रांझणा और तनु वेड्स मनु सीरीज की फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राज की अगली फिल्म में शाहरुख़ खान के साथ  काम करने जा रही हैं।  दरअसल, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की सफलता के  दौर में आनंद एल राज के दिमाग में ग्रामीण पृष्ठभूमि पर एक बौने की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना थी।  वह इस फिल्म में किसी बड़े सितारे को लेना चाहते थे। उनकी पहली पसंद सलमान खान थे।  सलमान खान ने स्क्रिप्ट सुनी भी।   लेकिन, बात नहीं बनी।  फिर फिल्म शाहरुख़ खान को मिल गई।  अब आनंद राज की फिल्म में कैटरीना कैफ के होने की खबर आ गई है।  अगर आनंद एल राज की फिल्म  में शाहरुख़ खान और कैटरीना कैफ साथ आते हैं तो यह फिल्म 'जब तक है जान' के  बाद इस जोड़ी की दूसरी फिल्म होगी।  अब देखने वाली बात होगी कि खान और कैफ की जोड़ी आनंद की फिल्म में बनती है या नहीं ?  इसके लिए तब तक इंतज़ार करना होगा ,  जब कैटरीना कैफ स्कॉटलैंड से सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ अपनी फिल्म 'बार बार देखों' की तथा शाहरुख़ खान आइसलैंड से रोहित शेट्टी की फिल्म 'दिलवाले' की शूटिंग से वापस आ जाएँ।

Wednesday, 2 September 2015

& टीवी पर ५ सितम्बर से दो नए शो

इस शनिवार ५ सितम्बर से & टीवी पर दो नए शो डील या नो डील और एजेंट राघव क्राइम ब्रांच  प्रसारित होने जा रहे हैं।  'डील या नो डील' एक गेम शो है।  इसे  परिवार के सदस्यों के साथ ही खेल जायेगा।  इस शो में २६ फैमिली मेंबर हैं।  इतने ही ब्रीफ केस भी।  भारी रकम लगी हुई है जीतने के लिए। इस शो के शुरूआती एपिसोड में ही २६ ब्रीफ़केस दिखाए जायेंगे।  इन  ब्रीफकेसों में नंबर पड़े होंगे।  हर ब्रीफ़केस में अलग अलग रकम भरी होगी।  हर बैग को परिवार के सदस्य या उनके निकट मित्र पकड़े होंगे।  चूंकि, किसी  को भी  नहीं मालूम है कि किस ब्रीफ़केस में कितनी रकम भरी है, यह दिमाग को थका दी  वाला काम है कि ज़्यादा से ज़्यादा रकम जीतने के लिए किस बैग को चुना जाये।   बैग की रकम की जानकारी गेम छोड़ कर जाने की शर्त पर ही बताई जा सकती है। यह  शो रोनित रॉय पेश कर रहे हैं।
'डील या नो डील' के तुरंत बाद अपराध रहस्य थ्रिलर शो 'एजेंट राघव- क्राइम ब्रांच' प्रसारित होगा।  राघव सिन्हा क्राइम ब्रांच का अफसर है।  वह हत्या और अपराध के  कठिन से कठिन मामलों को सुलझा सकता है।  अन्य पुलिस अधिकारीयों से अलग  राघव में अपराध की जगह को देखा कर अपनी कल्पना में परिस्थितियों का जोड़ घटाना कर अपराध की परिस्थितियों और  अपराधी को पकड़ने में मददगार सूत्र  ढूंढ लेता है।  राघव एक मनोविज्ञानी और हिप्नोथेरोपिस्ट परिवार में पैदा  हुआ था। उसने छोटी उम्र में ही अपने पिता से सूत्र खोज निकालने की तकनीक सीख ली थी।  राघव का दुखद पहलू भी है।  उसके पिता की हत्या कर दी गई थी।  वह उस दुःख से उबर नहीं पाया है।  इसीलिए वह किसी भी हालत में अपराधी को ढूंढ निकाल लाना चाहता है।  उसकी इन्ही  खासियतों के कारण क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया है।  एजेंट राघव का किरदार शरद केलकर कर रहे हैं।


यह फॅमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है- कपिल शर्मा

कॉमेडी की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच चुके कपिल शर्मा अब बड़े पर्दे पर भी नजर आने वाले हैं। कॉमेडी के बलबूते देश-विदेश में घर-घर पहचान बनाने में सफल रहे कपिल को निर्देशक अब्बास-मस्तान ने अपनी आगामी फिल्म "किस किसको प्यार करूं" से रूपहले पर्दे पर बेहतरीन मौका दिया है। कपिल शर्मा को उनका पहला ब्रेक ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से मिला। इसके साथ ही वह फेम शो ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ से काफी प्रसिद्ध हुए। इस शो से पहले कपिल शर्मा 9 रियलिटी टीवी शो जीत चुके थे। इस मल्टीटेलेंटेड एक्टर नें अपने प्रतिभाशाली हुनर से काॅमेडी सर्कस के सभी छः सीजन जीते। आईकाॅनिक काॅमेडियन बनने के बाद अब कपिल शर्मा अपनी पहली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ से लोगों को आश्चर्यचकित करने को तैयार है। 
हमें अपने छोटे परदे से लेकर बड़े पर्दे की अब तक की जर्नी के बारे में कुछ बताइए?
मैं हमेशा से एक स्टैंड अप काॅमेडियन व गायक बनना चाहता था। मैं एक अभिनेता बनूंगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। इसके साथ ही मुझे एक शो मिला जिसका नाम स्टार या राॅकस्टार था इस शो के जरिए मैंने अपने गायक बनने का सपना पूरा किया। इसके बाद मैंने गायक बनने के लिए कभी अपना लक नहीं आजमाया तो मैने स्टैंड अप काॅमेडी करना शुरू कर दिया। अगर मैं सीधे ही एक्टर बन गया होता तो मुझे विशवास नहीं होता। मैं पिछले 11-12 सालों से काम कर रहा हूं इसलिए अब मैं कैमरे के अनुकूल हो गया हूं और इसी वजह से फिल्म में काम करना मेरे लिए काफी मददगार साबित हुआ।
इस फिल्म में मैं एक ऐसे व्यक्ति का रोल निभा रहा हूं जो एक अच्छा इंसान है। उसकी डिक्शनरी में ना शब्द है ही नहीं और तो और वह हमेशा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। इसी सहायक व्यवहार की वजह से उसकी शादी तीन औरतों के साथ हो जाती हैं, यहा तक की उसकी एक गर्लफ्रैंड भी होती हैं। फिल्म की कहानी इन्हीं स्थितियों व उनसे निपटनें की कहानी पर आधारित हैं।
इस फिल्म की खासियत यह है कि लोग जैसा मुझे देखना चाहते हैं, वैसा ही लुक मुझे दिया गया है। इसके अलावा पहले लोगों को आशंका थी कि अब्बास-मस्तान की फिल्म है तो मर्डर-मिस्ट्री टाइप ही होगी, लेकिन फिल्म का प्रोमो आते ही हमारे चाहने वालों के जहन से वह शंका भी क्लीयर हो गई। इस फिल्म को भी ऑडियंस का भरपूर प्यार मिलेगा, क्योंकि यह हमारे शो की तरह ही फैमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है।
चार हीरोइनों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इसकी खूबसूरती यही है कि बंदा न चाहते हुए भी चार हीरोइनों को साथ लेकर चलता है। हकीकत तो यह है कि बंदा चाहता नहीं है कि उसकी तीन बीवी और एक गर्लफ्रेंड हो, लेकिन वह जानबूझकर कुछ नहीं करता, बस उसके साथ एक्सिडेंटली ऐसा होता जाता है। अब जब हो ही रहा है तो वह किसी का दिल भी नहीं तोडऩा चाहता है। अपने प्यार को संभालने के साथ ही तीनों बीवियों को वह कैसे हैंडल करता है जैसा अनुभव मेरे लिए खास रहा। साथ ही इस फिल्म की यही खासियत और खूबी भी है।
यह मेरी पहली फिल्म हैं और इस फिल्म में मेरी 4 हीरोइनें हैं व अब्बास-मस्तान द्वारा इसे निर्देशित किया गया है। इस फिल्म में मैंने काम करने का भरपूर आनंद लिया है। असल में ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो को शूट करना काफी तनावपूर्ण रहता है कभी-कभी तो हमें 16-18 घंटे दिन-रात शूट करना पड़ता है इस कारण अगर मुझे कमर दर्द व पीठ दर्द की दिक्कत भी होती है तो पेनकिलर की मदद से शूट जारी रखना पड़ता हैं। यहा तक कि शो के आखिरी पल में भी स्क्रिप्ट में भी बदलाव करने पड़ते हैं पर फिल्मों की शूटिंग की बात करे तो यह पूरी तरह से अलग है फिल्मों में, एक शाॅट देने के बाद अपने वैनिटी वैन में आराम कर दूसरे शाॅट के तैयार होने का इंतजार कर सकते है। इसके साथ ही स्क्रिप्ट, डायलाॅग्स पहले से मिल जाते हैं जिसे शाॅट शुरू होने से पहले बस एक बार पढ़ने की जरूरत होती है। ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो में मेरे अधिक जिम्मेदारी है के कारण मुझ पर काफी दबाव रहता है। वही फिल्म में हर कोई अपने रोल को अच्छे से जानता है जिससे दबाव सिर्फ एक पर नहीं रहता सब में बराबर में बट जाता हैं। फिल्म की शूटिंग की वजह से मेरी जिंदगी में काफी सुधार आया। 
एक कॉमेडियन के लिए रोमांस करना कितना मुश्किल रहा?
 नहीं-नहीं... ऐसा तो कुछ नहीं है। राजस्थान में एक पेपर ने छाप दिया था कि मुझे शूटिंग के दौरान पसीना आया, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। वहां पर गर्मी इतनी थी कि मुझे पसीना आ रहा था। वैसे भी यह तो अच्छी चीज है। हमें टीवी शोज में ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाता है, जबकि इस फिल्म में रोमांस करने का भरपूर मौका मिला।
इस फिल्म को साइन करने का कारण क्या रहा?
हकीकत तो यह है कि पहले मुझे तीन फिल्में करनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। वैसे भी टीवी पर प्रसारित हो रहे मेरे शो की वजह से मेरा किचन तो सेफ है। इसलिए अब मैं भी फिल्म भी ऐसी करना चाहता हूं, जो लोगों को पसंद आए। जैसे- ये तीन बीवियों और एक गर्लफ्रेंड वाला कॉन्सेप्ट नया है, कुछ इस तरह का ही। पहले तो मैं काम करता था, लेकिन अब मुझे कॉमेडी शो एक जिम्मेदारी लगने लगी है, क्योंकि इस शो से मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला है। इसी सिलसिले में जब मैं अब्बास-मस्तान से मिला तो उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरे पास काफी समय से पड़ी थी, क्योंकि मुझे इसके लिए एक कॉमेडी पर्सन चाहिए था, जिसकी टाइमिंग सटीक हो। फिर उन्होंने कहा कि मैं आपके शो का फैन हूं और यह फिल्म मुझे तुम्हारे साथ ही करनी है। यह बात सुनते ही मैंने सोचा कि इतने बड़े डायरेक्टर को मुझ पर भरोसा है तो भला मैं उन्हें न कैसे कर सकता हूं। बस, इस तरह से मैंने फिल्म का साइन कर लिया।
अब फिल्म के बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में मेरा नाम शिव राम किशन। मां ने मेरा नाम रखा है कि बेटा मुंबई में जाकर कुछ अच्छा करेगा और धार्मिक प्रवृत्ति का रहेगा। उसने मुंबई आकर इतनी तरक्की कर ली है कि वह एक बड़ी कंपनी का सीईओ बन गया है। बस, इसी नाम का फायदा उठाते हुए मैं तीन बीवियों और अपनी गर्लफ्रेंड को हैंडल कर पाता हूं।
क्या आपने कभी सोचा था कि आप इस मुकाम पर पहुंच पाएंगे, किसके जैसा बनना चाहते थे आप?
किसी के जैसा तो बनना भी ठीक नहीं होगा। दरअसल, आज लोग एक चीज को बार-बार एक जैसे अंदाज और फ्लेवर में देख जरा भी पसंद नहीं करते। दुनिया में कुछ नया करने के लिए आपको लोगों से हटकर कुछ अलग करने की जरूरत होती है। इसके लिए इंडस्ट्री से मैंने काफी कुछ सीखा भी है। जब भी मैं बच्चन साहब को देखता हूं कि वे पर्दे पर कॉमेडी और रोमांस के साथ ही एक्शन भी करते हैं तो लगता है कि एक इंसान चाहे तो भला क्या नहीं कर सकता... खैर, अब्बास-मस्तान से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। वे जितना दिखने में भोले लगते हैं, हकीकत में वैसे हैं नहीं। एक शॉट में जब मुझे हीरोइन के साथ दिखाना था तो वे ही बोलने लगे कि ऐसे नहीं, थोड़ा और खींचो, फिर बाहों में समेटकर गले से लगाओ.. बड़े ही छिपे रुस्तम हैं वे।
आपने फिल्म में गाने गाए हैं?
इस फिल्म में मैंने दो गाने गाये है। जिसमें से एक गाना क्लब पर आधारित हैं और डा. जीसस द्वारा इसका संगीत दिया गया है। ये गाना खासतौर पर मेरे युवा फैंस के लिए हैं। इस गाने का लिरिक्स काफी फैंस है मुझे विश्वास हैं कि लोगों को यह गाना जरूर ही पसंद आएगा। मेरा दूसरा गाना अंतरा पर आधारित हैं। मुझे विश्वास है कि क्लब गीत को दर्शकों द्वारा सराहा जाएगा। इसके साथ ही इस साल के क्रिसमस व दिवाली का यह क्लब साँग बन जाएगा।
थ्रिलर मूवी की पहचान बना चुके निर्देशक अब्बास-मस्ततान कॉमेडी में कितना सहज रहे?
मैं बचपन से ही उनके द्वारा किये गए काम का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। यह मेरी पहली फिल्म है इसलिए मुझे नहीं पता था कि फिल्म कैसे बनती है लेकिन अब्बास-मस्तान जैसे अच्छे फिल्ममेकर्स के साथ काम करने का अनुभव बहुत बढि़या रहा। वह उन बेहतरीन निर्देशकों में से है जिनके साथ हर कोई अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता है।
यह भी थ्रिलर ही है, जिसकी तीन-तीन बीवियां हों, जरा सोचिए उसका क्या हाल होगा। बहरहाल, वे बेहतरीन डायरेक्टर्स हैं। उन्हें अपनी कहानी के साथ न्याय करना बखूबी आता है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि मर्डर-मिस्ट्री या थ्रिलर फिल्मों के अलावा वे कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में नहीं बना सकते। उनके निर्देशन का लोग पहले की तरह इस बार भी तारीफ ही करेंगे.
आपके पसंदीदा काॅमेडियन कौन है जिससे आपको प्रेरणा मिली?
महमूद सर से लेकर जाॅनी लीवर और अमानुलाह खान इन सभी के कामों से मुझे काॅमेडियन बनने की प्रेरणा मिली है हालांकि मैंने काॅमेडी की तुलना में अधिक गंभीर काम भी किया है और वो हैं अमृतसर और दिल्ली में थिएटर।
इंडस्ट्री में आ रहे नए लोगों के बारे में आपकी क्या राय है और उन्हें नसीहत देना चाहेंगे।
इंडस्ट्री में सभी मेरे दोस्त हैं। आजकल कम्पटीशन के जमाने में सभी लोग मेहनती और जुझारू हैं तो सभी लोग अच्छा ही कर रहे हैं। मैं देखकर दंग रह जाता हूं कि लोग डांस सीख रहे हैं और घुड़ सवारी की टे्रनिंग ले रहे हैं, मेरे तो बस की बात ही नहीं है। रही बात नसीहत की तो भला मैं कौन होता हूं...
सफलता के लिए आपका मंत्र क्या है?
मैं अपने रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत करता हूं और मैं यह उम्मीद करता हूं कि एक एक्टर के तौर पर लोग मुझे पसंद करेंगे। फिलहाल तबीयत खराब रहने के चलते चैनल और हमारी टीम ने ‘कपिल नाईट विद कपिल’ को ब्रेक देने का प्लान बनाया है बजरंगी भाई हमारा आखिरी शो । 

Tuesday, 1 September 2015

पूरी दुनिया के आईमैक्स थिएटरों में स्टार वार्स ७

जेडाई की ज़बरदस्त वापसी होने जा रही है।  स्टार वार्स सीरीज की छठी फिल्म 'स्टार वार्स एपिसोड ६: रिटर्न ऑफ़ जेडाई' २५ मई १९८३ को रिलीज़ हुई थी।  ४२ मिलियन डॉलर में बनी फिल्म ने ५७२ मिलियन डॉलर से अधिक कमाए थे।  इतनी बड़ी सफलता के बावजूद स्टार वार्स सीरीज की आगे की किसी फिल्म के निर्माण में ३२ साल लग जाना बहुत बड़ी बात है।  लेकिन, अब ३२ साल बाद निर्माता कंपनी वाल्ट डिज्नी पिक्चर्स पूरी कसर निकाल लेना चाहती है।  इस फिल्म को वर्ल्ड वाइड रिलीज़ करने वाली वाल्ट डिज्नी स्टूडियोज मोशन पिक्चर्स ने फिल्म की सफलता सुनिश्चित कराने के लिए अनोखा तरीका आजमाया है।  स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस १८ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है।  फिल्म को विश्व के दर्शकों के बीच दर्शनीय बनाने और फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा से ज़्यादा कलेक्शन दिलवाने के लिए उत्तरी अमेरिका के अलावा विश्व के सभी आईमैक्स थिएटरों को फिल्म के प्रदर्शन के लिए लगातार चार हफ़्तों के लिए बुक करा लिया गया है।  इस फिल्म के तमाम सीन और घटनाक्रम विशाल आकार के आईमैक्स पर्दों के अनुकूल हैं।  कलेक्शन के लिहाज़ आईमैक्स के परदे प्रोडूसर के लिए फायदेमंद रहे हैं।  अभी जून में जुरैसिक वर्ल्ड ने आईमैक्स थिएटरों में ४४.२ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था।  इसमे से २१ मिलियन घरेलु बाजार की ३६३ स्क्रीन्स से मिले थे तथा शेष २३.२ मिलियन डॉलर ४४३ विदेशी स्क्रीन्स से मिले थे।  जुरैसिक वर्ल्ड से पहले आयरन मैन ३ ने २८.८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन आईमैक्स स्क्रीन्स से किये थे।  डिज्नी की फिल्म स्टार वार्स, जुरैसिक वर्ल्ड के कलेक्शन के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर सकती है।  डिज्नी का इरादा फिल्म को डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर ४०० स्क्रीन की सीमा तक रिलीज़ करने का है।  विदेशों में तो चार सौ से ज़्यादा आईमैक्स स्क्रीन्स पर कब्ज़ा करने का इरादा है।  वैसे यह आंकड़े अभी अंतिम नहीं हैं, क्योंकि अभी कुछ नए आईमैक्स थिएटर खुलने भी हैं।  स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस के निर्देशक जे जे अब्राम्स हैं।  उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग आईमैक्स कैमरों से की है, ताकि  बड़ी स्क्रीन का पूरा पूरा फायदा उठाया जा सके।



नहीं रहे हॉरर फिल्मों के ट्रेंड सेटर वेस क्रेवन

उन्होंने पहली 'नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' फिल्म को लिखा ही नहीं था, बल्कि डायरेक्ट भी किया था।  उन्होंने पहली चार 'स्क्रीम' मूवीज को  निर्देशित किया।  उन्होंने हॉरर शैली की फिल्मों से हट कर ड्रामा फिल्म 'म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट' का निर्देशन किया।  इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला।  हॉरर फिल्मों की लोकप्रिय युवा सीरीज बनाने वाले और मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट कराने वाले निर्देशक थे वेस क्रेवन।  रविवार की  रात ब्रेन कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई।  वह ७६ साल के थे।  वेस को सराहना और पहचान मिली 'नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' के फ्रेडी क्रुएगर किरदार के कारण। इस फिल्म की कहानी ऑहियो के स्प्रिंगवुड में मिडवेस्टर्न कसबे की पृष्ठभूमि की थी।  इस कसबे के हाई स्कूल के छात्र पहले अपने सपने में फ्रेडी क्रुएगर द्वारा पीछा करके मार डाले जाते हैं।  फिर वह हकीकत में ठीक उसी प्रकार मारे जाते हैं।  टीनएज छात्रों की इस भयावनी कहानी को पूरे विश्व में बड़ी सफलता मिली।  १९८४ में रिलीज़ इस फिल्म के निर्माण में  १.८ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  लेकिन, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर २५.५ मिलियन डॉलर का ज़बरदस्त कलेक्शन किया था। इसी प्रकार से स्क्रीम भी टीनएज हॉरर फिल्म साबित हुई।  वेस टीनएज हॉरर के फिल्मकार के बतौर मशहूर हो गए।  वेस्ली अर्ल क्रेवन का जन्म २ अगस्त १९३९ को अमेरिका में ऑहियो में क्लेवेरलैंड में हुआ था।  क्रेवन की पहली फिल्म 'द लास्ट हाउस ऑन द लेफ्ट' १९७२ में रिलीज़ हुई थी।  वेस इस फिल्म के लेखक और एडिटर भी थे।  इस फिल्म की नायिका खुद के साथ और उसकी मित्र के साथ जंगल में किये गए बलात्कार का बदला लेती।  यह खून खराबे से भारी हॉरर फिल्म थी।  फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली। उनकी अगली फिल्म 'द हिल्स हैव आईज' (१९७७) को भी बड़ी सफलता मिली।  वेस को श्रेय जाता है कि उन्होंने टीनएज हॉरर को रीइंवेंट किया।  एल्म स्ट्रीट सीरीज की तीसरी फिल्म के बाद वेस ने इस फ्रैंचाइज़ी को समाप्त कर दिया।  इसके एक दशक बाद, जब वेस ने फिर टीनएज हॉरर फिल्म 'न्यू नाईटमेयर' से वापसी की तो इसे १९९५ का स्पिरिट अवार्ड्स मिला। १९९६ में रिलीज़ फिल्म स्क्रीम से वेस नई ऊंचाइयों तक पहुंचे।  फिल्म घरेलु बॉक्स ऑफिस पर १०० मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया।  कुछ यही सफलता स्क्रीम २ ने भी हासिल की।  वेस में हॉरर फिल्मों के अलावा अन्य श्रेणी की फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया और वैसी ही सफलता हासिल की।  म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट ऎसी ही फिल्म थी, जिसके लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला।  हालाँकि, इस फिल्म के लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला, लेकिन फिल्म के लिए दर्शक जुटाना एक दुरूह काम था। वेस क्रेवन ने हॉरर फिल्मों में साइकोलॉजिकल प्रभाव डालते हुए साइकोलॉजिकल थ्रिलर 'रेड ऑय' का निर्माण किया।  अगले साल उन्होंने 'द हिल्स हैव आईज' और 'द लास्ट हाउस ऑन द लेफ्ट की रीमेक फिल्में बनाई।  क्रेवन की दूसरी हॉरर और थ्रिलर फिल्मों में स्वाम्प थिंग, डेडली फ्रेंड और द पीपल अंडर द स्टेर्स जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।  हाल ही में क्रेवन द गर्ल ऑन द फोटोग्राफ्स बनाने जा रहे थे।  वेस क्रेवन्स प्रतिभा के पारखी थे।  'अ नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' में उन्होंने जोहनी डेप को पहला मौका दिया।  डेडली ब्लेसिंग से उन्होंने शेरोन स्टोन को स्टार बना दिया।  द ट्वाईलाईट जोन सीरीज के १९८० के संस्करण में उन्होंने ब्रूस विलिस को पहली बार प्रमुख भूमिका करने का मौका दिया।  उन्होंने २००४ में फिल्म निर्मात्री ल्या लाबुनका से विवाह कर लिया।  यह वेस का तीसरा विवाह था। वेस ने दो पुस्तकें फाउंटेन सोसाइटी और कमिंग ऑफ़ रेज भी लिखी।  आज प्रकृति और पक्षी प्रेमी थे।  वह अपने अंतिम समय तक विनयार्ड मैगज़ीन के लिए मासिक कॉलम 'वेस क्रेवन्स द बर्ड्स' लिख रहे थे।     




अब पाकिस्तान में 'बाहुबली'

पाकिस्तान के अलावा पूरे विश्व में, १० जुलाई को रिलीज़ हो कर निर्देशक एस एस राजामौली की ऐतिहासिक फंतासी फिल्म 'बाहुबली' अब वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ६०० करोड़ का बिज़नेस कर चुकी है ।  अपने पारम्परिक विदेशी बाजार अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, आदि देशों में 'बाहुबली' का बिज़नेस काफी शानदार रहा।  इसकी उत्कृष्ट तकनीक की देश विदेश में प्रशंसा और सराहना हुई है। ज़ाहिर है कि पाकिस्तान के दर्शक भी अपने पडोसी देश की फिल्म के हिंदी संस्करण को देखना चाहते होंगे ।  पिछले वीकेंड यह फिल्म पाकिस्तान में भी रिलीज़ हो गई और जैसी की उम्मीद की जा रही थी, फिल्म का वीकेंड बिज़नेस उत्साहजनक रहा है।  पडोसी देश पाकिस्तान भारतीय फिल्मों के लिए, ख़ास तौर पर साउथ की फिल्मों के लिहाज़ से अतिरिक्त बाजार ही तैयार करता है।  क्योंकि, सामान्य तौर पर, पाकिस्तान में सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान जैसे खान अभिनेताओं की फिल्मे ही रिलीज़ हुआ करती हैं।  इस लिहाज़ से 'बाहुबली' ऎसी पहली तेलुगु फिल्म बन जाती है, जिसे हिंदी में डब कर पाकिस्तान में रिलीज़ किया गया है।  अब केवल देखने की बात यही है कि हिन्दुस्तानी दर्शकों की तरह 'बाहुबली' पाकिस्तान के दर्शकों को किस हद तक प्रभावित और आकर्षित कर पाता है और अपने ओवरसीज कलेक्शन में इज़ाफ़ा कर पाता है ।