Saturday, 3 October 2015

हॉलीवुड की फिल्मों एक्शन फंतासी और हॉरर का संसार

अक्टूबर में हॉलीवुड लेकर आ रहा है साइंस  फंतासी, थ्रिल, हॉरर, एडवेंचर  और ड्रामा से भरी फ़िल्में।  इन फिल्मों में अरबों का बजट लगा है।  बड़े सितारों का भविष्य दांव पर है।  स्टीवन स्पीलबर्ग एक बार फिर कोल्ड वॉर की पृष्ठभूमि पर थ्रिलर ड्रामा फिल्म ला रहे हैं तो रिडले स्कॉट स्पेस फंतासी ले कर आ रहे हैं।  अक्टूबर का आगाज़ रिडले स्कॉट की फिल्म 'द मर्शियन' से ही होगा।  आइये एक नज़र डालते हैं इस महीने रिलीज़ होने जा रही कुछ फिल्मों पर -
द मर्शियन- एक अंतरिक्ष यात्री खुद को मार्श पर अकेला फंसा पाता है। इस फिल्म में मैट डैमन, जेसिका चेस्टेन, चिेवेटल एजिओफोर, केट मारा और क्रिस्टन वीग की मुख्य भूमिका है।  डायरेक्टर रिडले स्कॉट की इस फिल्म की टैग लाइन 'रिडले बैक इन (अ गुड) स्पेस'  से ही साफ़ है कि रिडले स्कॉट एक बार फिर अपने दर्शकों को अंतरिक्ष के ग्रहों की सैर कराने जा रहे हैं।  यह ल्म लं 
पान -  वार्नर ब्रदर्स की इस एडवेंचर फंतासी फिल्म 'पैन' की केंद्रीय भूमिका ह्यू जैकमैन ने की है।  उनके साथ अमांडा सेफ्रीड, रूनी मारा ओर लेवी मिलर की भी भूमिका है।  निर्देशक जोए राइट की इस फिल्म की कहानी एक अनाथ  लडके की है, जो एक जादुई नेवरलैंड में पहुँच जाता है। नेवरलैंड में उसके लिए मौज मस्ती भी है और खतरा भी।  अंत में   वह अपने भाग्य की खोज कर लेता है।  वह ऐसा हीरो बन जाता है, जिसे हमेशा ही जादुई शक्ति वाले पीटर पान के नाम से जाना जायेगा।   यह फिल्म ९  अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज - टॉम हैंक्स, एमी रयान, एलन अलदा, मार्क रयलेन्स, स्टीवन स्पीलबर्ग अभिनीत इस ड्रामा थ्रिलर फिल्म एक वकील की कहानी है, जिसे कोल्ड वॉर के दिनों में सीआईए ने अपने एजेंट के तौर पर नियुक्त किया था, सोवियत संघ से एक पायलट को छुड़वाने के लिए भेजा जाता है। इस फिल्म के डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग हैं।  यह फिल्म १६ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है। 
क्रिमसन पीक -  यूनिवर्सल पिक्चर्स की इस ड्रामा फंतासी हॉरर फिल्म की कहानी एक महिला की है, जिसे  लगता है कि उसका पति वह नहीं, जो नज़र आता है।  गुइलेरमो डेल टोरो निर्देशित फिल्म क्रिमसन पीक में टॉम हिडलस्टन, चार्ली हुन्नम, मिया वासिकोव्स्का, जेसिका चेस्टाइन,और जिम बेवर मुख्य भूमिका में हैं।  
लास्ट विच हंटरजांबाज़ योद्धा कॉल्डर चुड़ैलों की रानी के संसार पर हमला बोल देता है और चुड़ैलों की  रानी को पछाड़ देता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव से उसे अमरता का अभिशाप मिलता है।  अब वह जीवन के पार अपनी पत्नी और बेटी से नहीं मिल सकता। इस जटिल भूमिका को परदे पर विन डीजल कर रहे हैं।  उनके साथ एलिजा वुड, रोज लेस्ली और माइकल कैन साथ हैं। विन डीजल की एक्शन और फंतासी फिल्मों के शौक़ीन दर्शको के लिए यह फिल्म तोहफा है।  इस फिल्म में जलती तलवार का एक्शन और लपलपाती तलवार वाली गोथिक फंतासी के मिश्रण के साथ रोमांस भी है।  इस फिल्म का निर्देशन ब्रेट आइजनर कर रहे हैं।  यह फिल्म २३ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही।  
गूसबम्प्सलेक प्लेसिड, श्रेक, श्रेक टेल, मॉन्स्टर्स वर्सेस एलियन्स और गुलिवर्स ट्रेवल्स जैसी फिल्मों के नर्देशक रॉब लेटरमैन की पांच साल बाद कोई फिल्म रिलीज़ होने जा रही है।  उनकी फिल्म गूसबम्प्स को  हिंदी में कुछ कुछ धोखा है शीर्षक से रिलीज़ किया जा रहा है ।' एक छोटे कसबे में रहना आया एक टीनएज लड़का ज़क कूपर  अपनी पड़ोसन की लड़की हन्ना से मिलता है।  हन्ना का पिता आरएल स्टीन गूसबम्प्स की कहानिया लिखा करता है।  उसने अपनी कहानियों की पांडुलिपियों में तमाम भूतों और राक्षसों को कब्ज़े में कर रखा है।  एक दिन, अजनाने में, जॉच सभी भूत और राक्षसों को रिहा कर देता हैं।  अब जॉच, हन्ना और स्टीन को इन राक्षसों को वापस करना है   कोलंबिया पिक्चर्स की इस लाइव-एक्शन/कंप्यूटर-एनिमेटेड हॉरर कॉमेडी फिल्म  'गूसबम्प्स'में जैक ब्लैक, डायलन मिनेट, ओडेया रश, अल्स्टोन सेज, एमी रयान, रयान ली और जिलियन बेल मुख्य भूमिकाओं में हैं। 

बिग बॉस के विवाद फैलाने वाले

बिग बॉस के सीजन ९ के प्रतिभागियों की लिस्ट जारी हो चुकी है।  इस लिस्ट में, जैसी की खबरें थी, पोर्न स्टार मिया खलीफा नहीं हैं, कथित रूप से भक्ति के पीछे सेक्स रैकेट चलाने वाली राधे माँ नहीं हैं, खुद के द्वारा बनाई गई फिल्मों में सुपर मैन नज़र आने वाले डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम भी नहीं हैं।  बिग बॉस से विवादों का गहरा नाता है।  जब कोई नया सीजन शुरू होने को होता है तो विवाद शुरू हो जाता है।  सलमान खान होस्ट करेंगे या नहीं ! करेगा तो कौन !! तभी सलमान खान बोल पड़ते हैं, नहीं जी मैं ही करूंगा।  फिर बिग बॉस के घर में महाभारत छिड़ जाती हैं।  अगर मिया खलीफा होती तो बिग बॉस के घर में सेक्सुअल कंटेंट ज़्यादा होता।  राधे माँ रंग बिरंगे परिधानों में नाच नाच कर मिया खलीफा को भी नाचा डालती।  डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम का सुपर मैन प्रवचन देखने लायक होता। लेकिन, इनके न होने के बावजूद बिग बॉस सीजन ९ में विवाद खूब होंगे।  राधे माँ पर भक्ति के पीछे सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाने वाली अर्शी खान इस सीजन में हैं। बाकी प्रतिभागी पूछेंगे और वह भी चटखारे ले ले कर राधे माँ के आश्रम का रियल और रील विवरण देंगी।  उनसे पाकिस्तानी क्रिकेटर के साथ उनकी डेटिंग के दौरान क्या क्या हुआ का डिटेल भी लिया जायेगा, जो निश्चित ही बिग बॉस की रेटिंग बढ़ाएगा। सबसे बड़ी बात इस शो में अभिनेत्री रूपल त्यागी और उनके पूर्व पुरुष मित्र अंकित गेरा भी हैं।  तय है कि इनके बीच जुबानी जंग छिड़ेगी।  कभी यह दोनों एक रजाई में छुप्पा छुप्पी खेलेंगे, तो कभी रूपल आंसू गिराएंगी, कभी बेवफाई के घिनौने आरोप प्रत्यारोप भी लगेंगे।  ज़ाहिर है कि सीजन ९ भी अपने पहले के आठ सीजनों की तरह ही मसालेदार और चटखारेदार होगा।  
बिग बॉस की पहचान ही विवाद, और विवाद, और विवाद ही है।  इस विवाद से फायदा भी होता है। पिछले सीजन में  सना खान ने आरोप लगाया कि बिग बॉस के घर में टेंशन क्रिएट किया जाता है।  उन्होंने ऐजाज़ खान पर आरोप भी लगाये। अली क़ुली मिर्ज़ा और गौतम गुलाटी के कथित गे रिलेशन को उभरने की कोशिश भी की गई। डिम्पी ने तो प्रीतम को नामर्द कह डाला तो प्रीतम ने डिम्पी पर गालियों की बौछार कर दी।  इसी सीजन में डिआंड्रा सोअर्स ने गौतम गुलाटी पर उसे प्रेग्नेंट करने का आरोप लगा कर तहलका मचा दिया।  यह सब किया गया बिगबॉस की रेटिंग बढ़ाने के लिए।  इसी सीजन में करिश्मा तन्ना के साथ गर्मागर्मी के बाद सलमान खान सेट से बाहर चले गए थे।
बिग बॉस में ही तनीषा मुख़र्जी और  अरमान कोहली का रोमांस विवादों में रहा।  यह कहा गया कि तनिष्ठा की माँ तनूजा और जीजा अजय देवगन इस रिलेशन के खिलाफ है और अजय ने अपने अच्छे दोस्त और बिग बॉस के होस्ट सलमान खान से अरमान कोहली को निकाल बाहर करने के लिए कहा।  अब यह बात दीगर है कि अरमान कोहली इस समय सलमान खान के साथ फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में एक निगेटिव किरदार कर रहे हैं।  अलबत्ता, उनके और  तनीषा के सम्बन्ध बिग बॉस के बाहर आते ही ख़त्म हो गए हैं।
बिग बॉस के सातवे सीजन में दो प्रेम कहानियाँ विवादित हुई।  तनीषा मुख़र्जी और अरमान कोहली के अलावा कुशल टंडन और गौहर खान के सेक्युलर रोमांस की खबरों ने कुछ इतनी आग पकड़ी कि कुशल टंडन को सलमान खान पर ही आरोप लगाना पड़ा कि वह गौहर खान के विरोध में अपने दोस्त की साली तनीषा का पक्ष ले रहे हैं।  अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस ७ की विजेता गौहर खान बनी।  सीजन से बाहर आकर इन दोनों का रोमांस एक दो रियलिटी शो में भी चमका।  लेकिन, एक दिन कुशल टंडन ने गौहर खान को शादी के  मुस्लमान बनाने का दबाव बनाने का आरोप  लगा कर रिश्ते ख़त्म कर लिए।  
अभिनेत्री सारा खान और बिज़नेसमैन अली मर्चेंट का निकाह भी बिग बॉस ४ के घर में ही हुआ था।  इस ड्रामे को पूरे देश में काफी चर्चा मिली थी।  लेकिन, यह निकाह भी जल्द ही तलाक़ में बदल गया।  अब खबर है कि सारा ने पारस छाबरा से रोमांस लड़ाने के बाद एक बिजनेसमैन ऋषभ टंडन से शादी कर ली है। इस सीजन में सारा कहँ और डॉली बिंद्रा की नोक झोक भी काफी मसालेदार थी।
सलमान खान  ने बिग बॉस के चौथे, छठे, सातवे और आठवे सीजन को होस्ट किया।  पहले सीजन के होस्ट अरशद वारसी थे तो दूसरे को शिल्पा शेट्टी ने होस्ट किया था।  तीसरे सीजन  बच्चन की एंट्री हुई।  लेकिन, इस शो की रेटिंग बढ़ी सलमान खान के आने के बाद।  इसके साथ ही, पहले तीन सीजन में राहुल रॉय, अष्टोष कौशिक और विंदू दारासिंह को विजेता बनाने वाले बिग बॉस में गौतम गुलाटी के अलावा महिला प्रतिभागी ही  जीतने लगी।  इस शो को श्वेता तिवारी, जूही परमार, उर्वशी ढोलकिया और गौहर खान ने जीता।  इसे सलमान खान का  महिला प्रतिभागियों के प्रति झुकाव बताया गया।  सलमान खान पर पक्षपात करने के आरोप तो हर सीजन में लगते रहे।  अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस का दर्शकों के अच्छे नंबर यानि रेटिंग भी तो  सलमान खान के कारण ही मिलती है।


ऐश्वर्या राय बच्चन की वापसी का 'जज़्बा' ?

लगभग पांच साल बाद, ९ अक्टूबर को ऐश्वर्या राय बच्चन हिंदी फिल्म दर्शकों के सामने होंगी।   वह संजय गुप्ता की एक्शन थ्रिलर फिल्म 'जज़्बा' में एक वकील का किरदार कर रही हैं।  यह फिल्म कोरियाई फिल्म 'सेवन डेज' की ऑफिसियल रीमेक है। क्या पांच साल बाद वापस लौटी ऐश्वर्या का जज़्बा दर्शक महसूस करेंगे ? पेंच यही हैं।  संजय गुप्ता की फिल्म 'जज़्बा' हिट होगी या नहीं, बहुत बात की  बात है।  ऐश्वर्या राय बच्चन अगले महीने १ नवंबर को ४२ साल की हो जाएंगी।  वह १९९४ में यानि कि २१ साल पहले मिस वर्ल्ड बनी।  २० अप्रैल २००७ को यह मिसेज़ बच्चन बन गई।  १६ नवंबर २०११ को वह एक बच्ची की माँ भी बन गई।  कहने का मतलब यह कि १९९४ की मिस वर्ल्ड की इमेज में काफी बदलाव आया है।  अब वह गैर शादीशुदा नहीं रही कि कोई दर्शक सलमान खान, विवेक ओबेरॉय या किसी अन्य अभिनेता के साथ उनके  रोमांस को सहज स्वीकार कर ले।  किसी अभिनेत्री का शादी शुदा होना उसके फिल्म करियर को चोटिल करता है।  वह परिपक्व भूमिकाओं के योग्य ही रह जाती हैं।  इसी लिए, अब जबकि वह वापसी कर रही हैं तो उनकी फिल्म में रोमांस नदारद है।  वह, रियल  लाइफ की तरह, फिल्म में भी एक बच्ची की माँ बनी हैं। इस फिल्म में ड्रामा है।  कोर्ट रूम ड्रामा भी।  एक्शन है ! सब कुछ है, लेकिन वह नहीं है जिसके लिए ऐश्वर्या राय बच्चन पहचानी जाती हैं।  इस फिल्म में ग्लैमर नहीं है।  पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय ने अपने करियर की शुरुआत मणि रत्नम की तमिल पोलिटिकल ड्रामा फिल्म इरुवर में दोहरी भूमिका से की थी।  इस भूमिका में वह अल्ट्रा मॉडर्न और अल्ट्रा फैशनेबुल बनी थी।  लेकिन, फिल्म नहीं चली। हिंदी में उनका डेब्यू राहुल रवैल की फिल्म 'और प्यार हो गया' में बॉबी देओल के साथ हुआ था।  यह फिल्म भी फ्लॉप गई।  इसके बाद वह तमिल और हिंदी फिल्मों में नज़र आती रही।  संजयलीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में सलमान खान और अजय देवगन की नंदिनी के रूप में वह चमक उठी।  इसी दौर में सलमान खान के साथ उनका रोमांस सुर्ख हुआ।  इसके बाद वह  ताल, मोहब्बते, देवदास, धूम २, गुरु और जोधा अकबर जैसी हिट फिल्मों की नायिका बनी। लेकिन, अपनी ज़्यादातर फिल्मों में उन्होंने खुद को संवेदनशील अभिनेत्री के बतौर स्थापित करने के बजाय ग्लैमरस अभिनेत्री ही साबित किया।  आज उन्हें उनके अभिनय से ज़्यादा उनकी खूबसूरती के लिए ही याद किया जाता है।  इसके अलावा ऐश्वर्या राय के पास हिट फिल्मो से ज़्यादा फ्लॉप फिल्मों का ढेर है।
मंगलोर, कर्णाटक में १ नवंबर १९७३ को एक आर्मी बायोलॉजिस्ट पिता की संतान ऐश्वर्या राय ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की।  वह पढ़ाई में अच्छी थी।  उनका पसंदीदा विषय जीव विज्ञानं था।  मेडिसिन पढ़ाना चाहती थी।  असफल रही तो आर्किटेक्ट बनने  की सोची।  रहेजा कॉलेज में दाखिला भी ले लिया।  लेकिन, फिर मॉडलिंग के लिए पढाई ही छोड़ दी।  १९९१ में वोग के कवर पर दिखाई देने वाली ऐश्वर्या ने फिल्मों में आने से पहले ही आमिर खान के साथ एक ठन्डे पेय पदार्थ का विज्ञापन किया। मिस वर्ल्ड बनने के बाद उनका ग्लैमर वर्ल्ड में सिक्का जम गया।
अब ऐश्वर्या राय बच्चन की परीक्षा है कि दर्शक उनका जज़्बा स्वीकार करेंगे ! वह एक कोरियाई फिल्म के रीमेक से अपनी वापसी कर रही हैं। सेवन डेज में जिस किरदार को युनजिन किम ने किया था, उसे जज़्बा  में ऐश्वर्या राय कर रही हैं।  सेवन डेज की वकील यु जी-येऊन के किरदार के लिए अभिनेत्री किम को ग्रैंड बेल अवार्ड्स में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था।  उन्हें ब्लू ड्रैगन अवार्ड्स और कोरियाई फिल्म अवार्ड्स भी मिले।  ध्यान रहे कि कोरियाई फिल्म के जिस रोल को सपोर्टिंग रोल माना गया, उसे हिंदी में जज़्बा की नायिका माना गया है। सपोर्टिंग रोल के सहारे नायिका बन कर वापस आने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन क्या अपने दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित कर पाएंगी ? क्या ऐश्वर्या की वापसी फिल्म जज़्बा ऐश्वर्य  राय की सफल वापसी करा पाएगी ?  यह तभी तय होगा, जब 'जज़्बा' बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट होगी।

दक्षिण की फ़िल्में हिंदी में भी

पहले जनवरी में शंकर की तमिल फिल्म 'आई' के हिंदी हमले के बाद, एस एस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली द बेगिनिंग' ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था।  इस फिल्म का कलेक्शन सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की रिलीज़ के बाद भी प्रभावित नहीं हुआ था। दक्षिण की डब फिल्मों की उत्तर के बॉक्स ऑफिस पर दबदबे को देखते हुए दक्षिण के निर्माता अपनी फ़िल्में हिंदी में रिलीज़ करने के लिए तैयार हैं।  कुछ अपनी फिल्म सीधे सीधे हिंदी में भी बना रहे हैं या डब कर रिलीज़ कर रहे हैं।  दक्षिण में अब बाइलिंगुअल या ट्रिलिंगुअल फिल्मों का निर्माण होने लगा है।  दक्षिण के एक्टर अब समझने लगे हैं कि जब हमारी फिल्मों का हिंदी रीमेक कर कोई खान या कुमार सुपर स्टार बन सकता है तो वह क्यों नहीं ! आइये डालते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों पर के नज़र - 
दक्षिण से हिंदी में हॉरर 
मयना जैसी रोमांटिक और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली फिल्म सत्ताई के निर्माता अब एक भयावनी फिल्म बन रही है।  श्रीकांत और राइ लक्ष्मी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म का नाम तीन भाषाओं में अलग अलग है।  तमिल सोकार्पेट और तेलुगु में बेगम बेटा टाइटल वाली यह हॉरर फिल्म हिंदी में तंत्र शक्ति टाइटल के साथ रिलीज़ की जाएगी।  तमिल दर्शकों में श्रीकांत की इमेज रोमांटिक हीरो वाली है।  उन्होंने काफी बाद में एक्शन फ़िल्में की।  अब वह इस हॉरर फिल्म के नायक है।  राइ लक्ष्मी को हिंदी दर्शकों ने परदे पर नहीं देखा है। उनकी दो फ़िल्में 'अकिरा' और 'जूली २' निर्माण के भिन्न स्तर पर हैं।  लेकिन, हिंदी दर्शक लक्ष्मी को सबसे पहले 'तंत्र शक्ति' में डरावने चेहरे के साथ देख सकेंगे।  फिल्म के डायरेक्टर वडिवुडियान का दावा है कि तंत्र शक्ति दर्शकों को भय का नया अनुभव कराएगी।
अक्षय कुमार की फिल्म को चुनौती देगी पुलि
तमिल फंतासी फिल्म 'पुलि' का दूसरा ट्रेलर रिलीज़ होने के साथ ही पुलि ने दर्शकों को असमंजस में डालना शुरू कर दिया है कि वह (दर्शक) कौन-सी फिल्म देखें।  चिम्बु देवन की विजय (दोहरी भूमिका में), श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी और नंदिता की  मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म १ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।  अगले दिन यानि २ अक्टूबर को अक्षय कुमार की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' रिलीज़ हो रही है।  पुलि का ट्रेलर जिस प्रकार से आकर्षक और रोमांचक बना है, हिंदी दर्शक समझ नहीं पा रहे हैं कि वह अक्षय कुमार के सिनेमाघर में जाए या विजय की पुलि वाले।  फिर इस फिल्म में श्रीदेवी एक दुष्ट रानी के चमकीले- भड़कीले किरदार में  दर्शकों को अपील कर रही है।  तमिल 'पुलि' का हिंदी एडिशन सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी ने आठ करोड़ में खरीद लिया है।  वह इस फिल्म को दो हजार से ज़्यादा प्रिंटों में रिलीज़ करना चाहते हैं। 
रुद्रमादेवी भी 
तीसरी सदी की काकतीय वंश की रानी रुद्रमा देवी पर फिल्म 'रुद्रमादेवी' का निर्देशन गुणशेखर कर  रहे हैं।  इस फिल्म में अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी केंद्रीय भूमिका कर रही हैं।  इस फिल्म को तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषा के अलावा हिंदी में भी रिलीज़ किए जा रहे है।  इस फिल्म को रिलायंस एंटरटेनमेंट रिलीज़ कर रहा है। सत्तर करोड़ के बजट से बानी इस फिल्म में अल्लू अर्जुन, राणा दग्गुबती,  विक्रमजीत विर्क और कृष्णन राजू की भूमिका भी ख़ास है। इस फिल्म के परिधान नीता लुल्ला ने तैयार किये हैं। 
सूर्या की फिल्म
तमिल फिल्मों के सुपर सितारे सूर्या इस समय मास के अलावा पंडिराज की फिल्म हाइकू और २४ में व्यस्त है।  वह पत्नी ज्योतिका की वापसी के लिए फिल्म '३६ वयाधीनीले' का निर्माण कर रहे हैं।  हिंदी बेल्ट में 'बाहुबली' को मिली सफलता को वह भी भुनाना चाहते हैं।  हिंदी दर्शक उन्हें रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'रक्तचरित्र' में माफिया सूर्यनारायण रेड्डी की भूमिका में देख चुके हैं।  अब उनका इरादा एक त्रिभाषी फिल्म बनाने का है।  इसके लिए सूर्या के अपोजिट नायिका की भूमिका करने के लिए प्रियंका चोपड़ा से संपर्क साधा जा रहा है। हालाँकि, प्रियंका चोपड़ा तमिल फिल्म 'थमिज़न' से डेब्यू कर चुकी है।  लेकिन, सूर्या का इरादा तमिल और तेलुगु संस्करणों के लिए भिन्न एक्ट्रेस लेने का है। 
क्रिकेटर श्रीसंत की फिल्म
क्रिकेट सितारे एस श्रीसंथ के माथे से मैच फिक्सिंग का दाग फिलहाल मिटा गया है।  लेकिन, बीसीसीआई के बैन लगा देने के बाद से श्रीसंथ साउथ की फिल्मों में बिजी हो गए थे। वह इस समय साना यदिरेड्डी की फिल्म में काम कर रहे हैं, जो तीन भाषाओँ तमिल, तेलुगु और मलयालम में बनाई जा रही है। एक क्रिकेटर और आईपीएल की मसाला कहानी वाली इस फिल्म को १४ भारतीय भाषाओँ में डब कर रिलीज़ किया जायेगा। इनमे एक भाषा हिंदी भी होगी। 
राणा दग्गुबती की तीन भाषाओँ वाली फिल्म
राणा डग्गुबती के सितारे बुलंद है।  'बाहुबली' ने उन्हें पूरे देश का जाना पहचाना चेहरा बना दिया है।  वह राजा भल्लाल देवा के नाम से मशहूर हो गए हैं।  अब यह भल्लाल देवा एक नेवी अफसर के किरदार में नज़र आएगा।  तीन भाषाओं तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही फिल्म 'गाज़ी' १९७१ के हिंदुस्तान पाकिस्तान युद्ध पर केंद्रित है।  फिल्म की कहानी बंगाल की खाड़ी में डुबो दी गई पाकिस्तानी की पनडुब्बी 'गाज़ी' पर केंद्रित एक साहस भरी कहानी है। इस फिल्म की शूटिंग नवंबर में शुरू होगी। 
हिंदी में आरवाराम
'पुलि' के बाद, दक्षिण की फिल्मों का बॉलीवुड विजय अभियान रुकने वाला नहीं। तमिल अभिनेता अजित की फिल्म 'थाला ५६' लगभग पूरी हो चुकी है।  वर्किंग टाइटल के साथ पूरी की गई इस फिल्म को आरवाराम टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा।  इस फिल्म में अजित एक टैक्सी ड्राइवर का रोल कर रहे हैं।  उनकी नायिका श्रुति हासन एक वकील की भूमिका में होंगी।  इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया जायेगा।  वैसे अभी यह तय नहीं है कि हिंदी संस्करण तमिल और तेलुगु के साथ रिलीज़ होगा या नहीं।  अजित की फिल्म अरबम को दर्शक प्लेयर एक खिलाड़ी के शीर्षक के साथ देख चुके हैं। फिल्म के निर्माता का इरादा हिंदी संस्करण को किसी बड़े नाम के साथ डिस्ट्रीब्यूट करने का है।  अगर, करण जौहर और पहलाज निहलानी की तरह आरवाराम  को भी बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मिल गया तो यह फिल्म सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो ' से टकरा जाएगी।  
हिंदी और तमिल में साला खडूस 
आर माधवन की सुधा कोंगरा प्रसाद के लेखन निर्देशन में फिल्म 'साला खडूस' तमिल और तेलुगु में बनाई जा रही है। इस फिल्म में माधवन एक बॉक्सिंग कोच के किरदार में हैं।  इस भूमिका के लिए माधवन ने खुद को काफी शेप में लाने की कोशिश की है। फिल्म के हिंदी वर्शन को राजकुमार हिरानी प्रेजेंट करेंगे।  
कमल हासन की हिंदी तमिल और मलयालम फिल्म
कमल हासन अपनी लिखी कहानी पर  इस फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं, वह तीन भाषाओँ हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाई जाएगी।  इस फिल्म का हिंदी टाइटल 'अमर है' रखा गया है।  तमिल में इसे थलैवन इरुक्कीरन टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा।  इस फिल्म के हिंदी वर्शन यानि अमर है के हीरो सैफअली खान होंगे। कमल हासन विलन की भूमिका करेंगे। तमिल के हीरो मोहनलाल होंगे।  कुछ का कहना है कि तमिल में रोल रिवर्सल हो सकता है।  
धनुष और विद्या बालन की त्रिभाषी फिल्म 
डायरेक्टर दुरई सेंथिल कुमार की अगली फिल्म एक पोलिटिकल थ्रिलर फिल्म होगी।  इस फिल्म में धनुष दोहरी भूमिका में होंगे।  यह विद्या बालन की पहली तमिल फिल्म होगी। इस फिल्म को तमिल के अलावा हिंदी और तेलुगु में भी बनाया जा रह है।  
राणा दग्गुबती की त्रिभाषी कॉमेडी 
राणा दग्गुबती एक्शन फिल्मों से हट कर एक कॉमेडी फिल्म करने जा रहे हैं।  इस फिल्म का निर्देशन तमिल डायरेक्टर सेल्वाराघवन करेंगे।  यह फिल्म तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जायेगी।  

आयरन मैन से भिड़ेगा कैप्टेन अमेरिका ! लेकिन क्यों ?

मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की आगामी फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर' में मार्वेल के दो सुपर हीरो का टकराव नज़र आएगा।  दुनिया को बचाने के लिए कैप्टेन अमेरिका की मदद के लिए आयरन मैन आएगा। लेकिन, उनका यह संयुक्त अभियान टकराव में बदल जायेगा।  दरअसल, बैटल ऑफ़ सोकोविआ के दुष्परिणामो के बाद दुनिया  की सरकारों ने महसूस किया कि सुपर हीरोज सावधानी से काम नहीं करते, नुक्सान से बेपरवाह रहते हैं।  इस पर सरकार सुपर हीरोज को नियंत्रित करने का निर्णय लेती है।  इस समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और टोनी स्टार्क उर्फ़ आयरन मैन के बीच मतभेद पैदा होते हैं। टोनी का मानना है कि ऐसा करके सुपर हीरो अपना नियंत्रण एक व्यक्ति या कंपनी को दे देंगे।  यह किसी को रिपोर्ट करना जैसा होगा।  टोनी स्टार्क अपने हाथों में खुद को ज़्यादा सुरक्षित मानता है।  कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर की कहानी ठीक उसी जगह से शुरू होगी, जहाँ अवेंजर्स एज ऑफ़ अल्ट्रान ख़त्म हुई थी।  मानवता की रक्षा के सतत प्रयास में स्टीव रोजर्स अपनी सुपर हीरो की नई टीम को लीड करेगा।  एक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान सुपर हीरोज की कार्यवाही से देशों का काफी नुक्सान होता है।  इसे देखते हुए ही सरकारें सुपर हीरोज को अपने अधीन लाने वाला दस्तावेज तैयार करते हैं।  इसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और आयरन मैन के बीच टकराव पैदा होगा।  जहाँ तक रियल लाइफ में ऐसे किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात है, क्रिस एवंस आयरन मैन के विचारों से सहमत हैं कि अपनी स्वतंत्रता दूसरों को नहीं सौंपी जा सकती।  कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर १६ मई २०१६ को रिलीज़ होगी।  

Friday, 2 October 2015

क्या बॉक्स ऑफिस पर 'ब्लिंग' कर पायेगा यह 'सिंह' !

सबसे पहले अक्षय कुमार से एक बात ! अब कुछ नया करें. सरदार बन कर लुंगी कुरता पहन कर ओवर कॉमेडी करना छोड़े. ऐसी भाव भंगिमाए और एक्शन आप सहित बहुत से बॉलीवुड स्टार कर चुके हैं. फिल्म में तोआप बहुत साधारण एक्टिंग करते हैं. यह कह सकते हैं कि आप पहले की अपनी भूमिकाओं को बार बार दोहराते हैं. आपके एक्शन भी ख़ास नहीं. आपसे ज्यादा दमदार एक्शन एमी जैक्सन के पल्ले पड़े हैं . वह दर्शकों की खूब तालियाँ बटोर ले जाती हैं. अक्षय तो फीके लगते ही हैं. निर्देशक प्रभुदेवा ने भी रूटीन काम किया है. एक भी सीन, एक भी परिस्थिति और नृत्य गीत ताज़गी भरे नहीं. खुद प्रभुदेवा का निर्देशन साधारण है. रूमानिया के प्राकृतिक दृश्य और इमारतें खूबसूरत हैं, लेकिन वृत्त चित्र स्टाइल में शूट किये गए हैं . शिराज़ अहमद और चिंतन गाँधी की कहानी और संवाद साधारण दर्जे के हैं. शिराज़ एक भी सीन ऐसा तैयार नहीं कर पाए हैं, जो दर्शकों को नया लगे. सच तो यह है कि कहानी ही सिरे से स्वाभाविक नहीं है. अक्षय कुमार के रफ़्तार सिंह का रूमानिया जाना, एमी जैक्सन का माँ को खोजने गोवा में आना और फिर माँ के मिलने के बावजूद वापस चला जाना स्वाभाविक नहीं लगता. ऐसा लगता है कि कुछ ख़ास लोकेशन को तय कर फिल्म बना दी गई . अक्षय कुमार की दुभाषिये के बतौर लारा दत्ता हंसाती तो हैं, लेकिन, ओवर हो कर. उनका करैक्टर भी अधूरा है .केके मेनन ऎसी भूमिकाएं इतनी बार कर चुके हैं कि अब फिल्म में उनके विलन अवतार को देख कर ऊब लगती हैं . इस फिल्म से किसी को फायदा होगा तो वह हैं एमी जैक्सन . आई के बाद वह सिंह इज ब्लिंग में हिंदी दर्शकों को प्रभावित कर सकेंगी . 
सिंह इज ब्लिंग ने गाँधी जयंती वीकेंड पर ज़बरदस्त इनिशियल तो ले लिया. लेकिन, वीकेंड में यह जलवा कायम रख पायेगी, इस पर शक है. 

यह 'पुलि' चीता इतना बहादुर भी नहीं

दक्षिण की सामान्य फिल्में हिंदी में डब कर रिलीज़ नहीं की जाती . टेलीविज़न चैनल ज़रूर इन फिल्मों का प्रसारण करते हैं. रजनीकांत और कमल हासन जैसे अभिनेताओं की तमिल और तेलुगु फ़िल्में ज़रूर डब हो कर प्रदर्शित होती हैं. लेकिन, इस साल जुलाई में रिलीज़ ऐतिहासिक फिल्म 'बाहुबली : द बेगिनिंग' ने और इससे पहले 'आई' ने दक्षिण की फिल्मों का  डंका बजा दिया था. फिल्म अपने विसुअल कंटेंट, अभिनय, वीएफ़क्स और भव्यता के बल पर दर्शको के दिलों दिमाग पर छा गई . ऐसा लगा जैसे दक्षिण श्रेष्ठ फ़िल्में बना रहा है . शायद इसीलिए हिंदी दर्शकों को फंतासी-एडवेंचर फिल्म पुलि (चीता) का इंतज़ार था . 'पुलि' का हिंदी डब संस्करण आज गाँधी जयंती के दिन रिलीज़ हुआ. निर्देशक चिम्बु देवेन की फिल्म पुलि में तमिल स्टार विजय के साथ पूर्व तमिल फिल्म स्टार और हिंदी फिल्मों में कभी टॉप की अभिनेत्री  रही श्रीदेवी के अलावा श्रुति हास, सुदीप, हंसिका मोटवानी, नंदिता श्वेता, प्रभु, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं . फिल्म किस युग की है, कहना ज़रा मुश्किल है. पर मसाला भरा पूरा है. राजा, रानी,  राजमहल, कॉस्टयूम और चमत्कार हैं. एक्शन खूब है. फिल्म की नायिका श्रुति हासन थोड़ा अंग प्रदर्शक पोशाक पहनती हैं, तो हसिका मोटवानी थोड़ी ज्यादा. श्रीदेवी पोशाकों के लिहाज़ से भड़कीले अंदाज़ में हैं. उनके चहरे का बुढापा फूट फूट कर बाहर नज़र आता है. लेकिन, श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी की तरह अभिनय वह भी नहीं करती . सुदीप सशक्त अभिनेता हैं . लेकिन, सेनापति दलपति जलतारंगन के किरदार में वह प्रभावहीन रहे हैं. निराशा होती है विजय को देख कर. वह तमिल फिल्म प्रोडूसर और डायरेक्टर एस ए चंद्रशेखर के बेटे हैं . तमिल फिल्मो में उनकी स्थिति सुपर स्टार जैसी है . लेकिन, लगता नहीं कि उन्हें अभिनय का क ख ग घ आता है . उनकी बॉडी लैंग्वेज और संवाद हमेशा एक दूसरे से ३६ का आंकड़ा बनाए रखते हैं. ऐसा लगता है जैसे वह हर सीन में कॉमेडी कर रहे हैं. एक्शन में भी वह नहीं जमे. विश्वास नहीं होता कि पुलि के वीएफ़क्स मगधीरा और ईगा के वीएफ़क्स डायरेक्टर कमलाकन्नन ने तैयार किये हैं. बेहद बचकाना और नकली दृश्य लगते हैं. बिलकुल रोमांचित नहीं करते. आर्ट डायरेक्टर टी मुथुराज ने किले की प्रतिमूर्ति बनाने में अपना हुनर दिखाया है. पुलि गाँधी जयंती के दिन और 'सिंह इज ब्लिंग' के अपोजिट रिलीज़ हुई है . लेकिन, यह अपना वीकेंड वाला जलवा वीक डेज में दिखा पाने में नाकामयाब होगी. 
एक सुझाव है दक्षिण के फिल्म निर्माताओ के लिए. उनको अपनी सभी फिल्मों को डब कर रिलीज़ नहीं करना चाहिए. इस प्रकार से दक्षिण की फिल्में अपना प्रभाव खो बैठेंगी . वैसे अब अगला हफ्ता बताएगा कि रुद्रमदेवी क्या गुल खिलाती हैं !

Thursday, 1 October 2015

'एक रुका हुआ फैसला' सुनाने बैठे '१२ एंग्री मेन'

रेगीनाल्ड रोज ने एक ड्रामा लिखा था ट्वेल्व एंग्री मेन।  इस ड्रामे को १९५४ में टेलीप्ले के रूप में स्टूडियो वन द्वारा टेलीकास्ट किया गया था।  अगले ही साल इसे फीचर फिल्म के रूप में लिखा गया और १९५७ में इस पर एक फिल्म '१२ एंग्री मेन' बनाई गई।  इस फिल्म का डायरेक्शन सिडनी लूमेट ने किया था।  हेनरी फोंडा मुख्य भूमिका में थे।  '१२ एंग्री मेन' ऑस्कर पुरस्कारों की बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट पिक्चर और बेस्ट राइटिंग ऑफ़ अडाप्टेड स्क्रीनप्ले की केटेगरी में नॉमिनेट की गई।   फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी सफलता मिली।  ३.४० लाख डॉलर में बनी इस फिल्म ने दस लाख डॉलर का बिज़नेस किया।  इस फिल्म की खासियत थी इसकी कहानी और एक कमरे में फिल्मांकन।  ९६ मिनट लम्बी इस फिल्म के केवल तीन मिनट के सीन ही कमरे के बाहर से थे।  इनमे से एक सीन कोर्ट रूम के बाहर का, एक जज का रिटायरिंग रूम और तीसरा ट्रायल रूम से सटे वाशरूम का था।  फिल्म में १२ सदस्यों की जूरी को एक मत से यह फैसला करना है कि अपराधी दोषी है या निर्दोष है।  इस फिल्म में किसी करैक्टर का भी नाम नहीं लिया गया था।  जर्मन टेलीविज़न चैनल जेडडीएफ ने इसका रूपांतरण प्रसारित किया।  एमजीएम ने १९९७ से इसी टाइटल के साथ फिल्म का टेलीविज़न रीमेक किया। '१३ एंग्री मेन' को कई भाषाओँ में अनुवादित कर, कई माध्यमों से प्रसारित किया गया।  इस फिल्म को रशियन और लेबनानी फिल्मकारों द्वारा भी फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के रूप में दिखाया गया।   १२ एंग्री मेन का भारतीय सिनेमा के लिहाज़ से महत्व इस लिए है कि इस फिल्म पर बासु चटर्जी ने एक कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म 'एक रुका हुआ फैसला' का निर्माण किया।  फिल्म की पटकथा रंजित कपूर के साथ खुद बासु चटर्जी ने लिखी थी।  'एक रुका हुआ फैसला' में जूरी मेंबर के रूप में दीपक क़ाज़िर, अमिताभ श्रीवास्तव, पंकज कपूर, एस एम ज़हीर, सुभाष उद्गाता, हेमंत मिश्रा, एम के रैना, के के रैना, अन्नू कपूर, सुबिराज, शैलेन्द्र गोयल और अज़ीज़ कुरैशी जैसे रंगमंच के सशक्त अभिनेता थे।  हिंदी रीमेक ११७ मिनट का था।  लेकिन, दर्शक एक कमरे में बैठे इन जूरी सदस्यों की भावनाओ,  वाद-विवाद, उत्तेजना को सांस रोक कर देख रहे थे। एक रुका हुआ फैसला को इतना प्रभावशाली इसके सक्षम एक्टरों ने बनाया ही था, बासु चटर्जी की लेखनी और कल्पनाशील निर्देशन ने भी फिल्म को उकताऊ होने से बचाया था।  पंकज कपूर इस फिल्म की जान थे।  फिल्म को इतना प्रभावशाली बनाने में इसके एडिटर कमल ए सहगल की धारदार कैंची की सराहना करनी चाहिए।  उन्होंने इस फिल्म की गति को शिथिल होने ही नहीं दिया था।  यहाँ एक बात।  '१२ एंग्री मेन' अमेरिका के जुडिशल सिस्टम में जूरी सिस्टम पर थी।  लेकिन, भारत में ऐसा कोई जूरी सिस्टम नहीं था।  इसके बावजूद एक रुका हुआ फैसला दर्शको को जूरी का फैसला सुनाने देखने के लिए मज़बूर करती थी।  


क्या बॉलीवुड का कोई 'खान' है विन डीजल जितना ताक़तवर !

क्या विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों के बिग डैडी हैं ! विन डीजल से पूछिए तो वह इस सीरीज की कास्ट एंड क्रू को अपने परिवार जैसा बताते हैं।  लेकिन, एक दिन जब वह खुद कह दें कि वह इस फ्रैंचाइज़ी के बिग डैडी हैं तो मानना ही पड़ेगा।  आम तौर पर विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों की शूटिंग में दखल देते नहीं पाये जाते। २००१ में शुरू इस सीरीज की पहली फिल्म 'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस' करने के बाद विन डीजल इसके सीक्वल '२ फास्ट २  फ्यूरियस' से बाहर निकल गए।  'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस: टोक्यो ड्रिफ्ट' में उनका कैमिया था। इसके बाद चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से वह इस सीरीज की फिल्मों के स्थाई सदस्य बन गए।  फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की चौथी फिल्म के लिए विन डीजल को बुलाना यूनिवर्सल स्टूडियो की मज़बूरी भी थी और विन डीजल की भी।  विन डीजल और डायरेक्टर डेविड ट्वह्य यूनिवर्सल से 'द क्रॉनिकल्स ऑफ़ रिडिक' के अधिकार खरीदना चाहते थी।  इसीलिए, विन डीजल आखिरी मौके पर टोक्यो ड्रिफ्ट में शामिल हुए और कैमिया किया।  चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से विन डीजल इस सीरीज के स्थाई सदस्य बन गए।  इसी के साथ ही विन डीजल पर सीरीज की फिल्मों के निर्माण के दौरान हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया जाने लगा।  एक मैगज़ीन ने तो यहाँ तक आरोप लगाया कि फुयूरियस ७ की शूट के दौरान विन डीजल डायरेक्टर जेम्स वान के लिए सर दर्द बने रहे। वह फिल्म के छोटे छोटे डिटेल देखते।  किसी सीन पर देर रात को डायरेक्टर जेम्स वान से डिस्कशन करने लगते।  पॉल वॉकर की कार क्रैश में मौत हो जाने के बाद फ्यूरियस ७ की शूटिंग कुछ समय तक रुकी रही।  इसी दौरान जेम्स वान ने तय कर लिया कि वह सीरीज की आठवी फिल्म डायरेक्ट नहीं करेंगे।  हालाँकि, वान को मोटा पारिश्रमिक देने का लालच दिया गया, लेकिन वान ने फ्यूरियस ७ की शूटिंग के दौरान उनके स्वास्थ्य को हुए नुक्सान का हवाला देते हुए फ़ास्ट ८ डायरेक्ट करने से मना कर दिया। विन डीजल ने मैगज़ीन के आरोपों पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। फ्यूरियस ७ की अप्रत्याशित और अभूतपूर्व सफलता के बाद विन डीजल यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए अपरिहार्य हैं। फ्यूरियस ७ ने वर्ल्डवाइड १.५ बिलियन डॉलर कमा लिए हैं। फ्यूरियस ७ की बड़ी सफलता विन डीजल के ज़रुरत से ज़्यादा इन्वॉल्वमेंट को सही ठहरा रही थी। यही कारण था कि फ़ास्ट ८ के लिए सबसे पहले विन डीजल के नाम का ही ऐलान हुआ।  विन डीजल ने ही सोशल साइट्स पर आठवी फिल्म के टाइटल का ऐलान किया।  विन डीजल पर लगे आरोपों पर प्रवक्ता द्वारा इतनी सफाई ज़रूर दी गई कि विन डीजल 'फ़ास्ट ८' के डायरेक्टर की खोज में जुटे हुए हैं।   संभव है कि डायरेक्टर की कुर्सी पर विन डीजल बैठ कर खुद के अलावा जैसन स्टेथम, ड्वेन जॉनसन, कोडी वॉकर (पॉल वॉकर का भाई, जिसने पॉल के मरने के बाद शेष फिल्म पूरी करवाई), आदि को निर्देशित करते नज़र आये।  फ़ास्ट ८ की रिलीज़ अप्रैल २०१७ के लिए तय कर दी गई है।  ऐसे में यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए विन डीजल की बात मानना मज़बूरी भी होगी।  क्या बॉलीवुड में कोई खान है विन डीजल जितना 'बिग डैडी' !







म्यूजिक वीडियो में गुलशन कुमार की बेटी

म्यूजिक लेबल टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की दो बेटियों में बड़ी तुलसी कुमार प्लेबैक सिंगर हैं। उनकी छोटी बेटी खुशाली कुमार फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में गई।  अपना अलग लेबल बनाया।  अब वह एक बिलकुल नए अवतार में नज़र आने जा रही हैं।  वह १९९१ में रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' के गुलशन कुमार को प्रिय गीत 'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' के म्यूजिक वीडियो में बिलकुल ग्लैमरस अंदाज़ में नज़र आएंगी।  म्यूजिक वीडियो में काम करने का आईडिया खुशाली के भाई और टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार का था।  भूषण कुमार आजकल गुलशन कुमार को प्रिय कई गीतों को नए अंदाज़ और धुन में समेत कर म्यूजिक वीडियो के साथ पेश कर रहे हैं। पिछले दिनों, गुलशन कुमार की याद में उनका एक अन्य पसंदीदा गीत 'धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना' यो यो हनी सिंह द्वारा रीक्रिएट कर ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर पर फिल्माया गया था।  'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' इसी की कड़ी में हैं।  इस गीत का वीडियो खुशाली ने ही डिज़ाइन किया है।  खुशाली पर फिल्माए जाने वाले इस गीत को बड़ी बहन तुलसी कुमार ने गाया है।  इस वीडियो की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है।

Wednesday, 30 September 2015

यादें : वर्ल्ड'स फर्स्ट वन-एक्टर मूवी

१९६४ में रिलीज़ फिल्म 'यादें' का नाम गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में सबसे कम एक्टरों वाली फिल्म के रूप में दर्ज़ है।  इस फिल्म का निर्माण सुनील दत्त की फिल्म निर्माण कंपनी अजंता आर्ट्स के अंतर्गत किया गया था।  इस फिल्म का एक मात्र करैक्टर अनिल सुनील दत्त का ही था।  इस ११३ मिनट लम्बी फिल्म का निर्देशन सुनील दत्त ने ही किया था।  'यादें' सुनील दत्त की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी।  इस फिल्म के बाद सुनील दत्त ने बतौर निर्माता निर्देशक मुझे जीने दो, ये रास्ते हैं प्यार के, रेशमा और शेरा, मन का मीत, रॉकी, नहले पे दहला, दर्द का रिश्ता और ये आग कब बुझेगी बनाई।  मुझे जीने दो डाकू समस्या पर फिल्म थी।  ये रास्ते हैं
प्यार के मशहूर नानावटी कांड पर फिल्म थी।  सुनील दत्त ने अपने भाई सोम दत्त को हीरो बनाने के लिए मन का मीत और बेटे संजय दत्त को हीरो बनाने के लिए 'रॉकी' का निर्माण किया।  मुझे जीने दो, रेशमा और शेरा और ये रास्ते  है प्यार के जैसी फिल्मों ने उन्हें जो नुक्सान दिया था, उसकी भरपाई के लिए ही उन्होंने मन का मीत जैसी फिल्म का निर्माण किया।  इस फिल्म में नायिका लीना चंद्रावरकर ने अंग प्रदर्शन के तमाम कीर्तिमान तोड़ दिए थे।  इसीलिए फिल्म समीक्षकों ने  इस फिल्म को 'मैन का मीट' बताया।  अब यह बात दीगर है कि सुनील दत्त ने बाद में समीक्षकों की इन आलोचनाओ का जवाब  कैंसर पर फिल्म दर्द का रिश्ता और दहेज़ हत्या पर ये आग कब बुझेगी बना कर दिया ।  लेकिन, सुनील दत्त आज भी अद्वितीय हैं अपनी एकल एक्टर फिल्म 'यादें' के कारण।  यादें पूरी तरह से प्रयोगात्मक फिल्म थी।  सुनील दत्त ने कमर्शियल फिल्मों के दौर में ऐसा जोखिम उठाने का साहस किया।  यादें वर्णनात्मक फिल्म थी। फिल्म को संवादों और संगीत के ज़रिये आगे बढ़ाया गया था। फिल्म का एकल किरदार अनिल देर रात घर आता है।  वह घर में सन्नाटा पाता है। वह अपने बड़े से घर के हर कमरे, रसोई, डाइनिंग हॉल, आदि में देखता है। उसकी पत्नी और बच्चा घर में नहीं है।  उसे लगता है कि उन्होंने (पत्नी और बच्चे ने) उसे छोड़ दिया।  क्योंकि, रात की पार्टी के बाद, सुबह ही किसी बात पर अनिल का अपनी पत्नी से बड़ा झगड़ा हुआ था।  शायद बीवी छोड़ गई थी अनिल को।  यह सोच कर अनिल कुर्सी पर पसर जाता है।  अब घेर लेती हों उसे यादें।  कैसे, कब क्या हुआ था ! वह एक एक
कर सोचता जाता है।  कभी वह खुद से बडबडाता है, घटनाओं को याद करते हुए उसके चहरे पर ख़ुशी, दुःख, क्रोध, निराशा के भाव आते जाते हैं।  उसे याद आता है पत्नी से आज का झगड़ा।  वह महसूस करता है कि इसमे उसी की गलती थी।  वह खुद को नुक्सान पहुंचाने के लिए तैयार हो जाता है।  तभी बाहर से बीवी की आवाज़ आती है, जो उसे ऐसा करने से रोकती है ।  अनिल बाहर की रोशनी से खिड़की के परदे पर गिर रही पत्नी और बच्चे की परछाई को देखता है ।  वह खुश हो जाता  है।  पत्नी और बच्चा वापस आ गए।  इसी के साथ फिल्म ख़त्म हो जाती है।  फिल्म में निर्देशक सुनील दत्त ने अपनी बात कहने के लिए संवादों, ध्वनि और प्रकाश का बढ़िया उपयोग किया था। अख्तर उल ईमान के संवाद, वसंत देसाई का संगीत (खास तौर पर लता मंगेशकर का गाया 'देखा है सपना कोई' गीत) तथा एस रामचन्द्र का छायांकन और एस्सा एम सुरतवाला की साउंड मिक्सिंग फिल्म की जान थी।  सुनील दत्त ने बेहतरीन अभिनय किया था। पूरी  फिल्म में सुनील दत्त के अलावा फिल्म के अंत में दो परछाइयाँ ही पत्नी और बेटे की मौजूदगी का एहसास कराती थी। यह परछाइयाँ सुनील दत्त की रियल लाइफ में पत्नी नर्गिस और बेटे संजय दत्त की थी।  संजय दत्त उस समय केवल पांच साल के थे।
कुछ लोगों का कहना था कि यादें परिवार के होते हुए भी सुनील दत्त के एकाकी  जीवन का परिणाम थी।  सुनील दत्त की नर्गिस से शादी १९५८ में फिल्म 'मदर इंडिया' की रिलीज़ के ठीक बाद ही हो गई थी। लेकिन, सुनील दत्त के मुकाबले नर्गिस बड़ी एक्ट्रेस थी।  हालाँकि, नर्गिस ने शादी के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया।  लेकिन, वह सोशल वर्क करती थी।  उनका राजनीतिक जीवन भी था। भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से उनकी नज़दीकियां थी। शायद इसी वजह से सुनील दत्त ने एकाकीपन महसूस किया हो। बताते हैं कि सुनील दत्त एक बार अपने एकाकीपन से ऊब कर अपनी पत्नी, बेटे संजय और बेटियों नम्रता और
प्रिया को साथ लेकर कही घूमने गए थे। वापस लौटते समय उनके दिमाग में यादें की कहानी उभर आई। श्वेत-श्याम फिल्म 'यादें' को विदेशों में 'मेमोरीज' टाइटल से रिलीज़ किया गया था। यादें के लिए एस रामचन्द्र को बेस्ट सिनेमैटोग्राफर और एस्सा एम सुरतवाला को बेस्ट साउंड रिकार्डिस्ट का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।  लेकिन, तत्कालीन दर्शकों को सुनील दत्त का यह वर्ल्ड में पहला और इकलौता प्रयास पसंद नहीं आया।  फिल्म बॉक्स  ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई। सुनील दत्त की श्रेष्ठ कल्पनाशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक पार्टी सीक्वेंस बैलून्स के सहारे क्रिएट कर दिया था। बच्चे के खिलौने और पत्नी की पेंटिंग के सहारे वह कहानी कह रहे थे। सुनील दत्त जानते थे कि वह क्या करने जा रहे हैं।  इसीलिए  फिल्म के क्रेडिट में गर्व के साथ लिखा गया था- वर्ल्ड'स फर्स्ट वन-एक्टर मूवी। हालाँकि, आलोचकों का कहना है कि फिल्म को वन-एक्टर मूवी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि फिल्म के लिए नर्गिस और संजय दत्त की परछाई और आवाज़ का इस्तेमाल किया गया था।



जब न्यू ज़ीलैण्ड ने पावर रेंजर्स पर रोक लगाई

१९९४ में न्यूजीलैंड ब्राडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने माइटी मॉर्फिन पावर रेंजर्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया।  यह निर्णय उस शिकायत पर लिया गया, जिसमे कहा गया था कि पावर रेंजर्स उनके बच्चों को सीखा रहे हैं कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा ही है।  अभिभावकों को लगता था कि इस शो को देखते हुए बच्चों के स्वभाव आक्रामकता बढ़ रही है।  जिस समय यह निर्णय लिया गया उस समय तक पावर रेंजर्स का एक पूरा सीजन हो चुका था तथा दूसरा सीजन का मध्य चल रहा था।  टीवी स्टेशनों को इस शो को बीच में ही रोक देना पड़ा। इसके बाद लम्बे समय तक पावर रेंजर डीवीडी और वीडियो के द्वारा देखे गए।  यहाँ एक मज़ेदार तथ्य यह है कि पावर रेंजर्स के दो सीजन, 'पावर रेंजर्स: मिस्टिक फ़ोर्स' और 'पावर रेंजर्स : जंगल फरी' की शूटिंग न्यूजीलैंड में ही हुई थी। न्यूजीलैंड के टीवी पर पावर रेंजर पूरे १७ साल तक गायब रहे।  इसके बाद, २०११ में 'पावर रेंजर्स समुराई' के प्रसारण के साथ ही पावर रेंजर्स को टीवी पर फिर जगह मिल गई।


क्या चौथी बार सफल होंगे अक्षय कुमार !

साल २००२ का आखिरी तिमाही आ गई है।  २ अक्टूबर को अक्षय कुमार की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' रिलीज़ हो रही है। फिल्म में अक्षय कुमार के को-स्टार एमी जैक्सन, के के मेनन, प्रदीप रावत, अनिल मांगे, अरफी लाम्बा, रति अग्निहोत्री कुणाल कपूर और मुरली शर्मा हैं। फिल्म में, क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह अक्षय कुमार के करैक्टर रफ़्तार सिंह के पिता का  रोल कर रहे हैं।  इस फिल्म में सनी लियॉन का कैमिया भी बताया जा रहा है। ख़ास बात यह है कि २००३ में अक्षय कुमार के साथ फिल्म 'अंदाज़' में अपने फिल्म करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री लारा दत्ता पिछली फिल्म डेविड के दो साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही है। अक्षय कुमार और लारा दत्ता ने लगभग एक दर्जन फ़िल्में साथ की हैं। फिल्म में शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर फिल्म की नायिका एमी जैक्सन के पिता के किरदार में हैं। फिल्म की तमाम शूटिंग भारत के अलावा साउथ अफ्रीका और रोमानिया में हुई है।  फिल्म का क्लाइमेक्स रोमानिया में फिल्माया गया है। सिंह इज़ ब्लिंग के निर्देशक प्रभुदेवा है, जिनके साथ अक्षय कुमारं ने राउडी राठौर जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दी है। क्या यह जोड़ी एक बार फिर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म देने जा रही है ? अगर ऐसा होता है तो अक्षय कुमार की इस साल की यह चौथी सफलता होगी।  अक्षय कुमार एक ऐसा अभिनेता हैं, जो खानों की तरह साल में एक या दो फिल्मों की कसम नहीं खाते।  उनकी साल में तीन या चार फ़िल्में रिलीज़ होती रहती हैं।  इस साल भी अक्षय कुमार की तीन फ़िल्में बेबी, गब्बर इज़ बैक और ब्रदर्स रिलीज़ हो चुकी हैं।  गब्बर इज़ बैक को मामूली सफलता मिली।  बेबी और ब्रदर्स ने ८०+ करोड़ की कमाई की।  ज़ाहिर है कि अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस पर विश्वसनीय हैं।  उनकी फ़िल्में अपने निर्माता को नुक्सान नहीं देती।  इसीलिए वह निर्माताओं के प्रिय भी हैं।  एक्शन उनकी ताकत है।  कॉमेडी लाजवाब है।  उनकी एक्शन कॉमेडी फ़िल्में सुपर हिट होती हैं।  लेकिन, अक्षय कुमार हमेशा ही लीक से हट कर फ़िल्में देने में विश्वास करते हैं। स्पेशल २६, हॉलिडे, बेबी, गब्बर इज़ बैक और ब्रदर्स इसका प्रमाण हैं।  सिंह इज़ ब्लिंग एक्शन कॉमेडी  फिल्म है।  यह उनकी २००७ की सुपर हिट फिल्म 'सिंह इज़ किंग' की सीक्वल फिल्म नहीं। लेकिन, इस फिल्म में अक्षय कुमार फिर सिख किरदार में हैं।  अक्षय कुमार की सिख किरदार में फिल्म सिंह इज़ किंग सुपर हिट हुई थी।  क्या सिंह इज़ ब्लिंग भी बड़ी हिट फिल्म साबित होगी।  तब तो अक्षय कुमार तीन सौ करोड़ के अभिनेता तो यो ही बन जाते हैं।  

जेम्स बांड की स्पूफ थी 'ऑस्टिन पावर्स' सीरीज की फ़िल्में

अमेरिकी एक्शन-कॉमेडी फिल्म सीरीज 'ऑस्टिन पावर्स' की फ़िल्में हॉलीवुड के जासूसों जेम्स बांड, डेरेक फ्लिंट, जैसन किंग और मैट हेल्म फिल्मों की पैरोडी हुआ करती थी। इस  सीरीज में तीन फ़िल्में 'ऑस्टिन पावर्स: इंटरनेशनल मैन ऑफ़ मिस्ट्री', 'ऑस्टिन पावर्स: द स्पाई हु शैग्ड मी' और 'ऑस्टिन पावर्स इन गोल्ड मेंबर' बनाई गई। क्रमशः १९९७, १९९९ और २००२ में रिलीज़ यह फ़िल्में चिढ़ाने वाली और अपमानजनक कथानक वाली फ़िल्में थी।  इनमे सेक्स की ओवरडोज़ हुआ करती थी। इन फिल्मों का जासूस जेम्स बांड की तरह आकर्षक और खूबसूरत नहीं था। 'ऑस्टिन पावर्स' सीरीज की फिल्मों की कहानी विलेन डॉक्टर ईविल के सरकार या अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को ब्लैकमेल कर मोटी रकम की उगाही करने के इरादों के इर्दगिर्द घूमती थी, जिन्हे पावर्स नाकाम कर देती थी। इन फिल्मों के निर्माता, लेखक और एक्टर माइक मायर्स थे। तीनों फिल्मों में मुख्य किरदार कभी नहीं बदले।  आंद्रेआना विथ ने वेरियस डांसर्स, सेठ ग्रीन ने स्कॉट ईविलमिंडी स्टर्लिंग ने फ्राउ फर्बिसिना, रॉबर्ट वैगनर ने नंबर २ और माइकल यॉर्क ने बेसिल एक्सपोसिशन भूमिका की थी।  फिल्म के निर्माता और लेखक माइक मायर्स ने हीरो ऑस्टिन पावर्स और मुख्य विलेन डॉक्टर ईविल, दोनों की ही भूमिका की थी।  माइक मायर्स के दोनों ही भूमिकाएं करने की कहानी दिलचस्प है।  यह तो पहले ही तय था कि फिल्म के हीरो यानि जासूस ऑस्टिन पावर्स माइक मायर्स ही होंगे।  डॉक्टर ईविल का किरदार के लिए जिम कैर्री को साइन किया गया था।  उस दौरान जिम कैर्री 'लिएर् लिएर्' कर रहे थे।  इस फिल्म की रीशेड्यूलिंग हो गयी। जिम को 'ऑस्टिन पावर्स' की पहली फिल्म 'इंटरनेशनल मैन ऑफ़ मिस्ट्री' छोड़नी पड़ी।  जिम के जाने के बाद निर्माता माइक मायर्स ने फिल्म की रीकास्ट  करने के बजाय खुद विग लगा कर नायक और खलनायक को अंजाम दिया।  पहली फिल्म 'ऑस्टिन पावर्स: इंटरनेशनल मैन ऑफ़ मिस्ट्री' के निर्माण में १६.५ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  यह फिल्म २ मई १९९७ को रिलीज़ हुई।  फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ६७.६८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया।  दूसरी फिल्म 'ऑस्टिन पावर्स: द स्पाई हु शैग्ड मी' ११ जून १९९९ को रिलीज़ हुई।  ३३ मिलियन डॉलर के बजट में बनी फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ३१२ मिलियन डॉलर का बिज़नेस किया।  आखिरी फिल्म 'ऑस्टिन पावर्स इन गोल्ड मेंबर' का बजट बढ़ कर लगभग दोगुना यानि ६६ मिलियन डॉलर हो गया था।  २६ जुलाई २००२ को रिलीज़ इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड २९६.६५ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया।   



Tuesday, 29 September 2015

रॉबर्ट ज़ेमेकिस के प्रशंसक सर बेन किंग्सले

ब्रिटेन-भारतीय सहयोग से १९८२ में बनी रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' में महात्मा गांधी की भूमिका से सर बेन किंग्सले भारतीय दर्शकों द्वारा पहचाने जाने लगे। इस महान नेता के किरदार को बेहद संजीदा तरह से जीने  के लिए उन्हें ऑस्कर पुरूस्कार भी मिला था। इसके बाद बेन किंग्सले कई हॉलीवुड फिल्मों में नज़र आये। एचबीओ की फ़िल्म 'मर्डर अमंग अस' (१९८९)  में नाजी शिकारी साइमन विज़ंथल का उनका किरदार भी काफी लोकप्रिय हुआ। अब बेन किंग्सले रोबर्ट ज़ेमेकिस की महाकाव्य जैसी नयी 3डी फ़िल्म 'द वाक' में रुडोल्फ ओमनकोव्स्की उर्फ़ पापा रूडी का किरदार निभाते दिखेंगे । रूडी वह व्यक्ति है, जिसने फ्रेंच कलाकार फिल्लिप पेटिट को ऊँचे तारों पर चलना सिखाया था। फिलिप ने १९७४ में ट्विन टावर्स के बीच खींचे तार पर चल कर हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया । सर बेन किंग्सले ने अपने हाल ही के साक्षात्कार में अपने  इस फिल्म से जुड़ने के बारे में बताया,"मुझे इस किरदार को निभाने के लिए रोबर्ट ज़ेमेकिस ने आमंत्रण दिया था । उनका काम करने का एक अलग ही तरीका है। वह मुझे बहुत पसंद है। मैं हमेशा से ही उनका प्रशंसक था, लेकिन कभी उनके साथ काम करने का अवसर प्राप्त नहीं कर पाया था । जब मैंने इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा कि वाकई यह बेहद मजबूत तरीके से लिखी एक दमदार स्क्रिप्ट है । मैं महान पेटिट से पहले भी मिल चुका था, जब मैंने उनकी 'मैन ऑन वायर' देखी थी।" यहाँ बताते चले कि मैन ऑन वायर जॉन मार्श द्वारा २००८ में बनायीं गयी डॉक्यूमेंट्री है। जिसे २००९ में बेस्ट डाक्यूमेंट्री के लिए ऑस्कर भी मिला था । 'द वायर' सोनी पिक्चर्स इंडिया द्वारा ९ अक्टूबर को भारत में रिलीज की जा रही है। 

आशा भोंसले के बेटे का निधन

मशहूर गायिका आशा भोंसले के पुत्र हेमंत भोसले (६६ साल) रविवार की देर रात कैंसर से अपनी लम्बी लड़ाई हार गए।  इसके साथ ही ८२ साल की आशा भोंसले को ज़बरदस्त झटका लगा।  कुछ साल पहले ही उनकी बेटी वर्षा ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।  निश्चित रूप से हेमंत के यो चले जाने से बॉलीवुड को ख़ास फर्क नहीं पड़ा होगा। क्योंकि, पिछले १८ सालों से वह गुमनामी की ज़िन्दगी जीते हुए कैंसर और घरेलु परेशानियों से लड़ रहे थे।  आज जबकि हेमंत नहीं रहे, ऐसे समय में याद आती हैं, हेमंत भोंसले द्वारा संगीतबद्ध फ़िल्में।  हेमंत के संगीत से सजी अमोल पालेकर और ज़ाहिरा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'टैक्सी टैक्सी' रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में उनके गीतों 'हमें तो आज इस बात पर', 'लाई कहाँ हैं ज़िन्दगी' और 'जीवन में हमसफ़र' जैसे गीत लोकप्रिय हुए थे।  इन सभी गीतों को उनकी माँ आशा भोंसले और किशोर कुमार ने गाया था। लाइ कहाँ ज़िन्दगी में लता मंगेशकर और आशा भोंसले एक साथ गा रहे थे। हेमंत का करियर जमाने के लिए आशा भोंसले ने हरचंद कोशिश की थी।  लेकिन, उस दौर में राहुल देव बर्मन यानि पंचमदा के संगीत का नशा बॉलीवुड पर छाया हुआ था।  हेमंत भोंसले २ टीवी फिल्मों तेरी मेरी कहानी और धरती आकाश तथा हिंदी की ११ फिल्मों टैक्सी टैक्सी के अलावा दामाद, अनपढ़, नज़राना प्यार का, श्रद्धांजलि, बैरिस्टर, राजा जोगी, बच्चों का खेल, बंधन कच्चे धागों का, धरम शत्रु और आखिरी संघर्ष का संगीत देने के बाद इंडस्ट्री से बाहर हो गए।  आशा भोंसले की ज़िंदगी की यह त्रासदी है कि जब २०१२ में वह सिंगापुर में शो कर रही थी, तब उन्हें अपनी बेटी वर्षा के आत्महत्या कर लेने की खबर मिली थी। हेमंत की मौत की खबर भी उन्हें सिंगापुर के शो के दौरान ही मिली।

बॉक्स ऑफिस पर क्यों 'जवानी फिर नहीं आनी' !

आइये याद करते हैं २६ अगस्त २००५ को रिलीज़ अनीस बज़्मी निर्देशित फिल्म 'नो एंट्री' की। दो दोस्त किशन (अनिल कपूर) और शेखर (फरदीन खान) ।  किशन की बीवी काजल (लारा दत्ता) शक्की मिज़ाज़ है। वह हमेशा शक करती रहती है कि उसका पति बेवफा है।  जबकि किशन उसके प्रति ईमानदार है।  शेखर  एक खोजी पत्रकार संजना (सेलिना जेटली) से प्रेम करने लगता है। उधर इन दोनों का दोस्त है प्रेम यानि सलमान खान । वह पूजा (एषा देओल) से शादी शुदा है।  परन्तु यहाँ मामला उल्टा है।  प्रेम औरतबाज़ है।  जबकि पूजा उसे ईमानदार समझती है।  प्रेम किशन  को बेवफाई सिखाना चाहता है।  वह एक कॉल गर्ल बॉबी (बिपाशा बासु) को किशन को लुभाने के लिए तैयार करता है।  प्रेम देखना चाहता है कि किशन अपनी यह रिलेशनशिप छुपा सकता है या नहीं।  इस फिल्म में किरदारों की हेरफेर ने दर्शकों को खूब हंसाया था।
आइये इस कहानी में थोड़ा हेरफेर कर देते हैं।  दोस्त तीन नहीं चार हो जाते हैं। अपनी अपनी बीवियों से परेशान और डरे सैफ, शेख और परवेज़ तथा उनका तलाक़शुदा वकील दोस्त शेरी। शेरी से अपने दोस्तों की दशा देखीं नहीं जाती।  यह उन्हें ज़िंदगी का मज़ा दिलवाने के लिए बैंकाक ले जाता है।  मस्ती, ग्रैंड मस्ती, नो एंट्री, आदि न जाने कितनी हिंदी फिल्मों की घालमेल है इस कहानी में।  यह कहानी है एक पाकिस्तानी एडवेंचर कॉमेडी फिल्म 'यह जवानी फिर नहीं आनी' की। इस फिल्म को नदीम बेग ने निर्देशित किया है।  फिल्म के एक निर्माता हुमायु सईद फिल्म में सलमान खान वाला शेरी का किरदार कर रहे हैं। हम्ज़ा अली अब्बासी, वसै चौधरी और अहमद अली बट तीन दोस्तों की भूमिका में हैं।  इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रखा है। जवानी फिर नहीं आनी ईद वीकेंड में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर हॉलीवुड-बॉलीवुड फिल्मों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर डाला है।  हिंदुस्तानी बॉक्स ऑफिस के लिहाज़ से जवानी फिर नहीं आनी की सोमवार तक ९.८३ करोड़ की कमाई  जीरे जैसी लग सकती है।  लेकिन, इस कमाई से जवानी फिर नही आनी ने पाकिस्तान में फ्यूरियस ७, धूम ३, वेलकम बैक, आदि को पीछे धकेल दिया है। सबसे ज़्यादा बड़े वीकेंड का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के नाम था, जिसने ७.५ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन किया था। पाकिस्तानी की ऑन लाइन  ट्रेड मैगज़ीन बॉक्स ऑफिस डिटेल के अनुसार जवानी फिर नहीं आनी ने ७.८३ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन करके फ्यूरियस ७ से टॉप की जगह छीन ली है।  दिलचस्प तथ्य यह है कि सोमवार को भी इस फिल्म ने दो करोड़ के लगभग कलेक्शन किया था।  इस प्रकार से यह फिल्म लगातार चार दिन २ करोड़ का आंकड़ा छूने वाली फिल्म बन गई है।  इस फिल्म के सोमवार के कलेक्शन को देख कर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि फिल्म में लॉन्ग रन की क्षमता है।  अब केवल देखने वाली बात यही है कि क्या जवानी फिर नहीं आनी २५.०५ करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन कर पाएगी! जी हाँ, पाकिस्तान की सरजमीं पर सबसे ज़्यादा कमाई करने का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के खाते में ही दर्ज़ है।  

फिल्म 31st अक्टूबर में सोहा में नज़र आई शर्मीला टैगोर की झलक

निर्देशक  शिवाजी लोटन  पाटिल की आगामी फिल्म 31st  अक्टूबर जो १९८४ में  दो अंगरक्षकों द्वारा  इंदिरा गांधी की हत्या पर आधारित है , जिसने पूरी तरह से देश के राजनीतिक परिदृश्य को हिलाकर रख दिया है और जिसके  कारन   एक विशेष समुदाय के प्रति  हमेशा के लिए लोगो का नजरिया बदल कर रख दिया था इस फिल्म में  सोहा अली खान और  वीरदास अहम किरदार में नज़र आएंगे।
इस फिल्म में सोहा एक अलग अवतार में नज़र आएँगी ,  लोगो  को   सोहा  में उनकी  माँ शर्मीला टैगोर की भी झलक देखने मिलेगी। इस फिल्म में सोहा एक पंजाबी हाउस वाइफ का किरदार निभा रही है, इस फिल्म में सोहा रियल लाइफ किरदार को निभा रही है, दिलचस्प बात तो यह है की सोहा ने खुद अपने किरदार को स्टाइल किया है, सोहा चाहती थी की फिल्म में उनका लुक पूरी तरह वास्तविक दिखे , इसीलिए उन्होंने अपने लुक पर पूरी बारीकी से काम किया है.   
सूत्रों का कहना है की " जब सोहा को फिल्म की कहानी सुनाई गयी थी उसी समय उन्हें बताया गया था की इस फिल्म में उनका लुक बहुत ही साधारण होगा और न ही मेकअप का इस्तेमाल किया जायेगा, जिस गाव में सोहा फिल्म की शूटिं कर रही थी वह को लोग उन्हें साड़ी में देखना चाहते थे , लोग जो उन्हें डेक रहे थे उन्हें सोहा में उनकी माँ शर्मीला टैगोर की झलक दिखाई  दे रही थी."