सोनाक्षी सिन्हा की एआर मुरुगदॉस निर्देशित फिल्म 'अकीरा' के लिए कठोर ट्रेनिंग ले रही हैं। वह फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। खुद को रफ़ टफ बना रही हैं। यह फिल्म भी मुरुगदॉस की परंपरा में रीमेक फिल्म है। आमिर खान की फिल्म गजिनी और अक्षय कुमार की फिल्म हॉलिडे अ सोल्जर इज़ नेवर ऑफ़ ड्यूटी की तरह सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म अकीरा भी तमिल फिल्म 'मौन गुरु' का रीमेक हैं। इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा की भूमिका क्या है ? इसे जानना है तो तमिल फिल्म 'मौन गुरु' की कहानी दे रहा हूँ।
''मौन गुरु' कहानी है कॉलेज के छात्र करुणाकरन की। वह कभी भी समाज से एडजस्ट नहीं कर पाता। उसे हमेशा गलत समझा जाता है। इससे वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाता और किसी न किसी मुसीबत में फंस जाता है । उसके इस अनपेक्षित व्यवहार से उसका भाई और माँ हमेशा चिंतित रहते है। कई वारदातों के बाद उसे मदुरै छोड़ना पड़ता है और वह चेन्नई चला जाता है। वह चेन्नई में एक आर्ट्स कॉलेज में दाखिला ले लेता है और हॉस्टल में रहने लगता है। लेकिन, वह वहाँ भी मुसीबत में फंस जाता है। अब इस कहानी के सामानांतर एक दूसरी कहानी चल रही है। पुलिस के कुछ अफसर सहायक आयुक्त मरिमुथु, इंस्पेक्टर राजेंद्रन, सुब इंस्पेक्टर सेलवम और एक अन्य पुलिस कर्मी बैंगलोर से चेन्नई जा रहे हैं। रास्ते में एक कार का एक्सीडेंट होते देखते हैं। वह कार में बैठे घायल को, जो बैंगलोर के एक बिज़नेस टाइकून को बेटा है, हॉस्पिटल ले जाना चाहते हैं कि उनकी नज़र कार में पड़े करोड़ों रुपये के नोटों पर पड़ती हैं। उन के मन में लालच आ जाता है। वह अधमरे लडके को मार देते हैं और नोट बटोर का चेन्नई चले जाते हैं। इस केस को एक ईमानदार पुलिस अफसर पलानीअम्माल अपने हाथ में लेती हैं। अब होता क्या है कॉलेज हॉस्टल में रहा रहा करुणाकरन इस अपराध में फंसा दिया जाता है। क्या ईमानदार पुलिस अधिकारी पलानीअम्माल निर्दोष करुणाकरन को बचा पाएगी ? फिल्म का अंत बेहद रोमांचक तरीके से होता है। २०११ में रिलीज़ मौन गुरु सुपर हिट रही थी। फिल्म की हिन्दू जैसे अख़बार ने प्रशंसा की थी। यह स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसे तेलुगु और कन्नड़ में भी रीमेक किया गया। अब इसे हिंदी में बनाया जा रहा है।"
क्या आप बता सकते हैं कि फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा की भूमिका क्या है ?
''मौन गुरु' कहानी है कॉलेज के छात्र करुणाकरन की। वह कभी भी समाज से एडजस्ट नहीं कर पाता। उसे हमेशा गलत समझा जाता है। इससे वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाता और किसी न किसी मुसीबत में फंस जाता है । उसके इस अनपेक्षित व्यवहार से उसका भाई और माँ हमेशा चिंतित रहते है। कई वारदातों के बाद उसे मदुरै छोड़ना पड़ता है और वह चेन्नई चला जाता है। वह चेन्नई में एक आर्ट्स कॉलेज में दाखिला ले लेता है और हॉस्टल में रहने लगता है। लेकिन, वह वहाँ भी मुसीबत में फंस जाता है। अब इस कहानी के सामानांतर एक दूसरी कहानी चल रही है। पुलिस के कुछ अफसर सहायक आयुक्त मरिमुथु, इंस्पेक्टर राजेंद्रन, सुब इंस्पेक्टर सेलवम और एक अन्य पुलिस कर्मी बैंगलोर से चेन्नई जा रहे हैं। रास्ते में एक कार का एक्सीडेंट होते देखते हैं। वह कार में बैठे घायल को, जो बैंगलोर के एक बिज़नेस टाइकून को बेटा है, हॉस्पिटल ले जाना चाहते हैं कि उनकी नज़र कार में पड़े करोड़ों रुपये के नोटों पर पड़ती हैं। उन के मन में लालच आ जाता है। वह अधमरे लडके को मार देते हैं और नोट बटोर का चेन्नई चले जाते हैं। इस केस को एक ईमानदार पुलिस अफसर पलानीअम्माल अपने हाथ में लेती हैं। अब होता क्या है कॉलेज हॉस्टल में रहा रहा करुणाकरन इस अपराध में फंसा दिया जाता है। क्या ईमानदार पुलिस अधिकारी पलानीअम्माल निर्दोष करुणाकरन को बचा पाएगी ? फिल्म का अंत बेहद रोमांचक तरीके से होता है। २०११ में रिलीज़ मौन गुरु सुपर हिट रही थी। फिल्म की हिन्दू जैसे अख़बार ने प्रशंसा की थी। यह स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसे तेलुगु और कन्नड़ में भी रीमेक किया गया। अब इसे हिंदी में बनाया जा रहा है।"
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