Wednesday, 8 February 2017

द लॉस्ट सिटी ऑफ़ जेड : उस शहर में खो गए बाप-बेटे

हांल ही में अमेज़ॉन स्टूडियोज ने डेविड ग्रान के बेस्टसेलर उपन्यास द लॉस्ट सिटी ऑफ़ जेड के पटकथा रूपांतरण फिल्म का ट्रेलर पिछले दिनों रिलीज़ किया।  यह फिल्म कहानी है ब्रिटिश अन्वेषक पर्सी फॉसेट की, जो बीसवी सदी की शुरुआत में अमेज़ॉन  के जंगलों में कई सभ्यताओं के गुम होने के सबूत पाता है।  यह सभ्यता काफी उन्नत थी।  साथी वैज्ञानिक उसका मज़ाक उड़ाते हैं कि वह जंगली सभ्यता को उन्नत बता रहा है।  लेकिन, वह धुन का पक्का है।  इसमे उसके साथ हैं उसकी पत्नी, बेटा और उसका सहयोगी।  वह उनके साथ उन्नत सभ्यता की खोज में जंगल जाता रहता है।  परंतु, वह १९२५ में अपने बेटे के साथ अमेज़ॉन के जंगल में लापता हो जाता है।  इस कहानी पर फिल्म बनाने का सिलसिला कई सालों से चल रहा था।  पहले फिल्म के साथ ब्राड पिट और बेनेडिक्ट कम्बरबैच भी जुड़े हुए थे।  लेकिन बाद में सिर्फ ब्राड पिट रह गए, बतौर कार्यकारी निर्माता।  इस फिल्म का निर्देशन जेम्स ग्रे कर रहे हैं।  फिल्म में पर्सी फॉसेट का किरदार चार्ली हुन्नम, फॉसेट की पत्नी का किरदार सिएना मिलर, पुत्र की भूमिका टॉम हॉलैंड और सहयोगी की भूमिका में रॉबर्ट पैटिंसन हैं।

पेरिस में शूट होगी मिशन: इम्पॉसिबल ६

मशहूर स्पाई सीरीज मिशन: इम्पॉसिबल के छठे भाग की इन गर्मियों में पेरिस में शुरू हो जायेगी। वैसे अभी इस फिल्म के टाइटल को अंतिम रूप से तय नहीं किया गया है। पैरामाउंट पिक्चर्स की योजना इस फिल्म को २०१८ में रिलीज़ करने की है।  इस फिल्म में छठी बार सीरीज के जासूस ईथन हंट का किरदार टॉम क्रूज़ कर रहे होंगे।  २१ साल पहले मिशन: इम्पॉसिबल सीरीज की पहली फिल्म मिशन:इम्पॉसिबल २२ मई १९९६ को रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में पहली बार ३४ साल के टॉम क्रूज़ ने मिशन इम्पॉसिबल फाॅर्स के एजेंट ईथन हंट का किरदार किया था।  तबसे इस फिल्म के पांच भाग बन चुके हैं।   मिशन इम्पॉसिबल फिल्मों के निर्माण में ६५० मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं।  वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर मिशन इम्पॉसिबल फिमेन २.७७ बिलियन डॉलर का ग्रॉस कर चुकी है।  यह फिल्म सबसे ज़्यादा ग्रॉस करने वाली १८ वी फिल्म बन चुकी  है। फिल्म की ख़ास बात यह है कि फिल्म में टॉम क्रूज़ के अलावा विंग रह्मस ही ऐसे अभिनेता हैं, जो पांचो मिशन इम्पॉसिबल फिल्मों में नज़र आये।  छठी फिल्म में भी वह लूथर स्टिकवैल के किरदार में नज़र आएंगे।  इन दोनों के अलावा फिल्म में सिमोन पेग (बेंजी डन) तीसरी बार सीरीज में दिखाई देंगी।  फिल्म में रेबेका फर्गुसन  दूसरी बार इस्ला फॉस्ट के किरदार कर रही होंगी। मिशन: इम्पॉसिबल फिल्मों की खासियत यह रही है कि इन पांच फिल्मों को अलग अलग पांच डायरेक्टरो ने निर्देशित किया है।  मिशन: इम्पॉसिबल (१९९६) को ब्रायन डी पाल्मा, मिशन इम्पॉसिबल २ (२०००) को जॉन वू,  मिशन  इम्पॉसिबल ३ एईई(२०००) को जे जे अब्राम्स, मिशन इम्पॉसिबल :घोस्ट प्रोटोकोल को ब्राड बर्ड ने और मिशन इम्पॉसिबल: रोग नेशन (२०१५) को क्रिस्टोफर मैकक़्वैरी ने किया था।  परंतु टॉम क्रूज़ से अच्छे तालमेल के कारण क्रिस्टोफर को ही छठे मिशन इम्पॉसिबल का निर्देशन करने का मौक़ा मिला है।

Tuesday, 7 February 2017

भंसाली की फिल्म की वैश्या प्रियंका चोपड़ा

बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ग्लोबल स्टार बनने की ओर तेज़ कदम बढ़ा चुकी हैं।  बॉलीवुड फिल्मों में अपना दमखम दिखाने के बाद प्रियंका चोपड़ा ने हॉलीवुड की ओर कदम बढ़ाया था।  उनकी, इस दिशा में पहली बड़ी छलांग टीवी सीरीज क़्वान्टिको थी।  इस सीरीज में प्रियंका चोपड़ा ने एफबीआई एजेंट के किरदार में अमेरिकी दर्शकों को बेहद प्रभावित किया था।  इस सीरीज के दूसरे सीजन में प्रियंका चोपड़ा का होना इसका प्रमाण है।  इसी बीच प्रियंका चोपड़ा मशहूर टीवी सीरीज बेवॉच के फिल्म संस्करण के लिए साइन कर ली गई।  इस फिल्म में वह निगेटिव किरदार कर रही हैं।  जब ऐसा लग रहा था प्रियंका चोपड़ा अब हॉलीवुड की हो कर रह गई और उनके विदेश में घर खरीदने की अफवाह भी फैली, उसी समय प्रियंका चोपड़ा ने मुम्बई में खंडन करते हुए साफ़ किया कि वह हॉलीवुड के लिए बॉलीवुड छोड़ने नहीं जा रही।  पिछले साल दिसम्बर में प्रियंका ने बताया था कि वह कुछ हिंदी फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ रही हैं।  जल्द ही फिल्म का ऐलान हो जाएगा।  इसी समय यह खबर फैली कि प्रियंका चोपड़ा संजय लीला भंसाली की फिल्म में शाहरुख़ खान के अपोजिट काम करेंगी। यह फिल्म साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम के रोमांस पर बनने वाली है।  खबर थी कि गुस्ताखियां टाइटल वाली इस फिल्म में शाहरुख़ खान साहिर लुधियानवी और प्रियंका चोपड़ा अमृता प्रीतम का किरदार करेंगी।  मगर इस खबर की भंसाली के कैंप से न तो पुष्टि हुई, न खंडन ही किया गया।  उधर भंसाली के पद्मावती में रम जाने के कारण यह खबर ठंडी पड़ गई।लेकिन, अब एक बड़े अखबार की खबर है कि वैश्याओं और वैश्यालय में उनकी दशा पर एक किताब पर आधारित भंसाली की फिल्म में प्रियंका चोपड़ा एक वैश्या का किरदार करेंगी। यह एक दमदार कथानक वाली बोल्ड फिल्म है।  इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा को अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिलेगा। गोलियों की रास-लीला : राम-लीला, मैरी कॉम और बाजीराव मस्तानी के बाद प्रियंका चोपड़ा और संजय लीला भंसाली की जोड़ी की यह चौथी फिल्म है।  प्रियंका चोपड़ा, क़्वान्टिको की शूटिंग ख़त्म करने के बाद इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर देंगी। 

Monday, 6 February 2017

मुस्लिम हॉरर फिल्म में बांग्लादेश और पाकिस्तान के कलाकार

निर्माता जोड़ी इमरान गलानि और अली जी, लेखक फैसल सैफ की समीर खान के निर्देशन में फिल्म शैतान एक मुस्लिम हॉरर फिल्म बताई जा रही है।  इस फिल्म में बांगलादेश के अभिनेता निरब हुसैन और पाकिस्तानी अभिनेत्री मीरा के अलावा कविता राधेश्याम, आसिफ बसरा और अमिता नांगिया की भूमिका है।  शैतान को मुस्लिम हॉरर फिल्म क्यों बताया जा रहा है ? लेखक फैसल सैफ बताते हैं, "इसके पहले भी कई हॉरर फिल्में बन चुकी हैं। मगर, हम कुछ अलग लेकर आएं हैं। हमारी फिल्म की कहानी दो ऐसे प्रेमियों के इर्द गिर्द घूमती हैंजो मुसलमान कौम के दो अलग फिरकों शिया और सुन्नी से सम्बंधित हैं।  इस जोड़े को विवाह के बाद किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता हैखास कर तब जब एक फिरका दूसरे पर काला जादू कर उन्हें तमाम तकलीफो में डालता है।  यह जोड़ा कैसे संघर्ष कर अपनी मोहब्बत को बचा पाने में कामयाब होता हैंइस हॉरर फिल्म में इसे दिखाया गया है । पिछले दिनों इस फिल्म का संगीत रिलीज़ किया गया।

Saturday, 4 February 2017

दीपिका पादुकोण को लगा ज़ोर का झटका जोरों से

दीपिका पादुकोण पर बुरी बीती।  उन्हें ज़ोर के दो झटके पुरजोर तरीके से लगे हैं।  एक झटका विदेश में एक भारतीय से और दूसरा झटका देश में एक विदेशी से।  इंटरनेशनल स्टार बनने के लिए बेताब दीपिका पादुकोण के लिए यह सचमुच बेहद ज़बरदस्त आघात है।  दीपिका पादुकोण ने २०१३ में विन डीजल की फिल्म फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ७ को संजय लीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रास लीला : राम-लीला के लिए इनकार कर दिया था।  बाद में राम-लीला सुपर हिट साबित हुई।  इसलिए दीपिका का यह फैसला सराहनीय साबित हुआ।  लेकिन कहीं न कहीं दीपिका पादुकोण को फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की फिल्म खोने का सदमा था। उधर बॉलीवुड में उनकी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका चोपड़ा हॉलीवुड में कुलाचें भर रही थी।  इसीलिए जब विन डीजल ने अपनी ट्रिपल एक्स सीरीज की तीसरी फिल्म रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज का ऑफर दिया, दीपिका ने फिल्म को तुरंत हाँ बोल दी।  दीपिका को उम्मीद थी कि रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज बॉलीवुड में उनका क्रेज बना देगी।  इसीलिए, दीपिका पादुकोण ने विन डीजल के साथ फिल्म का जम कर प्रचार किया। परंतु, भारतीय मूल के निर्देशक एम नाईट श्यामलन की हॉरर थ्रिलर फिल्म स्प्लिट ने जेंडर केज की वापसी को जोर का झटका दिया।  बजट के लिहाज़ से जेम्स मेकॉय और अन्या टेलर जॉय की फिल्म स्प्लिट का ९ मिलियन डॉलर का बजट विन डीजल, दीपिका पादुकोण, डॉनी येन, सैमुएल एल जैक्सन और टोनी जा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज के ८५ मिलियन डॉलर के मुक़ाबले बेहद मामूली था।  जहाँ दीपिका पादुकोण की फिल्म ३६५१ थिएटरो में रिलीज़ हुई थी, वहीँ श्यामलन की फिल्म ३०३८ थिएटरो में रिलीज़ हुई थी।  इसके बावजूद बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखाया स्प्लिट ने।  इस फिल्म ने ४० मिलियन डॉलर का ओपनिंग वीकेंड निकाल कर, सिर्फ २० मिलियन डॉलर की ओपनिंग वीकेंड लेने वाली दीपिका की फिल्म को काफी पीछे धकेल किया।  इसके साथ ही हॉलीवुड में सिक्का जमाने के दीपिका के सपनों को दूसरा जोर का झटका लगा।  यहाँ दिलचस्प तथ्य यह है कि स्प्लिट के हीरो जेम्स मेकॉय और रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज के हीरो विन डीजल दोनों ही गंजे हैं।  जी हाँ, दीपिका पादुकोण को पहला जोर का झटका देश में लगा था।  लेकिन वह इसे पचा ले गई थी।  इस बात का जोरदार प्रचार नहीं हुआ।  पिछले साल मशहूर ईरानी फिल्म निर्देशक माजिद माजिदी अपनी पहली इंग्लिश फिल्म फ्लोटिंग गार्डन्स की शूटिंग मुम्बई में कर रहे थे।  इसके एक मुख्य चरित्र के लिए माजिद ने दीपिका पादुकोण का स्क्रीन टेस्ट लिया।  इस स्क्रीन टेस्ट की सारा दिन शूटिंग मुम्बई के धोबी घाट में हुई।  बिना मेकअप के सलवार-कुरता पहने दीपिका पादुकोण पहचान में नहीं आ रही थी।  दीपिका  पादुकोण को पूरी उम्मीद  थी कि  उन्हें माजिद माजिदी की फिल्म में मौक़ा मिलेगा।  लेकिन,  जिस दौरान दीपिका पादुकोण अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म में प्रचार में जुटी हुई थी, माजिद माजिदी ने उन्हें रिजेक्ट कर पहला जोरदार झटका दिया।  अब यह बात दीगर है कि दीपिका पादुकोण कहती फिर रही हैं कि माजिदी को ज़्यादा परिपक्व चेहरे की तलाश थी।

चीन की दीवार पर द ग्रेट वाल

चीन की दीवार के निर्माण के रहस्य के इर्द गिर्द घूमती द ग्रेट वाल एक्शन और एडवेंचर से भरपूर ऐतिहासिक महाकाव्य गाथा है।   ब्लैक पाउडर की खोज में निकले यूरोप के भाड़े के हत्यारे गिरोह के सदस्य खिटन डाकुओं के गिरोह द्वारा बंदी बना लिए जाते हैं।  इनमे से जान बचा कर भागे कुछ लोग एक गुफा में शरण लेते हैं।  जहाँ उन पर एक दैत्य हमला कर देता।  इस हमले में केवल दो लोग बचते हैं।  वह लोग राक्षस का हाथ काट देते हैं।  अब यह लोग राक्षस का हाथ लेकर चीन की ग्रेट वाल के पास पहुंचते हैं तो उन्हें सैनिक बंदी बना लेते हैं।  इसके बाद राक्षसों के झुंड के हमले का रोमांच फिल्म को अपनी गिरफ्त में ले लेता है।  फिल्म का  निर्देशन चीनी डायरेक्टर झांग इमौ कर रहे हैं।  फिल्म में मैट डैमन, जिंग टीएन, पेड्रो पास्कल, विलेम डैफो, एंडी लाउ और एड़ी पेंग मुख्य भूमिका में हैं।  यह फिल्म चीन में पिछले साल १५ दिसम्बर को रिलीज़ हो चुकी है।  अमेरिका और भारत में इस फिल्म के १७ फरवरी को रिलीज़ होने की उम्मीद है।  फिल्म के निर्माण में १५० मिलियन डॉलर खर्च किये गए हैं।  यह फिल्म अब तक २११.२ मिलियन डॉलर का बिज़नस कर चुकी है।  

Friday, 3 February 2017

फिटनेस के लिए सायकल पर अमित साध

इस समय अमित साध के पास बहुत काम है। पिछले वर्ष इस प्रतिभाशाली अभिनेता की फिल्म सुल्तान को बहुत बड़ी कामयाबी मिली थी। इस फिल्म के लिए अमित साध को काफी सराहा गया है और इस वर्ष वे राम गोपाल वर्मा की सरकार ३ , रनिंग शादी डॉट कॉम तथा दिग्मांशु धुलिया की आगमी फिल्म और वेब सीरीज में नजर आने वाले है। अमित साध फ़िटनेस पर ध्यान देते हैं और कड़ाई से अपने व्यायाम और शीर्षासन ​करते है। ​वे रोज सायकल चलाते है तथा इसे फिटनेस का नया मंत्र मानते है। मौजूद समय में वह​ ​रनिंग शादी डॉट कॉम का प्रमोशन करने के साथ साथ एक वेब श्रृंखला के लिए शूटिंग ​भी कर रहे है।  इस कारण ​अमित​ को ​ जिम जाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है।  इसलिए ​उन्होंने यह फैसला किया है कि अपने घर ​से सेट ​पर और सेट से वापस घर जाने-आने के लिए ​सायकल का इस्तेमाल करेंगे । ​अमित साध को एडवेन्चर पसन्द है। वे अक्सर बाइक ट्रिप्स पर जाते है और वे देश भर में अपने टू व्हीलर पर भी घूमते है। ​

विवेक ओबेरॉय दस हजार ट्रैफिक पुलिस को बाटेंगें मास्क

अभिनेता विवेक ओबेराय हमेशा किसी ना किसी तरह से समाजसेवी कामों से जुडते रहतें हैं और समाजसेवी कामों में योगदान देने की कोशीश करतें रहतें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए के लिए विवेक तंबाकू विरोधी प्रवक्ता के रूप में कार्य करतें है। साथ ही, एक दशक से ज्यादा वक्त से कैंसर पेंशंट्स एड असोसिएशन (सीपीएए) से जुडे हैं। वन फाउंडेशन और जीएआयएल(गैस अथेरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के सहयोग से बनी हुई  हवा बदलों इस शॉर्ट फिल्म के जरीयें वायु प्रदुषण के सामाजिक जागरूकता अभियान के लिए वह काम कर रहें हैं। सामाजिक संदेश को घर-घर पहूँचाने के लिए विवेक ओबेरॉय के वन फाउंडेशन ने एक दिल को छुनेवाला विडियों बनाया हैं।  जो ट्रैफिक पुलिस के प्रति रहें हमारे बर्ताव पर सवाल उठाता हैं। विवेक ओबेरॉय दस हजार ट्रैफिक पुलिस को मास्क बाटनेवाले हैं। विवेक कहतें हैं, ट्रैफिक पुलिस को हमारा सलाम। वह अपनी जान जोखीम में डालकर अपनी रक्षा करतें हैं। यह एक छोटी पहल हैं। मैं लोगों को अनुरोध करूँगा की, आगे आकर हवा बदलो इस हमारे कैंम्पेन में जुडे और इस समासेवी काम में हाथ बटांयें।जीएआयएल(भारत) लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री.बी.सी. त्रिपाठी कहतें हैं, पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदुषण का खता बढ रहा हैं। सांस की बीमारियों के बढ़ते मामलों के म्देनजर अब यह जरूरी हैं, की, हम भविष्य की ओर एक सुधारात्मक रास्ता चुने । हमारे दैनिक विकल्प हमारे को प्रभावित करते हैं। हवा बदलने की दिशा की ओर बढतें हुए प्राकृतिक गैस जैसे स्वच्छ ईंधन को चुनना हमारा पहला कदम हैं। गेल (इंडिया) लिमिटेड हवा बदलों इस सामाजिक काम में सहयोग करते वक्त काफी खुश हैं

Wednesday, 1 February 2017

युद्ध की पृष्ठभूमि में रोमांच भी रोमांस भी

पिछले महीने रिलीज़ दो फ़िल्में ख़ास थी।  इन फिल्मों में रोमांच भी था और रोमांस भी।  लेकिन, इनमे ख़ास यह था कि यह दोनों फ़िल्में युद्ध फ़िल्में थी।  १७ फरवरी को रिलीज़ निर्देशक संकल्प रेड्डी की फिल्म द गाज़ी अटैक १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध की पृष्ठभूमि पर थी ।  इस युद्ध के दौरान भारतीय नौ सैनिकों ने पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाज़ी को डुबो दिया था।  इस युद्ध में भारतीय सेना की पनडुब्बी एस २१ की पूरी टीम १८ दिनों तक समुद्र के अंदर रही थी।  इस एक्शन थ्रिलर फिल्म में भारतीय नौसेना की इसी जांबाज़ी को दिखाया गया था।  दूसरी फिल्म विशाल भारद्वाज की रंगून के द्वितीय युद्ध की पृष्ठभूमि पर रोमांस था।  यह एक प्रेम त्रिकोण फिल्म थी।  जितना युद्ध कर रोमांच था, उतना ही कंगना रनौत, शाहिद कपूर और सैफ अली खान के बीच का गर्मागर्म रोमांस भी था।
चीन के साथ युद्ध की हकीकत
द गाज़ी अटैक को देखते समय दर्शकों को हिंदुस्तान की पहली खालिस युद्ध फिल्म हकीकत की याद आ जाएगी।  जहाँ द गाज़ी अटैक हिंदुस्तानी सेना के पराक्रम की धड़कने तेज़ कर देने वाली कहानी है, वहीँ चेतन आनंद की फिल्म हकीकत हिंदुस्तानी सैनिकों दिलेरी, पराक्रम और देश पर मर मिटने की जज़्बे का बयान करती थी।  दरअसल, हकीकत चीन के साथ भारत के १९६२ में हुए युद्ध की कहानी थी। इस युद्ध में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध ने भारतीय सेना की कमज़ोरियां, सैन्य व्यूह रचना में कमियों और रसद आदि पहुंचाने में हुई कठिनाइयों को साफ़ कर दिया था।  हकीकत में इस बेहद भावुक और जोशीले तरीके से दिखलाया था।  मदन मोहन का संगीत देश भक्ति पैदा करने वाला था।  अपनी कथ्यात्मक ईमानदारी, श्रेष्ठ अभिनय और स्वाभाविक चित्रण के कारण इस फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी।  हकीकत को बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।  इस फिल्म ने बॉलीवुड में देश भक्ति की फ़िल्में बनाने का रास्ता खोल दिया।
युद्ध की पृष्ठभूमि पर कल्पनाओं के घोड़े 

बावजूद इसके कि हकीकत को दर्शकों का साथ मिला था, बॉलीवुड ने विशुद्ध युद्ध फ़िल्में बनाने की बहुत ज़्यादा कोशिशें नहीं की।  जहाँ तक युद्ध की पृष्ठभूमि पर रोमांस भरने की बात है, बॉलीवुड ने इसे १९६४ से पहले भी किया और बाद में भी।  देवानंद की दोहरी भूमिका वाली फिल्म हम दोनों में युद्ध में गए हमशक्ल सैनिकों में से एक के लापता हो जाने और दूसरे के वापस होने पर लापता सैनिक की पत्नी द्वारा उसे अपना पति समझने तथा इसके फलस्वरूप उसके प्रेमिका के साथ गलतफहमी उपजने का चित्रण हुआ था। हकीकत बनाने वाले चेतन आनंद के भाई विजय आनंद ने इस फिल्म का अमरजीत के साथ निर्देशन किया था।  फिल्म एक
मुसाफिर एक हसीना (१९६२) में कश्मीर में उपजे रोमांस की पृष्ठभूमि में कबाइलियों के साथ भारतीय सेना का युद्ध था।  इस फिल्म का निर्देशन राज खोसला ने किया था। निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर ने १९७२ में अतीत की ओर लंबी  छलांग भरी।  उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बर्मा पर जापान के आक्रमण का सामना करने वाले इंडियन रॉयल आर्मी की भूमिका को  राजेंद्र कुमार, माला सिन्हा और धर्मेन्द्र के प्रेम त्रिकोण में गूंथ दिया था।  यह संगीतमय फिल्म ज़बरदस्त हिट हुई थी।  १९७५ में रिलीज़ फिल्म आक्रमण और २००४ में रिलीज़ अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों की कहानी भी कुछ ऎसी ही थी।  देव आनंद निर्देशित फिल्म प्रेम पुजारी (१९७०) एक पूर्व सैनिक के डरपोक भगोड़े सैनिक पुत्र (देवानंद) की कहानी थी।
युद्ध फिल्मों की असफलता 

जिस किसी फिल्म में थोड़ा युद्ध और ज़्यादा रोमांस रहा, संगीत का घालमेल थी, वह फिल्म हिट हुई।  लेकिन, विशुद्ध युद्ध फ़िल्म के नाम पर बनी तमाम हिंदी फ़िल्में असफल हुई।  चेतन आनंद ने हकीकत के बाद १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध में हुए आपरेशन कैक्टस लिली पर फिल्म हिंदुस्तान की कसम का निर्माण किया था।  लेकिन, यह फिल्म असफल हुई।  गोविद निहलानी की फिल्म विजेता का नायक इंडियन एयरफोर्स का फाइटर  पायलट था।  इस फिल्म में भारतीय वायु सेना के कई लड़ाकू जहाजों, हेलीकाप्टर और हथियारों का रियल चित्रण  हुआ था।  लेकिन यह फिल्म फ्लॉप हुई।  मणि  शंकर की फिल्म टैंगो चार्ली एंटी-वॉर फिल्म होने के बावजूद दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सकी।  इसी प्रकार से कारगिल युद्ध पर फरहान अख्तर की फिल्म लक्ष्य भी दर्शकों के दिलों को भेद नहीं पाई।
क्या युद्ध के बहाने एंटी पाकिस्तान इमोशन 

चीन से इकलौते युद्ध के बाद भारत ने पाकिस्तान से तीन तीन युद्ध किये।  शुरूआती हिंदी फिल्मों को छोड़ दे तो ज़्यादातर हिंदी फिल्मों में युद्ध में दुश्मन पाकिस्तान ही था।  अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, आक्रमण, हिंदुस्तान की कसम, मेजर साहब, विजेता, दीवार : लेटस ब्रिंग आवर हीरोज होम, लक्ष्य, मिशन कश्मीर, बॉर्डर, एलओसी कारगिल, परम वीर चक्र, आदि फिल्मों में पाकिस्तान से भारत के युद्ध का चित्रण ही हुआ था।  इन तमाम फिल्मों में पाकिस्तान को खुले आम ललकारा और गरियाया गया था।  ख़ास तौर पर सनी देओल की फिल्म बॉर्डर तो जोशीले एंटी पाकिस्तान संवादों के कारण सुपर हिट हो गई।
कारगिल युद्ध को सफलता नहीं 

कारगिल युद्ध के बाद भारतीय जनता पार्टी को हुए लोक सभा चुनावों में बढ़िया सफलता मिली थी।  अटल बिहारी वाजपई के नेतृत्व में सरकार भी बनी। लेकिन, रूपहले परदे पर दर्शकों को  कारगिल युद्ध रास नहीं आया।   लेकिन, हिंदी फिल्म  दर्शकों को कारगिल युद्ध रास नहीं आया।  बॉलीवुड  के दर्जनों बड़े अभिनेताओं की मुख्य भूमिका   वाली फिल्म एलओसी कारगिल बॉक्स  ऑफिस पर  कुछ ख़ास नहीं कर सकी।  फरहान अख्तर की कारगिल युद्ध पर फिल्म लक्ष्य युद्ध की हकीकत के काफी करीब होने के बावजूद दर्शकों को छू नहीं सकी तो इसलिए कि इसमे पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अख्तियार किया गया था।  बॉक्स ऑफिस पर असफल फिल्म टैंगो चार्ली  में भी कारगिल युद्ध का ज़िक्र था।
सैन्य पृष्ठभूमि पर कुछ अच्छी फ़िल्में '
कुछ हिंदी फिल्मकारों ने खालिस युद्ध पर तो नहीं लेकिन सैन्य पृष्ठभूमि वाली भिन्न पहलुओं पर फ़िल्में बनाने की कोशिश की।  इन फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर बहुत  सफलता न भी मिली हो, लेकिन प्रशंसा खूब मिली।  लेखक-निर्देशक अशोक कॉल की फिल्म परम वीर चक्र नेशनल डिफेंस अकादमी के तीन कैडेटों की थी जो एक ही लड़की से प्यार करते थे।  लेकिन, देश की बात आने पर वह प्रेम का बलिदान कर देने वाले थे।   अमृत सागर की फिल्म १९७१ पाकिस्तान द्वारा युद्ध बंदी बना लिए गए छह सैनिकों की कहानी थी।   समर खान की फिल्म शौर्य में एक मुस्लिम  सैनिक के कोर्ट मार्शल का चित्रण था, जो अपने सीनियर को शूट कर देता है।  नाना पाटेकर की फिल्म प्रहार: द फाइनल अटैक भारतीय सैनिक के लिए परिवार से पहले देश होता है का सन्देश देती थी।
अतीत के युद्ध में प्रेम 
हिंदी फिल्मकार अब पुराने युद्धों की पृष्ठभूमि पर प्रेम की बुनियाद रख रहे हैं।  द गाज़ी अटैक से भिन्न शैली में बनाई जा रही दो फ़िल्में ख़ास हैं।  विशाल भरद्वाज की फिल्म रंगून की द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर सैफ अली खान, कंगना रनौत और शाहिद कपूर का गर्मागर्म चुम्बनों का रोमांस देखने के बाद  दर्शकों को दो अन्य फ़िल्में भी युद्ध की पृष्ठभूमि पर ही देखने को मिलेंगी।   कबीर खान की फिल्म ट्यूबलाइट में भारत चीन युद्ध हैं।  इस युद्ध के बीच खिलेगा  इंडियन आर्मी अफसर का एक चीनी लड़की के साथ प्रेम का फूल।  बेबी (२०१५) के शिवम् नायर निर्देशित प्रीकुएल फिल्म नाम शबाना एक लड़की शबाना के अंडर कवर एजेंट बनने का चित्रण हुआ है।


Tuesday, 31 January 2017

मल्लिका शेरावत बनेंगी ज़ीनत

बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री मल्लिका शेरावत हॉलीवुड फिल्मों के लिए पिछले दो सालों से देश-विदेश भटक रही थी। हिंदी फिल्मो में भी मल्लिका ने आइटम सांग्स ही किये। बतौर नायिका उनकी पिछली हिंदी फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स २०१५ में रिलीज़ हुई थी।  उनकी एक चीनी फिल्म टाइम रेडर्स का किसी ने नाम तक नहीं सुना।  हार कर उन्होंने फिर से बॉलीवुड का रुख किया है।  उन्हें काम पाने में सफलता भी मिली है।  डायरेक्टर सन्देश बी नायक की फिल्म ज़ीनत की वह ज़ीनत हैं।  यह संबंधों पर आधारित एक सोशल ड्रामा फिल्म है।  इस फिल्म के बारे में बताते हुए ज़ीनत यानि मल्लिका शेरावत कहती हैं, "ज़ीनत की स्क्रिप्ट बिलकुल वैसी ही है, जैसी स्क्रिप्ट वाली किसी फिल्म में मैं काम करना चाहती थी।  मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे ऎसी फिल्म में अभिनय करने का मौक़ा मिल रहा है जो कमर्शियल होने के साथ साथ  समाज के बड़े वर्ग के लिए संदेशात्मक भी है।  मैंने इससे पहले ऐसी कोई भूमिका नहीं की है। " ज़ीनत एक सितारा बहुल फिल्म है।  इस फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरू की जाएगी।  इस फिल्म को २०१७ के अंत में रिलीज़ किये जाने की योजना है।

Monday, 30 January 2017

सोनाक्षी सिन्हा बनना चाहती हैं बॉलीवुड मिला जोवोविच

बॉलीवुड पर रेजिडेंट ईविल के फाइनल चैप्टर का बुखार चढ़ चूका है। हॉलीवुड करैक्टर ऐलिस के रूप में ज़ॉम्बीज़ का नाश करने वाली फिल्म रेजिडेंट ईविल : द फाइनल चैप्टर की नायिका मिला जोवोविच हिंदी फिल्मों की नायिकाओं के आकर्षण का केंद्र हैं।  पॉल डब्लू एंडरसन निर्देशित रेजिडेंट ईविल सीरीज की इस छठवीं कड़ी मिला जोवोविच उन पर हमला करने के लिए पीछे दौड़ रहे ज़ॉम्बीज़ पर पलटवार करती हैं। बताया जा रहा है कि रेसिडेंट ईविल की यह आखिरी कड़ी होगी।  इस फिल्म की अनुभूति पर सोनी पिक्चर्स ने भारत में वर्चुअल रियलिटी इमर्सिव गेमिंग एक्सपीरियंस लांच किया है। इस एक्सपीरियंस को देख रहा हरेक शख्स मानवता को ज़ॉम्बीज़ से बचाने के लिए ऐलिस की लड़ाई को वास्तविक रूप में समझ सकेगा।  इस द रोड टू रैकून सिटी के डब संस्करण में फिल्म के कंपा देने वाले एक्शन और रोमांच को अनुभव करने के लिए बॉलीवुड की अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा पहली दर्शक बनी। वह वीआर गिलास आँखों पर चढ़ाए और गेम के कंपन से बचाने के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट पहने ऐलिस के किरदार में पहुंची थी।  उनके हाथों में ऐलिस वाली बन्दूक भी थी।  वह स्क्रीन पर दौड़ रहे ज़ॉम्बीज़ को अपने हाथ की बन्दूक से शूट भी करती जा रही थी।  इस एक्सपीरियंस के बाद बेहद खुश दिखाई दे रही सोनाक्षी सिन्हा ने एक्शन फिल्मों और वीडियो गेम्स के प्रति अपने प्यार को जताते हुए कहा, "अगर रेसिडेंट ईविल का भारतीय रीमेक बनाया जाता आई तो मैं मिला जोवोविच के किरदार को करना चाहती हूँ ।" इसमें कोई शक़ नहीं कि सोनाक्षी सिन्हा ऐलिस के किरदार में फबेंगी।  अपनी अकीरा और फाॅर्स २ जैसी फिल्मों से उन्होंने इसे साबित भी किया है।  रेसिडेंट ईविल : द फाइनल चैप्टर ३ फरवरी को रिलीज़ हो रही है। 

Thursday, 26 January 2017

कोलाइड : डकैती में सब गड़बड़ हो गई

निर्देशक एरन क्रीव्य की एक्शन थ्रिलर फिल्म कोलाइड एक डकैती की पृष्ठभूमि पर है।  एक डकैती के दौरान सब कुछ गड़बड़ हो जाता है।  अब कैसी स्टीन को हजन के हत्यारे गैंग से बच कर भागना पड़ रहा है।  वह कोलोन के हाईवे पर सरपट भगा जा रहा है। कैसी ने यह डकैती अपनी प्रेमिका जूलिएट की जान को बचाने के लिए डाली है।  जबकि, अब उसकी जान के ही लाले पड़ गए हैं। ; उसे अपनी प्रेमिका की जान के साथ साथ खुद को भी बचाना है।  फिल्म में कैसी स्टीन की भूमिका निकोलस होउटे, प्रेमिका जूलिएट मार्ने  की भूमिका फ़ेलिसिटी जोंस कर रही हैं।  जबकि, गैंग लीडर हजन कहल अन्थोनी होपकिन्स तथा बेन किंग्सले गरेन बने हैं। ; यहाँ बताते चलें कि अन्थोनी होपकिन्स ने द साइलेंस ऑफ़ द लैम्ब्स और बेन किंग्सले ने गांधी के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर अवार्ड जीत है।  फ़ेलिसिटी जोंस  २०१४ में द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग के लिए नॉमिनेट हुई थी।  कोलाइड इंग्लिश और जर्मन भाषा में बनाई गई है।  इस फिल्म का निर्देशन करने वाले एरन क्रीव्य की फिल्म वेलकम टू द पंच को काफी पसंद किया गया था।  कोलाइड के निर्माण में २९.२ मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं।  यह फिल्म २४ फरवरी को रिलीज़ होगी। 

सात घंटों के ऑडिशन के बाद देव पटेल को मिली थी 'लायन'

डैनी बॉयल की ऑस्कर विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' से अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले १७ वर्षीय देव पटेल, अब ९ साल बाद फिर एक बिल्कुल ही अलग तरह के रोल के साथ दुनिया को चौंकाने वाले हैं। गार्थ डेविस द्वारा निर्देशित 'लायनएक आत्मकथात्मक फ़िल्म है। यह फिल्म कलकत्ता में अपने पैर्रेंट्स से बिछुड़ गए सारू की कहानी है, जो बड़ा होने पर अपनी पहचान पाने के लिए निकल पड़ता है। इस फिल्म में निकोल किडमन और रूनी मारा के अलावा देव पटेल के साथ कई भारतीय और हॉलीवुड के सितारे काम कर रहे हैं । यह फ़िल्म सारू ब्रियरली द्वारा लिखी गई आत्मकथा उपन्यास, 'अ लॉन्ग वे होम' पर आधारित है। सारू के रोल के लिए खुद को साबित करने के लिए देव पटेल को कई घंटों के पीड़ादायी रिहर्सल्स से गुजरना पड़ा कि देव भावनात्मक तरीक़े से तैयार किए गए व्यक्तित्व को परदे पर निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।  इस प्रकार से देव पटेल ने ७ घंटे तक ऑडिशन करवा कर गार्थ डेविस को राजी करने में सफलता हासिल की। 


Wednesday, 25 January 2017

फ़िल्में हिट कराने का कामयाब फार्मूला नहीं हैं आइटम सांग्स


आज रिलीज़ होने जा रही दो फिल्मों रईस और काबिल, अपने बड़े नायकों शाहरुख़ खान और हृथिक रोशन के बावजूद, अपने आइटम सांग्स के कारण चर्चित हो रही हैं। ख़ास बात यह है कि दोनों ही फिल्मों के गीत पुरानी फिल्मों के गीतों के रीमिक्स है।  रईस में लैला ओ लैला के रीमिक्स वर्शन पर सनी लियॉन डांस कर रही हैं। यह गीत १९८० में रिलीज़ फ़िरोज़ खान की फिल्म क़ुरबानी के नाज़िया हसन के गाये और ज़ीनत अमान पर फिल्माए गए गीत का रीमिक्स वर्शन है।  राम संपत के रीमिक्स को पावनी पाण्डेय ने गाया है।  काबिल का आइटम सांग सारा ज़माना अभिनेत्री उर्वशी रौतेला पर फिल्माया गया है।  यह गीत १९८१ की फिल्म याराना का कल्याणजी आनंदजी का संगीतबद्ध गीत है।  इस अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था।  उर्वशी के आइटम सांग को रफ़्तार और पायल देव ने रीमिक्स किया है।  हालाँकि, शाहरुख़ खान और हृथिक रोशन अपनी अपनी फिल्मों की सफलता को लेकर निश्चिन्त है।  लेकिन, यह सोचे जाने के कारण है कि अगर सफलता सुनिश्चित थी तो रईस और काबिल में आइटम सांग्स क्यों ? क्या आइटम सांग किसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बेच ले जाते हैं या इनिशियल दिलवा पाते हैं ? भारतीय सिनेमा के इतिहास के आइटम गीतों पर नज़र डालें तो कभी कभी आइटम सांग सफलता की गारंटी नहीं साबित होते।
क्या आइटम सांग गर्ल थी वैजयंतीमाला !
इसमें कोई शक़ नहीं कि आइटम सांग दर्शकों को फिल्म की ओर आकर्षित करने के लिए रखे जाते हैं।  काफी फ़िल्में उदाहरण हैं, जिन्हें आइटम सांग की वजह से शुरुआती कामयाबी मिली और कई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब भी हुई।  लेकिन, यह तय है कि हर आइटम सांग किसी फिल्म को कामयाब क्या इनिशियल तक नहीं दिला सकता।  वैसे आइटम सांग्स को मनोरंजन के लिए ही समझा जाना चाहिए। इन गीतों को किसी फिल्म को हिट कराने का ज़िम्मा सौंपना ठीक नहीं।  फिल्म की तरफ दर्शकों को आकर्षित करने के लिहाज़ से कर्णप्रिय संगीत वाले झुमा देने वाले गीतों का चलन पचास के दशक में भी था।  फिल्म आर पर (१९५४) में शकीला पर फिल्माया गया बाबूजी धीरे चलना गीत, शायद ऐसा पहला प्रयास था।  उस दौर में अभिनेत्री वैजयंतीमाला पर काफी आइटम टाइप गीत फिल्माए गए।  इनमे नागिन का मेरा मन डोले, देवदास का जिसे तू कबूल कर ले, साधना का कहो जी तुम क्या क्या खरीदोगे, मधुमति का चढ़ गयो पापी बिछुवा, आदि गीत उन पर ख़ास तौर पर फिल्माए गए थे।  उस दौर में कुककू, हेलेन, मधुमति, आदि बतौर डांसर ही मशहूर हुई।  इन पर फिल्माए गए लगभग हर गीत पॉपुलर हुए।
राजकपूर को भी आइटम सांग की दरकार
वैजयंतीमाला अच्छी डांसर थी।  उन पर कैची नंबर्स पर डांस कराने का चलन सा बन गया था।   हालाँकि, इनकी मुख्य भूमिका वाली फिल्मों में दूसरी पेशेवर डांसर अभिनेत्रियां हुआ करती थी। फिल्म प्रिंस  में मुक़ाबला हमसे न करो गीत हेलेन के साथ वैजयंतीमाला के मुक़ाबले के कारण ख़ास बन गया था। परंतु, वैजयंतीमाला और शम्मी कपूर जैसे बड़े सितारों से सजी यह फिल्म फ्लॉप हुई थी। राजकपूर ने अपनी फिल्म संगम में वैजयंतीमाला पर कैबरेनुमा डांस नंबर मैं का करू राम मुझे बुड्ढा मिला गया फिल्मा कर कुछ ज़्यादा दर्शक बटोर पाने में सफलता हासिल की।  साठ और सत्तर के दशक में हेलेन तेज़ रफ़्तार और पाश्चात्य धुनों से सजे कैबरे या डांस प्रकार के गीतों के लिये याद की जाती हैं।  अस्सी के दशक में ज़ीनत अमान और परवीन बाबी जैसी पाश्चात्य सभ्यता में रंगी आधुनिका अभिनेत्रियों ने डांसर अभिनेत्रियों के लिए अब तक सुरक्षित गीतों को हड़प लिया।  परवीन बाबी ने नमक हलाल में जवानी जानेमन और रात बाकी, ज़ीनत अमान ने क़ुरबानी में आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आये जैसे पैर थिरकाने वाले पाश्चात्य धुनों वाले क्लब गीत किये।  माधुरी दीक्षित तो चोली के पीछे (खलनायक), एक दो तीन (तेज़ाब), धक् धक् (बेटा), आदि उत्तेजक गीतों के कारण धक् धक् गर्ल के खिताब से नवाज़ी गई।
बड़ी अभिनेत्रियों के आइटम

उन दिनों मुमताज़ बॉलीवुड में टॉप पर थी।  उस  दौर में, वह जीतेंद्र और लीना चंद्रावरकर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म हमजोली में आइटम सांग टिक टिक टिक किया था।  मुमताज़ ने यह डांस जीतेंद्र की दोस्ती की खातिर किया था।  परंतु, आजकल तो हर बड़ी अभिनेत्री आइटम सांग कर रही है।  शिल्पा शेट्टी (मैं आई हूँ यूपी बिहार लूटने और शटअप एंड डांस), सुष्मिता सेन (महबूब मेरे महबूब मेरे और शकलाका बेबी),  रानी मुख़र्जी (काली नागिन के जैसी जुल्फें काली), ऐश्वर्या राय बच्चन (इश्क़ कमीना और कजरारे कजरारे),  लारा दत्ता (ऐसा जादू डाला रे), बिपाशा बासु (बीड़ी जलाई ले और हो गई टुन्न),  कैटरिना कैफ (ज़रा ज़रा टच मी, शीला की जवानी, चिकनी चमेली और माशा अल्लाह),  दीपिका पादुकोण (लव मेरा हिट है, दम मारो दम), करीना कपूर (फेविकोल से और मेरा नाम मेरी है), प्रियंका चोपड़ा (बबली बदमाश, पिंकी और राम चाहे लीला)  सोनाक्षी सिन्हा (थैंक गॉड इट्स फ्राइडे और पार्टी आल नाईट) और श्रद्धा कपूर (डांस बसंती) भी आइटम सांग कर चुकी हैं।  इन आइटम सांग्स ने अपनी फिल्मों को चाहे हिट बनाया हो या न बनाया हो, इन अभिनेत्रियों को न्यू ईयर ईव पार्टी और ओवरसीज शोज में डांस करने के लिए हिट नंबर ज़रूर दे दिए।
फिल्म के लिए आइटम सांग 

ममता कुलकर्णी बॉलीवुड से दूर होने के बावजूद सुर्ख हैं।  कभी ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड की फिल्मों में अपनी सेक्स अपील का डंक बजा दिया था।  इन्ही ममता कुलकर्णी ने राजकुमार संतोषी की फिल्म घातक में कोई जाये तो ला जाए आइटम सांग पर सेक्सी डांस किया था। बदले में  संतोषी ने ममता को अपनी अगली फिल्म की नायिका बनाने का वादा किया था।  संतोषी ने वादा पूरा भी किया।  फिल्म चाइना गेट की नायिका ममता कुलकर्णी ही थी।  लेकिन, फिल्म फ्लॉप हुई।  इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने एक आइटम छम्मा छम्मा किया था।  संतोषी ने उर्मिला को भी अगली फिल्म की नायिका बनाएं का वादा किया था।  परंतु संतोषी उर्मिला से किया वायदा पूरा नहीं कर सके।  अलबत्ता उनकी लिखी फिल्म जानम समझ करो की नायिका उर्मिला ज़रूर थी।  उर्मिला ने राजकुमार संतोषी की नारी प्रधान फिल्म लज्जा में फिर एक आइटम आ ही जाइए कर दिया।  कुछ ऐसा ही वादा रामगोपाल वर्मा ने ईशा कोप्पिकर से किया था कि वे कंपनी के लिये खल्लास आइटम डांस करेंगी तो उनकी अगली फिल्म की नायिका बनेंगी।  लेकिन वह भी ईशा से किया वादा पूरा नहीं कर सके। ईशा को रामगोपाल वर्मा के प्रोडक्शन की फिल्म डरना मना है की छह कहानियों में से एक कहानी की  नायिका  ही बन सकी ।
लेकिन फ़िल्में फ्लॉप
बावजूद इसके कि तमाम बड़ी अभिनेत्रियों ने आइटम सांग्स किये हैं।  यह आइटम सांग्स काफी पॉपुलर भी हुए हैं।  इन आइटम्स सांग्स वाली कई फिल्मों ने बढ़िया बिज़नस भी किया।  परंतु, इसके बावजूद आइटम सांग फिल्म हिट कराने की गारंटी नहीं बन सकते।  वैजयंतीमाला के साथ हेलेन के आइटम सांग वाली फिल्म प्रिन्स (१९६९) फ्लॉप हुई।  उर्मिला मातोंडकर के छम्मा छम्मा डांस वाली फिल्म चाइना गेट (१९९८), मलाइका अरोरा खान के आइटम सांग छइयां छइयां वाली फिल्म दिल से, रानी मुख़र्जी के आइटम काली नागिन सी वाली मन (१९९९), सुष्मिता सेन के महबूब मेरे महबूब वाली फ़िज़ा (२०००), ऐश्वर्या राय बच्चन के आइटम सांग वाली शक्ति द पॉवर (२००२) फ्लॉप हुई।  दीपिका पादुकोण न तो बिल्लू बार्बर को हिट बना सकी, न ही दम मारो दम को।  कैटरिना कैफ का शीला की जवानी आइटम अक्षय कुमार की फिल्म तीस मार खान को हिट नहीं बना सका।
  

टाइटैनिक और आल अबाउट ईव के साथ ला ला लैंड



दुनिया के सबसे बड़े और बहुप्रतीक्षित फिल्म अवार्ड्स ' ८९ वे अकैडमी अवार्ड्स' (द ऑस्कर्स) का ऐलान कर दिया गया है।  जैसी कि  उम्मीद की जा रही थी म्यूजिकल रोमांस फिल्म ला ला लैंड पर वोट बरस पड़े।  इस फिल्म को भिन्न १४ श्रेणियों में नामित किया गया। इस प्रकार से ला ला लैंड रिकॉर्ड नॉमिनेशन पाने वाली फिल्मों टाइटैनिक और आल अबाउट ईव के साथ आ गई। ड्रामा फिल्म आल अबाउट ईव (१९५०) ने १४ नॉमिनेशन में से श्रेष्ठ फिल्म सहित छह श्रेणियों के ऑस्कर जीते। ऑस्कर अवार्ड्स जीतने के लिहाज़ से ला ला लैंड को टाइटैनिक से चुनौती है।  टाइटैनिक ने बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर सही ११ श्रेणियों के ऑस्कर जीते।  ला ला लैंड को बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट फिल्म एडिटिंग, बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाईन, बेस्ट ओरिजिनल स्कोर, बेस्ट ओरिजिनल सांग की श्रेणी में दो नॉमिनेशन, बेस्ट प्रोडक्शन डिजाईन, बेस्ट साउंड एडिटिंग और बेस्ट साउंड मिक्सिंग की श्रेणी में नॉमिनेशन मिले हैं।  ला ला लैंड के बाद सबसे ज़्यादा नॉमिनेशन पाने वाली फिल्म मूनलाइट रही।  इस फिल्म को बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले की श्रेणी में भी नामांकन मिले हैं।  इस साल के ऑस्कर पुरस्कार नॉमिनेशन  में कुल छह अश्वेत एक्टर्स को नॉमिनेशन मिले हैं।  इस प्रकार से यह पुरस्कार 'ऑस्कर्स सो वाइट' के टैग से छुटकारा पा सकेंगे।  बेस्ट पिक्चर की दौड़ में शामिल नौ फिल्मों में अराइवल एक साइंस फिक्शन थ्रिलर फिल्म है।  इस बार एक्टर-डायरेक्टर मेल गिब्सन फिल्म हैक्सा रिज के लिए बेस्ट  डायरेक्टर की श्रेणी में नामित हुए हैं।  बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में नामित फिल्मों में अराइवल, हैक्सा रिज, हेल ऒर  हाई वाटर, हिडन फिगर्स, ला ला लैंड, मेनचेस्टर बय द सी, लायन और मूनलाइट के नाम शामिल हैं। बेस्ट डायरेक्टर की श्रेणी में मेल गिब्सन के अलावा डेमियन कैज़ेल, केनेथ लोनेरगन, बैरी जेनकिन्स और डेनिस विलेनुवे के नाम शामिल है।  श्रेष्ठ अभिनेत्रियों में इसाबेले हुपेर्ट, रूथ नेग्ग, नताली पोर्टमैन, एमा स्टोन और मेरील स्ट्रीप तथा श्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में कैसी अफ्फ्लेक, एंड्रू गारफील्ड, रयान गोसलिंग, विगो मोर्टेनसेन और डेंजेल वाशिंगटन के नाम शामिल हैं।  ऑस्कर विजेताओं के नाम २६ फरवरी को घोषित किये जायेंगे।  

Sunday, 22 January 2017

महिलाओं के लिए सना खान फैशन लेबल लांच

विज्ञापन, फैशन, टीवी और फिल्म उद्योग में प्रसिध्द स्टाइलिस्ट और डिजाइनर  सना खान ने खास करके महिलाओं के लिए  सना खान फैशन लेबल लांच किया है। उबर वेबसाइट पर अपने खुद के लेबल की शुरुआत की है और इसमें विशेष डिजाइनर वस्त्र किराए पर मिलते है।आज के ट्रेंडी फैशन के जमाने में सुपर स्टाइलिश कलेक्शन किराए पर सस्ती कीमतों पर उपलब्ध है ही, शौक़ीन इसकी  खरीदारी भी कर सकते है। आज के बाजार का परिदृश्य देखते हुए सना खान फैशन का कन्सेप्ट अनोखा और निराला है। सना खान बताती हैं, "आजकल कई स्थानों पर इतने सारे इवेंट होते और जहां पर लोग जाते है और सोशल मीडिया की हर जगह उपस्थिति होती है। यह अवसर न सिर्फ हस्तियों के लिए होता है, बल्कि सामान्य लोगों के लिए भी होता है। इन जगहों पर खास करके कपड़ों पर हर किसी की नजर जरुर जाती है। इसलिए हम डिजाइनर वस्त्र किराए पर लाने का अनोखा का कन्सेप्ट लेकर आए है। सभी खासोआम को सुंदर, सस्ती और डिजाइनर वस्त्र किराए पर मिलेंगे।  इन्हें वह चाहें तो खरीद भी सकते है। हमारा लोगों को सुंदर बनाने का उद्देश्य है। इस कन्सेप्ट से मेरा सपना पूरा हो जाएगा।"  कोई भी ब्रांड अपने ब्रांड एंबेसडर के बिना अधूरा होता है।  सना खान ने अपने सना खान लेबल के लिए अति सुंदर अनुष्का रमेश को चुना गया है। अनुष्का रमेश के बारे में सना खान बताती हैं, "मेरी आने वाली पहली फिल्म मंगल होके सेट पर अनुश्का से मुलाकात हुई। इस फिल्म के लिए हम कॉस्ट्यूम डिजाइन कर रहे थे । मुझे पूरा भरोसा है कि मेरे लेबल के लिए अनुश्का सही विकल्प है।" इस रोमांचक लांचिग के साथ, सना खान लेबल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने की ओर अग्रसर है। सना कहती है "मेरा उद्देश्य दुनिया को जीतना है, और उम्मीद है कि यह एक बड़ी छलांग की दिशा में एक छोटा सा कदम है" 

Anil Kapoor's gutsy cub Harshvardhan takes a stand

In an apparent dig at actor Anil Kapoor's son Harshvardhan Kapoor, Filmfare editor Anuradha Choudhary seems to think some Bollywood actors aren't talented enough. "The sense of self entitlement some of these newcomer actors have is beyond imagination. If only they were half as talented," she tweeted this week.
A war of words has been ensuing on the social media platform after Harshvardhan felt he deserved the Filmfare Best Male Debut award for Mirzya, which went to Diljit Dosanjh for Udta Punjab.
Harshvardhan's argument is that Diljit has worked in many Punjabi films earlier, so he can't be compared with other debutants just because he has now made a foray in Bollywood. "For instance, if Leonardo DiCaprio works in a Hindi film, is he making an acting debut? He has already worked in so many Hollywood films," the actor argued in an interview.
"You know what's ridiculous? #HarshvardhanKapoor thinking that he deserved Filmfare more than #DiljitDosanjh. Better your acting buddy!" tweeted YouTuber and blogger Monica Yadav.
"The boy has guts, just like his father and family. Seems to be the kind who will run his own race. With the right moves, in time he'll get the groove too," replied Bollywood's only PR guru Dale Bhagwagar about the Kapoor cub.


Saturday, 21 January 2017

शाहरुख़ खान क्यों बनाना चाहते हैं ब्रेकिंग बैड पर फिल्म ?

बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के बादशाह शाहरुख़ खान की तमन्ना है कि वह अमेरिकी क्राइम ड्रामा सीरीज ब्रेकिंग बैड पर हिंदी फिल्म बनाये।  विंस गिलिगन निर्देशित यह सीरीज दुनिया की सबसे ज़्यादा देखी और सराही जाने वाली सीरीज है।  इस सीरीज के पांच सीजन हुए।  कुल ६२ एपिसोड प्रसारित हुए।  एक हाई स्कूल के केमिस्ट्री टीचर वाल्टर वाइट को पता चलता है कि उसे फेफड़ों का असाध्य कैंसर हैं।  ऐसे में वह अपने परिवार को आर्थिक परेशानियों से निजात दिलाने के लिए ड्रग माफिया बन जाता है। केमिस्ट्री टीचर होने के नाते, वह खुद ड्रग्स बनाता और बेचता है।  इस भूमिका को अमेरिकी अभिनेता ब्रायन क्रेन्स्टन ने किया था।  इस भूमिका के लिए उन्होंने लगातार चार साल एमी अवार्ड्स में असाधारण अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता के रूप  में पुरस्कृत किया गया।  ज़ाहिर है कि यह एक पावरफुल करैक्टर है।  शाहरुख़ खान उम्र के इस मोड़ पर कुछ ऐसे ही किरदार करके खुद को बेमिसाल साबित करना चाहेंगे।  हालाँकि, यह एक नेगेटिव किरदार है, नशीली दवाओं का कारोबारी माफिया।
शाहरुख़ खान को ऐसे किरदार फबते हैं।  खान की फिल्मों का इतिहास गवाह है कि वह निगेटिव किरदारों में बेहतरीन और प्रभावशाली अभिनय कर ले जाते हैं।  अब २५ जनवरी को रिलीज़ फिल्म रईस को ही लीजिये।  इस फिल्म में खान एक गुजराती डॉन का किरदार कर रहे हैं, जिसने अपने अपराध जीवन की शुरुआत शराब तस्करी से की थी।  शाहरुख़ खान को राहुल ढोलकिया निर्देशित अपनी इस फिल्म पर इतना भरोसा है कि वह हृथिक रोशन की फिल्म काबिल के सामने भी अपनी फिल्म रिलीज़ करने के लिए अड़े रहे।  हालाँकि, काबिल भी एक अपराध फिल्म है।  फर्क इतना है कि काबिल का अंधा नायक अपनी प्रेमिका से बलात्कार और हत्या का बदला लेने के लिए दो माफिया भाइयों के खिलाफ हथियार उठाता है।  इसके बावजूद शाहरुख़ खान बेपरवाह हैं।  वह काफी पहले ही कह चुके हैं कि आ रहा हूँ मैं।  शाहरुख़ खान को क्यों इतना अट्रैक्ट करते हैं निगेटिव  किरदार ?
बॉक्स ऑफिस जीतने वाला बाज़ीगर
निगेटिव या डॉन या माफिया किरदार शाहरुख़ खान के पसंदीदा हैं।  उनकी अभिनय शैली में ऐसे किरदार खिल उठते हैं।  शाहरुख़ खान का फिल्म करियर इसकी तस्दीक भी करता है।  दीवाना जैसी रोमांस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले शाहरुख़ खान ने हिंदी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह टीवी सीरियल फौजी के लेफ्टिनेंट अभिमन्यु रॉय  के किरदार से बना ली थी।  दीवाना के बाद शाहरुख़ खान ने चमत्कार और  राजू बन गया जेंटलमैन जैसी फिल्मों से अपनी भोले भाले युवक की इमेज स्थापित करने की कोशिश की।  लेकिन, उनके करियर के साथ चमत्कार हुआ अब्बास मुस्तान की बाज़ीगर से।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान ने अपने पिता की बर्बादी और मौत का बदला लेने के लिए खूनी खेल खेलने वाले युवक विक्की शर्मा उर्फ़ अजय शर्मा का किरदार किया था।  इस निगेटिव भूमिका में शाहरुख़ खान के पावरफुल अभिनय का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह दर्शकों द्वारा बतौर एंटी हीरो स्वीकार कर लिए गए।  इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स भी मिला।  बाज़ीगर १२ नवम्बर को रिलीज़ हुई थी।  इसके को ४२ दिनों बाद २४ दिसम्बर को यशराज बैनर से यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म डर रिलीज़ हुई।  इस फिल्म में वह जूही चावल से एकतरफा प्रेम करने वाले हिंसक प्रेमी बने थे।  इस फिल्म को भी ज़बरदस्त सफलता मिली।  शाहरुख़ खान पहले ऐसे अभिनेता बन गए, जो खल भूमिकाओं के बावजूद दर्शकों का पसंदीदा बना।
सम्हल गया 'डॉन'
शाहरुख़ खान ने जल्द जान लिया कि खल किरदार उनके व्यक्तित्व के अनुरूप हैं।  लेकिन, ऎसी भूमिकाओं से वह खल नायक बन सकते थे।  जबकि, वह हिंदी फिल्मों का रोमांटिक नायक बनना चाहते थे। अंजाम में उनके निगेटिव किरदार ने उनका यह एहसास पुख्ता किया।  इसलिए इसी दौरान उन्होंने कुछ रोमांस फ़िल्में साइन कर ली।  राम जाने की असफलता ने शाहरुख़ खान की सोच पर  मोहर लगा दी कि निगेटिव रोल उन्हें लंबी रेस का घोड़ा नहीं बना सकते हैं।  शाहरुख़ खान, सचमुच किस्मत के बादशाह भी हैं।  अंजाम और राम जाने के बीच उनकी दो फ़िल्में-पुनर्जन्म पर एक्शन रोमांस फिल्म करण अर्जुन और एनआरआई रोमांस वाली फिल्म दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे हिट हो गई।  शाहरुख़ खान रोमांस के बादशाह बन गए।
एनआरआई रोमांस वाले शाहरुख़ खान
ध्यान  से देखे तो शाहरुख़ खान ने निगेटिव या ग्रे शेड वाले किरदारों को अलविदा नहीं कहा।   अज़ीज़ मिर्ज़ा की फिल्म यस बॉस में वह नायिका जूही चावल को अपने जाल में फंसाने के लिए अपने बॉस की मदद करते है।  परदेस और दिल तो पागल है में रोमांस करने वाले शाहरुख़ खान निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म डुप्लीकेट में अपनी दो भूमिकाओं में से एक में डॉन का किरदार कर रहे थे।  मंसूर खान निर्देशित फिल्म जोश में वह ऐश्वर्या राय के भाई बने थे और गोवा के ईगल गैंग के लीडर मैक्स डियास का किरदार कर रहे थे।  जोश के ६ साल बाद शाहरुख़ खान ने डॉन का चोला ओढ़ लिया।  फरहान अख्तर निर्देशित फिल्म डॉन : द चेज बेगिंस अमिताभ बच्चन की १९७८ की सुपर हिट फिल्म डॉन का रीमेक थी।  इस फिल्म में खान ने अमिताभ बच्चन के जूते में पैर डाला था।  हालाँकि, डॉन हिट हुई।  इसका सीक्वल डॉन द चेज बेगिंस अगेन भी बना और सफल हुआ। लेकिन, खान कहीं से भी अमिताभ बच्चन के आसपास तक नहीं थे।
बहुत से अभिनेता बने हैं डॉन
रईस में शाहरुख़ खान डॉन बने हैं।  डॉन किरदारों ने कई बॉलीवुड अभिनेताओं को सफलता दिलाई है।  अजय देवगन, संजय दत्त, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, धर्मेन्द्र, आदि अभिनेताओं ने डॉन करैक्टर के सहारे बुलंदियों को छुआ है।  शाहरुख़  खान पिछले २ नवम्बर को ५१ साल के हो गए।  अब वह अलग तरह की भूमिकाएं करना चाहते हैं।  डिअर ज़िंदगी इसका उदाहरण हैं।  लेकिन, डॉन की भूमिकाओं में तो कोई नयापन नहीं।  शाहरुख़ खान क्यों कर रहे हैं डॉन के किरदार।  जबकि वह २०१५ में रोहित शेट्टी की फिल्म दिलवाले में डॉन काली का किरदार करके मात खा चुके हैं।  अब वह रईस के ज़रिये गुजरात के एक डॉन का किरदार पेश करने जा रहे हैं।  ऐसे किरदार बहुत उत्सुकता पैदा नहीं करते।  डॉन में नया क्या ? दर्शक सोचता है।  क्या रईस में कुछ नया दे पाएंगे शाहरुख़ खान ?
जहाँ तक शाहरुख़ खान के निगेटिव किरदार करने का सवाल है, यह स्वाभाविक है।  ऐसे किरदार करना उनके अभिनेता की रगों में बाह रहे खून का परिणाम है।  शाहरुख़ खान ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत नाटकों से की थी।  नाटकों में अच्छा या बुरा किरदार नहीं होता।  वहां एक केंद्रीय किरदार होता है।  वह अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी।  शाहरुख़ खान ने स्टेज पर ऐसे सभी किरदार किये।  शाहरुख़ खान कहते है "बुरे या बहुत बुरे करैक्टर, चाहे वह किताबों कहानियों में हो या स्टेज-टेलीविज़न में  खेले जा रहे हों, मुझे अट्रैक्ट करते हैं। " इसीलिए, शाहरुख़ खान बनाना चाहते हैं ब्रेकिंग बैड पर फिल्म और बनते रहते हैं डॉन !








क्या नताशा लिउ बनेगी हुआ मुलान !

आजकल ऑस्ट्रेलियाई एक्ट्रेस नताशा लिउ बोर्डिज़ो फिर चर्चा में है।  ख़ास तौर पर चीन में।  नताशा इटैलियन पिता  और चीनी माता की संतान हैं।  वह ऑस्ट्रेलिया की मशहूर मॉडल हैं।  वह सबसे पहले चर्चा में आई थी २००० में रिलीज़ सुपर हिट फिल्म क्राउचिंग टाइगर हिडन ड्रैगन के सीक्वल क्राउचिंग टाइगर हिडन ड्रैगन: सोर्ड ऑफ़ डेस्टिनी में अपने स्नो वैस के किरदार के कारण।  सोर्ड ऑफ़ ड्रैगन पिछले साल २६ फरवरी को चीन में रिलीज़ हुई थी।  मार्शल आर्ट्स में पारंगत युवा सेविका के किरदार में नताशा अपनी मार्शल आर्ट्स प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही थी।  कुछ समय पहले यह अफवाहें थी कि नताशा डिज्नी की आगामी लाइव-एक्शन फिल्म में हुआ मुलान का किरदार करेंगी।  यह अफवाहें उस समय गर्म हुई थी, जब पिछले साल यह खबर फैली  कि डिज्नी अपनी अगली फिल्म में हुआ मुलान के किरदार के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय चीनी चेहरे को लेना चाहता है।  उस समय इस रोल के लिए फैन बिंगबिंग, झांग जीयी और लिउ इफेई के नामों की  चर्चा हुई।  इसी दौर में नताशा का नाम भी उछला।  नताशा को फाइनल किये जाने की  अफवाहें इतनी गर्म थी कि खुद स्टूडियो को आगे आ कर स्थिति साफ़ करनी पड़ी।  उन्होंने अपनी २ नवम्बर २०१८ को रिलीज़ होने वाली फिल्म के मुलान के किरदार के लिए किसी को फाइनल न किये जाने का ऐलान किया।  लेकिन, खबरें हैं कि सुस्त ही नहीं हो रही।

ब्यूटी एंड द बीस्ट के साथ अरियाना ग्रांड और जॉन लीजेंड

ग्रैमी अवार्ड्स में नामित और हॉलीवुड फिल्म एक्ट्रेस अरिअना ग्रांडे और ग्रैमी, ऑस्कर के १० बार के विजेता जॉन लीजेंड डिज्नी की लाइव एक्शन फिल्म ब्यूटी एंड द बीस्ट के टाइटल ट्रैक पर परफॉर्म करेंगे।  यह गीत १९९१ की एनीमेशन फिल्म ब्यूटी एंड द बीस्ट का नया  अंदाज़ होगा।  १९९१ की फिल्म में सेलिने डिओन और पीबो ब्रायसन ने आठ बार के ऑस्कर विजेता एलन मेंकेन की बनाई धुन पर टाइटल ट्रैक ब्यूटी एंड द बीस्ट गा कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध तो किया ही था,  ऑस्कर पुरस्कार भी जीता था।  इस गीत को नए अंदाज़ में ग्रैमी विजेता रॉन फेयर ने तैयार किया है।  ब्यूटी एंड द बीस्ट कहानी है एक खूबसूरत महिला बेले की, जिसे उसके पिता की आज़ादी के बदले में एक पशु मानव अपने किले में कैद कर लेता है।  डरी होने के बावजूद बेले वहां  के लोगों से दोस्ती बना लेती है।  तब वह जान  पाती है उस मानव पशु के अंदर छुपे एक राजकुमार के रूप को।  इस फिल्म में बेले का किरदार एमा वाटसन और बीस्ट का किरदार डान स्टीवेंस ने किया है।  अरियाना ग्रांडे और जॉन लीजेंड का गाया गीत फिल्म में भी रखा गया है।  ब्यूटी एंड द बीस्ट का निर्देशन बिल कांडों कर रहे हैं।  फिल्म में ल्यूक इवांस, केविन क्लिन, इवान मैकग्रेगर स्टेनली टुची, इयान मकलन, एमा  थॉम्पसन, आदि भी ख़ास भूमिका में है। यह फिल्म १७ मार्च को रिलीज़ हो रही है।