अभिनेत्री श्रद्धा
कपूर अपूर्व लाखिया की गैंगस्टर ड्रामा फिल्म हसीना में दाऊद इब्राहिम की बहन
हसीना पार्कर का किरदार कर रही हैं। उनके
सगे भाई सिद्धांत धवन उनके रील भाई यानि दाऊद इब्राहिम बने हैं। लाखिया की यह फिल्म पूरी तरह से हसीना के
किरदार पर केंद्रित है। दाऊद की बहन ने
दाऊद के भारत से भाग जाने के बाद उसका बिज़नस बड़ी कुशलता से सम्हाला था और उसके
गैंग को निर्देशित किया था। ज़ाहिर है कि
गैंगस्टर हसीना का यह रोल काफी रफ़ टफ है।
रियल लाइफ की लेडी गैंगस्टर को रील लाइफ में उतारना बहुत कठिन नहीं। लेकिन, ज़रूरी होता है कि इस किरदार को करने वाली अभिनेत्री का चुनाव। क्या नाज़ुक श्रद्धा कपूर इस रफ़ टफ हसीना को
परदे पर कारगर ढंग से कर सकेगी?
इसे जानने के लिए
ज़रूरी है हिंदी में बनी लेडी गैंगस्टर फिल्मों और उनकी गैंगस्टर एक्ट्रेस के बारे
में जानना। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि
पुरुष गैंगस्टर फिल्मों को हाथोंहाथ लेने वाले हिंदी दर्शकों ने इन लेडी गैंगस्टर
फिल्मों को किस तरह का रिस्पांस दिया !
बॉलीवुड की कई
छोटी-बड़ी, हिट और फ्लॉप
अभिनेत्रियों ने महिला गैंगस्टर का किरदार किया। गैंगस्टर का किरदार करने वाली
ज़्यादातर अभिनेत्रियां टैलेंटेड ज़रूर थी।
लेकिन बॉक्स ऑफिस पर उनके टैलेंट की कोई पूछ नहीं थी। तेलुगु फिल्मों की
अभिनेत्री मधु शालिनी को रामगोपाल ने अपनी फिल्म डिपार्टमेंट में मौका दिया
था। उनकी फिल्म 'डिपार्टमेंट' में मधु शालिनी ने एक गैंगस्टर का किरदार निभाया
था। मधु के इस रोल को लोगों ने काफी पसंद भी किया था। लेकिन, संजय दत्त और राणा डग्गूबाती अभिनीत यह फिल्म ही
बुरी तरह से फ्लॉप हुई। गैंगस्टर फिल्मों
के मशहूर निर्माता-निर्देशक रामगोपाल वर्मा की बतौर निर्माता एक दूसरी फिल्म शबरी
में अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने मुम्बई की पहली महिला डॉन शबरी का किरदार किया था।
इस फिल्म का निर्देशन ललित मराठे ने किया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि शबरी २००५ में
पूरी हो चुकी थी, लेकिन भारतीय
सिनेमाघरों में यह फिल्म २०११ में ही रिलीज़ हो चुकी। फिल्म बुरी तरह से असफल हुई।
नंदिता दास ने निर्देशक पदम् कुमार की एक्शन फिल्म सुपारी (२००३) में एक लेडी डॉन ममता शेकरी का किरदार किया था। इस फिल्म में उदय चोपड़ा ने एक क़र्ज़ न चुका पाने वाले व्यक्ति का किरदार किया था, जिससे लेडी डॉन ममता शेकरी सुपारी किलर का काम लेती है। नेहा धूपिया ने फंस गया रे ओबामा (२०१०) में मुन्नी नाम की गैंगस्टर का किरदार किया था। सुभाष कपूर की यह फ़िल्म एक राजनीतिक व्यंग्य फिल्म थी। प्रतिमा काज़मी ने उर्मिला मातोंडकर और सैफ अली खान की थ्रिलर फिल्म एक हसीना थी में गैंगस्टर प्रमिला का किरदार किया था। प्रतिमा इससे पहले फिल्म वैसा भी होता है पार्ट २ में गैंगस्टर गंगू ताई का किरदार किया था। इन दोनों ही फिल्मों में प्रतिमा काज़मी के अभिनय को सराहा गया।
नंदिता दास ने निर्देशक पदम् कुमार की एक्शन फिल्म सुपारी (२००३) में एक लेडी डॉन ममता शेकरी का किरदार किया था। इस फिल्म में उदय चोपड़ा ने एक क़र्ज़ न चुका पाने वाले व्यक्ति का किरदार किया था, जिससे लेडी डॉन ममता शेकरी सुपारी किलर का काम लेती है। नेहा धूपिया ने फंस गया रे ओबामा (२०१०) में मुन्नी नाम की गैंगस्टर का किरदार किया था। सुभाष कपूर की यह फ़िल्म एक राजनीतिक व्यंग्य फिल्म थी। प्रतिमा काज़मी ने उर्मिला मातोंडकर और सैफ अली खान की थ्रिलर फिल्म एक हसीना थी में गैंगस्टर प्रमिला का किरदार किया था। प्रतिमा इससे पहले फिल्म वैसा भी होता है पार्ट २ में गैंगस्टर गंगू ताई का किरदार किया था। इन दोनों ही फिल्मों में प्रतिमा काज़मी के अभिनय को सराहा गया।
गैंगस्टर बनने के
मोह से माधुरी दीक्षित और विद्या बालन भी नहीं बच सकी। गैंगस्टर किरदार आम तौर पर काफी सशक्त होते
हैं। इन किरदारों में अपने टैलेंट को खुल
कर दिखाने का मौका मिलता है। फिल्म
इश्किया में कृष्णा का किरदार करके विद्या बालन ने खूब अवार्ड्स बटोरे। इस फिल्म में उन्हें गालियां बकानी पड़ी। लेकिन उनकी प्रतिष्ठा में चार चाँद ही लगे। यह
औरत अपना मतलब साधने के लिए मामू भांजे को अपने रूप जाल में फंसाती है। मतलब निकल जाने पर गोली मारने से भी नहीं
चूकती। माधुरी दीक्षित को तो अपना कमबैक
सफल बनाना था। सौमिक सेन की फिल्म गुलाब
गैंग में माधुरी दीक्षित गैंगस्टर रज्जो के किरदार में थी, जिसका गुलाबी साड़ी पहने औरतों का गैंग था। यह गैंग मज़लूम महिलाओं की मदद करता था। ज़ाहिर है कि विद्या बालन का इश्किया का कृष्ण
और माधुरी दीक्षित का गुलाब गैंग का रज्जो का किरदार काफी सशक्त था। लेकिन जहाँ इश्किया हिट हुई वहीँ गुलाब गैंग
बुरी तरह से फ्लॉप हुई।
लेडी गैंगस्टर का
किरदार करके तो कला फिल्मों की अभिनेत्री शबाना आज़मी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तक
जीत चुकी हैं। विनय शुक्ल की १९९९ में
रिलीज़ फिल्म गॉड मदर पोरबंदर गुजरात की अस्सी और नब्बे के दशक की लेडी गैंगस्टर
संतोख बेन पर थी, जो अपने पति की
हत्या का बदला लेने के लिए गैंस्टर बन जाती है। संतोख बेन ने बाद में राजनीति का
चोला ओढ़ लिया था। शबाना आज़मी ने गॉडमदर में संतोख बेन का रील लाइफ किरदार रांभी
किया था।
ऋचा चड्डा को
बॉलीवुड की गैंगस्टर गर्ल कहा जाता है। क्यों ? क्योंकि, ऋचा चड्डा की पहचान ही गैंगस्टर किरदार से हुई। ओये लकी लकी ओये से
अपने फिल्म करियर का आगाज़ करने वाली ऋचा चड्डा को पहचान मिली अनुराग कश्यप की दो
हिस्सों में बनी गैंगस्टर फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में नगमा खातून के किरदार
से। यह औरत अपने पति की हत्या के बाद अपने
गैंग को सम्हालती है और बेटे को बदला लेने के लिए तैयार करती है। इस फिल्म के बाद,
निर्देशक मृगदीप सिंह लाम्बा की फिल्म
फुकरे की भोली पंजाबन के किरदार में ऋचा चड्डा ने दर्शकों को बेहद प्रभावित
किया। ऋचा चड्डा ने निखिल द्विवेदी के साथ
फिल्म तमंचे में भी गैंगस्टर बाबु के किरदार से दर्शकों का ध्यान आकर्षित
किया। इन गैंगस्टर किरदार वाली फिल्मों ने
ऋचा चड्डा को गैंगस्टर गर्ल का खिताब दिला दिया। आजकल तो लेडी गैंगस्टर के लिए ऋचा
चड्डा को सबसे पहले याद किया जाता है। लेडी गैंगस्टर के लिहाज़ से माहि गिल का नाम
भी लिया जा सकता है। तिग्मांशु धुलिया के
गैंगस्टर फिल्म साहब बीवी तथा गैंगस्टर और गैंगस्टर रिटर्न्स में माहि ने माधवी
देवी के गैंगस्टर किरदार को बेहद खूबसूरती से किया था।
बहुत कम लोग जानते
होंगे कि बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपने हिंदी फिल्मों में ढलते करियर
के दौरान २००५ में निर्देशक डी राजेंद्र बाबू की कन्नड़ फिल्म ऑटो शंकर में एक लेडी
डॉन माया का किरदार किया था। दरअसल यह
किरदार हाफ निगेटिव और हाफ पॉजिटिव था। यानि फिल्म के शुरू में माया एक लेडी डॉन की बेटी बानी थी, जो माँ द्वारा गरीबों को उधार में दिए गए पैसों
को क्रूरता से वसूलती है। बाद में उसे
मालूम पड़ता है कि वह लेडी डॉन की बेटी नहीं तो वह सुधर जाती है। इस फिल्म के निर्माताओं ने हिंदी फिल्मों में
शिल्पा शेट्टी की लोकप्रियता को भुनाने के
ख्याल से 'शिल्पा : द बिग डॉन
टाइटल के साथ हिंदी में डब कर रिलीज़ किया
था। हालाँकि, शिल्पा नहीं चाहती
थी कि उनकी यह कन्नड़ हिट फिल्म डब कर रिलीज़ हो। लेकिन, कोई कॉन्ट्रैक्ट न होने के कारण वह निर्माता को
नहीं रोक सकी। अब यह बात दीगर है कि फिल्म को हिंदी बेल्ट में सफलता नहीं
मिली। लेकिन इस घटना में हिंदी दर्शकों के
बीच लेडी डॉन की लोकप्रियता का पता ज़रूर चलता था।
कंगना रनौत के करियर
की शुरुआत गैंगस्टर फिल्म गैंगस्टर से हुई थी। हालाँकि, उन्होंने खुद को
हरफनमौला एक्टर के बतौर स्थापित कर लिया है। कंगना ने फिल्म रिवाल्वर रानी में गोलियां चलाने में माहिर अलका सिंह का
किरदार किया था। लेडी गैंगस्टर के किरदार के लिहाज़ से कंगना रनौत की हंसल मेहता
निर्देशित फिल्म सिमरन में पैसों के लिए बैंक डकैती और दूसरे अपराध करने वाली
सिमरन का किरदार किया है। यह फिल्म १५
सितम्बर को रिलीज़ होगी। लेकिन इससे दो महीना पहले हसीना रिलीज़ हो जाएगी। ज़ाहिर है कि इन दोनों फिल्मों में लेडी
गैंगस्टर है। दोनों ही अभिनेत्रियां नाज़ुक बदन हैं। क्या रफ़ टफ गैंगस्टर किरदारों में यह दोनों फिट
बैठेंगी। महिला गैंगस्टर को भी रूपहले
परदे पर पर जैसी सफलता मिली है,उससे श्रद्धा कपूर और कंगना रनौत के गैंगस्टर की
सफलता लाज़िमी लगती है। क्या सचमुच ऐसा हो
पायेगा ?