रानी मुखर्जी एक ऐसी एक्ट्रेस हैं जिनकी फैन फॉलोइंग तो बहुत है लेकिन वो कोई सोशल मीडिया एकाउंट हैंडल नही करती हैं। उनकी आने वाली फिल्म ‘हिचकी’के ट्रेलर लांच के दौरान उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर न होने की बात दोहराई और कहा कि वो इस भीड़ का हिस्सा नही बनना चाहती हैं । रानी वाई.आर.एफ. के ऑफिशल हैंडल से ही फ़िल्म को प्रमोट करेंगी। रानी हमेशा से कुछ अलग करने और दर्शकों के लिए कुछ नया करने के लिए जानी जाती हैं। ‘ब्लैक’जैसे ब्लॉकबस्टर से लेकर ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ जैसी क्लासिक मूवी तक हर बार उन्होंने अपने अभिनय से लोगों के दिल में जगह बनाई है। रानी की हर फ़िल्म की अप्रत्याशित सफलता इस बात की ओर इशारा करती हैं कि आज के इस डिजिटल दौर में भी, बिना डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आए मन-माफ़िक रिजल्ट पाया जा सकता है। दर्शकों के दिल में उनकी फिल्मों को लेकर जो प्यार है वो फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम की दुनिया से बहुत ज्यादा पॉवरफुल है। फिर भी, जिस तकनीक को पूरी दुनिया अपना चुकी है उससे दूर रहने का क्या कारण हो सकता है? इसके कई जवाब हो सकते हैं, सोशल मीडिया विशेषज्ञ राजू सिंह राठौर बताते हैं, “सबसे पहले तो रानी ने अपनी स्टारडॉम को बनाए रखा है उसकी तारीफ करनी होगी। भले ही वह सोशल मीडिया पर नही हैं लेकिन उन्होंने अपने स्टारडम को बहुत अच्छे स्तर पर बनाये रखा है। लेकिन इसके पीछे का कारण अब भी सबसे अनजान है। हो सकता है कि इसके पीछे रणबीर कपूर वाली थ्योरी हो जिसके हिसाब से किसी भी सेलिब्रिटी को अपने फैंस से कुछ दूरी बनाकर रखना चाहिए। दूसरा कारण एक जाने -माने क्रिकेटर आशीष नेहरा के कारन जैसा जैसा हो सकता है जो कहते हैं कि वो स्मार्टफोन और गैजेट्स से दूरी ही बनाये रखनी चाहिए । सोशल मीडिया पर अकाउंट नहीं रखने के लिए दोनों सेलिब्रिटीज चर्चे में रहे हैं। आखिरकार, प्रशंसकों को आपसे जोड़े रखना किसी बड़ी रणनीति से कम नही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 22 December 2017
सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करेंगीं रानी मुखर्जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
‘सूरमा’ की शूटिंग के दौरान अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिला तापसी पन्नू को
तापसी पन्नू ने हाल ही में शाद अली की फिल्म ‘सूरमा’ का भारतीय शिड्यूल
पूरा किया है। यह फिल्म भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह की जिंदगी पर
आधारित है। फिल्म में तापसी के साथ दलजीत दोसांझ और अंगद बेदी प्रमुख भूमिकाएं
निभा रहे हैं। तापसी दलजीत के अपोजिट एक हॉकी प्लेयर का किरदार निभा रही हैं।
वर्तमान में ‘सूरमा’ की शूटिंग हरियाणा के एक छोटे से गांव शाहाबाद में चल रही है। सिख
परिवार से आने वाली तापसी शाहाबाद में शूटिंग करते वक्त अतीत की यादों में खो गईं
क्योंकि उनके जीवन का अधिकांश समय दिल्ली और मुंबई में बीता है। अच्छी से अच्छी
शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश में तापसी का बचपन दिल्ली में गुजरा, लेकिन वह पंजाब में
मौजूद अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलीं और हमेशा उनका प्रयास रहा कि घास के मैदानों के
बीच कुछ वक्त बिताया जाए और काम के तनाव से मुक्त होकर गांव के जीवन का आनंद उठाया
जाए। ‘सूरमा’ की शूटिंग करते वक्त उन्होंने अपनी यह इच्छा भी पूरी कर ली और स्थानीय
गुरुद्वारा पर मत्था टेका, स्थानीय ढाबों में खाना खाया, पारम्परिक पोशाकें पहनीं, गेहूं और गन्ने के स्थानीय खेतों की सैर की। इस तरह तापसी ने वहां
काफी अच्छा समय गुजारा। शाहाबाद में समय बिताते हुए उन्होंने अपनी जिंदगी के एक-एक
पल का आनंद उठाया, जो महानगरों में रहते हुए एक सपना बन कर रह गया था। तापसी के लिए
बेहतरीन क्षण वो थे जो अपनी संस्कृति के साथ जुड़ाव बनाए रखते हुए उन्होंने गुजारे।
इस अनुभव के संबंध में जब तापसी से पूछा गया तो उनका जवाब था, “जब मैं बड़ी हो रही
थी तब लगभग हर छुट्टियों में अपने पंजाब स्थिति पुस्तैनी गांव जाना एक परम्परा
निबाहने जैसा कार्य होता था। लेकिन बाद में जब मैं मुंबई चली आई तो वहां जाने का
मुझे अधिक समय ही नहीं मिल पाया। शाहाबाद आकर तमाम पुरानी यादें ताजा हो गईं। उस
माहौल और जगह पर शूटिंग करते हुए मुझे वाकई बड़ा मजा आया। खेतों में दौड़-दौड़ कर
खेलना, ट्यूबवेल का पानी उछालना, घरों में बने खास पंजाबी पराठों का लुत्फ उठाना जैसी कई यादें इस
शिड्यूल से जुड़ गई हैं। इन इलाकों की हवा खींच कर मुझे अतीत में ले जाकर खड़ा कर
देती है।”
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सेक्सी सुरवीन चावला का डी-ग्लैम लुक 'हक़ से'
सागर
बेल्लारी की कॉमेडी फिल्म हम तुम शबाना और थ्रिलर फिल्म अग्ली के बावजूद सुरवीन
चावला को हिंदी फिल्मों में सुर्खियां मिली इरोटिक थ्रिलर फिल्म हेट स्टोरी २ से
की इरोटिक भूमिका से। इस फिल्म में उत्तेजना पैदा करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, इस
फिल्म के बाद उन्हें मेनस्ट्रीम फिल्मों में इसी प्रकार की भूमिकाएं ऑफर की गई।
सुरवीन को हमेशा विविधता पूर्ण भूमिकाये और विषय ही आकर्षित करते हैं। इसलिए
उन्हें पार्च्ड और छुरी जैसी अलग सी फ़िल्में की। लेकिन, इन
फिल्मों में भी उनकी भूमिकाएं उत्तेजक थी। इसलिए, जब यह खबर आई कि सुरवीन चावला अब अल्ट बालाजी के
साथ मिलकर काम कर रही है। तो ऐसा लगा कि फिर कोई रागिनी एसएमएस जैसी भूमिका में
नज़र आएंगी। लेकिन, अल्ट
बालाजी की वेब सीरीज हक से उन्हें बिलकुल नए रूप में पेश करने जा रही है । इस
शो में सुरवीन एक मुस्लिम लड़की मेहर की भूमिका निभा रही है। इस भूमिका में
वह बिलकुल ग्लैमर रहित नज़र आएंगी। इस
भूमिका के लिए सुरवीन को डी-ग्लैम अवतार में होना जरुरी था । सुरवीन शो में एक
बाल रोग विशेषज्ञ के किरदार में है और उनके किरदार की जटिलता को ध्यान में
रखते हुए, सुरवीन
के मेकअप और कॉस्ट्यूम पर काफी काम किया गया है। प्रतिभावान अभिनेत्री सुरवीन
शो में खूबसूरत सलवारो और शॉल में नजर आएँगी। इन पोशाकों का चुनाव खुद सुरवीन ने
किया है। उन्होंने ही कश्मीर के स्थानीय बाजारों से पारंपरिक
कपड़े और शॉल की खरीदारी की। स्थानीय बाजार से खरीदारी के अपने अनुभव के बारे में सुरवीन कहती है , "जब मैंने हक से की स्क्रिप्ट पढ़ी, तब मैंने अपने जहन में तस्वीर बनायीं कि मेरा किरदार इस तरह का होगा । मैंने निर्माताओं से बात की और कश्मीर के स्थानीय बाजारों में कपड़ों की खरीदारी की। मुझे सौदेबाजी का मज़ा आया और मुझे कम कीमत पर सामान मिला।" क्या इस शो से हेट स्टोरी २ से चस्पा सुरवीन चावला की सेक्सी इमेज धुंधली पड़ेगी ! हक से का निर्देशन केन घोष ने किया है। केन घोष ने इश्क़ विश्क फिल्म से शाहिद कपूर का डेब्यू करवाया था। हक़ से कश्मीर की खूबसूरत घाटियों की पृष्ठभूमि में चार बहनों मेहर, जन्नत, बानो और अमल की कहानी है। यह शो उनकी महत्वाकांक्षाओं और सपनों की पड़ताल करता है। इस क्षेत्र में उनकी भौगोलिक स्थिति और कट्टरपंथियों द्वारा पैदा की गई परिस्थितियों को दर्शाया गया हैं। इन चार बहनों के कष्टों के बीच एक सुंदर प्रेम कहानी भी है। राजीव खंडेलवाल, सुरवीन चावला, पारुल गुलाटी, सिमोन सिंह, रुखसार, आंचल शर्मा, निकेशा रंगवाला, पारुल गुलाटी, करणवीर शर्मा इस शो में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। यह शो जल्द ही अल्ट बालाजी ऐप और वेबसाइट पर स्ट्रीमिंग करेगा ।
कपड़े और शॉल की खरीदारी की। स्थानीय बाजार से खरीदारी के अपने अनुभव के बारे में सुरवीन कहती है , "जब मैंने हक से की स्क्रिप्ट पढ़ी, तब मैंने अपने जहन में तस्वीर बनायीं कि मेरा किरदार इस तरह का होगा । मैंने निर्माताओं से बात की और कश्मीर के स्थानीय बाजारों में कपड़ों की खरीदारी की। मुझे सौदेबाजी का मज़ा आया और मुझे कम कीमत पर सामान मिला।" क्या इस शो से हेट स्टोरी २ से चस्पा सुरवीन चावला की सेक्सी इमेज धुंधली पड़ेगी ! हक से का निर्देशन केन घोष ने किया है। केन घोष ने इश्क़ विश्क फिल्म से शाहिद कपूर का डेब्यू करवाया था। हक़ से कश्मीर की खूबसूरत घाटियों की पृष्ठभूमि में चार बहनों मेहर, जन्नत, बानो और अमल की कहानी है। यह शो उनकी महत्वाकांक्षाओं और सपनों की पड़ताल करता है। इस क्षेत्र में उनकी भौगोलिक स्थिति और कट्टरपंथियों द्वारा पैदा की गई परिस्थितियों को दर्शाया गया हैं। इन चार बहनों के कष्टों के बीच एक सुंदर प्रेम कहानी भी है। राजीव खंडेलवाल, सुरवीन चावला, पारुल गुलाटी, सिमोन सिंह, रुखसार, आंचल शर्मा, निकेशा रंगवाला, पारुल गुलाटी, करणवीर शर्मा इस शो में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। यह शो जल्द ही अल्ट बालाजी ऐप और वेबसाइट पर स्ट्रीमिंग करेगा ।
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कपूर्स बनने के लिए सनसनी मचाने को तैयार करिश्मा शर्मा
स्मार्ट ईशा तीक्ष्ण बुद्धि की भौतिकतावादी लड़की है। वह मनचाहा पाने के लिए अपने खूबसूरत जिस्म का इस्तेमाल
करने में पीछे नहीं रहती। वह जीवन की तमाम
सुख सुविधाएँ पाने के लिए अपनी खूबसूरती
को टिकट की तरह इस्तेमाल करती है। यह कहानी है ऑल्ट बालाजी की आने वाली वेब सीरीज
कपूर्स की। इस वेब सीरीज में खूबसूरत लड़की, उसका आकर्षक
शरीर, उत्तेजक अंग प्रदर्शन और कामुकता होगी। एकता कपूर के बैनर की होर्रेक्स सीरीज रागिनी
एमएमएस रिटर्न्स से कामोत्तेजना और भय का
जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह आज भी जारी है। रागिनीं एमएमएस रिटर्न्स,
सनी लियॉन की होर्रेक्स फिल्म रागिनी एमएमएस २ आगे की कहानी थी। इस सीरीज के लिए सनी लियॉन तो उपलब्ध नहीं हुई,
लेकिन उनकी जगह दिल्ली की करिश्मा शर्मा ने बखूबी या यो कहिये दो हाथ आगे
तक भर दी। रागिनी एमएमएस रिटर्न्स ने इंटरनेट की दुनिया में उत्तेजना भरी सनसनी
फैला दी। वह ऑल्ट बालाजी सीरीज की बोल्ड
एंड ब्यूटीफुल एक्ट्रेस मान ली गई थी। अब
वह कपूर्स में एक बार फिर उसी सनसनी को फैलाने के लिए तैयार है। ईशा शर्मा कहती
हैं, "रागिनी एमएमएस रिटर्न्स के ख़त्म होने से
पहले ही मैं ईशा की भूमिका पा चुकी थी।
मैं भाग्यशाली हूँ और एकता माम
की शुक्रगुज़ार कि उन्होंने मुझ पर विश्वास
किया।" अंग प्रदर्शन और उत्तेजना के लिहाज से ईशा का
चरित्र भी रागिनी के आगे की कड़ी लगता है।
कहती हैं करिश्मा, "रागिनी के विपरीत ईशा मौज मस्ती वाला
महत्वकांक्षी चरित्र है। वह जितना अपने परिवार
को प्यार करती है, उतना ही अपने सपनों को भी।"
कपूर्स अपने करैक्टर ईशा की तरह करिश्मा
भी अपने सपने पूरे करने के लिए कुछ भी कर सकती है। टीवी शो पवित्र रिश्ता और प्यार का पंचनामा २
में काम कर चुकी करिश्मा ने कहा, "अगर
स्क्रिप्ट की डिमांड पर मुझे कपडे भी उतारने पड़े तो मैं उतार दूंगी।"
आजकल उनका एक कम्बल में लगभग नग्न हो कर
कराया गया फोटोशूट तहलका मचाये हुए हैं। वह इंस्टाग्राम पर अपने एक चित्र के साथ लिखती हैं,
"मैं एक चिड़िया की तरह आज़ाद उड़ना चाहती हूँ।" ऑल्ट बालाजी के शो
इसमें करिश्मा की कितनी मदद करते हैं,
यह तो भविष्य बताएगा। लेकिन,
फिलहाल करिश्मा शर्मा लगभग नग्न फोटोशूट करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस एशा
गुप्ता और टीवी एक्ट्रेस टीना दत्ता की श्रेणी में आ जाती हैं। लेकिन,
करिश्मा को याद रखना होगा कि शरीर
से कपडे उतारने की होड़ किसी अभिनेत्री को एशा गुप्ता या शेरलीन चोपड़ा तक ही पहुंचा
सकती है। विक्रम लाभे की इस सीरीज की कहानी तीन कपूर बहनों के इर्दगिर्द घूमती है।
इन तीनों का लक्ष्य पैसा, प्यार और अपनी महत्वकांक्षाये पूरी करना है।
अभी प्री-प्रोडक्शन की स्टेज पर इस सीरीज में कुशल टंडन (बेहद शो),
गुलफाम हुसैन, पायल भोजवानी, कस्तूरी
मित्र, सत्यजीत शर्मा और रिद्धिमा पंडित को
केंद्रीय भूमिकाओं में लिया गया है। तो
इंटरनेट पर इंतज़ार कीजिये कपूर्स बहनों का।
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Karishma Sharma,
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या शाहरुख़ खान के अंतरिक्ष में नज़र आयेंगी प्रियंका चोपड़ा !
प्रियंका चोपड़ा किस बॉलीवुड फिल्म में काम करेगी ? क्या वह भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की बायोपिक में काम करेंगी ! या फिर उन्होंने, जिन दो तीन फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ी हैं, उनमे किसी एक या दो पर अपनी सहमति की मोहर लगाएंगी ! फिलहाल, अभी कुछ साफ़ नहीं हैं। प्रियंका चोपड़ा देश में मौजूद हैं। वह स्क्रीन अवार्ड्स में पांच मिनट के मेडले के लिए पांच करोड़ अंदर कर चुकी हैं। ज़ी अवार्ड्स में उन्हें इंटरनेशनल आइकॉन टाइटल नवाज़ा जा चुका है। अमेरिकी ज़मीन पर हार्वे वेंस्टीन मामले में कास्टिंग काउच को लेकर मुखर प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड को लेकर सेफ साइड लेती हैं। वह हॉलीवुड के एक्टर्स का कास्टिंग काउच को लेकर खुलासे किये जाने की प्रशंसा करती हैं, लेकिन बॉलीवुड पर चुप्पी मारते हुए इतना कहती हैं कि हमारे यहाँ इतनी हिम्मत नहीं है और न ही हम लोग साथ आ सकते हैं। यानि इंटरनेशनल आइकॉन भी टांय टांय फिस्स। बहरहाल, उनके रोहित शेट्टी और करण जौहर के शो के पहले एपिसोड में दिखाई देने की खबर है। उनकी अगली फिल्म कौन सी होगी अभी साफ़ नहीं है। लेकिन, अनुमान लगाया जा रहा था कि राकेश शर्मा बायोपिक उनकी हॉलीवुड के बाद पहली बॉलीवुड फिल्म हो सकती है। इस फिल्म में आमिर खान ऑस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा का रोल कर रहे थे। अब खबर है कि महाभारत को स्क्रीन पर उतारने के लिए उन्होंने राकेश शर्मा बायोपिक को छोड़ दिया है। तो क्या प्रियंका चोपड़ा अभी भी फिल्म में हैं ! क्योंकि प्रियंका तो आमिर खान के कारण ही यह फिल्म कर रही थी। इस फिल्म में पहली बार आमिर खान और प्रियंका चोपड़ा की जोड़ी बनने जा रही थी। आमिर खान के निकलने के बाद प्रियंका ने फिल्म छोड़ी नहीं थी। ज़ी सिने अवार्ड्स के दौरान पूछे जाने पर उन्होंने इतना ही कहा था कि मेरी फिल्म को लेकर सिड यानि सिद्धार्थ रॉय कपूर और महेश मथाई से पहले बात हुई थी। लेकिन, अब क्या है, नहीं मालूम ! फ़िल्मी गलियारों में खबर है कि आमिर खान ने फिल्म से निकल जाने के बाद, अपने रिप्लेसमेंट के तौर पर जिस नाम की सिफारिश की थी, वह नाम शाहरुख़ खान का है। क्या शाहरुख़ खान बायोपिक में राकेश शर्मा का किरदार कर रहे हैं ? क्या प्रियंका चोपड़ा इस बायोपिक फिल्म को अभी भी कर रही हैं? अगर, शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा, दोनों ही फिल्म में हैं तो यह डॉन जोड़ी का पुनर्मिलन होगा। डॉन २ (२०११) के बाद प्रियंका चोपड़ा और शाहरुख़ खान की जोड़ी फिर नहीं बन पाई थी। खबर थी कि इन में खटास आ गई है। खटपट का कारण क्या था, बहुत साफ़ नहीं हुआ था। लेकिन,मामला गंभीर था। क्या इसके बावजूद खान-चोपड़ा जोड़ी फिर से बनेगी ? इसकी संभावना न के बराबर लगती है। ज़ी स्टार अवार्ड्स में जिस प्रकार से शाहरुख़ खान प्रियंका चोपड़ा की मौजूदगी से कन्नी काट गए, अगर वह कोई सन्देश है तो शाहरुख़ खान प्रियंका के रहते राकेश शर्मा बायोपिक नहीं करने जा रहे। अगर शाहरुख़ खान राकेश शर्मा की भूमिका करते हैं तो प्रियंका चोपड़ा को खान के अंतरिक्ष को छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा की जोड़ी फिर बनना नामुमकिन लगता है।
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गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अगर इसे ज़िंदा कहते हैं....तो टाइगर ज़िंदा है !
यशराज फिल्म्स की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म टाइगर ज़िंदा है से कुछ बातें साफ़ होती हैं -
* भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, जिसके संक्षिप्त नाम रॉ से पाकिस्तानी जांच एजेंसी की हवा खिसकती है, पाकिस्तान हुक्मरान खौफ खाते हैं, निहायत बेवक़ूफ़ है। उसका एक पूर्व एजेंट, जिसे वह मरा हुआ समझ रहे हैं, वह ऑस्ट्रिया में पूरा रॉ हेडक्वार्टर हैक किये बैठा है। इस एजेंसी को मालूम ही नहीं।
** पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी, जिसे भारत के लोग देश में आतंकी भेजने के लिए जिम्मेदार मानते है, वह खुद आतंकवाद से लड़ रही हैं यानि मिया मुशर्रफ सही फरमाते हैं।
*** तिकरित में बंधक बनाई गई ४६ भारतीय नर्सें किसी कूटनीतिक दबाव का परिणाम नहीं थी, बल्कि टाइगर ज़िंदा है। अगर, यशराज बैनर न होता, अली अब्बास ज़फर न प्लान करते और सलमान खान टाइगर न होते तो वह नर्सें मार दी जाती। भारत सरकार गई तेल लेने।
कहानी- तिकरित में २५ भारतीय नर्सें, जिनसे १५ पाकिस्तानी नर्सें जोड़ कर, ४० बनाया जाता है, अबू उस्मान की आईएससी (ध्यान रहे नर्सों का अपहरण आईएसआईएस ने नहीं, जैसा बताया जाता है, आईएससी ने किया था) द्वारा कर लिया जाता है। उन्हें एक हॉस्पिटल में बंधक बना लिया जाता है। एक अमेरिकी हमले में अबू उस्मान घायल हो जाता है। उसे उसी हॉस्पिटल में, जिसमे कोई डॉक्टर नहीं है, लाया जाता है और नर्सों के सहारे इलाज़ के लिए छोड़ दिया जाता है। अब इनकों छुड़ाया कैसे जाए ? भारत सरकार नकारा है। विदेश मंत्रालय निकम्मा है। लेकिन, टाइगर ज़िंदा है न! वह छुड़ाएगा। और आखिर में आखिर में छुड़ा भी लेता है। कैसे ! यह मत पूछना ! फैंटम देख हैं !! ठीक वैसे ही !!!
लेखन- निर्देशन- टाइटल में बतौर निर्देशक अली अब्बास ज़फर का नाम गया है। लेकिन, ९० प्रतिशत काम देशी/ विदेशी एक्शन कोरियोग्राफर, स्पेशल इफेक्ट्स और वीएफएक्स टीम ने किया है। इस बचकानी कहानी को लिखने में नीलेश मिश्रा और अली अब्बास ज़फर ने अपना समय बर्बाद किया है। कहानी तो रियल लाइफ है। आपने तो उसका सत्यानाश लिखा है। अली के स्क्रीनप्ले में कोई नयापन नहीं। हर दृश्य जाना पहचाना और ऎसी बहुत सी फिल्मों का देखा हुआ है। संवाद सलमान खान मार्का हैं। उनके प्रशंसकों से तालियां बजवाने के लिए ही लिखे गए हैं। इतनी बचकानी फिल्म लिखना तो हमारे लेखकों के बस की बात ही है। टाइगर सब कुछ कर सकता है। लेकिन, कैसे ! यह तो बताना ही होगा। बिना रेकी किये, तिकरित और मोसुल की गलियों में आतंकियों को चकमा टाइगर हंसी पैदा करता है। फिल्म की ज़्यादातर घटनाएं अविश्वसनीय हैं।
अभिनय- सलमान खान बारूद के ढेर में बैठे टाइगर बने हैं। उनके करने से ज्यादा गोला बारूद ने उनके लिए किया है। वह फिल्म के क्लाइमेक्स में कमीज़ चीर कर तालियाँ बटोर ले जाते हैं। कैटरिना कैफ ने एक्शन खूब किये हैं। वह अपना काम ठीकठाक कर ले जाती हैं। फिल्म में ढेरो देशी विदेशी चेहरे हैं। लेकिन, इन सब के बीच उभर कर आते हैं अबू उस्मान की भूमिका में ईरानी सज्जाद दिलफ़रोज़। वह बिना ओवर हुए अपने किरदार को क्रूर दिखा पाने में सक्षम होते हैं।
अभिनय- सलमान खान बारूद के ढेर में बैठे टाइगर बने हैं। उनके करने से ज्यादा गोला बारूद ने उनके लिए किया है। वह फिल्म के क्लाइमेक्स में कमीज़ चीर कर तालियाँ बटोर ले जाते हैं। कैटरिना कैफ ने एक्शन खूब किये हैं। वह अपना काम ठीकठाक कर ले जाती हैं। फिल्म में ढेरो देशी विदेशी चेहरे हैं। लेकिन, इन सब के बीच उभर कर आते हैं अबू उस्मान की भूमिका में ईरानी सज्जाद दिलफ़रोज़। वह बिना ओवर हुए अपने किरदार को क्रूर दिखा पाने में सक्षम होते हैं।
तकनीक- टाइगर ज़िंदा है टेक्निकल टीम की फिल्म है। अब चाहे वह बारूद के ज़रिये किया गया हो या स्पेशल इफेक्ट्स के ज़रिये। वैसे सलमान खान के साथ भेड़ियों के झुण्ड से लड़ाई की काफी चर्चा थी। लेकिन, वह बहुत प्रभावित नहीं कर पाया। साफ़ तौर पर दो दृश्य जोड़े हुए लग रहे थे। हॉलीवुड के स्टंट कोरियोग्राफर भी आपके लिए पूरा ओरिजिनल क्यों करेंगे !
एक था टाइगर और टाइगर ज़िंदा है का फर्क - एक था टाइगर २०० करोड़ तक नहीं पहुँच पाई थी। लेकिन, एक था टाइगर दर्शकों के दिल तक पहुँच पाने में सफल हुई थी। कबीर खान टाइगर और ज़ोया के रोमांस को प्रभावशाली ढंग से उभार पाने में सफल हुए थे। टाइगर ज़िंदा है में ऐसा कुछ नहीं है। यही कबीर खान और अली अब्बास ज़फर का फर्क है। अलबत्ता अली अब्बास ज़फर ने कबीर खान की फिल्म फैंटम की नक़ल करने में काफी मेहनत की है।
बारूद में उड़ा दिए १४० करोड़- ट्रेड के जानकार बताते हैं कि फिल्म के निर्माण में १४० करोड़ खर्च हुए हैं। इसमें सलमान खान का पारिश्रमिक शामिल नहीं है। इसके लिए उन्होंने राइट्स लिए हैं और प्रॉफिट में हिस्सा लेंगे । बताते हैं कि टाइगर ज़िंदा है के म्यूजिक, ओवरसीज मार्किट के अधिकार, टीवी टेलीकास्ट के अधिकार , आदि के ज़रिये १४० करोड़ अंदर कर लिए गए हैं। इस फिल्म को ४०००+ स्क्रीन पर रिलीज़ किया गया है। अगर फिल्म ने थोड़ी भी पकड़ बनाये रखी तो २०० करोड़ कहीं नहीं गए। लेकिन, अगर उखड़ी तो......! ३०० करोड़ तो वैसे भी नहीं बनते नज़र आ रहे। शनिवार और रविवार के जम्प के बाद, सोमवार को क्रिसमस डे जम्प से सब पता चल जायेगा।
वैसे यह कहा जा सकता है कि अगर सलमान खान के प्रशंसकों का आईक्यू सचमुच इतना कम हो गया है तो समझ लीजिये की बारूद की गंध के बीच डायलाग पेलता टाइगर सचमुच ज़िंदा है।
नोट- यह पाकिस्तानियों और उनके आकाओं का दुर्भाग्य है कि उन्होंने पाकिस्तान, पाकिस्तानियों और कुख्यात जासूसी एजेंसी को प्रमाणपत्र देने वाली फिल्म रिलीज़ नहीं होने दी।
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 21 December 2017
'मोहिनी' तृषा के साथ डराएंगे जैकी भगनानी
मोहिनी ! तृषा कृष्णन की तमिल हॉरर फिल्म का टाइटल है। इस सुपरनैचरल हॉरर फिल्म की ज़्यादातर शूटिंग लंदन में हुई है। कुछ शूटिंग भारत और बैंकाक में भी हुई है। इस फिल्म में तृषा का वैशाली और वैष्णवी का दोहरा किरदार है। इसमें से एक किरदार भूत है। इस किरदार के लिए तृषा कृष्णन ने अपने करियर में पहली बार
प्रोस्थेटिक मेकअप किया है । इस फिल्म के सीजी इफेक्ट्स पर काम करने के लिए हैरी पॉटर की वीएफएक्स टीम को लगाया गया है। हिंदी फिल्म दर्शकों ने तृषा कृष्णन को एक मात्र हिंदी फिल्म अक्षय कुमार के साथ कॉमेडी फिल्म खट्टा मीठा में देखा था। इस फिल्म के बाद तृषा को कोई हिंदी फिल्म नहीं मिली। हिंदी फिल्मों में फ्लॉप तृषा की तमिल फिल्म मोहिनी
में उनके नायक हिंदी फिल्मों के असफल अभिनेता जैकी भगनानी है । जैकी भगनानी ने
२०११ में अपने पिता के बैनर की फिल्म फालतू से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी ।
उनकी ज़्यादातर फ़िल्में पिता ने ही बनाई हैं । इसके बावजूद वह हिंदी दर्शकों द्वारा नकार दिए गए। रामना मधेश निर्देशित मोहिनी का ट्रेलर आज रिलीज़ हुआ । ट्रेलर देखिये और डरिये ।
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जनवरी में टीवी स्क्रीन पर ‘पृथ्वी वल्लभ’
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन, २०१८ की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में करने जा रहा है। यह चैनल ‘पृथ्वी वल्लभ’के जरिये अपने नए ब्रांड सेट ओरिजिनल्स को लॉन्च करने जा रहा है। राइटर्स गैलेक्सी के अनिरुद्ध पाठक द्वारा निर्मित पृथ्वी वल्लभ सांसें रोक देने वाले विजुअल्स, कैनवास और प्रोडक्शन स्केल से दर्शकों को चकित करने वाला है। इसके जरिये कई सारी बातें भारतीय टेलीविजन पर पहली बार होने वाली हैं। पृथ्वी वल्लभ दो चिर-प्रतिद्वंद्वियों की अनूठी कहानी है, जो युद्ध के मैदान पर नफरत से शुरू होती है और सबसे बड़ी प्रेम कहानी के तौर पर समाप्त होती है। यह एक ऐसे युग की अनकही कहानी है जहाँ महत्वाकांक्षा सिर चढ़कर बोलती थी। इसमें रहस्य और फिक्शन का तड़का भी शामिल है। कला, संस्कृति, प्यार और युद्ध के मिश्रण से शो एक ऐसे युग में ले जाएगा जहाँ भारतीय शासक अपनी सत्ता, संपत्ति और जनता को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरते थे। शो में आशीष शर्मा राजा मुंज पृथ्वी वल्लभ का जबकि सोनारिका भदौरिया मृणाल की भूमिका में दिखेंगे। वहीं, पवन चौपड़ा सिंहदंत, शालिनी कपूर राजमाता, आलेफिया कपाड़िया सविता, जितिन गुलाटी तैलप, पियाली मुंशी जक्काला, सुरेंद्र पाल विनयादित्य की भूमिका निभाएंगे।
फिल्म पृथ्वी वल्लभ (१९४३) में सोहराब मोदी (राजा मुंज) |
यहाँ बताते चलें कि पृथ्वी बल्लभ प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी और लेखक कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (के एम मुंशी) का १९२० में लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास की कहानी दो राजाओं की दुश्मनी, युद्ध का मैदान और राजनीति में स्त्री की भूमिका पर केंद्रित है। इस उपन्यास पर दो फ़िल्में भी बनाई जा चुकी हैं। पहली फिल्म १९२४ में मणिलाल जोशी ने बनाई थी। यह फिल्म अत्यधिक सेक्स और हिंसा के कारण विवादित हुई थी। दूसरी फिल्म पृथ्वी वल्लभ सोहराब मोदी ने बनाई थी। यह फिल्म अवन्तिपुर के राजा मुंज/पृथ्वी वल्लभ और पडोसी राजा तैलप के युद्ध से शुरू होती थी। तैलप अपनी बहन मृणालवती और पास के राजा भिल्लम के ज़रिये मुंज को फंसा लेता है और बंदी बना लेता है। मोदी की इस फिल्म में पृथ्वी वल्लभ खुद सोहराब मोदी बने थे। तैलप का किरदार संकठा प्रसाद ने किया था। उसकी बहन मृणावती दुर्गा खोटे बनी थी। राजा भिल्लम की भूमिका में के एन सिंह थे। यह फिल्म १९४३ में प्रदर्शित हुई थी। ज़ाहिर है कि अब ७४ साल बाद पृथ्वी वल्लभ को छोटे परदे पर लाया जा रहा है।
सेट ओरिजिनल्स सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का ही एक सब-ब्रांड है, जिसका उद्देश्य प्रीमियम और उच्च दर्जे का कंटेंट बनाना है। इसके जरिए श्रेष्ठतम प्रोडक्शन वैल्यू, कहानियां और नई प्रतिभाओं को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। पृथ्वी वल्लभ जनवरी 2018 के अंत तक ऑन एयर हो जाएगा।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
संजय दत्त की ऑन स्क्रीन बहन कौन !
रणबीर कपूर निर्देशक राजकुमार हिरानी के निर्देशन में पहली बार काम कर रहे हैं। यह पहली बार होगा कि वह कोई बायोपिक फिल्म कर रहे हैं। बायोपिक फिल्मों के अपने खतरे होते हैं। फिल्म के चरित्र रियल लाइफ होते हैं। आम तौर पर ज़्यादातर लोगों ने इन चरित्रों को सशरीर या चित्रों के द्वारा देखा होता है। लेकिन, यह खतरा उस समय ज़्यादा बढ़ जाता है, जब वह चरित्र समकालीन होता है। खास तौर सक्रिय चरित्र करना तो ज़्यादा कठिन हो जाता है। रणबीर कपूर के लिए खास कठिनाई यह थी कि वह रील लाइफ में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त का कर रहे हैं। राजकुमार हिरानी की फिल्म संजू (कथित रूप से) के नायक रणबीर कपूर अभिनेता संजय दत्त के जीवन को कर रहे हैं। यानि उनके बचपन से मुंबई बम ब्लास्ट के सज़ायाफ्ता होने तक की कहानी है। रणबीर कपूर को कठिनाई यह होनी ही है कि वह अपनी सीनियर अभिनेता को रील लाइफ में कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। यही कारण है कि जब रणबीर कपूर का संजय दत्त लुक जारी हुआ तो लोग हैरान रह गए। रणबीर कपूर हूबहू संजय दत्त लग रहे थे। यह रणबीर कपूर के अपने करैक्टर में घुस जाने की क्षमता थी। रणबीर कपूर जैसी परेशानी दूसरे किरदारों को करने वालों को भी होनी है। उनकी तुलना भी कभी रूपहले परदे पर चमकने वाले किरदारों से होगी। सभी जानते हैं कि संजय दत्त के माँ-पिता नरगिस और सुनील दत्त हिंदी फिल्मों की जानी मानी हस्तियां थी और प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ भी। राजकुमार हिरानी की फिल्म में रणबीर कपूर की रील लाइफ माँ यानि नरगिस की भूमिका अभिनेत्री मनीषा कोइराला कर रही हैं। परेश रावल उनके पिता सुनील दत्त की भूमिका में हैं। वैसे परेश रावल रियल लाइफ में सुनील दत्त को इस मायने में फॉलो करते हैं कि वह सुनील दत्त की तरह अभिनेता भी है और सांसद भी। इस बायोपिक में संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त की भूमिका दिया मिर्ज़ा कर रही हैं। बायोपिक फिल्म में संजय दत्त के जीवन से जुड़े कुछ दूसरे चरित्रों को अनुष्का शर्मा, सोनम कपूर, विक्की कौशल, जिम सरभ और करिश्मा तन्ना कर रहे हैं। यह किस चरित्र को कर रहे हैं, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। सूत्र बताते हैं कि अनुष्का शर्मा एक महिला पत्रकार और सोनम कपूर और करिश्मा तन्ना संजय दत्त की एक्ट्रेस प्रेमिका का रोल कर रही हैं। लेकिन, इतना खुलासा ज़रूर हुआ है कि संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त की भूमिका दक्षिण की अभिनेत्री अदिति सिया या सिया गौतम कर रही हैं। सिया ने कुछ तेलुगु फिल्मों में अभिनय किया है। संजय दत्त का अपनी बहन प्रिया से बेहद जुड़ाव था। इस लिहाज़ से सिया का किरदार काफी अहम् हो जाता है। चेहरे मोहरे से सिया प्रिया दत्त की कॉपी लगाती हैं। अब देखने वाली बात होगी कि संजय दत्त के जीवन के नाज़ुक क्षणों में उनका साथ देने वाली प्रिया की भूमिका को सिया कितने संवेदनशील तरीके से कर पाती हैं।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
प्रिटी ज़िंटा ने कहा - मेरा नाम प्रीटी ज़िंटा है !
By the way “Tiger Zinda hai aur mera naam Preity Zinta Hai ” looking forward to seeing the movie real soon @BeingSalmanKhan #hahahah |
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या बनेगी ची ची और चूचा की ऑन स्क्रीन जोड़ी ?
क्या बनेगी चीची संग चूचा की जोड़ी ? फ़िल्मी गलियारे में यह सवाल पूछा जाने लगा है। जॉनी वॉकर और और मेहमूद के बाद हास्य अभिनेता को नायक बनाने का काम गोविंदा ने ही किया था। लव ८६ फिल्म से डांसिंग स्टार के रूप में स्थापित होने वाले गोविंदा ने कई हिट नंबर वन सीरीज की फ़िल्में दी। वह डांस और कॉमेडी का ऐसा बढ़िया संगम थे कि हर फिल्म के साथ दर्शक उनके दीवाने बनते चले गए। उन्हें घर के नाम चीची से प्यार किया जाता है। कोई ३३ साल और डेढ़ सौ के करीब फिल्मों तक गोविंदा का सितारा बुलंद रहा। इस लिहाज़ से वरुण शर्मा बच्चे हैं। उनका करियर २०१३ की हिट फिल्म फुकरे से शुरू हुआ था। हालाँकि, उन्होंने अब तक पांच छह दूसरी फ़िल्में भी की हैं। लेकिन, फुकरे जैसी कोई नहीं। पिछले दिनों फुकरे का सीक्वल फ़ुरक़े रिटर्न्स रिलीज़ हुआ है। यह फिल्म भी सफलता के झंडे गाड़ रही है। इस फिल्म
में, हनी ( पुलकित सम्राट), लाली (मनजोत सिंह) और भोली पंजाबन (ऋचा शर्मा) के किरदार भी हैं, लेकिन पुरुष चरित्रों में जो बात वरुण शर्मा के चूचा की है, वह हनी और लाली में कहाँ! उनका चूचा ज़िक्र भर से ही चेहरे पर मुस्कराहट ला देता है। अब रियल लाइफ के चीची गोविंदा और रील के चूचा वरुण शर्मा फिल्म फ्राई डे में एक साथ काम कर रहे हैं। निर्माता साजिद कुरैशी की अभिषेक डोगरा निर्देशित यह फिल्म एक असफल सेल्समेन और एक थिएटर आर्टिस्ट की कहानी है। इन किरदारों को वरुण शर्मा और गोविंदा कर रहे हैं। शूटिंग के दौरान मौजूद चश्मदीद तस्दीक करते हैं कि कैमरा के सामने गोविंदा और वरुण शर्मा की जोड़ी बेजोड़ हास्य पैदा करती है। दोनों की कॉमिक टाइमिंग गज़ब की है। मेल केमिस्ट्री तो लाजवाब है। इसलिए, यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या चीची और चूचा की जोड़ी बनेगी। यह दोनों नाम ही हास्य पैदा करने के लिए काफी हैं। ऐसे में स्क्रीन पर इस जोड़ी की अदायगी हास्य का तूफ़ान
पैदा कर देगी। तो क्या हिट कॉमेडी फिल्मों के लिए बनेगी चीची और चूचा की जोड़ी ? अपने टॉप के दिनों में गोविंदा को कभी पुरुष जोड़ीदार की ज़रुरत नहीं पड़ी। उन्होंने चंकी पांडेय, अनिल कपूर, सलमान खान, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ जोडिया ज़रूर बनाई। लेकिन,यह इक्का दुक्का फिल्मों तक ही सीमित रही। दरअसल, गोविंदा खुद इतने मज़बूत अभिनेता हैं कि उन्हें कॉमेडी के लिए किसी पुरुष जोड़ीदार की ज़रुरत नहीं पड़ती। दूसरे वह इतने स्वतःस्फूर्त अभिनेता हैं कि अपने जोड़ीदार पर छा जाते हैं। अलबत्ता, वरुण शर्मा को अभी सिंगल हीरो अपनी उपयोगिता साबित करनी हैं। उनका फुकरे का चूचा बिना लाली या हनी क्या भोली पंजाबन के बिना भी अधूरा है। इसलिए, फिलहाल वरुण धवन की सिंगल हीरो फिल्म का इंतज़ार करना होगा। जहाँ तक चूचा और चीची जोड़ी का सवाल है, फिलहाल तो गोविंदा लव गुरु प्रेम यानि सलमान खान के पार्टनर बनने जा रहे हैं।
में, हनी ( पुलकित सम्राट), लाली (मनजोत सिंह) और भोली पंजाबन (ऋचा शर्मा) के किरदार भी हैं, लेकिन पुरुष चरित्रों में जो बात वरुण शर्मा के चूचा की है, वह हनी और लाली में कहाँ! उनका चूचा ज़िक्र भर से ही चेहरे पर मुस्कराहट ला देता है। अब रियल लाइफ के चीची गोविंदा और रील के चूचा वरुण शर्मा फिल्म फ्राई डे में एक साथ काम कर रहे हैं। निर्माता साजिद कुरैशी की अभिषेक डोगरा निर्देशित यह फिल्म एक असफल सेल्समेन और एक थिएटर आर्टिस्ट की कहानी है। इन किरदारों को वरुण शर्मा और गोविंदा कर रहे हैं। शूटिंग के दौरान मौजूद चश्मदीद तस्दीक करते हैं कि कैमरा के सामने गोविंदा और वरुण शर्मा की जोड़ी बेजोड़ हास्य पैदा करती है। दोनों की कॉमिक टाइमिंग गज़ब की है। मेल केमिस्ट्री तो लाजवाब है। इसलिए, यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या चीची और चूचा की जोड़ी बनेगी। यह दोनों नाम ही हास्य पैदा करने के लिए काफी हैं। ऐसे में स्क्रीन पर इस जोड़ी की अदायगी हास्य का तूफ़ान
पैदा कर देगी। तो क्या हिट कॉमेडी फिल्मों के लिए बनेगी चीची और चूचा की जोड़ी ? अपने टॉप के दिनों में गोविंदा को कभी पुरुष जोड़ीदार की ज़रुरत नहीं पड़ी। उन्होंने चंकी पांडेय, अनिल कपूर, सलमान खान, अमिताभ बच्चन, आदि के साथ जोडिया ज़रूर बनाई। लेकिन,यह इक्का दुक्का फिल्मों तक ही सीमित रही। दरअसल, गोविंदा खुद इतने मज़बूत अभिनेता हैं कि उन्हें कॉमेडी के लिए किसी पुरुष जोड़ीदार की ज़रुरत नहीं पड़ती। दूसरे वह इतने स्वतःस्फूर्त अभिनेता हैं कि अपने जोड़ीदार पर छा जाते हैं। अलबत्ता, वरुण शर्मा को अभी सिंगल हीरो अपनी उपयोगिता साबित करनी हैं। उनका फुकरे का चूचा बिना लाली या हनी क्या भोली पंजाबन के बिना भी अधूरा है। इसलिए, फिलहाल वरुण धवन की सिंगल हीरो फिल्म का इंतज़ार करना होगा। जहाँ तक चूचा और चीची जोड़ी का सवाल है, फिलहाल तो गोविंदा लव गुरु प्रेम यानि सलमान खान के पार्टनर बनने जा रहे हैं।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कंगना रनौत का नया अवार्ड्स धमाका !
अपनी सेक्स अपील के ज़रिये बम बरसाने वाली अभिनेत्रियों को बॉम्बशैल कहा जाता है। लेकिन, बॉलीवुड की अदाकारा कंगना रनौत अपने विस्फोटक खुलासे करने के कारण बॉम्बशैल कहलाई जाने लगी हैं। हिंदी फिल्मों की विद्रोही अभिनेत्री कंगना रनौत ने अभिनय के कई कीर्तिमान स्थापित कर रखे हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की भूमिकाओं से कोई परहेज नहीं। वह किसी भी इमेज में खुद को बांधना नहीं चाहती। पहली ही फिल्म गैंगस्टर में एक गैंगस्टर की रखैल बनने का साहस रखने वाली कंगना ने लाइफ इन मेट्रो में करियर के लिए बॉस के साथ सम्बन्ध बनाने वाली आधुनिक की भूमिका की थी। फैशन में उन्होंने करियर की फिसलन से विचलित नसेड़ी मॉडल का रोल किया था। राज़ : द मिस्ट्री कंटिन्यूज में उन्होंने धड़ल्ले से गालियां बकी थी। काइट्स और कृष ३ में उनकी भूमिकाएं बुरे किरदार वाली थी। कंगना रनौत ने अपना दम तनु वेड्स मनु, क्वीन और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स से दिखाया। उन्हें गैंगस्टर के लिए उस साल के तमाम पॉपुलर फिल्म पुरस्कारों के बेस्ट डेब्यू एक्टर अवार्ड मिले। फैशन, क्वीन और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। बाद में भी पॉपुलर पुरस्कार तो ढेरों मिले। लेकिन, वह नेशनल फिल्म अवार्ड्स को छोड़ कर किसी भी पॉपुलर अवार्ड्स में न शामिल होती हैं और न ही उन्हें लेने जाती हैं। इसीलिए, उन्हें ज़्यादातर अवार्ड्स में नॉमिनेट भी किया जाता है तो जानबूझ कर पुरस्कार नहीं दिए जाते। यह सवाल बार बार उठता रहा है कि पॉपुलर अवार्ड्स में
क्यों नहीं जाती ? क्या पुरस्कारों से उनकी बेरुखी का कारण भी वही है, जो अजय देवगन और आमिर खान की बेरुखी का है। हृथिक रोशन और नेपोटिस्म के धमाकों के बाद कंगना रनौत ने पॉपुलर पुरस्कारों के सन्दर्भ में भी धमाका किया है। उन्होंने बिना किसी पुरस्कार का नाम लिए बताया कि एक बार उन्हें एक पुरस्कार समारोह में फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड दिया जाना था। उस दिन वह मुंबई की भारी ट्रैफिक में फंस गई। उन्हें समारोह में पहुँचने में देरी हो गई। इसे देख कर आयोजकों ने उनका यह पुरस्कार रंग दे बसंती की सोहा अली खान को दे दिया। इसी प्रकार से एक और मौके पर मुझे सूचित किया गया कि मुझे कृष ३ के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड दिया जाना है। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं अमेरिका में हूँ और पुरस्कार लेने नहीं पहुँच पाएंगी तो यह पुरस्कार रामलीला के सुप्रिया पाठक को दे दिया गया। इन सब घटनों को देखते हुए ही, कंगना रनौत पॉपुलर पुरस्कार लेने नहीं जाती। उनके इस आरोप पर फिल्मफेयर के संपादक जितेश पिल्लई ने ट्वीट कर कहा, "शायद कंगना रनौत ने कहा है कि मैंने उनसे कृष के लिए प्रस्कार दिए जाने की बात की थी। शायद उनको भ्रम हो गया है। मेरी कृष को लेकर उनसे कभी कोई बात नहीं हुई।" अब यह बात दीगर है कि फिल्मफेयर जैसे अवार्ड्स को भी कंगना रनौत की प्रतिभा को पुरस्कृत करने के लिए बार बार विवश होते रहना पड़ता है।
क्यों नहीं जाती ? क्या पुरस्कारों से उनकी बेरुखी का कारण भी वही है, जो अजय देवगन और आमिर खान की बेरुखी का है। हृथिक रोशन और नेपोटिस्म के धमाकों के बाद कंगना रनौत ने पॉपुलर पुरस्कारों के सन्दर्भ में भी धमाका किया है। उन्होंने बिना किसी पुरस्कार का नाम लिए बताया कि एक बार उन्हें एक पुरस्कार समारोह में फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड दिया जाना था। उस दिन वह मुंबई की भारी ट्रैफिक में फंस गई। उन्हें समारोह में पहुँचने में देरी हो गई। इसे देख कर आयोजकों ने उनका यह पुरस्कार रंग दे बसंती की सोहा अली खान को दे दिया। इसी प्रकार से एक और मौके पर मुझे सूचित किया गया कि मुझे कृष ३ के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड दिया जाना है। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं अमेरिका में हूँ और पुरस्कार लेने नहीं पहुँच पाएंगी तो यह पुरस्कार रामलीला के सुप्रिया पाठक को दे दिया गया। इन सब घटनों को देखते हुए ही, कंगना रनौत पॉपुलर पुरस्कार लेने नहीं जाती। उनके इस आरोप पर फिल्मफेयर के संपादक जितेश पिल्लई ने ट्वीट कर कहा, "शायद कंगना रनौत ने कहा है कि मैंने उनसे कृष के लिए प्रस्कार दिए जाने की बात की थी। शायद उनको भ्रम हो गया है। मेरी कृष को लेकर उनसे कभी कोई बात नहीं हुई।" अब यह बात दीगर है कि फिल्मफेयर जैसे अवार्ड्स को भी कंगना रनौत की प्रतिभा को पुरस्कृत करने के लिए बार बार विवश होते रहना पड़ता है।
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गर्मागर्म
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क्यों मुसीबत में है रानी मुख़र्जी की हिचकी ?
हिचकी में रानी मुख़र्जी |
फ्रंट ऑफ़ द क्लास में जेम्स वॉक |
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'देवा' और 'गच्ची' से मुसीबत में टाइगर ज़िंदा है
सलमान खान की फिल्म टाइगर ज़िंदा है मुसीबत में हैं। टाइगर को यह मुसीबत पहुंचाने में ठाकरे भाइयों की सेनाये एकजुट हो गई हैं। उनकी यह एक जुटता टाइगर ज़िंदा है के कैटरीना कैफ के किरदार ज़ोया के पाकिस्तानी एजेंट होने के विरोध में नहीं है । महाराष्ट्र की इन सेनाओं का पाकिस्तान विरोध अब वक़्त वक़्त की बात
हो गई है । उद्धव ठाकरे की शिव सेना और राज ठाकरे
की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना अड़ी हुई हैं कि २२ दिसम्बर को दो मराठी फ़िल्में
देवा और गच्ची भी रिलीज़ हो । इस समय सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है
हिंदुस्तान के तमाम सिंगल और मल्टीप्लेक्स थिएटरों के पर्दों पर काबिज़ हैं। फिल्म
के निर्माता
यशराज फिल्म्स ने मुंबई में भी सभी सिनेमाघरों की प्राइम टाइम की सभी
स्क्रीन अपनी फिल्म टाइगर जिंदा है के लिए बुक कर रखी हैं । देवा और गच्ची के लिए प्राइम टाइम पर कोई स्क्रीन उपलब्ध नहीं है । मराठी फिल्मों के लिए
हमेशा से लड़ती आई महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने यशराज फिल्म्स को पत्र लिख कर टाइगर
जिंदा है की कुछ स्क्रीन छोड़ने की अपील की है ताकि देवा और गच्ची रिलीज़ हो सकें। चूंकि फिल्म प्रदर्शक अपनी तमाम स्क्रीन्स पर यशराज फिल्म्स से समझौता कर चुके हैं, इसलिए उनके
हाथ में ऐसा कुछ नहीं है कि वह प्राइम टाइम की स्क्रीन्स मराठी फिल्मों को उपलब्ध करा
सकें । जहाँ तक मराठी फिल्मों का सवाल है, देवा को १ दिसम्बर को रिलीज़ होना
था । लेकिन, सेंसर के ६८ दिनों के रूल के कारण इस फिल्म को समय से प्रमाणपत्र नहीं मिल सका ।
अब जबकि फिल्म पारित हुई है तो इसके निर्माता अपनी फिल्म २२ दिसम्बर को ही रिलीज़
किये जाने पर अड़े हुए हैं । ऐसे में गेंद यशराज फिल्म्स के पाले में हैं। उन्हें निर्णय लेना है कि वह सेनाओं की बात मान कर स्क्रीन खाली करें या नहीं ! हालाँकि, मराठी फिल्मों
को पर्याप्त शो देने का नियम राज्य सरकार का बनाया हुआ है । ऐसे में हो
सकता है कि महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़े । लेकिन,
अगर यशराज फिल्म्स ने स्क्रीन खाली नहीं किये तब क्या होगा ! महाराष्ट्र नव
निर्माण सेना के अमे खोपकर धमकी देते हैं, “देवा तो २२ दिसम्बर को ज़रूर रिलीज़ होगी
। अब इसके लिए स्क्रीन शांति से दिए जाएँ या हमें दूसरे तरीके अपनाने पड़े ।“
यानि एम्एनएस सीधे सीधे तोड़फोड़ की धमकी दे रहा है । देखिये क्या होता
है....!
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क्वांटिको जैसा कुछ करने में हैप्पी होंगी सोनाक्षी सिन्हा
अक्षय कुमार के साथ हिट फिल्म हॉलिडे: अ सोल्जर इज नॉट एवर ऑफ ड्यूटी (२०१५) के बाद, सोनाक्षी सिन्हा के सितारे बॉक्स ऑफिस पर कमज़ोर चल रहे हैं। उनकी अब तक सात फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी हैं। इनमे अजय देवगन के साथ एक्शन जैक्सन, रजनीकांत के साथ तमिल फिल्म लिंगा, जॉन अब्राहम के साथ फिल्म फाॅर्स २ और अर्जुन कपूर के साथ तेवर के अलावा वह फ़िल्में भी हैं, जिनके केंद्र पर वह खुद थी। यानि फिल्म का सारा दारोमदार सोनाक्षी सिन्हा के किरदार पर ही था। ख़ास बात यह थी कि इनमे शोख सोनाक्षी की अकीरा और फाॅर्स २ जैसी एक्शन फ़िल्में भी थी। वह नूर में एक पत्रकार के किरदार में कॉमेडी कर रही थी। इत्तफ़ाक़ में उनकी भूमिका नकारात्मक थी। इन फिल्मों से साफ़ है कि सोनाक्षी सिन्हा को भिन्न प्रकार की भूमिकाएं की। ख़ास बात यह थी कि यह फ़िल्में काबिल निर्देशकों की थी। जहाँ तक सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय का सवाल है, उन्होंने जम कर अपनी भूमिकाएं अंजाम दी। इसके बावजूद इन सभी फिल्मों में कुछ न कुछ कमियां थी कि दर्शकों ने इन्हे नकार दिया। शायद हिंदी फिल्म दर्शकों को अपनी माशूक अदाकारा का यों घूंसे बरसाना रास नहीं आया था। इस समय वह दो फ़िल्में कर रही हैं। यह दोनों फ़िल्में कॉमेडी भूमिका वाली हैं। मुदस्सर अज़ीज़ निर्देशित २०१६ की हिट कॉमेडी हैप्पी भाग जाएगी की सीक्वल
फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा हैप्पी के साथ हैप्पी का किरदार कर रही हैं। यानि मुदस्सर की इस फिल्म में दो हैप्पीया हैं। हिट फ्रैंचाइज़ी से बॉक्स ऑफिस पर फ़ायदा होता है। वासु भगनानी की फिल्म गोलमाल इन न्यू यॉर्क में वह दिलजीत दोसांझ के साथ जोड़ी बना रही हैं। वासु इसे भारत की फर्स्ट स्टेज रियलिटी मूवी बताते हैं। इस टाइटल से भी साफ़ है कि वासु भगनानी ने सीक्वल फिल्मों की गुंजाईश रखी है। आजकल बॉलीवुड की तमाम हस्तियां डिजिटल माध्यम पर जा रही हैं। आजकल यह माध्यम काफी लोकप्रिय और सशक्त माध्यम बन गया है। प्रियंका चोपड़ा ने क्वांटिको सीरीज के ज़रिये अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर ली है। सैफ अली खान भी सेक्रेड गेम्स कर रहे हैं। कबीर खान भी डिजिटल सीरीज का निर्देशन करने जा रहे हैं। इसलिए सोनाक्षी सिन्हा भी इस माध्यम को आजमाने से परहेज नहीं करेंगी। वह कहती हैं, "अगर मुझे भी सेक्रेड गेम्स या क्वांटिको जैसा कुछ ऑफर मिला तो मैं इसे ज़रूर करना चाहूंगी। "
फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा हैप्पी के साथ हैप्पी का किरदार कर रही हैं। यानि मुदस्सर की इस फिल्म में दो हैप्पीया हैं। हिट फ्रैंचाइज़ी से बॉक्स ऑफिस पर फ़ायदा होता है। वासु भगनानी की फिल्म गोलमाल इन न्यू यॉर्क में वह दिलजीत दोसांझ के साथ जोड़ी बना रही हैं। वासु इसे भारत की फर्स्ट स्टेज रियलिटी मूवी बताते हैं। इस टाइटल से भी साफ़ है कि वासु भगनानी ने सीक्वल फिल्मों की गुंजाईश रखी है। आजकल बॉलीवुड की तमाम हस्तियां डिजिटल माध्यम पर जा रही हैं। आजकल यह माध्यम काफी लोकप्रिय और सशक्त माध्यम बन गया है। प्रियंका चोपड़ा ने क्वांटिको सीरीज के ज़रिये अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर ली है। सैफ अली खान भी सेक्रेड गेम्स कर रहे हैं। कबीर खान भी डिजिटल सीरीज का निर्देशन करने जा रहे हैं। इसलिए सोनाक्षी सिन्हा भी इस माध्यम को आजमाने से परहेज नहीं करेंगी। वह कहती हैं, "अगर मुझे भी सेक्रेड गेम्स या क्वांटिको जैसा कुछ ऑफर मिला तो मैं इसे ज़रूर करना चाहूंगी। "
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Wednesday, 20 December 2017
कैसे टला प्रियंका चोपड़ा का अक्षय कुमार और शाहरुख़ खान से टकराव !
इस साल का जी सिने अवार्ड्स कुछ दिलचस्प नजारों का गवाह बना। यह नज़ारा बना था आज के बॉलीवुड के तीन सुपर सितारों से। यह सितारे जब अभिनय की दुनिया में अपने कदम मज़बूत से मज़बूत जमाने की कोशिश कर रहे थे, किस कदर इंटिमेट हो जाते हैं। इससे बाद में इन लोगों के बीच फूहड़ स्थितियां पैदा हुई, जिनसे बचा जा सकता था। यह स्थितियां ग्लॉसी मैगज़ीन की गपशप का आधार बनी। बाद में इन सितारों को हमेशा आँखें बचाते रहने की ज़रुरत पड़ने लगी। यही कारण है कि १९ दिसंबर को हुए ज़ी सिने अवार्ड्स में तमाम निगाहें शाहरुख़ खान,अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा के संभावित त्रिकोण की खोज करती रही। अवार्ड्स नाईट की रात प्रियंका चोपड़ा मेडले पर डांस कर रही थी। यह मेडले उनकी पुरानी फिल्मों के गीतों पर बनाया गया था। यह तीनों सितारे, आम तौर पर एक दूसरे के सामने पड़ने से बचते हैं। आयोजक भी इनके कार्यक्रम कुछ इस तरह से एडजस्ट करते हैं कि एक आये तो दूसरा उससे पहले बाहर निकल जाए। अक्षय कुमार को इस अवार्ड्स समारोह में फिल्म जॉली एलएलबी २ के लिए व्यूअरस चॉइस बेस्ट एक्टर मेल अवार्ड दिया गया था। उस समय प्रियंका चोपड़ा मंच पर डांस कर रही थी। इस मेडले में अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा की फिल्मों के गीत भी थे। यानि मुझसे शादी करोगी और ऐतराज़ का तेरी चाहतों के जाल से । ऐतराज़ का यह गीत प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार पर ख़ास गर्मागर्म तरीके से फिल्माया गया था। लेकिन, अक्षय कुमार बिना किसी बेचैनी के प्रियंका चोपड़ा का डांस देखते रहे। शाहरुख़ खान को पूरे कार्यक्रम की जानकारी थी। वह रेड कारपेट पर नहीं चले । वह उस गेट से समारोह स्थल पर घुसे, जो सितारों के लिए रिज़र्व रहता है । छायाकारों की नज़र उन पर नहीं पड़ी। उपस्थित लोग इंतज़ार कर रहे थे कि जब डॉन की जंगली बिल्ली पहुंचेगी तो क्लाइमेक्स कैसा होगा ! लेकिन, सब एंटी क्लाइमेक्स हुआ। खान ने अपना अवार्ड लिया और प्रियंका के पहुँचने से पहले ही निकल गए। तमाम निगाहे संभावित टकराव की खोज करती रह गई।
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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