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हिचकी में रानी मुख़र्जी |
माँ बनने के बाद, रानी मुख़र्जी की वापसी फिल्म हिचकी का ट्रेलर जैसे ही रिलीज़ हुआ, इस फिल्म पर नक़ल होने के आरोप लगने लगे। यह फिल्म फ्रंट ऑफ़ द क्लास की नक़ल बताई गई। कोढ़ पर खाज का काम किया ऑस्ट्रेलिया के लेखक निशांत कौशिक के इस दावे के बाद कि हिचकी उनके द्वारा २०१५ में सिद्धार्थ पी मल्होत्रा को भेजी गई कहानी पर आधारित है। कौशिक का यह कहना था कि निर्माताओं ने एक लाइन में उन्हें प्लाट बताया था, जिस पर मैंने कहानी लिख कर भेजी थी। इस विवाद पर सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने क्या कहा है, उसे जानने से पहले फिल्म फ्रंट ऑफ़ द क्लास के बारे में जानना ज़रूरी है। फ्रंट ऑफ़ द क्लास डायरेक्टर पीटर वेर्नर की टीवी फिल्म है, जिसे २००८ में ब्रैड कोहेन के साथ लीसा व्य्सोकी की लिखी पुस्तक पर थॉमस रिकमैन ने लिखा था। इस फिल्म का नायक ब्रैड कोहेन बचपन से ही टोरेट्ट सिंड्रोम से ग्रस्त है। इस बीमारी के कारण वह बात करने में हकलाता है। इससे उसे अपने मित्रों और कक्षा के दोस्तों के सामने लज्जित होना पड़ता है, जो यह नहीं समझते कि वह बात करते करते हकला पड़ने की बीमारी का शिकार है। इससे उसे छात्र जीवन तक बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उसके पिता और दोस्त उस समय चौंक पड़ते हैं, जब उन्हें मालूम पड़ता है कि इस कमी इस कमी के बावजूद ब्रैड कोहेन शिक्षक बनना चाहता है। अपनी इच्छा शक्ति के बल पर वह एक स्कूल टीचर बन भी जाता है। लेकिन, क्लास के शैतान बच्चे उसका मज़ाक उड़ाते हैं। वह उनसे किस प्रकार निबट का खुद को श्रेष्ठ शिक्षक साबित करता है, यही फ्रंट ऑफ़ द क्लास का सार है। फिल्म में ब्रैड कोहेन की केंद्रीय भूमिका डोमिनिक स्कॉट के (बाल भूमिका) और जेम्स वॉक (युवा ब्रैड) ने की है। यह टीवी फिल्म ७
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फ्रंट ऑफ़ द क्लास में जेम्स वॉक |
दिसंबर २००८ को रिलीज़ हुई थी। इसी फिल्म पर आधारित है सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की फिल्म हिचकी। फर्क इतना है कि केंद्रीय चरित्र पुरुष नहीं, महिला का है। हिंदी फिल्म की केंद्रीय भूमिका रानी मुख़र्जी ने की है। हिचकी के फ्रंट ऑफ़ द क्लास की नक़ल होने और निशांत कौशिक के दावे पर सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने फ्रंट ऑफ़ द क्लास पर हिंदी फिल्म बनाने के अधिकार २०१३ में ही खरीदे थे। निशांत कौशिक का दावा आधारहीन है। उससे एक्सेल एंटरटेनमेंट के माध्यम से संपर्क किया गया था। मैं उससे कभी नहीं मिला। हम उस समय लेखकों की तलाश में थे, जो फ्रंट ऑफ़ द क्लास पर कहानी लिख सकें। निशांत उनमे से एक थे। उन्होंने जो कहानी लिखी थी, वह वैसी नहीं थी, जैसी हम चाहते थे। इसलिए, हम निशांत के साथ आगे नहीं बढे। एक्सेल को भी उसी समय बता दिया गया था। २०१५ में अमोल गुप्ते, अब्बास टायरवाला ने भी इस कहानी पर काम किया था। मैंने उन्हें धन्यवाद ज्ञापन भी किया था। हमने हिचकी के लिए काम करने वाले सभी लेखकों को बाकायदा क्रेडिट भी दिया है। इसलिए, यह आरोप सही नहीं है।" बहरहाल, रानी मुख़र्जी के साथ सुप्रिया पिलगाओंकर, आसिफ बसरा, कुणाल शिंदे और शिवकुमार सुब्रह्मण्यम की सह भूमिका वाली फिल्म हिचकी अगले साल फरवरी में रिलीज़ होने जा रही है। क्या रानी मुख़र्जी की हिचकी उनके किरदार की तरह दर्शकों के बीच भी सफल और स्वीकार्य होगी?
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