फिल्म उड़नछू की कहानी दिलचस्प लगती है । एक बाबा गुरु जी धार्मिक वेशभूषा और माहौल बना
कर काले धन का कारोबार करता है । इसमे उसकी मदद बिल्लू और जूलिया करते हैं । बाबा
के रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश में विक्रम और शांति लगे हुए हैं । यह पांचो चरित्र ब्लैक
मनी के झमेले में कुछ इस तरह फंसते हैं कि हास्यास्पद और ड्रामेबाजी से भरा फिल्म
का अंत होता है । कहानी सुनने के लिहाज़ से फिल्म पूरी मसालेदार है । फिल्म में
सितारों की भरमार है । प्रेम चोपड़ा (गुरु जी), आशुतोष राणा (बिल्लू), ब्रूना
अब्दुल्ला (जूलिया), रजनीश दुग्गल (विकम) और सयेशा सहगल (शांति सिंघानिया) मुख्य
किरदारों में हैं तो पंकज झा, ब्रिजेन्द्र काला, अनिल जॉर्ज, लंकेश भरद्वाज,
निलेश, आदि सह भूमिकाओं में हैं । गहरे रंग के चमकदार कपड़ों में रुद्राक्ष पकडे
अवतार मुद्रा में वेटरन एक्टर प्रेम चोपड़ा लम्पटपने का कीर्तिमान स्थापित करते है ।
इसमे उनका साथ सेक्सी ब्रूना अब्दुल्ला दे रही हैं । इस फिल्म में सेक्सी आइटम
नंबर भी है । अमांडा रोसारियो अपनी आकर्षक देह से इसे ज्यादा सेक्सी ढंग से पेश कर
रही हैं । कहने का मतलब यह कि फिल्म में दर्शकों के रियल लाइफ बाबाओं के रील लाइफ
संसार को बेहद सेक्सी ढंग से परोसा गया है । क्या फिल्म हिट होगी ? रजनीश दुग्गल
और सयेशा सहगल के अलावा फिल्म के सभी मुख्य भूमिकाये बॉलीवुड के वरिष्ठ चरित्र
अभिनेताओं ने की है । क्या इन बूढ़े चेहरों को नए साल की मस्ती में डूबा युवा देखना चाहेगा
? इसके साथ सबसे बड़ा सवाल यह जुडा हुआ है कि फिल्म निर्देशक विपिन पराशर की वैभव
बाजपेई और विशाल वी पाटिल की लिखी कहानी पर ऐसी मनोरंजक फिल्म बना पाए हैं कि दर्शक भीषण सर्दी में
भी सिनेमाघरों तक चला आये ? अगर ऐसा हुआ तो विपिन पराशर इंडस्ट्री की फर्स्ट
फ्राइडे जिंक्स को तोड़ पाने में सक्षम होंगे । बॉलीवुड फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स पहला
शिकार हुआ था २००० में, जब ७ जनवरी को दो बड़ी फ़िल्में धर्मेश दर्शन निर्देशित और आमिर खान,
ट्विंकल खन्ना और फैसल खान अभिनीत फिल्म मेला और टी रामाराव निर्देशित अनिल कपूर,
रजनीकांत, रेखा और रवीना टंडन अभिनीत फिल्म बुलंदी रिलीज़
हुई थी । यह फ़िल्में बड़े सितारों वाली बड़े बजट की फ़िल्में थी । किसी को भी उम्मीद
नहीं थी कि यह दोनों फ़िल्में भारी कारोबार करना तो दूर बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से लुढ़केगी
। लेकिन ऐसा हुआ । दोनों फिल्में बॉलीवुड की बड़ी फ्लॉप फिल्मों में शुमार हो गई । २०१२
में अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, बिपाशा बासु, नील नितिन मुकेश और बॉबी देओल की
अब्बास मुस्तान जोड़ी की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म प्लेयर्स ६ जनवरी को रिलीज़ हुई और
बुरी तरह से पिटी । ८ जनवरी २०१० को सुष्मिता सेन, शाहरुख़ खान, फरदीन खान, तारा
शर्मा, आदि की मुदस्सर अज़ीज़ निर्देशित फिल्म दूल्हा मिल गया तथा जुगल हंसराज
निर्देशित प्रियंका चोपड़ा, उदय चोपड़ा, अनुपम खेर और डीनो मोरेया अभिनीत फिल्म
प्यार इम्पॉसिबल रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही लुढ़क गई । २०१४ में अरशद वारसी और सोहा अली खान की फिल्म मिस्टर
जोए बी कार्वाल्हो और शोले का ३ डी संसकरण रिलीज़ हुआ और बुरी तरह से असफल हुआ । इसके बाद से बॉलीवुड बड़ी फिल्मों की रिलीज़ से
परहेज करने लगा। कई बार तो ऐसा हुआ कि कम बजट वाली फ़िल्में भी रिलीज़ नहीं हुई । यानि
साल का पहला शुक्रवार बिलकुल खाली गया । जैसे पिछले साल (२०१७ में) हुआ, जब कोई हिंदी
फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । बुलंदी और मेला का एक ही दिन रिलीज़ होना, दो बड़ी
फिल्मों का टकराव भी था । लेकिन, बॉलीवुड जितना हैरान फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स से
था, उतना वह दो बड़ी फिल्मों के टकराव से नहीं हुआ । यही कारण है कि बॉलीवुड कभी
पहले शुक्रवार अपनी फ़िल्में रिलीज़ नहीं करता । खास तौर पर बड़े सितारे अपनी फ़िल्में
पहले शुक्रवार रिलीज़ करना सख्त नापसंद है ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday 25 December 2017
फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स उड़नछू करेगी उड़नछू !
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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