रोमांटिक फिल्म साथिया को १५ साल होगये है। यह फिल्म २० दिसंबर २००२ को प्रदर्शित हुई थी। विवेक ओबेरॉय और रानी मुख़र्जी के इमोशनल रोमांस वाली यह फिल्म तब से सिनेमा लवर्स के दिलोदिमाग पर एकदम तरोताजा है। यश राज फिल्म्स द्वारा निर्मित और विवेक ओबेरॉय और रानी
मुखर्जी के प्यार की इस कहानी को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता मिली ।
उस समय ७.५० करोड़ से साथिया ने बॉक्स ऑफिस पर ४८ करोड़ का कारोबार किया था। विवेक, जिन्होंने राम गोपाल वर्मा की कंपनी के साथ उसी साल अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी, इस फिल्म में अपनी पहली फिल्म के विपरीत भूमिका और शैली को लेकर अपने अभिनय
क्षमता को साबित किया । साथिया के साथ एक
अलग मार्ग पर चलने का विवेक का ख्याल उनके और फिल्म के लिए गजब का काम कर गया । विवेक कहते है , "साथिया के बारे में कुछ तो सदाबहार है। हालांकि फिल्म को १५ साल हो चुके है, फिल्म
अभी भी एक इमोशनल फिल्म का उदाहरण है। यह मेरे कैरियर की कुछ ऐसी फिल्में में से हैं
जो ऑडियंस के साथ इस तरह से जुडी हुई हैं। जब भी मैं लोगों से मिलता हूं, वे
मुझे मेरे काम के बारे में याद दिलाते हैं। मुझे लगता है कि फिल्म की एक निश्चित
परिपक्वता थी । एक समय था जब सब प्रेम कहानियां कैंडी पॉप थीं और यह एक ईमानदार
और वास्तविक प्रेम कहानी थी। यह अपने समय से आगे थी। यह व्यावसायिक रूप से भी अच्छी साबित हुई थी। हालांकि, शुभचिंतको
ने बहुचर्चित अभिनेता को अपनी दूसरी फिल्म के रूप में एक प्रेम कहानी चुनने से
पहले पुनर्विचार करने की सलाह दी थी, लेकिन
विवेक आगे बताते हैं, "मुझे याद है कि जब कंपनी सफल हो गई और
मुझे प्रशंसा और शानदार समीक्षा मिली थी, तब मेरे शुभचिंतकों का कहना था कि मेरा एक प्रेम कहानी करना
पागलपन है और यह एक बड़ी गलती होगी। वे चाहते थे कि में अपने जीवन में लार्जर देन लाइफ बड़ी एक्शन
फिल्म्स करू। लेकिन मुझे अंदर से लग रहा था कि कुछ अलग करू। जो मेने किया
भी।" विवेक अपनी फिल्म की नायिका रानी मुख़र्जी के साथ काम के बारे में
कहते है , "वह एक सहज अभिनेत्री है। वह
इमोशंस बहुत ही बेहतर तरीके से और आसानी से व्यक्त करती है ।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 20 December 2017
विवेक ओबेरॉय: साथिया में कुछ तो सदाबहार है
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झिलमिल अतीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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