दर्जन भर
वास्तविक जीवन से जुडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक-लेखक सुधीर मिश्रा की अगली फिल्म दासदेव रिलीज़ के लिए तैयार है।
फिल्म में ऋचा चड्ढा पारो का, अदिति राव हैदरी चांदनी का और राहुल भट्ट देव का किरदार निभा रहे हैं।
यह फिल्म शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के क्लॉसिक उपन्यास ‘देवदास’ का एक आधुनिक रूपान्तरण है जिसमें राजनीति की पृष्ठभूमि में आधुनिक
भारत को दिखाया गया है। सुधीर मिश्रा ने इससे पहले ‘इस रात की सुबह नयी, हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, ये साली जिंदगी, खोया खोया चाँद’, चमेली, आदि जैसी लीक से हटकर फिल्में दी हैं। सुधीर मिश्रा ने १९१७ के शरतचंद्र
चट्टोपाध्याय के देवदास को कुछ नये किरदारों के साथ आधुनिक भारत में उत्तरप्रदेश
की राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि के मध्य पर एक प्रेम कथा से गूथा है। ‘दासदेव’ की कहानी क्लॉसिक उपन्यास ‘देवदास’
से ठीक उलट
चलती है । इसे एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म कहा
जा सकता है, जिसमें सत्ता के नशे को मुख्य किरदार पर चढ़ता दिखाया गया है। अलबत्ता,
दासदेव की कहानी भी तीन प्रमुख किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। ‘दासदेव’ सत्ता के बारे में है, जो प्रेम के बीच दीवार खड़ी करती है। इस फिल्म में
देवदास के करैक्टर को उलट कर दासदेव बनाने के बारे में निर्देशक सुधीर मिश्रा ने
कहा, “किसी भी अच्छे काम को उपयोग में लेना मेरा
अधिकार है । यह
मेरी धरोहर
है । मैं उसके साथ बदलाव कर सकता हूं जब तक कि यह मुझे स्वीकार्य है। मैं मानता
हूं कि मैंने उपन्यास देवदास का उपयोग किया है, देव, पारो और चन्द्रमुखी तीनो किरदारों को लिया है । जब मैं यह काम कर रहा
था तब शेक्सपियर याद आए और मैं उनसे प्रभावित हुआ । तो मैं क्या कर सकता था? यह फिल्म प्रेम के आड़े आने वाली सत्ता के बारे में है। यह फिल्म उलट
चलती है क्योंकि देवदास की कहानी में आप ‘देव’ के ‘दास’ बनने की यात्रा देखते हैं तो इस फिल्म की
कहानी में अपने परिवार की परम्पराओं एवं वंशवाद से बंधे ‘दास‘ से ‘देव‘ बनने की यात्रा है।”स्टॉर्म पिक्चर्स द्वारा प्रस्तुत और सप्तऋषि सिनेविजन द्वारा निर्मित
यह फिल्म 16 फरवरी 2018 को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार
है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday 30 December 2017
देवदास से ठीक उलट सुधीर मिश्रा की दासदेव
Labels:
खबर चटपटी,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment